Congratulationsदोस्तों
आज काफ़ी दिनों बाद आपके सामने फिर से हाजिर हूँ,
ये कहानी एक स्कूल गर्ल के आस पास घूमती है,
उसकी कमसिन जवानी के उताव चढ़ाव की कहानी है ये,
इस उम्र में उनके मन में क्या चलता है, वो कैसे अपनी इच्छाओं की पूर्ति करती है , ये सब बताने का प्रयास रहेगा
Nice startभाग एक : पहली किस्स
आज स्कूल के लिए फिर से लेट हो गयी थी अनुप्रिया , लगभग भागते हुए जब वो क्लास में पहुँची तो अंदर सुधीर सर की मैथ्स क्लास पहले से शुरू हो चुकी थी….
उन्होने अनुप्रिया को देखा और उपहास भरे स्वर में बोल पड़े
“अर्रे….अनुप्रिया जी, आप आ गये…..थोड़ा और लेट आते, मेरा पीरियड बस ख़त्म होने ही वाला है….’’
वो कुछ ना बोल पाई बस आँखे नीचे करके खड़ी रही…
“गेट आउट ऑफ माय क्लास एन्ड स्टेंड आउटसाइड”
[/url
]
सुधीर सिर की तेज आवाज़ से वो अंदर तक काँप गयी….
क्लास में सबसे पीछे बैठी उसकी फ्रेंड निशा ने उसे बाहर जाने का इशारा किया, ताकि सुधीर सर के प्रकोप से वो बच सके…
वो चुपचाप बाहर निकलकर दीवार से अपनी गांड लगाकर खड़ी हो गयी
थोड़ी देर में पीरियड की घंटी बजी और दूसरी क्लास से बाहर निकल रहे बच्चे उसे देखके हंस रहे थे, शायद वो जानते थे की ये तो उसका रोज का है…
वो मायूस सी होकर वापिस अंदर गयी और निशा के पास जाकर बैठ गयी
निशा : “क्या यार अनु, आज फिर लेट हो गयी तू, तुझे पता है ना वो सुधीर सर कितना अकड़ू है”
अनु : “यार, तुझे तो पता है, मोम की वजह से ….”
निशा : “हेलो…रहने दे ये बहाने….रात को 2-2 बजे तक तू ऑनलाइन रहेगी तो टाइम से कैसे उठेगी…मैने देखा है तेरा लास्ट सीन आज मॉर्निंग में …देख…ये आख़िरी साल है स्कूल का, इसके बाद कॉलेज में जितनी मस्ती करनी है कर लियो…वहां का टाइम भी इतनी सुबह का नही रहता…पता है ना तुझे….बस, ये आख़िरी के 8 महीने किसी तरह से निकाल ले और टाइम से स्कूल आ जाया कर, वरना 12वी दोबारा करनी पड़ेगी…सोच ले….”
इतना कहकर वो वॉशरूम की तरफ चली गयी..
पर अनु भी बेचारी क्या करती,
उसके पापा नही थे, कई सालों पहले एक सड़क हादसे में उनकी मौत को गयी थी, माँ ने ही उसे पाला पोसा, जॉब और घर के कामो की वजह से वो भी उसकी तरफ पूरा ध्यान नही दे पाती थी, शायद इसलिए वो इतनी लापरवाह सी हो गयी थी
पर अब उसने सोच लिया था की अपनी आदतों में सुधार करके रहेगी
पर ये लड़के उसे सुधारने दे , तभी ना….
निशा के जाते ही फ्रंट सीट पर बैठा गौरव लपक कर उसके करीब आकर बैठ गया….
उसके शरीर के एहसास से ही उसका बदन गर्म होने लगा…
होता भी क्यों नही, वही तो था, जिसने 2 बजे तक गर्म बातें करके उसे जगा कर रखा था…
पड़ने में वो सबसे होशियार था…
देखने में भी ठीक ठाक सा था…
बातों - 2 में उसने शायद अनु की नस पकड़ की थी , और ये जान लिया था की अंदर की गर्मी उसे कितना परेशन करती है
गौरव (फुसफुसा कर बोला) : “यार अनु….कल का प्रॉमिस मत तोड़ना अब….प्लीज़ यार….सिर्फ़ एक क़िस्स्स…..”
उसकी बात सुनके वो और भी गर्म होने लगी….
