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Funlover

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परम ने यह नज़ारा देखा और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। उसने सुंदरी को थोड़ा सा खींचा और बिस्तर के कोने पर खड़ा हो गया। उसने अपनी माँ की जांघों को अलग किया और अपना लंड सुंदरी की चूत में गहराई तक ठूँस दिया। महक ने नीचे से माँ की चूत और भाई का लंड चाटा और सुंदरी की चूत में लंड की हरकतें देखने लगी। जब लंड अन्दर जाता तब महक लंड को चाट लेती और जब बहार आता तो परम अपना लंड पूरा बहार निकाल के महक के मुह में ठूस देता। उसे इस से बहोत आनंद मिल रहा था की माँ की चूत और बहन का मुह चोदे जा रहा था एक साथ।

कुछ देर बाद परम चरम पर पहुँच गया और उसका वीर्य निकलने लगा। उसने लंड को चूत से थोड़ा सा बाहर निकाला और वीर्य चूत के अंदर से बह कर महक के मुँह में गिरने लगा। उसने सारा वीर्य चाट लिया जैसा उसने पहले किया था। उन्होंने चुदाई पूरी की और तीनों साथ में टॉयलेट गए।

परम दोनो मांदाओ के सामने खड़ा हो गया और उसने पेशाब की धार माँ की चूत पर और फिर बहन की चूत पर गिरा दी। उसने माँ से कहा कि वह उसका पेशाब पी ले, लेकिन माँ ने मुस्कुराते हुए मना कर दिया। महक ने भी मन करते हुए कहा “अभी बहोत टाइम है मेरे राजा, मुतने और मुताने में, समय आने पर यही दोनों मुह तुम्हारे लंड का यूरिनल बन जायेंगे।“ पेशाब करने के बाद सुंदरी अपने पति के पास वापस चली गई और महक और परम अपने कमरे में सो गए।

*******



अगली सुबह कॉलेज जाते समय परम ने सुंदरी से कहा कि आज 2 बजे दोपहर में तेरे लिए एक नया लंड का बंदोबस्त करूंगा, विनोद को लेकर आएगा उसे चोदने के लिए। तैयार हो कर रहे। झांट भी साफ कर ले और बगल को भी एकदम चिकना कर ले। पूरा माल को एकदम मस्त और चकाचक कर दे। ताकि उसके पैसे वसूल होने चाहिए, “मुझे तुम और तुम्हारे इस माल से बहोत पैसा पैदा करना है समजी?”
मैत्री और फनलव के द्वारा अनुवादित रचना

“मैं तैयार रहूंगी लेकिन साले को बोलना कि अगर मुझे खुश नहीं कर पाएगा तो तुमसे उसकी गांड मारवाऊंगी।” सुंदरी ने उत्तर दिया, और थोडा सा मुस्कुराई और अपनी भोस पे हाथ रख कर बोली: “ बेटे चिंता ना कर बस आराम से कोलेज जा मेरा माल सब लंड को शांत करने के लिए काबिल है। बरसों की भूख जो है!”

कॉलेज पहुंचने के बाद परम की मुलाकात विनोद से हुई, उसने उससे कहा कि अब वह (परम) विनोद की माँ और दीदी को चोदने जा रहा है और यह भी कहा कि वह रिसेश में घर आए और वहाँ से वह उसे सुंदरी के साथ चुदाई करने के लिए ले जाएगा। यह सुनकर विनोद बहुत खुश हुआ और उसने परम को अपनी माँ और दीदी को चोदने की इजाजत दे दी। परम विनोद के घर पहुंचा। परम को देखकर दोनों महिलाएं खुश हो गईं।

"तू तो हम लोगों को भूल गया! लगता है कोई दूसरी चूत और गांड मिल गई है।" दीदी ने कहा।

“अरे यार, घर में तो आने दे!” परम ने दीदी और उसकी मम्मी के बोब्लो पर एक साथ हाथ रखते हुए कहा।

“आज तो तुम दोनों माँ-बेटी को एक साथ चोदने का मुड लेके आया हु, क्या तुम माँ-बेटी के माल तैयार है?”

आंटी ने कहा: “अरे, आ जा ओ परम बेटा, यह घर तुम्हारा तो है और जितना हक विनोद क्या है उतना तुम्हारा भी है। हम दोनों माँ-बेटी के माल कब से तुम्हारी राह देख रहे है! और एक तुम हो की आंटी की याद आती ही नहीं!”


