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Incest तू लौट के आजा मेरे लाल

ajay bhai

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chapter 35

अभय की टोली सारी सेक्सन् मे आ गई थी सबसे पहले आसा बाकी लेडिस् दिशा के लिये दुल्हन का जोरा देखना सुरु कर देते है

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कई सारी खूबसूरत खूबसूरत दुल्हन के जोरे थे सभी एक दूसरे से कहने लगते है ये अच्छा है वो अच्छा है ये ले लो दिशा पे अच्छी लगेगी
लेकिन फिर सभी दिशा से पूछने के लिये दिशा को देखते है तो दिशा अभय को ही प्यार से देखी जा रही थी

मिनिता मुस्कुराते हुवे आसा से - दीदी कोई फायदा नही बहु तो अपने पति के पसंद से ही लेगी बेकार मे हम लर रहे है

आसा सभी दिशा को मुस्कुराते हुवे देखने लगते है तो दिशा शर्मा जाती है
आसा मुस्कुराते हुवे - बात तो तुमने सही कही है ( आसा अभय को देख) खरा क्या है जाके अपनी बीवी के लिये पसंद कर

अभय मुस्कुराते हुवे दिशा के पास खरा होके एक दुल्हन का जोरा दिशा को दिखाते हुवे - हु इस मे तुम बहोत खूबसूरत लगोगि
दिशा सर्म से - जी
काजल हस्ते हुवे - वाह देखो तो कितना प्यार है दोनो मे
सिला मुस्कुराते हुवे - बेस्ट जोरि है मेरे बेटे बहु की
तारा अभय दिशा के प्यार देख बहोत खुश थी
अदिति अभय दिशा को देख - और नही तो क्या मेरे भाई जैसा पति भाभी को मिल नही सकता लेकिन भाभी जैसी बीवी भी भाई को नही मिल सकती है
मधु - दीदी आपने सही खा भाई भाभी जी जोरि मस्त है
कोमल मुह बना के - हु एक बंदर एक बंदरिया
अभय कोमल को देख - मेरी बीवी को बंदरिया कहा मार खानी है
कोमल अभय को देख - अच्छा तु जो मुझे बंदरिया केहता है उसका क्या बीवी को कहा बुरा लगा
अभय - तुम
मिनिता बीच मे अभय कोमल को देख - हद है यहा भी सुरु हो गये तुम दोनो घर मे लरना

अभय कोमल सांत हो जाते है

सुमन - हा तो दुल्हन का जोरा तो ले लिया अब लाला के लिये शेरवानी लेनी है

फिर सभी तोली जेन्स सेक्सन मे जाते है यहा कई डिजाइन की सेहवानी दिखाई जाती है सभी फिर ये अच्छा लगेगा ये लेलो करने लगते है

मिनिता - रुक जाओ हम यहा इतनी मेहनत कर रहे है ऐसा ना हो फिर दोनो अपने पसंद से ले

आसा मुस्कुराते हुवे - बात तो सही है ( आसा दिशा को देख) बहु लाला ने तेरे लिये दुल्हन का जोरा पसंद क्या है क्या तुम लाला के लिये शेरवानी पसंद नही करोगी

दिशा सभी को देख नजरे नीचे किये - एक बीवी अपने पति के लिये सब करती है एक पति अपनी बीवी को कोई चीज अपनी पसंद से लाके देता है तो बीवी को खुशी मिलती है वे मेरे लिये दुल्हन का जोरा पसंद किये मुझे खुशी हुई लेकिन यहा ये हक मेरा नही है ( दिशा नजरे उपर कर आसा को देख) मम्मी जी ये हक आपका है एक मा का है कि वे अपने लाल को किस दुल्हे के रूप मे देखना चाहती है तो मे भला कैसे एक मा का हक छीन लू

