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Adultery घर में दफन राज(इंसेस्ट; एडल्टरी ; कॉकोल्ड)

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क्या आप लोग मोनी दीदी के फ्लैशबैक जानना चाहोगे किसने पहली बार मोनी को कली से फूल बनाया

  • टीचर ने

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Rsingh

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मैं ऐसे ही घर में बैठा हुआ मेरा मूड बहुत ही ज्यादा खराब हो रहा था। कभी फोन में कुछ करता तो कभी फोन में कुछ करता दीदी के फोन के मैंने पासवर्ड खोलने का भी नाकामयाब कोशिश करके देख लिया। मैं दरवाजा खोल करके छत के ऊपर चला जाता हूं और छत के ऊपर जब मैं सीधी से होते ऊपर जा रहा मुझे मम्मी और एक आंटी की आवाज सुनाई देती है बात करते हुए जो की एक बहुत ही सामान्य सी बात थी। मैं छत के ऊपर इधर-उधर चक्कर काट रहा होता हू कुछ देर इसी तरीके से चक्कर काटने के बाद मैं नीचे आने लग जाता हूं। और जैसे ही दरवाजे ऊपरजे के ऊपर हाथ रखता हूं तो देखा दरवाजा जैसे मैने छोड़ के गया था वैसा ही है। शायद मोनी दीदी को पता नहीं होगा कि वो घर में अकेली है। मैं जैसे ही कमरे की तरफ बढ़ रहा होता अचानक से मेरे कदम वही रुक जाते जैसे मानो मुसाफिर को मंजिल मिल गई हो। मोनी दीदी बाथरूम मैं खड़ी हुई होती है काले रंग की टाइट लेगिंस पहन कर मैं तुरंत वहीं पर रुक जाता हूं और अपने आपको वहीं छुपा लेता और तभी मोनी दीदी अचानक अपनी बड़ी गांड से लेगिंग्स नीचे सरका लेती अंदर लाल रंग की चड्डी होती है जो कि उनके गांड की दरारों में फांसी हई होती है। गोरी गांड से अचानक कच्छी खोल चूतड़ लेके जैसे बैठने लगी गांड के दानों फांकें और फैल गई गोरी गांड के दरारों के बीच बुर के लकीरें दिखाई पड़ती है जो मध्यम आकर के काले बालों से ढकी होती। तभी उनके बुर के छेदों से पेशाब के झरझराने की आवाज के साथ पेशाब बालों को भीगोते हुए गांड के लकीरों से टप टप गिरने लगती। जिन चीजों को ब्ल्यू फिल्मों में देखता था वो सामने देखने को मिल रहा था। ऐसा लग रहा होता है जैसे मेरी मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई हो मगर यह हसीन सपना कुछ ही देर के बाद खत्म हो जाता है। मोनी दीदी तुरंत खड़े होके अपने लेगिंग्स ऊपर कर लेती । जैसी वो पलटने वाली होती है मै तुरंत कमरे में घुस जाता उनको पता नहीं होता कि मैं आ गया हु। उनको शायद लग रहा था वो घर में अकेली है। थोड़ी देर के बाद जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकलता हूं दीदी से मेरा सामना हो जाता है। जहां वह मुझसे पूछने लग जाती है तो मैं भी उनको देखकर पूछता हूं कि आप तैयार हो रही हो कहां जा रही हो जहां पर उन्होंने मुझे बोला कि उनके मामा का लड़का आने वाला है उनको लेने जा रही वो नहीं देखे है यहां वो भी हमारे साथ शादी में चलने वाले हैं। मैंने उनको बोला कि मैं आपको चौक तक लेकर चलता हूं उन्होंने यह बोलते हुए मना कर दिया कि 5 मिनट में आ जाएगी उनको लेके यहां।


और थोड़ी देर में वह घर से निकल जाती है। थोड़ी देर में मम्मी भी ऊपर से आ जाती है जहां उन्होंने मोनी दीदी के बारे पूछा तो मैंने बताया मामा के लड़के को लाने जा रही है।
बोल रही थी कि वह भी शादी में चलने वाले हैं हमारे साथ में


मैं और मम्मी बैठे हुए होते हैं कि तकरीबन 10 मिनट के बाद दरवाजे के पास मोनी दीदी की हंसने की आवाज आती है हम लोग समझ गए कि मोनी दीदी आ गई है।


