पिछले पार्ट पढ़ने पर .. हर बार नया रस मिलता है...One of the best part if the story. New updatr nhi aya to socha guddi ji seal tutne ka kissa fir se padh loon. Kitni baar bhi badhlo apko story bor nhi krti.
पिछले पार्ट पढ़ने पर .. हर बार नया रस मिलता है...One of the best part if the story. New updatr nhi aya to socha guddi ji seal tutne ka kissa fir se padh loon. Kitni baar bhi badhlo apko story bor nhi krti.
अवश्य....aa gaya naya update bas ab padhkar comment kariye jhatpat
वाह .. क्या अनुवाद है... (bugs detector) यानि कीड़ा पकड़क यंत्र/मशीन...भाग २४२ - 'कीड़े ; और ;कीड़े पकड़ने की मशीन ;
35,36,384,
स्कूटर पर ही उन्होंने उस डिवाइस के बाकी गुर भी बताये, जो उन्हें एयरपोर्ट पर मिली थी, देखने में एकदम इनके फोन जैसी लेकिन बग डिटेक्ट कर सकती थी, और उसके अलावा भी बहुत गुण थे उसमे
लेकिन एक चीज मैं समझ गयी थी स्साले जो रिकार्ड करेंगे करें, लेकिन अगर मेरे मरद का ठरकी बनने में फायदा है तो , ठरकी तो है ही वो, या तो ठरकी हो या मेरी ससुराल वाला वही दो लोग हाथ धोकर के अपनी माँ बहन के पीछे पड़ते हैं, ... और बस अब उस ठरकी को महा ठरकी बनाने में कोई देर नहीं है। और यह बालक अपनी बहन पर तो चढ़ाई कर ही चुका है , अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों, तो बस महतारी बची है उसका भी नम्बर लगवा दूँ
रस्ते में उस यंत्र के जो गुर उन्होंने बताए थे सब घर पहुँच के उन्होंने दिखाए भी,...
पहले तो कीड़े पकडने का बहुत अच्छा काम करता है,... और घर में कीड़े ही कीड़े ( बग्स ) मिले।
सबसे ज्यादा लिविंग रूम में (५ ) और हम दोनों के बेड रूम में थे ( ६ ). गुड्डी के कमरे में भी ४ मिले। कुल २५।
उस फोननुमा यंत्र में तीन तरह की व्यवस्था थी, जो ८०० मीटर से लेकर ८ मीटर तक के बग पकड़ता था,
हम लोगों ने इंडोर की सेटिंग पर लगाया था तो एक रेड इंडिकेशन आता था, रूम का एक मैप और उसमें बग्स कहाँ कहाँ है, नजदीक ले जाने पर वो और क्लियर हो जाता था, जैसे एक बग सीलिंग फैन के ब्लेड के उलटी साइड में था, सिर्फ आडियो कैप्चर करने के लिए उसकी भी लोकेशन पकड़ में आ गयी,
कीड़ा पकडक यंत्र में जब एक बग पर फोकस करते थे तो उसके सारे डिटेल, क्या वो साउंड से ऐक्टिवेट होगा, उसके अंदर कैमरे की पावर और डिस्टेंस क्या है, सब सब के नाइट विजन वाले थे, एकदम अँधेरे में भी रिकार्ड कर लेते। ज्यादातर की रेंज १५ से २५ मीटर की थी।
लेकिन ये यह जानना चाहते थे की उनकी ट्रांसमिट करने की रेंज क्या है, हम दोनों किचेन में थे ये चाय बना रहे थे। ऊपर चिमनी में एक बग एक्टिवेट हुआ, उस कीड़ा पकडक यंत्र में दिख भी गया, और यह भी की उसकी ट्रांसमिट करने की रेंज 5०० मीटर तक है।
सबसे बड़ी बात थी की अक्सर जब बग एक्टिव होते हैं तभी डिटेक्ट हो पाते हैं लेकिन यह मशीन उनकी एनर्जी के बेसिस पर पहचान रही थी.
और 5०० मीटर का मतलब इनका एक छोटा मोटा सेंटर ५०० मीटर के अंदर ही होगा. एक बात साफ़ थी, कोई जगह घर में नहीं थी जहाँ हम लोगों को सुना या देखा नहीं जा रहा था,
लेकिन ये कीट पकड़क यंत्र एकदम ही अलग टाइप का था, वैसे तो बग डिटेक्टर चवन्नी के तीन आज कल ऑनलाइन भी मिलते हैं और शादी में सहेलियां और दोस्त गिफ्ट में भी देते हैं, हनीमून की पैकिंग में सबसे आवश्यक उपकरण ( वैसे भी कपडे कौन ले जाता है हनीमून में, बस ऐसे ही काम की दो चार चीजें ), आजकल होटल वाले हनीमून कप्लर्स को जो जबरदस्त डिस्काउंट देते है वो कैमरों से, ...
