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जोरू का गुलाम भाग २४५ , गीता और गाजर वाला, पृष्ठ १५२४
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Wah Komalji wah. Vese muje share market samaz nahi aata. Par aap ke in updates ke vajah se muje bahot kuchh pata lagi. Vese to bahot kuchh mere upar se bhi nikla.खेल शुरू
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मेरे समझ में धीरे धीरे आने लगा था कुल खेल,
एक स्क्रीन के कोने पे हमारा वार चेस्ट था, जिसमे हमारे शेयर और पैसे थे। मुझे लगा रहा था की हमारे वार चेस्ट में पैसे में कमी आनी शुरू हो जायेगी और हमारे शेयर बढ़ने लगेंगे लेकिन हो उलटा रहा था, बेचने से हमारे शेयर कम हो रहे थे और पैसे बढ़ रहे थे,
और अब मीनल का खेल मुझे थोड़ा बहुत समझ में आने लगा, अभी जब हमारे शेयर की वैल्यू ज्यादा है उसे बेच के हम वार चेस्ट और बढ़ा लेंगे और जब शेयर के दाम एकदम से गिर जाएंगे, तो उस समय जब हम शेयर अपने वापस खरीदना शुरू करेंगे तो उतने ही दाम में ज्यादा शेयर मिलने शुरू हो जाएंगे।
शेयर मार्केट में वैसे तो हर कोई बोलता है की जब शेयर गिरे तो खरीदो और उठे तो बेचो, लेकिन कितना गिरने पे खरीदो, यही आर्ट है क्योंकि आप पोस्टपोन करते रहे, और शेयर का दाम बढ़ने लगा या आपने खरीद लिया और शेयर और फिर औंधे मुंह गिर पड़े तो आप का पैसा गया।
और मीनल तेज निगाहों से सब बेचने वालों खरीदने वालों को देख रही थी और कम से कम कम १५० शेयर एक साथ ट्रैक कर रही थी , और कुछ कुछ कभी अनु को कभी टीम को बोलती।
लेकिन मैंने अपने लिए भी काम ढूंढ लिया था,
शेयर का मेरा ज्ञान करीब करीब शून्य था लेकिन बिजनेस एनेलेटिक्स और फोरेंसिक अकाउंटिंग में मैं क्लास ले सकता था और दूसरे बैलंस शीट और फायनेंसियल परफॉर्मेंस के डिटेल पढ़ कर मैं पांच मिनट में कम्पनी की असलियत तक पहुँच सकता था, बस करीब बारह कंपनियां थीं जो हम लोगो के पीछे पड़ी थीं, और कहीं से भी शेयर निकाल कर बेच रही थीं, बस सुब्बू को मैंने इशारा किया और उसने और अनीस ने, अनीस जबरदस्त हैकर भी था, उन ब्रोकरेज फर्म और कंपनियों की कुंडली निकाल के मुझे दे दी।
कम से कम पांच में मैंने जबरदस्त गड़बड़ियां ढूंढी, एकदम फ्राड वाली, और तीन तो फर्जी थीं।
राइवल भी जानता था की हम उनपे काउंटर अटैक करेंगे और ये तीन एकदम शैडो टाइप, कुछ दिनों पहले ही बनी थीं और डूब जाती तो फरक भी नहीं पड़ता, और उन्हें आगे इसलिए किया गया की अपने अटैक की सब एनर्जी हम इन कंपनियों पे खर्च करें,
मैंने मीनल को अपने रिजल्ट्स दिखाए और वो बड़े जोर से मुस्करायी और मुझे पकड़ के कस के हग कर के बोलीं,
" स्साले आज आया है असली मजा, आज जीतने के बाद तुझे बिना चोदे छोडूंगी नहीं, कहाँ छिपा था, ...अब चल हम दोनों मिल के इन सब की गांड मारते हैं "
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और अनुराधा को इशारा किया और उसने स्ट्रेटजी में तुरंत चेंज किया।
इधर मैंने अपने रिजल्ट सेबी का जो मेरा दोस्त कल मिला था उसे भेजे।
पंद्रह मिनट में रिजल्ट आ गया, उन बारह में से पांच की ट्रेडिंग बंद कर दी गयी और उनके अकाउंट भी बैंक ने फ्रीज कर दिए। बाकी को सेबी ने समंस भेज दिए।
उसका असर हम लोगों के शेयर की बिक्री पर पड़ा, मैं सामने ट्रैकर पर देख रहा था।
अब न सर्फ हमारी कंपनी के रेट गिरना बंद हो गए थेलेकिन ओवरआल सेंसेक्स भी स्टैब्लाइज हो गया था, और मीनल ने गेम प्लान चेंज किया और एक टाइमर सेट किया २५ मिनट,
जस्ट होल्ड, नो सेल्स, नो परचेज वो चीख कर अपनी सारी टीम से बोली और एक बार फिर एक एक ब्रोकरेज फर्म की परफॉर्मंस देखने लगी। यहाँ तक की सिंगापुर और दुबई में बैठे दोनों एक्सपर्ट्स ने भी हाथ रोक दिए।
मीनल ने मुड़ के देखा मेरी ओर और बोली,
" अब निकलेंगे स्साले असली मोटे वाले चूहे बिल से बाहर "
