• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

komaalrani

Well-Known Member
22,995
61,673
259
जोरू का गुलाम भाग २४५ , गीता और गाजर वाला, पृष्ठ १५२४

अपडेट पोस्टेड

कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
भाग २४४ नया प्रोजेक्ट

३६००,८९४
Project-house-under-construction-blueprints-building-project-53360048.webp

हम लोगों के टाउनशिप में आफिस के पास ही एक बड़ी जगह खाली पड़ी थी और बार बार कुछ न कुछ वहां होने की बात होती थी लेकिन टल जाती थी। जमींन वैसे भी टाउनशिप की सेंट्रल गवर्मेंट से लीज पर थी। इसलिए बिना सरकार की परमिशन के कुछ हो भी नहीं सकता था, बस उसी जगह कुछ बन रहा था। मेरे कम्पनी की एक मेल भी आफिस के अक्काउंट पे मेरे लिए आयी थी। उसी के सिलसिले में और कुछ डॉक्युमेंट्स भी कारपोरेट आफिस ने क्लियर कर के भेजे थे मुझे ऑथराइज्ड सिग्नेटरी बनाया था लेकिन वो मामला कनफेडेंशियल से भी ज्यादा था और उसमें यहाँ के किसी भी आदमी को इन्वाल्व बिना कारपोरेट आफिस की परमिशन के नहीं करना था।

कुछ डिफेन्स से जुड़ा मामला लग रहा था

हमारी कम्पनी कुछ डिफेन्स कॉनट्रेक्ट लेना चाहती थी, शायद उसी से जुड़ा होगा, मैंने सोचा। हम लोग डी आर डी ओ को कुछ इक्विपमेंट सप्लाई करने वाले थे उसी शायद कुछ लिंक हो।


लेकिन दूर से ही देख कर मुझे लगा की ये कुछ अलग ही हो रहा है।

एक वार्बड वायर की फेंसिंग जो कम से काम बारह फिट ऊँची थी और जगह जगह कैमरे, शायद इलेक्ट्रिफाइड भी,

सिर्फ एक गेट था, स्टील का और उसके आगे ऑटोमेटिक पिलर्स थे जिससे अगर कोई ट्रक से भी गेट तोड़ के घुसने की कोशिश करे तो स्टील के मोटे करीब एक दर्जन पिलर्स सामने होते, वो भी चार पांच फिट ऊँचे तो थे ही।

मेरी कार वहीँ रुकी, फिर एक आदमी ने आके आइडेंटिफाई किया कार के ऊपर नीचे आगे पीछे अच्छी तरह से चेक किया फिर उसने वाकी टाकी से मेसेज दिया तो फिर वो पिलर्स नीचे हुए और गाडी गेट तक पहुंची, लेकिन गेट खुलने के पहले एक बार फिर से मेटल डिटेक्टर से मेरी चेकिंग हुयी और एक लेडी आफिसर बाहर निकली, उन्होंने हाथ मिलाया और मेरा फोन वहां जमा कर लिया और तब गेट खुला।

तब मुझे समझ में आया की पूरी सिक्योरटी सी आई एस ऍफ़ के पास है।

और वो महिला सीआईएसएफ की कमांडेंट थीं, अभी ६-७ साल की सर्विस हुयी होगी, मेरी उम्र के ही आस पास की, नेम बैज से ही नाम पता चल गया, श्रेया रेड्डी, हाइट ६ से थोड़ी ही कम रही होगी और एकदम टाइट यूनिफार्म में, ओके , सब मर्दों की निगाह वहीँ पड़ती है, मेरी भी वहीँ पड़ी टाइट यूनिफार्म में उभार एकदम उभर के सामने आ रहे थे मैं क्या करूँ, ३४ और ३६ के बीच लेकिन कमर बहुत पतली, इसलिए उभार और उभर के सामने आ रहे थे,

मेरी चोरी पकड़ी गयी पर वो मुस्करा पड़ी जैसे आँखों आँखों में कह रही हों, होता है होता है। मुझे जो देखता है सब के साथ यही होता है ।

लेकिन उसके बाद जिस चीज पर मेरी निगाह पड़ी उसने मेरे और होश उड़ा दिए, जैसे मकान बनते समय कई बार टीन के बोर्ड की आड़ लगती है उसी तरह की, लेकिन कोई एकदम अलग ही मटेरियल था, और ऊंचाई कम से कम चार मंजिला घर से भी ऊँची। लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी की वो होते हुए भी नहीं दिखता था। उसमें जैसे होलोग्राफिक इमेजेज थीं, पेड़ों की ऊपर आसमान की और जिसका रंग दिन के आस्मां के हिसाब से बदलता रहता था, वो फेन्स से करीब दस बारह फिट अंदर की तरफ था।
जब हम उसके पास पहुंचे तो कमांडेंट श्रिया ने एक कोई रिमोट सा बटन दबाया और एक एक ऐसा गेट सा रास्ता खुला जिसमे से एक बार में सिर्फ एक कोई जा सकता था, और यहाँ दुबारा मेर्री चेकिंग तो हुयी ही कमांडेंट श्रेया की भी चेकिंग हुयी और यहाँ पर ऑलिव ड्रेस पहने हुए कुछ कमांडों थे।

हम दोनों के फोन यहाँ रखवा लिए गए और दो छोटे छोटे नान स्मार्ट फोन दिए गए जो लौटते हुए वापस कर देने थे और उसके बाद हम दोनों को अपना फोन मिल जाता,

वहीँ उन्ही कमांडोज़ की एक गाडी थी, गोल्फ कार्ट ऐसी, जिसे श्रेया ने ड्राइव किया और मैं उनके साथ।

अंदर की जगह पहचानी नहीं जा रही थी, ७-८ कंटेनर खड़े थे जो आफिस की तरह लग रहे थे, एक टेंट था शायद वर्कर्स के रहने के लिए । कंस्ट्रकशन मशीनरी काम कर रही थीं हफ्ते भर से कम समय में कुछ हिस्सा बन गया था, बड़े बड़े चार पांच जेनसेट भी थे, लाइट्स भी ।

एक पोर्टा केबिन में मीटिंग रूम था,

लेकिन मैं बाहर नसीम अहमद से मिला, हॉस्टल में मुझसे दो साल सीनियर और पहले धक्के में ही आ इ पीएस में सेलेक्शन हो गया था, उस समय हम लोग हॉस्टल में ही थे, जबरदस्त पार्टी हुयी थी और उन्होंने मेरी जबरदस्त रैगिंग भी ली थी, मैं लेकिन आई आई टी और आईं आई एम् के रस्ते दूसरी ओर मुड़ गया और वो सिविल सर्विस में, छह महीने पहले ही यहाँ उनकी पोस्टिंग हुयी थी,
मेरे खयाल से अब तो किस्सा ज्यादा उलाझ गया है. आनंद बाबू तो इन्क्वायरी झेल ही रहे है. चलो देखते है की पुराना सीनियर दोस्त नशीम क्या हेल्प कर पाएगा.

b1fedce93026284074abe55b2450b907-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
मीटिंग
Porta-luxury-porta-cabin-purple.webp



म तीनो साथ साथ मीटिंग में घुसे, मैं श्रेया और नसीम अहमद। एक पोर्टा केबिन दूसरों से अलग लग रहा था, उसी में मीटिंग थी।


अंदर चार लोग थे तीन पुरुष एक महिला . पुरुष तीनों शकल और हाववभाव से सरकारी लग रहे थे, महिला विदेशी।

