DP queen humari guddi.लास्ट डांस, उस्मान और मुन्ना
![]()
हाल में एक बड़ी सी वाल क्लॉक लगी थी जिसने जोर से बारह का घंटा बजाया, और डी जे ने अनाउंस किया पार्टी का लास्ट डांस,
डांस फलोर करीब करीब खाली था , बस दो चार लड़कियां, लड़के वो भी नशे में बस झूम रहे थे
जा न, रानी ने उकसाया और कान में बोला, कम्प्लीट स्ट्रिप वाला राउंड है पहले पांच मिनट के अंदर,
डांस फ्लोर पर प्रीति भी थी,
![]()
रानी ने ही उससे मेरी दोस्ती कराई थी, कोचिंग की सबसे बड़ी लंड खोर, लेस्बो भी,
हाईस्कूल के बाद ही दो साल वाले प्रोग्राम में आयी थी पर उसका इस साल तीसरा साल था। कहीं पी जी में कोचिंग के पास ही रहती थी, बादशाह का गाना चल रह था, अभी तो पार्टी शुरू हुयी है, जैसे ही गाना ख़तम हुआ, जोर से प्रीति बोली और बाकी लड़कियां भी,
' अरे अभी तो पार्टी शुरू हुयी है, जिसको डांस नहीं करना है जाके अपनी बहन चुदाए,"
और मुझे डांस में ज्वाइन करने का इशारा किया , बगल में खड़ी एक बार गर्ल की ट्रे से मैंने एक वोडका का पेग उठाया और गड़प
और मैं डांस फ्लोर पे था, गाना स्टार्ट हो गया था शहर की लड़की,
शहर की लड़की, ....बाँहों में घूमे,
और मुझे उस्मान नजर आ गया, जबरदस्त जिम टोंड बॉडी, कोचिंग की जिम में मिल चुकी थी और वैसे भी रानी की लिस्ट में ये चौथे नंबर पे था और मेरी भी हिट लिस्ट में
और मैं उसकी बाहों में बादशाह के साथ हम दोनों गा रहे थे
मस्ती में घूमे घूमे ,बाँहों में झूमे झूमे
हाय तेरी जालिम फिगर, तेरी मचलती नजर
मस्ती में चूमे चूमे चूमे
और मैंने खुद उस्मान को चूम लिया और जबरदस्त फ्रेंच किस,
प्रीति को दिखा के, मेरी जीभ उस्मान के मुंह में और कुछ देर में उस्मान के होंठ सरक के मेरे कड़े कड़े लौंडो के सीने में छेद करते निप्स पर और स्साला क्या चूस रहा था,
![]()
चूस चूँची रहा था आग चूत में लग रही थी
और गाना बज रहा था, शहर की लड़की , ओय शहर की लड़की
चूँची चूसते चुसवाते भी हम दोनों, मैं और उस्मान डांस की रिदम पे थिरक रहे थे, मेरी निगाह साथ में बाकी लड़कियों पे भी थी और ख़ास तौर से प्रीति पर और जैसे ही प्रीति की उँगलियाँ नाचते नाचते उसकी माइक्रो स्कर्ट पे पहंची, मैं समझ गयी, उसकी अगली हरकत और उसके पहले मेरी स्कर्ट सर सर सरकती हुयी डांस फ्लोर पे, और बिना रिदम टूटे,
हो हो हो हो
बहुत जोर से लड़के लड़कियों ने हल्ला किया, लड़कों से ज्यादा लड़कियों ने, जो फ़ूड स्टाल पे थे, सोफे पे चेयर पे बैठे थे, अब तक कोई लड़की नहीं बची थी जो एक दो बार चुद न चुकी हो
![]()
और फोकस लाइट्स भी सीधे मेरी जाँघों के बीच में और में भी चूतड़ मटका के बुर उछाल के सबको ललचा रही थी, डांस करते अपनी चुनमुनिया को अपने पंजो से ढक लेती फिर दो उँगलियाँ खोल के जरा सी झलक
शो अस, शो अस लड़के चिल्ला रहे थे
डांस फ्लोर की लाइट्स धीमी हो गयीं थी और तेज फोकस लाइट सिर्फ मेरी थिरकती, खुली जाँघों के बीच में, सरकती, सरसराती, टहलती, जैसे लाइट न हो किसी लौंडे की उँगलियाँ हों, प्यासी पागल
और मैंने हाथ हटा के दिखा दिखा दिया, खूब रसीली गीली गीली गुलाबी फांके, कस के मेरे खजाने को अपने अंदर छिपाए,
![]()
दसों लड़कों ने एक साथ सीने पे हत्थड़ मारा, ओह्ह्ह और वहीँ फ्लोर पे लोट गए
और मैं समझ गयी अब पूरी कोचिंग में इस खजाने को लूटने वालों की होड़ रहेगी, अरे जवानी और जोबन आता ही किसलिए हैं, स्साले इन्ही लौंडो के लिए
लेकिन बहुत देर तक वो स्साले चक्षु चोदन नहीं कर पाए, मेरी भीगी भीगी गुलाबी दुल्हनिया पे उस्मान के होंठ चिपक गए थे और स्साला क्या मस्त चूसता था,
![]()
लेकिन मैंने उसे थोड़ी देर में ही खींच के खड़ा कर दिया और मेरे हाथों ने उसके जींस और फ्रेंची का एक साथ वही हाल किया जो मेरी स्कर्ट का हुआ था, दोनों फर्श पे
डांस फ्लोर की बाकी लड़कियों के भी स्कर्ट खुल गए थे और प्रीति के डांस पार्टनर की पैंट भी
और प्रीति डांस फ्लोर पे ही बांसुरी बजा रही थी
![]()
लेकिन मैं सीधे ऐक्शन के मूड में थी, हलके से धक्के से मैंने उस्मान को नीचे फर्श पे गिराया, और बादशाह की म्यूजिक की रिदम पे थिरकती मेरी कमर, मैं नीचे झुकी
मेरी चुनमुनिया उस्मान के खुले मोटे सुपाडे को बस जैसे किस कर रही हों, मैंने खुद अपनी उँगलियों से पूरी ताकत से दोनों फांके खोलीं और उस्मान का मोटा सुपाड़ा फंसा दिया,
इशारे से मैंने उसे बरज दिया था की वो कुछ देर तक कुछ नहीं करेगा, और मैं भी अब कुछ नहीं कर रही थी, बस चुनमुनिया में उस्मान के बिना चमड़े के मोटे सुपाडे को फंसाये, एक बार फिर डांस फ्लोर की लाइट डिम हो गयीं थी, आलमोस्ट अँधेरा और फोकस लाइट सिर्फ मेरी चुनमुनिया और उस में फसे सुपाडे पर
जैसे नीली फिल्मों में क्लोज अप दिखाते हैं एकदम वैसे ही
प्रीति के यार साजिद ने उसे निहुरा दिया था,
म्यूजिक एक बार फिर तेज हुआ और मैंने डीजे वाली को इशारा किया भोजपुरी कोई पुराना गाना
और गाना शुरू हुआ,
तनी धीरे धीरे डाला,... बड़ा दुखाला रजऊ
और मैंने ह्च्चक के धक्का मारा और जोर से बोली,
" रजऊ धीरे से काहें। जोर से धक्का मार,... स्साले "
![]()
और मेरी बात सुन के जैसे साजिद को जोश आया और हचक के उसने प्रीति की बुर में पेला
हम दोनों की रामकली, उस्मान और साजिद का आधा लौंड़ा घोंट चुकी थी और म्यूजिक के साथ चुदाई भी चल रही थी, कभी मैंने ऊपर से धक्का मारती तो कभी नीचे से उस्मान मेरे कंधे पकड़ के पेलता, और मैं जवाब में अपनी छोटी छोटी चूँचियाँ उसके सीने पे रगड़ देती। सच में जबरदस्त चोदू था स्साला उस्मान, तभी तो रानी की लिस्ट में टॉप फाइव में था,
लेकिन डांस फ्लोर की बाकी लड़कियां मैदान छोड़ चुकी थीं पर लड़के बचे थे और हर बार यही परेशानी होती है लड़कियां कम और लड़के ज्यादा,
बस में भी हम १६ लड़कियां थीं और २४ लड़के थे। लेकिन मैं जानती थी हर लड़की के तीन छेद होते हैं तो इस हिसाब से हम १६ मिल के ४८ का काम तमाम कर सकती थीं यानी २४ के दूने के। तो मैंने एक लड़के को जो डांस फ्लोर पे ललचायी निगाह से देख रहा था उसे इशारे कर के बुलाया
हम दोनों मिल चुके थे, बंटू के गैंग का, पिछवाड़े का दीवाना, मुन्ना।
और उस का खूंटा मेरे मुंह में, एक साथ दोनों होंठों को मजा मिल रहा था, एक को उस्मान का दूसरे को मुन्ना का
![]()
और प्रीति भी दो का मजा एक साथ ले रही थी।
पर कुछ देर में डी पी चालु हो, डबल पेन्ट्रेशन, मुन्ना तो मेरे पिछवाड़े का पहले दिन से ही दीवाना था और जब मौका मिला तो क्या मस्त गांड मारी उसने
और प्रीति पर भी दो मुस्टंडे चढ़े थे दोनों छेद आगे पीछे के .
