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Super hit updateभाग ३३
सुबह मैं, पापा और दीदी जल्दी उठकर तैयार हो गए और गांव जानें के लिए एक कार बुला लिया
दीदी और जीजू रुम में थे और
दीदी बाल संवारते हुए अपने पति से कहा
दीदी - मैं कल ही आ जाऊंगी
जीजू - कोई बात नहीं अभी मेरी 1 महीने की छुट्टी है कोर्ट का काम होने के बाद ही साथ में आना
दीदी ने जब अपनी हाथों को उपर किया तो उसकी कांख के रेशमी मुलायम काले बाल उसकी सुंदरता मे चार चांद लगा रहे थे
और उनका स्लीवलैस डिप्कट ब्लाउज़ से यौवन छलक रहा था
दीदी के वक्षस्थल उभर कर सामने वाले को घायल कर सकता था
जब हम लोग घर से निकलने लगे और रश्मि खड़ी हो कर हम लोगों को देख रही थी
कार में पापा ने कहा
पापा - इस बार आर या पार
मैं - हां, कोई समझौता नहीं होगा
दीदी - अब वकील साहब क्या बोल रहे हैं
पापा कार की अगली सीट पर बैठे थे और मैं दीदी के साथ पीछे ड्राईवर ने अपनी कार के सेंटरमिरर को ऐसा सेट कर दिया था की दीदी की चूचियों की घाटी उसको दिख रहा था और वो मजे लेते हुए चला रहा था
लगभग दो घंटे बाद हमलोग गांव पुहंच गए और फिर पापा ने वकील को कॉल किया
तो वकील ने कोर्ट में मिलने बुलाया
यहां गांव मे हमारा पुस्तैनी मकान था जो कि बहुत बड़ा था पर अब केवल 3 कमरे ही यूज होता है तो दीदी समान ले कर एक रुम में चली गई और मैं, पापा बाहर ही थे
पापा - जा कविता को बोल दे की हमलोग कोर्ट जा रहे हैं
मैं - जी पापा
फिर पापा ने शंकर को बुलाया
पापा - मोटरसाइकिल है ना
शंकर - जी मालिक
मैं दीदी को बोलने उसके रुम में जाने लगा और फिर जैसे ही डोर को खोला तो दीदी को इस रूप
मे पाया
दीदी कपडे बदल रही थी अचानक आवाज से मुड़ी और मैं भी झट से बाहर निकल आया
दीदी - कौन है
मैं - मैं रौशन
दीदी - हां बोलो
मैं - पापा के साथ कोर्ट जा रहा हूं
दीदी - ठीक है
फिर दीदी बाहर निकल आई ऐसे
to be continued
Nice updateभाग ३३
सुबह मैं, पापा और दीदी जल्दी उठकर तैयार हो गए और गांव जानें के लिए एक कार बुला लिया
दीदी और जीजू रुम में थे और
दीदी बाल संवारते हुए अपने पति से कहा
दीदी - मैं कल ही आ जाऊंगी
जीजू - कोई बात नहीं अभी मेरी 1 महीने की छुट्टी है कोर्ट का काम होने के बाद ही साथ में आना
दीदी ने जब अपनी हाथों को उपर किया तो उसकी कांख के रेशमी मुलायम काले बाल उसकी सुंदरता मे चार चांद लगा रहे थे
और उनका स्लीवलैस डिप्कट ब्लाउज़ से यौवन छलक रहा था
दीदी के वक्षस्थल उभर कर सामने वाले को घायल कर सकता था
जब हम लोग घर से निकलने लगे और रश्मि खड़ी हो कर हम लोगों को देख रही थी
कार में पापा ने कहा
पापा - इस बार आर या पार
मैं - हां, कोई समझौता नहीं होगा
दीदी - अब वकील साहब क्या बोल रहे हैं
पापा कार की अगली सीट पर बैठे थे और मैं दीदी के साथ पीछे ड्राईवर ने अपनी कार के सेंटरमिरर को ऐसा सेट कर दिया था की दीदी की चूचियों की घाटी उसको दिख रहा था और वो मजे लेते हुए चला रहा था
लगभग दो घंटे बाद हमलोग गांव पुहंच गए और फिर पापा ने वकील को कॉल किया
तो वकील ने कोर्ट में मिलने बुलाया
यहां गांव मे हमारा पुस्तैनी मकान था जो कि बहुत बड़ा था पर अब केवल 3 कमरे ही यूज होता है तो दीदी समान ले कर एक रुम में चली गई और मैं, पापा बाहर ही थे
पापा - जा कविता को बोल दे की हमलोग कोर्ट जा रहे हैं
मैं - जी पापा
फिर पापा ने शंकर को बुलाया
पापा - मोटरसाइकिल है ना
शंकर - जी मालिक