लेकिन अब कपल्स दरवाजा बंद करने के बाद चुम्मा चाटी बाद में करते हैं, कैमरे पहले ढूंढते हैं।
वो सब आर ऍफ़ डी डिटेक्टर, इंफ़्रा रेड डिटेक्टर और वाई फाई डिटेक्टर की सहायता से काम करते हैं, लेकिन परेशानी यह होती है की वाच करने वाला कैमरा भी उस डिवाइस को देख लेता है, दूसरे वो सब सिर्फ ये पता कर सकते हैं की डिवाइस है और सिग्नल वीक है या स्ट्रांग, जीपीएस डिटेक्टर हिडेन कैमरा सब पता चल सकता है, लेकिन हम लोगों के घर में जो लगे थे उन्हें पता करने में उन सबको पसीना छूट जाता।
एक बताया न पंखे के ब्लेड की उलटी साइड में और दो बिजली की स्विच बटन को रिप्लेस कर के लगे थे।
नार्मल कीड़ा पकडक के बस नहीं था ये सब।
दूसरे एकदम इनके पुराने धुराने डिस्काउंट में मिले आईफोन की तरह ही था वो, तो उन कैमरों से देख के भी कोई नहीं कह सकता था की हम लोग कोई कीड़ा पकडक यंत्र इस्तेमाल कर रहे हैं , क्योंकि यहाँ मामला दूसरा था।
हम चाहते थे की वो कीड़े बदस्तूर अपना काम करें लेकिन हमें मालूम हो बस की कहाँ से तांकझांक हो रही है, ... और शायद घर में कोई ऐसा कोना हो जो मियां बीबी के लिए प्राइवेसी का हो, आखिर हर बात तो जग जाहिर नहीं कर सकती न,
और सबसे बड़ी दो बातें इस मशीन में थी, ये रूम का एक मैप सा बनाती थी और हर बग की लोकेशन ज़ूम करने पर १० सेंटीमीटर तक आ जाती थी और उसके सारे डिटेल्स, पावर सोर्स, आडियो वीडियो, और सबसे बड़ी बात रिकार्ड कर के ट्रांसमिट कितनी दूर और किस दिशा में करती हैं.
मतलब चोर के घर मोर लग गए थे।
जो मशीन हम लोगों को मुफ्त में ज्ञान बाँट रही थी, वो पक्का उस ज्ञान को बाहर भी भेज रही होगी। ( ये मुझे बाद में समझ में आया जैसे समझदार बड़े आदमी अपने समझदार कुत्तों को बाहर ले जाते हैं सुबह शाम जिससे वो पब्लिक प्लेस में अपना प्राइवेट काम कर सके उसी तरह यह मशीन ये सब जानकारी बाहर तभी भेजती थी जब इस तरह के कीड़ों की सरहद और पकड़ के बाहर हो तभी वो काम करती थी।
और चोरों के घर मोर लगने के लिए ये भी जरूरी था की हम सब जरूरी काम करें जो रोज करते थे जिससे दुनिया देखे और आदर्श घरेलू जीवन के सबक सीखे।
और जब ये कैमरे ऐक्टिव होंगे तभी कम्युनिकेशन होगा, और जब कम्यूनिकेश होगा, तो ये मशीन पकड़ेगी की ये बात चीत कहाँ जा रही है, ( जो ५०० मीटर के आसपास ही होगी ) और फिर उन्हें ट्रेस कर के मोर लोग चोरों के सरदार तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।
और फिर रिपोर्ट में इन्हे ठरकी कहा गया था, और हम लोगों की औकात क्या की रिपोर्ट वालों की बात गलत करें, फिर जितना वो इन्हे ठरकी समझते इनका काम भी आसान होता।
न केवल यंत्र पर भरोसा... बल्कि ह्यूमन इंटेलिजेंस भी...ठेले वाला -ताज़ी गाजर
फिर भी कुछ बातें मैं इन्हे बताना चाहती थी जो इन सास ननद की तरह छुप छुप के सुनने वालों की पकड़ से बाहर हो आखिर हस्बेंड वाइफ की कुछ तो प्राइवेसी होनी चाहिए,...
पहली बात तो बड़ी मुश्किल से मैं अपने को रोक पायी, खिड़की से मैंने देखा,... वो आदमी जो पार्क में जब हम लोग मज़े ले रहे थे मोबाइल से कोई अंगूठी ढूंढ रहा था, वापस आ गया था, हम लोगों के घर के ठीक सामने लगे सब्जी के ठेले पे।
तभी पार्क में मैं कहूं की इसकी शकल कुछ देखी सी लग रही थी.