आज की इस पार्टी की मेरी पहली डीपी थी, डबल पेलाई कर बस इस में मैं दिखा देंगे चाहती थी सब लौंडो को की अब डीपी क्वीन साजिदा का खिताब खतरे में हैं, डांस फ्लोर पर दो दो लौडिया एक साथ दो लौंड़े ले रही थीं, स्साली कोचिंग की रंडी, प्रीती और नयी खिलाडी मैं,
![]()
कोचिंग के हॉट इंडेक्स में तो पहले हफ्ते में ही मैं टॉप पे पहुँच गयी थी, लौडो को तो छोड़िये, कोचिंग के स्टाफ, दो चार मेल टीचर और यहाँ तक अगल बगल की दूकान वालों की भी पैंट मेरे जुबना को देख के टाइट हो जाती थी,
लेकिन असली खेल था चुदाई इंडेक्स, कोई लड़की कितनी भी हॉट हो अगर नहीं देगी, तो बेचारे लौंड़े कब तक लाइन मारेंगे, और देने के मामले में कोचिंग में प्रीती के आगे कोई नहीं था, कार की पिछली सीट पर और कुछ नहीं हुआ तो बाइक पे ही निहुर के, स्कर्ट उठा के, और सुन्दर और हॉट वो भी कम नहीं थी, तो कोचिंग की रंडी के नाम से मशहूर थी।
तो बस लौण्डे देख रहे थे, की इस डीपी में कौन लौंडिया ज्यादा देर तक लंड घोंटती है, कौन ज्यादा रस ले ले कर देती है,
प्रीती के आगे वाले छेद पर साजिद का कब्जा था और पीछे से राजीव चढ़ा था, गपागप घोंट रही थी, जोर जोर से सिसक रही थी, देख रहे लौंडो को फ्लाईंग किस दे रही थी।
असली खेल तो ये था की कौन ज्यादा देर तक चुदती है, अगर किसी का पार्टनर झड़ के अलग हो गया तो वो भी उठ जायेगी और फिर लौण्डे जो बची जोड़ी होगी उसी का खेल देखंगे और उनके दिमाग में वही विनर होगी कर जो लौण्डे बैठे थे वो कम से कम दो तीन राउंड चोद चुके थे तो बस अभी आधे घंटे के आराम के मूड में थे और साथ में ड्रिंक ड्रग्स, मस्ती, और जोर जोर से हल्ला
लेकिन मैंने सोच समझ के उस्मान के चुना था। रानी ने बताया था की कोचिंग में रेस का सबसे लम्बा घोडा वही है, सबसे देर में झड़ने वाला है
और भले मैं कोचिंग में पहली बार डीपी कर रही थी,
पर भाभी के जीजू लोगों ने कित्ती रगड़ रगड़ के मेरी डबल पेलाई की थी, कमल जीजू ने पहली बार मेरी गांड मारी थी और फिर अजय जीजू ने भी और दोनों ने पता नहीं कितनी बार मिल के मेरी सैंडविच बनायीं,
और यहाँ तक की दोनों भाभियों ने भी आठ आठ इंच का डिलडो लगा के,
और मैंने सीख लिया था की जब दो दो मर्दो से एक साथ चुदवाओ, तो दोनों में से किसी को न लगे की लौंडिया उसको अटेंशन नहीं दे रही थो, अगर जिसके ऊपर चढ़ के जिसका लंड बुर में घोंट रही हो, उसके सीने पे चूँची रगड़ रगड़ के उसे मजे दे रही हो, उसकी आँखों में आँखे डाल के उसे और कस के धक्के मारने के लिए चैलेन्ज कर रही हो तो गांड सिकोड़ के जिसका मूसल गांड में घुसेड़ रखा है उसे भी सिग्नल दो, पेल स्साले कस के , हाथ पीछे कर के, उसके औजार को पकड़ के और अंदर ठेलो, सहलाओ और मरद को मजा आता है लड़की की चीख में गाली में जवाब देने में
![]()
और ऐसे ३६ तरीके दोनों जीजू के साथ मैंने सीख लिए थे फिर गीता ने भी बहुत गुनसिखाये थे, तो आज स्साली प्रीती का रंडीपना उसकी गांड में इसी डांस फ्लोर पे घुसेड़ना जरूरी था,
लेकिन प्रीती भी कम नहीं थी न उसके पार्टनर, राजीव
जबरदस्त हचक हचक के प्रीति की गाँड़ मार रहा था,
मरवा मरवा के स्साली के चूतड़ बड़े मोटे हो गए थे, कभी उसे पकड़ के कभी एक चूँची दबोच के, स्साला क्या मस्त धक्के मार रहा था और साजिद का खूंटा भी काम लम्बा नहीं था, प्रीति उस पे उछल रही थी, चुद रही थी, और मुझे देख के मुस्करा रही थी, जैसे बोल रही हो, स्साली तूने बहुत आग लगा रखी थी न, अब फैसला हो जाएगा कौन है कोचिंग की असली रंडी, पक्की लंडखोर।
![]()
और सच में फैसला अभी होना था, और मुझे आज इस प्रीति की माँ बहन सब चोद देनी थी,
राजीव न सिर्फ प्रीति की हचक हचक के मार रहा था, बल्कि मुन्ना को भी चढ़ा रहा था,
" अबे स्साले, जरा कस कस के पेलो ने स्साली तेरी ये रंडी पूरे कोचिंग में चूतड़ मटका के आग लगाती है, "
मैंने मुस्करा के राजीव को हाई फाइव किया, बात उसकी इतनी तो सही थी की मैं चूतड़ मटका के सालो के लंड टाइट करती थी, अरे जब तक लौंडिया आगे से दस पांच को जोबन से न घायल करे और पीछे से दस बीस को चूतड़ मटका के न पागल करे तो जवानी और जोबन आने का फायदा क्या ?
