मम्मी कभी-कभी आंखें बंद करती तो कभी उनके चेहरे के ऊपर दर्दका भाव होता है। उनके बाल के जुड़े हिल रहे होते हैं उनकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही होती है और नीचे ब** में गप गप लौड़ा जा रहा होता है। अशोक मामा का तेल लगा हुआ पूरा काला लौड़ा एकदम चमक रहा होता है और मम्मी के बुर में भी तेल लगे होने की वजह से मम्मी के बुर के बाल पुरे चमक रहे होते हैं। तेल लगा हुआ काला लौड़ा और भी एकदम चमक करके काला दिख रहा होता है पूरा लौड़ा बाहर आता है और एक ही बार में बुर में अंदर जाता है। थप थप थप थपकी आवाज जोरों से हो रही होती है क्योंकि अशोक मामा के जांघों के ऊपर जब मम्मी की गांड पड़ती है लोड़े के ऊपर नीचे होने से और भी थपकी की आवाज बढ़ जाती है। जब भी लौड़ा बाहर आता है तो मम्मी के बुर एकदम से कस के लोड़े पर पकड़ बनाई हुई होती है। जिससे कि चुप चुप की आवाज होती है बुर से फस फस के लौड़ा निकलता जब। अशोक मामा का मोटा लौड़ा मम्मी के बुर में किसी खूंटे की तरह एकदम घुसा हुआ होता है। क्योंकि बुरे को होठों को आपस में पूरी तरीके से अलग कर चुका होता है पूरी तरीके से बुर का छेद एकदम गोल होकर भर गया होता है। जैसे मानो की लौड़ा इतना टाइट फंसा हो की हवा तक जाने की जगह ना हो बुर के अंदर ।
दस मिनट यूं ही बुर चोदने के बाद मम्मी अच्छी खासी गर्म हो गई होती है मगर अशोक मामा का लौड़ा जब वह मम्मी की बुर से निकलते हैं तो वैसे ही खड़ा होता है बिल्कुल भी ढीली नहीं होता है।
तभी मेरी नजर मम्मी के बुर में जाती है तो उनके बुर की छेद ऐसा लग रहा होता है जैसे कि अंदर तक पूरा खुल गया है पूरा उसके बाद वह लौड़े के ऊपर से उतर जाती है। अब अशोक मामा मम्मी को घोड़ी बनने के लिए बोले होते हैं और तभी मम्मी अपनी गांड मेरे इधर घुमा देती है घोड़ी बनने से उनकी गांड काफी बड़ी लग रही होती है। जब मम्मी घोड़ी बन जाती है फिर अशोक मामा उनके पीछे आते हुए उनके बुर को अंगूठे से रगड़ते हैं। और अगले ही पल एक जोरदार थूक मम्मी के बुर में देते हैं। तू कितना गाढ़ा होता है की मम्मी के बुर के बालों से तुक एकदम लटक रही होती है जैसे मानो कोई धागा लटक रही अगले ही पल दो चार बार और बुर के फांकों को फैला करके बुर के छेद में सीधा थूक देते हैं। तू कितनी ज्यादा होती है कि बुरे से तुक गिरने लगती है बहने लगती। अगले ही पल अशोक मामा अपने लोड में सरसों वाली जो तेल रखी होती है बगल में कटोरी में वह अच्छे से लौड़े पर लगा लेते हैं। अशोक मामा मम्मी की गांड को पकड़ करके थोड़ा उठा कर लोड के सीधे सामने कर लेते हैं और थोड़ा उनके जांघों को फैलाते हैं। मम्मी भी अपने जांघों को खोलते हुए गांड को ठीक से पोजीशन में लेते हुए नीचे से देखते हैं उनका चेहरा मुझे दिखाई दे रहा होता है वह अच्छे से अपने गांड को पोजीशन को सही करते हुए अशोक मामा से पूछ रही होती है अब ठीक है ना अशोक मामा अच्छे तरीके से अपने लोड में तेल लगाते हैं मम्मी देख रही होती है। उसके बाद अपने लोड की टोपी को मम्मी के बुर के ऊपर सेट करके बुर के ऊपर लौड़ा ऐसे ही ऊपर नीचे रगड़ते हैं दो-चार बार तो कभी अपने लौड़े से मम्मी के बुर के ऊपर मरते हैं