“अरे यार, ऐसा कुछ नहीं है डार्लिंग, मैं एक चोदु हु, यह तो तुमको विनोद ने बताया ही होगा तो हर दिन नए-नए माल की खोज में रहता हु, विनोद भी तो नए माल की तलाश में रहता है, बस उसी से सिखा।“ दोनों माँ-बेटी के कमर पर हाथ रख के वह सीधा बेडरूम की तरफ उन दोनों को ले गया।
बाकी कल.............
 

Ek number

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“मुफ्त में किसी से नहीं चुदवाऊंगी… महक तुम भी मुफ्त में अपनी जवानी को मत लुटाना..!”


सुंदरी अपने कूल्हे हिलाने लगी, उसने परम को मजबूती से पकड़ लिया..।

“आह बेटे, चोदो, जोर से धक्का मारो..आह्ह मजा आ रहा है.. लंड को ओर अंदर पेलो…!”

सुंदरी को और अधिक उत्तेजित करने के लिए परम ने ज़ोर का धक्का दिया और पूछा..

“रानी,मजा आ रहा है बेटे के लंड से चुदने में..?”

“हा, बहुत मजा आ रहा है..! बेटे से चुदवाने का सब माँ को मजा आता है बेटे,और यहाँ तो मेरी बेटी भी साथ दे रही है, उस से ज्यादा मजा और कहा मिलेगा! तुम मुझे स्वर्ग की सैर करा रहे हो बेटे, ह्म्म्म, अब अपनी माँ चोदो, आराम से।”

“रोज़ लंड चूत में लोगी!”

“अब यह भी कोई पूछने की बात है,रोज़ चुदवाऊँगी।”

“गांड मरवाओगी!”

“हा, मेरी गांड भी तो अब तेरी ही है राजा, जब तुम कहो,गांड भी मारवाउंगी।”

“मेरे दोस्त का लंड खाओगी?”

"हा।"

“कुत्ते का भी लंड चूसोगी?”

“हा, मुझे तो लंड से मतलब है, कुत्ते का हो या इंसान का, लंड भी चूसूंगी।”

“कुत्ते का लंड चूत में लोगी..!”

“बेटी की चूत चाटोगी..!”

“अरे हा, चाटूँगी…अब उसमे कोई नयी बात नहीं है, मुझे महक की चूत से पहले से प्रेम है।” और परम ने चुदाई की और स्पीड बढ़ा दी। उसने उसकी बड़े बोब्लो को दबाया और महक को अपने लंड के साथ-साथ माँ की चूत में भी उंगली करने को कहा। महक को चूत में लंड के साथ उंगली डालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद उसने एक उंगली अंदर डाल दी। अब परम का लंड महक की उंगली के साथ सुंदरी की चूत में जा रहा था। परम ओर भी ज्यादा उत्साहित और कामुक हो गया।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना

“आ....आह बहुत मज़ा आ रहा है.. बेटे चूत को फैला कर दूसरी उंगली भी अंदर डालो।” सुंदरी को भी मज़ा आया।

महक ने चूत के होंठ खींचे और अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली भी सुंदरी की चूत में डाल दी। अब परम का लंड उसकी बहन की दो उंगलियों के साथ चुदाई कर रहा था। सुंदरी की चूत कस गई थी। उसे बहुत तेज़ उत्तेजना महसूस हुई और वह खुद पर काबू नहीं रख पाई और चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई। और उसकी चूत ने परम के लोडे और महक की उंगलियो पर अपना चरमोत्कर्ष का परिणाम दे दिया। परम सुंदरी को चोदता रहा,

“बेटा आज चूत में बहुत धक्का लगा है,काफी बार मेरी चूत चोदी गई है अब मेरी चूत में ज्यादा पानी छोड़ने को नहीं है। लंड निकालो और मेरे मुँह में पानी गिरा दो। अपने लंड का अमृत दे ही दो।”

परम ने लंड बाहर निकाला। लंड एक ज़ोरदार छींटे के साथ निकला, “फच्चक”। महक ने भी अपनी दो उंगलियाँ बाहर निकालीं और झुककर उसकी चूत के होंठ को चाटने लगी। उसने सुंदरी की क्लिट और चूत के होंठ चबाए और अपनी उंगली से माँ की भोस को टटोला। परम ने लंड को सुंदरी के मुँह में डाला और धीरे-धीरे धक्के दिए। सुंदरी ने लंड को ज़ोर से काटा और मुँह में लिया और परम ज्यादा ना टिकते हुए, परम के लोडे ने वीर्य उगल दिया।