लेकिन मुन्ना को मैंने इशारे से मना किया, जल्दीबाजी नहीं,
उस्मान तो मुझे मालूम था मुझे झाड़ के ही झड़ेगा और अभी अभी गंगा को बुरी तरह पेल के आ रहा है तो दूसरे बार में तो वैसे ही उसे टाइम नहीं लगाना है, बस मुन्ना दस धक्के मारता था और फिर दस तक की गिनती और उस समय मैंने अपनी गांड दबोच के, ढीली कर के, पूरा मजा देती थी और वो भी मुझे कस के चूमता, झुक के चूँची काटता चूसता और वो समय होता जब उस्मान अपने मूसल पे मुझे उछालता और लड़कियां जोर से चिल्लातीं
" हाँ उस्मान आज गीता की फाड़ दे, बना दे स्साली का भोसंडा " हल्ला करने वालियों में साजिदा, वहीदा, नूर सबसे तेज थीं।
![]()
मैं कनखियों से देख रही थी और जब प्रीति के दोनों यार झड़ने के करीब आ गए, वो चाह के भी नहीं रुक सकते थे,और प्रीति भी तक के ठहर हो गयी थी, दस बारह मिनट हो भी गए थे दो दो मूसल झेलते, चेहरे से लग रहा था थक गयी है, इशारा भी अपने यार साजिद कोकर रही थी
बस यही मैं चाह रही थी मैंने भी अपने दोनों घोड़ो को एड लगाई,
और गजब की ताकत थी उस्मान में, उसने मुन्ना को आँख मार के रुकने का इशारा किया, वो पूरा लंड ठेल के मेरी गाँड़ में रुक गया और फिर उस्मान ने में कमर पकड़ के क्या उछाला मुझे अपने भाले पे, स्साले का बित्ते भर का कटा खूंटा था भी,
कुछ देर में बारी बारी से दो चार मिनट मुन्ना मेरी गाँड़ मारता तो उस्मान रुक जाता और जब उस्मान पेलता तो मुन्ना रुक जाता।
और मैं बस प्रीति के रुकने का इंतज़ार कर रही थी, पहले वही झड़ी और फिर उसके दोनों यार और तबतक यहाँ पे मुन्ना और उस्मान साथ साथ मेरी कुटाई कर रहे थे, बस मैंने उस्मान के कान में कुछ कहा
और वो खड़ा हो गया, लेकिन लंड दोनों घुसे रहे, मेरी बुर में भी गाँड़ में भी। कौन मैं पहली बार खड़े खड़े गाँड़ मरवा रही थी या दो दो एक साथ ले रही थी, कमल जीजू और अजय जीजू दोनों कितनी बार, और भैया ने तो किचन में भी खड़े,
![]()
लेकिन ये देख के स्साली प्रीति की फट गयी, खड़े खड़े चढ़ी तो वो भी होगी लंड पे लेकिन अब उसके वाले दोनों ढीले हो गए थे और वो खुद थेथर ,और फिर दो पर एक साथ
मेरी एक जांघ उस्मान ने उठा रखी थी, पूरा जोर उसके हाथ पे था, बड़ी ताकत थी उस मरद में और मैंने पूरी ताकत से जाँघे फैला राखी थीं, उस्मान का सामन मेरी रामकली में पूरा धंसा, मैं थोड़ा सा उछली तो उस्मान ने मेरी दूसरी जांघ अपने दूसरे हाथ पे, और हैब मैं हवा में। एक मेरा हाथ मुन्ना के कंधे पे और दूसरा उस्मान के, और मुड़ के मैंने उस्मान को जबरदस्त चुम्मी ली, और बोली
" स्साले अब तो मैं तुझे छोडूंगी नहीं, बिना नागा लुंगी तेरा "
मारे ख़ुशी के क्या धक्का मारा उसने, सीधे बच्चेदानी पे लगा मेरी चीख निकल गयी और अगला धक्का मुन्ना का था, मेरी गाँड़ और बुर दोनों मन लंड जड़ तक घुसे थे और मेरी निगाह बड़े स्क्रीन पे पड़ी,
![]()
सालो ने पता नहीं कहाँ कहाँ कैमरे लगाए थे, एकदम नीचे के एंगल से मेरी बुर और गाँड़ दोनों का क्लोज अप और दोनों में मूसल जड़ तक घुसा हुआ, दोनों बुरी तरह फैली,
प्रीति मुंह खोले देख रही थी, लड़के जोर जोर से सीटियां बजा रहे थे मेरा नाम ले ले के चिल्ला रहे थे, दो चार ने तो मुठियाँना भी शुरू कर दिया
और अब मैं उछल उछल कर चुद रही थी, स्क्रीन पे दिख रहा था, स्पॉट लाइट सिर्फ मेरे ऊपर, पांच मिनट तक इसी तरह, और फिर हम दोनों फर्श पे और अबकी मुन्ना को मैंने इशारा किया, और उनसे गाँड़ से तो निकाला लेकिन सीधे मुंह में और पिछवाड़े वाले छेद को कोई आराम नहीं, वहां उस्मान ने खूंटा घुसेड़ दिया और अब आगे वाले छेद पे मुन्ना का कब्ज़ा था,
फिर अदला बदली हो गयी और मैंने उस्मान के कान में बोल दिया,
" अबे स्साले आज मुन्ना को झड़ जाने दे पीछे, फिर किसी दिन तेरा लूंगी पीछे, अभी वैसे भी जावेद ने चौड़ा कर दिया है "
मैं उस्मान पे चढ़ी हचक हचक के उससे चुदवा रही थी उसे चोद रही थी और पीछे से मुन्ना के धक्के का भी जवाब, कभी गांड टाइट कर के मुन्ना के खूंटे को निचोड़ भी लेती,
पहले मुन्ना झड़ा, फिर मैं और उस्मान साथ साथ
प्रीति मुझे देख के मुस्करा रही थी, अब तय होगया था की कोचिंग की सबसे जबरदस्त चुदवैया कौन लौंडिया थी , प्रीति ने मुझे गले लगाया और हमने एक दूसरे को चूम लिया
थोड़ी देर का ब्रेक लिया मैंने, सबने क्योंकि बार और फ़ूड स्टाल थोड़ी देर में बंद होने वाले थे,
वाह जिओ गुड्डी बाई जिओ. ऐसे ही तुझे रितु ने बाई नही कहा. एकदम पक्की छिनार. डांस फ्लोर पर सभी लोंडो को बुला लिया. बंटू अकेला कम पड़ा. डांस फ्लोर पर तेरा भोजपुरी सांग पर असली मुजरा. और उसके बाद बंटू के साथ रूम मे. वाओ.भाग २५५
रात बाकी, बात बाकी,
![]()
अभी तो पार्टी शुरू हुयी है
40,05,281
![]()
जावेद को तो वैसे ही चाहने वालियों की कमी नहीं थी और मैंने उसका इतना कस के निचोड़ दिया था की कम से कम जब तक डीजल पानी नहीं भर लेता, दुबारा बीस पच्चीस मिनट बाद ही उसका इंजिन गरम होगा। जावेद चार पांच लड़कियों के झुण्ड से घिरा फ़ूड स्टाल की
और मैं डी जे की ओर, और उससे तान्या झा के गाने लगवाए और फिर उछाल के डांस फ्लोर पे बंटू के पास,
जब तक मैं बंटू के पास पहुंची, वो तान्या झा के गाने पे थिरक रहा था, मेल वॉयस वाली
केतना के तोर सामान बा, केतना एकर दाम बा, केतना के तोर सामान बा,
और मैं तान्या झा की आवाज के साथ अपने खुले जुबना को मटकाते, उभारते, दोनों हाथों से दिखा दिखा के सहलाते ललचाते गा रही थी,
ऊपर का बाटे बाटे दस के, ऊपर का बाटे दस के
![]()