याद तो उसे आ ही चुका था की कल रात कैसे गर्म बातें करके वो अपनी चुचियाँ चुसवाने के लिए और उसे फ्रेंच किस्स करने के लिए बोल रही थी व्हाट्सएप पर…
और पिछले कई दिनों से उसे टालने के बाद अब उसे रोकना मुश्किल था…
पूरी क्लास भी जानती थी की दोनो का कुछ चक्कर चल रहा है…
और दूसरी लड़किया भी अपने बाय्फरेंड्स को ये किस्स वगेहर तो दे ही चुकी थी…
यहां तक की उसकी फ्रेंड निशा भी …
पर वो ही अभी तक ये सब करने मे घबरा रही थी…
पता नही उसे किस बात का डर था, बातें तो वो दुनिया भर की कर लेती थी, अंदर गर्मी भी बहुत थी उसमें, पर जब कुछ करने का सोचती या टाइम आता तो काँपने लग जाती थी, साँसे रुक सी जाती थी उसकी…
पता नही ये उसके साथ ही हो रहा था या उसकी उम्र की दूसरी लड़कियों के साथ भी ऐसा ही होता था पहली बार में …
पर जो भी था, वो पहली रेखा पार करने में उसे परेशानी बहुत हो रही थी…
पर गौरव को और संभालना मुश्किल था अब…
उसके हाथ उसकी जाँघो पर आ चुके थे….
साथ वाली रो में बैठी जसप्रीत उन्हे देखके मंद-2 मुस्कुरा रही थी,
अपनी आँखों के केमरे से उनकी हरकतें रिकॉर्ड भी कर रही थी, जो बाद में वो पूरी क्लास को मिर्च मसाला लगा कर सुनाने वाली थी
उसे अपनी तरफ घूरता देखके अनु वहां से उठी और वॉशरूम की तरफ चल दी…
उसके पीछे-2 गौरव भी उसके पीछे हो लिया…इंग्लीश का पीरियड शुरू होने में सिर्फ़ 5 मिनट का समय रह गया था…
वो लगभग भागती हुई सी बाथरूम में पहुँची और एक खाली केबिन देखके उसके अंदर घुस गयी, वो दरवाजा लॉक करती , उस से पहले ही गौरव भी अंदर घुस आया और दरवाजा लॉक कर दिया
अनु : “ओ पागल हो गया है क्या गौरव….ये गर्ल्स वॉशरूम है, तुझे किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा…”
गौरव : “होता है तो होने दे, मुझे आज बस किस्स चाहिए तेरी”
अनु बेचारी सिर्फ़ दाँत पीस के रह गयी, वो कुछ बोलने ही वाली थी की गौरव ने उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और ज़ोर से उसे हग कर लिया..
ये पहला मौका था उसकी लाइफ का जब किसी लड़के ने उसे ऐसे गले लगाया था, उसकी कसी हुई 32 साइज़ की चुचियाँ गौरव के सीने से लगकर बुरी तरह से पिस गयीं….
उसका बदन हमेशा की तरह फिर से काँपने लगा…
वो कुछ बोलती, इस से पहले ही गौरव ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखके उन्हे चूसना शुरू कर दिया…
एक पल के लिए उसकी साँसे ही रुक गयी….
वो तो पहले भी रुका करती थी, पर जो रही सही साँस उसे आ रही थी, वो भी अब आनी बंद सी हो गयी….
फड़फड़ाते हुए उसने बड़ी मुश्किल से अपने आप को और अपने नर्म होंठों को उसके चुंगल से छुड़वाया
और दबी हुई सी आवाज़ में गौरव को डांटते हुए वो बोली : “तू सच में पागल हो गया है, साला ठरकी ….आई एम नोट एबल तो ब्रीथ ….मर जाती मैं अभी….”
गौरव : “ आई एम् सॉरी बैबी…..सो सॉरी…..बट यार, ट्राइ तो अंडरस्टॅंड….अब यहाँ तक आ ही गये है तो जस्ट एंजाय द मोमेंट….कितना मज़ा आ रहा था यार….युवर लिप्स आर सो सॉफ्ट….सो जूसी …..’’
अब वो थोड़ी शांत हुई….
