Excellent story Tyler Bhai..looking forward to the next parts. Thanks a lot.
Nice Update...update 19
रामू के लन्ड के झटकों से चंपा की चूत इतनी चिकनी हो गई थी कि हर धक्के के साथ फच फच की आवाज आ रही थी काफी समय तक रामू चंपा को चोदता रहता है , चंपा थक जाती है और एक बार झड़ जाती है
चंपा - आह रामू थोड़ा आराम करने दे मार देगा क्या ? आह
रामू - आह आह करके दो चार धक्के देता है और चंपा के ऊपर ढेर हो जाता है
चंपा की चूत से दोनों के प्रेम रस बेहने लगते हैं
चंपा रामू के बाल सहलाते हुए - बड़ा जानदार है रे तू रामू , चल अब जा यहां से मुझे भूख लगी है
रामू - इतनी जल्दी ! चल पहले मेरा लन्ड चूसके खड़ा कर मुझे एक बार फिर से तेरी सुराख भरनी है
चंपा बहुत चुदासी औरत थी वो थकने वालो में से नहीं थी
चंपा - अच्छा ठीक है देखती हूं कितना दम है तेरे लन्ड में
रामू - बहन की लौड़ी , दम की बात करती है , काफी दिनों से तेरी फुरसत से चुदाई नहीं हुई , साली अब देख तेरा क्या हाल करता हूं
ऐसा बोलते ही रामू अपना लन्ड चंपा के बालों को पकड़ के उसके मुंह में ठूंस देता है और चंपा बड़े ही चाव से उसका लन्ड चूसने लगती है फिर धीरे धीरे रामू का लन्ड फिर से कड़ा होने लगता है रामू के लन्ड से चंपा की चूत कि खुशबू आ रही थी जिसकी वजह से चंपा की चूत के दोनों होंठ लपलपा रहे थे
रामू चंपा को अपनी गोदी में उठाकर बिस्तर पर घोड़ी बना देता है
चंपा - रुक जा रामू क्या कर रहा है , ऊपर आ ना
रामू - चुप साली रण्डी , काम पीछे का है
चंपा - नहीं नहीं रामू देख ऐसा मत कर । वहां बहुत दर्द होता है मर जाऊंगी मैं
रामू चंपा की गान्ड पर हल्के हल्के थप्पड़ मारकर मसलते हुए कहता है - साली पहली बार ले रही है क्या ! खेतों में कितनी बार तेरी गान्ड मार चुका हूं फिर भी इतने नखरे दिखा रही है
चंपा - आह आह नहीं आह
रामू के थप्पड़ अब चंपा की गान्ड पर कुछ ज़्यादा ही जोर से पड़ने लगे थे जिससे उसके चूतड़ लाल हो जाते हैं वो अब मना तो नहीं कर रही थी बस सिसकियां भर रही थी
रामू अपनी दो उंगलिया चंपा की चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगता है जिससे वो चिपचिपी हो जाती है और फौरन वो उन्हें पीछे से चंपा की गान्ड में घुसाने लगता है चंपा का मुंह खुलता चला जाता है और गान्ड की सुराख भी
चंपा - आह रामू मेरे राजा मत कर , रात भर खड़ा करके मार मेरी चूत मै कुछ नहीं बोलूंगी पर गान्ड में मत दाल रामू आह
रामू की दोनों उंगलियां अब जोर जोर से जल्दी जल्दी चंपा की गान्ड में अंदर बाहर होने लगती है और चंपा की सुराख खुलती चली जाती है
चंपा किसी तरह रामू की दो उंगलियों को बर्दाश्त कर रही थी पर रामू बिना कोई चेतावनी दिए ही अपने लन्ड का सूपड़ा चंपा की गान्ड के छेद पर लगा देता है और अपनी उंगलियां बाहर खींचकर अपने लन्ड को अंदर की तरफ पेल देता है
चंपा - आह हरामजादे मर गई रे