दिशा की बाते सभी के दिल को छु जाती है

अभय दिशा को देख प्यार से मन मे - किस्मत वाला हुई जो मुझे इतनी अच्छी साफ दिल की प्यार करने वाली बीवी मिली

आसा आगे जाके दिशा को गले लगा के - बहु तुम बहोत अच्छी हो मेने तो तुम्हे बेटी माना है ( आसा तारा को देख) आपकी बेटी करोड़ मे एक है हर सास जैसी बहु चाहेगी लेकिन किस्मत वाले को ही दिशा जैसी बहु मिलती है

तारा दिशा के सर पे प्यार से हाथ फेरते हुवे इमोसनल होके - हा बहोत अच्छी बच्ची है मेरी लेकिन आप दमाद जी बाकी सब भी उतने ही अच्छे है बता नही सकती मे कितनी खुश हु आप जैसे परिवार मिलना भी एक लरकी के लिये किस्मत वाली बात होती है

काजल - बात तो सही है लेकिन क्या आगे बढे हम
आसा - हा सही कहा ( आसा सिला को देख) बताओ कोन सा ले तुम भी उसकी मा ही हो

आसा की बात सुन सिला भी इमोसनल हो जाती है

सिला - एक शेरवानी दिखाते हुवे ये कैसा रहेगा हमारा लाला इसमें हीरो लगेगा
आसा - हा ठीक है ये ले लेते है
काजल - हा बहोत अच्छा है इसमें अभय बेटा बहोत हैंडसम लगेगा
मिनिता दिशा को छेरते हुवे - बताओ बहु लगेगा ना हंड्सम्
दिशा सर्म से - वे तो पहले से ही बहोत हैंडसम है वे कुछ भी पहन ले बहोत हंड्सम् लगेगे

अदिति दिशा को देख - क्या बात बोली है भाभी आपने
काजल - वाह बात तो सही है ( काजल अभय को देखती है) अभय आखे बार देता है काजल शर्म से लाल हो जाती है

आसा सभी को देख - चलो ये भी हो गया अब दुल्हन के लिये मंगलसूत्र लेने चलते है

अभय की टोली फिर ज्वैलरी सेक्सन् मे आते है

आसा अभय को देख - बेटा खुद पसंद करो अपनी बीवी के लिये

अभय - जी मा

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अभय दिशा के पास खरा हो जाता है कई खूबसूरत खूबसूरत डिजाइन के मंगलसूत्र अभय के सामने थे अभय सभी को अच्छे से देखता है फिर एक मगलसूत्र उठाते हुवे - ये दिशा पे बहोत खूबसूरत लगेगी

आसा देखते हुवे अभय को मुस्कुरा के - वाह बेटा पसंद तो बहोत की है
मिनिता हस्ते हुवे - करेगा ही अपनी बीवी के लिये आगे भी पूरी लाइफ करते रहना ही है अब

अभय दिशा के कान मे - मे तो पूरे दिल से करता रहुगा
दिशा सर्म से लाल हो जाती है

मंगलसूत्र के बाद और भी गेहने जैसे नाक कान गले पैर के सब गेहने भी लिये जाते है

फिर अभय की टोली मेकप् के सेक्सन मे आती है जहा दिशा के लिये सारे मेकप् का समान लिया जाता है

उसके बाद रोज पहनने के लिये कई सारे कपड़े जो अभय ही पसंद करता है फिर सेंडल बैग बाकी सभी एक एक सामान दुल्हन के लिये खरीदा जाता है

दिशा अभय यानी दुल्हा दुल्हन की पूरी खरीदारी हो गई थी अब सब अपने लिये शोपिंग करने वाले थे

अभय सभी को देख - कियु ना हम जाके कुछ खा ले फिर बाकी शोपिंग करेगे

अदिति खुश होते हुवे - हा भाई मुझे बहोत भूख लगी है
मधु - मुझे भी भाई चलिये ना कुछ अच्छा खाते है
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है चलो कुछ खा लेते है फिर शोपिंग करेगे