दो दिन पहले ही ठेला लगना शुरू हुआ था, मैं और गीता दोनों खुश की अबतक सब्जी लाने टाऊनशिप के बाहर जाना पड़ता था, और सब्जी भी सब एकदम फ्रेश,
गुड्डी कोचिंग से आयी थी और उस ठेले को देखकर वो भी बहुत खुश,
मुझे पकड़ के दबोच लिया, और चुम्मी लेके बोली,
" भौजी, बाहर ठेले पे बहुत मस्त गाजर बेच रहा है, खूब बड़े बड़े और एकदम मस्त रंग, ताजे,.... आज गाजर का हलवा बनाइये, "
गीता मेरे पास ही थी वो क्यों बख्श देती गुड्डी को, छेड़ते हुए बोली,
" काहें देख के अपने भैया क लंड याद आ गया का "
" हे हमरे भैया क लंड क कउनो जोड़ बनाने वाले ने नहीं बनाया, लम्बा मोटा कड़ा फाड़ के रख देता है, " बनावटी गुस्से से गीता से वो बोली, फिर मुस्करा के उसे गले लगा के बोली,
" हमरे भैया से १८ होगा, १७ नहीं। बित्ते भर के तो हैं ही, ... मोटे भी "
" मंजूर, हलवा बनेगा, लेकिन एक शर्त मेरी भी जो सबसे बड़े लम्बे होंगे वो दो तुझे घंटे भर अपने अंदर रखने होंगे "मैं क्यों ननद को छेड़ने से छोड़ती।
आगे की बात गुड्डी ने खुद बोल दी,
" और उस की आप रात को खीर बनाएंगी, यही है न चलिए भौजी आप भी क्या याद करेंगी, आपके कमल जीजू का घोंट लिया, पार्टी में जावेद का बांस घोंटूंगी, तो,...और आज तक मैंने अपनी प्यारी भौजी क कोई बात नहीं टाली, तो दो ठो गाजर कौन चीज हैं। वैसे भी आधे घंटे बाद मेरी एक एक घंटे की दो ऑनलाइन क्लासेज हैं, तो बस खीर की तैयारी भी,… मेरी क्लास भी, "
" तो चलो, खरीदवा देते हैं, लेकिन पहले ये नीचे वाला ढक्क्न खोलो " गीता बोली और झट से गुड्डी की पैंटी खींच के फर्श पर, ब्रा तो वैसे ही वो कोचिंग में भी पहन के नहीं जाती थी, टाइट टॉप में गोल्डन निप्स रिंग्स में कसे, पोकिंग निप्स साफ़ साफ दिखते थे,
बड़ी होशियारी और चालाकी से बग्स प्लांट किया...कीड़े -घर के अंदर
दूसरी बात मुझे और साफ़ हो गयी कीड़े कैसे घर के अंदर घुसे।
जिस दिन वो गुड्डी और गाजर वाली बात हुयी थी,उसी दिन या शायद अगले दिन,में और सुजाता बैठे गप्पे मार रहे थे, गुड्डी कोचिंग में थी।
हम दोनों मिसेज मोइत्रा के चीरहरण और उनकी दोनों बेटियों के साथ साथ शील हरण का प्रोग्राम बना रहे थे, तभी घण्टी बजी और तीन जमूरे जिस कम्पनी की वाशिंग मशीन, ओवन हम लोगो के पास थी,उसी के नाम की टी शर्ट पहने, बेसबाल कैप लगाए सामने खड़े थे और चालू हो गए,
" हमारी कम्पनी पेस्ट कंट्रोल में भी मूव कर रही है तो आप हमारे पुराने कस्टमर है इसलिए आपके यहाँ हम फर्स्ट राउंड फ्री में करेंगे, ६ महीने की गारंटी, साथ में आके सारे एक्विपमनेट्स की क्लिनिंनग और सर्विसिंग भी। "
सुजाता ने मुझसे कान में बोला की इसकी कम्पनी में फोन कर के चेक कर लो, और वहां से भी वही ऑफर और उन्होंने सेफ्टी चेक बताया की उनकी कम्पनी के नाम की टी शर्ट और उनके नेम टैग्स चेक कर लूँ। एकदम मैच कर रहे थे
तबतक दूसरे ने चार तरह के काकरोचों के बारे में ज्ञान देना शुरू कर दिया और घर एक घंटे के लिए उन्हें सौंप कर के मैं और सुजाता बाहर लान में,...