Yaha to dhadkano ki raftar ko badha diya Komalji aap ne to. Kya update ke plot ko set kiya hai aap ne. Minal ko man na padega. Market girte ja raha hai. Par vo puri dhiraj rakh ke bethi hai. Jaha ye unki aur Minal team wait kar rahe hai ki market gire tab vo karidna shuru karenge. Vahi bear company vale bhi yahi strategy par kam kar rahe hai. Vo chahte hai ki Market ki halat dekh kar unki company thode aur sare dale. Aur bear vale sare kharid le. Magar minal to unke sare nikalvane ke chakkar me hai. Magar market 16 points niche gir gaya.हमला - बीयर कार्टेल का, मंदी वालों का
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अबतक मैं रिएक्शन टाइम समझ गया था, जो हम लोग या हम पर अटैक करने वाले कर रहे थे उस की कॉपी फंड मैनेजर्स कर रहेथे जिमसे ५-७ मिनट टाइम लगता और फिर ट्रैकर पर गिरते बढ़ते शेयर को देख कर रिटेल वाले रिएक्ट करते उसमे १५ मिनट टाइम लगता तो करीब बीस मिनट बाद असल पता चलता था।
और सच में चार ब्रोकरेज फर्म जो मेरी लिस्ट में थी सीधे बीयर किंग से जुडी उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी।
हम लोगों का शेयर जो पांच प्वाइंट नीचे चल रहा था, एक घंटे के अंदर १० प्वाइंट आ गया था।
वो चारों ब्रोकरेज फर्म हमारे शेयर मार्केट में आफ लोड कर रहे थे, मुझे लग रहा था की अब मीनल खरीदना शुरू करेगी, लेकिन वो बार बार एक ही बात बोलती होल्ड आन,
१० प्वाइंट मतलब एक रेड लाइन, कल हम लोगो ने दो रेड लाइन तय की थी, एक फाल्स वाली जो दस प्वाइंट पर थी
और एक असली वाली जो १४ प्वांइंट पर थी। १० प्वाइंट वाली लाइन मैंने सुबह मिडिया वाले को भी बताई थी और मिस्टर दीर्घलिंगम को भी और उनसे कहा था की अपने ड्राइवर के सामने कल सुबह दस बजे के करीब किसी से फोन पर बात करते हुए बता दें की उसके बाद हम पूरी ताकत लगा देंगे और उसके बाद भी अगर शेयर गिरा तो हम हार मान लेंगे।
और दस प्वाइंट पार हो गया।
मैं मीनल अनु सुब्बू सब लोग सांस थाम के ट्रैकर देख रहे थे, कुछ हमारा शेयर ऊपर आया, दुबई वाले ने मीनल से बात कर के कुछ शेयर अपने ख़रीदे।
और तभी मेरे दिमाग में एक बात कौंधी, हैकर, मैंने स्टॉक एक्स्चेंजेस के कैमरे हैक करवाए थे, यानी उन बीयर फर्म के जो लोग ट्रेड कर रहे थे उनक की फीड मैंने अपने टैब में लिंक की और उसे मीनल को पास किया, मीनल ने सुब्बू को और अनीस को इशारा किया और अब वो स्क्रीन पे साफ़ दिख रहा था।
उन सब के चेहरे पे टेंशन पे था और अब मैं मान गया मीनल की स्ट्रेटजी।
शेयर बेचने वालों के चेहरे देखकर मीनल को एक जबरदस्त इनपुट मिल गया था, उन का टेशन, स्ट्रेस देख कर अंदाजा वो लगा रही थी की ये कितना दूर तक और चल सकते हैं।
राइवल चाहता था की दस प्वाइंट से नीचे न जाने के लिए हम शेयर खरीदेंगे तो हमारा वार चेस्ट खरच होगा और फाइनल अटैक में हमारे पास डिफेंड करने के लिए पैसा नहीं बचेगा। या शेयर के दाम गिरते देख कर हम शेयर बेचेंगे तो मार्केट में हमारे शेयर आएंगे और हमारी इक्विटी डाइल्यूट होगी, दोनों ही हालत में उनके पास उसका जवाब था।
पर मीनल ने होल्ड कर दिया था और मार्केट या तो अब गिरता या बढ़ता और वो गिराना चाहते थे तो उनके पास हमारे जो भी शेयर थे उसे बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। और उससे उस राइवल कम्पनी के शेयर हमारे कंम्पनी में कम होते और टेक ओवर होने का खतरा कम हो जाता।
एक जैसे १०० -१५० वादक का आर्केस्ट्रा हो और एक कुशल कंडक्टर उसे संचालित कर रहा हो, मीनल एकदम उसी कुशलता से कर रही थी।
