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Funlover

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आज मुझे बहोत कम कोमेंट मिले ऐसा क्यों??????????

क्या मेरे एपिसोड में दम नहीं था!!!!!!!!!!!!!!!!!

चलिए कोई बात नहीं

अब आगे बढ़ते है.........उम्मीद है की यह एपिसोड पसंद आएगा
 

Funlover

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अब आगे..............

“मुफ्त में किसी से नहीं चुदवाऊंगी… महक तुम भी मुफ्त में अपनी जवानी को मत लुटाना..!”


सुंदरी अपने कूल्हे हिलाने लगी, उसने परम को मजबूती से पकड़ लिया..।

“आह बेटे, चोदो, जोर से धक्का मारो..आह्ह मजा आ रहा है.. लंड को ओर अंदर पेलो…!”

सुंदरी को और अधिक उत्तेजित करने के लिए परम ने ज़ोर का धक्का दिया और पूछा..

“रानी,मजा आ रहा है बेटे के लंड से चुदने में..?”

“हा, बहुत मजा आ रहा है..! बेटे से चुदवाने का सब माँ को मजा आता है बेटे,और यहाँ तो मेरी बेटी भी साथ दे रही है, उस से ज्यादा मजा और कहा मिलेगा! तुम मुझे स्वर्ग की सैर करा रहे हो बेटे, ह्म्म्म, अब अपनी माँ चोदो, आराम से।”

“रोज़ लंड चूत में लोगी!”

“अब यह भी कोई पूछने की बात है,रोज़ चुदवाऊँगी।”

“गांड मरवाओगी!”

“हा, मेरी गांड भी तो अब तेरी ही है राजा, जब तुम कहो,गांड भी मारवाउंगी।”

“मेरे दोस्त का लंड खाओगी?”

"हा।"

“कुत्ते का भी लंड चूसोगी?”

“हा, मुझे तो लंड से मतलब है, कुत्ते का हो या इंसान का, लंड भी चूसूंगी।”

“कुत्ते का लंड चूत में लोगी..!”

“बेटी की चूत चाटोगी..!”

“अरे हा, चाटूँगी…अब उसमे कोई नयी बात नहीं है, मुझे महक की चूत से पहले से प्रेम है।” और परम ने चुदाई की और स्पीड बढ़ा दी। उसने उसकी बड़े बोब्लो को दबाया और महक को अपने लंड के साथ-साथ माँ की चूत में भी उंगली करने को कहा। महक को चूत में लंड के साथ उंगली डालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद उसने एक उंगली अंदर डाल दी। अब परम का लंड महक की उंगली के साथ सुंदरी की चूत में जा रहा था। परम ओर भी ज्यादा उत्साहित और कामुक हो गया।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना

“आ....आह बहुत मज़ा आ रहा है.. बेटे चूत को फैला कर दूसरी उंगली भी अंदर डालो।” सुंदरी को भी मज़ा आया।

महक ने चूत के होंठ खींचे और अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली भी सुंदरी की चूत में डाल दी। अब परम का लंड उसकी बहन की दो उंगलियों के साथ चुदाई कर रहा था। सुंदरी की चूत कस गई थी। उसे बहुत तेज़ उत्तेजना महसूस हुई और वह खुद पर काबू नहीं रख पाई और चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई। और उसकी चूत ने परम के लोडे और महक की उंगलियो पर अपना चरमोत्कर्ष का परिणाम दे दिया। परम सुंदरी को चोदता रहा,

“बेटा आज चूत में बहुत धक्का लगा है,काफी बार मेरी चूत चोदी गई है अब मेरी चूत में ज्यादा पानी छोड़ने को नहीं है। लंड निकालो और मेरे मुँह में पानी गिरा दो। अपने लंड का अमृत दे ही दो।”

परम ने लंड बाहर निकाला। लंड एक ज़ोरदार छींटे के साथ निकला, “फच्चक”। महक ने भी अपनी दो उंगलियाँ बाहर निकालीं और झुककर उसकी चूत के होंठ को चाटने लगी। उसने सुंदरी की क्लिट और चूत के होंठ चबाए और अपनी उंगली से माँ की भोस को टटोला। परम ने लंड को सुंदरी के मुँह में डाला और धीरे-धीरे धक्के दिए। सुंदरी ने लंड को ज़ोर से काटा और मुँह में लिया और परम ज्यादा ना टिकते हुए, परम के लोडे ने वीर्य उगल दिया।