मैं देखता हूं कि मोनी दीदी के साथ में कोई लड़का होता है जिसकी उम्र तकरीबन 35 साल होती है। मोनी दीदी उनको अंदर आते हुए मम्मी से मिलवाती है वह मम्मी को प्रणाम वगैरा करता है। और यह कोई और नहीं सुमित भैया होते हैं


अब दोस्तों मैं मोनी दीदी के मामा के लड़के के बारे में आप लोगों को बता देता हूं कि उनकी उम्र तकरीबन 35 साल है। जिनकी अभी तक शादी नहीं हुई होती है। उनका रंग नॉर्मल होता है लेकिन हाइट उनकीबहुत ही अच्छी होती वह नहीं ज्यादा मोटे हैं ना पतले फिट होते हैं। कुल मिला करके उनकी पर्सनैलिटी बहुत अच्छी होती हैं


तभी सब लोग आपस में बातें करने लग जाते हैं कुछ पुराने समय के बारे में जहां मम्मी उनसे पूछ रही होती आजकल कहां रहते हो हो क्या करते हो जहां बातों की बातों में मुझे पता चला होता है कि उनकी जॉब यहां पर ही लगी हुई है।

ऐसे ही उन लोगो में बातचीत चल रही होती है और चाय और इधर-उधर की बातें हो रही होती थोड़ी देर के बाद वह फ्रेश वगैरा होकर सुमित भैया खाना पीना खा लेते हैं। उनके बाद वह एक कमरे में आराम करने लग जाते हैं कंबल के अंदर
और मोनी दीदी उनके पास आकर के बोलती है कुछ खाने का मन होगा शाम के वक्त कुछ पीने का मन होगा चाय वगैरा तो बना देगी वो । मैं सुमित भैया के साथ उसी कमरे में उसी बिस्तर पर था और कब मेरी आंखें लग गई मालूम ही नहीं चला

थोड़ी बात में महसूस करता हूं कि कोई मुझे हीला रहा है नाम लेकर के मैं जैसे ही उठता हूं तो मोनी मुझसे पूछ रही होती ह कि कुछ खाओगे मार्केट से ही लेकर के आ जाओ कुछ


जहां पर सुमित भैया मुझसे पूछते हैं कि यहां पर कुछ पिज्जा वगैरा नहीं मिलेगा कुछ लेकन आओ ना मैं मोनी दीदी से बोलता हूं की लेकिन मार्केट तो यहां से दूर है कैसे जाऊंगा मैं मोनी दीदी बोलती है की बाइक लेकर के चले जाओ ना मैं बोलता हूं कि मम्मी गुस्सा करेगी तो वह बोलती है कि कोई गुस्सा नहीं करेगी मैं बोल दूंगी की उसने बोला था। और वैसे भी मम्मी सुधा आंटी में साड़ी के दुकान गई है।

एक तो वैसे ही दिन भर मेरा मूड खराब होता है। और जब मोनी दीदी ने बोला होता है मोटरसाइकिल से ही मार्केट से पिज्जा लेकर आ जानेक लिए तो मुझे बहुत अच्छा लगा इसी चलो इसी बहाने थोड़ा दोस्तों के घर चले जाऊंगा उनसे मिल लूंगा
मैं मोटरसाइकिल की चाबी लेकर के वहां से निकल जाता हूं।
 