घण्टे भर बाद जब हम दोनों अंदर गए तो हर चीज एकदम चमक रही थी और किचेन में सैकड़ों छोटे छोटे काकरोच, वीरगति को प्राप्त पड़े थे।
उन लोगो ने बोला की चार घंटे बाद मैं किचेन इस्तेमाल कर सकती हूँ और तीन हफते बाद आ कर रिपीट करेंगे। ६ महीने की गारंटी, और मैंने जिस नंबर पर बात की थी वहीँ बता करके सर्विस रेट कर दूँ और एक ऐप डाउनलोड कर लूँ जिससे ६ महीने में कोई काम होगा, बस सर्विस रिक्वेसट डालनी होगी।
सब फ्री।
अब मुझे लगता है की उन्होंने काल डाइवरसन से उस कम्पनी की काल को अपने किसी आदमी के पास डाइवर्ट किया होगा, घर में सारे बग फिट किये होंगे और ऐप और दो बार उस कम्पनी से बात करने के चक्कर में मेरा फोन हैक कर लिया होगा।
हाँ एक बात और,
गाजर वाली बात के दूसरे दिन, गुड्डी की कोचिंग दोपहर को ही ख़तम हो गयी थी, और आते ही वो मार डोसा इडली करने लगी। दस पांच गाली सुनने के बाद बोली, की यहीं पास में एक फ़ूड ट्रक लगी है, चार दिन के लिए कोई साउथ इंडियन फ़ूड फेस्टिवल चला रही है बहुत कम रेट पे।
गुड्डी की जिद, ये थे भी नहीं।
थोड़ी देर में हम दोनों ननद भौजाई उस फ़ूड ट्रक पे, डोसा तो ठीक ठाक था , लें इडली साम्भर गज़ब का टेस्टी थी। सबसे अच्छी बात ये थी की इनके बचपन के माल की सूरत उन्हें भा गयी थी, उस का फोन नंबर उन्होंने माँगा और गुड्डी ने झट्ट दे दिया। फिर एड्रेस, और बोला की वो लोग होम डिलीवरी भी कर सकते हैं। हमारा घर एक किलोमीटर के अंदर था , मुश्किल से ५०० -६०० मीटर,बल्कि उससे भी कम। गुड्डी ने अपने फोन से लोकेष्ण दिया और उन्होंने जोड़ के बता दिया, सिर्फ ४८३ मीटर। और पहली होम डिलवरी फ्री।
और वो फ़ूड ट्रक भी उन्ही का पार्ट होगा जो हमारा हाल चाल जान रहे थे पल पल की।
गाजर वाले ठेले से वो फ़ूड ट्रक दिखती थी जब की हमारे घर से नहीं दिखती थी।
मैंने भी बहुत जासूसी किताबें पढ़ी थी, सीरियल देखे थे। अब थोड़ा थोड़ा मैं भी समझ रही थी , गाजर के ठेले वाला फिजकल सर्वेलन्स कर रहा था और क्या पता बग्स की फीड उसके पास भी। और फ़ूड ट्रक वाले को जो उसके विजुअल लाइन में था उसे मेसेज कर रहा होगा।
फ़ूड ट्रक में कम्युनिकेशन इक्विपमनेट्स होंगे, एक छोटा मोटा कमांड कंट्रोल सिस्टम, और बग्स को वो वहीँ से रिकार्ड कर रहे होंगे और उन्हें अपने मालिक के पास कम्ययूनिकेट कर रहे होंगे।
ये सब बातें मैं इनको बताना चाहती थी लेकिन कैसे, किस जगह।
हर जगह तो दीवारों में बिजली की स्विच में कान उग आये थे। मैंने कहीं पढ़ा था की शावर बेस्ट जगहहोती है , शावर की आवाज में अपनी आवाज दब जाती है. और बाथरूम में कोई बग भी नहीं लगाता।
ठगों की ओवर स्मार्टनेस .. अब उन पर भारी पड़ने वाली है...गुड्डी, गीता और गाजर वाला,
और गीता और गुड्डी गाजर वाले के ठेले पर।
गुड्डी अकेले ही काफी थी उस गाज़र के ठेले वाली की पैंट ढीली करवाने के लिए पर साथ में गीता भी, सहेली भी, गुड्डी की गुरु भी, ननद भाभी का रिश्ता भी,... दोनों टीनेजर,
" आइये बहनजी, एकदम ताज़े गाजर हैं, रस से भरे, साइज देखिये " ठेले वाला बोला।
" भैया, साइज तो मैं पकड़ के देखूंगी, अगर आपको बुरा न लगे, लम्बाई भी मोटाई भी" डबल मीनिंग डायलॉग में तो गुड्डी अब बड़ो बड़ों के कान काटती थी
" अरे बहन जी आप पकड़ के देखिये, दबा के देखिये, आपके लिए ही हैं, जैसी मर्जी बहन जी"
ठेले वाले की निगाह कभी गुड्डी के टॉप फाड़ते निप्स पर जाती तो कभी गीता के एकदम ही लो कट चोली से झांकते गोरे गोरे निप्स पर, गीता खेली खायी, उसे ठेले वाले को छेड़ती बोली, ...
" इनको बहन जी सम्हल के बोलियेगा, "
अब वो एक मिनट के लिए घबड़ाया, उसे लगा कुछ डबल मीनिंग ज्यादा हो गया,
" क्यों " उसने पूछा।
" इस लिए की जिस जिस को ये भैया बोलती हैं, उसको सैंया बनाये बिना छोड़ती नहीं है, तो आपकी गाज़र गयी समझिये "
हँसते खिलखिलाते गीता बोली, और गुड्डी के गाल में कस के चिकोटी काट ली.