समझ तो अब उसे भी आ ही रहा था की ऐसा मौका फिर नही मिलेगा,
और पहली किस्स की रेखा तो वो पार कर ही चुकी थी,
गौरव जो इतने दिनों से उसके पीछे पड़ा था, वो इतने कम में तो मानेगा नही….
इसलिए उसने धीरे से हाँ में सिर हिलाते हुए अपना चेहरा नीचे कर लिया….
गौरव की तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा…
उसने उसकी चिन को थोड़ा सा उपर उठाया और बड़े ही प्यार से एक बार फिर से उसके होंठो पर होंठ रखके उन्हे चूसने लगा….
और इस बार अनु भी एंजाय कर रही थी….
वो पहली बार वाली झिझक उसके अंदर से निकल चुकी थी…
उसे भी गौरव के होंठ चूसने में मज़ा आ रहा था….
दोनों के जीभ और होंठ एक दूसरे से गुत्थम गुत्था होकर अंदर का गीलापन बाहर उडेल रहे थे…..
दोनो ने चाट चाटकार एक दूसरे को पूरा गीला कर दिया था…
]
साँस लेने के लिए दोनों एक पल के लिए रुके तो पहल करते हुए अनु ने एक बार फिर से गौरव को दबोच लिया…
वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे उसे खा ही जाएगी…
आख़िर ऐसा करती भी क्यों नही, स्मूच करने में इतना मज़ा मिलता है, ये आज ही उसे पता चला…
वो चूमती जा रही थी की गौरव का एक हाथ उसके बूब्स पर आ टीका और तभी अचानक दूसरे पीरियड की बेल ज़ोर से बज गयी…
गौरव ने एकदम से घबराकर उसे छोड़ दिया, शायद इंग्लीश की क्लास वो मिस नही करना चाहता था….
वो बिना कुछ बोले, लॉक खोलके बाहर भागता हुआ चला गया.
और अनु उस किस्स के उन्मांद में खोई हुई सी, अपने सीने पर हाथ रखके कुछ पल पहले के एहसास से उभरने की कोशिश कर रही थी…
तभी उसे एहसास हुआ की उसकी कच्छी पूरी गीली हो चुकी है,
शायद अत्यधिक उत्तेजना की वजह से उसकी चूत का पानी रिसने लगा था,
ठीक वैसे ही जैसे कल रात गौरव से बात करते हुए निकला था, जिसे उसने अपनी उंगलियों से शांत किया था…
पर अभी वो ये काम यहाँ स्कूल में नही कर सकती थी….
पर वो कच्छी उतारनी ज़रूरी थी, उसने अपनी स्कर्ट उठा कर उसे उतारा और अपने रस से लबालब उस कच्छी को डस्टबिन में डाल दिया…
टिश्यू पेपर से अपनी चूत को सॉफ किया और बाहर निकलके अपना हुलिया ठीक करके वो भी तेज़ी से क्लास की तरफ दौड़ पड़ी…
सुधीर सर से डांट खाने के बाद वो गीता मेम का गुस्सा नही झेलना चाहती थी, शुक्र था की वो अभी तक आई नही थी…
सीट पर बैठते ही निशा ने आँखे तरेर के उसे कहा : “मैने देखा था, गौरव को भागके गर्ल्स टाय्लेट से निकलते हुए….आख़िर कर ही दिया ना आज तूने कांड…”
वो भी बस उसे देखके मुस्कुराइ और फ्रंट सीट पर बैठे गौरव को देखके अपने होंठो को दांतो तले दबाकर हँसने लगी….
और साथ ही साथ उसकी कमर धीरे-2 लचकाने लगी
अपनी नंगी चूत को बेंच की सीट पर रगड़ने में उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था….सिर्फ़ एक स्कर्ट का ही कपड़ा था बीच में ….
काश वो भी ना होता….
कोई भी कपड़ा ना होता….
वो पूरी नंगी होती
कोई भी ना होता क्लास में …
सिर्फ़ वो और गौरव होते….
तो वो…वो….अपनी गर्म चूत को उस से चुसवाती , जैसा वो पिछली रात उसे बोल रही थी….
पर ऐसा हो नही सकता था…
सब आस पास ही थे….
और गीता मेम भी आ चुकी थी…इसलिए अभी के लिए उसने अपना ध्यान बड़ी मुश्किल से इन सब चीज़ो से बाहर निकाला और पढ़ने पर ध्यान देने लगी..