तय होने के बाद अभय सभी को रिस्तूरेंट मे लेके आता है एक बरी टेबल जगह सभी कुर्सी मे बैठ जाते है

अभय - बोलो क्या मंगाया जाये
अदिति - भइया मुझे पिज़्ज़ा आइस्कृम चाहिये
मधु - भाई मुझे भी
पूजा - मुझे भी पिज़्ज़ा आइस्कृम चाहिये

अभय बाकी सब को देख - आप लोग क्या लेगे
आसा - क्या खाये पिज़्ज़ा ही मांगा ले
अभय - ठीक है फिर

सभी का ओडर दे दिया जाता है सभी खाते हुवे बाते भी करने लगते है

अभय के बगल मे आसा फिर अदिति मधु थे

मिनिता आसा को देख - दीदी हमारी इतनी उमर हो गई बच्चे बरे हो गये आज हम पहली बार इतने बरे मॉल मे शोपिंग करने आये है और डिनर भी कर रहे है

काजल मिनिता को देख - भाभी आपकी बात सही है अब तक की लाइफ घर मे बच्चो खेत घर को संभालते ही गुजर गया आज जब इतनी बरी मॉल मे शोपिंग खाने बैठी हु आप सब के साथ बता नही सकती कितना अच्छा फिल हो रहा है

सिला - ननद जी आज के जेनरेशन अपनी बीवी को बाहर लेके घुमाने होटल मे डिनर कराने लेके जाते है हमारे समय मे घर से बाहर कई साल कदम रखना भी बना था

तारा - हा सही कहा आपने पर क्या करे वक्त के साथ बदलना परता है

सुमन सभी को देख - हा सही कहा आप सब ने अब तो हमने अपनी आधी लाइफ जी ली है अब बच्चो की बारी है

अभय विजय को देखता है जो भाई खाने मे डूबा हुआ था कई चीजे मजा के थुसे जा रहा था अभय मन मे - ये पेटु है रहेगा

कोमल विजय को देख - आराम से खा खाना भाग नही जायेगा
विजय - जानता हु दीदी लेकिन क्या करू बहोत स्वादिस् है

खाना होने के बाद थोरि देर आराम करने के बाद सभी अपनी अपनी शोपिंग के लिये रेडी हो जाते है

आसा चाहती थी अभय उसकी मदद करे सेम अदिति बाकी सब भी चाहते थे तो सब अभय के पीछे पर गये

अभय गहरी सास लेते हुवे - लगता है मुझे सास लेने का टाइम भी नही मिलेगा

अभय फिर लग जाता है अभय पहले अपनी मा फिर अदिति मधु सिला तारा मिनिता कोमल सब की मदद करता है कपड़े तो अभय ने खरीदवा दिये अब सभी लेडिस् को बिकनी चड्डी बाकी सब लेने थे तो सब खुद ही लेने लगते है

अब जाके अभय को सांस लेने का मोक्का मिलता है दिशा अभय के पास आती है अभय मुस्कुराते हुवे दिशा को बहोत मे लेके - मेरी जान
दिशा सर्म से अभय को देख - हम मॉल मे है कोई देख लेगा
अभय मुस्कुराते हुवे - जानता हु बस एक किस्सी चाहिये
दिशा सर्माते हुवे अभय के होठो पे किस करते हुवे - अब खुश
अभय दिशा के गांड दबाते हुवे - खुश तो तब होऊगा जब जब तुम्हें अपने घर लेके आऊगा

दिशा सर्म से दर्द मे आह छोरिये दर्द हो रहा है आह कोई देख लेगा
अभय दिशा के गांड छोरते हुवे - तुम्हारी गांड बहोत बरी मुलायम गर्म है दबाने मे मजा आ रहा था
दिशा सर्म से लाल होते हुवे नजरे नीचे कर - आप बहोत गंदे है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा जी