सुंदरी ने थोड़ा सा पी लिया और अपने होंठों से वीर्य की धार बहने दी। महक सुंदरी की चूत चाटने में व्यस्त थी। परम सीधा लेट गया और अपनी माँ और बहन को देखने लगा। कुछ देर बाद सुंदरी ने अपनी बेटी के पैरों को उसके सिर की तरफ खींचा और उसने महक को लिटा दिया। अब माँ और बेटी 69 की पोजीशन में थीं और माँ उसके ऊपर लेटी हुई बेटी की चूत चाट रही थी।
अपनी राय देना न भूलना प्लीज़.....................
Behtreen update
 

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सुंदरी अपने कूल्हे हिलाने लगी, उसने परम को मजबूती से पकड़ लिया..।

“आह बेटे, चोदो, जोर से धक्का मारो..आह्ह मजा आ रहा है.. लंड को ओर अंदर पेलो…!”

सुंदरी को और अधिक उत्तेजित करने के लिए परम ने ज़ोर का धक्का दिया और पूछा..

“रानी,मजा आ रहा है बेटे के लंड से चुदने में..?”

“हा, बहुत मजा आ रहा है..! बेटे से चुदवाने का सब माँ को मजा आता है बेटे,और यहाँ तो मेरी बेटी भी साथ दे रही है, उस से ज्यादा मजा और कहा मिलेगा! तुम मुझे स्वर्ग की सैर करा रहे हो बेटे, ह्म्म्म, अब अपनी माँ चोदो, आराम से।”

“रोज़ लंड चूत में लोगी!”

“अब यह भी कोई पूछने की बात है,रोज़ चुदवाऊँगी।”

“गांड मरवाओगी!”

“हा, मेरी गांड भी तो अब तेरी ही है राजा, जब तुम कहो,गांड भी मारवाउंगी।”

“मेरे दोस्त का लंड खाओगी?”

"हा।"

“कुत्ते का भी लंड चूसोगी?”

“हा, मुझे तो लंड से मतलब है, कुत्ते का हो या इंसान का, लंड भी चूसूंगी।”

“कुत्ते का लंड चूत में लोगी..!”

“बेटी की चूत चाटोगी..!”

“अरे हा, चाटूँगी…अब उसमे कोई नयी बात नहीं है, मुझे महक की चूत से पहले से प्रेम है।” और परम ने चुदाई की और स्पीड बढ़ा दी। उसने उसकी बड़े बोब्लो को दबाया और महक को अपने लंड के साथ-साथ माँ की चूत में भी उंगली करने को कहा। महक को चूत में लंड के साथ उंगली डालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद उसने एक उंगली अंदर डाल दी। अब परम का लंड महक की उंगली के साथ सुंदरी की चूत में जा रहा था। परम ओर भी ज्यादा उत्साहित और कामुक हो गया।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना

“आ....आह बहुत मज़ा आ रहा है.. बेटे चूत को फैला कर दूसरी उंगली भी अंदर डालो।” सुंदरी को भी मज़ा आया।

महक ने चूत के होंठ खींचे और अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली भी सुंदरी की चूत में डाल दी। अब परम का लंड उसकी बहन की दो उंगलियों के साथ चुदाई कर रहा था। सुंदरी की चूत कस गई थी। उसे बहुत तेज़ उत्तेजना महसूस हुई और वह खुद पर काबू नहीं रख पाई और चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई। और उसकी चूत ने परम के लोडे और महक की उंगलियो पर अपना चरमोत्कर्ष का परिणाम दे दिया। परम सुंदरी को चोदता रहा,

“बेटा आज चूत में बहुत धक्का लगा है,काफी बार मेरी चूत चोदी गई है अब मेरी चूत में ज्यादा पानी छोड़ने को नहीं है। लंड निकालो और मेरे मुँह में पानी गिरा दो। अपने लंड का अमृत दे ही दो।”

परम ने लंड बाहर निकाला। लंड एक ज़ोरदार छींटे के साथ निकला, “फच्चक”। महक ने भी अपनी दो उंगलियाँ बाहर निकालीं और झुककर उसकी चूत के होंठ को चाटने लगी। उसने सुंदरी की क्लिट और चूत के होंठ चबाए और अपनी उंगली से माँ की भोस को टटोला। परम ने लंड को सुंदरी के मुँह में डाला और धीरे-धीरे धक्के दिए। सुंदरी ने लंड को ज़ोर से काटा और मुँह में लिया और परम ज्यादा ना टिकते हुए, परम के लोडे ने वीर्य उगल दिया।


सुंदरी ने थोड़ा सा पी लिया और अपने होंठों से वीर्य की धार बहने दी। महक सुंदरी की चूत चाटने में व्यस्त थी। परम सीधा लेट गया और अपनी माँ और बहन को देखने लगा। कुछ देर बाद सुंदरी ने अपनी बेटी के पैरों को उसके सिर की तरफ खींचा और उसने महक को लिटा दिया। अब माँ और बेटी 69 की पोजीशन में थीं और माँ उसके ऊपर लेटी हुई बेटी की चूत चाट रही थी।
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सुंदरी अपने कूल्हे हिलाने लगी, उसने परम को मजबूती से पकड़ लिया..।

“आह बेटे, चोदो, जोर से धक्का मारो..आह्ह मजा आ रहा है.. लंड को ओर अंदर पेलो…!”