जोर-जोर से जिससे थप थप की आवाज होती है। अशोकनगर बड़े अच्छे तरीके से मम्मी की गांड की गोलाई के ऊपर हाथ चला रहे होते हैं। धीरे-धीरे मम्मी को अपने ग्रिप में लेना शुरू करते हैं उनकी कमर को अच्छे तरीके से पकड़ना शुरू करते हैं। मैं देख रहा होता हूं शायद मम्मी को पता नहीं होता है लेकिन मैं देख रहा होता हूं अशोक मामा अच्छे से अब पोजीशन ले रहे होते हैं और मम्मी के कमर को पूरा जोर से पकड़ चुके होते हैं और ऐसे ही आगे पीछे बुर के ऊपर लौड़ा रगड़ रहे होते हैं। और अचानक से मारते हैं चांप के मम्मी कुहक जाती है। इतनी जोर से कुहकती है जैसे मानो की कोई कोयल दर्द में कोहक गई हो
अशोक मामा का आधा लौड़ा मम्मी के बुर को बुरी तरीके से उसके होंठों को फैलाता हुआ अंदर घुस चुका होता है मैं देख रहा होता हूं मम्मी के बुर के बाहर अशोक मामा का अंडकोष लटक रहा होता है। फिर अशोक मामा एक जोरदार झटका मारते हुए पूरा लौड़ा अंदर घुसा देते हैं। उसके बाद मम्मी के ऊपर अच्छे तरीके से पोजीशन बना करके मम्मी की दोनों चूचियों को एकदम अपने मर्दाना पंजे में लपक लेते हैं कुछ देर तक चूचियां दबाते हैं अच्छे तरीके से उसके बाद मम्मी के कमर को पूरी जोर से पकड़ कर के आगे पीछे सटा सट मारना शुरू करते हैं। पूरे कमरे में थप थप की आवाज जोर से सुनाई देने लगती है मुझे और मम्मी के मुंह से बार-बार मस्ती भरी सिसकी निकल रही होती है। अशोक मामा का पूरा लौड़ा किसी मशीन के पिस्टन की तरह मम्मी के बुर में फुल स्पीड में अंदर बाहर हो रहा होता है साथ ही साथ उनका अंडकोष मम्मी के गांड के पास में किसी घड़ी की पेंडुलम की तरह लटक रहा होता है आगे पीछे झूलता हुआ।
अशोक मामा जहां तक हो सकता है अपने पूरे लोड़े के अंतिम जड़ तक अंदर बुर में घुसाते हैं। करीबन कुछ देर यूं ही खूब फुल स्पीड में उनकी स्पीड बढ़ाने लग जाती है मम्मी भी अपनी गांड को आगे पीछे करने लग जाती है। और अंग्रेजी पाल मम्मी एकदम शांत हो जाती है मैं समझ जाता हूं मम्मी झर गई अशोक मामा फुल स्पीड में रुकने का नाम नहीं ले रहे होते हैं पूरे कमरे में थप थप थप थप की आवाज ही गूंज रही होती है और अगले ही पल एक जोरदार झटका मारते हुए आवाज करते हुए अशोक मामा एकदम से रुक जाते हैं और वह अपने वीर्य का एक-एक बूंद मम्मी के ब** में उतरने के बाद अपने लौड़े को जब खींचते हैं चुप्प की एक जोरदार आवाज के साथ में बुर से लौड़ा निकल जाता है।
मम्मी ऐसे ही घोड़ी बनी होती है उनके बुर की छेद पूरी गोल हो गई होती है और बुर की छेद से वीर्य बहने लगती बुर के बालों में वीर्य लटक रहा होता है मम्मी की बुर की छेद बार-बार खुल रही होती है बंद हो रही होती है। मम्मी के घने काले बालों वाली बुर के ऊपर अशोक मामा का पूरा सफेद गधा वीर्य भरा हुआ होता है। जो की बालों से भी नीचे लटक रहा होता है दोनों पूरी तरीके से शांत हो गए होते हैं।
अशोक मामा सोफे के ऊपर बैठ जाते हैं तभी मम्मी अशोक मामा के लोड़े को अच्छे तरीके से पोंछ कर साफ कर देती है। दोनों का पहला राउंड खत्म हो चुका होता है मम्मी के चेहरे पर पूरा मुस्कुराहट होती है। फिर दोनों एक साथ उठ करके बाथरूम के अंदर जा चुके होते हैं साफ करने के लिए