पर आज का दिन उसे हमेशा के लिए याद रहने वाला था…
आख़िर अपनी लाइफ का पहला किस्स जो किया था उसने.
Bahot acchi suruwaat hai .... keep postingभाग एक : पहली किस्स
आज स्कूल के लिए फिर से लेट हो गयी थी अनुप्रिया , लगभग भागते हुए जब वो क्लास में पहुँची तो अंदर सुधीर सर की मैथ्स क्लास पहले से शुरू हो चुकी थी….
उन्होने अनुप्रिया को देखा और उपहास भरे स्वर में बोल पड़े
“अर्रे….अनुप्रिया जी, आप आ गये…..थोड़ा और लेट आते, मेरा पीरियड बस ख़त्म होने ही वाला है….’’
वो कुछ ना बोल पाई बस आँखे नीचे करके खड़ी रही…
“गेट आउट ऑफ माय क्लास एन्ड स्टेंड आउटसाइड”
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सुधीर सिर की तेज आवाज़ से वो अंदर तक काँप गयी….
क्लास में सबसे पीछे बैठी उसकी फ्रेंड निशा ने उसे बाहर जाने का इशारा किया, ताकि सुधीर सर के प्रकोप से वो बच सके…
वो चुपचाप बाहर निकलकर दीवार से अपनी गांड लगाकर खड़ी हो गयी
थोड़ी देर में पीरियड की घंटी बजी और दूसरी क्लास से बाहर निकल रहे बच्चे उसे देखके हंस रहे थे, शायद वो जानते थे की ये तो उसका रोज का है…
वो मायूस सी होकर वापिस अंदर गयी और निशा के पास जाकर बैठ गयी
निशा : “क्या यार अनु, आज फिर लेट हो गयी तू, तुझे पता है ना वो सुधीर सर कितना अकड़ू है”
अनु : “यार, तुझे तो पता है, मोम की वजह से ….”
निशा : “हेलो…रहने दे ये बहाने….रात को 2-2 बजे तक तू ऑनलाइन रहेगी तो टाइम से कैसे उठेगी…मैने देखा है तेरा लास्ट सीन आज मॉर्निंग में …देख…ये आख़िरी साल है स्कूल का, इसके बाद कॉलेज में जितनी मस्ती करनी है कर लियो…वहां का टाइम भी इतनी सुबह का नही रहता…पता है ना तुझे….बस, ये आख़िरी के 8 महीने किसी तरह से निकाल ले और टाइम से स्कूल आ जाया कर, वरना 12वी दोबारा करनी पड़ेगी…सोच ले….”
इतना कहकर वो वॉशरूम की तरफ चली गयी..
पर अनु भी बेचारी क्या करती,
उसके पापा नही थे, कई सालों पहले एक सड़क हादसे में उनकी मौत को गयी थी, माँ ने ही उसे पाला पोसा, जॉब और घर के कामो की वजह से वो भी उसकी तरफ पूरा ध्यान नही दे पाती थी, शायद इसलिए वो इतनी लापरवाह सी हो गयी थी
पर अब उसने सोच लिया था की अपनी आदतों में सुधार करके रहेगी
पर ये लड़के उसे सुधारने दे , तभी ना….
निशा के जाते ही फ्रंट सीट पर बैठा गौरव लपक कर उसके करीब आकर बैठ गया….
उसके शरीर के एहसास से ही उसका बदन गर्म होने लगा…
होता भी क्यों नही, वही तो था, जिसने 2 बजे तक गर्म बातें करके उसे जगा कर रखा था…
पड़ने में वो सबसे होशियार था…
देखने में भी ठीक ठाक सा था…
बातों - 2 में उसने शायद अनु की नस पकड़ की थी , और ये जान लिया था की अंदर की गर्मी उसे कितना परेशन करती है
गौरव (फुसफुसा कर बोला) : “यार अनु….कल का प्रॉमिस मत तोड़ना अब….प्लीज़ यार….सिर्फ़ एक क़िस्स्स…..”
उसकी बात सुनके वो और भी गर्म होने लगी….