तभी किसी के आने की आवाजे सुनाई देती हो दोनो जल्दी से अलग हो जाते है

तभी पूजा दोनो के पास आके अभय दिशा को देख - अच्छा आप दोनो अकेले मे क्या कर रहे थे

अभय पूजा को देख - आ गई आपकी है कमी थी टांग अराउ
पूजा अभय को देख गुस्से से - ठरकी जीजा आपको बाद मे देख लुगी
अभय मजे लेते हुवे - बाद मे किया देखेगी
पूजा दिशा को देख - दीदी देखा सुना ना क्या डबल मीनिंग बाते कर रहे है
दिशा पूजा को देख हस्ते हुवे - अरे साली जीजा मे मस्ती मजाक चलता ही है

पूजा मुह बना के - हा लेकिन इनकी बात अलग ही थरकी चलिये यहा से

दिशा अभय को देख - जी मे जाती हु
अभय - ठीक है
पूजा दिशा को लेके चली जाती है

अभय गुस्से मे - ये साली जी को अच्छे से सबक सीखना होगा तभी हमारे बीच टांग अराना बंद करेगी जब देखो तक बीच मे टपक परती है

अदिति बाकी सब से दूर खरा आस पास घूम कर सब देखने लगता अदिति अभय के पास आती है

अभय अदिति को देख - गुरिया सब ली लिया या बाकी है
अदिति - भाई सब ले किया लेकिन बाकी सब का नही हुआ है
अभय - मुझे पता था इसी लिये 12 बजे निकलने का फैसला लिया था
अदिति हस्ते हुवे - भाई लेडिस् को वक़्त लगता ही है
अभय - हा जानता हु बहोत वक़्त लगता है

तभी कोमल अदिति को आवाज देती है
अदिति अभय को देख - भाई जाना परेगा
अभय - ठीक है

अभय विजय को ढुंढता है भाई विजय तो मस्त लरकिया तारने मे लगा हुआ था अभय पीछे आके - अच्छा लरकिया तारी जा रही है

अभय की आवाज सुन विजय कि फट जाती है विजय पीछे अभय को देख डरते हुवे - बॉस म तो बस
अभय - आदत छोर दे हो सके तो कोई लरकी पसंद कर ले मे शादी करा दुगा
विजय हस्ते हुवे - लरकी भी मिलनी चाहिये ना बॉस
अभय - मिल जायेगी चिंता मत कर

अभय - अच्छा मे घूम कर आता हु सब के साथ रहना
विजय - जी बॉस

अभय मॉल मे हर एक जगह घूमने लगता है घूमते घूमते अभय कपड़े बिकनी चड्डी वाले सेक्सन मे फिर आता है अभय बिकनी चड्डी नाइटी देख खोया हुआ चलते जा रहा था तभी अभय किसी से टकरा जाता है अभय जल्दी से होस मे आता है और सामने जो सीन देखता है अभय सोक हो जाता है सामने वाला इंसान अभय को देख सर्म से लाल हो जाती है

असल मे अभय जिससे तकराया वो कोई और नही इंस्पेक्टर निमिता थी और निमिता सर्म से लाल इस लिये हुई कियुंकी उसके हाथो मे बिकनी थी

मिनिग सर्म से चिल्लाते हुवे अभय को - तुम यहा कैसे
अभय तो हैरान निमिता हाथो मे बिकनी लिये हुवे थी उसे देखते हुवे अभय के मुह से निकल जाता है - वाओ नई डिजाइन की हो है लगता है देखने मे बहोत ही खूबसूरत है कप बरा है यानी

इससे आगे अभय कुछ बोल पाता निमिता गुस्से से अभय को देख - क्या कहा तुमने

अभय निमिता की गुस्से वाली आवाज सुन होस मे आता है फिर सामने निमिता को गुस्से मे देखता है तब अभय को एहसास होता है फिर उसकी लग गई अभय डर के तेजी से भागते हुवे - कुछ नही में जा रहा हु ( अभय तेजी से भाग जाता है