चंपा चीख पड़ती है उसकी आंखों से आंसू निकल आते हैं पर बेरहम रामू नहीं रुकता वो अपने लुनद को और गहराई में उतारता चला जाता है
रामू अपने लन्ड को बाहर खींच के अंदर की तरफ ठोक देता है और फिर चंपा की गान्ड मारने लगता है रामू जानता था कि ये साली पहले बहुत चिल्लाती है पर जब इसकी गान्ड एक बार अच्छे से खुल जाती है तो और मारने के लिए कहती है
चंपा धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी जोर जोर से चीखने वाली चंपा की आवाज अब सिसकियों में बदल गई थी
चंपा अपनी कमर को और पीछे करके - आह आह मां करके सिसक रही थी , रामू का हर धक्का उसको आगे की तरफ धकेलता पर वो फिर से अपने गान्ड उछालते हुए पीछे की तरफ हो जाती
रामू की रफ्तार अब बढ़ती जा रही थी , रामू आगे की तरफ झुककर चंपा की बड़ी बड़ी चूचियों को पीछे से अपने हाथों में थामकर सटासट अपना लन्ड चंपा की गान्ड में घुसाता चला जाता है - आह मेरी जान चंपा तेरी चूत से ज़्यादा गरम और नरम तो तेरी गान्ड है बहुत मज़ा आ रहा आह ये ले ।
चंपा - आह आह मार ले। मेरे राजा मै तुझे अपना सब कुछ दे चुकी हूं कभी भूलना मत मुझे , अपनी चंपा को ऐसे ही प्यार करना , नहीं रह पाऊंगी मै तेरे लन्ड के बिना आह
रामू का लन्ड चंपा की गान्ड में तूफान मचाने लगता है कुछ समय बाद वो हांफते हुए चंपा की गान्ड में झड़ने लगता है और झड़ने के बाद वो अपने लन्ड को गान्ड से बाहर खींचता है , चंपा की गान्ड की सुराख रामू के प्रेम रस से भरी हुई थी और चंपा बेहोश होके बिस्तर पर पड़ी हुई थी। रामू अपने कपड़े पहन कर चंपा को सीधा करता है और उसके होंठों को चूम कर अपने घर की तरफ निकल जाता है
Mast update diya bhai. Bhout majja aaya.likhte raho.Update 24
रामू नहा धोकर बाथरूम में से सिर्फ तौलिया लपेटकर ही बाहर निकल आता है सामने लता खटिए पर बैठी मिलती है और शर्म के मारे वो अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लेती है तो रामू झट से अपने कपड़े पहन लेता है
रामू - कुछ काम था क्या भाभी ?
लता - नहीं मै तो बस नाश्ते का पूछने के लिए आई थी
रामू - ठीक है ले आओ नाश्ता
लता मुस्कुराती हुई नाश्ता लेने चली जाती है और नाश्ता लेके आती है
रामू नाश्ता करते हुए लता से पूछता है - मौसी जी और भइया कहीं दिखाई नहीं दे रहे भाभी
लता - वो हमारे नए खेत में गए हैं वहां कुंवे की खुदाई का काम शुरू है
रामू - अरे वाह । मुझे भी अपने खेतों में कुंवे खुदवाने हैं मुझे भी ले चलिए ना भाभी , मुझे आपके नए खेत का रास्ता नहीं मालूम
लता - नहीं मै नहीं जा सकती
रामू - पर क्यों ?
लता - मुझे घर पर बहुत काम है आप पूछते पूछते चले जाना
रामू - अरे भाभी आप मुझे खेत दिखाकर वापस आ जाना
लता कुछ सोचकर - अच्छा ठीक है पर आप उनसे या मां जी से ये मत कहना कि मै आपके साथ खेत तक आई थी
रामू - ठीक है नहीं कहूंगा
नाश्ते के बाद रामू और लता खेत की तरफ चल देते है
रामू - भाभी एक बात पूछूं ?