सुंदरी को और अधिक उत्तेजित करने के लिए परम ने ज़ोर का धक्का दिया और पूछा..

“रानी,मजा आ रहा है बेटे के लंड से चुदने में..?”

“हा, बहुत मजा आ रहा है..! बेटे से चुदवाने का सब माँ को मजा आता है बेटे,और यहाँ तो मेरी बेटी भी साथ दे रही है, उस से ज्यादा मजा और कहा मिलेगा! तुम मुझे स्वर्ग की सैर करा रहे हो बेटे, ह्म्म्म, अब अपनी माँ चोदो, आराम से।”

“रोज़ लंड चूत में लोगी!”

“अब यह भी कोई पूछने की बात है,रोज़ चुदवाऊँगी।”

“गांड मरवाओगी!”

“हा, मेरी गांड भी तो अब तेरी ही है राजा, जब तुम कहो,गांड भी मारवाउंगी।”

“मेरे दोस्त का लंड खाओगी?”

"हा।"

“कुत्ते का भी लंड चूसोगी?”

“हा, मुझे तो लंड से मतलब है, कुत्ते का हो या इंसान का, लंड भी चूसूंगी।”

“कुत्ते का लंड चूत में लोगी..!”

“बेटी की चूत चाटोगी..!”

“अरे हा, चाटूँगी…अब उसमे कोई नयी बात नहीं है, मुझे महक की चूत से पहले से प्रेम है।” और परम ने चुदाई की और स्पीड बढ़ा दी। उसने उसकी बड़े बोब्लो को दबाया और महक को अपने लंड के साथ-साथ माँ की चूत में भी उंगली करने को कहा। महक को चूत में लंड के साथ उंगली डालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद उसने एक उंगली अंदर डाल दी। अब परम का लंड महक की उंगली के साथ सुंदरी की चूत में जा रहा था। परम ओर भी ज्यादा उत्साहित और कामुक हो गया।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना

“आ....आह बहुत मज़ा आ रहा है.. बेटे चूत को फैला कर दूसरी उंगली भी अंदर डालो।” सुंदरी को भी मज़ा आया।

महक ने चूत के होंठ खींचे और अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली भी सुंदरी की चूत में डाल दी। अब परम का लंड उसकी बहन की दो उंगलियों के साथ चुदाई कर रहा था। सुंदरी की चूत कस गई थी। उसे बहुत तेज़ उत्तेजना महसूस हुई और वह खुद पर काबू नहीं रख पाई और चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई। और उसकी चूत ने परम के लोडे और महक की उंगलियो पर अपना चरमोत्कर्ष का परिणाम दे दिया। परम सुंदरी को चोदता रहा,

“बेटा आज चूत में बहुत धक्का लगा है,काफी बार मेरी चूत चोदी गई है अब मेरी चूत में ज्यादा पानी छोड़ने को नहीं है। लंड निकालो और मेरे मुँह में पानी गिरा दो। अपने लंड का अमृत दे ही दो।”

परम ने लंड बाहर निकाला। लंड एक ज़ोरदार छींटे के साथ निकला, “फच्चक”। महक ने भी अपनी दो उंगलियाँ बाहर निकालीं और झुककर उसकी चूत के होंठ को चाटने लगी। उसने सुंदरी की क्लिट और चूत के होंठ चबाए और अपनी उंगली से माँ की भोस को टटोला। परम ने लंड को सुंदरी के मुँह में डाला और धीरे-धीरे धक्के दिए। सुंदरी ने लंड को ज़ोर से काटा और मुँह में लिया और परम ज्यादा ना टिकते हुए, परम के लोडे ने वीर्य उगल दिया।


