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Incest जीवन रस की एक - एक घूंट पिए जा पिए जा

motabansh

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रीता : फिर क्या हुआ मामा ने बात नहीं की क्या ?

विभा : बात की यार। रात दो बजे तक मैंने माँ और मामा की चुदाई देखी बहुत मजा आया सहेली। मामा बहुत मस्त चोदते है। मम्मी मामा का लण्ड चूस चूस मजे ले रही थी। मामा ने भी मम्मी की बुर को मस्त तरीके से चोदा। हम लोग जो किताबो और ब्लू फिल्मो में देखते थे वैसे ही चुदाई कर रहे थे दोनों। खुलेआम चुत, लण्ड, गांड बोल रहे थे। मम्मी गांड उछाल उछाल कर मामा का लौड़ा अपनी बुर में ले रही थी मामा के ऊपर चढ़ कर। मामा ने पूछा भी की दीदी विभा अब जवान हो गई है। थोड़ी बहुत जवानी की चटनी उसको भी……। पर साली ने मना कर दिया और सुबह उठते ही स्कूल भेज दिया।
रीता : हाय बहुत बुरा हुआ। तुझे भी मजा मिल जाता तो तेरी मम्मी का क्या जाता।

विभा : पता नहीं यार। वैसे मामा ने कहा है की वो राजी करने की कोशिश करेंगे दिन में। देखते है क्या होता है।

रीता : तेरे मामा होशियार है कोई न कोई चक्कर जरूर चला लेंगे। आज तुझे जरूर लंड मिलेगा सहेली। तेरी बाते सुनकर मेरी चुत भी अब लौड़ा मांग रही है। हाय चल क्लास में।

फिर दोनों क्लास में वापस लौट आते है।

संजू और रीता

स्कूल से छुट्टी के समय संजू और रीता मिलते है।

रीता : और भाई कैसे हो, बहुत ज्यादा देर से इंतजार तो नहीं करना पड़ा”?

संजू :“नहीं दीदी ऐसा नहीं है” और उसको देखते हुए मुस्कुराया। रीता के गाल गुलाबी थे और चेहरे पर शर्म की लाली और आंखों में वासना के डोरे तैर रहे थे। संजू अपनी प्यारी बहन के गुलाबी गाल वासना से भरी आँखों को देख सोचने लगा की दीदी गरम लग रही है। स्कर्ट और टाइट शर्ट में रीता की चूचियाँ भाले के नोक की तरह खड़ी थी। संजू अपने दोस्त मोहित के साथ बात करके ऐसे ही गर्म हो चूका था अपनी बहन को देखते ही उसके अंदर और उत्तेजना आ गई। जब वो संजू के बगल में चल रही थी तो उसके बदन से निकली सुगंध को संजू एक गहरी सांस लेकर अपनी नाक में भरने लगा।

रीता उसकी उत्तेजना को देख कर मुस्कुराते हुए बोली "क्यों संजू तेरा चेहरा इस तरह से लाल क्यों हो रहा है क्या बात है"। संजू ने मुस्कुराते हुए रीता की ओर देखा और कहा “देखो दीदी तुम तो मेरे दोस्त मोहित को जानती हो, आज लंच टाइम में मैं और मोहित मिले थे उसने मुझे एक बहुत ही गर्म किताब दी।
रीता: अच्छा तो किताब ने गर्म कर दिया मेरे भाई को। वो किताब कहाँ है फिर?

संजू: नहीं दीदी किताब ने नहीं उसको बातो ने गर्म कर दिया।

रीता: कैसी बाते की उसने तेरे साथ। क्या उसने भी चुदाई का मजा ले लिया क्या?

संजू: रुको अभी बताता हूँ। वैसे वो किताब भी मैंने उस से ले ली है।घर चल कर देखेंगे। दोनों साथ साथ चलने लगे। फिर एक ऑटो वाले को हाथ दे कर रीता ने रोका और दोनों भाई बहन उसमे बैठ गए संजू धीरे से फुसफुसाते हुए रीता के कान से अपना मुंह सटा उसके बदन की खुसबू को अपनी सांसो में भरता हुआ बोला दीदी तुम्हारा चेहरा भी तो लाल और गुलाबी हो रहा है।

रीता : ऐसे ही धुप में लाल हो गया होगा, थोड़ा दूर हट कर बैठ।
 

motabansh

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संजू : "यहाँ किसको पता चल रहा है तुम्हारे बदन से निकलने वाली खुशबू मुझे पागल कर रही है। मैंने तो तुमको बताया था दीदी तुम जब स्कर्ट शर्ट वाले स्कूल ड्रेस में होती हो सबसे ज्यादा सेक्सी लगती हो”। रीता हँसने लगी। दोनो भाई बहन धीमे स्वर में फुसफुसाते हुए आपस में बात कर रहे थे ताकि उनकी आवाज ऑटो वाला नहीं सुन सके।

रीता संजू के दाहिने तरफ बैठी थी और अपनी दहिनी हाथ से उसने अपनी किताबों को अपनी छाती से चिपकाया हुआ था। पथरीले रास्तो पर ऑटो जर्क लेता था और अपना बैलेंस बनाने के लिए रीता ने अपने बाये हाथ को ऊपर उठाकर ऑटो के छत से लटकी प्लास्टिक को पकड़ रखा था। ऐसा करने से रीता केचिकने मांसल कांख जो कि पसीने की पतली परत से गीले थे और उसके स्कूल ड्रेस के शर्ट से ढके हुए थे से निकलती तीखी गंध सीधे संजू के नथुनों में समा गई। संजू रीता के कांख की तीखी गंध को सूंघ कर पागल हुआ जा रहा था और अपने नाक को रीता की कांख में घुसेड़ देना चाहता था। छाती से सटा कर रखे किताबो को अपनी गोद में रख कर रीता फुसफुसाती हुई संजू को थोड़ा अपने बदन से दूर करती हुई धीरे से बोली "थोड़ा दूर रह संजू"। तुम्हारे दोस्त की दी हुई किताबों ने तुम्हें कुछ ज्यादा ही गरम कर दिया है।”

संजू: वो तो मैं तुम्हे देखते ही हो जाता हूँ। वैसे दीदी मुझे एक बात बताओ कि तुम्हारी आंखे भी कुछ लाल सी लग रही है चेहरे पर भी लालिमा छाई है तुम्हारे साथ भी कुछ हुआ है क्या बताओ ना"।

रीता धीरे धीरे फुसफुसाते हुए बताने लगी “तुम तो मेरी सहेली विभा को जानते हो, उसने अपने घर पर कल रात हुए घटना के बारे में मुझे बताया, जिसके कारण मैं बहुत गरम हो गई।

संजू : क्या हुआ उसके घर पर"।.