सुंदरी ने थोड़ा सा पी लिया और अपने होंठों से वीर्य की धार बहने दी। महक सुंदरी की चूत चाटने में व्यस्त थी। परम सीधा लेट गया और अपनी माँ और बहन को देखने लगा। कुछ देर बाद सुंदरी ने अपनी बेटी के पैरों को उसके सिर की तरफ खींचा और उसने महक को लिटा दिया। अब माँ और बेटी 69 की पोजीशन में थीं और माँ उसके ऊपर लेटी हुई बेटी की चूत चाट रही थी।
अपनी राय देना न भूलना प्लीज़.....................
 

Mass

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आज मुझे बहोत कम कोमेंट मिले ऐसा क्यों??????????

क्या मेरे एपिसोड में दम नहीं था!!!!!!!!!!!!!!!!!

चलिए कोई बात नहीं

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नहीं मैडम मुझे ऐसा नहीं लगता है. आपकी कहानी तो एकदम सुपरहिट है. कभी कभी थोड़ा टाइम लग जाता है कमैंट्स आने में :)

Funlover
 

Mass

Well-Known Member
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the good thing about your updates is the sexy dialogbaazi that happens during the act... :)
that enhances the eroticness of the updates...

Funlover
 

Napster

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मोटा और कड़ा लंड देख कर सुंदरी के चूत और मुँह दोनों में पानी आ गया। उसने अपना हिस्सा थोड़ा आगे बढ़ाया और दोनों हाथो में लंड पकड़ कर सहलाने लगी। सुंदरी ने लंड को चमड़ी को कई बार आगे पीछे किया तो लंड का सुपाड़ा बाहर निकल आया। सुपाड़ा गीला हो चुका था और सुंदरी ने सुपाड़ा को चूसना शुरू किया। सुंदरी सुपाड़ा ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपॉप चूसता है। सुंदरी ने 2 इंच से ज्यादा लंड मुँह के अंदर नहीं लिया और उसकी उपरी हिस्से को ही चूस रही थी। सेठ का लंड चूसने में इतना मजा आया उसे परम का लंड चूसने में नहीं आया था। उधर शेठ को सुंदरी के मुँह में लंड चुसाने में बहुत मज़ा आ रहा था और अगर उसका ज्यादा चूसा गया तो छूट जाएगा और सुंदरी का लंड चूसती रहेगी तो वो झड़ जाएगा लेकिन शेठ सुंदरी के चूत में पानी गिराना चाहता था। उसने लंड मुँह से खींचा, सुंदरी समझ गई कि शेठ उसे चोदना चाहता है। वो भी पलट कर सीधी हो गई और पैरों को ऊपर की ओर हवा में फैला दिया। शेठ ने सुंदरी के कमर के नीचे एक तकिया रखा। सुंदरी की चूत और ऊपर उठ गयी। शेठ ने सुंदरी की कमर को जकड़ा और सुपाड़ा को चूत के गेट पर रख कर धक्का मारा तो एक धक्के में ही पूरा लंड चूत के अंदर चला गया। आखि़र जाता क्यों नहीं। शेठ पुराना चुद्दाकर था और उसके शरीर का वजन भी 100 किलो से ज्यादा था और कहा सुंदरी मुश्किल से 60 किलो की थी। सुंदरी के मुँह से “अह्ह्ह्ह।।” निकला ओह्ह भेन्च्जोद और उसने कहा: यह मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है

“शेठ आपका लंड बहुत मोटा है, थोड़ा धीरे-धीरे चोदो और धीरे धक्का मारो, और आराम से चोदो मेरी चूत को।”

शेठ उसे प्यार से चोद रहा था और सुंदरी भी मजे लेकर अपनी चूत मरवा रही थी।

चोदते चोदते शेठ उसकी जरूर जवान चुचियो को भी मसल देता था।

"रानी आज 16-17 साल के इंतजार के बाद तुम्हारी चूत का दर्शन हुआ है। बहुत मजा है, जितना सोचा था तुम्हारी चूत अभी भी उससे ज्यादा टाइट है।" कहते हुए शेठ ने जोर का धक्का मारा।

"ओउच्ह्ह…भेन्चोद, एक दिन में ही चूत का भरता बना दोगे क्या? दोबारा नहीं चोदना है क्या!!!"