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वो और उसके साथ अनु और सुबु भी, जैसे कठपुतली नचाने वाले हों और उनके दो नहीं दस हाथ हों और हर हाथ में बीसों उँगलियाँ हों, एक किसकी कुशल कोरियोग्राफर की तरह, जब उसने शेयर की खरीद फरोख्त होल्ड कर दी थी, तब भी लगातार टीमों से कभी वो फोन पे तो कभी आई पेड और कम्प्यूटर से, और अब सिर्फ टीम ही नहीं जो हम लोगों की टीमों को फॉलो कर रहे थे, फंड मैनेजर्स, जो मार्केट में सलाह देते हैं, यहाँ तक की राइवलस भी अगले कदम का इन्तजार कर रहे थे,
लेकिन मेरी दिल की धड़कने बढ़ रही थीं,
हालत अनु की भी कम ख़राब नहीं थी, हमारे शेयर की लाइन धीरे धीरे नीचे आ रही थी, जो एक फाल्स रेड लाइन हमने तय कर रखी थी, वो तो कब की पार हो गयी थीं, उसके बाद बाजार कुछ देर तक रुका,
लेकिन फिर धीरे धीरे गिरना शुरू हो गया। बीयर कार्टेल की मज़बूरी थी, मार्केट गिराने के लिए उन्हें हमारे शेयर बेचने पड़ रहे थे, मुझे लगा शायद एल आई सी या कोई और फ्रेंडली कंपनियां आएँगी, लेकिन मुझे याद आया की उनकी शर्त यही थी की पहले हम मैदान में आये, और
मीनल ने सबको रोक रखा था, बस वो देख रही थी हमारे और हमारी सपोर्ट करने वाली कंपनियों के कितने शेयर मैदान में है
और असली रेड लाइन भी पार हो गयी, हम लोगों ने तय किया था की अगर शेयर हमारी कम्पनी के १५ प्वाइंट से ज्यादा नीचे गिर गए तो उसे उठाना बहुत मुश्किल होगा,
मैं बार बार मीनल की ओर देख रहा था, उसका चेहरा स्क्रीन से चिपका लेकिन हाथ ट्रैफिक के सिपाही की तरह रोकने की मुद्रा में
अनुराधा की भी हालत खराब थी, वो बार बार जांघो को भींच रही थी, सिकोड़ रही और ढीली कर रही थी, जैसे कोई लड़की बार बार झड़ने के कगार पे पहुँच के रुक जाए और फिर एक बार झड़ने की हालत में पहुँचने लगे, साँसे तेज चल रही थी,
मीनल की हालत भी कम खराब नहीं थी, बड़े बड़े बूब्स एकदम पथराये, निप्स भाले के नोक की तरह टॉप को बेध रहे थे लकिन ये सब देखने की फुर्सत किसे थी, मेरी खुद हार्ट बीट कब की १०० पार कर चुकी थी, मैं कस के टेबल को पकडे था, बस अपनी कम्पनी के टिकर को देख रहा था
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अब वह धीरे धीरे १६ प्वाइंट के नीचे आ गया था
Man gae minal shah man gae. Kya khel khela hai. Sahi samay pe war shuru kiya. Aur ekdam se Market uchhala. Pahele to dhire dhire karid ke Market ko pata nahi chalne diya. Aur jab bear valo ke bike ekdam se game on sahi jagah ruk kar brokers aur bulll ko bhi fayda diya. Lic aur NBD bhi aa gai. Lekin NBD ka bharosa nahi. Vo Market ki giravat ka risk nahi lenge. Aur apne sare un bear valo ko bech sakte hai. Minal bahot garma gai hai. Anand babu ka khuta pakad liya. Bol rahi hai bina chode nahi jane dungi.हमारा हमला
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मीनल किसी कुशल सर्जन की तरह आपरेशन टेबल पर और जैसे बाकी डाक्टर बिना बोले अपना काम करते हैं, हेड नर्स औजार पकड़ाती है अनुराधा और सुब्बू और मैं भी
मीनल की आँखे मुस्करायी, पहले हलके से मेरी ओर और फिर सुब्बू की ओर,
और सुबु ने जो सपॉर्टिंग कंपनियां थीं उनके शेयर ग्रैब करने शुरू किये, ....पहले धीरे धीरे फिर तेजी से, मीनल बस स्क्रीन पर और टाइमर देख रही थी और पंद्रह सेकेण्ड बाद अनुराधा को उसने आँख से इशारा किया, और हमारा वार चेस्ट कम होना शुरू हुआ,
हमने शेयर खरीदने शुरू कर दिए थे लेकिन बहुत धीरे धीरे जिससे मार्केट को अंदाजा न लगे और शेयर अब गिरना बंद हो गए थे, बीयर कार्टेल ने फिर एक झटके में १०, हजार शेयर हमारी कम्पनी के आफलोड किये और मीनल चिल्लाई,
" पेल दे, फाड़ दे स्सालों की, ...लौंडिया ने टाँगे खोल दी हैं,... चोद दे "
और ये इशारा सिर्फ हमारी बाहर बैठी टीमों के लिए नहीं था, ....उन तीनो ने तमाम फंड मॅनेजर को लूप में ले लिया था की मीनल की जो टिप आएगी वो उन्हें तुरंत बतायंगे, और उन फंड मैनेजर्स ने रिटेलर्स को
" डाल डाल और डाल, पूरा डाल,... स्साली, “