रीता: “कल रात उसके घर पर उसकी मम्मी के छोटे भाई आये थे। मामा उसे और उसकी मम्मी दोनों को सिनेमा दिखाने ले गये थे। सिनेमा हॉल में उसके मामा और मम्मी के साथ मस्ती कर रहे थे। बाद में घर वापस लौटने पर उसके मामा ने छत पर बुला कर विभा के साथ मस्ती की और उसको अपना लण्ड दिखा कर उसकी बुर को रगड़ा। फिर विभा को बोला की रात में वो पर्दा हटा देंगे और फिर विभा उसके मामा और मम्मी की चुदाई देख सकती है।

संजू : विभा के घर का माहौल बड़ा मस्त है।

रीता : हाँ संजू में तो नीचे से पूरी तरह से गीली हो गई हूँ और मेरी पैंटी मेरे चूत के पानी से भीग गई विभा की बाते सुन कर। फिर रात में उसके मामा ने उसकी मम्मी को खूब चोदा, भाई जब मेरी सहेली ने अपने मामा और मम्मी की चुदाई की बात बताई तो मेरी चूत बुरी तरह से पनिया गई और मैं बहुत गर्म हो गई। विभा ने मुझे बाद में बताया कि उसके मामा ने उसकी मम्मी से विभा को चोदने की परमिशन भी मांगी है अभी तो उसकी मम्मी ने मना कर दिया मगर विभा को पूरा विश्वास है कि उसके मामा मना लेंगे, फिर वो दोनों को एक ही बिस्तर पर चोद सकते है”। तुम तो जानते ही हो कि उसके पापा विदेश गये हुए हैं"।

संजू :“विभा भाग्यशाली है। दीदी मैंने भी कल रात सोचा कि काश मैं तुम्हें और मम्मी को एक साथ, एक ही बिस्तर पर चोद पाता।

रीता: यही बात तो मैं तुझे समझा रही हूँ कि किसी भी तरह मम्मी को पटा ले फिर देखना कितना मजा आता है। घर में हम जब चाहे चुदाई का आनंद उठा सकते है।

संजू: दीदी तुम्हारी बातो से मैं बहुत गर्म हो गया हूँ घर पर एक बार अभी अपनी चुदाई करने देना प्लीज। तुम भी तो काफी गरम हो चुकी हो अपनी प्यारी सहेली विभा की कहानी को सुन कर।”

रीता : "हाँ संजू तुम सच कह रहे हो, मैं भी स्कूल की छुट्टी होने काइंतज़ार कर रही थी, मेरी बुर रस छोड़ रही है। अगर मौका मिला तो जरूर चुदवाउंगी”।.

संजू : "दीदी, तुम जब स्कूल से निकल रही थी तभी मुझे लग रहा था कि तुम काफी गरम हो चुकी हो”।

रीता :“हा मेरे प्यारे भाई, विभा की बातों ने मुझे गरम कर दिया है, उसकी चुद्दकर मम्मी और चोदू मामा की कहानी ने मेरी निचे की सहेली में आग लगा दिया और मैं भी चाहती हूँ कि हम जल्दी से जल्दी घर पहुँच कर एक दूसरे की बाहों में खो जाये।“

ऑटो तेजी से घर की ओर भाग रहा था और संजू और रीता आपस में धीरे धीरे बात कर रहे थे।
 

motabansh

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जब संजू और रीता घर पहुंचे तो दरवाजा लॉक था। इसका मतलब मम्मी और सरोज दोनों घर पर नहीं थी। रीता के पास दूसरी चाभी थी। दरवाजा खोल कर अंदर घुस गए और फिर दरवाजा बंद कर दिया। दोनों दोनों भाई-बहन तो ऐसा ही चाहते थे। दोनों के चेहरे पर मुस्कान आ चुकी थी। दोनों एक दूसरे को देखते हुए बोले आज किस्मत लगता है हमारे साथ है।

दोनों भाई बहन अपना बस्ता फेक रीता के कमरे में घुस गए। रीता ने कमरे का दरवाजा बंद किया और खुद संजू से लिपट गई। संजू भी "हाय दीदी" करते हुए रीता को जोर से अपनी बांहो में भर लिया। दोनों एक दूसरे के होठो को चूसने लगे। रीता को कठोर मांसल चूचियाँ संजू के सीने में चुभते हुए गुदगुदी पैदा कर रही थी। चूचियों के खड़े निप्पल का अहसास वो अपने छाती पर महसूस कर रहा था। रीता की कमर और जांघे संजू की जांघों से सटी हुई थी और उसका खड़ा लंड उसके पैंट के अंदर से उसकी स्कर्ट पर ठीक उसकी चुत के ऊपर ठोकर मार रहा था। संजू की प्यारी बहन अपनी चूत को उसके खड़े लंड पर पैंट के ऊपर से रगड़ रही थी। रीता के रस भरे गुलाबी होठो को चूसते हुए संजू अपना हाथ रीता के चुत्तड़ो पर ले गया और स्कर्ट के ऊपर से चुत्तड़ो को मसलते हुए रीता को जोर से अपनी बांहो में भर लिया था। रीता होठो को चुसवाते हुए अपनी जीभ संजू के मुंह में दे रही थी और संजू रीता के शहद भरे होठो को चूसते हुए जोर जोर से उसकी जीभ को चूस रहा था। रीता के हाथ संजू की पीठ पर से होते हुए उसकी चुत्तड़ो और कमर को दबाते हुए अपनी तरफ खींच रहे थे और संजू भी उसके चुत्तड़ो को दबाते हुए उसकी गांड के अंदर स्कर्ट के ऊपर से अपनी उंगली चला रहा था।

थोड़ी देर बाद दोनों अलग हुए रीता खुद बेड पर चढ़ गई अपनी स्कर्ट को अपने घुटनो से हल्का सा उठा अदा के साथ अपने चुत्तड़ो को हिलाते हुए मटका कर दिखाया। संजू बेड पर चढ़ते चढ़ते रुक गया। रीता ने अपने बाये हाथ को पीछे ले जा कर अपनी नेवी ब्लू कलर की स्कर्ट जो कि उसके घुटनों तक ही थी को सेक्सी तरीके से लम्बे चौड़े बेड पर इधर उधर चलते हुए थोड़ा सा ऊपर उठा दिया। ऐसा करने से उसकी मांसल चिकनी, गोरी और मोटी जांघे पूरी तरह से नंगी हो गई और उसकी काले रंग की सिल्क की लेस वाली पैंटी का निचला भाग दिखने के साथ-साथ उनमें कसी हुई उसके मदमस्त चुत्तड़ो की झलक भी संजू को साइड से मिल गई। रीता की इस हरकत ने संजू के बदन में आग लगा दिया। रीता का ये रूप बहुत नशीला और मदमस्त कर देने वाला लगा। संजू समझ गया की घर को खाली देख रीता दीदी आज पूरी मस्ती में है। संजू सिसकते हुए बोला "ओह रीता दीदी तुमने मेरे पुरे बदन में आग लगा दिया अपनी इस हरकत से। तुम्हे पता है की मैं तुम्हारे स्कर्ट से झांकती गोरी चिकनी मख्खन के जैसी जांघो का कितना दीवाना हूँ।"

रीता: "हाँ भाई तुम्हे अच्छा लग रहा है न।"
 

motabansh

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संजू : "ओह बहुत खूबसूरत है तुम्हारी गोरी चिकनी जाँघे। इतने सेक्सी अंदाज में तुम मुझे ये दिखाओगी मैंने कभी नहीं सोचा था।"