लता - हां पूछो ना
रामू - रहने दो भाभी आप बुरा मान जाओगी
लता - ओहो पूछो भी नहीं मानूंगी बुरा
रामू - वो भाभी मै ये पूछना चाहता था कि जबसे मै यहां आया हूं तबसे मै गौर कर रहा हूं कि आप मुझे अजीब नजरों से क्यों देख रही हैं?
लता मुस्कुरा देती है - वो क्या है ना आपकी सूरत मेरे भाई से मिलती है मै जब भी आपको देखती हूं तो मुझे ये महसूस होता है कि मै अपने भाई को देख रही हूं
रामू - ओह तो ये बात है मै भी ना
लता - क्या ?
रामू - कुछ भी तो नहीं
लता - अच्छा खेत आ गया अब मै चलती हूं
रामू - अरे रुको भाभी यहां कोई नजर नहीं आ रहा ! कहां हैं धन्नो मौसी और भीमा भइया ?
लता घबराती हुई आवाज में - चलो घर चलते हैं शायद वो घर चले गए होंगे
रामू - रुको भाभी मै एक बार झोपड़ी ने देख लेता हूं
लता - नहीं नहीं देवर जी वहां मत जाओ
रामू अजीब नज़रों से लता को देखता है और चुपचाप झोपड़ी के पास चला जाता है वो झोपड़ी का दरवाज़ा खोलने ही वाला था कि अंदर से आ रही आवाज को सुनकर उसके हाथ रुक जाते हैं
लता भागते हुए रामू के पास आती है और बोलती है - चलो यहां से
रामू लता का हाथ पकड़कर झोपड़ी में बनी खिड़की के पास ले जाता है रामू समझ रहा था कि गांव का कोई लैला मजनू अंदर अपनी रासलीला में मगन है पर जैसे ही रामू खिड़की से अंदर झांकता है तो उसके हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं
झोपड़ी के अंदर धन्नो और भीमा थे भीमा चारपाई पर लेटा हुए था और उसके पास बैठी धन्नो उसके पैर दबा रही थी ये देखकर रामू को अजीब सा लगता है क्योंकि धन्नो के हाथ भीमा की जांघ पर थे और वो जांघ को दबाते दबाते भीमा के लंड को भी छू रही थी
रामू और लता आखें फाड़े ये देख रहे थे
भीमा - मां आज रहने दो ना , बदन बहुत दर्द कर रहा है
धन्नो - इसलिए तो तेरे शरीर की मालिश कर रही हूं मै जानती हूं कि वो तेरी पत्नी लता तुझे सोने नहीं देती है और दिन में मेरे पास आने के बाद तेरा जिस्म दर्द करने लगता है
भीमा - अरे मां ऐसी बात नहीं है
धन्नो - बस बस रहने दे सब जानती हूं मै , वैसे भी बूढ़ी औरत किसे अच्छी लगती है तेरे बापू तो अब किसी काम के रहे नहीं और बेटा है वो भी अपनी जवान बीवी की ओखली में मुंह डाले पड़ा रहता है
भीमा - चुप कर साली , १८ साल की उम्र से तुझे पेल तरह हूं अभी तक तेरी आग नहीं बुझी
धन्नो - बेटा ये आग मरने के बाद ही शांत होती है देख ना मेरी चूची भी कैसे सूख गई है बिना पानी के ूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूू
भीमा - रुक साली अभी बताता हूं तुझे
भीमा धन्नो को नीचे गिरा देता है और खुद उसके ऊपर आकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को मुंह में भरकर चूसने लगता है
धन्नो - आह चूस ले बेटा , रोज़ बस एक बार ही तो मांगती हूं तुझसे उसमे भी तू आना कानी करने लगा है आह
भीमा - मां तू बहुत कमीनी है रोज़ रोज़ करने के बाद भी रोती रहती है और देख लता को कई कई हफ्तों तक हाथ भी नहीं लगाता फिर भी मुंह से एक लफ्ज़ भी नहीं कहती वो।