मिनिता अभय को जाते देख गुस्से से - बेशर्म कमीना

अभय भागते हुवे एक जगह मे रुक तेज सास लेते हुवे - उफ़ बच गया नही तो आज मेरी वाट लग जाती

तभी मिनिता अभय को देख लेती है मिनिता अभय के पास आके - तुम यहा क्या कर रहे हो
अभय मिनिता को देख मुस्कुराते हुवे - आपका इंतज़ार
मिनिता सर्म से अभय को देख - कियु
अभय मिनिता के और पास जाके - ताकि आपको प्यार कर सकु आपके होठो का रस पी सकु
मिनिता सर्म से तेज सास लेते हुवे - यहा नही हर तरफ लोग है
अभय मिनिता के कान मे - समझ गया लेकिन घर मे आपके हर अंग को अच्छे से मजे से चुसुगा चलेगा
अभय की बात सुन मिनिता के शरीर मे सिहरन डोर जाती है मिनिता सर्म से लाल तेज सासे लेते हुवे धीरे से - नही ये गलत है

मिनिता फिर चली जाती है अभय हैरान होता है फिर अभय को एहसास होता है वो बिग्रता जा रहा है

अभय सभी के पास आता है अभय आसा से - मा हो गया या और कुछ लेना है

आसा अभय को देख - बस हो ही गया
अदिति मधु अभय के हाथ पकर - भाई हमारा तो हो गया
अभय दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - वाह 3 घंटे लगाये है तुम दोनो ने और केह तो ऐसे रही हो कुछ मिनट मे शोपिंग कर ली हो
मधु मुह बना के - लरको से जायदा टाइम लगता है हम लरकियों को कियुंकी हम बहोत सारी खरीदारी करते है वो भी अच्छे से देख के
अदिति हस्ते हुवे - सही कहा छोटकी तूने
अभय - हा इसी लिये तो इतना समय लगता है

काजल अभय के पास आके - क्या हो रहा है
अभय काजल को देख हस्ते हुवे - इंतज़ार ताकि आप सब का शोपिंग पुरा हो ताकि हम घर जा सके
काजल हस्ते हुवे - बस हो है गया है

आखिर कार सब की शोपिंग पूरी होती है फिर सारा समान गारी मे डाला जाता है फिर सभी घर के लिये निकल परते है

अभय पहले दिशा पूजा तारा को घर छोरता जो समान थे उसके देख दिया जाता है
फिर अभय मधु सिला को घर छोरता है उसके बाद अभय अपने घर आता है सभी अपने अपने घर पे आ गये

12 बजे गये साम 5 बजे आये

अभय कमरे मे जाता है तो आसा थकी बिस्तर पे लेती आराम कर रही थी

आसा दूसरी तरफ चेहरा किये करवट लिये लेती हुई थी आसा कि बुलु सारी बुलु ब्लाउस मैच मैच मे आसा के पीछे से बहोत कमाल लग रही थी

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लेकिन जिस तरह आसा लेती हुई थी पैर मोरे आसा की फैली हुई गांड की उभार सारी के ऊपर से ही साफ देखे जा सकते है कोई भी ये सीन देख अंदाज़ा लगा लेगा आसा की गांड कितनी बरी गोल मटोल है सीन बहोत बवाल वाला था


अभय आसा के पास आता है आसा जगी हुई थी सोने का वक़्त भी नही था आसा बस आराम कर रही थी अभय के आने का एहसास आसा को हो चुका था आसा पलट कर अभय को मुस्कुराते हुवे देख - आजा मे लाल

