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Adultery गुलाम

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Awesome update kahani acha chal rahi h
Vese Mir Zafar की २ बेगम थी
शाह खानम साहिबा: मीर जाफर की पहली पत्नी थीं. मुन्नी बेगम: मीर जाफर की दूसरी पत्नी थीं। story achi chal rahi iss liye mene socha todha bta dun
 

Threesome

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रजिया को तीन जोर की उल्टियां हुई फिर कहीं जाकर उसे सुकून का एहसास हुआ और थोड़ा सुकून के हासिल करने के लिए वो फिर से सुबह करीब तीन बजे तालाब में उतर गई और नहाने लगी! नहाने के बाद उसके दिमाग और जिस्म को काफी बेहतर अनुभव हुआ तो वो अपने कक्ष की तरफ चल पड़ी और थकी होने के कारण गहरी नींद में चल गई! अगले दिन सुबह मीर जाफर को पता चला कि रजिया 10 बजे तक अपने कक्ष से नहीं निकली तो मीर जाफर ने उससे मिलने का फैसला किया तो पता चला कि वो सोई पड़ी हुई थी और जागी तो सुल्तान की आवाज सुनकर उठ गई तो सुल्तान बोला:"

" क्या हुआ बेगम तबियत ठीक नहीं है क्या आपकी ?

रजिया के आंखों के आगे रात के दृश्य एक एक करके घूम गए और फिर बहाना बनाते हुए बोली:"

" मेरी तबियत थोड़ी ठीक नहीं थी तो रात ठीक से सो नहीं पाई जिस कारण आंख नहीं खुल पाई!

मीर जाफर:" कोई बात नहीं अपन ध्यान रखो और किसी दिक्कत हो तो हम हकीम साहब को आपके आज भेज देते हैं!

रजिया:" नहीं नहीं नवाब साहब! उसकी कोई जरूरत नहीं है! कोई बात हुई तो मैं खुद ही आपको बोल दूंगी!

मीर जाफर उसके बाद वहां से चले गए और रजिया ने थोड़ा नाश्ता किया और फिर से उसे उल्टी हुई क्योंकि बलदेव की बदबू अभी तक उससे पूरी तरह से दूर नहीं हुई थी!

अमीना ने उसे उल्टी करते हुए देखा तो बोली:"

" क्या हुआ बेगम साहिब कोई अच्छी खबर हैं क्या ?

रजिया ने उसे गुस्से से देखा और बोली:" ज्यादा दिमाग मत लगाओ समझी! ऐसा कुछ भी नहीं हैं!

अमीना:" काश ऐसा ही होता! कब से सारा राज्य इसी बात का इंतजार कर रहा है कि कब आप राज्य को वारिस देगी?

रजिया कुछ नहीं बोली और चुपचाप अपने कक्ष की तरह चल पड़ी! एक बार के लिए उसका मन किया था कि बोले कि तुम्हारे राजा में वारिस पैदा करने का दम नहीं हैं लेकिन फिर शर्म और मर्यादा को ध्यान में रखते हुए चुप ही रही और अपने कक्ष में आकर फिर से सो गई!

रजिया का रात को कहीं जाने का मन नहीं किया और आराम से थोड़ा भोजन करने के बाद सो गई! वही बलदेव को उम्मीद थी कि शायद रजिया रात में आयेगी लेकिन रजिया नहीं आई और बलदेव को यकीन हो गया कि अब रजिया नहीं आएगी क्योंकि वो तो सिर्फ उसका हाल चाल लेने आई थीं!

धीरे धीरे दो रात गुजर गई और आज अमावस की काली स्याह रात होने वाली थी! रजिया ने जल्दी ही खाना खाया और अपने कक्ष में आ गई! पिछले दो दिन में उसे कई बार बलदेव की याद आई लेकिन उसकी बदबू के बारे में सोचकर जाने की हिम्मत नहीं कर पाई लेकिन आज उसे काफी बेहतर लग रहा था!

