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+1komaalrani जी क्या लिखती है आप। ऐसा लगता है की कहानी नही पिक्चर चल रही है आँखो के सामने। ओर संवाद तो ऐसे की बिलकुल वास्तविक, अत्यधिक उत्तेजक। आपकी तीनो कहानियाँ में रोज़ update check करता हूँ चाहे किसी ओर की अप्डेट देखूँ या ना देखूँ।
Shandar update....kahani khatarnak mod pe haiजोरू का गुलाम भाग ७०
वाइल्ड डेयर
अगला राउंड शुरू होने के पहले , अजय जीजू ने अपनी स्पेशल सिगी निकाल ली और रोल कर के एक खुद और एक कमल जीजू को ,
मैं पहचान गयी ये कोई ऐसी नहीं स्पेशल सिगी थी , मसाले वाली , चीनू के भाई की शादी में अजय जीजू ने मुझे एक दो सुट्टा लगवाया था।
असली कश्मीरी ,
एक सुट्टे में ही दिमाग और बुर /लन्ड दोनों सातवे आसमान पर पहुँच जाते थे।
" जीजू अकेले अकेले , "
मैंने उन्हें छेड़ा , और खुद उनके हाथ से ले के पहले तो दो सुट्टे खुद लगाए
और फिर रीनू को पास कर दिया ,
" अरे एक कश तो लगा लो , "
कमल जीजू ने थोड़ी जबरदस्ती , थोड़ी मान मन्नौवल कर के उनके होंठ में भी खोंस दिया।
कश तो वो अब लगा ही लेते थे , और मम्मी ने उन्हें 'पेसल ' वाली सिगरेट का धुंआ भी सुंघा दिया था।
पर ये तो एकदम दिमाग का रायता बनाने वाली थी ,सोच समझ का बिस्तरा गोल,
खांसते ,हिचिकचाते उन्होंने दो कश लगा ही लिए , और असर एकदम साफ़ दिख रहा था।
सिगरेट चालू थी लेकिन गेम का अगला राउंड शुरू हो गया ,
रीनू ने पत्ते खोल दिए ,
डार्क रेड यानी वाइल्ड डेयर वाले ,
और पहला टास्क मुझे ही मिला ,
एक आइटम गर्ल की तरह डांस , बूब्स को झटके देते हुए ,
फिर अपनी थांग खोल के सबको अपनी बुलबुल खोल के दिखाना ,
और दो ऊँगली अंदर डाल के दो मिनट तक फिंगरिंग
और फिर मेरे चूत रस में सोक्ड फिंगर ,अजय जीजू को चटाना ,
खूब हल्ला हो रहा था जब मैं डांस कर रही थी ,
जीजू लोगों के साथ ये भी जब मैंने थांग नीचे सरकायी ,कुछ देर तक हथेली में चुनमुनिया को छुपा के रखा ,
उसे हलके हलके रगड़ा ,उँगलियाँ फैला के उसकी झलक दिखाई ,
फिर एक और बाद में दो ऊँगली अंदर ढकेल दी।
जितनी जोर से मैंने सिसकी ली ,उससे दूने जोर से पब्लिक ने आहें भरी।
बुर तो में पहले सी गीली थी और अब सबके सामने इस तरह फिंगरिंग ,
बुर का बुरा हाल था।
मुझे अजय के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी ,
खुद आके उसने बुर के रस में नहायी मेरी दोनों ऊँगली अपने मुंह में और जोर जोर से चाटने लगा।
अगला नम्बर अजय का ही था , और बड़ा खतरनाक डेयर ,
कमल जीजू के ब्रीफ में हाथ डालकर उनके लन्ड को मुठियाना ,पूरे दो मिनट तक।
न वो झिझका न कमल जीजू।
कमल जीजू का लन्ड अब उनके ब्रीफ को फाड् के एकदम निकल जाने की हालत में था।
और तब तक रीनू ने कमल जीजू का भी कार्ड निकाल दिया।
इस कमरे में बैठे किसी भी लड़के को किस करना ,.... डीप फ्रेंच किस
और उन्हें तो मौका मिल गया ,डेयर रीनू ने पूरा बोला भी नहीं था
और कमल जीजू ने 'उन्हें' अपनी बाहों में में कस के बाँध के , सीधे लिप्पी और वो ,....डीप फ्रेंच किस में बदल गया।
पता नहीं कमल जीजू ने पकड़ा के या उन्होंने खुद ,... जो मैंने देखा तो उनका हाथ ब्रीफ फाड़ते कमल जीजू के खूंटे पर था।
उनका कार्ड भी रीनू ने ही निकाला ,
अजय की गोद में बैठ कर अपने चूतड़ उसके खूंटे पर , ड्राई हंपिंग चार मिनट तक ,
थोड़ा वो झिझके , पर साली का हुकुम और सिगी का असर ,
जबरदस्त ग्राइंडिंग।
रीनू का कार्ड मैंने खोला ,
और उनका फायदा हो गया ,
रीनू को उनका लन्ड बॉक्सर शार्ट से बाहर निकाल कर के दो मिनट तक मुट्ठ मारना था ,
फिर सुपाड़ा खोल के एक छोटा सा किस ,
लेकिन वो साली ,असली साली थी ,किस पे नहीं रुकी ,पूरा गप्प कर लिया।
अब तक हम सब पूरी तरह मूड में रंग गए थे।
और वैसे भी अगला राउंड , तो ,.... एकदम। ..