अभय भी मुस्कुराते हुवे - आसा के पास लेत आसा को बाहों मे लेते हुवे आसा को देख - मा आज आप थक गई ना
आसा मुस्कुराते हुवे - हा लेकिन आज मजा भी आया कियुंकी आज मेने अपने लाल की शादी की खरीदारी जो की है
अभय मुस्कुराते हुवे - अच्छा लेकिन कुछ छुटा तो नही
आसा मुस्कुराते हुवे - नही रे मेने सब ले लिया याद कर
अभय मुस्कुराते हुवे - हा मेरी मा कैसे कोई कमी रहने देगी
आसा - बिल्कुल मेरे लाल की शादी जो है
अभय आसा के कान मे धीरे से - आप जिस तरह लेती थी पीछे से आप बहोत कमाल की लग रही थी बुलु सारी ब्लाउस मे तो पूरी सेक्सी लग रही थी
आसा अभय की आखो मे देख सर्म से मुस्कुराते हुवे एक कमाल के पॉजिसन मे अदा से - अच्छा पीछे से अच्छी लगी आगे से सेक्स नही लगती सेक्सी
सामने का सीन अपनी मा को इस तरह अदा से कामुक् पोस् मे देख अभय कि भी पल के लिये सासे थम जाती है आसा के सीने से सारी नीचे गिरा हुआ था दूध जैसे कमर गहरी ढोरी अभय के सामने था

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ऐसा नही था अभय ने अपनी मा की कमर ढोरी सीने से पलु हटा सब देखा था और अभय ने तो कमर को चूमा चूसा पकरा भी था लेकिन आज बात पोज की अदा की है जिस तरह आसा अभी एक अदा कामुक् पोस् मे थी यही अभय के दिल की धरकन तेज कर रहा था

आसा अभय को देखती है लेकिन अभय तो मुह खोले आखे फ़ारे अपनी मा को ही देख रहा था अपने बेटे को ऐसे खुद को देखता देख आसा सर्म से लाल हो जाती है लेकिन उसी के साथ आसा बहोत खुश भी होती है ये जान की उसका बेटा उसे किस तरह देख रहा है

आसा सर्म से अभय को देख - लाला कुछ बोलेगा या देखता ही रहेगा
अपनी मा की बात सुन अभय होस मे आके अपनी मा को देखता है फिर अभय आसा को बिस्तर पे लेता के आसा के ऊपर आ जाता है

अभय आसा की आखो मे देख - हा आपने ये कैसे क्या सच बताना मेने आपकी ढोरी कमर सीने पे सारी बिना कई बार देखा है लेकिन आज आपने जो पोज जिस अदा और का..(अभय रुकता है फिर आगे ) अंदाज़ मे थी पहले नही पोस् मारा आप सच मे बहोत सेक्सी लग रही थी कसम से

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आसा अभय की आखो मे देख सर्म से धीरे से - अच्छा तुझे पसंद आया मेरा अंदाज़ पोस्
अभय धीरे से - बहोत बहोत जायदा मा बता नही सकता मेरा दिल सासे थम सा गया था आप देख कर अब बता भी दीजिये
आसा सर्म से धीरे से - वो मेने मोबाइल मे मॉडल को देख किया था

अभय आसा के आखो मे देखते हुवे - आपने मेरे लिये क्या ना ताकि मे देख सकु
आसा सर्म से नजरे दूसरी तरफ कर धीरे से - हा
अभय बहोत खुश होता है अभय आसा के कान मे धीरे से - बहोत सेक्सी हॉट लग रही थी आप मा आगे से भी ऐसे ही देखने के लिये मिलेगा
आसा सर्म से धीरे से - सोचुगी
अभय नाराज होते हुवे - ठीक है
आसा अभय को नाराज देख अभय के गाल सेहलाते हुवे सर्म से- नाराज मत हो ठीक है
अभय बहोत खुश होता है और आसा के होठो पे किस करते हुवे - मा आप बहोत अच्छी है
आसा हस्ते हुवे - अच्छा जी
अभय खरा होके जाते हुवे - हा मे ऑन्टी के घर होके आता हु
आसा मुस्कुराते हुवे - ठीक है बेटा