“अब तो रानी, बार-बार चोदूंगा…पहले क्यों नहीं मिली…भोसड़ीकी, मादरचोद!”

"आप पहले बुलाते तो मैं आ जाती। कई बार मैं आपके सामने से निकली लेकिन आपने कभी हाथ भी नहीं पकड़ा!"

इस तरह से चुदाई करते रहे और शेठ ने सुंदरी के चूत में अपना पानी से छोड़ दिया और उसके ऊपर चिपक कर लेट गया। सुंदरी को उम्मीद से ज्यादा मजा आया था।

ठंडे होकर दोनों चुम्मा चाटी करते-करते बात करने लगे। बच्चों की बात हुई तो सुंदरी ने कहा कि उसका बेटा परम शेठ की बेटी से बहुत प्यार करता है। रेखा चली जाएगी तो सोच-सोच कर उदास रहता है। शेठ ने कहा कि रेखा भी परम को चाहती है और उसने दोनों को एक दूसरे का बदन सहलाते देखा है। शेठ ने कहा कि अगर रेखा परम से चुदवाएगी तो वो कुछ नहीं बोलेगा। शेठ ने सुंदरी को प्यार करते हुए अनुरोध किया कि वो अपनी छोटी बहू को चोदना चाहता है और इस में सुंदरी उसकी मदद करे।

“सुंदरी तुम जो मांगेगी दूंगा, अगर तुम मेरी बहु को मेरे लंड के निचे ला सको तो।”

सुंदरी ने जवाब दिया कि “पहले उसको आने दो, फिर देखु बहू को कितना गरम कर सकती हूं, उसकी चूत में कितनी भड़क है। इस काम में परम ज्यादा मदद कर सकता है, सेठजी।“

बने रहिये ..............
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है
मजा आ गया
 

Napster

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सुंदरी ने पूछा कि शेठ सुंदरी को फिर नहीं चोदेगा तो शेठ ने जवाब दिया कि अब जब एक बार उसका लंड सुंदरी की चूत का मजा लेकर मस्त हो गया तो आगे भी जिंदगी भर चोदता रहेगा, हो सकेगा तो एक बच्चा भी दे सकता है। शेठ सुंदरी को चूमने लगा और चूमते-चूमते उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा। अपना लम्बा जीभ निकाल कर चूत को चूसता रहा, चूत को चूसा और सुंदरी मस्त होकर चुतड उछालती रही। तब शेठ ने सुंदरी को कुतिया बना कर चूत में फचाक से लंड पेल दिया। गांड में उंगली करके चुदाई करने लगा, तभी परम धीरे से ताला खोल कर अंदर आया और अपनी माँ सुंदरी के चूत में शेठ के मोटे लंबे लंड को आता-जाता देख कर मजा लेता रहा। परम ने देखा कि उसकी मां खूब चुत्तर हिला-हिला कर लंड का मजा ले रही है। बस वह देखता रहा की शेठ का लंड उसकी माँ की चूत से “हाइड एंड सिक” खेल रहा है, कभी बाहर आके माँ की चूत में अद्रश्य होता है।

“माँ, मज़ा आ रहा है?” परम ने पुछा।

“तू कब आया?” वह ख़ास कुछ चौकी नहीं बल्कि उसकी हाजरी को सहज ले लिया और अपनी चुची मसलते हुए कहा “शेठजी बहुत बढ़िया चुदाई करते हैं, तुम्हारे बाप से बहुत अच्छा।”

शेठ ने कहा, "परम, तू बहुत अच्छा है, तू मदद नहीं करता तो मैं इस मस्त माल को नहीं चोद सकता। अब जिंदगी भर इसे चोदूंगा, तेरा मन करे तो मेरी बेटी को चोद, मेरी बहू को चोद और चाहे तो शेठानी को भी चोद। मेरे सामने भी चोदेगा तो कोई बात नहीं।" धक्के की स्पीड बढ़ते-बढ़ते शेठ ने फिर कहा, "मुझे एक बार अपनी छोटी बहू को चोदना है।"