Motaland2468

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मैं ऐसे ही घर में बैठा हुआ मेरा मूड बहुत ही ज्यादा खराब हो रहा था। कभी फोन में कुछ करता तो कभी फोन में कुछ करता दीदी के फोन के मैंने पासवर्ड खोलने का भी नाकामयाब कोशिश करके देख लिया। मैं दरवाजा खोल करके छत के ऊपर चला जाता हूं और छत के ऊपर जब मैं सीधी से होते ऊपर जा रहा मुझे मम्मी और एक आंटी की आवाज सुनाई देती है बात करते हुए जो की एक बहुत ही सामान्य सी बात थी। मैं छत के ऊपर इधर-उधर चक्कर काट रहा होता हू कुछ देर इसी तरीके से चक्कर काटने के बाद मैं नीचे आने लग जाता हूं। और जैसे ही दरवाजे ऊपरजे के ऊपर हाथ रखता हूं तो देखा दरवाजा जैसे मैने छोड़ के गया था वैसा ही है। शायद मोनी दीदी को पता नहीं होगा कि वो घर में अकेली है। मैं जैसे ही कमरे की तरफ बढ़ रहा होता अचानक से मेरे कदम वही रुक जाते जैसे मानो मुसाफिर को मंजिल मिल गई हो। मोनी दीदी बाथरूम मैं खड़ी हुई होती है काले रंग की टाइट लेगिंस पहन कर मैं तुरंत वहीं पर रुक जाता हूं और अपने आपको वहीं छुपा लेता और तभी मोनी दीदी अचानक अपनी बड़ी गांड से लेगिंग्स नीचे सरका लेती अंदर लाल रंग की चड्डी होती है जो कि उनके गांड की दरारों में फांसी हई होती है। गोरी गांड से अचानक कच्छी खोल चूतड़ लेके जैसे बैठने लगी गांड के दानों फांकें और फैल गई गोरी गांड के दरारों के बीच बुर के लकीरें दिखाई पड़ती है जो मध्यम आकर के काले बालों से ढकी होती। तभी उनके बुर के छेदों से पेशाब के झरझराने की आवाज के साथ पेशाब बालों को भीगोते हुए गांड के लकीरों से टप टप गिरने लगती। जिन चीजों को ब्ल्यू फिल्मों में देखता था वो सामने देखने को मिल रहा था। ऐसा लग रहा होता है जैसे मेरी मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई हो मगर यह हसीन सपना कुछ ही देर के बाद खत्म हो जाता है। मोनी दीदी तुरंत खड़े होके अपने लेगिंग्स ऊपर कर लेती । जैसी वो पलटने वाली होती है मै तुरंत कमरे में घुस जाता उनको पता नहीं होता कि मैं आ गया हु। उनको शायद लग रहा था वो घर में अकेली है। थोड़ी देर के बाद जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकलता हूं दीदी से मेरा सामना हो जाता है। जहां वह मुझसे पूछने लग जाती है तो मैं भी उनको देखकर पूछता हूं कि आप तैयार हो रही हो कहां जा रही हो जहां पर उन्होंने मुझे बोला कि उनके मामा का लड़का आने वाला है उनको लेने जा रही वो नहीं देखे है यहां वो भी हमारे साथ शादी में चलने वाले हैं। मैंने उनको बोला कि मैं आपको चौक तक लेकर चलता हूं उन्होंने यह बोलते हुए मना कर दिया कि 5 मिनट में आ जाएगी उनको लेके यहां।


और थोड़ी देर में वह घर से निकल जाती है। थोड़ी देर में मम्मी भी ऊपर से आ जाती है जहां उन्होंने मोनी दीदी के बारे पूछा तो मैंने बताया मामा के लड़के को लाने जा रही है।
बोल रही थी कि वह भी शादी में चलने वाले हैं हमारे साथ में


मैं और मम्मी बैठे हुए होते हैं कि तकरीबन 10 मिनट के बाद दरवाजे के पास मोनी दीदी की हंसने की आवाज आती है हम लोग समझ गए कि मोनी दीदी आ गई है।


मैं देखता हूं कि मोनी दीदी के साथ में कोई लड़का होता है जिसकी उम्र तकरीबन 35 साल होती है। मोनी दीदी उनको अंदर आते हुए मम्मी से मिलवाती है वह मम्मी को प्रणाम वगैरा करता है। और यह कोई और नहीं सुमित भैया होते हैं


अब दोस्तों मैं मोनी दीदी के मामा के लड़के के बारे में आप लोगों को बता देता हूं कि उनकी उम्र तकरीबन 35 साल है। जिनकी अभी तक शादी नहीं हुई होती है। उनका रंग नॉर्मल होता है लेकिन हाइट उनकीबहुत ही अच्छी होती वह नहीं ज्यादा मोटे हैं ना पतले फिट होते हैं। कुल मिला करके उनकी पर्सनैलिटी बहुत अच्छी होती हैं


तभी सब लोग आपस में बातें करने लग जाते हैं कुछ पुराने समय के बारे में जहां मम्मी उनसे पूछ रही होती आजकल कहां रहते हो हो क्या करते हो जहां बातों की बातों में मुझे पता चला होता है कि उनकी जॉब यहां पर ही लगी हुई है।

ऐसे ही उन लोगो में बातचीत चल रही होती है और चाय और इधर-उधर की बातें हो रही होती थोड़ी देर के बाद वह फ्रेश वगैरा होकर सुमित भैया खाना पीना खा लेते हैं। उनके बाद वह एक कमरे में आराम करने लग जाते हैं कंबल के अंदर
और मोनी दीदी उनके पास आकर के बोलती है कुछ खाने का मन होगा शाम के वक्त कुछ पीने का मन होगा चाय वगैरा तो बना देगी वो । मैं सुमित भैया के साथ उसी कमरे में उसी बिस्तर पर था और कब मेरी आंखें लग गई मालूम ही नहीं चला

