Gajab shuruwat ki kori Gand ki....bina chiknayi kभाग २० -
छुटकी की हालचाल
" क्यों ननदोई जी, कैसी लगी मेरी छुटकी बहिनिया,... " और बिना उनके जवाब का इन्तजार किये मुड़ गयी,मेरी पीठ उनकी ओर , और अपने बड़े बड़े चूतड़ उनकी ओर देख के मटका दिए,...
वही असर हुआ जो मैं चाहती थी, खूंटा तन गया और नन्दोई ने कस के मुझे पीछे से दबोच लिया, उनके दोनों हाथ कस के चोली फाड़ते जोबन पे और तनी तलवार सीधे मेरी दरार के बीच, लग रहा था साडी साया फाड़ के यहीं खड़े खड़े मेरी गाँड़ मार लेंगे,... और जोबन का रस लेते बोले,...
" अरे बहुत रसीली है. लेकिन हमको तो बड़की वाली क ज्यादा मन करता है ,सच में इत्ती गाँड़ मारने को मिली लेकिन तोहार अइसन, ... कोई मुकाबला नहीं बोला कहिया मिली,... "
बस एक झटके में पलट के मैं गुस्से से अलफ़, और उन्हें पकड़ के पहले तो दस गाली उनकी बहन महतारी सब को, नाम ले ले के, मादरचोद , तोहरी महतारी पे हमार नन्दोई चढ़ें, उनके सार चढ़ें, सार क सार चढ़ें, और फिर कस के एक चुम्मी, चुम्मी क्या मेरे होंठों ने उनके होंठों को गपुच कर कचकचा के काट लिया , और जब छोड़ा तो मैंने अपना इरादा बता दिया,...
"स्साले ननदोई , अरे तोहार सलहज हूँ , अगर आगे से पूछा न तो मैं ही उलटे तेरी गाँड़ मार लूंगी, अरे जिसकी बहन की लेने के पहले कभी नहीं पूछते हो,... उसकी बीबी से क्या पूछना,... अरे ननदोई राजा जब चाहा, जहाँ चाहा, चाहे हमरी ननद के सामने,... बस पूछना मना है,... "
और पैंट के ऊपर से उनका खड़ा खूंटा मसल के अपने साजन के पास, हाँ नन्दोई को दिखा दिखा के चूतड़ मटकाना मैं नहीं भूली ,
सच में जबरदस्त दीवाने थे , मेरे पिछवाड़े के वो।
मैंने अपने साजन से सिर्फ दो सवाल किये और एक का जवाब हाँ में मिला दूसरे का नहीं में।
कुछ तो बात होती है सलहज में की नन्दोई सब अपनी बीबी, साली भूल के सिर्फ सलहज की बात मानते हैं , एक तो मेरे नन्दोई है जो अपनी सलहज के पीछे, मंडराते रहते हैं, और एक मेरी रीतू भाभी के नन्दोई, ये हैं अपनी सलहज की बात,...
इनकी सलहज ने इनसे एक बात मनवा ली थी जब इनकी सलहज की ननद , इनकी छुटकी साली, मेरी छुटकी बहिनिया, का पिछवाड़ा फटेगा तो एकदम सूखे,... बस ये बात उन्होंने मेरे नन्दोई को बता दी थी , और इसलिए जीजा साली बहला फुसला के मेरी छुटकी को आम की बगिया में, गाँव के एकदम बाहर ले गए थे, उसी की ब्रा पैंटी से कस कस के उसकी मुश्के बांध दी थीं,
की जब सूखे सूखे उस कच्ची कली की गाँड़ फाड़ी जायेगी तो बहुत चोकरेगी वो,... और नैना ने जो बताया था , उसकी आँखों देखी, उसके भइया ने, मेरे साजन ने , अपना मोटा खूंटा नीचे से अपनी साली के मुंह में ठूंस रखा था , हलक तक
और मेरी ननद की , नैना के जीजा, मेरे नन्दोई मेरी छुटकी बहिनिया की गाँड़ में चूतड़ पकड़ के पूरी ताकत से अपना मोटा खूंटा पेल रहे थे,
तो मेरा पहला सवाल था की क्या गुड्डो की नन्दोई जी ने इनकी छोटी साली की सूखी ही ली थी जैसा उनकी सलहज ने हुकुम दिया था , उसका जवाब था हाँ।
दूसरा सवाल था की इनकी साली की गाँड़ सिर्फ मेरे नन्दोई ने ही मारी या उन्होंने ने भी मारी, उसका जवाब था नहीं यानी सिर्फ नन्दोई ने मारी।
और उन्होंने जो हाल बताया बस मेरी गाँड़ में कीड़े काटने लगे नन्दोई से गाँड़ मरवाने के लिए, पक्का उन्होंने बचपन में ही अपनी महतारी की गाँड़ मार मार कर गाँड़ मारना सीखा होगा।
