छुटकी -होली दीदी की ससुराल में
भाग ११० नाच -चुनिया और बुच्ची
२८,०००,९४
" अरे तो कौन गलत कर रही है "
चुनिया की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी, जो सुरुजू के ननिहाल से आयी थीं , सुरजू की माई के पास छोटी मामी के पीछे बैठीं थीं, वही से बुच्ची के समर्थन में गुहार लगाई,
" अरे तो हमर ननद रानी कौन गलत कर रही हैं , बुरिया है तो चोदी ही जायेगी,.... तो मालिया से चुदवा के सेहरा, ...बजजवा से चुदवा के कपड़ा और मोचिया से चुदवा के अपने भैया के लिए जूता ले आयी तो बहन हो तो ऐसी, ....चुदाई का मजा भी और पैसे की बचत भी , मंहगाई के जमाने में "
लेकिन साथ ही में अपनी छोटी बहन चुनिया को अपने सामने बैठी अपनी फुफिया सास, सुरजू की माई की ओर इशारा किया
और चुनिया के पास तो खजाना था, वो चालू हो गयी और अबकी निशाने पे सुरजू की माई थीं, वैसे भी दूल्हे की बहन और माई सबसे ज्यादा गरियाई जाती हैं और बहन से भी ज्यादा माई
एक दो लाइने तो बन्ने की तारीफ़ में फिर बाद मुद्दे पे पहुँच गयी
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे, अरे लोग कहें मलिया का जना,
बन्ने के तन पे सूट सोहे , अरे सूट सोहे,
अरे सूट सोहे, लोग कहें,, बजजवा जना
सुरजू की गाँव की एक बूआ अपनी भौजाई, सुरजू की माई से बोलीं,
" अरे भौजी,.... केतना लोगन से चुदाई के मुन्ना को पैदा की हो, मालिया भी बजजवा भी , मोचिया भी,... की अपने मामा क जनमल हो "
सुरजू क माई अपनी ननद को कुछ जवाब देती उसके पहले चुनिया ने अगली लाइन शुरू कर दी
धोबी की गली हो के आया बना, लोग कहें धोबी का जना
अरे लोग कहे, अरे लग कहें, गदहे का जना
अबकी तो खूब जबरदस्त ठहाका लगा और सबसे ज्यादा खुद सुरजू क माई और सबसे पहले कमेंट उन्होंने ही मारा, अपने पीछे बैठी मुन्ना बहू और इमरतिया और रामपुर वाली भौजी को देख के
" भाई गदहे वाली बात तो दूल्हे क भौजाई लोग अच्छी तरह से बता सकती हैं, अब ये जिन कहा की नाप तौल नहीं की हो अपने देवर की "
और फिर चुनिया को उन्होंने चढ़ाया, गाना तो बिटिया बहुत बढ़िया गा रही हो, ढोलक भी जबरदस्त लेकिन तनी नाच वाच हो, तब लगे की लड़का का बियाह है।
और चुनिया ने बुच्ची को खींच के खड़ा कर दिया,
दोनों ही गजब का नाचती थीं और जब जोड़े में नाचती थीं तो कहना ही क्या,
और चुनिया ने झट से बन्नी का रोल पकड़ लिया, जिस अदा से घूंघट दिखाया, हाथ में जयमाल लिए और बुच्ची की ओर कुछ लजाते, कुछ शरमाते देखा
और बुच्ची ने भी किसी का दुप्पटा झपट के सर पे पगड़ी लगा के एकदम दूल्हे वाला रोल,
और दोनों क्या लग रहे थे, सिर्फ ऐक्टिंग से, ढोलक अब रामपुर वाली भाभी के हाथ में थी, अब उन्ही के साथ बैठी मंजू भाभी मजीरा हाथ में लेकर उसी ताल पर बजा रही थी, और जब गाने की पहली लाइन, बल्कि आधी लाइन ही चुनिया ने गायी
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले
और क्या कस के ठुमके लगाए चुनिया ने, अपने छोटे छोटे चूतड़ मटकाये, पतली कमर लचकाई, और आँखों से इशारा करते, बन्ना बनी बुच्ची के पास पहुंची, दोनों हाथ ऐसे किये जैसे बस अब जयमाल डाल देंगे,
और बुच्ची भी, उसके चेहरे पे हर तरह के भाव, जैसे पूछ रही हो क्या वादा करना है, फिर आंखे जिस तरह से ललचायी नज़रों से चुनिया को देख रही थी, जैसे दुलहा जयमाल के समय नयी नयी दुल्हन को देखता है और बस यही सोचता ही की कितनी जल्दी ये मीठी मिठाई कहने को मिलेगी, बस बुच्ची उसी तरह