जिस तरह से दो पुरुष खड़े हुए और तीसरे ने खड़े होने का उपक्रम मात्र किया समझ में आ गया की कौन सीनियर है , हाथ सबने मिलाया लेकिन सबसे गर्मजोशी और मुस्कराहट के साथ वो उस विदेशी महिला ने।
न उन लोगों ने नाम बताया न किस संगठन से जुड़े हैं न उनका का। लेकिन धीरे धीरे सब पता चल गय।



सीनियर वास्तव में सीनियर थे, कॉमर्स मंत्रालय और गृह मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर रह चुके थे, कुछ दिन रॉ में भी काम किया था और अभी इंटेलिजेंस ब्यूरो में सीनियर एडीशनल डायरेक्टर थे और कुछ दिनों बाद डायरेक्टर होने वाले थे। होम मिनिस्ट्री में रहते हुए वो इंटरनल सिक्योरटी १ और साइबर और इन्फॉर्मेंशन सिक्योरिटी का काम सम्हाल चुके थ।



बाकी दो अधिकारी में से एक एन टी आर ओ से जुड़े थे , मतलब अगर पूरा नाम लें तो नेशनल टेक्नीकल रिसर्च आर्गनाइजेशन से जुड़े थे और अभी नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर में काम कर रहे थे। इस संगठन का काम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संगठनों के क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन को प्रोटेक्ट करना है। एन टी आर ओ में भी काम का उनका लम्बा अनुभव था। वहां वह रिमोट सेंसिंग, सिग्निट, डाटा गेदरिंग प्रसेसीसँग और साइबर सिक्योरिटी के काम को हेड करते थे। उनका कुछ वर्षों का अमेरिका में नेशनल सिक्योरटी एजेंसी में भी काम करने का अनुभव था।


तीसरे सरकारी तो लग रहे थे लेकिन पूरी तरह नहीं, एक तो उन्होंने हाफ शर्ट पहन रखी थी वो भी पैंट के अंदर टक नहीं थी, बातचीत में थोड़े इन्फार्मल थे, और हम लोगों की बात भी ध्यान से सुन रहे थे।

बाद में पता चला उनका एकेडेमिक बैकग्राउंड। आक्सफोर्ड से उन्होंने मैथ्स में मास्टर किया था फिर बर्कले से डॉक्टरल और पोस्ट डॉक्टरल प्रिंसटन से। उनकी थीसिस क्रिप्टोलॉजी पे थ। उसके अलावा आरटिफिश्यल इंटेलिजेंस, बिग डाटा एनेलेटिक्स के साथ साथ लिंग्विस्टिक्स में भी उन्हें महारत थी और पांच भाषाओ में कम्फर्टेबल थे । कुछ दिन तक सिलिकॉन सिटी में काम करने के बाद वो वो कुछ दिन तक फायनेंसियल एक्शन टास्क फ़ोर्स से भी जुड़े रहे। लेकिन माटी की महक उनको हिन्दुस्तान खींच लाय। हैदराबाद में जब से नेशनल इन्ट्रीट्यूट ऑफ़ क्रिप्टोलॉजी रिसर्च एंड डेवेलपमेंट खुला बस उसी से जुड़े है। यह मोहकमा भी एन टी आर ओ के आधीन ही काम करता है।


और अब बची वो विदेशी महिला, एथल नाम था उनका।

हाथ मिलाते ही बता दिया था लेकिन बहुत देर बात में पता चला की मेरी कम्पनी से ही जुडी थी , एक रिसर्च ग्रुप और थिंक टैंक जिसकी फंडिंग बहुत कुछ कम्पनी से ही मिलती थी, कटिंग एज साइबर टेक्नोलॉजी में उनका नाम था । लेकिन कम्पनी से कनेक्शन काफी बाद में पता चल। कहते हैं लड़कियों की उम्र नहीं पूछनी चाहिए, लेकिन कहानी में न बताने पर लोग सोचते रह जाते है, मेरे अंदाज से ३५ के आसपास की। माँ फ्रेंच, पिता क्रोशियन लेकिन अभी पूरी तरह इंटरनेशनल, स्विट्जलैंड ,एन एक लैब में काम करती थी, फ़्रांस के एक रिसर्च आर्गनाइजेशन से जुडी और कम्पनी की कटिंग एज टेक्नोलॉजी की कंसल्टेट । पढाई सोरबोन, हार्वर्ड और कोलंबिया से हुयी थी।



फिर शुरू हुयी काम की बात।
आनंद बाबू के सीनियर को तो काफ़ी मेकमो मे काम का अनुभव है. वो भी बड़ी पोस्ट पर. आईपीएस जो है. वही नई विदेशी महिला जो आनंद बाबू की कंपनी से ही जुडी हुई है एथल. देखते है मांजरा क्या है. अमेज़िंग.

a195d7c742000539855d4a097c5766ff-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
सिक्योरिटी और प्रोजेक्ट के मुद्दे

Project-360-F-68632352-km-HLw-Fc2r-QLmn-Kqn6g-M0bh-OPqx-RTx8s-Y.jpg


मीटिंग की सदारत वही आई बी वाले सज्जन कर रहे थे, सीनयर भी थे एक्सपीरियंस्ड भी थे और सरकार को रिप्रजेंट भी कर रहे थे।

बहुत सी बातें नहीं बता सकता, मीटिंग एकदम कॉन्फिडेंशियल थी, लेकिन कुछ बातें जैसे क्या डिसीजन हुए, किसको क्या काम मिला ये सब चलिए एकदम शार्ट में बता देता हूँ।

पहला मुद्दा था सिक्योरिटी का,

तो एक्सटरनल सिक्योरिटी का काम एस एस पी नसीम अहमद के जिम्मे था, यानी फेन्स के बाहर की सिक्योरटी,

फेन्स पर इंट्री कंट्रोल उनका नहीं था वो सी आई एस ऍफ़ के पास। लेकिन अगर वो टाउनशिप के अंदर पुलिस लगाते या उस नए बन रहे इलाके के पहले बहुत ज्यादा पुलिस होती तो और शक बढ़ता। इसलिए उन्होंने प्रपोज किया टाउनशिप के बाहर वो सिक्योरिटी बढ़ा देंगे, और साथ में मोबाइल पेट्रोल भी। जो गाड़ियां अभी एक घंटे में चक्कर मारती हैं वो १५ से बीस मिनट के अंदर, और टाउनशिप के अंदर जो शॉप्स हैं वहां लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के लोगों को,

जो मीटिंग के सदर थे उन्होंने नसीम अहमद को रोक के बोला,

" और वो जो इन्फो लाएंगे आप श्रेया से भी शेयर करना और सीधे मेरे पास। और एक बात और ट्रैफिक सिंगल के जो कैमरे हैं उनकी फुटेज, जो जो रस्ते इस ओर आते हैं, उन कैमरों की वर्किन्ग,… और मैं फेसियल रिकग्निशन सॉफ्टेवयर है उसे भी भेज दूंगा। "

और जब वो मेरी ओर मुखातिब हुए उनके बोलने के पहले ही मैंने बोल दिया, टाउनशिप में काम करने वाले और रहने वालों का डाटा और पिक्स मैं दे दूंगा। "

" सिर्फ काम करने वालों की, और अगर कोई वेंडर या मीटिंग के लिए कोई आता है उनकी भी, यहाँ पहुँचने का रास्ता तो टाउनशिप के आफिस काम्प्लेक्स से ही है, घर वालों की प्राइवेसी होगी, फिर कितने मिलने जुलने वाले आते होंगे, उनकी जरुरत नहीं है " उन्होंने फैसला सुना दिया ।

फिर उन्होंने नसीम अहमद से पूछा, " अजय कहाँ है आजकल "