" भैया, ये हमारी भौजी हैं, इसलिए आप इनसे रिश्ता खुद तय कर लीजिये" गुड्डी क्यों गीता को छोड़ती, और दाम कितना लगाइएगा, आपकी गाजर तो मुझे पसंद है। " गुड्डी बोली
" वैसे तो बाजार में ५० है लेकिन आप के लिए दस रुपये छूट। " वो बोला।
" क्या भैया, मुझे तो लगा आपने बहन बोला है तो बहन से कोई पैसा लेता है लेकिन चलिए बोहनी का टाइम है तो हमारे पास तो पच्चीस ही हैं " गुड्डी मुंह बना के थोड़ा और झुक के बोली,
और क्या अपनी बहन के पास देने के लिए बहुत चीजे हैं, पैसे तो हर कोई दे देता हैं तो बस मांग लीजिये, और आपकी बहन और मेरी ननद किसी को मना नहीं करतीं, बहुत सीधी हैं " ,ऐसा मौका गीता क्यों छोड़ती, बिना गुड्डी को रगड़े।
क्लीवेज देख के ठेले वाला भी, और उसने २५ रुपये लगा दिया, लेकिन गुड्डी इतने आसानी से नहीं छोड़ने वाली थी बोली, " भैया टेस्ट करने के लिए तो दो दे दीजिये, अपने हाथ से जो आपको पंसद हो, सबसे लम्बी हो बस,... "
दूकान वाले ने सच में चुन के एक खूब लम्बी मोटी निकाली और बोला, लीजिये बहन जी ये मेरी ओर से खा के देखिये, कितना रस है,
' अरे बहन जी के भैया जी, ... ये मेरी ननद, इनके भैया आज कल नहीं है न , इसलिए ऊपर वाले मुंह में नहीं नीचे वाले मुंह के लिए मांग रही हैं " गीता छेड़ते हुए बोली।
" भैया दो मेरी भौजी को भी दे दीजिये वरना वो नजर लगा देंगी " गुड्डी हंस के बोली।
तो आधे रेट पर और उसके अलावा चार बड़ी मोटी गाजर लेकर दोनों दुष्ट आ गयीं हंसती खिलखिलाती,
लेकिन शक मुझे तभी हो गया.
कौन दुकानदार आधे रेट पर दाम लगाता है और फिर गीता, वो बोली, उसकी आवाज से लग रहा था कहीं बाहर का है. फिर थोड़ी देर बाद एक और आदमी भी आके उसी ठेले पर खड़ा हो गया।
एक ठेले से एक आदमी का खरचा नहीं निकलता दो दो लोग,...
फिर कौन सब्जी वाला सिर्फ गाजर का ठेला लगाता है वो भी ऐसी जगह पे, बड़ी मंडी में ठीक है जहाँ थोक वाले आ रहे हैं, दूकान वाले खरीद रहे हैं , लेकिन टाउनशिप के एक कोने पे, सिर्फ गाजर का ठेला, मुझे लग रहा था की कुछ तो गड़बबड़ है।
घर का कोई कोना खुदरा ना छोड़ा.. नहाना-पखाना सब पर नजर...शावर
तो मैंने इन्हे हड़काया, " यार पार्क में मजा तो बहुत आया लेकिन मिट्टी लग गयी है बहुत, चल पहले शावर कर ले।
मैं इन्हे खींच के शावर में ले गयी और कीड़ा पकड़क यंत्र ने वहां भी दो बग ढूंढ लिए। एक तो फ्लश की हैंडल पे थी, दूसरा शावर के पास, आडियो वीडियो दोनों,
अब वहां बात तो कर नहीं सकते थे , फिर जो करना था वो किया,... मस्ती। देखना हो तो देखें आँख फाड़ के।
और अब जब हम दोनों को पता था की कीड़े कहाँ हैं उनकी आँखे कहा है, तो बस मैं और आग लगा रही थी,...
और सच्ची बात थी आग तो लगी ही थी, तीन दिन कोई अपनी वाली को छोड़ के जाता है,...
शावर में हम दोनों एक दूसरे की देह से देह रगड़ रहे थे, कस के चिपकाए हुए, मैं पागलों की तरह उन्हें चूम रही थी. जिस तरह का सर्वेलंस उनके न रहने पर भी शुरू होगया तो उनके पीछे कितने पड़े रहे होंगे , क्या क्या खतरे उठाये होंगे मेरे बाबू ने, और बस मैं अपने ३४ सी उनके सीने पर बार बार रगड़ रही थी,.. नतीजा वही हुआ जो होना था
बाबू का बाबू खड़ा हो गया, ...