और थोड़ा पीछे हट के माला हाथ में लिए आगे बढ़ने की एक्टिंग करते हुए चुनिया ने लाइन पूरी की,
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
बुच्ची जैसे माला डलवाने के लिए बेताब हो, आगे बढ़ी, पर चुनिया पीछे हट गयी, उसकी ओर पीठ कर के एक चक्कर लगा के फिर वही लाइन दुहरायी
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी।
बन्ना बनी बुच्ची ने जोर जोर से हाँ हाँ में सर हिलाया और माला डलवाने के लिए गर्दन आगे बढ़ाई,
लेकिन चुनिया मुस्कराती, मुंह बिचकाती ना ना में सर हिलाती पीछे मुड़ गयी और दूर से फिर बन्ना बनी बुच्ची को चिढ़ाते, उकसाते हुए गाया
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी।
पीछे से सुरजू के ननिहाल की कोई लड़की, जो सब चुनिया का साथ दे रही थीं , ताली बजा रही थीं, गा रही थीं, बोली
" अरे मत डालना, सर हिलाने से नहीं होता, तीन तीर्बाचा भरवा बन्ने से, मुंह से बोल के हाँ हाँ, करवा,
पीछे से गाँव की कोई भौजाई बोलीं, बुच्ची की ओर से,
"अरे दो इंच के चीज के लिए इतना निहोरा करवा रही है, बुच्ची हाँ मत बोलना "
लेकिन सुरजू की माई, चुनिया की ओर से बोलीं,
" अरे उसी दो इंच की चीज से दुनिया निकलती है "
बुच्ची बेचारी हाथ जोड़ के निहोरा कर रही थी, बन्ना बनी आखिर हार के तीन बार हाँ बोली,
" ऐसे नहीं नाक रगड़वा साली से इतनी मीठी मिठाई मिलेगी "
मंजू भाभी ने अपनी ननद को चिढ़ाया
बुच्ची ने सर झुका के वो बात भी मान ली और एक बार मंजू भाभी की ओर भी मुंह करके तीन बार हाँ बोल दी ,
और चुनिया एकदम बन्ना बनी बुच्ची के पास, दोनों हाथों में जैसे माला लेकर डालने के लिए खड़ी हो और गाने की अगली लाइन गायी
भाग ११० नाच -चुनिया और बुच्ची
२८,०००,९४
" अरे तो कौन गलत कर रही है "
चुनिया की बड़ी बहन, रामपुर वाली भौजी, जो सुरुजू के ननिहाल से आयी थीं , सुरजू की माई के पास छोटी मामी के पीछे बैठीं थीं, वही से बुच्ची के समर्थन में गुहार लगाई,
" अरे तो हमर ननद रानी कौन गलत कर रही हैं , बुरिया है तो चोदी ही जायेगी,.... तो मालिया से चुदवा के सेहरा, ...बजजवा से चुदवा के कपड़ा और मोचिया से चुदवा के अपने भैया के लिए जूता ले आयी तो बहन हो तो ऐसी, ....चुदाई का मजा भी और पैसे की बचत भी , मंहगाई के जमाने में "
लेकिन साथ ही में अपनी छोटी बहन चुनिया को अपने सामने बैठी अपनी फुफिया सास, सुरजू की माई की ओर इशारा किया
और चुनिया के पास तो खजाना था, वो चालू हो गयी और अबकी निशाने पे सुरजू की माई थीं, वैसे भी दूल्हे की बहन और माई सबसे ज्यादा गरियाई जाती हैं और बहन से भी ज्यादा माई
एक दो लाइने तो बन्ने की तारीफ़ में फिर बाद मुद्दे पे पहुँच गयी
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे,
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे, सेहरा सोहे, अरे लोग कहें मलिया का जना,
बन्ने के तन पे सूट सोहे , अरे सूट सोहे,
अरे सूट सोहे, लोग कहें,, बजजवा जना
सुरजू की गाँव की एक बूआ अपनी भौजाई, सुरजू की माई से बोलीं,
" अरे भौजी,.... केतना लोगन से चुदाई के मुन्ना को पैदा की हो, मालिया भी बजजवा भी , मोचिया भी,... की अपने मामा क जनमल हो "
सुरजू क माई अपनी ननद को कुछ जवाब देती उसके पहले चुनिया ने अगली लाइन शुरू कर दी
धोबी की गली हो के आया बना, लोग कहें धोबी का जना
अरे लोग कहे, अरे लग कहें, गदहे का जना