याद तो उसे आ ही चुका था की कल रात कैसे गर्म बातें करके वो अपनी चुचियाँ चुसवाने के लिए और उसे फ्रेंच किस्स करने के लिए बोल रही थी व्हाट्सएप पर…
और पिछले कई दिनों से उसे टालने के बाद अब उसे रोकना मुश्किल था…
पूरी क्लास भी जानती थी की दोनो का कुछ चक्कर चल रहा है…
और दूसरी लड़किया भी अपने बाय्फरेंड्स को ये किस्स वगेहर तो दे ही चुकी थी…
यहां तक की उसकी फ्रेंड निशा भी …
पर वो ही अभी तक ये सब करने मे घबरा रही थी…
पता नही उसे किस बात का डर था, बातें तो वो दुनिया भर की कर लेती थी, अंदर गर्मी भी बहुत थी उसमें, पर जब कुछ करने का सोचती या टाइम आता तो काँपने लग जाती थी, साँसे रुक सी जाती थी उसकी…
पता नही ये उसके साथ ही हो रहा था या उसकी उम्र की दूसरी लड़कियों के साथ भी ऐसा ही होता था पहली बार में …
पर जो भी था, वो पहली रेखा पार करने में उसे परेशानी बहुत हो रही थी…
पर गौरव को और संभालना मुश्किल था अब…
उसके हाथ उसकी जाँघो पर आ चुके थे….
साथ वाली रो में बैठी जसप्रीत उन्हे देखके मंद-2 मुस्कुरा रही थी,
अपनी आँखों के केमरे से उनकी हरकतें रिकॉर्ड भी कर रही थी, जो बाद में वो पूरी क्लास को मिर्च मसाला लगा कर सुनाने वाली थी
उसे अपनी तरफ घूरता देखके अनु वहां से उठी और वॉशरूम की तरफ चल दी…
उसके पीछे-2 गौरव भी उसके पीछे हो लिया…इंग्लीश का पीरियड शुरू होने में सिर्फ़ 5 मिनट का समय रह गया था…
वो लगभग भागती हुई सी बाथरूम में पहुँची और एक खाली केबिन देखके उसके अंदर घुस गयी, वो दरवाजा लॉक करती , उस से पहले ही गौरव भी अंदर घुस आया और दरवाजा लॉक कर दिया
अनु : “ओ पागल हो गया है क्या गौरव….ये गर्ल्स वॉशरूम है, तुझे किसी ने देख लिया तो बवाल हो जाएगा…”
गौरव : “होता है तो होने दे, मुझे आज बस किस्स चाहिए तेरी”
अनु बेचारी सिर्फ़ दाँत पीस के रह गयी, वो कुछ बोलने ही वाली थी की गौरव ने उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और ज़ोर से उसे हग कर लिया..
ये पहला मौका था उसकी लाइफ का जब किसी लड़के ने उसे ऐसे गले लगाया था, उसकी कसी हुई 32 साइज़ की चुचियाँ गौरव के सीने से लगकर बुरी तरह से पिस गयीं….
उसका बदन हमेशा की तरह फिर से काँपने लगा…
वो कुछ बोलती, इस से पहले ही गौरव ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखके उन्हे चूसना शुरू कर दिया…
एक पल के लिए उसकी साँसे ही रुक गयी….
वो तो पहले भी रुका करती थी, पर जो रही सही साँस उसे आ रही थी, वो भी अब आनी बंद सी हो गयी….
फड़फड़ाते हुए उसने बड़ी मुश्किल से अपने आप को और अपने नर्म होंठों को उसके चुंगल से छुड़वाया
और दबी हुई सी आवाज़ में गौरव को डांटते हुए वो बोली : “तू सच में पागल हो गया है, साला ठरकी ….आई एम नोट एबल तो ब्रीथ ….मर जाती मैं अभी….”
गौरव : “ आई एम् सॉरी बैबी…..सो सॉरी…..बट यार, ट्राइ तो अंडरस्टॅंड….अब यहाँ तक आ ही गये है तो जस्ट एंजाय द मोमेंट….कितना मज़ा आ रहा था यार….युवर लिप्स आर सो सॉफ्ट….सो जूसी …..’’
अब वो थोड़ी शांत हुई….
समझ तो अब उसे भी आ ही रहा था की ऐसा मौका फिर नही मिलेगा,
और पहली किस्स की रेखा तो वो पार कर ही चुकी थी,
गौरव जो इतने दिनों से उसके पीछे पड़ा था, वो इतने कम में तो मानेगा नही….