सुंदरी ने थोड़ा सा पी लिया और अपने होंठों से वीर्य की धार बहने दी। महक सुंदरी की चूत चाटने में व्यस्त थी। परम सीधा लेट गया और अपनी माँ और बहन को देखने लगा। कुछ देर बाद सुंदरी ने अपनी बेटी के पैरों को उसके सिर की तरफ खींचा और उसने महक को लिटा दिया। अब माँ और बेटी 69 की पोजीशन में थीं और माँ उसके ऊपर लेटी हुई बेटी की चूत चाट रही थी।
अपनी राय देना न भूलना प्लीज़.....................
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परम ने यह नज़ारा देखा और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। उसने सुंदरी को थोड़ा सा खींचा और बिस्तर के कोने पर खड़ा हो गया। उसने अपनी माँ की जांघों को अलग किया और अपना लंड सुंदरी की चूत में गहराई तक ठूँस दिया। महक ने नीचे से माँ की चूत और भाई का लंड चाटा और सुंदरी की चूत में लंड की हरकतें देखने लगी। जब लंड अन्दर जाता तब महक लंड को चाट लेती और जब बहार आता तो परम अपना लंड पूरा बहार निकाल के महक के मुह में ठूस देता। उसे इस से बहोत आनंद मिल रहा था की माँ की चूत और बहन का मुह चोदे जा रहा था एक साथ।

कुछ देर बाद परम चरम पर पहुँच गया और उसका वीर्य निकलने लगा। उसने लंड को चूत से थोड़ा सा बाहर निकाला और वीर्य चूत के अंदर से बह कर महक के मुँह में गिरने लगा। उसने सारा वीर्य चाट लिया जैसा उसने पहले किया था। उन्होंने चुदाई पूरी की और तीनों साथ में टॉयलेट गए।

परम दोनो मांदाओ के सामने खड़ा हो गया और उसने पेशाब की धार माँ की चूत पर और फिर बहन की चूत पर गिरा दी। उसने माँ से कहा कि वह उसका पेशाब पी ले, लेकिन माँ ने मुस्कुराते हुए मना कर दिया। महक ने भी मन करते हुए कहा “अभी बहोत टाइम है मेरे राजा, मुतने और मुताने में, समय आने पर यही दोनों मुह तुम्हारे लंड का यूरिनल बन जायेंगे।“ पेशाब करने के बाद सुंदरी अपने पति के पास वापस चली गई और महक और परम अपने कमरे में सो गए।

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अगली सुबह कॉलेज जाते समय परम ने सुंदरी से कहा कि आज 2 बजे दोपहर में तेरे लिए एक नया लंड का बंदोबस्त करूंगा, विनोद को लेकर आएगा उसे चोदने के लिए। तैयार हो कर रहे। झांट भी साफ कर ले और बगल को भी एकदम चिकना कर ले। पूरा माल को एकदम मस्त और चकाचक कर दे। ताकि उसके पैसे वसूल होने चाहिए, “मुझे तुम और तुम्हारे इस माल से बहोत पैसा पैदा करना है समजी?”
मैत्री और फनलव के द्वारा अनुवादित रचना

“मैं तैयार रहूंगी लेकिन साले को बोलना कि अगर मुझे खुश नहीं कर पाएगा तो तुमसे उसकी गांड मारवाऊंगी।” सुंदरी ने उत्तर दिया, और थोडा सा मुस्कुराई और अपनी भोस पे हाथ रख कर बोली: “ बेटे चिंता ना कर बस आराम से कोलेज जा मेरा माल सब लंड को शांत करने के लिए काबिल है। बरसों की भूख जो है!”

कॉलेज पहुंचने के बाद परम की मुलाकात विनोद से हुई, उसने उससे कहा कि अब वह (परम) विनोद की माँ और दीदी को चोदने जा रहा है और यह भी कहा कि वह रिसेश में घर आए और वहाँ से वह उसे सुंदरी के साथ चुदाई करने के लिए ले जाएगा। यह सुनकर विनोद बहुत खुश हुआ और उसने परम को अपनी माँ और दीदी को चोदने की इजाजत दे दी। परम विनोद के घर पहुंचा। परम को देखकर दोनों महिलाएं खुश हो गईं।

"तू तो हम लोगों को भूल गया! लगता है कोई दूसरी चूत और गांड मिल गई है।" दीदी ने कहा।

“अरे यार, घर में तो आने दे!” परम ने दीदी और उसकी मम्मी के बोब्लो पर एक साथ हाथ रखते हुए कहा।

“आज तो तुम दोनों माँ-बेटी को एक साथ चोदने का मुड लेके आया हु, क्या तुम माँ-बेटी के माल तैयार है?”