और जोर से मैंने चक्कर काटा तो मेरी बित्ते भर की स्कर्ट हवा में और ताज़ी चुदी गुलाबो रानी दिख गयीं, बस क्या सीटियां गूंजी हाल में
और तान्या झा गा रही थीं
नीचे का बाटे बीस के, अरे नीचे का बाटे बीस के
और मैंने न सिर्फ उठा के बल्कि जाँघे फैला के और उँगलियों से अपनी चुनमुनिया की दोनों फांके खोल के दिखा दीं की मैं किस सामान की बात कर रही थी.और स्साले हाल वाले, मौका नहीं चूकते, जैसे मैंने स्कर्ट उठायी,
पूरे हॉल की लाइट बंद, यहाँ तक की डांस फ्लोर की भी, और सिर्फ एक जबरदस्त स्पॉट लाइट , सीधे मेरी राजदुलारी पर, बस वही दिख रही थी,
और पीछे लगी स्क्रीन पे भी लाइफ साइज, और ताज़ी चुदी चूत की खूबसूरती कुछ और ही होती है और फिर जब उसमे ऊपर तक मलाई बजबजा रही हो,
![]()
पूरे हॉल में हल्ला, कैटकॉल्स, सीटियां, और एक तेज आवाज गूंजी,
" जियो राज्जा, अब हमका तो इहे चाही, जान मार लिया तूने छप्पन छुरी "
स्कर्ट अभी भी ऊपर थी, गुलाबी परी दिख रही थी, और मैंने अपनी दोनों उँगलियों से दोनों फांको को कस के रगड़ना शुरू किया, स्टेज पर, पीछे स्क्रीन पर सिर्फ मेरी उँगलियाँ और मेरी गुलाबो दिख रही थी, एकदम चिपकी, सटी, कसी, बिनचुदी चूत मात ऐसी कसी,
और एक बूँद मलाई की निकल के मेरी मखमली जांघो की ओर चल पड़ी, बस मैंने ऊँगली से उसे लपेट के, चाट लिया और वो स्पॉट लाइट अब मेरे भीगे भीगे रसीले होंठों पे
और फिर एक बार म्यूजिक शुरू हो गयी, डांस फ्लोर की लाइट और तान्या झा का गाना लौट आया,
गाना आगे बढ़ा और मैं बंटू से डांस करते करते चिपक गयी, और उसके दोनों हाथ खींच के अपने जोबन पर रख दिया
" भरोसा ना बा इ बाबू तो देख ला एके पीस के "
और वो सच में मसल रहा था, रगड़ रहा था पीस रहा था, और मैं टॉप लेस तो पहले ही हो गयी थी तो मेरे खुले थिरकते जोबना पर स्पॉट लाइट भी थिरक रही थी और उस पे मेरे यार बंटू के हाथ, और उसके चमचे, हॉल में से सीटी बजा रहे थे, उन सब के साथ लड़कियां चिपकी पड़ी थीं, मैंने इशारे से उन सबको भी डांस फ्लोर पे बुला लिया
गाना बंद हुआ, पल भर के लिए हम दोनों अलग हुए और अब डांस फ्लोर पर छह सात जोड़े थे
और तान्या झा ने फिर गाना शुरू कर दिया
उसके चमचे मुन्ना, गुड्डू भी स्टेज पर और कुछ और लड़कियां भी,
पूरे हाल में सीटी गूँज रही थी, गाना बदला और अगला भी तान्या का ही था
घोड़ी वाला पोज में सैंया रोज करेला,
![]()
और मैं डांस करते करते निहुर गयी और बंटू पीछे से स्कर्ट उठा के
और जैसे ही ये गाना खतम हुआ, मैं और बंटू कमरे में थे।

वाह... अब तक फिर जावेद को क्यों हीरो बनाए रखा. जब बंटू के इतने बखान हो रहे है. जो लड़की चुदवाते ना चिल्लाए. तो मतलब वो पहले बंटू से चुद रखी है. मतलब साफ है. बंटू का खुटा मोटा और लम्बा. गुड्डी बाई खुद अपने भैया को अपनी कथा सुना रही है. बच्चे दानी तक जा रहा था. और अपनी भौजी पर उजाम क्यों लगा रही है. साली है तो पैदाइसी रंडी. रेनू ने तो तुझे सही से ट्रेन किया. तभि तो प्रोफेसल रंडी बनी. मोटे लम्बे लंड वाला बंटू भी गुड्डी बाई की तारीफ ही कर रहा था. तू मस्त चुदवाती है. कहा से सीखा. अरे यह तो भाभी का आशीर्वाद है. माझा आ गया.मैं और बंटू
![]()
गाना अभी भी छन छन के कमरे में आ रहा था लेकिन एक तो ये कमरा बहुत छोटा था और दूसरे बजाय बेड के बस एक छोटी सी मेज एक कोने में, स्कर्ट मेरी अभी भी कमर तक मुड़ी
और मैं बस मुड़ के एक बार बंटू को देख के आंख मार के, निहुर गयी मेज पकड़ के और बंटू को देख के गाने लगी,
घोड़ी वाला पोज में सैंया रोज मारेला
चुम्मा चाटी तो डांस के टाइम ही हो गयी थी, बस कमर पकड़ के क्या धक्का बंटू ने मारादनदनाता हुआ उस का मोटा खूंटा मेरी बिल में,
गनीमत थी की जावेद के धक्को ने वैसे ही थोड़ा ढीला कर दिया था और उसकी मलाई भी, लेकिन तब भी हल्की सी चीख निकल गयी,
" उह्ह्ह बंटू थोड़ा आराम से लगता है यार, स्साला तेरा मोटा बहुत है " चीखते हुए मैं बोली
" अरे चुदते हुए लड़की अगर चीखी नहीं तो कैसे याद करती की बंटू से पेलवा के आयी है " कस कस के मेरे जोबन मसलते हुए वो बोला वो,
बंटू जैसा भाभी ने कहा था, उनकी दोनों बातें एकदम सही, वो एकदम रॉ,रफ और रस्टिक, लेकिन उसका मजा ही अलग है, स्साला खूब रगड़ रगड़ के पेल रहा था चोद रहा था। चूँची भी कस कस के मसल रहा था और धक्के भी हर धक्का पूरी ताकत से, और मजा भी बहुत आ रहा था, ऊपर से उसकी गालियां
" घोंट ले लौंड़ा जड़ तक, स्साली जो जो बंटू का लौंड़ा घोंटती हैं दुबारा जरूर चुदने आती हैं, "
![]()
" वो छिनार स्साली और होंगी जो मेरे यार से दुबारा तिबारा चुदने आती होंगी, ये तेरा माल स्साला तो अब तुझे छोड़ेगा नहीं, रोज तो स्साला कोचिंग में दिखता है, अब ये वाले समोसे खाना रोज,... बिना नागा "
![]()
उसके हाथों को अब कस कस के अपनी चूँचियों पे रगड़ते मैं बोली।
और सच में बंटू ने मेरे दोनों समोसे कस कस के रगड़ने मसलने लगा,
अभी तक तो ड्रेस के अंदर देख के उसका टाइट होता था और अब उसकी मुट्ठी में थी दोनों चूँचियाँ, और वो क्या सारे लौंडे मेरे कोचिंग में आने के बाद बस मेरी दोनों हेडलाइट्स देख के, फड़फड़ाते थे और उसकी असली दोषी थीं, और कौन मेरी भौजाई। पहले तो भैया को बुद्धू बना के, उन्हें बॉडी पियरसिंग वाली के शाप पे, और मेरे निपल रिंग का एडवांस जमा कर दिया और मुझे भी लगा यार भैय्या का इतनी मेहनत का पैसा तो चला ही गया है, रिफंड तो मिलेगा नहीं, तो लगवा ले, और कोई छेद वेद भी नहीं, बस निप्स के ऊपर ही तो, लेकिन असर मुझे बाद में पता चला, बाद में क्या उसी दिन जब मैं भाभी के साथ शॉप पे गयी, सब लौंडे एकदम मुझे ही,...