मीनल अनुराधा से बोल रही थी और अब सिर्फ हमारी कम्पनी के नहीं,.... हम अपनी सपोर्टिंग कामोनियों के भी शेयर तेजी से खरीद रहे थे,
जो शेयर हमने १८०० में बेचे थे अब १३०० में खरीद रहे थे, और थोड़ी देर में हमारे कम्पनी का ट्रैकर ऊपर उठने लगा, मुश्किल से दो चार न मिनट के अंदर बिग बुल और बाकी कंपनियां भी मैदान में आ गयी, जब शेयर १५०० पहुँच गया तो सब को यकीन हो गया की अब हमारी कंपनी बच गयी है और शेयर तेजी से मॉप अप होने लगे, लेकिन तब तक हमने अपनी कम्पनी की शेयर होल्डिंग काफी बढ़ा ली
जो मैंने फाल्स रेड लाइन दे रखी थी, आधे घंटे में हमारे शेयर उससे भी ऊपर आ चुके थे।
और अब ड्राप सिर्फ ८ प्वाइंट का था , सपॉटिंग कंपनियां जो एकदम डूबने के कगार पर थीं अब सुबह के लेवल पर ट्रेड कर रही थीं और सबसे ज्यादा उछाल उनमे आया था
जिन जिन बैंको और फंड ने हमें लोन दिया था, उनके शेयर भी नीचे हो गए थे अब वो भी सुबह के लेवल पर आ गए और कुछ के तो पॉजिटिव हो गए,
साढ़े बारह बजे तक सेंसेक्स सुबह से चार प्वाइंट ऊपर चलने लगा था।
अनुराधा की हालत एकदम खराब थी, वो बस ट्रैकर देख रही थी और बार बार अपनी जाँघे सिकोड़ रही थी, हाथ उसके कस के टेबल को दबोच रहे थे, मैं समझ रहा था की क्या हो रही हां उसके साथ, देह एकदम पथराई, आँखे चढ़ी और वही हालत मीनल की लेकिन उन दोनों से ज्यादा खराब हालत मेरी थी,
वो ट्रैकर देख कर मेरा टनटनाया था, एकदम बुरी हालत में और मीनल ने उस हालत में भी सुब्बू को बोला, स्लो २० मिनट्स जस्ट रैप अप
और वो इंस्ट्रक्शन सारी टीम्स को पास हो गए,
अब हम लोगों ने अपनी खरीद रोक दी, बल्कि स्लो कर दी थी, और जो छोटी छोटी कंपनियां हमारे साथ की थीं बस थोड़ा बहुत उनके शेयर बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे और यह काम सुब्बू और सपोर्टिंग टीम के जिम्मे था,
मैं समझ गया मीनल की ट्रिक,
अब कुछ फायदा मिस्टर बुल और इंस्टीट्यूशनल बायर्स को मिल जाए और दूसरी बात, जब शेयर हमारे बहुत लो हो गए थे तो कम फंड्स इन्वेस्ट कर के भी उसे १३०० से १५०० पर खींच लाये, लेकिन १५०० से १८०० पर लाने के लिए और फंड चाहिए जो इन इन्वेस्टर्स के पास था और तब भी उन सब को टोटल कैपिटल गेन अच्छा खासा होता और सबसे बड़ी बात हमारी कंपनी एकदम सेफ हो जाती
हे, सुब्बू की ओर मीनल ने देखा और सुब्बू ने एक सिगी उसकी ओर बढ़ा दी, और दो जबरदस्त कस लगा के मीनल ने वो मेरे मुंह में खास दी और उसकी निगाह मेरी पैंट के बल्ज पे,
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और मीनल ने कस के उसे पकड़ के निचोड़ दिया,
" वाउ स्साला, ....तेरा तो, हो गया न खड़ा, ...अरे मीनल के पास आया है, घबड़ा मत मजा आया न । बहुत दिन बाद ऐसी ट्रेडिंग हुयी है आज तुझे तो बिना चोदे जाने नहीं दूंगी, पर उसके पहले तेरे साथ मिल के आज स्साले इन बीयर कार्टेल वालों की मां बहन चोदनी है, स्साला आज गांड मार के रख दूंगी, सालो ने शार्ट सेलर्स के साथ मिल के मार्केट की माँ बहन चोद कर के रख दी थी, ...आज ऐसी फाड़ूंगी तेरे साथ मिल के की पूरे बंबई का कोई मोची सिल नहीं पायेगा,....मजा आ गया तेरे साथ चिकने "
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और सिगी के बाद बीयर का नंबर था लेकिन मीनल की एक निगाह ट्रैकर्स पर चल रही थी, वो धीरे से बोली,
" लेकिन वो सब अभी गए नहीं हैं, देखना गांड पे मरहम लगा के आधे एक घण्टे में फिर लौंटेंगे, और तब तक हम लोग दुबारा तैयार मिलेंगे हाँ वो हमला सुबह से भी तेज होगा, अबकी वो सब ताकत झोंकेंगे "
एल आई सी के साथ अब एन बी ऍफ़ सी और कुछ बड़े फंड मैनेजर्स भी गए थे और सामने टीवी पे भी सेंसेक्स की ही न्यूज चल रही थी
तब तक मेरा नान स्मार्ट फोन बजा और ये नंबर सिर्फ चार पांच लोगो के पास था, मिस्टर बुल का सीधे फोन था
और एक बड़ी खराब न्यूज थी,