आंटी ने कहा: “अरे, आ जा ओ परम बेटा, यह घर तुम्हारा तो है और जितना हक विनोद क्या है उतना तुम्हारा भी है। हम दोनों माँ-बेटी के माल कब से तुम्हारी राह देख रहे है! और एक तुम हो की आंटी की याद आती ही नहीं!”


“अरे यार, ऐसा कुछ नहीं है डार्लिंग, मैं एक चोदु हु, यह तो तुमको विनोद ने बताया ही होगा तो हर दिन नए-नए माल की खोज में रहता हु, विनोद भी तो नए माल की तलाश में रहता है, बस उसी से सिखा।“ दोनों माँ-बेटी के कमर पर हाथ रख के वह सीधा बेडरूम की तरफ उन दोनों को ले गया।
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Thevamp

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कुछ देर बाद परम चरम पर पहुँच गया और उसका वीर्य निकलने लगा। उसने लंड को चूत से थोड़ा सा बाहर निकाला और वीर्य चूत के अंदर से बह कर महक के मुँह में गिरने लगा। उसने सारा वीर्य चाट लिया जैसा उसने पहले किया था। उन्होंने चुदाई पूरी की और तीनों साथ में टॉयलेट गए।

परम दोनो मांदाओ के सामने खड़ा हो गया और उसने पेशाब की धार माँ की चूत पर और फिर बहन की चूत पर गिरा दी। उसने माँ से कहा कि वह उसका पेशाब पी ले, लेकिन माँ ने मुस्कुराते हुए मना कर दिया। महक ने भी मन करते हुए कहा “अभी बहोत टाइम है मेरे राजा, मुतने और मुताने में, समय आने पर यही दोनों मुह तुम्हारे लंड का यूरिनल बन जायेंगे।“ पेशाब करने के बाद सुंदरी अपने पति के पास वापस चली गई और महक और परम अपने कमरे में सो गए।

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“मैं तैयार रहूंगी लेकिन साले को बोलना कि अगर मुझे खुश नहीं कर पाएगा तो तुमसे उसकी गांड मारवाऊंगी।” सुंदरी ने उत्तर दिया, और थोडा सा मुस्कुराई और अपनी भोस पे हाथ रख कर बोली: “ बेटे चिंता ना कर बस आराम से कोलेज जा मेरा माल सब लंड को शांत करने के लिए काबिल है। बरसों की भूख जो है!”

कॉलेज पहुंचने के बाद परम की मुलाकात विनोद से हुई, उसने उससे कहा कि अब वह (परम) विनोद की माँ और दीदी को चोदने जा रहा है और यह भी कहा कि वह रिसेश में घर आए और वहाँ से वह उसे सुंदरी के साथ चुदाई करने के लिए ले जाएगा। यह सुनकर विनोद बहुत खुश हुआ और उसने परम को अपनी माँ और दीदी को चोदने की इजाजत दे दी। परम विनोद के घर पहुंचा। परम को देखकर दोनों महिलाएं खुश हो गईं।

"तू तो हम लोगों को भूल गया! लगता है कोई दूसरी चूत और गांड मिल गई है।" दीदी ने कहा।

“अरे यार, घर में तो आने दे!” परम ने दीदी और उसकी मम्मी के बोब्लो पर एक साथ हाथ रखते हुए कहा।

“आज तो तुम दोनों माँ-बेटी को एक साथ चोदने का मुड लेके आया हु, क्या तुम माँ-बेटी के माल तैयार है?”

आंटी ने कहा: “अरे, आ जा ओ परम बेटा, यह घर तुम्हारा तो है और जितना हक विनोद क्या है उतना तुम्हारा भी है। हम दोनों माँ-बेटी के माल कब से तुम्हारी राह देख रहे है! और एक तुम हो की आंटी की याद आती ही नहीं!”


“अरे यार, ऐसा कुछ नहीं है डार्लिंग, मैं एक चोदु हु, यह तो तुमको विनोद ने बताया ही होगा तो हर दिन नए-नए माल की खोज में रहता हु, विनोद भी तो नए माल की तलाश में रहता है, बस उसी से सिखा।“ दोनों माँ-बेटी के कमर पर हाथ रख के वह सीधा बेडरूम की तरफ उन दोनों को ले गया।
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बहुत अच्छा अपडेट था। अपडेट को थोड़ा बड़ा रखने की कोशिश करें बहुत छोटे-छोटे अपडेट आ रहे हैं, चुदाई मैं गंदी गंदी गालियों के बिना मजा नहीं आता। उससे ही पता चलता है कि कैसे दुनिया के सामने एक संस्कारी और पतिव्रता औरत ऐसे दूसरों के सामने रांड बनाकर चुद रही है।।
 

sunoanuj

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कुछ देर बाद परम चरम पर पहुँच गया और उसका वीर्य निकलने लगा। उसने लंड को चूत से थोड़ा सा बाहर निकाला और वीर्य चूत के अंदर से बह कर महक के मुँह में गिरने लगा। उसने सारा वीर्य चाट लिया जैसा उसने पहले किया था। उन्होंने चुदाई पूरी की और तीनों साथ में टॉयलेट गए।