थोड़ी बात में महसूस करता हूं कि कोई मुझे हीला रहा है नाम लेकर के मैं जैसे ही उठता हूं तो मोनी मुझसे पूछ रही होती ह कि कुछ खाओगे मार्केट से ही लेकर के आ जाओ कुछ


जहां पर सुमित भैया मुझसे पूछते हैं कि यहां पर कुछ पिज्जा वगैरा नहीं मिलेगा कुछ लेकन आओ ना मैं मोनी दीदी से बोलता हूं की लेकिन मार्केट तो यहां से दूर है कैसे जाऊंगा मैं मोनी दीदी बोलती है की बाइक लेकर के चले जाओ ना मैं बोलता हूं कि मम्मी गुस्सा करेगी तो वह बोलती है कि कोई गुस्सा नहीं करेगी मैं बोल दूंगी की उसने बोला था। और वैसे भी मम्मी सुधा आंटी में साड़ी के दुकान गई है।

एक तो वैसे ही दिन भर मेरा मूड खराब होता है। और जब मोनी दीदी ने बोला होता है मोटरसाइकिल से ही मार्केट से पिज्जा लेकर आ जानेक लिए तो मुझे बहुत अच्छा लगा इसी चलो इसी बहाने थोड़ा दोस्तों के घर चले जाऊंगा उनसे मिल लूंगा
मैं मोटरसाइकिल की चाबी लेकर के वहां से निकल जाता हूं।
Behtreen update bhai please update regular dete raho
 

Rsingh

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सुमित: मैं देख रहा होता हूं की सनी घर से चला गयाहोता है मैं और मोनी घर में अकेले होते हैं। मैं कंबल के अंदर से ही आवाज देता कुछ कर रही हो क्या


मोनी: चाय बनाने जा रही हूं भैया चाय पियेंगे तब तक फ्रेश हो जाइए मैं चाय बना देती। इधर मैं सुमित भैया के लिए बहुत ही अच्छे से दूध में चाय बना रही होती


सुमित: ठीक है बना लो अपने लिए भी बना लेना तभी मैं अंदर अपने पैरों को फैलता हू और कंबल को बगल में हटा करके निकल जाता हू बिस्तर से और रसोई की तरफ देखता हूं कि मोनी पीठ मेरी तरफ है। मोनी लेगिंग्स में होती है और एक नंबर लग रही होती है। मैं तभी घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर लेता हूं। और धीरे कदमों से चलते हुए किचन में मोनी के पीछे खड़ा हो जाता हूं। मेरे पजामे के आगे में जो कि टेंट बना हुआ होता है सीधा मोनी की टाइट लेगिंग्स वाली गांड के ऊपर दबा देता हूं। और प्यार से उसे बाहों में लेकर बोलता चाय रही है मोनी मैं देखता हूं मैं अपने मोटे लौड़े को मोनी के चूतड़ों के ऊपर दबाता हूं मोनी मुस्कुराते हुए देखने लग जाती है पीछे होले से उसके कानों में बलता हूं चाय से काम नहीं चलेगा न कुछ और भी चाहिए ना


मोनी: मैं अपने मोती गांड के दरारों में सुमित भैया के मोटे लौड़े को महसूस करती हुई और अपनी गांड को पीछे करके दबा देती उनके मोटे लोड़े के ऊपर यह सोचते हुए कि आखिर वह घड़ी आई गई है जब अविनाश भैया कि मैं पूरी तरीके से हो जाऊंगी क्योंकि पिछले कई दिनों से उनसे फोन पर उनसे बातें करते हुए कब इतने नजदीक हो गई मालूम नहीं चला

तभी अचानक से सुमित भैया मुझे एकदम बाहों में भरकर के मेरे गालों के ऊपर अपने गाल रखकर मेरी चूचियां दबाना शरू कर देते हैं। और मुझसे पूछने लगते हैं कि सिर्फ चाय दोगी और कुछ नहीं मैं अपनी गांड लोड़े के ऊपर पूरी तरीके से दबा करके उनको एक मादक आवाज में बोलती है सब तो आपका ही ह ना जो चाहिए हो लीजिएगा