' वो ' खड़ा हो गया और मैं बैठ गयी,... शावर का कैमरा ठीक ऊपर कीड़े के पेट में लगा, ... देख ले जिसे देखना हो, गाजर की दूकान वाला, फ़ूड ट्रक वाला, सात समुन्दर पार वाला,...
और बैठ कर मैंने मुंह खोल दिया, चाहती तो थी उन से मुंह भर बतियाना, लेकिन इतनी आँखे और कान इस बाथरूम में भी थे और जब मुंह से बोल नहीं सकती थी अपने साजन से तो वही किया जो खुले मुंह से कर सकती थी,
मुंह में ले लिया, और आज उन्हें तड़पाया नहीं, न जीभ से पेशाब के छेद पर सुरसुरी की बस सीधे गप्प से वो फूला सुपाड़ा मेरे मुंह में, और हलके हलके चुभलाने लगी, पार्क में नीचे वाले मुंह की भूख उनके आने के बाद कुछ तो शांत हुयी थी पर बेचारा ऊपर वाला मुंह इन्तजार ही कर रहा था, और अब उसे मौका मिला।
गड़प
सुपाड़ा उनका इतना मोटा, उसी से मुंह भर गया,... कभी जीभ से नीचे चाटती तो कभी होंठों को गोल कर के मस्त चूसती, कोई डर नहीं था उसके पानी छोड़ने का इतनी जल्दी, ... लेकिन अब उनसे भी नहीं रहा गया, उन्होंने कस के मेरा सर पकड़ा और पूरी ताकत से खूंटा अंदर पेल दिया, .... आधे से ज्यादा मेरे मुंह में था, मैं प्यार से चूस रही थी कभी हलके कभी जोर लगा के,
लेकिन बदमाशी पर मेरी सास के बेटे का ही हक थोड़े था मैं भी तो अपनी सास की छोटी बहू थी, कुछ गुन उनका मेरे अंदर भी,... मेरी उँगलियाँ तो खाली थीं। तो बस कभी वो उनके दोनों रसगुल्लों पर, तो कभी पिछवाड़े के छेद पर,
लेकिन थोड़ी देर में ही मैंने भी अपने दोनों हाथों से उनके दोनों चूतड़ पकड़ लिए और कस के उन्हें पकड़ के अपनी ओर खींचने लगी, छेद चाहे जो भी हो मुझे तो पूरा चाहिए था अपने बालम का,... बस दोनों ओर से धक्कम धुक्का, सुपाड़ा मेरे हलक में रगड़ रहा था लेकिन चोक वाली फीलिंग तो मेरी बहुत पहले खतम हो चुकी थी अब तो सिर्फ मजा मिलता था,
पर अब मेरी चुनमुनिया पानी बहा रही थी, और अपने मन की बात वो मुझसे पहले इनसे कहती थी, और थोड़ी देर में हम दोनों लता की तरह गुथे हुए शावर के नीचे,
बड़ी ताकत थी इस लड़के में, मेरी एक टांग उठा के अपनी कमर में जैसे इस लड़के ने बांध लिया, और क्या धक्का मारा। अब हम दोनों कीड़े और कैमरे को भूल चुके थे, बस रगड़ा रगड़ी, अंदर बाहर, मस्ती। मैंने इन्हे कस के पकड़ रखा था, धक्के मारने का काम इनका, धक्के खाने का काम मेरा, लेकिन थोड़ी देर में मैं भी जवाब दे रहे थी होने साजन को चूतड़ उछाल उछाल कर, इनकी माँ बहन गरिया रही थी, चूम रही थी, इनके होंठ चूस रही थी,...
जो नहाने का काम दस मिनट में होता वो आधे घंटे में पूरा हुआ.
लेकिन जिस काम के लिए मैं इन्हे शावर में ले गयी थी वो नहीं हो पाया, जो मैंने उन्हें गाज़र के ठेले वाले की बात, फ़ूड ट्रक और मेरे अंदाज से कीड़े कैसे लगे, ये सब बताना चाहती थी, नहीं बता पायी। मुझे दूसरा उपाय सूझा।
साली, वो भी छोटी,... कौन जीजा होगा जिसके मुंह में पानी न आ जाए, और ये तो वैसे ही लिबरहे,...