बेचारे मेरे भैया,
बनाने वाले ने सीधापन कुछ ज्यादा ही डाल दिया है और झिझक भी, वो तो मेरी और मेरे भैय्या की किस्मत ऐसी की, ऐसी भाभी आ गयीं, जिसने उनको कुछ सुधार दिया। उस दिन भी भाभी और वो बॉडी पियर्सिंग वाली नैंसी दोनों इनके पीछे पड़े तब उन्होंने चूस चूस के मेरा निपल टनटनाया, और उसके बाद उस नैंसी ने, एक कोई मशीन लगा के,
![]()
और क्या साली मशीन थी, मेरे निप्स बढ़ के डेढ़ दो इंच लम्बे और करीब पौन इंच मोटे, लग रहा था पूरी चूँची का खून यही आगया है।
मैं जानती थी मशीन हटने के बाद फिर वो जस की तस हो जायेगी, लेकिन मना रही थी की, किसी तरह ये निप्स ऐसे ही लम्बे कड़क रहें २ इंच न सही डेढ़ इंच , एक इंच भी हों तो पूरी कोचिंग में आग लगा दूंगी
लेकिन मेरी भाभी न हैं बहुत अच्छी, बिना कहे मेरे मन की बात समझ ली थीं उन्होंने और जब नैंसी ने मशीन हटाई तो तुरंत ही वो गोल्डन रिंग लगा के जैसे वेल्ड कर दी हो , असली सोना २२ कैरेट वाला। और उसके बाद नैंसी ने एक एक कोलाजेन के इंजेक्शन दोनों निपल्स पे लगा दिए और एक एक ब्रेस्ट के बेस पे,
![]()
कोचिंग में पहले दिन ही मिसाइल से लेकर बरछी तक सब बोला गया, उन्ही निप्स को और ये बंटू एंड पार्टी भी मेरे समोसों को देख के समोसे की दूकान पे, एकदम घायल,
![]()
लेकिन निपल्स की उस हालत से मेरी हालत भी कम खराब नहीं रहती थी ड्रेस से रगड़ खा के वो निपल्स हरदम अराउजड रहते और दोनों चूँचियाँ भी एकदम पथराई रहती, जैसे कोई लौंडिया खूब गर्मायी हो, एकदम असली चुदवासी, लंड की पियासी, और देखने वाला लौंडा दूर से समझ जाए, बस पटाने की देर है, झट से टाँगे खोल देगी ये।
और उसी जोबना का घायल ये बंटू,
दोनों बरछी की नोक पहले दिन ही चुभ गयी थी और आज वो दोनों जोबन उसकी मुट्ठी में, जिसको टच करने के लिए सारे कोचिंग के लौंडे पागल थे, लिफ्ट में चढ़ते उतरते, सीढ़ी पे, बस धकका देते, रगड़ते लौंडे निकलते और जो हिम्मती होते वो ऊपर से पकड़ भी लेते,
और मैं कौन कम थी, समोसे की दूकान पे, गन्ने के रस वाले के यहाँ जब मैक्सिमम भीड़ होती थी, वहीँ बस दरेररते रगड़ते घुसती, और कम से कम दस पांच से चूँची अच्छी तरह से मिजवा के ही निकलती,
बेचारे अगर इसी से उन्हें मजा मिलता है तो काहें तरसाऊं अपने जोबन के दीवानो को,
और आज वो जोबन कस के वही बंटू रगड़ मसल रहा था और मैं उसे उसका रही थी, तान्या झा के गाने की लाइन दुहरा दुहरा के,
" भरोसा ना बा इ बाबू तो देख ला एके पीस के "
और वो स्साला सच में पीस रहा था, पूरी ताकत से दबा रहा था लेकिन मेरे उभार स्पंज बाल की तरह दबाते फिर वैसे के वैसे,
एक बार सुपाड़े तक लंड निकाल के बंटू ने करारा धक्का मारा, मेरी चूल हिला के रख दी साले ने
अब जावेद तो रोज कोचिंग में आनेवाला नहीं, और ये स्साला तो रोज वहीँ, जब मन किया तब,… फिर दूसरे ये गायेगा भी जोर जोर से पूरी कोचिंग में मशहूर हो जाएगा, ये स्साली, ये नया माल खाली दिखने में नहीं बल्कि लेने में भी टॉप क्लास है.
![]()
मैंने कस के बंटू के मोटे मूसल को अपनी चूत में भींच लिया और कस के पीछे से एक धक्का दिया, जवाब में उसने भी धक्का दिया और
अबकी सुपाड़ा बंटू का मेरी बच्चेदानी से लगा और हम दोनों की चीख निकल गयी, मस्ती से।
स्साली बहन की लौंड़ी क्या मस्त चुदवाती है, ओह फिर कर ऐसे स्साली
और सच में बंटू जिस तरह से चोद रहा था, कोई भी लौंडिया दुबारा जरूर उसके पास जाती सिर्फ लम्बा और मोटा औजार ही नहीं था उसके पास , रगड़ के चोदना जानता था वो, और कोई स्साली कितनी भी शरीफजादी क्यों न बने, अरे अगर कुतिया बन के चुदवा रही है तो उसके साथ मर्द को कुतिया की तरह ही पेश आना चाहिए न और बंटू एकदम उसी तरह का था , रगड़ के चोदने वाला, जम के गरियाने वाला और कचकचा के काटने वाला,
और मैं उसी तरह से साथ भी दे रही थी,गाली का जवाब गाली से धक्के का जवाब धक्के से,
कमर में ताकत बहुत थी स्साले के, जैसे कोई मोटा पिस्टन अंदर जा रहा हो, फुल स्पीड से, बस उसी तरह, धक्के पे धक्का, और दो चार धक्के के बाद जब उसका हथोड़ा छाप सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी पे चोट करता तो बस कभी लगता जान निकल जायेगी, कभी लगता ये मजा स्साली गुड्डी तूने पहले क्यों नहीं लिया और जब खूंटा अंदर होता तो उसके दोनों हाथ एकदम पूरी ताकत से मेरी चूँची निचोडंते और साथ में वो गरियाता भी,
" स्साली तेरी इन चूँचियों ने पूरी कोचिंग में आग लगा रखी है, कोचिंग क्या पूरे शहर के लौंडे यही सोच के मुट्ठ मारते हैं, बहन की लौंड़ी,"
" अबे वो चूँचिया अब तेरे हाथ में है ले ले मजा मन भर के, देखती हूँ तेरी माँ ने कितना अपनी चूँची से दूध पिलाया है " मैं कौन चुप रहने वाली थी, और माँ का नाम सुन के कौन लौंडा नहीं गरमा जाता, तो बंटू भी कचकचा के गाल काट लेता, कंधे पे अपने दांत लगा देता, मेरे होंठो को चबा जाता और फिर बंटू में चूँची को कस के दबा के एक धक्का और,
![]()
" अब्बे साले, सच में तू मेरी चूँची का इतना दीवाना है, तो कल से उस समोसे वाली दूकान पे आ के खुद तेरी गोद में बैठ जाउंगी दबा लेना मेरी चूँची, टॉप खोल के मन भर, बस ऐसे ही पेलता रह मेरे यार "
मैं और उसे जोश दिलाती, और कस के अपनी चूत में भींच लेती
और बेचारा बंटू साला पागल,
" ओह्ह संगीता स्साली, ये कहाँ से सीखा है, हाँ कर ऐसी, ओह्ह "
और मैंने फिर से अपनी चूत से उसके खूंटे को प्रेम गली में दबोच लिया और उसकी ओर मुड़ के बड़ी बड़ी आँखों से देख के बोली,
" ऐसे जानू "
अब तो मारे ख़ुशी के उसकी हालत खराब, क्या ताबड़तोड़ चुदाई हुयी .