" सर, वो एस टी ऍफ़ हेड कर रहे हैं " नसीम अहमद बोले।

" उसे काल लगाओ। " उन्होंने अपनी चाय ख़तम करते बोला।
और एस टी ऍफ़ के हेड को भी एक काम पकड़ा दिया, " नसीम को थोड़ी हेल्प की जरूरत होगी तो अपने दो चार लड़के भेज के यहाँ होटल जो भी हैं उसका चेक, ….कौन आ रहा है, और साथ में अगल बगल के डिस्ट्रिक्ट्स में भी १०० किलोमीटर के अंदर जो भी डिस्ट्रक्ट्स हैं, ….जिसे यहाँ कुछ करना होगा, यहां तो रुकेगा नहीं, तो उन सब के होटल और ये ओयो वाले आज कल घर में भी ठहराने लगे हैं तो वो भी, बाकी तुम सब समझदार हों।।।

उधर से जोर की यस की आवाज आयी। शायद जूते की एड़ी ठोक के सैल्यूट भी किया हों।

फोन रखने के पहले उन्होंने एक बात और कही, " और रिपोर्टिंग सब नसीम के थ्रू ही होगी, मैं उससे ले लूंगा। "

हाँ फोन रखने के पहले उन्होंने उन एस टी ऍफ़ के हेड की पत्नी के बारे में दोनों बच्चो के बारे जरूर पूछ। फिर नसीम अहमद को अगला काम बता दिया।

" अपने डिजास्टर मैनेजमनेट प्लान में ये एरिया भी इन्क्ल्यूड कर लो। और अगले एक महीने तक या जब तक अबकी उन्होंने मेरी ओर इशारा किया , इससे कोऑर्डिनेट कर लेना, आसापास के हॉस्पिटल्स में कम से कम दस पन्दरह बेड रिजर्व रखना, दो आई सी यूं वाली एम्बुलेंस भी ऑन काल रहेंगी। फायर ब्रिगेड में भी दो चार फायर ट्रक, रिजर्व रखने होंगे। और एन डी आर ऍफ़ वालों से भी बात कर लेना "

अब इत्ती देर बाद नसीम अहमद बोले

" मेजर सिंघल हैं हम लोगों एक ज्वाइंट एक्सराइसज भी हुयी है और अब तो स्टेट डी आर ऍफ़ भी।।। "

लेकिन नसीम अहमद की बात उन्होंने काट के उन्हें रोक दिया और बोला,

" नहीं नहीं ज्यादा रायता मत फैलाओ, तुम्हारी स्टेट में न चलनी से ज्यादा छेद हैं, एक एक अफसर ने दस दस यार पाल रखे हैं हर पार्टी में, ….सिंघल ठीक है, जस्ट नीड टू नो बेसिस पे और हाँ जिसको भी इस से जुड़े काम पे लगाओ उसकी लिस्ट मेरा जो स्टेट वाला है उसे बोल दूंगा उसे भी दे देना जरा उनकी जांच पड़ताल कर लेगा और उन सबको हफ्ते हफते शिफ्ट करते रहना, और फेंस का काम तो श्रेया देखेगी लेकिन कैमरे की फीड तुमसे कोऑर्डिनेट करती रहेगी और हाँ फीड ऑनलाइन नहीं तुम खुद दिन में एक चक्कर लगा के इसके कंट्रोल रूम में चेक कर लेना या कोई गड़बड़ होगी तो ये काल कर लेगी। "

और श्रेया, अब वो सी आई एस ऍफ़ कमांडेंट की ओर मुड़े.

" सर ' एकदम कड़क आवाज में श्रेया, सी आई एस ऍफ़ की कमांडेंट बोल। बस खड़ी हो के सैल्यूट नहीं किया।

" फेन्स इज योर चार्ज, नो इंफिल्ट्रेशन। पुलिस का भी नसीम के अलावा कोई नहीं और टाउनशिप से ( मेरी ओर इशारा कर के ) ये बस। और इन दोनों की भी हर बार आईडी चेक होगी, मैं आऊं तो मेरी भी, यू नो मैंने तुम्हे क्यों हैण्ड पिक किया है " वो बोले



यस सर, अबकी श्रेया की आवाज और कड़क थी।
वाह भले ही नसीम की फेन्स सिक्योरिटी नहीं है. पर वहां भी एक दोस्त और मिल गया अजय. लेकिन यह श्रेया किस मर्ज की दावा है?? या फिर बीमारी है. अमेज़िंग अपडेट.

a31277e7491471fc1115a16a73d792f0
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
श्रेया
Plolice-officer-female-7d187ea296fafcaeccd57aed18e12830.jpg


मुझे नहीं मालूम था लेकिन बाद में पता चला और वो भी श्रेया ने नहीं बताया ।

हर साल एक कांटेस्ट होता था काउंटर इंसर्जेन्सी का सी आई एस ऍफ़ की टीम का काम था इंफिल्ट्रेशन रोकना और आर्मी के कमांडो का काम होता था इंफिल्ट्रेट करन। ७२ घंटे का टारगेट था, टिरेन हर बार बदल के होता था, इस बार मुंबई का समुद्र तट था और नेवी के मार्कोस कमांडोज को अलीबाग के पास लैंडिंग करनी, पिछले सा कोहिमा के पास जंगल थे और उसके पहले साल लेह के पास एक्सरसाइज हुयी थी। आर्मी की अलग अलग टीम थी लेकिन सी आई एस ऍफ़ की एलिट टीम को श्रेया ही लीड करती थी और तीनों बार सी आई एस ऍफ़ के टीम की जीत हुयी।


" तुम्हारी टीम तुम्हारे पास है लेकिन हर हफ्ते रोटेट करती रहना और कोई जवान महीने में दुबारा उसी जगह पोस्ट नहीं कहा होगा, ड्यूटी सार्जेंट जो रोस्टर बनाएगा उसे रोज तुम ४० % चेंज करोगी, कैमरा फीड मोबाइल में तो तुम्हारे आयेगी लेकिन हर छह घंटे में कंट्रोल रूम में जाकर भी चेक कर लेना और फेन्स के तीन चार राउंड खुद। लेकिन जानती हो खतरा क्या है ह्यूमन इंफिल्ट्रेशन से ज्यादा, ? "मीटिंग हेड कर रहे आई बी वाले ने पूछा

" डिजिटल इंफिल्ट्रेशन, सर " श्रेया ने उसी तरह अलर्ट मोड में जवाब दिया।

"एकदम, सो नो रिमोट, नो डिजिटल डिवाइसेज, नो स्मार्ट फोन्स, अंदर जो भी लोग होंगे किसी के पास स्मार्ट फोन या कोई भी डिजिटल डिवाइस नहीं होगी। नान हैकेबल सिम्पल फोन हर आदमी को दिए जाएंगे और कैम्पस छोड़ने के पहले उसे जमा करना होगा। टेक सपोर्ट एन टी आर ओ प्रोवाइड करेगा, लेकिन जिम्मेदारी तुम्हारी रहेगी। आउटर फेन्स वाले कभी इनर फेन्स के २ मीटर से पास नहीं आएंगे। "



यस सर, श्रेया फिर कड़की।

" डिटेल एस ओ पी तुम एन टी आर ओ के साथ बना लेना, यू आर अ स्मार्ट गर्ल, विद यू एंड नसीम आई फील सेफ " वो मुस्करा के बोले ।

फिर जिस तरह उन्होंने नसीम अहमद और श्रेया को देख के ओके बोला, उसका मतलब था डिमसिस। और वो दोनों जाने के लिए खड़े हो गए ।