" एल आई सी वाले शायद हाथ खींच ले और अभी तो न्यूट्रल रहेंगे लेकिन अगर दूसरा हमला बहुत तगड़ा हुआ तो शायद "
और उन्होंने फोन रख दिया, मतलब साफ़ था की अभी जो शेयर उन्होंने ख़रीदा है, उसे वो सीधे बीयर कार्टेल को बेच भी सकते हैं अगर मैंने उन्हें हैंडल नहीं किया।
मेरे चेहरे पे पसीना आ गया। न्यूयार्क में अभी दस बज रहा होगा, लेकिन ये तो डूबने उतराने की बात थी, और मैंने अपनी कंपनी के हेडक्वार्टर में फोन लगाया, और मीनल को धीरे से बोला
" एल आई सी "
अगर ये खबर सही हुयी तो अब तक का सब किया धरा पानी में चला जाएगा और हम पर हमला करने वालों को भी ये बात अभी नहीं तो थोड़ी देर में पता चल ही जायेगी।
हम सब के चेहरे उतर गए,यहाँ तक की मीनल के चेहरे पर भी अब सुबह से पहली बार परेशानी नजर आ रही थी।
Bahot hi jabardast update. Bade bade VIP businessman ese sikar ho jate hai. Mr Dirdhlingam bhi ese hi fas gae. Driver se lekar ghar office sab kuchh. Unpar har tataf se najar rakhi gai aur jo vo parde ke pichhe kiya karte vo dushman ke hath lag gaya. Ab vo majbur ho gae. Halaki ese wakt par bhi vo ladh sakte the. Par sare morcho par nahi. Hamla teen tarfa huaa. Jisme se ek Market jo vo sambhal nahi sakte the. Par vaha to ashli khiladi pahoch hi gaya hai. Amezing update.मिस्टर दीर्घलिंगम
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नरीमन प्वाइंट पर मेकर चैंबर में कम्पनी का जो कारपोरेट आफिस था, उस दिन वहां सब सामान्य था, रोज की तरह काम करने वाले लोकल ट्रेनों से आये, अपनी अपनी कारों से आये और साढ़े नौ बजे से लिफ्टों में चढ़ कर आफिस में पहुँचने लगे।
मिस्टर दीर्घलिंगम भी एकदम सामान्य थे जब वो कल अमेरिकन कौंसुलेट से निकले, तो अपने ड्राइवर से उन्होंने एकदम सामान्य बात की, जब की उन्हें मालूम हो गया था की वह कितना जबरदस्त विश्वासघाती है, रोज की तरह उसे थैंक्स भी दिया और देर होने के कारण ५०० रूपये की टिप भी।
घर में भी वह कुछ नहीं बोल सकते थे, उन्हें पता चल गया था की न सिर्फ हर फोन और कम्प्यूटर हैक हो चूका है बल्कि हर दीवान के कान ही नहीं आँख भी हैं।
सुबह सब कुछ सामान्य था, हर रोज की तरह, उनके चेहरे की कोई भी शिकन, कोई झुंझलाहट उनके मन की बात खोल देती।
इसलिए सब कुछ रोज की तरह यह जानते हुए भी की आज का दिन उनका इस पोस्ट पर आखिरी दिन हो सकता है बल्कि उसके बाद शायद कोई और कम्पनी भी उन्हें जॉब नहीं देगी। यह कफ परेड का चार बी एच के का फ़्लैट, हो सकता है शाम को उन्हें तीन दिन के अंदर खाली करने का नोटिस मिल जाए या उस से भी पहले। इन सब बातों की उन्हें चिंता थी लेकिन उससे भी बड़ी चिंता ये थी की उनकी कम्पनी का भी आज आखिरी दिन हो सकता है, जो लेगा वो उसे बदल कर रख देगा।
हफ्ते में तीन दिन वो मैरीन ड्राइव पर जोगिंग करने जाते थे, और उसके बाद सी सी आई ( क्रिकेट क्लब आफ इण्डिया ) में ब्रेकफास्ट।
एकदम सामान्य था वह दिन और सी सी आई में ब्रेकफास्ट के समय ही उन्हें वो पेन ड्राइव मिली, कल जिसके बारे में अमेरिकन कौंसुलेट में बताया गया था।
सीसीआई के मीटिंग रूम में जाकर उन्होंने उस पेन ड्राइव को खोला और क्या नहीं था उसमे, आडियो, वीडियो दोनों डायरेक्टर्स के बारे में भी और कम्पनी सेक्रेटरी के भी, कैसे डॉक्युमेंट्स फाल्सीफाई किये गए थे, फोटोशॉप कर के, और टेक्निक से चेंजेज कर के, तीनो की जिम्मेदारी साफ़ साफ़ सिद्ध होती थी, और एक की तो बेटी और बीबी की ऐसी ऐसी फिल्मे, उन्हें भी ब्ल्यू फिल्मो का शौक था लेकिन ऐसी तो उन्होंने भी नहीं देखी थीं
वहीँ से उन्होंने फोन भी किये एक तो मिस्टर खन्ना को, वो एक मीटिंग और ट्रेनिंग के चक्कर के दस बारह दिन से बम्बई में थे, और यही के साथ मिसेज खन्ना से भी रिक्वेस्ट किया। मिसेज दीर्घलिंगम की वो पक्की सहेली थी तो ये तय हुआ की मिसेज दीर्घलिंगम के साथ आज वो ब्रंच ताज प्रेजिडेंट में करेंगी, साढ़े ११ बजे। और दिन में उन्ही के साथ।