सुमित: तभी मोनी के मोटे गांड में अपने मोटे लौड़े को दबाता हुआ बोलता हूं यह चाहिए दोगी न और जैसे ही मोनी दबे हुए आवाज में बोलती है। मैं एकदम से मंत्रमुग्ध हो जाता हूं मोनी की मादक आवाज सुनकर के मैं मोनी के गाल के ऊपर 2 4 पप्पिया ले लेता हूं। तभी अचानक से हम दोनों का ध्यान टूटा चाय जो खौल कर नीचे गिरने लगती है।

मोनी: कमरे में आप जाइए मैं लेकर के आ रही हूं मैं भैया के लिए चाय कप में निकलने लग जाती हु कहीं ना कहीं मुझे उनके मोटे लिंग का एहसास बहुत अच्छा लगा होता जो शायद कभी मुझे बॉयफ्रेंड से महसूस नहीं हुआ ऐसा अहसास।

मैं कप में चाय लेकर के अंदर कमरे में जाती हूं मुस्कुराते हुए भैया से नजरे मिल जाती है उनके हाथों में चाय देते मैं वहीं पर बगल में बैठ जाती हूं।

सुमित: मेरे एक हाथों में चाय होता है मैंअपना दूसरा हाथ मोनी के कांधे के ऊपर रख देता हूं । और इस कप में मोनी को भी चाय पिलाना शुरू कर देता हूं प्रेमिका की तरह । चाय पीने के बाद मैं पूरी तरीके से मोनी को अपने बाहों मे भर लेता हूं और मोनी की लिपस्टिक लगे हुए होठों को अपने होठों में लेकर चूमना चूसना शुरू कर देता हूं धीरे-धीरे में मोनी के पूरे लपस्टिक चाट जाता हूं उसके लिपस्टिमे की खुशबू मेरे अंदर तक मुझे महसूस हो रही होती है।
जिस तरीके से मोनी अपने होंठ चुसवा रही थी और जिस तरीके से वह मुझे सपोर्ट करते हुए मेरे होठों को चूस रही होती है मैं समझ रहा था कि मोनी खिलाड़ी लड़की है।
 

kamdev99008

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ऐसे ही गर्मागर्म अपडेट देकर कहानी को आगे बढ़ाओ

बहुत समय से रुकी पड़ी है
 

Rsingh

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मैं मोनी को बगल में बिठा करके उसके होठों को खूब चूसता हु और एक हाथों से उसकी चूचियां भी पकड़ता हूं जो की काफी बड़ी हो चुकी होती है। मैं मोनी पिलाने के लिए इशारा करता हूं लेकिन वह मुस्कुराते हुए जैसे ही राजी होती है कि दरवाजे पर दस्तक हो जाती है और अचानक से हम दोनों एकदम अलग हो जाते हैं।


मैं वहीं पर बैठा रहता हूं मोनी वहां से उठ करके चले जाती है दरवाजा खोलने के लिए और जैसे ही दरवाजा खुलता है सामने में मोनू होता है।


अच्छा खासा मजा ले रहा था लेकिन अचानक मोनू के आने की वजह से सारा मजा खराब हो गया। ऐसे ही हम सब में इधर-उधर की बातें करते हुए शाम ढल जाती है और दोपहर में थके होने की वजह से मैं भी नींद में चला जाता हूं।


मोनू: मुझे कोई खबर नहीं होती है कि मेरे आने की वजह से दो प्रेमी जोड़े का मिलन बीच में ही रुक गया होता है l और शाम को मम्मी भी आ जाती है।


हम लोग सभी हाल में बैठे हुए बातचीत कर रहे होते हैं और प्रोग्राम बन रहा होता है कि आज रात को ट्रेन से या बस से चलना है या फिर कल निकलना है।


कभी उन लोगों में बातें होती बस से जाने की कभी ट्रेन से जाने की तो कभी पापा के कार से जाने की लेकिन कर से जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो जाता क्योंकि लंबी थोड़ी होती है रात भर का सफर होता है। लेकिन फिर ना जाने क्यों सब लोगों ने मिलकर डिसाइड किया होता है कि रात के सफर में जाना ठीक बात नहीं परिवार के साथ में हम लोग सुबह निकलेंगे शाम तक पहुंच जाएंगे। और इधर मम्मी भी शादी के कपड़े वगैरा तैयार करके बैग में सारा कुछ पैकिंग कर लिया होता है। और रात में हम सभी लोगों ने खाना भी खा लिया होता है। और जब सोने की बारी होती है। मैं मम्मी और मोनी दीदी एक ही कमरे में सोते हैं मोनी दीदी मेरे बगल में आकर लेट गई होती है और इधर मम्मी किचन में बर्तन साफ कर रही होती है उनको आने में वक्त हो जाता है और तकरीबन आधे घंटे के बाद जब वह आती है तो कमरे में लेट जाती है।