" आपकी छोटी साली ने बुलाया था खाने को मैंने हां कर दिया " मैं बोली।
चेहरे पर बल्ब जल गया उनका, खूब खुश होके बोले,
" सुजाता, चलो चलते हैं बस झट्ट से मैं तैयार हो गया " ... और थोड़ी देर में हम दोनों घर से बाहर थे, पहला फायदा तो ये हुआ की मुझे खाना नहीं बढ़ाया, आज ये लड़का इतना भूखा था, किचेन में भी मुझे खाने के लिए उतावला रहता और असली बात मैंने सोची, वो गाजर के ठेले, फ़ूड कोर्ट और कीड़े कैसे आये ये सब उन्हें रास्ते में बता दूंगी,
निकलते ही मैंने उन्हें बोला , " यार एक पास में ही एक बहुत अच्छी फ़ूड ट्रक लगी है, मस्त डोसा बनाता है, दो दिन पहले ही लगी, तुम्हारी उस अनारकली ने ही देखा था पहले। हम दोनों ने टेस्ट कर लिया है। "
" अब आज तो तेरी छोटी बहन के हाथ का खाना है, हाँ कल परसों ट्राई करेंगे " मन तो उनका सुजाता पर लगा था. और साथ ही वो कीड़ा पकडक यंत्र अब निचली जेब से निकल कर उनके हाथ में आ गया। वो एकदम उनके पुराने धुराने क्लियरेंस सेल वाले आई फोन का डुप्लीकेट थे, लेकिन सबसे अच्छी बात ये थी की वो फोन ऐसा दीखता तो था ही फोन ऐसा काम भी कर सकता था,
दो दिन पहले से उन्हें अंदाज लग गया की ऐसी जगह पे जहाँ कोई दूकान भी नहीं चल सकती, फ़ूड ट्रक किसने लगाई होगी।
जैसे बहुत से लोग पेन वाला कैमरा लेकर चलते हैं जेब में खोंस कर लेकिन कोई कहे भाई साहब जरा पेन दीजिये या सिग्नेचर ही करना हो तो बगले झाँकने लगते थे, लेकिन ये फोन नुमा कीड़ा पकडक यंत्र, फोन का काम तो करता ही था, उसके अलावा भी बहुत सा काम कर सकता था, जैसे जब उन्होंने हाथ से निकाल कर जब फोन अपनी ऊपर वाली जेब में रख लिया तो वो चुप चाप अँधेरे में भी सब कुछ रिकार्ड करने लगा. इन्होने कान में गाना सुनने के लिए जो दो खोंसते हैं उस तरह का खोंस लिया था लेकिन वो दूसरा काम कर रहा था, फोन में आस पास के डाटा रिकार्डिंग डिवाइस, उन की लोकेशन सब न सिर्फ रिकार्ड हो रही थी बल्कि वॉयस में कन्वर्ट होकर उनके कान में भी।
हम दोनों हाथ में हाथ थामे कोई रोमांटिक गाना गुनगुनाते चल रहे थे, तभी उन्होंने अपने हाथ से मेरे हाथ की मंझली ऊँगली दबा दी ,
ये इशारे हम लोगों ने 'ऑपरेशन जेठानी ' के समय ये कोड डेवलप किया था अगर जेठानी जी कहीं परदे के पीछे से हम लोगों की बात सुन रही है या ' गलती से अपना मोबाइल टेबल पर रिकार्डिंग मोड में ' रख कर चली गयी हैं तो इसी इशारे से हम लोग उनके कोप से बचते थे।
बगल से एक साइकिल वाला गुजरा धीमी रफ्तार के समाचार की तरह,... उनके कीड़ा नाशक यंत्र ने वार्न ने किया था १०० मीटर दूर से कोई डाटा रिकार्डिंग मशीन लेकर चल रहा है.
जब हम लोग फ़ूड ट्रक के पास से गुजर रहे थे, एक आदमी कोई आर्डर दे रहा था, सांभर की बहुत अच्छी महक आ रही थी और उनका जूते का फीता खुल गया, और मैंने चार गालियां अपनी सास को सुनायी,
" तेरी महतारी की तरह तुझे भी नाड़ा खोलने में तो बहुत तेज हो, लेकिन बांधने में हरदम गड़बड़ करते हो. तेरी महतारी का तो यार लोग नाड़ा नहीं बाँधने देते होंगे, लेकिन तेरे जूते का फीता,... "
वो मुस्कराते रहे, फीता बांधते रहे। और वो कीड़ा नाशक यंत्र भी अपना काम कर रहा था।
एक बात तो मैं समझ गयी, दो बातें मैं सुजाता के घर पहुंच के जान पायी इन्होने समझायी।
इनका जूते का फीता इसलिए खुला की ये उस फ़ूड ट्रक का हाल चाल जानना चाहते थे. असल में उन्होने उस कीड़ा मारक यंत्र से उस फ़ूड ट्रक की लोकेशन रिकार्ड की थी.