मैं दीदी को बोलने उसके रुम में जाने लगा और फिर जैसे ही डोर को खोला तो दीदी को इस रूप
मे पाया
दीदी कपडे बदल रही थी अचानक आवाज से मुड़ी और मैं भी झट से बाहर निकल आया
दीदी - कौन है
मैं - मैं रौशन
दीदी - हां बोलो
मैं - पापा के साथ कोर्ट जा रहा हूं
दीदी - ठीक है
फिर दीदी बाहर निकल आई ऐसे
to be continued
Mast maal heभाग ३३
सुबह मैं, पापा और दीदी जल्दी उठकर तैयार हो गए और गांव जानें के लिए एक कार बुला लिया
दीदी और जीजू रुम में थे और
दीदी बाल संवारते हुए अपने पति से कहा
दीदी - मैं कल ही आ जाऊंगी
जीजू - कोई बात नहीं अभी मेरी 1 महीने की छुट्टी है कोर्ट का काम होने के बाद ही साथ में आना
दीदी ने जब अपनी हाथों को उपर किया तो उसकी कांख के रेशमी मुलायम काले बाल उसकी सुंदरता मे चार चांद लगा रहे थे
और उनका स्लीवलैस डिप्कट ब्लाउज़ से यौवन छलक रहा था
दीदी के वक्षस्थल उभर कर सामने वाले को घायल कर सकता था
जब हम लोग घर से निकलने लगे और रश्मि खड़ी हो कर हम लोगों को देख रही थी
कार में पापा ने कहा
पापा - इस बार आर या पार
मैं - हां, कोई समझौता नहीं होगा
दीदी - अब वकील साहब क्या बोल रहे हैं
पापा कार की अगली सीट पर बैठे थे और मैं दीदी के साथ पीछे ड्राईवर ने अपनी कार के सेंटरमिरर को ऐसा सेट कर दिया था की दीदी की चूचियों की घाटी उसको दिख रहा था और वो मजे लेते हुए चला रहा था
लगभग दो घंटे बाद हमलोग गांव पुहंच गए और फिर पापा ने वकील को कॉल किया
तो वकील ने कोर्ट में मिलने बुलाया
यहां गांव मे हमारा पुस्तैनी मकान था जो कि बहुत बड़ा था पर अब केवल 3 कमरे ही यूज होता है तो दीदी समान ले कर एक रुम में चली गई और मैं, पापा बाहर ही थे
पापा - जा कविता को बोल दे की हमलोग कोर्ट जा रहे हैं
मैं - जी पापा
फिर पापा ने शंकर को बुलाया
पापा - मोटरसाइकिल है ना
शंकर - जी मालिक
मैं दीदी को बोलने उसके रुम में जाने लगा और फिर जैसे ही डोर को खोला तो दीदी को इस रूप
मे पाया
दीदी कपडे बदल रही थी अचानक आवाज से मुड़ी और मैं भी झट से बाहर निकल आया
दीदी - कौन है
मैं - मैं रौशन
दीदी - हां बोलो
मैं - पापा के साथ कोर्ट जा रहा हूं
दीदी - ठीक है
फिर दीदी बाहर निकल आई ऐसे
to be continued
Chhota sa updateभाग ३३
सुबह मैं, पापा और दीदी जल्दी उठकर तैयार हो गए और गांव जानें के लिए एक कार बुला लिया
दीदी और जीजू रुम में थे और
दीदी बाल संवारते हुए अपने पति से कहा
दीदी - मैं कल ही आ जाऊंगी
जीजू - कोई बात नहीं अभी मेरी 1 महीने की छुट्टी है कोर्ट का काम होने के बाद ही साथ में आना
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यहां गांव मे हमारा पुस्तैनी मकान था जो कि बहुत बड़ा था पर अब केवल 3 कमरे ही यूज होता है तो दीदी समान ले कर एक रुम में चली गई और मैं, पापा बाहर ही थे
पापा - जा कविता को बोल दे की हमलोग कोर्ट जा रहे हैं
मैं - जी पापा
फिर पापा ने शंकर को बुलाया
पापा - मोटरसाइकिल है ना
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मैं दीदी को बोलने उसके रुम में जाने लगा और फिर जैसे ही डोर को खोला तो दीदी को इस रूप
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दीदी कपडे बदल रही थी अचानक आवाज से मुड़ी और मैं भी झट से बाहर निकल आया
दीदी - कौन है
मैं - मैं रौशन
दीदी - हां बोलो
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दीदी - ठीक है
फिर दीदी बाहर निकल आई ऐसे
to be continued