और दस मिनट में हम दोनों साथ साथ झड़े, और देर तक मलाई उसकी अपनी चूत में घोंटती रही, मेरी मीठी भाभी, रीनू भाभी ने समझा के भेजा था, सुन गुड्डी बाई, असली रंडी वो होती है जो मरद का लंड और जेब दोनों खाली करा ले, तो सब मलाई अंदर, "
और मेरी भाभी ने एक और काम की बात बताई थी,
![]()
" मर्द को असली सपोर्ट तब चाहिए होता है जब वह झड़ चूका हो, तो उस समय भी उसे पकडे रहो, उसके हाथ को दबाओ, प्यार से देखो, और सबसे बड़ी बात लंड को बाहर मत न निकलने दो। "
हम दोनों के झड़ने के दो चार मिनट के बाद भी मैंने बंटू के औजार को अपने अंदर ही रखा, मुड़ के प्यार से उसकी ओर देख रही थी, कभी हाथ से उसके हाथ को दबाती तो कभी शरारत से चूत भींच के उसके अब ठन्डे पड़े खूंटे से प्यार जताती,
और थोड़ी देर साथ शायद और मस्ती करते लेकिन बाहर से कोई खट खट कर रहा था, मेरी पक्की वाली सहेली लतिका की आवाज थी
" खोल न यार, यहाँ चूत में आग लगी है और सारे कमरे,.. "
![]()
लतिका के साथ साजिद था।
लेकिन अब मेरे पेट में चूहे दौड़ रहे थे और हम दोनों फ़ूड स्टाल की ओर गुड्डी

Waah chunnu ko bhi nahi chhoda.मजा कच्चे केले का
![]()
लेकिन अभी तो पार्टी शुरू हुयी थी और हाँ जो बॉर गर्ल्स थी उनमे से भी कुछ ने पार्टी ज्वाइन कर ली थी, क्योंकि लड़कियां पहले से कम थी और करीब चार पांच तीन बार चुद के हार मान चुकी थीं, कुछ लड़के भी थक गए थे,
मैं भी तीन से चुद चुकी थी, जावेद, बंटू और उस्मान और दो का पिछवाड़े ले चुकी थी, जावेद और मुन्ना, तो कुल पांच,
लेकिन चार बार चुद चुकी लौंडिया भी कई थीं, मैं कनखियों से लड़कियों की जाँघे देख रही थी, बताया तो था। परमानेंट मार्कर, गुलाबी आगे, बुर रानी के लिए और काला क्रास पीछे चूतड़ पे, पिछवाड़े के लिए। दो तीन लड़कियों के गुलाबी दरवाजे पे चार गुलाबी मार्कर के निशान थे, साजिदा मेरी कोचिंग की डीपी ( डबल पेलाई) क्वीन के चार निशान थे, दो आगे दो पीछे, मतलब दो बार डीपी हुयी थी।
लेकिन प्रीति मुझसे अभी भी आगे थी,
![]()
अगवाड़े उसके चार और पिछवाड़े दो निशान थे।
लड़को की भी यही हालत थी, दो दर्जन आये थे, करीब एकदम पस्त हो गए थे, दो तीन राउंड के बाद, कुछ मुश्किल से एक दो राउंड के लिए रेडी थे लेकिन वो भी अभी सुस्ता रहे थे,
हाँ आठ दस लौंडे अभी भी गरमाये थे, खूंटा खड़ा, और वो सब मेरे चक्कर में,
लें एक तो आधे घंटे बाद बार और फ़ूड स्टाल बंद होने वाले थे और दूसरे आधे घंटे का ब्रेक अनाउंस हो गया था, मतलब चोदा चोदी नहीं हो सकती, न अगवाड़े न पिछवाड़े, हाँ चुम्मा चाटी पर कोई रोक नहीं, और चुम्मा चाटी में चुसवाना चूसना भी शामिल था।
बार और स्टाल इसलिए भी बंद होने थे की बार बालाएं और बाउंसर भी भी मस्ती की पाठशाला ज्वाइन करने वाली थी, वरना बेचारे लड़के और उनके मूसल बिल ढूंढते रहते,
लेकिन वो बस वाली बाउंसर, उसने मेरे कंधे पे छुआ और एक लौंडे की ओर इशारा किया,
" स्साला चिकना,.... ये वो वही है, जिसकी आज पहली पार्टी है और बस में हम लोगों के साथ था, हाईस्कूल पास कर के जस्ट ज्वॉयन किया है २ साल वाले कोर्स में, .....लगता है दूध के दांत भी नहीं टूटे और शार्ट उसकी अभी नहीं उतरी, ऐसे टांग पे टांग चढ़ा के बैठा है जैसे कोई उसकी ले लेगा "
मैं उस बाउंसर से बुदबुदायी,
![]()
और खिखिलाते हुए वो बोली,
" एकदम स्साला भी तक बचा है और इस पार्टी में आके भी भी कोई बिना नथ उतरवाए चला जाए, ये तो तेरी भी बेइज्जती है और पार्टी की भी अब पटा ले इसे, ये पार्टी का चैलेन्ज है, खा ले कच्चा केला "
हँसते हुए वो बाउंसर बोली, अब वो भी अपना लबादा उतार के छोटी सी ब्रा पैंटी में थी।
![]()
और मैंनेभी तय कर लिया था की कच्चे केले को गटके बिना छोडूंगी नहीं, कच्चे केले का मजा है अलग है, जैसे लौंडे कच्ची अमीया, कच्ची कली के दीवाने होते हैं वैसे ही लड़कियां भी, कच्चे केले के लिए,
और मैं सीधे से जाके उसके गोद में बैठ गयी, चुन्नू के (उसका घर का नाम भी मुझे रानी ने बता दिया था ।
सच में चैलेन्ज की बात ही थी,
और अपने चूतड़ को उसके शार्ट के ऊपर रगड़ते मैं बैठ गयी, और मुस्करा के उसकी ओर देखा, और वो भी मुस्करा दिया, लेकिन सबसे ज्यादा अच्छी बात थी, उसके शार्ट में जो पहलवान था वो भी ख़ुशी से उछल गया, कुछ तो रानी ने बताया,कुछ अब मैंने अंदाज लगा लिया, और ये साफ़ था इस बच्चे का बच्चा इत्ता छोटा भी नहीं था, हाँ मेरे भतार ( या भाई ) ऐसा नहीं था तो वैसा तो किसी का भी नहीं है। ६ इंच से ज्यादा ही रहा होगा, मोटा भी ठीक ठाक और वैसे भी मैंने तय कर लिया था की अब मुझे लम्बी रेस का घोडा नहीं चाहिए, रानी की लिस्ट से तीन का मैं घोंट चुकी थी,
तब तक एक सिगरेट बाला गुजरी, और उसने खुद मुझे एक सिगरेट पास भी कर दी और सुलगा भी दी, मैं समझ गयी ये पेसल वाली है जो अजय जीजू मुझे पिला चुके थे,
" हे मैं सिगरेट नहीं पीता" वो बालक जोर से चिल्लाया, जिसकी गोद में मैं बैठी थी, और जिस स्साले की नथ उतारनी थी, और main मुस्कराके आँख मार के उसके गाल पे चपत लगा के बोली
" " अबे स्साले तुझे पिला भी कौन रहा है । "