मैं भी जाने के लिए खड़ा हुआ तो उन्होंने रोक दिया और पहली बार मुस्कराये,

आप कहाँ जा रहे हैं आप तो हमारे होस्ट हैं , आप रुकिए हाँ और एक बार फिर श्रेया से बोले



ये जाने के पहले तुम से मिल लेंगे , सारे डिटेलस इनसे कोआर्डिनेट कर लेना और अब अगले महीने तक तो यहीं रहना हैं तुझे "

श्रेया ने मुस्करा के मुझे देखा और मैंने भी हल्का सा नाड किया की जाने के पहले मिल लूंगा। श्रेया ने बता भी दिया उसका टेम्प आफिस बगल के ही पोटा केबिन में हैं,

( मुझे उसे बताना भी था की मेरे नंबर पे फोन न करे क्योंकि मेरे सारे फोन हैक हैं और घर में जगह जगह 'कीड़े ' लगे हुए हैं जिन्हे मैं हटा भी नहीं सकता , और श्रेया के बारे में और भी आगे आएगा, लेकिन चलिए डिटेल्स बाद में स्टोरी में थोड़ा आगे पीछे तो चलता ही है लेकिन कुछ हिंट दे देता हूँ, और श्रेया के असली किस्से जिसकी वो सहेली है वो बताएंगी, जो अभी तक कहानी सुना रही थीं, तो श्रेया मेरे ' इनकी सहेली थी थी तो तीन चार साल बड़ी लोरेटो गर्ल्स लखनऊ में तीन साल सीनियर । लेकिन उससे बड़ी बात ये थी की श्रेया का घर भी विंडसर पैलेस में था लखनऊ और मेरी सास का भी घर, अगल बगल तो नहीं लेकिन आस पास, पर बच्चो की दोस्ती तो हो ही जाती है। लोरेटो में श्रेया ने टाइकांडो भी ज्वाइन करा दिय। और हफ्ते भर तक तो हम लोगो में दोस्ती थी लेकिन थोड़ी फॉर्मल टाइप, पर एक दिन मैंने खाने पे श्रेया को घर बुलाया और उसे देखते ही, बस हाथ से ट्रे नहीं छूटी,



" दीदी, आप "

और क्या चमक आयी श्रेया की आँख में

" कोमलिया तू, " और क्या गले मिली दोनों जैसे मेले में बिछ्ड़ी बहने हों। फिल्म होती तो डेढ़ मिनट तक सीन चलता और पीछे इमोशनल म्यूजिक

और फिर आग्नेय नेत्रों से मुझे देखा जैसे किसी इंफिल्ट्रेटर को पकड़ के टार्चर कर रही हो ,

" तो तू ले उड़ा मेरी छोटी बहन को तुझे तो मैं,…” और फिर, मेरी छोटी बहन का मर्द है तो तुझे, तूने कोई इसका घर का नाम रखा है की नहीं, ? "



और उधर से जवाब मिल गया, " मैंने नहीं इनकी सासू जी ने रखा है बड़ा प्यारा नाम है आप भी उसी नाम से बुलाना, और वो नाम बता दिया गया।

मुझे लगा की अक्सर तो मैं हाथ मिलाता था और थोड़ा फोकस भी चेंज हो जाएगा तो मैंने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया, कि पीछे से जोर कि डांट पड़ी,

" कुछ शर्म लिहाज है कि नहीं, मेरी दीदी है, बड़ी दीदी, पैर छू पैर, झुक के सर लगा के, "

और श्रेया ने अपने पैर आगे भी बढ़ा दिए।

चलिए वो किस्सा और बहुत सी बातें जिसकी सहेली हैं बड़ी दीदी हैं वो बताएंगी अभी तो वापस मीटिंग में।



और पता चला कि असली मीटिंग तो अब शुरू होने वाली थी।

ढेर सारे नक़्शे टेबल पर खोल के बिछाये गए। ये उन बिल्डिंग के नक्शे थे जो उस डबल फेन्स के अंदर टाइट सिक्योरिटी में बन रही थीं, देखने से कुछ लैब्स ऐसी कुछ आफिस ऐसी लग रही थीं और पूरा इलाका तीन भागों में था एक हिस्से में रेजीडेंसीएल क्वाटरटस और बाकी एंसिलरी फैसलिटी थीं, एक सबसे बाहरी पार्ट में सिक्योरटी और कंट्रोल रूम था, जो मुख्य भाग था वो एकदम केंद्र में था।
अरे वाह वैसे तो श्रेया बड़ी स्ट्रिक्ट है. जल्दी बात माने ऐसी नहीं. पर नसीम भी नसीम है. यह तो आनंद बाबू के ससुराल की निकली. मतलब की साली हुई. अब सायद बात कुछ आगे बढे. माझा आएगा.

22a224e7622b52b592bdd95405697d76-high ae9a7c1e8713f6ae332a8928101cb746-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
थ्रेट परसेप्सन

अब बात एन टी आर ओ वाले सज्जन ने शुरू कि थ्रेट परसेप्सन- साउंड सिक्योरटी, सिग्नल और एयर।

कुछ बाते मैंने भी शेयर की,

तय हुआ की दीवालों में स्टोन वूल और ग्लास वूल अंदर दो लेयर कम से कम हों परफेक्ट साउंड और वर्क काम्प्लेक्स के चारो और जो दीवाल हो उसमें भी मल्टीपल लेयर साउंड प्रूफिंग की हो, और अब बात इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर और काउंटर मेजर की शुरू हुयी तो हेजल मैदान में आ गयी।

लीनियर फ्रीकवेंसी मॉडुलेशन, हॉपिंग और न जाने क्या लेकिन सबसे बड़ी बात जो मेरी समझ में आयी वो ये थी की जो सिग्नल हमारे सिंग्नल कैप्चर करेंगे उनपर पिग्गीबैंक कर के हम उन के सोर्सेज तक कैसे पहुँच सकते हैं और उसे कैसे न्यूटलाइज कर सकते हैं।

एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन के बारे में जो जो क्रिप्टोलिएजिस्ट ने कहा वह सब मान लिया गया।

एक बात मैंने भी कही, जो मान भी ली गयी।

पहले था की वर्क एरिया में सी सी टीवी जो मैंने मना किया , कोई भी सी सी टीवी होगा उसकी फीड होगी तो उसे हैक किया जा सकता है और कम्प्यूटर भी नेटवर्क न हों, और हों भी तो लोकल एरिया नेटवर्क जिसे प्रोटेक्ट करना आसान हो, उस एरिया में वैसे भी स्मार्ट फोन मना था, बल्कि इनर फेन्स के अंदर ही मना था, हम लोगों के फोन आउटर फेन्स पर ही रखवा लिए गए थे।
अब एक सवाल आया एरियल सर्वेलेंस का सेटलाइट और ड्रोन,

एंटी ड्रोन मेजर्स तो आउटर फेन्स पर ही लगाने होंगे आई बी वाले सज्जन ने फैसला सुना दिया लेकिन सेटलाइट से यहाँ इतनी हेक्टिक एक्टिविटी दिखेगी और पुरानी इमेजरी गूगल अर्थ की डिटेल्ड इमेज से कम्पेयर करने पर पता चलेगा,

एन टी आर ओ वाले ने थोड़ा सा हल तो निकाला उन लोगों ने ड्रोन से और सेटलाइट से इस इलाके का एक डिटेल्ड मैप बनाया था क्या उसी तरह का एक होलोग्राफिक इमेज बना के सैटलाइट्स को कुछ कन्फ्यूज किया जा सकता है। ये काम उनके और हेजेल के ऊपर छोड़ा गया और पांच दिन का टारगेट तय हुआ।