सुंदरी को चोदते और छोटी बहू की जवानी को याद कद शेठ फिर झड़ गया। परम ने देखा कि उसकी माँ के चूत से सफ़ेद-सफ़ेद माल निकल रहा है। इस बिच सुदंरी भी दो बार झड चुकी थी, और अभी भी सेठजी की ऊँगली उसकी गांड मार रही थी। उसे उस उंगली से अपनी गांड मरवाती हुई देख कर दोनों माँ-बेटा के मुह पर प्रसन्नता छाई हुई थी।

सुंदरी और शेठ दोनों ठंडा हो गए।

बस बने रहिये इस कहानी में
बडा ही शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
 
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Napster

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“मुझे पेशाब करना है।” सुंदरी ने कहा, "बहुत जोर से लगी है, अब इंतज़ार नहीं कर सकती।" आख़िर दो बार शेठ ने उसकी चूत को बड़ा गढ़ा माल से भर दिया था। शेठ नंगा ही इधर उधर देखने लगा। कोने में एक घड़ा (मिट्टी का बर्तन) था जो पिने का पानी के लिए था। परम वो बर्तन लेकर आया, बर्तन आधा खाली था।

“इसी में मुत लो” शेठ ने कहा और सुंदरी ने चूत को बर्तन के मुँह पर पोजीशन किया और मुतने लगी। खूब जोर से दबाव था और उसी चूत से मूत और चुतरस और सेठजी के वीर्य सब कुछ दोनों छेद से बहार आ रहे थे, मूतने की आवाज शायद बाहर तक जा रही थी। दोनो शेठ और परम सुंदरी को मूतते हुए देखते रहे। ज्योंही सुंदरी खड़ी हुई शेठ ने घुटने पर बैठकर फिर कुत्ते की तरह सुंदरी की चूत को चाटने लगा। सुंदरी की चूत से अभी भी पेशाब की बुंदे गिर रही थी और शेठ खूब प्रेम से उन पेशाब की बुंदों और अपने चुदाई के दोनों रस को टपकते हुए, को चाट रहा था।

यह सब देख कर परम भी गर्म हो गया और अपना लंड बाहर निकाल लिया। परम ने सोचा कि सुंदरी उसके लंड को सहलायेगी लेकिन एक हाथ से सुंदरी को पकड़ कर शेठ ने दुसरे हाथ से परम का लंड पकड़ लिया और मुठियाने लगा। सेठजी परम के लंड की चमड़ी को आगे पीछे कर के उसके सुपारे को बाहर की और ले आने की कोशिश करने लगा। सुंदरी ने शेठ के मुँह को अपनी चूत से पकड़ कर रखा था और दूसरे हाथ से अपनी एक चुची परम के मुँह में घुसेड़ दी। परम चूचियो को मसलते हुए चूसने लगा और निचे शेठ सुंदरी की चूत को चाटना छोड़ कर परम के मस्त लंड को मुँह में लेकर चूस लिया। उसके लंड के टोपे पर अपनी जीभ फिरा के उसका प्रिकम चाट रहा था। लगभग 20-25 बार लंड को मुँह में लेकर बाहर निकालने के बाद शेठ ने परम के लंड को सुंदरी की चूत से रगड़ा।

“सुदरी, परम का लोडा बहोत मस्त है। बहोत स्वादिस्ट भी है मुझे यह उसका लंड बहोत पसंद आया। उसका सुपारा बहोत ही मस्त है, मुझे लगता है की यह लंड से बहोत ही मस्त और गाढ़ा और टेस्टी माल देता होगा।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है

“शेठजी नहीं, मेरा बेटा है… उसका लंड चूत से मत सटाओ।।” सुंदरी ने धीरे से कहा और एक पैर को उठा कर बिस्तर पर रख दिया।

"मैं थोड़े ही किसी से कहूँगा। उसे भी तो सबसे मस्त माल के चूत को चोद कर मजा लेने दो!!"