रीता :"भाई तुम्हारी बहन तुमसे बहुत प्यार करती है और मैं चाहती हूँ की मेरे भाई को हर मजा मिले।"

संजू : "हाँ दीदी मैं भी तुम्हे हर तरह का मजा दूंगा। ओह कितनी सेक्सी और गदराई जाँघे है तुम्हारी। मैं और अच्छी तरह से देखना और चूमना चाहता हूँ इन्हे। तुम्हारे खूबसूरत चुत्तड़ो को भी देखना चाहता हूँ।

रीता : सब देखना आराम से आज हमें बहुत अच्छा मौका मिला है। निचे बैठ कर मेरी स्कर्ट के अंदर झाँकने का मजा लो फिर स्कर्ट उठा कर देखना।

कुछ देर तक इसी तरह दोनों भाई बहन एक दूसरे से मजा लेते रहे फिर रीता बिस्तर पर घुटनो के बल आ गई। घुटनो पर चलते हुए पीछे की तरफ घूम कर किनारे आ गई और अपने घुटनों को बिस्तर पर जमा कर झुक गई। अपने सर को दो तकियो पर रख दिया। अपने घुटनों को बिस्तर पर जमाने के बाद रीता ने गर्दन घुमा कर संजू की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए इशारा किया। संजू उठ कर रीता के चुत्तड़ो के पीछे खड़ा हो गया और कांपते हाथो से रीता के गदराई जांघो को ख़ूबसूरती को देखते हुए धीरे से उसकी स्कर्ट को ऊपर उठा दिया। रीता के खूबसूरत गोलाकार गदराये गद्देदार चुत्तड़ जो कि उसके पैंटी में कसी हुई थी दिखने लगी। उसकी चूत और चुत्तड़ो के ऊपर उसकी पैंटी एक दम कसी हुई थी। संजू देख रहा था कि उसकी चूत के ऊपर पैंटी का जो भाग था पूरी तरह से भीगा हुआ था। रीता की चुत्तड़ो का आधा भाग पैंटी के बाहर था। रीता के गोरे चुत्तड़ और जांघ चमचमा रहे थे। संजू निचे झुक कर पहले उसके दोनों चुत्तड़ो को बारी बारी से चूमा और फिर गर्दन झुका कर जीभ निकाल कर उसकी जांघो को चाटने लगा। संजू आज अपनी इक्छा पूरी कर रहा था। वो हमेशा से रीता के गोरे मखमली जांघो को चाट चाट कर अपने होठो के बीच गदराई गोरी जांघो को दबा दबा कर चूसना चाहता था। रीता आराम से चुत्तड़ उचकाए पेट के बल लेटी संजू को उसकी इच्छा पूरी करने दे रही थी। संजू ने जांघो और चुत्तड़ो को चाट चाट कर अपनी लार से गीला कर दिया। कुछ देर बाद संजू ने अपने चेहरे को उसकी पैंटी से ढकी हुई चूत और गांड के बीच में घुसा दिया। रीता के बदन की खुशबू को अपनी सांसो में भरते हुए उसकी चूत के पानी में गीली उसकी पैंटी के ऊपर अपने होठो को लगा जोर से चूमा और फिर बुर के रस से भीगी हुई उसकी पैंटी को चाट लिया। रीता का पूरा बदन सिहर गया और उसके मुंह से आनंद से सिस्कारिया निकलने लगीऔर अपनी गांड को और ज्यादा उचका दिया। संजू अब अपनी जीभ को पैंटी ऊपर से रीता के गांड की खाई से लेकर उसके चुत की दरार तक ऊपर से निचे तक घुमाने लगा और जोर जोर से चाटने लगा।
 

motabansh

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रीता चुत चटवाने के पहले अहसास में डूबी सिसकारियां निकलने लगी और संजू एक भूखे कुत्ते की तरह दोनों हाथो से रीता के चुत्तड़ो को थाम कर ऊपर से निचे तक जीभ चलाने लगा। कुछ ही देर में पूरी पैंटी गीली हो गई और रीता के चुत से चिपक गई।

रीता दीदी की मांसल कदली जांघो को अपने हाथों से कस कर पकड़ते हुए संजू उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूतरहा था। पैंटी से रिस रिस कर बुर का पानी निकल रहा था और संजू पैंटी के साथ ही उसकी चुत को अपने मुँह में भरते हुए चूसते हुए चाट रहा था। पैंटी का बीच वाला भाग सिमट कर रीता की चूत और गांड की दरार में फंस गया था और संजू चूत चाटते हुए उसकी गांड पर भी अपना मुंह मार रहा था। संजू के ऐसा करने से रीता की उत्तेजना हद से ज्यादा बढ़ गई और वो अपनी गांड को नचाते हुए अपनी चूत और चुत्तड़ो को संजू के चेहरे की तरफ दबा रही थी।

संजू का लण्ड पूरी तरह से खड़ा हो कर दर्द करने लगा था। उसने अपनी पैंट और अंडरवियर को खोल कर इसे आज़ादी दे दीऔर अपने होठो को बुर के होठो से चिपका कर पैंटी के ऊपर से चाटने लगा। फिर संजू ने रीता की चूत और गांड को कस कर चूमा और उसके मांसल चुत्तड़ो को अपने दांतों से काटा और उसके बुर से निकलने वाली मादक गंध को एक लंबी सांस लेकर अपनी फेफड़ो में भर लिया और फिर धीरे से चुत्तड़ो पर से अपनी बहन की पैंटी को सरका दिया। उसके खूबसूरत चुत्तड़ो को देख कर संजू का लंड झटके खाने लगा। रीता के मैदे जैसे गोरे चुत्तड़ो की बीच की खाई में भूरे रंग की अनछुई गांड दबी हुई थी और उसकी गांड के नीचे गुलाबी पंखुड़ियाँ सरीखी उसकी चिकनी चूत। रीता दीदी की चूत के गुलाबी होठ फरफरा रहे थे और गीले थे। संजू अपने हाथों को धीरे से उसके चुत्तड़ो और गांड की दरार में फिराता हुआ धीरे से हाथों को सरका कर उसकी बिना झांटो वाली चूत के छेद पर ले गया और अपनी उंगलियों से कुरेदते हुए सहलाने लगा। संजू की उंगलियों पर रीता की चूत से निकला उसका रस लग गया और उसे अपने नाक के पास ले जा कर सुंघा और फिर जीभ निकाल कर चाट लिया। उसकी प्यारी बहन के मुंह से लगातार सिस्कारिया निकल रही थी और उसने संजू से कहा “ओह संजू अब तो तुमने जी भर कर मेरी गांड और बुर को देख लिया है न कि अभी और देखना चाहते हो" संजू बोला " ओह दीदी बहुत खूबसूरत और सेक्सी है ये। तुम्हारे चुत और गांड को देखने से मेरा मन कभी नहीं भरने वाला,बहुत सुन्दर है, दिल कर रहा इनको मैं चूमता और चाटता रहू। रीता सिसकते हुए बोली "ठीक है संजू जितना जी चाहे प्यार कर लो, चाट लो जी भर कर चूस कर मेरी बुर से निकलने वाले सरे रस को पी जाओ मैंने तुम्हारे लिए जमा कर रखा है"। इतना सुनते ही संजू झुक कर उसकी चूत के होठों पर अपने होठों को जमाते हुए जीभ निकाल कर उसकी बुर को चाटना शुरू कर दिया। उसकी बुर के नमकीन रस को चाटते हुए चुत के चिपके हुए होठों को जीभ से कुरेदते हुए चूत की छेद में थोड़ा सा घुसा कर अंदर लगे रस को चाट लिया। रीता सिसकते हुए अपनी गांड ऊपर निचे करने लगी। संजू रीता के बुर के दरार पर ऊपर से निचे तक जीभ चलाते हुए उसकी बुर के टीट पर भी अपने जीभ को फेरने लगा।