लेकिन सबसे बड़ी बात मेरा एक काम होगया।

एक सिक्योर कम्युनिकेशन सेंटर, मैंने जो अमेरिकन कौंसुलेट में कम्युनिएकशन सेंटर देखा था जिसे कैसे भी हैक नहीं किया जा सकता था मैंने उसे डिस्क्राइब करना शुरू ही किया था की हैजेल ने टोक दिया

" अमेरिकन एम्बेसी के सेंटर की तरह, लेकिन उसके काउंटर मेजर्स यहाँ नहीं मिलेंगे मैं स्टेटस से तीन चार दिन में भिजवाती हूँ , और उसमें एक इम्प्रूवमेंट हैं स्क्रैम्ब्लर के कोड हर बारह घंटे में रैंडमली चेंज होते हैं इसलिए उसे डिकोड करना मुश्किल है।



जो क्रिप्टोलैजिस्ट थे उन्होंने कुछ और चेंज सजेस्ट किया और तय हुआ की फिजिकल स्ट्रक्चर तीन दिन में बन जाएगा और अगले दिन में कम्युनिकेशन डिवाइसेज लग जायेगीं और छह दिन बाद उसी सेंटर में मीटिंग होगी, जिसमें मीटिंग रूम, आफिस, एक दो स्यूट और कामयियनिकेशन सेंटर होग।



अगली मीटिंग कस्ट्रक्शन कांट्रेक्टर्स से थी जिसमे मेरी जरूरत नहीं थी।
धीरे धीरे सारे पैसे पलट रहे है. और हर जगह कोई ना कोई मिल ही जा रहा है. अब आगे देखते है. क्या खुरापात मचती है.

68ae355d4ed2b05a542cac972e045e808f77ac20-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
श्रेया और प्रोजेक्ट सिक्योरिटी
Girl-jeans-desktop-wallpaper-anveshi-jain-bollywood-actress-thumbnail.jpg


वहां से निकल कर मैं श्रेया के आफिस में गया और कुछ बात के बाद वापस आफिस तब तक आधा दिन ख़तम हो गया था।अब वह यूनिफॉर्म से शिफ्ट होकर , शर्ट और जींस में आ गयी थी पर शर्ट अभी भी टाइट थी और वो उसी तरह, हॉट

श्रेया के पास मैं थोड़े देर ही बैठा।

एक तो उन्हें वार्न करना था मेरे नंबर पे फोन न करे। मेरे बिना बताये वो समझ गयी की मेरा फोन कम्प्रोमाइज्ड है, जो नान हैकेबल नान स्मार्ट फोन था, वो श्रेया ने कहा की मैं रख सकता हूँ, लेकिन घर से फोन करने पर रेडिएशन तो जेनरेट होता ही इसलिए इसका इस्तेमाल भी किसी खुले मैदान में या एकदम भीड़ भरी जगह पर ही हो सकता थ। लेकिन अगर श्रेया को कुछ अर्जेन्ट मेसेज करना हो तो कैसे होगा।

इसका रास्ता भी श्रेया ने ही निकाला। मिसेज डी मेलो के मेसेज मुझे आते रहते थे। बस ये तय हुआ की वो मिसेज डी मेलो का सिम क्लोन कर लेंगी और मुझे मेसेज देंगी लेकिन सेकेण्ड वर्ड की स्पेलिंग गलत होगी और फिर मुझे आधे घंटे के अंदर मौका ढूंढ के उस नान हैकेबल फोन से श्रेया से बात करनी होगी।

दूसरा जो डाटा आफिस के लोगों का या और कुछ श्रेया को देना होगा, वो बजाय मेल या इलेक्ट्रॉनिकली मैं या तो खुद या मिसेज डी मेलो के जरिये उन तक फिजिकली भेजूंगा, आउटर फेन्स पर मिसेज डी मेलो की भी आई डी होगी और श्रेया खुद वहां आके वो डॉक्युमेंट्स ले लेगी।

आज शाम को या कल सुबह तक आफिस के सभी लोगों के डाटा मैं श्रेया को भेज दूंगा जिसे वो आई बी को भेज के इंटरनल जांच करवा लेंगीं।



आफिस में पहुँच के मैंने सबसे पहले अपना कीट खोजक यंत्र निकाला और वो जैसे पागल हो गया।

मेरे चैंबर में तो ६ कीड़े निकले ही मेरा डेस्कटॉप भी कीटग्रस्त था, और सबसे बड़ी बात उसका कैमरा ऑन था यानी मेरे कमरे का सब दृश्य ज्यूँ का त्यूं, मिसेज डी मेलो के कमरे में भी २ कीड़े थे।

गनीमत थी की रिसेप्शन एरिया ठीक था और मैंने वहीँ मिसेज डी मेलो को बुला के सब बातें समझायीं और ये भी की हम नार्मल बिहैव करेंगे लेकिन अगर कोई ऐसी बात हो जिसे कीड़े न सुने तो वो मुझे इशारा करेंगी और मैं वाश रूम में पांच मिनट रुक के आऊंगा,

और वो भी वहीँ, वहां बहुत शार्ट में वो मेसेज दे देंगी। प्रिफ्रेब्ली लिख के, लेकिन क्राइसिस या अर्जेन्ट मेसेज के लिए वो इशारा क्या करें जिसे कैमरा देख के भी शक न करे,

मिसेज डी मेलो मुस्करायीं और एक जोर का फ्लाईंग किस मुझे उछाल दिया। मान गया मैं, इसे कोई भी कैमरा अर्जेन्ट मेसेज का सिग्नल नहीं मान सकता था हां जवाब में मुझे भी फ़्लाइंग किस देना पड़ता।

फिर मैंने कम्प्यूटर पे रोज का काम धाम शुरू किया। ४-५ दिन में इतना काम इकठ्ठा हो गया था। मैं और मिसेज डिमेलो लगे रहे तब जाकर सवा सात बजे काम ख़तम हुआ.



मैं दिन भर की बातों के बारे में सोचता रहा, कुछ समझ में आ रहा था कुछ नहीं।

लेकिन अब मैं सीख गया था एक तो नीड टू नो और दूसरा क्राइसिस एन्टिसिपेट नहीं की जा सकती लेकिन उसके लिए तैयार रहा जा सकता है।

श्रेया मुझे बहुत समझदार लगी, एक प्रपोजल जो मैंने दिया था, बोलने के बाद मुझे लगा था की शायद श्रेया को कुछ अटपटा सा लगे, लेकिन सबसे जबरदस्त समर्थन उसी का मिला।


मुद्दा था वर्क प्लेस में घुसने और निकलने की चेकिंग का क्योंकि मैंने कहा था वहां सी सी टीवी लगे होने से उसके हैक होने का खतरा रहेगा, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लैन प्रोवाइड किया जा।


साइबर एक्सपर्ट्स ने वैसे भी कहा था की सारे कम्प्यूटर केबल कंक्रीट में कम से कम ४ फिट नीचे दबे रहेंगे, और वैसे तो कोई भी स्टोरेज डिवाइस अंदर ले जाना या बाहर ले आना परमिटेड नहीं था लेकिन चेक। वो भी मैंने सजेस्ट किया की एक चैंबर हो स्टीम बाथ का जिसमें सब कपडे उतार के हर आदमी औरत जो भी वर्क एरिया में जाए, चाहे हम लोग ही क्यों न हो उसे पांच मिनट स्टीम बाथ आते जाते लेना पड़े, और वो पूरी तरह कैमरे से कवर हो साथ ही कम्प्लीट बॉडी स्कैनर भी हो , स्टीम बाथ के बाद उसे सैन्टाइज्ड चेक्ड कपडे पहनने को दिए जाए और उसके कपडे वो अपने लाकर में रख सकता है।

