कुछ ही देर में रीता की चूत कुछ खुल गई और लण्ड आराम से अन्दर बाहर होने लगा ।
"हाँ सन्जु अब बहुत मजा दे रहा है तेरा लौड़ा, ओफ़ अब जोर जोर से चोद मुझे।"
"आह। हाँ हाँ हाँ। ओह कर हॉ"
रीता ने अपने उपर झुके हुए सन्जु के चेहरे को चुमने हुए सन्जु को अपने मम्मे दबाने को कहा। सन्जू अपनी कमर चलाता हुआ रीता के मम्मों को पकड़ कर मसलने लगा।
रीता और सन्जु एक दुसरे के शरीर का पुरा मजा ले रहे थे। वो एक दुसरे के शरीर में पुरी तरह से डूब चुके थे ।
हर बार, जब भी रीता की चूत में सन्जु का लण्ड जाता तो रीता अपनी जांघो को उपर की तरफ़ उठा कर अपनी चूत को लण्ड पर दबा देती। ऐसा करने से लण्ड पुरी तरह चूत की तह तक जा कर टकराता और फ़िर रीता मजे से कांप उठती। "हाय हाय सन्जु । मजा आ गया सन्जु । हाँ ऐसे ही कर"
कुछ ही देर बाद सन्जु को लगा की उसका सुपाडा एक दम से चूत में कस गया है। रीता की चूत की फांके लौड़े के चारो तरफ़ टाईट हो कर कस गई थी और रीता अपनी चूत को लण्ड पर दबाती हुई। चोद, चोद शब्द अलापती जा रही थी।
"चोद चोद चोद चोद चोद। सन्जु चोद"
फ़िर अचान्क ही रीता की चूत में पानी का उबाल सा उठा और वो झड़ने लगी ।
"आअह सईस्स्स्स्स्स्स। आओफ़्फ़फ़्फ़्फ़ सस्स्स्स"
सन्जु का अपना लण्ड एक दम से झडने के कगार पर था। वो रीता के झडने से अन्जान अपने शरीर की प्यास बुझाने में लगा था।
सन्जु ने अपनी कमर उठा उठा कर दो जोरदार धक्के लगाए और फ़िर उसका लण्ड भी झटके लेता हुआ अपना गरम विर्य रीता की चूत में उडेलने लगा ।
"ओफ़ दीदी। ओफ़ दीदी
सन्जु हांफ रहा था, उसने अपना सर रीता के गरम मम्मो पर रख दिया था और उसका लण्ड अभी भी रीता की गीली चूत में हल्के-हल्के झटके ले रहा था।
रीता ने सन्जु को चुम लीया ।
"आ गाया न मजा सन्जु । मजा आया"
'हा' दीदी। बहुत मजा आया। ओफ़"
सन्जु ने रीता के एक मम्मे की घुण्डी को पक्ड कर मसलते हुए कहा और फिर अपने मुह में ले कर चुसने लगा।
रीता ओर सन्जु जब कमरे से बाहर निकले तो दोनों के चेहरे खिले हुए थे वो दोनो न जाने कितनी देर धूप में बैठे एक दूसरे से बातें करते रहे। उमा ने कभी दोनों को इतने प्यार से बरताव करते नही देख था। हमेशा से दोनो लड़ते ज्यादा थे और बात कम करते थे पर आज सब कुछ बदल गया था।