अबकी तो खूब जबरदस्त ठहाका लगा और सबसे ज्यादा खुद सुरजू क माई और सबसे पहले कमेंट उन्होंने ही मारा, अपने पीछे बैठी मुन्ना बहू और इमरतिया और रामपुर वाली भौजी को देख के
" भाई गदहे वाली बात तो दूल्हे क भौजाई लोग अच्छी तरह से बता सकती हैं, अब ये जिन कहा की नाप तौल नहीं की हो अपने देवर की "
और फिर चुनिया को उन्होंने चढ़ाया, गाना तो बिटिया बहुत बढ़िया गा रही हो, ढोलक भी जबरदस्त लेकिन तनी नाच वाच हो, तब लगे की लड़का का बियाह है।
और चुनिया ने बुच्ची को खींच के खड़ा कर दिया,
दोनों ही गजब का नाचती थीं और जब जोड़े में नाचती थीं तो कहना ही क्या,
और चुनिया ने झट से बन्नी का रोल पकड़ लिया, जिस अदा से घूंघट दिखाया, हाथ में जयमाल लिए और बुच्ची की ओर कुछ लजाते, कुछ शरमाते देखा
और बुच्ची ने भी किसी का दुप्पटा झपट के सर पे पगड़ी लगा के एकदम दूल्हे वाला रोल,
और दोनों क्या लग रहे थे, सिर्फ ऐक्टिंग से, ढोलक अब रामपुर वाली भाभी के हाथ में थी, अब उन्ही के साथ बैठी मंजू भाभी मजीरा हाथ में लेकर उसी ताल पर बजा रही थी, और जब गाने की पहली लाइन, बल्कि आधी लाइन ही चुनिया ने गायी
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले
और क्या कस के ठुमके लगाए चुनिया ने, अपने छोटे छोटे चूतड़ मटकाये, पतली कमर लचकाई, और आँखों से इशारा करते, बन्ना बनी बुच्ची के पास पहुंची, दोनों हाथ ऐसे किये जैसे बस अब जयमाल डाल देंगे,
और बुच्ची भी, उसके चेहरे पे हर तरह के भाव, जैसे पूछ रही हो क्या वादा करना है, फिर आंखे जिस तरह से ललचायी नज़रों से चुनिया को देख रही थी, जैसे दुलहा जयमाल के समय नयी नयी दुल्हन को देखता है और बस यही सोचता ही की कितनी जल्दी ये मीठी मिठाई कहने को मिलेगी, बस बुच्ची उसी तरह
और थोड़ा पीछे हट के माला हाथ में लिए आगे बढ़ने की एक्टिंग करते हुए चुनिया ने लाइन पूरी की,
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी
बुच्ची जैसे माला डलवाने के लिए बेताब हो, आगे बढ़ी, पर चुनिया पीछे हट गयी, उसकी ओर पीठ कर के एक चक्कर लगा के फिर वही लाइन दुहरायी
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी।
बन्ना बनी बुच्ची ने जोर जोर से हाँ हाँ में सर हिलाया और माला डलवाने के लिए गर्दन आगे बढ़ाई,
लेकिन चुनिया मुस्कराती, मुंह बिचकाती ना ना में सर हिलाती पीछे मुड़ गयी और दूर से फिर बन्ना बनी बुच्ची को चिढ़ाते, उकसाते हुए गाया
बन्ना पहले वादा करले, बन्ना पहले वादा करले पीछे माला डालूंगी।
पीछे से सुरजू के ननिहाल की कोई लड़की, जो सब चुनिया का साथ दे रही थीं , ताली बजा रही थीं, गा रही थीं, बोली
" अरे मत डालना, सर हिलाने से नहीं होता, तीन तीर्बाचा भरवा बन्ने से, मुंह से बोल के हाँ हाँ, करवा,
पीछे से गाँव की कोई भौजाई बोलीं, बुच्ची की ओर से,
"अरे दो इंच के चीज के लिए इतना निहोरा करवा रही है, बुच्ची हाँ मत बोलना "
लेकिन सुरजू की माई, चुनिया की ओर से बोलीं,
" अरे उसी दो इंच की चीज से दुनिया निकलती है "
बुच्ची बेचारी हाथ जोड़ के निहोरा कर रही थी, बन्ना बनी आखिर हार के तीन बार हाँ बोली,
" ऐसे नहीं नाक रगड़वा साली से इतनी मीठी मिठाई मिलेगी "
मंजू भाभी ने अपनी ननद को चिढ़ाया
बुच्ची ने सर झुका के वो बात भी मान ली और एक बार मंजू भाभी की ओर भी मुंह करके तीन बार हाँ बोल दी ,
और चुनिया एकदम बन्ना बनी बुच्ची के पास, दोनों हाथों में जैसे माला लेकर डालने के लिए खड़ी हो और गाने की अगली लाइन गायी
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