बोलने के बाद मुझे लगा की श्रेया को भी तो उस एरिया में सिक्योरटी चेक के लिए जाना होगा तो उसे भी, लेकिन मैं कुछ करेक्शन जारी करता उसके पहले ही वो बोल पड़ी,
एकदम अच्छा आइडिया है कम से कम बॉडी कैविटी सर्च से तो बचत होगी और वो खतरा तो हमेशा है की कोई स्टोरेज डिवाइस छुपा के ले जा सकता है और नो ऑर्नामेंट्स नो वॉचेस। हाँ और वो सबसे इम्पोर्टेन्ट चेक होगा तो मैं खुद उसे चेक करती रहूंगी, उसे मेरे फोन से कनेक्ट करने में तो कोई ऐतराज नहीं होगा।

और अब वो हलके से मेरी ओर देख के मुस्करायी ।

बाद में भी वो बहुत फ्रेंडली और कोआपरेटिव थी, वो तो मुझे आफिस लौटना था और मुझे मालूम था की इतने दिन का काम वेट कर रहा है तो मैं जल्दी से कट लिया।
क्या बात है. श्रेया ने गेटप चेंज किया. और साथ प्लानिंग आगे बढ़ाई. मैसेज डिमेलो भी आनंद बाबू के साथ उस चिड़िया को देख के मुश्कुराई. अरे साली लगती है भाई. और श्रेया सपोर्ट भी फुल कर रही है. साथ स्माइल वाओ.

images-7 images-8
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
भाग २४५ गीता और गाजर वाला

३६,२२,४६६

Geeta-25.jpg


और वो सब्जी का ठेला, कल जहाँ गाजर बिक रही थी , आज भी वही और सामने खड़ी गीता मोल भाव कर रही थी, गुड्डी के रहते तो गीता का पूरा ध्यान गुड्डी के पीछे ही पड़ा रहता था, लेकिन अब गुड्डी के जाने के बाद वो भी,…



मैंने नोट किया मेरे घर की पूरी चाभी का गुच्छा, गीता की कमर पे लटक रहा था, पल्लू से बंधा,

मुझे देख के वो एकदम सुबह की धूप की तरह खिल गयी, बोली, “ भैया भाभी घर पे नहीं है। काहें जल्दी मचाये हो।“



और अब मैं गीता के साथ उसी गाजर वाले सब्जी के ठेले के पास, और गीता ने मुझे समझाया



" भैया भाभी तो सुजाता भाभी के यहाँ गयी है कउनो अर्जेन्टी मीटिंग थी घंटा भर बाद आएँगी। हमसे बोल के गयीं हैं , तोहार भैया आफिस से थका मांदा आयेंगे तो तनी चाय वाय,… जो ओनकर मन करे पीयाय दिहु, हमहू बोले की हमार भैया हमार मर्जी जॉन मन करे तौन पियाइब। और थकान का पक्का इलाज कर देब, रात भर भौजी, तोहरे साथ कबड्डी खेलिहें। तो अभी हम चल रहे तोहरे साथ, तानी ये सब्जी ले लें। "



और गाजर के दूकान वाले पर पिल पड़ी



" ससुर के नाती, जउन मोट लम्बी गाजर रहे कुल अपनी बहिनी क बिल के लिए बचाय के रखे हो का, चुन चुन के सबसे लम्बी, सबसे मोटी दो …छोट मोट में हमें मजा ना आवत , और सामने ही रहती हूँ। गीता नाम है मेरा। "
Bhabhi-5bd3fc6c620380d5d135d2df3381fc96.jpg


मैं खड़ा गीता की बदमाशी और उसका मस्त पिछवाड़ा देख रहा था।

और सोच रहा था,

दिमाग अब दही हो रहा था , एकदम सर टनटना रहा था.



मुम्बई से चलने से पहले सिर्फ एक चिंता थी गुड्डी से मुलाकात हो पाएगी नहीं, कहीं फ्लाइट लेट हो गयी, कहीं एयरपोर्ट से घर पहुँचने तक ट्रैफिक जाम में फंस गया लेकिन

पहले एयरपोर्ट पर लॉबी में 'उनसे' मुलाकात के बाद जो सिलसिला शुरू हुआ की,.. पहले लग रहा था अब हम लोगों ने जंग जीत ली है और अब सिर्फ मस्ती और आराम, लेकिन



वो रिपोर्ट जो मिली कि कोई है जो वैसे तो मुझे ठरकी समझता है लेकिन थोड़ा बहुत शक है और घर पहुँचने के बाद, गुड्डी तो मिल गयी, बिन बोले बात भी बहुत हो गयी, लेकिन



सर्वेलेंस जो अभी अंग्रेजी जासूसी किताबो में पढ़ा था या फिल्मो में देखा था, फिजिकल और साइबर,... वो कीड़ा मारक यंत्र से साफ़ था घर के किसी भी कोने में बात करने से हर बात जो कोई भी है वहां तक बात पहुँच जायेगी, फोन लैप टॉप सब हैक, आफिस की हालत भी वही, ... और ये दुकान वाला ठीक घर के समाने और फिर फ़ूड ट्रक वो भी सरवायलेंस का ही हिस्सा, ...
गित्व पे तो आनंद बाबू कभी भी नियत ख़राब कर लेते. वो भी बड़ी तेज़ मिर्ची है. सब कुछ पहले ही समझ जाती है. लेजिन आनंद बाबू उस ठेले वाले को जरूर समझ गए. अब गितवा का कमाल भी दिखाओ.

d4ac53ded4aeee94234e08f29e92796af112cf8b-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
गीता है चाभी

Geeta-Meghanaraj-252812529.jpg






तभी मेरा ध्यान गीता पर गया,

नमक जबरदस्त था उसमें और वो सब्जी के ठेले वाले से चिपकी पड़ रही थी। बेचारा असली काम तो उसका 'कुछ और ' था लेकिन गीता से पीछा छुटवाना आसान नहीं था, उससे चिपक के जबतक वो हटता गीता ने अपने फोन से एक सेल्फी ले ली। वो उसे धक्का देके दूर हटा और गीता के हाथ से मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा लेकिन गीता ने मोबाइल मेरी ओर उछाल दिया ,



" हे वो बेचारा जब मना कर रहा है तो काहे ले रही हो "

और उस ठेले वाले को दिखाते हुए जैसे डिलीट कर रहा हूँ, डिलीट कर दिया।



लेकिन डिलीट मैंने एक दूसरी पिक्चर की थी और उस पिक को गैलरी और कैमरे से बाहर कहीं सेव कर दिया था.