परम दोनो मांदाओ के सामने खड़ा हो गया और उसने पेशाब की धार माँ की चूत पर और फिर बहन की चूत पर गिरा दी। उसने माँ से कहा कि वह उसका पेशाब पी ले, लेकिन माँ ने मुस्कुराते हुए मना कर दिया। महक ने भी मन करते हुए कहा “अभी बहोत टाइम है मेरे राजा, मुतने और मुताने में, समय आने पर यही दोनों मुह तुम्हारे लंड का यूरिनल बन जायेंगे।“ पेशाब करने के बाद सुंदरी अपने पति के पास वापस चली गई और महक और परम अपने कमरे में सो गए।

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अगली सुबह कॉलेज जाते समय परम ने सुंदरी से कहा कि आज 2 बजे दोपहर में तेरे लिए एक नया लंड का बंदोबस्त करूंगा, विनोद को लेकर आएगा उसे चोदने के लिए। तैयार हो कर रहे। झांट भी साफ कर ले और बगल को भी एकदम चिकना कर ले। पूरा माल को एकदम मस्त और चकाचक कर दे। ताकि उसके पैसे वसूल होने चाहिए, “मुझे तुम और तुम्हारे इस माल से बहोत पैसा पैदा करना है समजी?”
मैत्री और फनलव के द्वारा अनुवादित रचना

“मैं तैयार रहूंगी लेकिन साले को बोलना कि अगर मुझे खुश नहीं कर पाएगा तो तुमसे उसकी गांड मारवाऊंगी।” सुंदरी ने उत्तर दिया, और थोडा सा मुस्कुराई और अपनी भोस पे हाथ रख कर बोली: “ बेटे चिंता ना कर बस आराम से कोलेज जा मेरा माल सब लंड को शांत करने के लिए काबिल है। बरसों की भूख जो है!”

कॉलेज पहुंचने के बाद परम की मुलाकात विनोद से हुई, उसने उससे कहा कि अब वह (परम) विनोद की माँ और दीदी को चोदने जा रहा है और यह भी कहा कि वह रिसेश में घर आए और वहाँ से वह उसे सुंदरी के साथ चुदाई करने के लिए ले जाएगा। यह सुनकर विनोद बहुत खुश हुआ और उसने परम को अपनी माँ और दीदी को चोदने की इजाजत दे दी। परम विनोद के घर पहुंचा। परम को देखकर दोनों महिलाएं खुश हो गईं।

"तू तो हम लोगों को भूल गया! लगता है कोई दूसरी चूत और गांड मिल गई है।" दीदी ने कहा।

“अरे यार, घर में तो आने दे!” परम ने दीदी और उसकी मम्मी के बोब्लो पर एक साथ हाथ रखते हुए कहा।

“आज तो तुम दोनों माँ-बेटी को एक साथ चोदने का मुड लेके आया हु, क्या तुम माँ-बेटी के माल तैयार है?”

आंटी ने कहा: “अरे, आ जा ओ परम बेटा, यह घर तुम्हारा तो है और जितना हक विनोद क्या है उतना तुम्हारा भी है। हम दोनों माँ-बेटी के माल कब से तुम्हारी राह देख रहे है! और एक तुम हो की आंटी की याद आती ही नहीं!”


“अरे यार, ऐसा कुछ नहीं है डार्लिंग, मैं एक चोदु हु, यह तो तुमको विनोद ने बताया ही होगा तो हर दिन नए-नए माल की खोज में रहता हु, विनोद भी तो नए माल की तलाश में रहता है, बस उसी से सिखा।“ दोनों माँ-बेटी के कमर पर हाथ रख के वह सीधा बेडरूम की तरफ उन दोनों को ले गया।
बाकी कल.............
बढ़िया अपडेट है. अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी…..
 

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अब आगे.............