धन्नो - कहां से बोलेगी ? बोलकर तो देखे फिर देखना मै क्या करती हूं उसका आह साली रण्डी कहीं की आह धीरे
भीमा अपनी जुबान धन्नो के मुंह में डालकर उसकी जुबान चूसने लगता है
धन्नो - उम्म उम बेटा मेरे मुंह में डाल ना अपना डंडा बड़ा मीठा लगता है मुझे उसका स्वाद
भीमा खड़ा होकर अपनी धोती सरका देता है और धन्नो के बालों को पकड़कर उसको थोड़ा ऊपर उठाता है धन्नो जैसे ही अपना मुंह खोलती है भीमा अपना लन्ड धन्नो के मुंह में पेल देता है धन्नो भी बड़े चाव से भीमा का लन्ड चूसने लगी थी
भीमा - आह मां इतनी जोर से मत खींचो ना आह
धन्नो भीमा की बात पर ध्यान दिए बिना हूं उसका लन्ड चूस चूस कर खड़ा कर देती है और अपनी दोनों टांगो को खोलकर लेट जाती है
धन्नो - चल आजा मेरे राजा बड़ी प्यासी हूं तेरे लंड के लिए
भीमा - पहले थोड़ा रसपान तो करने दो मां कहकर वो धन्नो की पैंटी उतारने लगता है
धन्नो अपने दोनो हाथों से सिसकियां भरते हुए अपनी चूचियां मसलने लगती है
भीमा जैसे ही धन्नो की चूत से उसकी पैंटी को उतारकर अलग करता है वैसे ही रामू को अपनी धन्नो मौसी की चूत के दर्शन हो जाते हैं ये सब नज़ारा देखकर रामू की पैंट में तम्बू बन चुका था और लता की सांसें तेज चल रही थी जिससे उसकी बड़ी बड़ी चूचियां रामू की पीठ पर बार बार घिस रही थी अंदर भीमा अपनी मां धन्नो की चूत पर अपनी जीभ से झाडू मारने लगता है और धन्नो अपनी गान्ड उछालते हुए भीमा के सर को अपनी चूत पे दबाने लगती है
धन्नो - ऊपर ऊपर की मलाई क्या खा रहा है असली माल तो अंदर है बेटे , घुसा दे अपनी जुबान अंदर मेरे लाल आह
भीमा अपनी जुबान धन्नो की चूत में पेल देता है
धन्नो - आह एक दिन तू मुझे इस तरह से मार देगा बेटा आह बस भी कर अब , देखता नहीं तेरी मां की चूत क्या चाहती है
भीमा धन्नो की आंखों में देखकर - उउम्म क्या चाहती है मेरी मां की चूत ?
धन्नो - अपने बेटे भीमा का लन्ड चाहती है तेरी मां की चूत , डाल दे ना रेे
भीमा धन्नो के दोनों पैर खोल देता है और थोड़ा सा धन्नो की चूत से निकला पानी अपने लन्ड पर लगाता है
भीमा धन्नो की आंखों में देखते हुए - ये ले मां आह ।।।।
धन्नो - हाए मर गई भीमा आह
भीमा का लन्ड रामू की तरह नहीं था पर भीमा के लंड में इतनी ताकत थी कि वो किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता था भीमा धन्नो की चूत में अंदर तक अपना लन्ड पेलकर चोदने लगता है और धन्नो अपने बेटे भीमा से चिपक कर नीचे से अपनी गान्ड उछालने लगती है
धन्नो - आह काश मेरा एक बेटा और होता तो दोनों बेटों का आगे पीछे से लेती आह
भीमा - क्यों मेरा कम पड़ता है क्या मां तुझे ?
धन्नो - नहीं बेटा तू नहीं समझेगा
लता की चूत खड़े खड़े पानी छोड़ने लगती है और वो रामू का हाथ पकड़कर खेत से बाहर ले आती है दोनों कुछ दूर चलकर एक कुंवे के पास बैठ जाते हैं दोनों एक दूसरे को ना देख रहे थे और ना ही कुछ बोल रहे थे