रीता के लिए यह पहला अवसर था जब वो चुत चटवा रही थी। मजे के कारण उसकी आंखे अपने आप बंद हो चुकी थी और उसके मुँह से केवल सिसकारियां निकल रही थी। संजू ने जो भी ज्ञान किताबो और फिल्मो से प्राप्त किया था उसका उपयोग करते हुए रीता की बुर को चाटने की कोशिश कर रहा था। रीता मजे की मदहोशी में अपने चुत्तड़ो को नचाते संजू के मुंह पर दबा रही। संजू चुत के दोनों फांको को बारी बारी से अपने होठो के बीच दबा कर चूसते हुए गुलाब के फूल की तरह खिले हुए भगनासे पर जीभ को चलाते हुए उनको अपने मुंह में भर चाट और चूस रहा था।

रीता के छोटे से भागनासे को अपने होठों के बीच दबा अपनी जीभ से हलके हलके रगड़ते हुए चाट रहा था संजू। संजू की दीदी आनंद और मजे से सिस्कारियां भरते हुए अपनी गांड को नचाते हुए अपनी चूत को संजू के मुंह की तरफ धकेल रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो संजू की जीभ को वो अपनी चूत में दबोच लेना चाहती हो। रीता बहुत तेज सिस्कारिया ले रही थी और उत्तेजना की पराकाष्ठा तक पहुंच चुकी थी। संजू उसकी बुरके टीट को अपने अपने होठों के बीच दबा कर चूसते हुए अपनी जीभ को अब उसके पेशाब करने वाले छेद पर भी घुमा रहा थाऔर उसकी दीदी भी अपनी गांड को नाचते हुए सिसकारियां ले रही थी मजे से अपनी बूर अपने भाई के चेहरे पर धकेल रही थी। रीता सिसकते हुए बोली ”ओह संजू तु बहुत अच्छा कर रहा है, हाय भैया इसी तरह से अपनी बहन की गरम और मखमली बुर को चाटो, हा हा भाई मेरी छेद को चाटो और चूसो, बहुत मजा आ रहा है और लगता है तुम मेरा पानी ऐसे ही निकाल दोगे, देखना कही तुम मेरी चुत का पानी न पी जाओ।”

संजू अपनी दीदी की चूत पर से अपने मुँह को एक पल के लिए हटा कर बोला "ओह दीदी, तुम्हारे चूत की खुशबू ने मुझे पागल बना दिया है और ऐसा लगता है कि मैंने तुम्हारी चुत का रस थोड़ा बहुत पी लिया है और मैं अपने आप को इसका और ज्यादा स्वाद लेने से नहीं रोक पा रहा हूं, हाय दीदी सच में तुम्हारे बदन से निकलने वाली हर चीज बहुत ही टेस्टी लगती है…….

"ओह ओह मेरे प्यारे छोटे भैया, कुछ ज्यादा ही उत्तेजित गए हो, तुम्हारा इस तरह से मुझे प्यार करना बहुत अच्छा लग रहा है संजू पर अगर तुम इसी तरह से मेरी चूत को चूसोगे तो मेरा पानी निकल जाएगा……..ओह राजा, मेरे प्यारे भाई…..तुम इस बात ध्यान रखते हुए चाटो और चुसो”
 
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motabansh

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संजू अब अपनी जीभ को रीता की बुर में कड़ा करके पेल रहा था था और उसके फांको को फैला कर चाट रहा था। उसके भगनासे को अपने होठों के बीच दबा कर चूसते हुए उसकी पनियायी हुई बुर के कसे छेद में अपनी जीभ को नुकीला करके पेल रहा था। कुछ देर बाद संजू ने अपने हाथो से रीता के चुत्तड़ो को फैला कर उसकी गांड के छेद पर एक जोरदार चुम्मा लिया और अपनी ऊँगली से सहलाने लगा और अपने जीभ को उसकी चूत में तेजी के साथ बुर के अंदर पूरा ले जाकर उसे घुमाने लगा। रीता भी अपने चुत्तड़ो को हिलाते हुए अपनी गांड और बुर को पीछे ढकेल रही थी। संजू बीच-बीच में अपनी जीभ को बुर से बाहर निकाल कर अपनी बहन की भूरे रंग की गांड की छेद को भी चाट लेता था। रीता अब उत्तेजना की सीमा को पार कर चुकी थी और वो अब बहुत तेज सिस्कारिया ले रही थी……..”संजू तू मुझे पागल बना रहा है……….ओह मुझे नहीं पता था कि इतना मजेदार होगा ये चुत चटवाना ……….ओह ऐसे…….ही . हाय ऐसे ही चूसो मेरी चूत को…….मेरी बुर की होठों को अपने मुँह में भर कर ऐसे ही चाटो राजा…….ओह प्यारे भाई बहुत अच्छा कर रहा है तु…..मेरी चूत की छेद में अपनी जीभ को पेलो और अपने मुँह से चोद दो मुझे……..हाय मेरे चोदू भाई मेरी चूत के होठों को अपने मुँह में भर लो और अपनी जीभ को मेरे बुर में पेलो”

चूत के रस को चाटते हुए और बुर में जीभ पेलते हुए संजू रीता की टीट को भी छेड़ रहा था और उसके ऐसा करने पर वो अपनी गांड को और ज्यादा तेजी के साथ लहराने लगती थी। दीदी अब पूरी उत्तेजना में आ चुकी थी और संजू अपने पंजो के बीच में उसके दोनों चुत्तड़ो को दबोचे हुए अपनी प्यारी बहन की चूत को अपने जीभ से चोद रहा था।

“ओह भाई, ऐसे ही,,,,,,,,ऐसे ही, ओह खा जाओ मेरी चूत को, चूस लो इसका सारा रस, प्यारे, ओह चोदू मेरे भगनासे को ऐसे ही कस कर अपनी जीभ से चुसो ओह सी,,,,,,,ईईईई,,,,,,,ओह पी जाओ मेरी चूत से निकले पानी को……..सीईईईई भाई मेरे चूत से निकले स्वादिष्ट पानी को पी जाओ” कहते हुए अपनी चूत को संजू के होठो पर रगड़ने लगी। उसकी मखमली चूत से गाढ़ा रस निकलने लगा और वो संजू के चेहरे को भिगो रहा था। उसकी चूत फरफरा रही थी और उसकी गांड में कम्पन हो रहा था। सिसकते हुए बोलने लगी "संजू मेरा निकल जाएगा ओह जल्दी से अपने लण्ड को मेरी चुत में डाल दे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा मुझसे।संजू ने जल्दी से अपने मुंह को उसके चुत्तड़ो पर से हटा लिया।