कमरे की लाइट जल रही होती है और तकलीफ बनाते घंटे के बाद पूरी तरीके से कमरे में खामोशी होती है मुझे नींद नहीं आ रही होती है मैं मोनी दीदी को देख रहा होता हूं बार-बार और वह घटना मेरी आंखों के सामने में घूम रहा होता है जब मोनी दीदी क्लास 12 में थी कैसे उनके पास में मोबाइल पकड़ा गया था। नागौर से उनके चेहरे को देख रहा होता हूं जैसे मानो की बहुत सारा सस्पेंस हो उसके अंदर में क्लास 12 में जब मोनी दीदी 18 साल की हो चुकी थी । और स्कूल की काफी फेमस लड़की थी और उसे वक्त में क्लास फाइव में पढ़ा करता था।



मेरे आंखों में नींद नहीं होती है और मैं यही सब सो रहा होताहूं


(दोस्तों क्या आप लोग फ्लैशलाइट में मोनी दीदी की अतीत को जानना चाहोगे तो बताना कमेंट में)
 

Saiyan

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मैं मोनी को बगल में बिठा करके उसके होठों को खूब चूसता हु और एक हाथों से उसकी चूचियां भी पकड़ता हूं जो की काफी बड़ी हो चुकी होती है। मैं मोनी पिलाने के लिए इशारा करता हूं लेकिन वह मुस्कुराते हुए जैसे ही राजी होती है कि दरवाजे पर दस्तक हो जाती है और अचानक से हम दोनों एकदम अलग हो जाते हैं।


मैं वहीं पर बैठा रहता हूं मोनी वहां से उठ करके चले जाती है दरवाजा खोलने के लिए और जैसे ही दरवाजा खुलता है सामने में मोनू होता है।


अच्छा खासा मजा ले रहा था लेकिन अचानक मोनू के आने की वजह से सारा मजा खराब हो गया। ऐसे ही हम सब में इधर-उधर की बातें करते हुए शाम ढल जाती है और दोपहर में थके होने की वजह से मैं भी नींद में चला जाता हूं।


मोनू: मुझे कोई खबर नहीं होती है कि मेरे आने की वजह से दो प्रेमी जोड़े का मिलन बीच में ही रुक गया होता है l और शाम को मम्मी भी आ जाती है।


हम लोग सभी हाल में बैठे हुए बातचीत कर रहे होते हैं और प्रोग्राम बन रहा होता है कि आज रात को ट्रेन से या बस से चलना है या फिर कल निकलना है।


कभी उन लोगों में बातें होती बस से जाने की कभी ट्रेन से जाने की तो कभी पापा के कार से जाने की लेकिन कर से जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो जाता क्योंकि लंबी थोड़ी होती है रात भर का सफर होता है। लेकिन फिर ना जाने क्यों सब लोगों ने मिलकर डिसाइड किया होता है कि रात के सफर में जाना ठीक बात नहीं परिवार के साथ में हम लोग सुबह निकलेंगे शाम तक पहुंच जाएंगे। और इधर मम्मी भी शादी के कपड़े वगैरा तैयार करके बैग में सारा कुछ पैकिंग कर लिया होता है। और रात में हम सभी लोगों ने खाना भी खा लिया होता है। और जब सोने की बारी होती है। मैं मम्मी और मोनी दीदी एक ही कमरे में सोते हैं मोनी दीदी मेरे बगल में आकर लेट गई होती है और इधर मम्मी किचन में बर्तन साफ कर रही होती है उनको आने में वक्त हो जाता है और तकरीबन आधे घंटे के बाद जब वह आती है तो कमरे में लेट जाती है।



कमरे की लाइट जल रही होती है और तकलीफ बनाते घंटे के बाद पूरी तरीके से कमरे में खामोशी होती है मुझे नींद नहीं आ रही होती है मैं मोनी दीदी को देख रहा होता हूं बार-बार और वह घटना मेरी आंखों के सामने में घूम रहा होता है जब मोनी दीदी क्लास 12 में थी कैसे उनके पास में मोबाइल पकड़ा गया था। नागौर से उनके चेहरे को देख रहा होता हूं जैसे मानो की बहुत सारा सस्पेंस हो उसके अंदर में क्लास 12 में जब मोनी दीदी 18 साल की हो चुकी थी । और स्कूल की काफी फेमस लड़की थी और उसे वक्त में क्लास फाइव में पढ़ा करता था।