Kya mast tarika btaya hai Gand fadne ka.... aur usse bhi badhiya malham btaya hai.... fati Gand ka ....सूखी चिनाई
तो मेरा पहला सवाल था की क्या नन्दोई जी ने इनकी छोटी साली की सूखी ही ली थी जैसा उनकी सलहज ने हुकुम दिया था , उसका जवाब था हाँ।
दूसरा सवाल था की इनकी साली की गाँड़ सिर्फ मेरे नन्दोई ने ही मारी या उन्होंने ने भी मारी, उसका जवाब था नहीं यानी सिर्फ नन्दोई ने मारी।
और उन्होंने जो हाल बताया बस मेरी गाँड़ में कीड़े काटने लगे नन्दोई से गाँड़ मरवाने के लिए, पक्का उन्होंने बचपन में ही अपनी महतारी की गाँड़ मार मार कर गाँड़ मारना सीखा होगा।
बहुत देर तक सिर्फ आधे लंड से, गाँड़ का छल्ला एक बार पार होगया तो बस वहीँ तक, ह्च्चक ह्च्चक कर,
गाँड़ मरवाने में वो भी सूखी अंदर बाहर बहुत जगह चमड़ी छील जाती है , कट , स्क्रैच, कुछ खून खच्चर बहुत मामूली बात है,... लेकिन उसी छिली जगह पर जब दुबारा मोटा कड़ा सुपाड़ा रगड़ता, बेरहमी से दरेरता जाता है तो बहुत छरछराता है , जैसे कटे पर कोई मिरच छिड़क दे,
और जब तक दर्द का असर ख़तम हो उसके पहले ही दुबारा वहीँ पर रगड़ रगड़ कर घिसते हुए , बस जान नहीं निकलती सब कुछ हो जाता है,
पर गाँड़ मरवाने वाली हो या मारने वाला , असली मजा इसी दर्द में है,... और धीरे धीरे जिसकी मारी जाती है , उसे इस दर्द में ही मजा आने लगता है , जैसे कुछ लोगों को भले ही तेज मिर्च से जीभ पर आग लगा जाए , आंख में पानी भर जाए पर चाहिए उन्हें तेज मिर्च ही , बस मेरे नन्दोई आज छुटकी को उसी की आदत लगा रहे थे,
दूसरी बात मेरे साजन ने बतायी की वो सूखी चिनाई कर रहे थे ,
यानी ननदोई जी को झड़ने की जल्दी नहीं थी,... मैं ये बात पहले से जानती थी की इनकी तरह जीजा भी लम्बे रेस के घोड़े है , लेकिन आज बात दूसरी थी , आठ दस मिनट गाँड़ मारने के बाद वो रुक जाते थे, फिर कभी कच्ची अमिया कुतरते तो कभी गालों पर अपने दांत के निशान लगाते तो कभी छुटकी की गुलाबो में अपनी ऊँगली से अंदर बाहर कर के उसकी जादू के बटन को रगड़ रगड़ के , उसे मजे दे दे के झड़ने के कगार पर ले जा के
फिर हचक के कस के पूरे लंड से जड़ तक गाँड़ मारना शुरू करते और हर धक्का एकदम अंदर तक,...
ऐसी ही चार पांच बार रुक रुक के आठ दस मिनट मारते फिर चार पांच मिनट के ब्रेक के बाद दुबारा दूनी ताकत से,
छुटकी जितना रोती चिल्लाती, चूतड़ पटकती छूटने की कोशिश करती उतना ही कस के वो धक्के मारते,... पोज बदल के , पहले तो उन्होंने कुछ देर तक निहुरा के ली उसकी, कुतिया बना के,
( इनकी भी फेवरिट पोज वही थी और मुझे भी निहुर के गाँड़ मरवाने में बहुत मज़ा आता था )
पर नन्दोई जी सच में पिछवाड़े के जबरदस्त रसिया थे, पहले तो कुछ देर कुतिया बना के, फिर उसे पीठ के बल लिटा के ,
फिर गोद में लंड पे बैठा के , पहले दिन ही उन्होंने साले की साली को गाँड़ मरवाने के सात आठ पोज से परिचय करा दिया।
लेकिन झड़ते समय उन्होंने,... उसे फिर निहुरा दिया था , और चूतड़ खूब ऊंचा उठा के, ... पूरा अंदर घुसा के, ... और झड़ने के बाद भी पूरे दस मिनट तक लंड अंदर पेल के रखा और निकालने के बाद भी छुटकी को बोल रखा था, की कस के गाँड़ भींच के रखे,... अगर एक बूँद भी बाहर निकली न तो दोनों लोग दुबारा उसकी गाँड़ मार लेंगे, बेचारी इस धमकी के बाद तो,...