रीता अपने जांघो को दबोच कर अपनी उत्तेजना को शांत करती हुई सीधा लेट गई। कमर के नीचे वो पूरी नंगी थी। झर जाने के कारण उसकी आंखे बंद थी और उसके गुलाबी होंठ हल्का सा खुले हुए थे। वो बहुत गहरी सांसे ले रही थी और उसने अपने एक पैर को घुटने को पास से मोरा हुआ था। उसकीजाँघे फैली हुई थी और बहुत ही कामुक और मदहोश कर देने वाली लग रही थी रीता इस समय। उसकी सुनहरी गुलाबी चूत, उसके भूरे रंग की गांड की छेद और उसके मदभरे होंठ संजू की आंखों के सामने खुले थे। संजू का खड़ा लौड़ा अब दर्द करने लगा था। वो गहरी सांसे खिंचता हुआ अपनी उत्तेजना पर काबू पाने की कोशिश कर रहा था।

रीता ने अपनी आंखे खोल दी और संजू के खड़े लंड को देखा तो मुस्कुराते हुए थोड़ा उठ कर उसके खड़े लंड को अपने हाथों में भर लिया और बोली “ओह मेरे भाई का डंडा खड़ा है और उसे एक छेद की जरूरत है…….ओह आओ राजा…….तुम्हारे लंड की गर्मी…….मैं अभी मिटाती हूँ।“

“हाय कितना तगड़ा और मोटा लण्ड है मेरे भाई का ओह भाई तू सीधा बुर में डालेगा या पहले मैं तेरा लण्ड चूस दूँ।“

संजू: नहीं दीदी अभी उसका समय नहीं है। मैं बहुत बेक़रार हो चूका हूँ, अगर तुम चूसोगी तो मैं डालने के पहले ही झड़ जाऊंगा और मुझे अब चुदाई के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा।

रीता: ठीक है भाई फिर तुम मेरीचुत में लण्ड डाल कर चुदाई करो, मै तैयार हूँ….तुम्हारा खड़ा लंड देख कर मेरी बुर रिसने लगी है और मेरी चुततुम्हारा लौड़ा मांग रही है।आओ भाई चढ़ जाओ अपनी बहन पर और जल्दी से चोदो...चलो जल्दी से चुदाई का खेल शुरू करें”

संजू रीता के गदराये निचले होठ को अपने होठ से चूसता बोला“ओह दीदी तुम कितनी अच्छी और प्यारी हो” और बेड पर चढ़ने लगा। तभी रीता ने उसे रोकते हुए कहा "संजू तुम निचे खड़े रह कर मेरी जांघो के बीच आ जाओ और अपना लण्ड डालो, इससे तुम्हारा लण्ड आसानी से मेरी चुत में चला जायेगा।" रीता ने अपने आप को सरका कर बेड के किनारे कर लिया और अपने दोनों जांघो को फैला दिया। ऐसा करने से रीता के आधे चुत्तड़ बिस्तर से बाहर आ गए और दोनों फैली मोटी गदराई हुई रानो के बीच की चुत और भी ज्यादा उभर कर सामने आ गई। जैसे संजू के लपलपाते लौड़े को बुला रही हो। संजू के सामने इतने मजे का स्वर्ग का दरवाजा खुला था। रस छोड़ती चुत का गुलाबी चमकता हुआ छेद जो उभर कर उसके सामने आ गया था उसे देख उसको लगा की उसका लंड पानी छोड़ देगा। संजू खड़े खड़े उसकी दोनों जांघो के बीच में आ गयाऔर चुत के दरार पर अपना लण्ड टिका कर बोला "दीदी मैं अब डालने जा रहा हूँ" ।
 

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रीता : “हाँ संजू डालो, इस बार हमें ज्यादा मजा आएगा पिछली हमारा पहला…….और सबकुछ जल्दी में हुआ था, इस बार हम आराम…….से चुदाई……..। चोदो संजू……डाल दो……अपना लौड़ा।“

संजू अपने खड़े लंड को उसकी गीली चूत की छेद के सामने लगा दिया और अपनी कमर के जोर से लौड़े को बुर में धकेलने लगा। संजू के लिए यह एक अद्भुत एहसास था। रीता की रस से भरी पनियायी हुई चूत ने संजू के लौड़े को अपनी गरम होठो के बीच हल्का सा दबोचा। रीता ने हाथ आगे बढ़ा लण्ड को पकड़ लिया और अपनी चुत के छेद का रास्ता दिखाते हुए अपनी कमर को उठा चुत्तड़ो को उचकाया और उसकी मखमली चूत ने संजू के लंड को पूरी तरह से कस लिया। सी…..ई…ई कितना मोटा और कितना कसा है। संजू ने अब धीरे से लंड को बाहर खींचा और फिर से वापस बुर में धकेला। दो तीन बार इस तरह करते ही रीता की बुर रस छोड़ने लगी और गीली बुर में संजू का लण्ड आसानी से आने जाने लगा और अब संजू एक लय में धक्के लगाने लगा। रीता ने भी अपनी गांड को उछालते हुए संजू के लौड़े को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया। दोनों भाई बहन अब पूरी तरह से मदहोश होकर मजे की दुनिया में उतर चुके थे। संजू निचे खड़े हो कर रीता के मोटे मोटे चुत्तड़ो को दोनों हथेली से दबोचते हुए दोनों जांघो को थाम कर घच घच गच गच धक्के लगा रहा था और रीता सिसक सिसक कर उसका उत्साह बढ़ा रही थी। ओह संजू तुम सीख गए हो। तुम्हे चोदना आ गया है भाई। इसी तरह से………. इसी तरह से…….चोदो।

संजू आगे झुक कर रीता की चुचियों को उसके ब्लाउज के ऊपर से ही चूमते और दबाते हुए धक्के लगा रहा था। रीता की चूचियाँ एक दम कठोर हो गइ थी। उसकी ठोस चूचियों को दबाते हुए संजू अब तेजी से धक्का लगाने लगा था और रीता के मुंह से सिस्कारिया फूटने लगी। वो सिसकते हुए बोल रही थी "ओह संजू, ऐसे ही, ऐसे ही चोदो, हा हा, इसी तरह से जोर जोर से धक्का लगाओ भाई, इसी तरह से चोदो चोद चोद चोद।"

"आह, सीईईईईई, दीदी तुम्हारी चूत कितनी टाइट और गरम है, ओह मेरी प्यारी बहन लो अपनी कसी हुई चूत में मेरे लंड को………ऐसे ही लो………ये लो मेरा लंड अपनी चूतमें……..ये लो फिर से लो…….मेरी रानी बहन……..हाय दीदी” संजू अब रीता की चूत की चुदाई अब पूरी ताकत और तेजी के साथ कर रहा था। संजू अब एक एक्सपर्ट की तरह से धक्के लगा रहा था और दोनों की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। संजू को लग रहा था कि किसी भी पल उसके लौड़े से उसका गरम पानी निकल जाएगा।