लेकिन न रीनू रुकी न उसके जीजू ,... यानी मेरे उन्होंने ने उसे रुकने दिया ,....
ये डार्क डार्क रेड कार्ड्स थे , यानी वाइल्डेस्ट डेयर वाले।
पर अब हम सब जिस मूड में थे , एकदम से नो होल्ड्स बार्ड वाला ,...
कमल जीजू ने उन्हें स्पेशल सिगी का एक जोरदार सुट्टा लगवाया और , फिर उन्होंने रीनू के हाथ से कार्ड ले के ,
डेयर रीनू का था , लेकिन सच में तो हम दोनों का , ...
रीनू को मुझे किस करना था लिप्स पे ,
फिर मेरे निपल चार मिनट तक सक करना था
और मुझे उसका
फिर रीनू को मेरी थांग हटा के मेरी बुर में पहले तो ऊँगली करनी थी और फिर चाटना चूसना था ,
और मेरी बुर के रस से भीगे होंठों से तीनो मर्दों को किस करना था।
Shandar update....kahani khatarnak mod pe hai
Waiting for updateYes you are right,....
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , ... ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , ... दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , ... "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे ,
नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था
और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , ... एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,...
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
बीच में मेरी नयी भाभी ,
उसके दोनों ओर उसके ननदोई यानी मेरे जीजू अजय और कमल , और मैंने सोफे के हत्थे पर।
चीनू ,रीनू सोफे के पीछे खड़ी।
नयी दुल्हन का पहला दिन था तो उसके साथ उतना ज्यादा तो नहीं पर उसके दोनों कन्धों पर अजय और कमल जीजू ने हाथ रखे हुए थे और उनकी शरारती ललचाती उंगलिया बस उसकी गोलाइयों से थोड़े ही ऊपर ,
" हे उधर बैठी हो कड़ा कड़ा गड़ रहा होगा , आ इधर बैठ जा न , "
कमल जीजू भी न, उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया ,
ऊपर से मेरी मझली बहन रीनू ,वो भी मेरे पीछे पड़ गयी ,
" हे माना की तू छोटी साली है लेकिन मैं भी तो कमल जीजू की साली हूँ ,मुझे भी बगल में बैठ के फोटो खिंचवाना है :
और बस मैं कमल जीजू की गोद में।
मेरी भाभियाँ , नयी दुल्हन सब उनकी शरारतों पर मुस्करा रहे थे।
एक सलहज ने उन्हें छेड़ा ,
" सम्हल के अरे , सालियों और सहलज के धक्का मुक्की में कहीं गिर न पड़ें ,ज़रा सम्हल के। "
" अरे आपके ननदोई इत्ती जल्दी गिर जाते हैं ,क्यों जीजू , नयी सलहज का असर है क्या ,"
मैंने भी जीजू को चिढाया।
बिचारे ट्रैक बदल के ,वो मेरे पीछे पड़ गए ,
" वहां लकड़ी पर बैठी थी कडा कड़ा लग रहा होगा , और यहां ,.... " कमल जीजू बोले।
" अरे जीजू नहीं ,यहां ज्यादा कड़ा कड़ा लग रहा है। "
उनके गदहा छाप तने औजार पर खुल के अपने बड़े बड़े चूतड़ रगड़ते मैं बोली ,और उन्होंने भी
ठीक बीच की दरार में उसे सेट किया हुआ था।
अब संध्या भाभी का मौक़ा था , वो उन्हें छेड़ने लगी ,
,
" अरे हमें तेरी चिन्ता है कहीं तू न गिर पड़े ,"
और कमल जीजू को उन्होंने उकसाया ,
" अरे ननदोई जी ,साली को पकड़ने की जगह बनी हुयी है न , तो वहां ठीक से और जोर लगा के पकड़िये न "