मेरे आंखों में नींद नहीं होती है और मैं यही सब सो रहा होताहूं


(दोस्तों क्या आप लोग फ्लैशलाइट में मोनी दीदी की अतीत को जानना चाहोगे तो बताना कमेंट में)
Nahi mujhe nahi lagta aapko moni didi ka past likhna chahiye kahani forward chalne de, ye nizi sujhav hai
 

Rsingh

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कुछ देर तक यूं ही इस तरह की चीज सोचते हुए मुझे कब नींद आ जाती है पता ही नहीं चलता है। सुबह सबके उठाने से मेरी आंखें खुलती है और सब फ्रेश होने लग जाते हैं और फ्रेश होने के कुछ ही देर के बाद हम लोग बस स्टैंड की तरफ निकल जाते हैं।


तकरीबन सुबह 9:00 हम लोग बस स्टैंड पहुंच जाते हैं और जहां पर हम लोगों ने चार सीट लिया हुआ होता है मैं और मम्मी एक साथ बैठे हुए होते हैं और मोनी दीदी और सुमित भैया एक साथ। रास्ते में हम लोग आपस में इधर-उधर की बातें करते हुए जा रहे होते हैं। मेरी नींद कब लग जाती है मुझे मालूम ही नहीं चला और सारे रास्ते तकरीबन में रास्ते में 6 7 घंटे सोता हुआ ही आया


बीच में बुवा का फोन भी आता है वह हम लोगों से पूछ रही होती है हम लोग कहां पर पहुंचे हैं नहीं पहुंचे हैं। लंबा सफर होने की वजह से हम लोग तकरीबन बुआ के घर पर 9:00 बजे रात में पहुंचते हैं।


सभी लोग 12 घंटे के सफर तय करने के बाद काफी थके हुए होते हैं जहां कुछ देर में सभी लोग बाथरूम चले जाते हैं फ्रेश वगैरा होने के बाद बुआ किसी को बोल करके हम सबके लिए खाने लगवा देती। मैं मम्मी और मोनी दीदी वहीं पर बैठकर खाना खाने लग जाते हैं और सुमित भैया उधर निकल जाते हैं सबसे मिलने के लिए और बुआ ने तभी बोला की शादी का घर है तो थोड़ी दिक्कत एडजस्ट करनी पड़ेगी और हम लोगों को एक कमरा दिखाया कैमरा छोटा सा होता है जिसमें मुझे मम्मी और मोनी दी को एडजस्ट करना था। लेकिन वहां पर जान पहचान की काफी औरतें होती हैं जिनके साथ मम्मी उनसे कुछ मुलाकात करने के लिए चले जाती है और कमरे में बस जाते हैं मैं और मोनी दीदी वहां पर कंबल रजाई तकिया वगैरह सब कुछ रखा हुआ होता है। बुआ के घर में अगल-बगल के औरतें भी होती हैं जो की गाना वगैरा गा रही होती है शादी के रसम के लेकिन हम लोग थक चुके होते हैं तो हम लोगों ने आराम करने का सोचा होता है रात के 11:30 बज चुके होते हैं और सभी लोग थक के एकदम चूर होते हैं। अब कमरे में तकिया लगा हुआ होता है मैं कोने में जाकर के लेट जाता हूं और मेरे ही बगल में मोनी दीदी भी पहले से लेटी होती। उनके जिस्म की खुशबू मुझे महसूस हो रही होती है क्योंकि बहुत ही अच्छा स्मेल होता है। और तकरीबन आधे घंटे के बाद मम्मी भी कमरे में आने के बाद अंदर से कमरे को लगा लेती है। मोनी दीदी फोन चला रही होती है हालांकि मैं कोशिश भी किया होता है फोन का पासवर्ड जानने का लेकिन मैं इसमें असफल होता हूं। कुछ देर में कमरे की लाइट बंद हो जाती है। और आधे घंटे के बाद सभी लोग सो चुके होते हैं और मुझे भी कम नींद आ गई होती है पता नहीं चला होता है। लेकिन तकरीबन रात के डेढ़ घंटे बाद यानी की 1:00 बजे मेरी नींद खुल जाती है क्योंकि मैं बस में ही छह-7 घंटे सोया था तो मुझे नींद नहीं आ रही होती है। तभी मैं महसूस करता हूं कि मेरे पैरों में कोई मुलायम पर फांसी हुई है और यह कोई और नहीं मोनी दीदी होती है। क्योंकि पूरी तरीके से गहरी नींद में होती है लंबे सफर होने की वजह से मम्मी और मोनी दीदी उनकी सांसों से पता चल रहा होता है कि दोनों काफी गहरी नींद में है। मोनी दीदी के पैर के गुदे टच होने की वजह से मुझे कुछ अजीब जैसा लगने लगता है और मेरे आंखों के सामने कोई नजर आता है जब मुनि दीदी अपनी लेगिंग्स नीचे करके बालों वाली बुर से पेशाब कर रही थी बाथरूम में वह नजारा याद होते ही मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो जाता है। वह बुर के बालों से टप टप टप पेशाब की बूंद का टपकना झरझरा करके मुझे समझ में नहीं आ रहा होता है क्या करूं और मेरे दिल में बड़ी ख्वाहिश होती है मोनी दीदी की बुर को देखने की छूने की