" जो नहीं देता न मैं उसकी जबरदस्ती लेती हूँ और हचक के पटक के लेती हूँ, गाजर तो तेरी ठीक ठीक लग रही है शकल से भी गांडू नहीं लग रहा है तो काहें घबड़ा रहा है स्साले " गीता उससे बोली, फिर जोड़ा, " अभी जल्दी ये खड़े हैं वरना बिना लिए जाती नहीं, और ये सब्जी सब मेरे खाते में लिख लेना , गीता नाम है मेरा। "

Teej-Cleave1323af3f086d024c0bceb335bdb3b9b.jpg


गीता के काटे का पानी नहीं मांगता, जिस तरह से आँचल ठीक करने के बहाने, अपने दोनों ठोस छोटे छोटे गदराये जुबना के उसे दर्शन कराये, और झुक के एकदम लो कट चोली की गहराई का, बेचारे का टनटना गया। और फिर जासूसी कोड में तो ये कहीं लिखा नहीं है की जासूसी करने जाओ तो कोई लाइन मारे तो चक्कर न चलाओ और वो भी लाइन मारने वाली गीता जैसी, जोबन के साथ साथ उसके डबल मीनिंग वाले डायलॉग

और ठसके से गीता मेरी ओर आ गयी लेकिन चलने के पहले उसे मुड़ के एक जबरदस्त आँख मारी।

बजाय सीधे जाने के हम लोग पेड़ों का एक झुण्ड था उसकी ओर से जा रहे थे, सिर्फ पैदल का रास्ता। घने पेड़, हैकिंग की कोई संभावना नहीं थी, फिर भी मैंने पाने कीट पकडक यंत्र को साउंड मोड में कर दिया था, १५० मीटर तक कुछ भी होता तो अलार्म बजता, लेकिन आवाज आयी गीता की,

उस सब्जी वाले जासूस को ये नहीं मालूम था की गीता उस की भी मौसी है, बात चीत में गीता ने बहुत कुछ उगलवा लिया, और वही बोल रही थी.

" स्साला नौटंकी, झूठ भी नहीं बोलना आता …. पक्का पन्छाह का है, ( पन्छाह मतलब पश्चिम उत्तरप्रदेश का ). जबरदस्ती का फ़िल्मी भोजपुरी बोल रहा था. एक गाली तो आती नहीं ढंग की। कह रहा था उसका खेत है ( कई खेत वाले अपनी सब्जी लेकर बेचने आते थे, जिनसे ताज़ी और सस्ती सब्जी मिल जाती थी और उन्हें ज्यादा मार्जिन ) लेकिन खेती किसानी खानदान में किसी ने न किया होगा, महतारी चने के खेत में चुदवाती जरूर होगा। स्साला फोटो के नाम पर कितना उछल रहा था जैसे गाँड़ खोल कर मैंने उसमें तीखी मिर्ची कूट दी हो, ... गाँड़ मारूंगी तो मैं उसकी जरूर "

" लेकिन तोहें देख के ललचा रहा था, मुंह में पानी आ रहा था, " मैंने गीता को मस्का लगाया ।

चाभी का गुच्छा घुमाते हुए वो बोली,

" अरे स्साले के मुंह में नहीं, गाजर में पानी आ रहा था। वैसे लगता वो भी स्साला चोदू है, लेकिन मेरे इस भइया ऐसा नहीं, पक्का बहनचोद, मादरचोद दोनों है, न ऐसा दम किसी में है न ऐसी गाजर " गीता ने मेरा हाथ दबाते हुए कहा।


Teej-0705f194eb72fde741f162f594e90268.jpg

(असल में बदमाशी मेरी सास की थी, जब वो आयी थीं तो गीता की माँ मंजू, इनको बहू जी कहती थीं, बस उन्हें तो मौका चाहिए था, मेरे सामने ही मंजू से बोलीं, की मेरी बेटी तेरी बहू है तो मेरा दामाद, और मंजू उनकी बदमाशी समझ गयीं। बस उसी दिन से रिश्ता हो गया, मंजू की बेटी गीता मेरी बहन और मंजू माँ और जब मैं पहली बार ही गीता से मिला तो तो माँ बेटी दोनों चढ़ीं, और क्या न हुआ, और उस दिन के बाद से तो और उसी रिश्ते से गुड्डी को गीता ने अपनी छोटी भौजी बना लिया,

लेकिन एक बात और हुयी की मैं गीता पर पूरा विश्वास कर सकता था, जितना खुद पर, उससे भी ज्यादा और गीता की सहज बुद्धि का मैं भी लोहा मानता था,

" लेकिन तुम फोटोवा मिटा काहे दिए " अब गीता का गुस्सा मेरे ऊपर।



मैंने तुरंत वो फोल्डर खोल के गीता को दिखा दिया, उसकी सेल्फी एकदम जस की तस थी। और तभी मुझे आइडिया आया, गीता का फोन हैक भी नहीं हुआ था और उसमें कीड़े भी नहीं लगे थे, मतलब उसके जरिये मैं कम से कम एक दो बार शार्ट मेसेज कर सकता हूँ।
गीतवा का उन ठेले वाले से होनी ट्रेप करवा सकते थे. पर आनंद बाबू से बाज़ आए तब ना. क्या मस्त सीन क्रिएट किया है गीता के साथ.

39409bf84572501b0ad47648f863f462-high 00146f5e917c9c2dff0bdc2e44adb738-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Shetan

Well-Known Member
16,480
48,464
259
बन गयी बात
Girl-380c9f235c49cac3ce44a8df85d8424d.jpg


सामने वो फ़ूड ट्रक भी दिख रही थी पेड़ों की आड़ से मैंने गीता से कहा, हे चल साथ में कुछ खाने के लिए ले लेते हैं तेरी भौजी को तो आने में टाइम लगेगा।



गीता की आँख तेज थी, उसने देख लिया और बोली,

“अरे वो अय्यर साहेब के यहाँ जो काम करती हैं न वो हेमवा खड़ी है स्साली,... एक तो भैया तोहें साथ देख के ओह स्साली का झांट सुलगेगी दूसरे जा के पूरी कालोनी में बांटेगी। तू जा, लेकिन जल्दी आना. अगर पांच मिनट से देर लगी न तो गाँड़ मार के ताखे पे रख दूंगी। “



जल्दी में गीता का फोन मेरे हाथ में ही रह गया, और फ़ूड ट्रक पे बहुत भीड़ भी नहीं थी दो चार लोग ही रहे होंगे।

गीता समझ रही थी की असल मामला कुछ और है पर वो तुरंत अपने रोल में ढल जाती थी। उसने देख लिया था की उसका फोन मेरे हाथ में है पर वो कुछ नहीं बोली।

और मैं फ़ूड ट्रक के पास पहुंचता की उसके पहले वो मुझे दिख गयी, मस्त टीनेजर, जस्ट इंटर पास, जबरदस्त चूजे और गुड्डी की असली सहेली, जिसे मेरा और गुड्डी का सब चक्कर मलूम ही नहीं था, रोज कोचिंग में गुड्डी की बुलबुल खोल के मेरी मलाई ढूंढती थी।

पर मेरी आंख उसे पहचानती की उससे पहले उसने पहचान लिया, हाय हम दोनों ने साथ बोला और हथेली भी एक साथ मारी।



निधि थी, गुड्डी की पक्की सहेली।
Girl-school-0b2ff7cb3c4ca8e3f9a5f0544b9ca2bd.jpg


गुड्डी की सहेली होने के नाते मुझे भैया बोलती थी, लेकिन पक्की सहेली होने के नाते उसे ये भी मालूम था की उसकी सहेली की टंकी में सफ़ेद तेल रोज कौन भरता है और उसकी सहेली के टेनिस साइज उभारों पर दांत और नाख़ून के निशान किसके रहते हैं। उसने जोर से मुझे चिपका लिया और अपने उभरे उभारों को मेरी शर्ट पर रगड़ते हुए पहले तो मेरे गाल पर हलके से किस किया और फिर बोली, " भैया कहूं की जीजू "

" कहने सुनने में क्या रखा है " ये कह के मैंने अपने उभरे बल्ज को उसकी जाँघों के बीच रगड़ के उसे अपनी लम्बाई मोटाई और इरादे का इशारा दे दिया . एक हाथ मेरे उसके चूतड़ नाप रहा था हॉट पेंट में,