ऐसा कह के उसने फिर से परम का लंड अपने मुह में ले लिया और थोडा आगे पीछे हो के शेठ ने परम के लंड से अपने मुह को चोदने लगा, थोड़ी देर के बाद उसने पूछा “परम तेरी माँ को चोदेगा! या फिर तेरा माल मुझे पिलाएगा?”

“आपको जो ठीक लगे।“परम ने अपना लंड को थोडा बहार की और खिंचा तो शेठ समज गया की वह भी अपनी माँ को चोदना चाहता है।

और शेठ परम के लंड को सुंदरी के चूत में घुसाने लगा।

मेरे साथ बने रहीये आगे कहानी में ...............
बहुत ही मस्त लाजवाब और जानदार मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
 

Napster

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सुंदरी शेठ के सामने अपने बेटे का लंड चूत में नहीं लेना चाहती थी। आधा लंड अंदर घुस चुका था, सुंदरी ने चूत को दबाया और चुतड को पीछे किया, लंड बाहर निकल आया। उसने थोड़ा गुस्सा होकर शेठ से कहा कि वो ऐसा करेगा तो फिर कभी शेठ से नहीं चुदवायेगी। अगर शेठ को बहुत बुरा लगता तो परम के लंड को चूत के ऊपर के हिस्सों में रगड़ देता लेकिन अंदर न जाने दे, या फिर खुद ही परम के लंड को अपने मुह से छोड़ के खाली कर दे।

शेठ परम के टाइट लंड को पकड़ कर चूत की दरार पर रगड़ने लगा और साथ ही साथ लंड और चूत को एक साथ चूसने लगा। सुंदरी की चुचियो को मसलते हुए परम अपना लंड हिला रहा था तो सुंदरी भी पाओ उठा कर चुतर हिला रही थी। परम ने अपना एक पैर उठाकर अपनी माँ के पैरों पर रखा और लंड को चूत पर दबाया और लंड करीब आधा अंदर चला गया। सुंदरी ने बिना कुछ कहे हाथ से लंड को बाहर निकाल लिया और ऊपर रगड़ने लगी। उसका जब मन होता था तो लंड अंदर लेने का तो हाथ हटा देती थी और लंड गप से अंदर चला जाता था और फिर 15-20 सेकंड के बाद लंड बाहर खींच लेती थी। इस तरह मजा लेते-लेते परम झड़ने लगा तो शेठ ने सारा माल हाथों पर कलेक्ट किया और उसे सुंदरी के चूत पर रगड़ दिया। और वही से उस चूत को चाटने लगा, और परम का वीर्य और सुंदरी का चुतरस साथ में चाट-चाट के एकदम साफ़ कर दिया जैसे की बिना चुदी चूत।

“परम तेरा माल बहोत बढ़िया है, मुझे बहोत पसंद आया।मुझे तेरा माल खिलाते रहना बेटे।“

“जी शेठजी”, कह के उसने फिर से शेठजी के मुह में अपना ढीला लंड दाल दिया और शेठजी ने बिना कोई विरोध अपने मुह में समा लिया।

तीनो थक चुके थे।

सुंदरी के साथ संतोषजनक चुदाई के बाद शेठ बाहर आया। परम ने दरवाज़ा बंद कर लिया और अपनी माँ को गोद में लेकर पूछा कि क्या उसे मोटे शेठ के साथ चुदाई में मज़ा आया। उसने अपने बेटे के लंड को सहलाया और कहा कि चुदाई उसकी उम्मीद से कहीं ज़्यादा अच्छी थी और उसे शेठ के साथ दोबारा चुदवाने का मज़ा लेने में कोई आपत्ति नहीं होगी। वे कुछ देर तक सहलाते रहे। कपड़े पहने और शेठ के घर गए।

******


बाकि अपडेट कल समय मिलने पर.............
बहुत ही जबरदस्त लाजवाब और शानदार मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
आखिर सुंदरी को चोदने का शेठ का सपना सपना पुरा हो गया और दोनों को मस्त मजा भी आ गया
जबरदस्त अपडेट
 

Ajju Landwalia

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“मुझे माफ़ कर दीजिये सेठजी अगर आप इतना बड़ा सोच सकते हो तो मुझे भी सोचना चाहिए था।“

