Superb update दीदी मस्तपट गयी, फंस गयी
जेठानी का काम आधे से ज्यादा हो गया था , उन्हें मालूम था की जब तक संदीप को कच्ची कोरी नहीं मिलेगी , वो उन्हें तड़पाता रहेगा , और जो सब प्लान बना के वो आयी थीं , सब फुस्स्स हो जाएगा।
और संदीप से उन्होंने उसकी बहिनिया को दो तीन दिन में लिटाने का वादा किया था , लेकिन वो मौका अगले दिन ही मिल गया।
संदीप को सुबह ही जेठानी ने इशारा कर दिया था, जगह टाइम सब, तय हो गया था , अब असली बात थी , शिकार को हाँक कर के मचान तक पहुंचाने की, शिकारी भी तैयार था, उसकी बन्दूक भी।
और नाश्ता करते करते वो भी , शुरुआत संदीप की सगी समान बहन ने ही की अनजाने में,...
" दीदी, भैया ने नयी नयी मोटरसाइकल ली है "
अब जेठानी जी को मौका मिल गया, और वो संदीप के पीछे,
" जब तक चढ़ने का मौका न मिले,... तेरे भैया बड़े कंजूस है , आज उनसे बोल की हम दोनों को बाइक पे घुमा के लाएं "
वहां सभी लोग थे , संदीप की माँ, चाची किचेन में बिजी इन लोगों को नाश्ता दे रही थीं,
" नहीं नहीं दी आप घूम आइये " छुटकी बोली। और फुसफुसाते हुए मुस्करा के कहा
" अरे आप के लिए रास्ता सेट कर रही हूँ, मैं कहाँ दाल भात के बीच में मूसलचंद बनूँगी। "
जेठानी ने जोर से उसकी जांघ पर चिकोटी काटी और उसके कान में बोलीं,
" अरे मूसलचंद को कम से कम पकड़ के देख लेना। " फिर हलके से समझाया
" अरे तू साथ चलेगी तो किसीको शक नहीं होगा,... चल यार. "
जवाब संदीप की चाची ने दिया,....संदीप को हड़काते हुए.
" अरे घुमा ला न इन दोनों को वरना दिन भर यहाँ पड़े पड़े मेरी जान खायेगी,... और तेरी भी तो छुट्टी चल रही है। "
....
संदीप के मन में तो लड्डू फूटने लगे, तम्बू में बम्बू अंगड़ाई लेने लगा पर ऊपर ऊपर से उसने दस बहाने बनाये, लेकिन चाची की डांट के आगे,...
पर संदीप की माँ ने एक तकनीकी सवाल खड़ा कर दिया,... ' खाना "
अबकी सगी समान चचेरी बहन ही मैदान में आ गयी , बोली , "भैया खिलाएंगे न किसी अच्छे से ढाबे पे ,... "
" एकदम सही कह रही है तू आज इनकी जेब काटनी है अच्छी तरह से " जेठानी जी ने हाँ में हाँ मिलाई।
और थोड़ी देर में जेठानी जी और नयी कच्ची कोरी बहिनिया, फटफटिया पर बैठी,...
खेत, बगीचे, गाँव की सड़क,...
लेकिन थोड़ी देर में वो लोग गाँव से बाहर,... संदीप ने पहले से ही तय कर लिया,
उन लोगों के खेत बाग़ कई गाँवों में फैले थे , एक दूर के गाँव में उनका एक बगीचा भी था और खेत भी वहीँ नया नया ट्यूबेल उन लोगों ने लगया था और एक कमरा भी , घने बाग़ के बीच में,मोटरसाइकिल वहीँ जा के रुकी।
कुछ देर में हम तीनों कमरे के अंदर थे , पुआल, कच्ची मिटटी का फर्श और दो गद्दे पड़े थे, और जब तक बाक दोनों कुछ समझें ,
जेठानी कमरे के बाहर , उन्होने आराम से कमरे के बाहर एक बड़ा सा ढाई पाव का ताला बंद किया , हिला डुला के देखा,
और एक छोटी सी खिड़की से कूद के अंदर,... संदीप और उसकी सगी सी बहन कुछ बतिया रहे थे पर जेठानी ने देख लिया की संदीप की नजर छुटकी बहिनिया की कच्ची अमियों पर एक टक टिकी है, जेठानी मन ही मन मुस्करायीं अभी कुछ देर में ही ये टिकोरे कचर कचर कुतरे जाएंगे और चाभी उन्होंने एक खूब ऊपर ताखे पर फेंक दी.
छुटकी बहन जेठानी से सट गयी, और फुसफुसाते हुए बोली,...
" दी, अब मैं बाहर चलती हूँ, देखिये आपका काम तो हो गया , अब आप और भैया चालू हो जाइये , मैं बाहर खड़ी रहूंगी। "
मुस्कराते हुए जेठानी ने पहले तो संदीप को दिखाते हुए उसे कस के चूमा, फिर जोर से बोलीं ,
" अरे बाहर तो ताला बंद है, कैसे जायेगी , और चाभी ऊपर ताखे में,... तेरा हाथ वहां पहुंचेगा नहीं "
फिर दुलार से समझाया
" अरे दरवाजा अंदर से बंद रहता तो किसी भी आने जाने वाले को शक होता, वो दरवाजा खटखटा के देखता अंदर कौन है,... अब बाहर से ताला देख के चला जाएगा और तू बैठ,..... यहीं देख , सीख जायेगी,... "
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ekdam, meri Jethani ji aisi baheliya ho unke jaal se bachna mushkil hi nahi impossible haifass gayi chidiya()
ekdam, meri Jethani ji aisi baheliya ho unke jaal se bachna mushkil hi nahi impossible hai
Bas aaj Hiअगले अपडेट का इंतजार है...देखते है आपके जेठानी ने और क्या क्या कारनामे किये है ।
आपने मेरी कल्पना को पंख लगा दिए,...राखी पर एक बहन को भाई का गिफ्ट कैसा रहेगा
जब भाई पूर्णिमा की रात अपनी बहन को अपनी गोद मे बिठा कर उसकी... .. .. की सुरक्षा का वचन दे सोचिये इसे कोमल जी द्वारा अपने शब्दों मे पिरो कर प्रस्तुत किया जायेगा तो क्या होगा
भाई बवाल हो जायेगा युद्ध हो जायेगा तलवारें नही नही न्यूक्लियर ब्लास्ट हो जायेगा
कितना रोमांचित होगा कितना उत्तेजित होगा मै कल्पना भी नही कर सकता
ये सारा कार्य केवल और केवल कोमल जी के हाथ मे है
अगले संस्करण की प्रतिक्षा मे![]()
जबरदस्त गज़ब