एक दो और फोन।
मिसेज खन्ना पक्की पंजाब की शेरनी थीं और दूर से खतरा भाप लेती थीं।
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मिस्टर दीर्घलिंगम दस बजे के आसपास, बल्कि दस -सवा दस तक अपने आफिस में पहुँचते थे लेकिन तब तक वो सारी रिपोर्ट देख कर एक बार डिपार्टमेंटल हेड्स से फोन पर बात कर चुके होते थे।
पर आज वो पौने दस बजे ही मेकर चैंबर पहुँच गए, उनके फ्लोर के लिए सीधी लिफ्ट थी जिसका इस्तेमाल, डायरेक्टर्स और कम्पनी सेक्रेटरी करती थीं।
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जब मिस्टर दीघलिंगम आफिस में पहुंचे तो सब कुछ सामान्य लग रहा था, एक दो डायरेक्टर लेट आते थे वो अभी नहीं आये थे, उनकी प्राइवेट सेक्रेटरी आफिस खुलने के टाइम से हमेशा दस मिनट पहले आ जाती थी और वो आ चुकी थी, कम्पनी सेक्रेटरी भी अपने कमरे में थी।
एक बार अपने कमरे में पहुँच कर उन्होंने चारो ओर देखा, सब कुछ रोज की तरह था।
लेकिन सब कुछ सामान्य नहीं था,
उन्हें मालूम था की जब उनके घर की दीवालों तक दुश्मन की कान और आंख पहुँच चुके थे तो आफिस के फोन कहाँ बचे होंगे, लेकिन एक जगह थीं, जहाँ उनके अलावा कोई और नहीं पहुँच सकता था, बड़े से बड़ा आई टी एक्सपर्ट भी वहां सेंध नहीं लगा सकता था, उनका दिमाग और अब वो तेजी से काम कर रहा था।
उनके लम्बे कारपोरेट जीवन में कई बार ऐसे कारपोरेट रेड्स हुए लेकिन अबकी दो बातें नयी थीं, एक उनके पक्ष में दूसरी उनके खिलाफ, सख्त खिलाफ
पक्ष में यह था की कल उन्हें हैकिंग वाली बाते पता चल गयी और जो उनके पीठ में छुरा घोपने वाले थे, उन की न सिर्फ असली शक्ल सामने आ गयी बल्कि उनका तोड़ भी, जबरदस्त तोड़ मिल गया। डायरेक्टर्स तो वो सोच सकते थे एक बार, लेकिन ये कम्पनी सेक्रेटरी, इतनी यंग , इतना उसे इन्होने प्रमोट किया, अपने घर की तरह रखा, लेकिन सबसे ज्यादा वो
और हमला तिहरा था, एक ओर से, दो ओर से लेकिन तीन ओर से कभी भी नहीं सोच सकते थे और वो भी एक ही दिन, जब कम्पनी की हालत कमजोर हो
एक तो डेट को इक्विटी वाली बात थी, और वैसे तो चार पांच परसेंट इक्विटी से कोई फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन शेयर मार्केट की जो हालत थी उसमे अब ये चार पांच परसेंट बहुत मायने रखते थे। और जिससे कर्ज लिया गया था उसे इन लोगों को ऑफर करना था पहले और के रिफुजल पर ही वो उसे शेयर में कन्वर्ट कर सकता था।
आज पता चला था की कम्पनी सेक्रेटरी ने फायनेंस वाले से मिल के उस के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया था लेकिन अभी उन्होंने उस को ओवररूल करते हुए एक काउंटर ऑफर दे दिया था और सेबी को भी उसकी कॉपी दे दी थी और यह काम आज सी सी आई से किया था जिससे कम्पनी में किसी को खबर न हो और सेबी से वहां से बात कर ली थी।
दूसरा हमला शेयर मार्केट का और तीसरा उन दोनों डायरेक्टर्स का था।
शेयर मार्केट वाला मामला उनके बस का नहीं था, और उसके बारे में वो सोचना भी नहीं चाहते थे लेकिन बाकी दोनों को उन्हें ही फेस करना था और उसकी काउंटर स्ट्रेटजी, इस फ्लोर पर बिना किसी को विशवास में लिए उन्हें बनाना था और जब तक उनका अटैक न हो तब तक सब कुछ बस यही लगे,
सब कुछ नार्मल है।
लेकिन सब कुछ नार्मल नहीं था।
Amezing update. Me soch rahi thi ki sirf Mr Dirdhlingam hi fase hue hai. Par yaha to har kisi ki gath fasa rakhi hai. Secretary aur honey trep. Teeno directors kahi na kahi kisi na kisi jagah majbur hai. Vo bhi ese hi trep me fas kar kahi na kahi sin kar bethe hai. Vaha market ke girne ka asar yaha ho raha hai. Ek aur war zone. Jise Mr Dirdhlingam ko ladhna hai. Amezing update.कम्पनी सेक्रेटरी,