“मुनीमजी सोचो यह खुला वातावरण है यहाँ चूत सिर्फ चुद्वाती है और लंड उसे चोदता है बेकार के सम्बन्ध में ना पड़ो।“

“हां यह भी सही कहा आपने” मुनीम ने नाटक को बांध करते हुए कहा।

“अगर आपको सुदरी इतनी पसंद है तो.......सुंदरी भी आपका माल है, जब मन करे चोदिये लेकिन किसी और को पता नहीं लगना चाहिए।” मुनीम ने जवाब दिया।

शेठ को ख़ुशी हुई कि अब उसे अपने ऑफिस रूम में सुंदरी को चोदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। घर में ही चोदेगा।

शेठ ने कुछ पासे मुनीम के हाथ में रखा और बोला “मुनीम क्या यह सब बताने वाली बात है? तेरी बीवी को मैं चोदुंगा और सब को बताउंगा भी? कैसी बात करते हो। तुम भी तो मेरी बीवी को चोद सकते हो और ऊपर से सुंदरी का सौदा के तौर पर तुम्हे मैं कुछ ना कुछ देके खुश करता रहूँगा।“

मुनीम की आँखे फटी थी क्यों की उसके हाथ में पैसे थे उसने पैसो को अपने खीसे में रखते हुए कहा “शेठजी इसकी कोइ जरुरत नहीं थी।“

“अरे रख ले मुनीम और अब भी सुंदरी की चूत में मेरा लंड जाएगा तुजे भी तो खुश करता रहूँगा।“

“जी शेठ जी आपका बहोत बहोत आभार, बस आप सुंदरी की चूत के मजे लिएते रहिये और मुझे देते रहिये।”

“हां यह तो एक प्रकार से व्यवहार है कह के मुनीम की गांड पर हाथ रख के कहा इसका भी ख्याल रखूँगा। यहाँ भी तो एक छेद है!”

मुनीम मुस्कुराते हुए बोला “जी, शेठजी और वह छेद भी तो आपका ही है।“ और उसने शेठ के हाथ को अपनी गांड पर थोडा सटा के रख दिया।

तब शेठ ने कहा “मुझे तुम जैसो पसंद है जो लंड लेते भी है और देते भी है”, और फिर उसके कान में कहा मैं भी ऐसा ही हु लेता भी हु और देता भी हु।”

मुनीम बस मुस्कुराता रहा और शेठ ने कपडे के ऊपर से ही मुनीम की गांड के छेद को छेड़ा।

“जब मुझे कोई चूत नहीं मिलेगी तब मुनीमजी मुझे इसकी जरुरत पड़ेगी, तैयार हो ना!”

“अब तो सुंदरी तो है ही शेठजी आपके लंड को शांत रखेगी फिर भी अगर जरुरत पड़ेगी तो मैं भी हु हरदम तैयार। बस आप हमारा ख़याल रखे हमारे छेद आपके लंड का ख्याल रखेंगे।“

शेठजी ने मुनीम के कान में जा कर कहा “मुझे वीर्य पीना पसंद है। और पिलाना भी। क्या तुम कर सकोगे?“

बस आपकी कृपा से सब होता रहेगा शेठजी मैं आपका माल गांड और मुह सब में लूँगा और आप जब चाहो मेरे लंड को अपने मुह में खाली करा सकते हो, आपकी मिल्कत है बस यही समजो।“
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना है

“बहोत खूब मुनीमजी, मुझे तुम पसंद आये एक तरफ तुमने तुम्हारी बीवी की चूत देके मुज पर एहसान किया और ऊपर से तुम्हारा इस खजाने का भी मालिक घोषित कर दिया। कह के सेठजी ने मुनीम को अपनी ओर खिंचा और ऑफिस की तरफ ले गए।
बने रहिये कहानी के साथ ....
जानेंगे आगे क्या हुआ मेरे साथ।....

Bahut hi umda update he Funlover Ji,

Ab bechare munim ka kya pata ki uska beta param pehle hi sundri ka sauda lala ke sath kar chuka he..........

Munim khuch ho raha he ki lala ne use sethani ko chodne ki permission de di...........

Lekin yaha bhi baaji param maar gaya, vo pehle hi sethani ko chod chuka he............

Keep rocking
 
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