परम ने यह नज़ारा देखा और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। उसने सुंदरी को थोड़ा सा खींचा और बिस्तर के कोने पर खड़ा हो गया। उसने अपनी माँ की जांघों को अलग किया और अपना लंड सुंदरी की चूत में गहराई तक ठूँस दिया। महक ने नीचे से माँ की चूत और भाई का लंड चाटा और सुंदरी की चूत में लंड की हरकतें देखने लगी। जब लंड अन्दर जाता तब महक लंड को चाट लेती और जब बहार आता तो परम अपना लंड पूरा बहार निकाल के महक के मुह में ठूस देता। उसे इस से बहोत आनंद मिल रहा था की माँ की चूत और बहन का मुह चोदे जा रहा था एक साथ।

कुछ देर बाद परम चरम पर पहुँच गया और उसका वीर्य निकलने लगा। उसने लंड को चूत से थोड़ा सा बाहर निकाला और वीर्य चूत के अंदर से बह कर महक के मुँह में गिरने लगा। उसने सारा वीर्य चाट लिया जैसा उसने पहले किया था। उन्होंने चुदाई पूरी की और तीनों साथ में टॉयलेट गए।

परम दोनो मांदाओ के सामने खड़ा हो गया और उसने पेशाब की धार माँ की चूत पर और फिर बहन की चूत पर गिरा दी। उसने माँ से कहा कि वह उसका पेशाब पी ले, लेकिन माँ ने मुस्कुराते हुए मना कर दिया। महक ने भी मन करते हुए कहा “अभी बहोत टाइम है मेरे राजा, मुतने और मुताने में, समय आने पर यही दोनों मुह तुम्हारे लंड का यूरिनल बन जायेंगे।“ पेशाब करने के बाद सुंदरी अपने पति के पास वापस चली गई और महक और परम अपने कमरे में सो गए।

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अगली सुबह कॉलेज जाते समय परम ने सुंदरी से कहा कि आज 2 बजे दोपहर में तेरे लिए एक नया लंड का बंदोबस्त करूंगा, विनोद को लेकर आएगा उसे चोदने के लिए। तैयार हो कर रहे। झांट भी साफ कर ले और बगल को भी एकदम चिकना कर ले। पूरा माल को एकदम मस्त और चकाचक कर दे। ताकि उसके पैसे वसूल होने चाहिए, “मुझे तुम और तुम्हारे इस माल से बहोत पैसा पैदा करना है समजी?”
मैत्री और फनलव के द्वारा अनुवादित रचना

“मैं तैयार रहूंगी लेकिन साले को बोलना कि अगर मुझे खुश नहीं कर पाएगा तो तुमसे उसकी गांड मारवाऊंगी।” सुंदरी ने उत्तर दिया, और थोडा सा मुस्कुराई और अपनी भोस पे हाथ रख कर बोली: “ बेटे चिंता ना कर बस आराम से कोलेज जा मेरा माल सब लंड को शांत करने के लिए काबिल है। बरसों की भूख जो है!”

कॉलेज पहुंचने के बाद परम की मुलाकात विनोद से हुई, उसने उससे कहा कि अब वह (परम) विनोद की माँ और दीदी को चोदने जा रहा है और यह भी कहा कि वह रिसेश में घर आए और वहाँ से वह उसे सुंदरी के साथ चुदाई करने के लिए ले जाएगा। यह सुनकर विनोद बहुत खुश हुआ और उसने परम को अपनी माँ और दीदी को चोदने की इजाजत दे दी। परम विनोद के घर पहुंचा। परम को देखकर दोनों महिलाएं खुश हो गईं।

"तू तो हम लोगों को भूल गया! लगता है कोई दूसरी चूत और गांड मिल गई है।" दीदी ने कहा।

“अरे यार, घर में तो आने दे!” परम ने दीदी और उसकी मम्मी के बोब्लो पर एक साथ हाथ रखते हुए कहा।

“आज तो तुम दोनों माँ-बेटी को एक साथ चोदने का मुड लेके आया हु, क्या तुम माँ-बेटी के माल तैयार है?”

आंटी ने कहा: “अरे, आ जा ओ परम बेटा, यह घर तुम्हारा तो है और जितना हक विनोद क्या है उतना तुम्हारा भी है। हम दोनों माँ-बेटी के माल कब से तुम्हारी राह देख रहे है! और एक तुम हो की आंटी की याद आती ही नहीं!”


“अरे यार, ऐसा कुछ नहीं है डार्लिंग, मैं एक चोदु हु, यह तो तुमको विनोद ने बताया ही होगा तो हर दिन नए-नए माल की खोज में रहता हु, विनोद भी तो नए माल की तलाश में रहता है, बस उसी से सिखा।“ दोनों माँ-बेटी के कमर पर हाथ रख के वह सीधा बेडरूम की तरफ उन दोनों को ले गया।
बाकी कल.............
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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