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वो कम्पनी सेक्रेटरी, जो किसी से सीधे मुंह बात नहीं करती थी, खास तौर से मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी से, और सीनियर सेक्रेटरीज से जूनियर यंग असिस्टेंट्स नयी नयी लड़कियां तो उसके लिए धूल की तरह थीं, आज वो सबसे हाल चाल पूछ रही थी।
यहाँ तक की उसकी अपनी सेक्रेटरी जब काफी ले के आयी तो उसने बैठने के लिए पूछा।
मिस्टर दीर्घलंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी के लिए तो उसने सोच रखा था, बस एक बार नए सिक्योरटी वाले आ जाए, आज टेकओवर हो जाए, तो कल नहीं, आज ही अपने सामने बल्कि सबके सामने स्ट्रिप सर्च करवाएगी, बल्कि कैविटी सर्च भी, चार ऊँगली कम से कम खुद अंदर डालेगी, अरे स्साली आराम से घोंटेंगी, एक लौंडिया तो निकाल ही चुकी है और अब तो उसकी लौंडिया भी घोंटने लायक होगयी होगी।
नहीं होगी तो वो करवा देगी, बुलाएगी उसे अपनी मां से मिलने और उसके सामने ही,
और दोनों डायरेकटर जिन्हे आज की मीटिंग के बारे में मालूम था वो भी थोड़ा अबनार्मल थे, एक तो मिस्टर सेन, जिन्हे ब्लैकमेल कर के डिफेक्ट करने के लिए मजबूर किया गया था, फिर कम्पनी में कुछ फ्राड करवाया गया, कुछ गलत फाइलिंग करवाई गयी उनकी सिग्नेचर से वो थोड़े घबड़ाये लग रहे थे, लेकिन दूसरे डायरेक्टर जो शेयर और कंपनी के एम् डी बनने के लिए डिफेक्ट कर रहे थे, वो काफी जोश में थे।
पर टेंशन स्टॉक मार्केट का थोड़ा बहुत कम्पनी में आ रहा था।
सुबह से जो टेकओवर की अफवाह थी, वो कम्पनी के हर फ्लोर पे थे, और टेकओवर के बाद हर आदमी को अपने जॉब की चिंता रहती है।
और साढ़े दस बजे के बाद जब कम्पनी के शेयर गिरने शुरू हुए तो टेंशन कम्पनी में भी आ गया। एक तो सीनियर मैनेजमेंट के पास कम्पनी के स्टॉक थे, और कई बार स्टाफ के लिए प्रिफरेंशियल शेयर भी मिलते थे, पर आफिस में ट्रेडंग पर एकदम से बैन था। और साढ़े ग्यारह के बाद जब शेयर के दाम १५०० से नीचे गिरे, तो टेंशन एकदम बढ़ गया था, और उसके बाद मिस्टर दीर्घलिंगम ने सी ऍफ़ ओ को बुलाया और आज शाम की बोर्ड मीटिंग के लिए, कंपनी सेक्रेटरी से बात की, तो लोगों को लगा की खतरा बढ़ गया है पर बाद में पता चला की बात कुछ रूटीन की थी, बोर्ड मीटिंग की लॉजिस्टिक्स और स्नैक्स की।
पौने बारह बजे कम्पनी सेक्रेटरी ने लास्ट टाइम ट्रैकर को देखा, कम्पनी के शेयर अब १५०० से भी नीचे आ गए थे, बस एक दो लोगों से बात की और बोर्ड मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सारे डायरेक्टर्स को मेल किया, सिवाय एम् डी के,
उसी समय कुछ सूट पहने लोग लिफ्ट से टॉप फ्लोर पर आ रहे थे, उस फ्लोर पर सिर्फ डायरेक्टर्स, सी ऍफ़ ओ, सी ओ ओ, उनकी सेक्रेटरी के आफिस थे, और कम्पनी सेक्रेटरी, लॉ और दो मीटिंग रूम थे , एक छोटा सिर्फ डायरेकटस के लिए जो अक्सर लंच रूम के लिए इस्तेमाल होता था और दूसरा बड़ा बोर्ड रूम जो सिर्फ बोर्ड मीटिंग्स या स्टाफ को एड्रेस करने के लिए होता था, डिपार्टमेंटल हेड्स निचले फ्लोर पर बैठते थे और सिक्योरिटी, ला, एडमिन भी उसी फ्लोर पे थे, बाकी का स्टाफ एक ओपन आफिस में निचले फ्लोर पर।
कम्पनी सेक्रेट्री ने एक बार फिर अपने लैपटॉप पे स्टॉक की पोजीशन देखी, अपना मेल चेक किया, शाम के मीटिंग का रिवाइज्ड अजेंडा सब को मिल गया था। तभी इंटरनेट डिस्कनेक्ट हो गया, इंटरकॉम पर उसने आई टी सेल वालो को फोन किया।
इंटरकॉम काम नहीं कर रहा था।
अपने फोन से कम्पनी सेक्रेटरी ने बात करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल का भी नेटवर्क चला गया था।
अपने केबिन से बाहर निकल कर झाँका, कॉरिडोर में सन्नाटा, कुछ सूट वाले, छोटे वाले मीटिंग रूम में, और सफारी पहने कुछ सिक्योरटी वाले, नहीं उसकी कम्पनी के लोग नहीं थे वो
और वो आ के कमरे में बैठ गयी,
थोड़ा खुश, थोड़ा परेशान,
क्या एक्विजशन शरू हो गया ?