क्या जबरदस्त सुट्टा था, स्साला एकदम बुर में आग लगा देने वाला, लंड को पागल कर देने वाला, लेकिन एक बूँद धुंआ भी मैंने अंदर नहीं घोंटा, एक बार और, फिर मेरे गाल उस नशीले धुंए से भर गए थे, आँखे लाल हो रही थीं, लेकिन मैंने एक सुट्टा और मारा, अबकी पहले से भी तगड़ा, आधी सिग्गी ख़तम, और जबतक वो छोरा समझे समझे, मेरे होंठ उसके होंठ पे, और ये चुम्मा बहुत नशीला होने वाला था। उसके दोनों मालपुआ छाप गालों को मैंने कस के दबाया, लौंडे के होंठ खुले और मेरे होंठ भी और मेरे मुंह का सारा नशीला धुँआ, उसके मुंह में। जैसे फेविकोल का जोड़ हो, मेरे होंठ चुन्नू के होंठ से चिपके थे, और जब तक सब नशे का धुँआ, मेरे मुंह से उसके मुंह में नहीं चला गया, और उसके बाद भी,। मेरे दोनों हाथ कस के उस स्साले चिकने के सर को दबोचे थे, और ज्वाइंट का नशा उसके सर में, शिराओं और धमिनियों में, उसके मन में। मैं समझ रही थी कितना जबरदस्त उबाल आ रहा होगा और पांच दस मिनट में तो उसकी सब लाज शर्म, झिझक उसके पिछवाड़े, अरे स्साला कोचिंग की पार्टी में आया है बिना लौंडिया चोदे चला जाएगा,
जब मेरे होंठ हटे, तो चुन्नू की आँखे भी लाल हो रही थीं और वो सोचने की, बोलने की हालत में नहीं था, बची हुयी सिग्गी मैंने उसके मुंह में खोंस दी और उसके शार्ट को पकड़ के उसे बार पे, ले गयी,
" नहीं नहीं, मैं ये सब नहीं लेता और यहाँ कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स हैं नहीं, नारियल पानी सोडा लाइम, मॉकटेल " बेचारा चुन्नू।
" अबे तू नहीं पीता लेकिन मैं तो पीती हूँ, " और मैंने बार गर्ल्स से कान में नीली वाली गोली मांगी।
वियाग्रा १०० भी थी लेकिन सामने नहीं और ऑन डिमांड दी जाती थी और सारे लौंडे एक दो राउंड के बाद तो ले ही ले ते थे
बस वो एक नीली गोली, और वोडका प्योर,
आँखे बंद मैं बोली
उसने अच्छे बच्चे की तरह आँख बंद कर ली,
मुंह खोल स्साले, मैंने हड़काया
और उसने लड्डू खाने की तरह मुंह खोल दिया और पहले तो नीली गोली, फिर एक पेग पूरा वोदका और गोली अंदर, और मैं जोर से मुस्करायी,
अब ये स्साला न सिर्फ मुझे बल्कि दो चार को और चोद के ही घर जाएगा और अब नंबरी चोदू बनेगा, मेरे होंठों ने उसके होंठ दबा रखे थे और एक हाथ चुन्नू के शार्ट के अंदर और एक झटके में चमड़ा खींच के सुपाड़ा बाहर
लेकिन मैंने शार्ट उसकी नहीं उतारी और वहीँ बगल में खाली पड़े एक सोफे पे बैठ गयी, और उसको कस के चुम्मा लेके उसका शार्ट खींच के दूर फेंक दी जहाँ एक बार बाला ने कैच कर लिया, ( नियम ये था की जो भी शार्ट या स्कर्ट कैच करेगा, अगली चुदाई उसके साथ )
और फनफनाया खूंटा पकड़ के बोली, " अबे स्साले, उतारना इसलिए था की पता करूँ की तू चुन्नू है की चुन्नी, तेरी नूनी है की लौंड़ा, अच्छा खासा औजार लेकर लौडियों की तरह शरमाता है "
" आप मुझ से बड़ी है, आप को देख के कर मेरा, " बड़ी मुश्किल से शर्माते हुए वो बेचारा चिकना बोला, और उसके गाल को काट के मैंने चिढ़ाया
" अबे स्साले, अब दीदी मत बोल देना मुझे। और बोल भी देगा तो मैं पक्की भाईचोद हूँ, और तुझे बहनचोद बना के रहूंगी । और तेरी कोई बहन वहन है की नहीं पेलने लायक, "
" है, लेकिन अभी छोटी है, बस चौदह , " वो अब कुछ खुलते खुलते बोला, लेकिन मैंने उसकी बात बीच में काट के कस के मुठियाते हुए, छेड़ा
" अबे, आगे मत बोल, मतलब पक्की चोदने लायक है ये बोल चूँचिया कैसी हैं स्साली की, नाम क्या है "
" चुन्नी, अभी छोटी हैं, समझिये टिकोरों की तरह" वो मुस्करा के बोला।
" अरे फिर तो एकदम पेलने के लिए तैयार है, अबकी कोचिंग में फिर मिलूंगी न तो उसके पहले उसकी फाड़ देना, वरना मैं खुद उसके ऊपर कोचिंग के दस लौंडे चढ़वा दूंगी " हँसते हुए मैंने उकसाया, लेकिन फिर मेरी बोलती बंद हो गयी, इत्ता मस्त खूंटा खड़ा था, चोद सकती नहीं थी अभी ब्रेक चल रहा था, लेकिन चूसने पर कोई पाबंदी नहीं थी, तो झुक के लालपाती जीभ से मैंने पहले तो उस स्साले के सुपाड़े को सलाम किया, उसके पेशाब के छेद को चाटा और वो चुन्नी का भाई गिनगीना गया,
'गप्प' लीची ऐसा मीठा रसीला सुपाड़ा मेरे मुंह में और मैं आराम से चुभलाने लगी। और चुन्नू का हाथ खींच के अपने जोबन पे, इस स्साले को सीखने में टाइम नहीं लगेगा, अब मेरे बाद वो बार बाला जिसने उसकी नेकर कैच की थी और साजिदा दोनों आँख गड़ाए बैठीं थी, बिना इसका पानी पिए जाने नहीं देंगी।
चुन्नू मेरी चूँची दबा रहा था, और मैं चूस भी रही थी, मुठिया भी रही थी, कभी लम्बे नाखुनो से उसके बॉल्स को छेड़ देती ततो वो सिसक पड़ता
और उसी समय ब्रेक ख़तम होने का सिंग्नल बजा और चुन्नू सोफे पे और गुड्डी उसके ऊपर, और बिना चोर सिपहिया के पूरी ताकत से उसका पहले तो मैंने खूंटा राजदुलारी के मुंह में सटाया और सट्ट से अंदर, एक बार में आधे से ज्यादा। जैसे किसी कच्ची कली को कोई तगड़ा मरद जबरदस्ती पेलता है, उसी तरह उसके ऊपर चढ़ के मैं उसे कचर रही थी, कचकचा के उसके होंठ काट रही थी, अपनी दोनों चूँचियाँ उसके सीने पे रगड़ रही थी, और गरिया रही थी,
" स्साले अगर अगले दस दिन में तूने उस चुन्नी को अपनी बहिनिया को अपना लंड नहीं घोटाया तो मुट्ठी से तेरी गाँड़ मार लूंगी"
वो हलके से मुस्कराया, मतलब स्साला बहन चोदने के लिए एक अच्छे आदर्श भाई की तरह तैयार हो गया। बस मारे ख़ुशी के उसके दोनों कंधो को पकड़ के वो जबरदस्त धक्का मारा की बाकी खूंटा भी मेरे अंदर, और अब बिना धक्के के मैं सिर्फ पूरे घुसे लंड को निचोड़ के कभी छोड़ के उसे पागल कर रही थी, साजिदा मुझे देख रही थी और कुछ इशारा कर रही थी,
उसका यार हामिद मुझे देख के पगला रहा था, और साजिदा उसी की सिफारिश कर रही थी, और साजिदा का मन मेरे वाले कच्चे केले पर भी आ गया था।
पास से एक होस्टेस ड्रग्स की ट्रे गले में टाँगे गुजारी और मैंने इशारा किया और मुंह खोल दिया, कच्चे केले को चुदते देख के वो भी मुस्करा रही थी, बस उसने मेरे खुले मुंह में बजाय एक के इ की दो गोलियां,