अभय के जाने के बाद आसा सर्म से मन मे - मेने मोबाइल मे मॉडल को देखा तो पता नही कियु मेने बेटे के सामने वैसे पोस् मारी लेकिन लाला को पसंद आया तो मुझे बहोत खुशी मिली उफ़ लाला कि बाते हरकते

अभय बाइक लेके मिनिता के घर आता है

अभय अंदर जाता है तो मिनिता काजल कोमल बैठे हुवे बाते कर रहे थे

मिनिता अभय को देख - बेटा आओ तेरी ही बाते कर रहे थे
काजल मुस्कुराते हुवे - हा कियुंकी अभय बेटा दुल्हा जो बनने वाला है

अभय सभी को देख- बाते तो आराम से करेगे रात को लेकिन अभी मे काजल बुआ को लेने आया हु

अभय की बात सुन सब हैरान हो जाते है

काजल मन मे - अभय बेटा मुझे कियु लेने आया है
मिनिता अभय को देख - कियु कहा लेके जाने का इरादा है
अभय मुस्कुराते हुवे - सीक्रेट है नही बता सकता
कोमल - कियु नही बता सकता
अभय कोमल को देख - आज नही फिर कभी बता दुगा
कोमल - हा हा लेजा अपनी बुआ को
अभय काजल को देख - चले बुआ
काजल - ठीक है
मिनिता हस्ते हुवे - कही मेरी ननद को लेके मत भाग जाना
अभय मुस्कुराते हुवे - नही भागूगा
अभय बाइक पे बैठ जाता है काजल भी बैठ जाती है अभय फिर निकल परता है

काजल - अभय बेटा साम ढल चुकी है मुझे कहा लेके जा रहे हो
अभय - आपको मुझपे भरोसा है ना
काजल - भरोसा नही होता तो मे आती क्या
अभय - तो फिर इंतज़ार कीजिये पता चल जायेगा

अभय काजल को भी समुद्र किनारे लेके आता है अभय ने काजल का हाथ थामे हुआ था काजल ने भी दोनो समुद्र की तरफ देखते है काजल हैरान कंफ्यूज थी अभय उसे यहा कियु लाया है लेकिन सांत खूबसूरत लहरों के टकराने की आवाज काजल को सुकून पहुॅचा रही थी

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अभय काजल का हाथ पकर किनारे समुंदर को देखते हुवे - बुआ कैसा लगा नजारा
काजल समुद्र को देखते हुवे -सच मे बहोत खूबसूरत है बेटा मेने आज पहली बार समुद्र को इतने पास से देख रही हु और इस समय ढलते सूरज की लालिमा समुद्र को बहोत खूबसूरत बना रही है


अभय फिर काजल को प्यार से देखता है और अपने एक घुटने पे आके काजल का एक हाथ पकर काजल को प्यार से देखता है काजल अभय को ये सब करता देख सॉक हो जाती है

अभय काजल को देख - बुआ मे जो कहने वाला हु वो आपकी नजर मे गलत होगा फिर भी मे कहुंगा आप का जो फैसला होगा मुझे सविकार् होगा

अभय काजल को थोरि देर देखता फिर

अभय - बुआ आप मेरी जिंदगी मे आई आपके साथ मस्ती मजाक वक़्त गुजरते हुवे मुझे पता भी नही चला मे कब आपसे प्यार कर बैठा रात जो हुआ आपको रोते देखा तो मेरा दिल दर्द करने लगा उसके बाद मेरे दिल मे जो आपके लिये फीलिंग थी समझ मे आई

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बुआ मुझे पता है आपकी नजरो मे ये गलत है आप शादी सुधा है मुझे पता है आप मुझे ना कहेगी फिर भी बुआ मे अपने दिल की बात कहे बगैर नही रह सकता ( अभय काजल की आखो मे देख) मुझे बस आपका प्यार चाहिये क्या आप मेरी गिर्लफ्रेंड बनेगी