एक बार पहले भी वो एक कम्पनी में इसी तरह कू हुआ था और उस बार वो इन्वाल्व थी, पूरे १००० शेयर मिले थे और प्रमोशन भी।
उस बार भी अक्वीजिशन वाले ऐसे ही आये थे, उनकी टीम प्रोफेशनल थी, तीन दिन तक किसी को आफिस से बाहर जाने नहीं दिया, सिवाय जिन्हे वो निकाल रहे थे। फोन वोन ऐसे ही काट दिए गए थे। और सबसे नान डिस्क्लोजर अग्रीमेंट पहले साइन करवाया गया था
कम्पनी सेक्रेटरी ने बाहर निकल कर देखा।
लिफ्ट बंद थी, और स्टेयर्स पर सिक्योरटी वाले थे, उस का दरवाजा बंद था। उस का गेस एकदम सही था।
टॉप फ्लोर का रास्ता बंद कर दिया गया था, मिस्टर दीर्घलिंगम की प्राइवेट सेक्रेटरी को छोड़ के सब सेक्रेट्रियल स्टाफ को घर भेज दिया गया था। टेलीफोन, इंटरकॉम बंद थे और मोबाइल के जैमर लगा दिए थे। निचले फ्लोर पर डिपार्टमेंटल हेड्स और उनके नंबर २ को छोड़ कर सबको घर भेज दिया गया था और जो थे उन्हें बोला गया था, वो अपने चेयर से नहीं हटेंगे। सबके मोबाइल, लैपटॉप ले लिए गए थे।
डायरेक्टर्स को बड़े मीटिंग रूम में बैठा दिया गया था और एक एक को छोटे मीटिंग रूम में बुलाया जा रहा था, जहाँ बाहर से आये कुछ लोग बैठे थे।
मिस्टर दीर्घलिंगम भी अपने कमरे में थे और उनका फोन भी बंद था।
डेढ़ बजे कम्पनी सेक्रेटरी के कमरे में एक नयी सिक्योरटी वाला आया और बोला,
" योर फोन प्लीज "
वो एक मिनट के लिए रुकी तो वो बोला, दीर्घलिंगम का भी फोन हमने ले लिया है और दो मोबाइल दिखाए।
उन्होंने अपना आफ्सियल फोन हैण्ड ओवर किया तो वो बोला, दूसरा भी।
और अब उनके पास कोई चारा नहीं था। " आधे घंटे बाद स्माल बोर्ड रूम में आ जाइये " बोल के वो चला गया।
जब दो बजे वो बोर्ड रूम में घुसी तो मिस्टर सेन, डायरेक्टर निकल रहे थे, उनका चेहरा एकदम राख लग रहा था।
Thanks so much
बहुत बहुत आभार, आप ऐसे सुधी पाठक, सिद्धहस्त लेखक और रससिद्ध समीक्षक की कलम अगर मेरे ऐसी लेखिका के थ्रेड पर कुछ कह देती हैं तो यह अपने में विशवास बढ़ाने के लिए बहुत होता है। आभारजबरदस्त अपडेट्स..!!! कहानी पढ़ते पढ़ते ऐसा ही प्रतीत हो रहा था जैसे कोई फाइनैन्शल थ्रिलर देख रहे हो..!! इतनी सारी बारीकियों के साथ जैसा सटीक वर्णन है, कहीं भी, कुछ भी मिस नहीं हो रहा..!! पल पल यह इंतेज़ारी रहती है की अब आगे क्या होगा..!!! गजब की लेखनी..!!!![]()
Thanks so much for your appreciation and nice wordsVery interesting, gyaan vardhak & strategic updates, You have just amazing knowledge of stock market didi. Gazab updates.
Super duper jabardast updates
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