एकदम सही किया नन्दोई जी ने, सारे कटे फटे छिले पर मरद की मलाई से बड़ा कोई मरहम नहीं , और पक्का आधा पौन घण्टे में उसका सारा दर्द गायब तो नहीं होगा लेकिन बहुत कम हो जाएगा , और उसके चेहरे की मुस्कराहट वापस आ जाएगी,...
न उनका मन कर रहा था की मैं उनके पास से जाऊं , न मेरा लेकिन वहां मेरी ननद छिनार अकेले रसोई में होंगी, गरिया रही होगी मुझे, किसी तरह उसने छुड़ा के मैं रसोई में ,...
Match fixing k liye Saas ko rishwat.... aur rishwat bhi kanchi kali ki.... bas 1 baar fti huyi Gand ki.... gajabछुटकी की फिर से,...
न उनका मन कर रहा था की मैं उनके पास से जाऊं , न मेरा लेकिन वहां मेरी ननद छिनार अकेले रसोई में होंगी, गरिया रही होगी मुझे, किसी तरह उसने छुड़ा के मैं रसोई में ,...
आधे पौन घंटे में हम दोनों ने खाना लगा दिया था , मेरी सास अभी भी छुटकी को लिए अपने कमरे में बहला फुसला रही थीं , वो छुटकी को लेकर खाने की मेज पर आयीं और दोनों लोग हंसती खेलती, और खाने की टेबल पर भी वो अपने जीजा और डबल जीजा यानी मेरे नन्दोई के बीच में बैठी , और सामने हम तीनो , बीच मे मेरी सास , एक ओर मै और दूसरी ओर मेरी ननद।
और ननद के लिए दो बातें स्वयंसिद्ध हैं, पहली बात ननद होगी तो छिनार होगी ही, दूसरी बिना छेड़े वो रह नहीं सकती। तो बस मेरी ननद छुटकी के पीछे पड़ गयीं,...
" कैसे फटी हो छुटकी कैसे फटी, बगिया में तोहार,... अरे जब तुम्हारे जिज्जा और डबल जिज्जा तुझे आम की बगिया में ले गए तभी समझ जाना चाहिए थे की आज फटेगी, चल यार फटने वाली चीज है फट गयी कोई बात नहीं। "
पर मुझे सबसे बड़ी ख़ुशी हुयी, छुटकी ने बिना चिढ़े , उसी अंदाज में मुस्करा के जवाब दिया,...
" हमारे जिज्जा ने क्या आपकी भी उसी बगिया में फाड़ी थी ? "
मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी खिलखिलाहट रोकी, ... पर मुझसे ज्यादा मेरी सास खुश हो रही थीं, छुटकी के जवाब से। पर ननद खानदानी छिनार चुप थोड़े होने वाली थी, उन्होंने फिर छुटकी को चिढ़ाया,
" अरे हमसे बोली होती जाने के पहले, मिरचे के अचार वाला तेल दे देती , बल्कि ऊँगली डाल के अंदर तक लगा देती, मजा दूना हो जाता। इतनी क्या जल्दी थी की सूखे ही मरवाने,... "
पर अब मेरी सास आगयीं, अपनी दुलारी छुटकी को बचाने, ननद को हड़काया उन्होंने,...
" अरे खा लेने दो बेचारी को , एक तो मारे दर्द के बेचारी की हालत खराब थी, ऊपर से तुम,... "
ननद थोड़ी देर तक तो चुप रहीं, फिर उन्होंने दूसरा मोर्चा खोल दिया जिसका अंदाज मुझे भी नहीं पता चला,
मुझसे बोलीं, तोहरे तरह तोहरी छुटकी बहिनिया भी स्साली नौटंकी है , बढ़िया एक्टिंग करती है।
मैं तो नहीं बोली , पर छुटकी ट्रैप में फंस गयी, उसने बोल दिया,
" अरे दर्द के मारे जान निकल गयी, और आप कह रही हैं एक्टिंग "
बस ननद को मौका मिल गया, मुस्कराते हुए बोलीं वो,
" तभी तो कह रही हूँ , तुमने अपने जिज्जू और डबल जिज्जू को पटा लिया, ऐसे घूम के लौट आयी अरे बड़ी ताकत चाहिए पिछवाड़े में घोंटने के लिए,... इतना दर्द होता,... लेकिन एक्टिंग ऐसी की की एक बार मुझे भी लगा की फट गयी, ... "
छुटकी ने कुछ बोलने की कोशिश की, पर ननद ने बात काट दी, और मुझे आँख मारते हुए बोलीं,...