अभय काजल को देख काजल के कुछ कहने का इंतज़ार करने लगता है काजल तो शोक अभी भी अभय को देखती रहती है 2 मिनट बाद काजल अपने होस मे आके अभय को देख

काजल - बेटा तु सब जानता है फिर भी हा तुम सही हो मे अपने पति को धोका नही दे सकती मे कैसे सब के पीट पीछे तुम्हारे साथ गिर्लफ्रेंड बन रेह सकती हु रात जो हुआ उसमे मेरी भी गलती थी उसे भूल जाओ और तेरे दिमाग मे जो है उसे भी बेटा मेरी बात का बुरा मत मानना तुम भी जानते हो अच्छे से कोई बीवी अपने पति बच्चे सब को धोका देगी फिर आगे सब को जब पता चलेगा तो सब बर्बाद हो जायेगा बेटा मे अपने पति बच्चो से बहोत प्यार करती हु मे कैसे फिर सबसे सामने अपना मुह लेके जाउंगी माफ करना बेटा चलो घर चलते है कभी कभी इंसान गलती करने के बाद उसे एहसास होता है उनसे गलती हुई है हमारे बीच जो भी हुआ मुझे उसका पचतावा नही है लेकिन अब सब भूल जाओ मुझे एहसास हो चुका है

अभय काजल की बाते सुन मुस्कुराते हुवे - हा आपकी हर एक बात सही है बुआ मे मानता भी हु मेरी मा अगर ऐसा करती मुझे पता चलता तो मुझे भी बहोत बुरा लगता तो मे समझ सकता हु मुझे बस आपको अपने दिल की बात बतानी थी ताकि आगे कभी मुझे ये सोच पचतावा ना हो की अगर मेने दिल की बात कही होती तो क्या रिजल्ट आता लेकिन अब मालूम है

अभय दिल का बहोत साफ अच्छा लरका था इस लिये काजल की बातो से अच्छे से सेहमत था और अभय के लिये आगे कहने लायक कुछ नही था अभय कोई मतलबी इंसान नही था तो अभय ने काजल के कहे गये बातो का मान रखा लेकिन दिल मे दर्द था उसे दबा दिया

अभय खरा होके काजल को देख - बुआ प्लेस मुझे गलत मत समझना
काजल अभय को देख - नही सम्झुगी

अभय बाइक पे आके बैठ जाता है काजल भी बैठ जाती है अभय बाइक लेकर निकल परता है अभय के आखो से आसु निकल परते है बाइक तेज थी तो हवा के साथ आसु भी गायब हो जाते है अभय एक हाथ से आसु साफ करता है काजल अंजान जो हुआ उसी के सोच मे गुम थी

अभय मिनिता के घर आता है और काजल नीचे उतर अभय को देखती है अभय सीने मे दर्द छुपाये अपने नॉर्मल अंदाज़ मे मुस्कुराते हुवे - हॉट बुआ मे चलता हु रात को सब आइये गा बाते करेगे

काजल हैरान थी उसे लगा था अभय नाराज मायूस होगा लेकिन अभय नॉर्मल था बस ये काजल को लगता था लेकिन अभय अपना दर्द वाला चेहरा दिखाना नही चाहता था वजह अभय नही चाहता था काजल उसपे दया तरस खाये ना अभय काजल को दया तरस दिखा के हासिल करना पाना चाहता था अगर ऐसा करना होता तो अभय बीच पे ही काजल के पैर पे गिर रोते गिरगिराते काजल को मनाने की कोसिस करता

काजल अभय को देख - ठीक है बेटा आया तो है ही
अभय मुस्कुराते हुवे - जी चलता हु

अभय बाइक लेके घर जाने लगता है काजल अभय को जाते देखती रहती है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 
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