और वो घुलें उसके पहले मेरी चुम्मी चुन्नू के साथ और एक गोली उसके मुंह में और हामिद को इशारे से बुला के डीप फ्रेंच किस और इ की दूसरी गोली भी हम दोनों के मुंह में घुल गयी, और उसके साथ ही हामिद का खूंटा मेरे मुंह में और मैंने कस कस के नीचे लेते चुन्नू को धक्के मारने शरू कर दिए, मेरा एक जोबन चुन्नू के हाथ में और दूसरा हामिद के पास, अब चुन्नू भी उतना अनाड़ी नहीं था, वो भी धक्को का जवाब धक्के से दे रहा था,
लेकिन असली चुदवैया बनने के लिए उसका ऊपर आना जरूरी था, एक पल के लिए मैंने हामिद को हटाया और ऐसी पलटी मारी की चुन्नू ऊपर मैं नीचे,
कुछ वियाग्रा का असर कुछ एक्स्टसी का, और कुछ इत्ती देर से दर्जनों राउंड चुदाई को देखने का, अब वो भी हचक हहक के पेल रहा था ुर मैंने भी नीचे से चूतड़ उठा उठा के धक्के मार रही थी, लेकिन साथ ही हामिद का खूंटा कही सहला के कभी चूस के अगले राउंड के लिए तयारी कर रही थी,
वो बार बाला जिसने चुन्नू का नेकर कैच किया था और साजिदा दोनों अपनी बारी का इन्तजार कर रही थीं।
जैसे ही चुन्नू झड़ने लगा, मैंने कस के उसे अपनी टांगों के बीच भींच लिया और मैं भी साथ में झड़ रही थी। लेकिन वो बेचारा गिरने के बाद सुस्ता भी नहीं पाया की वो बारबाला और साजिदा ने उसे कैच कर लिया, वो दोनों सोफे पर और मैं हामिद को लिए जगह ढूंढ रही थी,
कोई जगह खाली नहीं थी, बस एक बार की टेबल थी और मैं वही पकड़ के निहुर गयी, अपनी दोनों टांगो को फैला लिया और समझदार को इशारा काफी,
वैसे भी तगड़े मर्दों को डॉगी पीजे बहुत पसंद है तो बस पीछे से हामिद चढ़ गया और मैं समझ गयी साजिदा क्यों मरती है उस स्साले पे
क्या धक्का मारा स्साले ने बंद कमरे में तारे दिख गए। स्साला हामिद, क्या ताकत थी उस की कमर में, जैसे मशीन लगी हो, किसी इंजन का पिस्टन हो, गपागप गपागप, चार पांच धक्के धीमे धीमे उसके बाद बाद पांच मिनट तक तूफ़ान मेल मात उस स्साले के पेलमपेल में, और सिर्फ चुदाई नहीं, बहुत लोग डॉगी स्टाइल में लड़की की कमर पकड़ के धक्के मारते हैं, लेकिन वो मादर एक हाथ से तो मेरी छोटी छोटी चूँची दबा नहीं रहा था एकदम निचोड़ रहा था और दूसरा कभी मेरी पतली कटीली कमरिया पे तो कभी चटाक से चूतड़ पे, और कभी दोनों हाथों से दोनों चूँची मसलते धक्का मार रहा था, हर तीसरा धक्का सीधे बच्चेदानी पे, और उसके धक्कों से बचने के लिए मैंने जाँघे खूब फैला रखी थीं,
लेकिन उसकी बदमाशी देखते मुझे भी बदमाशी सूझी, मैंने अपनी टाँगे चिपका ली, जाँघे सटा के जैसे ही हामिद का खूंटा पूरा घुसा, मैंने कस के चूत सिकोड़ के लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया, मुझे मालूम था की इससे लंड जल्दी झड़ जाता है और मैं चाहती भी थी, एक तो मैं गर्मायी थी, दूसरे अगले ब्रेक के पहले मैं किसी एक ओर अपने आशिक का फायदा करवाना चाहती थी भले ही वो टी २० टाइप हो।
लेकिन हामिद कम हरामी नहीं था, उसने कस के अपने दांत मेरी चूँची पे गड़ाए, मेरी चीख निकल गयी और पकड़ धीमी पड़ गयी, और उसने खूंटा बाहर निकाल के दूनी ताकत से ठोंक दिया, और बोला, " स्साली इत्ती लौंडिया पेली, लेकिन तेरे ऐसा गरम माल आज तक नहीं देखा”
और इत्ती मस्त तारीफ़ का जवाब संगीता न दे तो फिर कौन देगा, और मैंने जैसे ही उसने अपना आठ इंची का खूंटा बाहर निकाला, बस सुपाड़ा फंसा था, मैंने खुद पीछे से धक्का मार के गपक लिया, फिर तो एक धक्का वो और दूसरा धक्का मेरा। डॉगी में अगर खाली मरद पेले और २० मिनट में झड़ने वाला हो तो दोनों ओर के धक्को के बाद २० का १० नहीं तो १२-१४ हो ही जाता है लेकिन मजा भी दूना होता है। कभी मैं निचोड़ लेती थी, कभी वो लंड हाथ में पकड़ के गोल गोल बुर में घुमाता जिससे साड़ी अंदर की दीवारे छिल जातीं, वो तो गनीमत थी की बुर में चार चार की मलाई थी, जावेद, बंटू, उस्मान और चुन्नू।
मैंने कनखियों से चुन्नू की ओर देखा, बुरी हालत थी बेचारे की। थोड़ी देर पहले साजिदा और वो बार बाला मिल के उसका क्रीम रोल चूस रही थीं चाट रही थीं , एक के मुंह में गन्ना तो दूसरे के मुंह में रसगुल्ले, कभी दोनों साथ साथ एक एक साइड से चाटतीं तो कभी बारी बारी से, लेकिन अब बार बाला उसके ऊपर चढ़ी थी, चुन्नू का लंड उसकी बुर में और साजिदा भी खाली नहीं बैठी, वो चुन्नू के ऊपर और उसको अपनी चुदी चूत चूसा रही थी, जिसमे हामिद, उस्मान और न जाने किसकी किसकी मलाई भरी पड़ी थी।
हामिद ने धक्को की रफ़्तार बढ़ाई तो मैं समझ गयी, अब वो किनारे पे आ रहा है, मैंने भी घोड़े को एड लगायी, जोर जोर से धक्के ल लगाने शुरू किये और कुछ देर बाद हम दोनों साथ साथ झड़े।
जब मैं अलग हुयी तो मैंने चुन्नू को देखा, पार्टनर बदल गए थे अब वो अपने नीचे दबी साजिदा को चोद रहा था और बार बाला चुन्नू को उसीकी मलाई चटा रही थी, अपनी बुर से।
अभी भी कई लड़के मेरे आस पास चक्कर काट रहे थे और मेरी निगाह रवि पर पड़ी, दो चार बार गन्ने के स्टाल पे मेरा पैसा दे चूका था और ललचायी निगाह से मुझे देख रहा था, लेकिन कई लड़कियों ने मुझे कहा टू मिनट नूडल है ये
पर मैं भी थक गयी थी और टाइम भी जयादा नहीं था और मैं उसे देख के मुस्करा दी, एक सोफा खाली था, रवि ऊपर मैंने नीचे
और अब सब काम मैंने उसे ही करने दिया, दो मिनट तो नहीं लेकिन पांच छ मिनट में वो झडा और उसी समय ब्रेक अनाउंस हुआ
मैंने तीन स्कोर कर लिया था, और मैंने प्रीति की ओर देखा उसकी जांघ पे भी मेरी तरह ६ गुलाबी निशान, और पिछवाड़े दो काले क्रास यानी मुकाबला बराबर का रहा लेकिन अभी असली मुकाबला बाकी था।