सुजाता के यहाँ पहुँच के उन्होंने बताया की उस फ़ूड ट्रक में जो चिमनी थी, वो चिमनी के साथ साथ सेटेलाइट डिश का भी काम कर रही थी। यानी अभी थोड़ी देर पहले जो शावर में हम लोगों ने जल क्रीड़ा और काम क्रीड़ा की थी, वो सब इसी चिमनी के धुंए के साथ कितने लोगों के मन को खराब करने के लिए सेटलाइट से होकर गया होगा,
और दूसरी बात, जिस कीड़ा मारक यंत्र में उन्होएँ रिकार्ड किया था उससे वो ट्रांसमिट भी कर सकते थे, आखिर हम डाऊनलोड और अपलोड दोनों ही करते हैं। पर ट्रांसमिट करने में वेव्स के साथ सोर्स और डेसिनेशन दोनों ही पकड़े जा सकते हैं। इसलिए सुजाता के यहाँ पहुंच के सब चेक कर के ही उन्होंने फ़ूड ट्रक, साइकल वाले का और बाकी सब डाटा अपलोड किया।
अब मम्मी को भी जानकारी हो गई...इनकी मुंहबोली साली, मेरी सहेली, सुजाता
लेकिन वो सब बातें बाद में हुयी पहले तो सुजाता ने इन्हे दस गालियां सुनायें, साली कौन जो गाली न दे,... फिर ये जबतक झिझके इन्हे पकड़ के दबोच लिया।
कुछ देर में ही हम दोनों सहेलियां किचेन में थीं।
और वो कीड़ा पकड़क यंत्र से सुजाता के घर के इंच इंच पर चेक कर रहे थे, कोई कीड़ा नहीं मिला।
और उन्होंने संतोष की सांस ली।
अब उस फोन कम कीड़ा पकडक से जो डाटा फ़ूड ट्रक, गाजर वाले का था वो सब ट्रांसमिट कर दिया। उन्हें भी नहीं मालूम था की डाटा कहाँ गया लेकिन सेकेंडो में सारी फाइलें गायब हो गयीं, अब कोई उस यंत्र को मिक्सी में डाल के भी निचोड़ दे तो एक डाटा नहीं मिलने वाला था।
बीच में मैं निकली तो उन्होंने इशारे से बता दिया की सुजाता के यहाँ अभी तक तो मामला सेफ है फिर मैंने उन्हें जो मेरे शक थे सब बता दिए, कीड़े कैसे लगे, फ़ूड ट्रक वाले ने कैसे गुड्डी का नंबर पता लगा लिया या गाजर वाले के यहाँ अनजाने में गीता के मुंह से निकल गया की वो घर पर नहीं है।
लेकिन वो जरा भी परेशान नहीं थे. बात सही थी अब हमारे हाथ में था की हम क्या इन्फो उन कीड़ो के जरिये पहुँचाना चाहते हैं दूसरे जितना ज्यादा हम ' ऐक्टिव ' रहेंगे, घर से डाटा निकल के गाजर वाले के पास, या फ़ूड ट्रक में पहुंचेगा और वहां से सेटलाइट, उस डाटा के जरिये आगे ट्रेस करना आसान होगा,. ...
खाना लग गया था, और खाना खाते हुए हम लोग अंत्याक्षरी भी खेल रहे थे, मैं और सुजाता एक तरफ ये अकेले।
लेकिन मेरी चमकी कहीं मम्मी का फोन मेरे फोन पर आ गया या इनके फोन पर और इनके मिशन के बारे में कुछ पूछ लिया या यही की कब आये, दूसरी बात की अगर मैं अपने फोन से मम्मी को कोई ऐसा वैसा मेसज करूँ और मेरा फोन तो कीड़े वाले ने हैक ही कर लिया है तो उन सब को भी पता चल जाएगा की मैं मम्मी को आगाह कर रही हूँ, ... तो मैंने सुजाता के फोन से मम्मी को ये मेसेज किया,
' मम्मी मैं सुजाता के यहाँ आपके दामाद के साथ अंत्याक्षरी खेल रही हूँ,मैं और सुजाता एक साथ धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले की अगली लाइन क्या है जल्दी से मेसेज करिये। "
मम्मी का जवाब आ गया और वो समझ भी गयीं की उन्हें मेरे और अपने दामाद से सम्हल के बातें करनी है। लेकिन फिर उनका एक और मेसेज आया की वो अपनी समधिन के साथ सवा नौ बजे वीडियो काल करेंगी, तब तक हम लोग घर पहुँच जाये।
हम दोनों नौ बजे ही घर पहुँच गए. फ़ूड ट्रक के आगे सन्नाटा था, लेकिन एक आदमी अभी भी विंडो पर था। सब्जी वाले ने ठेला तो बंद कर दिया था पर वही पास में लेटा था।
सवा नौ बजे मम्मी का फोन आया और फिर उन्होंने अपनी समधन को भी जोड़ लिया
आगे की कुछ बातें यही बताएंगे,
और फिर तिगनी का नाच...Chor के घर चोरी करने की पूरी तैयारी हो चुकी हैं....
ऐसे समझे... जैसे शोले में अंग्रेजों के jailer पकड़ में आ गए..... ha ha
अभी जाल फेंक रहा है...गुड्डी और गीता को देख कर भी नहीं पिघला.... बहुत घाघ सब्जी वाला.... गाजर वाला है