निधि सच में गुड्डी की पक्की सहेली थी, उसे फरक नहीं पड़ रहा था की फ़ूड ट्रक वाले जो अब तक उसके गदराये जोबना को खा जाने वाली नज़रों से देख रहे थे, अब हम दोनों की चिपका चिपकी देख रहे थे , और ऊपर से निधि ने सीधे मेरे टनटनाये बल्ज को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और खुल के दबाने लगी, और चिढ़ाते हुए बोली,

" भैया, मेरी सहेली ने तो दगा दे दिया, अब दस पंद्रह दिन की छुट्टी, क्या होगा इस बेचारे का, रोज बेचारा मेरी सहेली को चारा खिलाता था और अब "

उस बदमाश ने दुःख भरा मुंह बना के कस के उसे दबा दिया।
bulge-5ed4afb53d5499eb009e34ebcceba596-levi-s-diesel-jeans.jpg


" अरे, तेरी सहेली की ये सहेली है ना, इस बेचारे का ख्याल करने के लिए, अब तेरी बुलबुल को चारा खिलायेगा, बोल मंजूर " मैं क्यों मौका छोड़ता और साथ में कस के उसके दोनों चूजे दबा दिए, एकदम गुड्डी की तरह थे, मस्त, टाइट। "



मेरा मोबाइल मतलब गीता का मोबाइल भी चालू था।



और निधि अब मुझे लगा गुड्डी की असली सहेली थी, अपनी चुनमुनिया को मेरे मोटू से रगड़ते बोली, " कैसे भैया हो बहन से पूछ रहे है, बहन पर पहला हक़ तो भाई का ही होता है, और वो भाई नहीं जो बहन से पूछे "


Girl-school-c357e0f26c90884ab22a998e3b0e678a.jpg


बात आगे बढ़ती लेकिन दो बातें हुयी, एक तो

मुझे लगा की वो हेमा देख रही है और बात नमक मिर्च लगा के कल बाँट देगी। इसलिए मैं अलग हो गया और उससे पूछा,



" तुमने अभी कुछ आर्डर दिया है या,... "

" डोसा और उत्थपम, पारसल, ... संगीता ( गुड्डी का स्कूल का नाम ) ने शायद यहाँ अपना नंबर लिखवाया होगा तो उसकी लिस्ट से मेरा नंबर भी, तो आज ऑफर था , फिफ्टी परसेंट डिस्काउंट का इसलिए।



मैंने भी पैक्ड का ऑर्डर दे दिया,



और दूसरी बात,तबतक निधि का आर्डर आ गया था।

मेरे हाथ में गीता का फोन था और मुझे एक ब्रेन वेव आ गयी ,...



" हे चल सेल्फी ले लेते हैं " और मैंने और निधि ने एक सेल्फी ली फिर दो चार और सब गीता वाले फोन पे,

लेकिन दो में इस तरह की जो फ़ूड कोर्ट में काम कर रहे थे उनलोगो की भी साफ़ साफ़ पिक आ जाए,... फ़ूड कोर्ट की तो खैर सब में थी।

तबतक मेरा आर्डर भी आ गया और हम दोनों चल दिए।



गीता के साथ मैं घर की ओर जा रहा था बस रस्ते में रुक के, गीता के फोन से ही गीता की गाजर वाले के साथ की फोटो और फ़ूड कोर्ट की अपनी और निधि की सेल्फी , जिसमें फ़ूड कोर्ट की ट्रक दिख रही थी दो काम करने वाले दिख रहे थे वो पिक्स थी और कोड वर्ड।

उसी जगह से जहाँ पेड़ों का घनघोर झुण्ड था, और न हम दोनों दिख सकते थे न फोन हैक हो सकते थे



अब मैं श्योर था की दो चार घंटे में ‘एम्’ के पास सर्वेलन्स का मेसेज पहुंच जाएगा।



हमें यह समझ में नहीं आ रहा था कारपोरेट हेड क्वार्टर को भी नहीं की अटैक कौन कर रहा है, उसका असली टारगेट क्या है और क्यों कर रहा है।



मैं शिकार पकड़ने के लिए जो बकरा बांधा जाता है कुछ उस तरह था, और मेरे ऊपर सर्वेलेंस कर के कुछ अंदाजा लग जाना था। जैसे सर्टेनली ये काम उन्होंने आउट सोर्स किया होगा, बीच में एक दो कट आउट भी होंगे लेकिन कुछ तो अता पता चलता और एक को पकड़ के दूसरा, धागे का एक सिरा हाथ लग गया था , कर्टसी गीता की सेल्फी और उसके फोन के।

मुझे भी नहीं मालूम था की वह कौन है, मुझे क्या मेरी पैरेंट कम्पनी, जो मल्टीनेशनल कम्पनी का हेडक्वार्टर था, वहां भी किसी को नहीं मालूम था , टॉप मैनजमेंट को तो सबसे कम इस तरह की चीजें बतायी जाती थीं, जिसे वो नार्को टेस्ट में न कुछ उगल सकें, लेकिन इस मामले में कंपनी की जो सिक्योरटी एजेंसी थी, वो कुछ प्राइवेट कांट्रैक्ट के जरिये इस तरह के काम करती थी और उसमें भी चार पांच कटआउट के बाद ही, लेकिन वो डिलीवर करता था

और मुझे यह भी नहीं मालूम था की वो हिन्दुस्तान में है या उज्बेकिस्तान में लेकिन ये मालूम था की चार पांच वी पी एन के बाद घंटे भर के अंदर ये सारी पिक्स उसे मिल जाएंगी और उस के बाद इन सर्वेलेंस वालों की उधेड़ बुन शुरू हो जायेगी, चोर के घर मोर लग जाएंगे, इसलिए वन टाइम कॉन्टैक्ट मैंने इस्तेमाल कर लिया और मेरे मन को बड़ी शान्ति मिली की मेरी
ओर से भी एक कदम चाल चल दी गयी।
वाह गीता ने तो आतंक ही मचा दिया. क्या जलवा बिखेरा है. बेचारो को अपना काम भुला दिया. जैसे उनकी जान पर आई हो.
आनंद बाबू को अपनी बाहनिया याद आ गई. निधि को देख कर. और वो भी सब जानती है. माझा आ गया.


images-7 51c2aa0fba39978b2dbf32014495e194-high
 
  • Like
Reactions: Sutradhar

Sutradhar

Member
280
854
93
और

मेरी नींद खुली तो सामने मिसेज टिक टिक बता रही थीं मैं पूरे डेढ़ घंटे तक बेहोशी की नीद में सोया था, बेखबर। और अब देह हल्की लग रही थी।
देह पर अभी भी कोई कपडे नहीं थे, गीता भी आसपास नहीं थी,
किचेन में से ननद भौजाई के हंसने खिलखिलाने की आवाज आ रही थी तीन चार दिन बाद , तीज वाले फंक्शन के अगले दिन तीज प्रिंसेज का फंक्शन था जिसमे कालोनी की लड़कियां , टीनेजर्स भाग लेने वाली थीं उसी के बारे में कुछ सलाह मशविरा हो रहा था।

मेरी आँख फिर लग गयी और अबकी नींद खुली तो घंटे भर मैं और सो लिया था और देह एकदम हल्की लग रही, उठा तो बगल में मेरा शार्ट और टी शर्ट रखा था वो मैंने पहन लिया।



ननद भौजाई खाना लगा रही थीं।

वाह कोमल मैम

बस एक ही बात कहनी है "दुःख भरे दिन बीते रे भैया"।

सादर
 
  • Like
Reactions: Shetan
Top