“ओह चोदू चोदो और जोर से चोदो……ओह कस कर मारो और जोर लगा कर धक्का मारो……..ओह मेरा निकल जाएगा……..सीईईईईई…….कुत्ते…….और जोर से चोदो मुझे……..बहन की बुर चोदने वाले चोदू हरामी……..और जोर से मारो…………अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा कर चोदो……..सीईईईईईई मेरा निकल जाएगा।”

संजू अब और जोर जोर से धक्का मारने लगा। अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से उसकी गीली चूत में पेल देता, रीता की चुचियों को दबाते और मसलते हुए बहुत तेजी के साथ अपनी दीदी को चोद रहा था। रीता अब अपने चुत्तड़ो को उछाल उछाल कर आगे की तरफ ढकेलते हुए संजू के लंड को अपनी चूत में लेते हुए बोल रही थी ”ओह चोदो…..मेरे चोदू भाई…..और जोर से चोदो……ओह…….सीईईईई…..हरामजादे, और जोर से मारो मेरी चूत को ओह ओह सीईईई बहनचोद मेरा अब निकल रहा हैइइइइइइइइ ओह्ह्ह्ह्ह सीईईईई कहते हुए अपने दांतों को पीसते हुए और चूतरो को उछालते हुए वो झड़ने लगी। संजू भी झड़ने वाला ही था इसलिए चिल्ला कर उसको बोला “ओह दीदी मेरे लिए रुको, मेरा भी अब निकलने वाला, ओह रानी मेरे लंड के पानी भी अपने बुर में ओह लो लो ओह……..और अपना लण्ड रीता की बुर में दबा कर झड़ने लगा। रीता ने भी संजू को अपनी बाँहों में भर कर आंखे बंद किये हुए अपनी दोनों टांगो को उसकी कमर में फसाये झड़ रही थी। झड़ने के बाद भी संजू, रीता के ऊपर लेटा हुआ था। रीता की बुर में उसका लण्ड अभी भी फसा हुआ था। रीता की चुत फ़ैल और सिकुड़ रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो संजू के लण्ड को निचोड़ रही है। धीरे-धीरे संजू का लण्ड सिकुड़ गया और अपने आप चुत के बाहर आ गया।
 

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रीता के बदन से उठ कर वो बिस्तर पर लेट गया। रीता भी सरक कर बगल में लेट गई। दोनों एक दूसरे के तरफ प्यार से देख रहे थे। रीता मुस्कुराते हुए बोली "कैसा लगा भाई ?'

संजू : बहुत मजा आया दीदी, मैं कभी सपने में भी इतने मजे के बारे में सोच नहीं सकता था।

रीता : आज घर पर कोई नहीं था इसलिए हमें ज्यादा मजा आया।

संजू : हाँ दीदी बिना किसी डर के मजा है। कहते हुए संजू ने रीता को चूची को पकड़ा।

रीता :रीता भी हाथ बढ़ा कर संजू के मुरझाये लण्ड को पकड़ती हुई बोली इसलिए तो मैं कहती हूँ की माँ को भी पटा ले फिर हम लोग घर में खुलकर मजा लेसकते है। मम्मी भी बहुत प्यासी है उसको भी लण्ड का मजा चाहिए। हाय देख मम्मी का नाम सुनते ही कैसे तेरा मुरझाया लण्ड भी जागने लगा।

संजू : थोड़ा शर्माता हुआ अरे नहीं दीदी वो तो तुमने जैसे अपने हाथो से पकड़ा ये खड़ा होने लगा। तुम्हारे छूने में जादू है। वैसे दीदी एक बात बताओ क्या तूमने मम्मी को पूरी नंगी देखा है।

रीता - हाँ भाई मैं तो मम्मी को कई बार पूरी नंगी देख चुकी हूँ। बहुत सेक्सी लगती है जब पूरी नंगी हो जाती है तो एक दम गोरी चिट्टी।

संजू- रीता की चूत को अपने हाथ से सहलाते हुए"क्या बहुत गदराई लगती है मम्मी जब नंगी होती है।

रीता - मम्मी का पेट थोड़ा उठा हुआ है और उसकी जाँघे एकदम कदली के जैसी मोटे मोटे है और मम्मी की गांड बहुत मोटी और गदराई है औरचुची भी बड़े-बड़े है।

संजू- हाय दीदी आपने मम्मी की चुत का छेद देखा है।

रीता : हाँ

संजू: वो कैसे?

रीता :अरे कई बार मम्मी किसी काम से नहाते समय बुलाती है तो पेटीकोट अगर इधर उधर हो या सोते समय जब वो पैंटी नहीं पहनी होती है तो नजर आ जाती है फिर लड़कियों को आपस में छुपाने के लिए कुछ होता तो है नहीं।

संजू : हाँ दीदी ये बात तो सही है, तुम्हारे मजे है। तुम जब चाहो मम्मी की चुत देख सकती हो।

रीता : हाँ और अब मैं जब चाहे अपने भाई का लण्ड भी देखना चाहती हूँ।

संजू : वो तो जब तुम्हारा मन चाहे देख सकती हो दीदी, अबहमने तो चुदाई भी कर ली।

तभी ऐसा लगा जैसे कुछ आवाज हुई है। रीता के कान खड़े हो गए उसे लगा कोई बाहर है। लेकिन फिर फिर सब शांत हो गया।उसने सोचा ये उसका भ्रम होगा और बोली “नहीं संजू अभी भी जब मम्मी और सरोज घर पर होंगी तो हमें छुप छुपा कर ही काम करना पड़ेगा।“

बाहर जो आवाज आई थी वो दरअसल उमा के घर में घुसने की थी। रीता का सोचना सही था। उमा आ चुकी थी और वो सोच रही थी की रीता और संजू आ चुके होंगे और रीता के कमरे के बाहर तक पहुंच कर उसके कदम रुक गए।ऐसा लगा जैसे रीता के कमरे में कोई है और धीमी आवाज़ में बात कर रहा है। उमा चौंक गई। कौन हो सकता है? फिर लगा दोनों भाई बहन पढ़ रहे होंगे। पर इतने समझदार कब से हो गए ये दोनों………और कान रीता के कमरे के दरवाजे से चिपक गए। संजू धीमी आवाज में अपनी दीदी से कह रहा था"दीदी मम्मी को चुत देने के लिए कैसे पटाऊ, मेरी समझ में नहीं आ रहा।" उमा सर से पैर तक सनसना गई, “हाय ये कौन सी पढाई कर रहे है? उसका बेटा अपनी बहन के साथ उसकी चुत लेने के बारे के बाते कर रहा है।“ उसने दरवाजे पर अपने कान लगा दिए। रीता की खनकती हुई धीमी फुसफुसाती आवाज़ आई “संजू तेरा लंड तो बहुत मोटा है मेरी तो चूत ही फाड़ दी।कायदे से तो तेरा मोटा लंड मेरी जगह मम्मी की फूली हुई चूत के लायक है, तेरा मोटा लंड अगर मम्मी की चूत में घुसे तो बिल्कुल फिट बैठेगा, मम्मी की चूत का छेद और तेरे लंड की मोटाई एक बराबर लगती है। इसी लण्ड को कुछ करके मम्मी को दिखा कर पटा ले।“
 