" अरे जंगल में मोर नाचा किसने देखा,... अगर सच में करवाया है तो अभी हम सब के सामने, हो जाए एक राउंड , पिछवाड़े वाला, डबल जिज्जू और जिज्जू के साथ ,... "
और जो थोड़ी बहुत उम्मीद बची थी, उसपर मेरी सास ने न सिर्फ दरवाजा बंद कर दिया बल्कि मोटा सा भुन्नासी ताला भी लगा दिया,... ननद की बात के जवाब में छुटकी की ओर से वो बोलीं,
" अरे मेरी छुटकी बेटी को समझती क्या हो, डरती है क्या किसी से.... अभी देखो,... क्यों " और उन्होंने बॉल मेरे पाले में डाल दी.
बेचारी छुटकी कभी मुझे देखती कभी मेरी सास को,... और मुझे जल्द फैसला लेना था,
पहली बात सास की बात, वो भी सबके सामने काटने की मैं सोच भी नहीं सकती थी,फिर मैंने सोचा सास को अपने साथ मिलाने के बड़े फायदे हैं, पहली बात तो तुरंत ही, कल ननद भौजाई का जो मैच होगा उसमें जज वही होंगी,... और थोड़ा बहुत मैच फिक्सिंग,...
फिर अब घर में भी जेठानी और छुटकी ननदिया तो जेठ जी के पास चली गयी हैं साल में कभी कभार छुट्टी छपाटी,... और ये ननद नन्दोई भी चार पांच दिन में, ... फिर तो घर में मैं, मेरी छोटी बहिन, उसके जीजा,... और मेरी सास ही रहेंगी, ... मैं सोच रही थी सास जी के बारे में और मेरी चमकी, बहुत सी बड़ी उमर की औरतों को कुछ करने करवाने से ज्यादा मज़ा आता है,.. देखने में और जिस पर चढ़ाई हो रही हो , वोएकदम कच्ची उमर वाली, कच्चे टिकोरों वाली हो हो कहना ही क्या, फिर छुटकी को देख के सबसे ज्यादा आँखे उन्ही की चमकी थी, उसे साथ ले के अपने कमरे में चली गयीं थी,...
तो उसकी कच्ची अमिया उनके सामने कुतरी जाए , ये देखने का मन उनका कर रहा होगा
मैंने एक पल ननद जी की और उनके भैया की ओर देखा, और मुझे लगा की अगर आज सबके सामने , अपनी माँ के सामने ये खुल के मेरी बहन की चुदाई करेंगे तो इनकी जो भी झिझक है और ननद जी की भी वो सब निकल जायेगी, फिर एक दो दिन में मैं इनकी बहन के ऊपर इसी घर में अपने सामने चढ़ाउंगी, तब आएगा असली मज़ा. जो मजा ननद के ऊपर भौजाई को अपने सामने ननद के सगे भाई को चढ़ाने में आता है न उसके आगे कोई भी मजा फेल है।
बस ये सब सोच के मैंने अपनी सास का साथ दिया,...
" एकदम, क्यों डरेगी और किससे डरेगी, बड़ी बहादुर है मेरी छुटकी बस अभी थोड़ी देर में,... "
छुटकी ने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने समझा दिया अरे मैं रहूंगी न तेरे साथ, ... और अबकी मेरी सास ने भी उसका साथ दिया,...
हाँ मैच शुरू होने के पहले मैंने कुछ शर्तें ननद औरसास से मनवा ली, वो क्या थीं, मौके पर बताउंगी।
Kyaa aap mere jiju ban ke meri didi ki gand ki kutai karogeMatch fixing k liye Saas ko rishwat.... aur rishwat bhi kanchi kali ki.... bas 1 baar fti huyi Gand ki.... gajab
Thanks so much , kita dard hua hoga bechari koGajab shuruwat ki kori Gand ki....bina chiknayi k
Bilkul ...bhejo apni didi koKyaa aap mere jiju ban ke meri didi ki gand ki kutai karoge
Maja bhi to aaya hoga.... kewal Dard hi nahi ......Thanks so much , kita dard hua hoga bechari ko
aur kitta majaa aaya hoga meri Nandoyi jI Ko
ek baat aur thi, Manhgaayi ka Jamana hai au ab Vaseline par bhi 18 % GST lagata haiGajab shuruwat ki kori Gand ki....bina chiknayi k