बस कमल जीजू का हाथ सीधे मेरी चोली के ऊपर ,उभार पे और वही कस के रगड़ता मसलता ,
संध्या भाभी ने न सिर्फ अपने नन्दोई को उकसाया बल्कि मेरा आँचल ठीक करने के बहाने एकदम एकदम लुढ़का दिया ,
और फिर तो ,... मेरी चोली खूब लो कट थी , एकदम डीप , गहराई के साथ मेरी गोरी गोरी गोलाइयाँ भी एकदम झलक रही थी ,
चोली टाइट भी बहुत थी , एकदम मेरे जोबन को कस के चिपकाए , उभारे , पुश अप ,
और अब पूरी तरह खुली , ... और कमल जीजू का हाथ अब सीधे खुल के मेरे उभार को न सिर्फ छू रहा था , सहला रहा था , बल्कि दबा भी रहा था ,
मैं क्यों मौका छोड़ देती ,
उनकी गोद में तो बैठी ही थी , और खूंटा उनका एकदम तना कड़ा खड़ा , बस हलके हलके मैंने अपने नितम्बो को जीजू के तने मूसल पर रगड़ना , घिसना , दबाना शुरू किया ,
और असर तुरंत हुआ , उनका हाथ कस के मेरे उभार को दबाना शुरू कर दिया और खूंटा भी ऐसा बेताब जैसे अभी उनके पैंट को फाड़ के , मेरी लहंगे को चीर के सीधे मेरे पिछवाड़े घुस जाएगा।
संध्या भाभी भी न , मुझे चिढ़ाती बोलीं ,
" क्यों कोमलिया , क्या सोच रही है , ये चोली कितनी ख़राब है , मेरे जवानी के फूलों और जीजू के बीच में चीन की दीवार बनी , ... "
और आज मेरी दोनों बहने भी डिफेक्ट कर के सीधे भौजाइयों की ओर , चीनू मेरे गाल पर पिंच करते बोली ,
" सच में , लेकिन घबड़ा मत मेरी छोटी बहना , बस थोड़ी देर की बात , ... चोली , लहंगा सब हट जाएगा , साली और जीजा के बीच कुछ आना भी नहीं चाहिए ,... आज तो तेरी लाटरी निकल आयी है , एक साथ दो दो मिलेंगे , मोटे मोटे , कड़े कड़े ,... "
मोटा और कड़ा तो मुझे भी अच्छी तरह पता चल रहा था जिस तरह कमल जीजू का हथियार मेरे पिछवाड़े चुभ रहा था।
छवि , मेरी नयकी भाभी , एकदम हम लोगों से सटी , अपने दोनों नन्दोईयों के बीच में बैठी थी , कनखियों से अपने बड़े नन्दोई , कमल जीजू की बदमाशियां देख रही थी , उसकी दोनों ननदे , रीनू और चीनू , और मैं कोमल सीधे उसके बगल में नन्दोई की गोद में , ...
कमल जीजू का एक हाथ तो मेरे उभार का अब खुल के मजा ले रहा था ,
और दूसरा हाथ नयी सलहज के कंधे पर , सरकते हुए ऑलमोस्ट उसकी गोलाइयों पर , ..
और अजय जीजू ने अपना छवि के दूसरे कंधे पर ,...
और फोटोग्राफर हम लोगो की ग्रुप फोटो लेने की तैयारी कर रहा था , तब तक चीनू ने उसे रोक दिया , और कमल जीजू को हड़काया
" जीजू ,एकदम बेईमानी , आप साली सलहज में भेदभाव नहीं कर सकते , इट इज नॉट फेयर , "
और पहले तो छवि का आँचल थोड़ा सा सरका दिया , और उसकी भी चोली दिखने लगी ,
साथ ही कमल जीजू का हाथ खींच के सीधे उसके उभार पर ,
और फोटो ग्राफर को बोला , अब खींचो फोटो ,
मुझे लगा नयी भाभी को कहीं बुरा न लग रहा हो , मैं तो उससे सट कर बैठी ही थी , उसके कान में फुसफुसाई मैं ,
" क्यों मजा आ रहा है दो दो नन्दोईयों का एक साथ , ... "
वो जिस तरह जोर से मुस्करायी और उसने अपने आँचल को ठीक करने की भी कोशिश नहीं की ,
मैं समझ गयी वो भी एकदम हम लोगों की तरह है ,
पांच मिनट की ग्रुप फ़ोटो पंद्रह मिनट में पूरी हुई।
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था।