और जब से मोनी दीदी हमारे यहां आई थी मेरी ख्वाहिश पिछले कुछ दिनों से अधूरी ही रही थी। लेकिन कहीं ना कहीं आज मैं सोच लिया होता है कि आज कुछ ना कुछ करना ही है। मैं अपने हाथ को धीरे से मोनी दीदी के पेट के ऊपर रख देता हूं और कुछ देर तक शांत रहता हूं मेरा दिल जोरो से धड़क रहा होता है। ऐसा लग रहा होता है जैसे मैं कोई चोरी कर रहा हूं

मेरे दिमाग का एक हिस्सा बोल रहा होता है कि मोनू हाथ नीचे लेकर के जा धीरे-धीरे तो वही दिमाग का दूसरा हिस्सा बोल रहा होता है कि पकड़ा जाएगा तो तेरी हालत खराब हो जाएगी सोच ले एक अनजाना सा डर और मस्ती भरी लहरें मेरे जिस्म में खून के साथ में दौड़ने शुरू हो जाती है। और मैं हिम्मत करके हाथ नीचे बढ़ाता हूं तो मेरे हाथ सीधा मोनी दीदी के जांघों पर आते हैं जहां पर बिल्कुल भी कपड़ा नहीं होता है मुझे बड़ा आश्चर्य लगता है मैं कुछ देर तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे से हाथ फेरता तो पता चलता है कि मोनी दीदी ने नाइटी पहना हुआ है। उनके जांघ के चर्बी को धीरे-धीरे में सहलाना शुरू करता हूं। और धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़ने लग जाता हूं अब ऐसा लग रहा होता है कि मेरा कलेजा मुंह से बाहर निकल जाएगा मेरा दिल इतनी जोरों से धड़क रहा होता है और जैसे ही मेरे हाथ उनके जांघों के ऊपर जा रही होती है मुझे गर्माहट महसूस हो रही होती है। लेकिन तभी कुछ ऐसा मुझे महसूस होता है जिसकी मैं कल्पना नहीं की थी जैसे ही मेरे हाथों को थोड़ा सा आगे बढ़ाता हूं तो मुझे बाल महसूस होते हैं जो की मोनी दीदी के बुर के बाल होते हैं। मैं समझ चुका था दीदी थकी हुई होने की वजह से नाइटी के अंदर में कुछ नहीं पहना है। ऐसा लग रहा था जैसे आज ऊपर वाले ने मेरी मन की मुराद पूरी कर दी है लेकिन डर भी लग रहा था। मेरे दिल की धड़कन तेज बढ़ाने शुरू हो गई थी ऐसा लग रहा था जिसे कहीं मेरा हार्ट अटैक ना हो जाए यह वक्त मेरे दिल का धड़कन इतनी जोर से चल रहा था अगर मोनी दीदी जाग जाती मुझे कुछ बोल देती तो सच में मेरा हाथ अटैक हो जाता है इतना डर लग रहा था दिल की धड़कन इतनी जोर से चलने लगी थी यहां तक की मेरे जिस्म में थरथराहट होने लगी थी और इसी के साथ में अपने हथेली को मोनी दीदी के बुर के ऊपर रख देता हूं अब मेरा हाथ मोनी दीदी के बुर के ऊपर होता है और मैं खामोश रहता हूं दो चार-पांच मिनट तक मैं अपने आप को शांत रखता अपने सांसों पर काबू पाने लगता।
 
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