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ये सुनते ही उमा को ऐसे लगा जैसे उसकी चुत से पानी की एक बुँद टपक कर उसकी पैंटी में गिर गई “हाय इसका मतलब ये दोनों आपस में चुदाई कर चुके है और अब मेरे बारे में ओह क्या बच्चे है मेरे…….।“ साड़ी के ऊपर से ही उसने अपनी चुत को अपनी मुठ्ठी में भर लिया। उसकी चुत पनियाने लगी। उसकी चूचियों के निप्पल कड़े हो गए और दिल जोर जोर से धड़कने लगा। रात भर संजू उसकी चुत और गांड के साथ खेलता रहा था और लण्ड के लिए वो तड़पती रह गई थी। यहाँ उसका बेटा और बेटी आपस में चुदाई कर के उसकी चुत लेने के बारे में बाते कर रहे है।वो सोचने लगी “रीता ने संजू के लौड़े से अपनी चुत मरवा ली। ओह मैं क्या करू? रात भर संजू मेरी चुत और गांड के साथ खेलता रहा और अब यहाँ अपनी बहन के साथ मेरी चुत लेने के बारे में बाते कर रहा है।“ अपने जांघो को कस कर भींचती दरवाजे में छेद खोजने की कोशिश करने लगी, मगर छेद नहीं मिला।

इधर संजू रीता की बात सुन कर सोचने लगा और रीता की दोनों जांघो के बीच हाथ घुसा कर चूत को अपनी मुठ्ठी में दबोचते हुए हुए बोला “हाय दीदी ऐसे कैसे दिखा दूँ मम्मी बहुत मारेगी।

रीता : मुस्कुराकर नहीं मारेगी उसको भी लण्ड की सख्त जरुरत है। तूने मम्मी की चूत देखी है या नहीं।

संजू : मुस्कुराता हुआ रीता की चुत और कस दबोचता हुआ बोला “मैं कैसे देखूंगा मम्मी की चुत।“

उमा ये सुनकर अपने हाथ से अपनी बुर को दबोचते हुए मन ही मन बोली "झूठ बोलता है संजू, कल रात भर तूने मेरी चुत और गांड को चाटा और सुंघा है। हाय अब कैसे दिखाऊ तुझे अपनी बुर मैं।"

रीता : क्यों तू तो मम्मी की साथ सो जाता है। जब मम्मी रात में सो जाये तो देख लिया कर।

संजू : कही मम्मी जग गई तो ?

रीता : वो नहीं जागती, बहुत गहरी नींद में सोती है मम्मी। उसकी चूत में भी उंगली कर दे तो भी नहीं जागेगी ।

संजू : हैरान होते हुए, ऐसा नहीं हो सकता दीदी।

रीता : तू कोशिश करके देख तुझे दिख जाएगी मम्मी की बुर। मम्मी बहुत चुदासी है, एक रात मुझे सोया जान कर मैंने उसको अपनी साड़ी को कमर तक उठा कर अपनी फूली हुई चूत में उंगली डाल कर अपनी मोटी गांड को उचकाते हुए देखा है।

उमा मन ही मन बुदबुदाती हुई बोली "अरे इसे सब पता है रीता, तू नहीं जानती संजू बहुत होशियार हो गया है। इसका लण्ड हम दोनों को संभाल लेगा।"



रीता की बात सुनकर संजू का लण्ड फनफनाने लगा। रीता की मुठ्ठी में अपने लण्ड को कसते हुए बोला "हो सकता है उसको भी मोटे लंड से चुदवाने का मन करता होगा।"

रीता : करता है तभी तो बोल रही हूँ। तेरा लंड इतना मोटा है अगर मम्मी तेरे लंड को देख ले तो पागल हो जाएगी”

संजू- हाँ वो तो मुझे नहीं पता। मगर सोच रहा हूँ कोशिश करू।

रीता - तेरा लण्ड मम्मी का सोच कर ही खड़ा हो रहा है। मम्मी को पूरी नंगी देख लेगा तो फिर क्या होगा तेरा।

संजू- वो दीदी मैं तुम्हारे साथ होते ही मेरा खड़ा होने लगता है मम्मी तुमसे कम मस्त माल है। तुम बहुत खूबसूरत हो दीदी।

उमा संजू को कोसते हुए "फिर रात में मेरी गांड क्यों सूंघ रहा था कमीने, साडी उठा कर मेरी बुर देख रहा था और अभी बोल रहा है मैं खूबसूरत नहीं हूँ ।

रीता बोली "अरे मै खूबसूरत हूँ मगर मम्मी की सुंदरता भी अलग है। मम्मी जब पूरी नंगी होती है तो इतनी गदराई लगती है की क्या बताऊ। जब वह मेरे साथ मार्केट जाती है तो लोग उसकी मोटी गांड की थिरकन को देख-देख कर अपना लंड मसलने लगते हैं।"

संजू रीता के होठों को चूमता हुआ, "हाय क्या इतनी मोटी गांड है अपनी मम्मी की।"

रीता : अरे मम्मी की गांड को देख कर लोगो का लंड खड़ा हो जाता है साडी के ऊपर से ही उसके चुत्तड़ इतने भारी और फैले हुए लगते हैं, घर पर मम्मी के मोटे चुत्तड़ो को साडी के ऊपर से देखा होगा ना।

संजू : हां देखा तो है पर कभी मम्मी की गांड चोदने की नजर से नहीं देखा है।

"झूठ मत बोल संजू साडी उठा कर गांड चाट रहा था मेरी तू कल रात, अपनी बहन की बुर चोदने को मिल गई है तो मम्मी की बुराई कर रहा है" उमा मन ही मन बुदबुदा उठी साथ ही साड़ी उठा अपनी पैंटी के अंदर हाथ घुसा कर भगनासे को हलके हलके सहलाने लगी।

रीता - संजू के लंड को सहलाते हुए, अब की बार मम्मी की मोटी गांड को अच्छे से देखना उसकी गदराई गांड देख कर ही तेरा लंड खड़ा हो जाएगा, और अगर मम्मी की मोटी गांड को तू नंगी देख लेगा तो फिर मम्मी को चोदने के लिए तड़पने लगेगा।
 

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संजू- रीता को अपने ऊपर खींच कर चढ़ा लेता है और उसको चूमते हुए अपने ऊपर सुला कर "हाय दीदी आज मुझे बहुत गरम कर दिया है अब आपको दुबारा चोदे बिना नहीं रह सकता।

रीता - संजू को चूमते हुए, लगता है मम्मी की चूत का सोच-सोच के कुछ ज्यादा ही गरम हो गया है तभी तो तेरा मोटा लंड झटके मार रहा है।

संजू- रीता की मोटी गांड को अपने हाथ से दबोचता हुआ, हाँ रीता दीदी तुम सच कह रही हो मम्मी की चूत और गांड का सोच सोच कर मैं पागल हो रहा हूँ।

रीता- उसके होठों को चूमते हुए, सच-सच बताओ भाई मम्मी को चोदना चाहते हो ना।

संजू- हाँ दीदी मैं मम्मी को पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हूँ।

रीता -हाय बहुत मोटा लंड है तेरा मम्मी की चूत में एक बार तेरा लंड चला गया तो फिर मम्मी खूब कस-कस कर अपनी चूत मरवायेगी, उसका फूला हुआ भोसड़ा जब तू देखेंगा तो पागल हो जायेगा और खूब कस कर चोदेगा। आज रात जब मम्मी सो जाये तो उसकी साड़ी उठा कर उसकी बुर देखना तू पागल हो जायेगा।

संजू रीता के चुची को दबाता हुआ "दीदी मैं तो पागल हो चूका हूँ, कल रात में मैंने मम्मी की साड़ी उठा कर उसकी बुर और गांड दोनों को देखा था।

रीता - संजू को मुक्का मारती हुई फिर क्यों झूठ बोल रहा था मुझसे?