इसलिए उसने धीरे से हाँ में सिर हिलाते हुए अपना चेहरा नीचे कर लिया….
गौरव की तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा…
उसने उसकी चिन को थोड़ा सा उपर उठाया और बड़े ही प्यार से एक बार फिर से उसके होंठो पर होंठ रखके उन्हे चूसने लगा….
और इस बार अनु भी एंजाय कर रही थी….
वो पहली बार वाली झिझक उसके अंदर से निकल चुकी थी…
उसे भी गौरव के होंठ चूसने में मज़ा आ रहा था….
दोनों के जीभ और होंठ एक दूसरे से गुत्थम गुत्था होकर अंदर का गीलापन बाहर उडेल रहे थे…..
दोनो ने चाट चाटकार एक दूसरे को पूरा गीला कर दिया था…
]
साँस लेने के लिए दोनों एक पल के लिए रुके तो पहल करते हुए अनु ने एक बार फिर से गौरव को दबोच लिया…
वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे उसे खा ही जाएगी…
आख़िर ऐसा करती भी क्यों नही, स्मूच करने में इतना मज़ा मिलता है, ये आज ही उसे पता चला…
वो चूमती जा रही थी की गौरव का एक हाथ उसके बूब्स पर आ टीका और तभी अचानक दूसरे पीरियड की बेल ज़ोर से बज गयी…
गौरव ने एकदम से घबराकर उसे छोड़ दिया, शायद इंग्लीश की क्लास वो मिस नही करना चाहता था….
वो बिना कुछ बोले, लॉक खोलके बाहर भागता हुआ चला गया.
और अनु उस किस्स के उन्मांद में खोई हुई सी, अपने सीने पर हाथ रखके कुछ पल पहले के एहसास से उभरने की कोशिश कर रही थी…
तभी उसे एहसास हुआ की उसकी कच्छी पूरी गीली हो चुकी है,
शायद अत्यधिक उत्तेजना की वजह से उसकी चूत का पानी रिसने लगा था,
ठीक वैसे ही जैसे कल रात गौरव से बात करते हुए निकला था, जिसे उसने अपनी उंगलियों से शांत किया था…
पर अभी वो ये काम यहाँ स्कूल में नही कर सकती थी….
पर वो कच्छी उतारनी ज़रूरी थी, उसने अपनी स्कर्ट उठा कर उसे उतारा और अपने रस से लबालब उस कच्छी को डस्टबिन में डाल दिया…
टिश्यू पेपर से अपनी चूत को सॉफ किया और बाहर निकलके अपना हुलिया ठीक करके वो भी तेज़ी से क्लास की तरफ दौड़ पड़ी…
सुधीर सर से डांट खाने के बाद वो गीता मेम का गुस्सा नही झेलना चाहती थी, शुक्र था की वो अभी तक आई नही थी…
सीट पर बैठते ही निशा ने आँखे तरेर के उसे कहा : “मैने देखा था, गौरव को भागके गर्ल्स टाय्लेट से निकलते हुए….आख़िर कर ही दिया ना आज तूने कांड…”
वो भी बस उसे देखके मुस्कुराइ और फ्रंट सीट पर बैठे गौरव को देखके अपने होंठो को दांतो तले दबाकर हँसने लगी….
और साथ ही साथ उसकी कमर धीरे-2 लचकाने लगी
अपनी नंगी चूत को बेंच की सीट पर रगड़ने में उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था….सिर्फ़ एक स्कर्ट का ही कपड़ा था बीच में ….
काश वो भी ना होता….
कोई भी कपड़ा ना होता….
वो पूरी नंगी होती
कोई भी ना होता क्लास में …
सिर्फ़ वो और गौरव होते….
तो वो…वो….अपनी गर्म चूत को उस से चुसवाती , जैसा वो पिछली रात उसे बोल रही थी….
पर ऐसा हो नही सकता था…
सब आस पास ही थे….
और गीता मेम भी आ चुकी थी…इसलिए अभी के लिए उसने अपना ध्यान बड़ी मुश्किल से इन सब चीज़ो से बाहर निकाला और पढ़ने पर ध्यान देने लगी..
पर आज का दिन उसे हमेशा के लिए याद रहने वाला था…
आख़िर अपनी लाइफ का पहला किस्स जो किया था उसने.