संजू : रीता को चूमते हुए बोला "हाय दीदी तुमने ही तो कहा था मुझे मम्मी को पटाने के लिए। मैं तुम्हारे साथ गन्दी गन्दी बाते करना चाहता था मम्मी को चोदने वाली, हाय सच में तुमसे बात करते करते मेरा लण्ड तुरंत खड़ा हो गया, सच में दीदी मम्मी की बुर और गांड मैंने कल रात बहुत अच्छे से देखा।" और रीता की गांड को दबोच-दबोच कर उसे चूमने लगता है। रीता उसके खड़े लंड पर सिसियाती हुई अपनी कमर नचाने लगती है और सिसयाती हुई बोलती है

रीता - ओह भाई कितना मोटा लंड है तेरा मेरी तो चूत में फस-फस कर जाता है, इतने मोटे लंड को तो अपनी मम्मी की फूली हुई चूत में घुसा कर खूब कस-कस कर चोदना चाहिए। मम्मी की बुर और गांड को तूने रात में देख लिया ये अच्छा किया तूने, और क्या किया उसकी बुर और गांड के साथ, वो बहुत गाढ़े नींद में सोती है उसकी बुर के साथ खेला या नहीं।

संजू रीता की गदराई गांड के छेद में उंगली डालता हुआ है बोला "मैं तो मम्मी को पूरी नंगी करके खूब दबोच-दबोच कर उसकी फूली हुई चुत मारना चाहता था पर डर गया कही जग ना जाये, फिर मैंने उसकी बुर और गांड को खूब चूमा चाटा। मेरा लण्ड फटने लगा था।"

रीता-भाई मम्मी को अपना मोटा लंड दिखा भर दो फिर वो अपना फूला हुआ भोसड़ा खोल कर तुम्हारे मोटे लंड पर चढ़ जायेगी। तुमने उसकी बुर और गांड चुम-चाट कर बहुत अच्छा किया। मम्मी गाढ़े नींद में सोती तो है मगर वो इतनी प्यासी है कि अगर उनकी नींद खुल भी जाएगी तो वो नाटक करके सोइ रहेगी।

रीता और संजू की बातो को सुनकर उमा की हालत ख़राब हो रही थी वो अब तेजी से अपना हाथ अपने भगनासे पर चला रही थी। उसका दिल कर रहा था कि दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस जाए और संजू के ऊपर चढ़ कर उसका लौड़ा अपनी चुत में ले ले और चुदवाये।

संजू: दीदी मैंने मम्मी की गांड और बुर को बहुत अच्छे से चाटा,औरमुझे लगता है कि मम्मी जग गई होगी फिर भी उसने मुझे नहीं रोका।

रीता- हाँ भाई वो जरूर नाटक करके सोइ होगी फिर। इससे उनके मन की इच्छा पता चलती है।तुम अपना मोटा लण्ड उसको दिखा दोगे तो वह जरूर ले लेगी। मुझे लगता है तुझे ये काम जल्दी से करना चाहिए।

बाहर दरवाजे पर खड़ी उमा अपनी चुत को अपने ही हाथ से दबोचते हुए मन ही मन सिसयाते हुए बुदबुदाने लगी"हाय बेटा आज रात अगर तू मुझे अपना लौड़ा दिखा दे तो मैं जरूर तुझे आज ही अपनी चुत दे दूंगी। हाय कुछ कर संजू अपना लण्ड निकाल कर मेरे पास आ जा, मैं पूरा नंगी हो कर अपनी चुत तुझे दूंगी। आज मार ले मेरा भोसड़ा। अब मुझ से रहा नहीं जा रहा है।“

संजू : हाय रीता दीदी दुबारा लण्ड खड़ा हो चूका है। अब चोदने दो। मम्मी की बात करते करते दुबारा खड़ा हो गया।

रीता : नहीं संजू अब नहीं। मम्मी के आने का समय हो गया है। मन तो मेरा भी कर रहा है मगर हम बाद में करेंगे।

कहती हुई रीता संजू के ऊपर से उतर गई। संजू भी अपने लण्ड को हाथ से दबाता हुआ उठ गया। दोनों बेड से निचे उतर कपडे पहनने लगे। रीता संजू का खड़ा लण्ड जो उसके पैंट के ऊपर उभार बनाये हुए था पर हँसते हुए हाथ मारते बोली "शांत कर ले इसको अगर मम्मी ने देख लिया तो मारेगी।" संजू भी हँसते हुए बोला "अरे दीदी मम्मी को ही तो दिखाना है तभी तो अपना मामला सेट होगा।" रीता भी हँसते हुए बोली "हाँ बात तो तेरी सही है, मगर चल अभी बाहर चलते है, कही मम्मी ने देख लिया तो।"

ये सुनते ही उमा चुपचाप दरवाजे से खिसक कर अपने कमरे में घुस गई। रीता और संजू दोनों कमरे से बाहर निकले तो देखा माँ के कमरे में रौशनी है। दोनों सकपका गए। रीता धीरे से संजू से बोली "अरे फंस गए लगता है मम्मी तो आ चुकी है" फिर दौड़ कर उमा के कमरे में गई और पूछी "अरे मम्मी आप कब आई" उमा मुस्कुराते हुए बोली "बस अभी अभी तो आई हूँ। मुझे लगा तुम दोनों पढाई कर रहे हो इसलिए मैंने डिस्टर्ब नहीं किया।"
फिर रीता वहां से निकल कर किचेन में चली गई और अपने और संजू के लिए खाने के लिए निकाल कर ले आई।

रीता : मम्मी तुम भी खा लो।

उमा : खा लेती हूँ सरोज को आने दे तब तक तुम दोनों खाओ।

दोनों खाने लगे। संजू चुपचाप खाना खा रहा था, तभी उसको लगा की उसके पैर पर रीता ने ठोकर मारी है। उसने नज़र उठा कर देखा तो रीता ने इशारा करते हुए उमा की ओर देखने के लिए बोला और मुस्कुराने लगी। संजू उमा को देखने लगा। उमा ने बहुत खूबसूरत पीले रंग की साडी और ब्लॉउज पहन रखा था। वो बहुत सुन्दर दिख रही थी। सामान सँभालते हुए इधर उधर जाते उसके हिलते हुए चुत्तड़ बहुत मदहोश करने वाले लग रहे थे। संजू भी रीता की तरफ देख मुस्कुराने लगा।
 
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