लेकिन रजिया को समझ नहीं आ था कि आखिर बलदेव से मिलने क्यों जाए क्योंकि वो उसका हाल तो पूछ ही चुकी थी तो अब ऐसी कोई ज्यादा जरूरत भी नहीं थी! रजिया अपने बिस्तर पर पड़ी ही करवट बदल रही थी और नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी!
उसके कक्ष की खिड़की जो हमेशा चांद की रोशनी से दमकती थी आज बिल्कुल अंधेरे में डूबी हुई थी! रजिया के जिस्म की गर्मी हर दिन बढ़ती ही जा रही थी और रजिया को लग रहा था कि ये बदन की जलन एक दिन उसकी जान ही ले लेगी!
रजिया को लगा कि उसे एक बार नहा ही लेना चाहिए तो रजिया ने अपने बदन पर बेहद हल्के सूती सफेद रंगे के कपड़े पहने और रात होने के कारण उसने ब्रा पहनना जरूरी नहीं समझा और शाही बगीचे की तरफ निकल पड़ी! बगीचे में जाकर वो शाही तालाब में स्नान किया तो उसे थोड़ा सुकून मिला और रजिया बगीचे में घूमने लगी! नहाने की वजह से उसके कपड़े उसके बदन से बिल्कुल चिपक गए थे और शरीर के उतार चढ़ाव साफ तौर पर दिखाई दे रहे थे!

रजिया थोड़ी देर घूमती रही तो सहसा उसे बलदेव की याद आई कि बलदेव ने उससे कहा था कि अमावस की रात बिलकुल काली स्याह होगी! रजिया जानती थी कि इसका मतलब क्या था लेकिन वो जाना नहीं चाहती थी क्योंकि वो बलदेव से एक बार हाल चाल पूछ ही चुकी थी! लेकिन आज जरूर बलदेव मेरा इंतजार करेगा ये विचार मन में आते ही उसे लगा कि उसे जाना चाहिए लेकिन अगले ही पल उसे बलदेव की बदबू याद आई तो उसने खुद ही बुरा सा मुंह बनाया और न जाने का फैसला किया!

बेचारा बलदेव मेरा इंतजार कर रहा होगा और उसने तो मेरी जान भी बचाई हैं तो क्या एक बार में उसके लिए बदबू नहीं झेल सकती! मैं उसे आज साफ साफ मना कर दूंगी कि आगे से मैं नहीं आऊंगी मेरा इंतजार न करे! ये सोचते हुए रजिया ने जाने का फैसला किया और तब उसकी नजर तालाब के किनारे जल रहे एक चिराग पर पड़ी जिससे बड़ी तीखी सुगंध निकल रही थी तो रजिया के दिमाग में एक विचार आया और उसने वो चिराग को बंद किया और उसके बाद बगीचे से होती हुई बाहर सड़क पर आ गई और चल पड़ी बलदेव से मिलने!!

रजिया बार बार चिराग को सूंघ रही थी तो उसे एहसास हो गया कि चिराग के होते बलदेव की बदबू उसे ज्यादा परेशान नहीं करेगी! रात के करीब दो बजे हुए थे और मीर जाफर की खूबसूरत बेगम रजिया अपनी सब मान मर्यादा ताक पर रख कर एक गुलाम से मिलने जा रही थी! मौसम आज भी बेहद खराब था और आकाश में काले बादल मंडरा रहें थे!

रजिया का दिल बेहद तेजी से धड़क रहा था और सांसे जोर जोर से चल रहीं थी! रजिया अंधेरी रात का फायदा उठाती हुई उस तरफ मूड गई जिधर बलदेव रहता था और सामने सड़क पर उसे कोई नजर नहीं आया क्योंकि राज्य के मुख्य द्वार पर जलती हुई मशाल हल्की रोशन कर रही थी!

रजिया को हैरानी हुई कि आज कोई भी पहरा क्यों नहीं दे रहा है लेकिन उसे क्या उसके लिए तो अच्छा ही था ! रजिया ने हिजाब की ठीक से अपनी नाक पर बांधा और रजिया उसी पतली गली में मुड़ गई जिसमें वो उस दिन बलदेव के साथ खड़ी हुई थी! रजिया जैसे ही गली के कोने पर पहुंची तो उसे सामने गली के कोने पर एक परछाई नजर आई तो रजिया समझ गई कि ये बलदेव ही हैं!

बलदेव ने जैसे ही कदमों की आहट सुनी तो काली स्याह रात में वो गली में खुशी से घुस गया क्योंकि वो जानता था रजिया आ गई है तो बोला:"

" मुझे आज पूरा यकीन था कि आप जरूर आएगी!

रजिया का दिल बलदेव को अपने पास पाकर जोर से धड़क उठा और धीरे से कांपती हुई आवाज में बोली:"

" आखिर क्यों तुम्हे इतना यकीन था बलदेव ?

बलदेव अब धीरे से उसके और करीब आ गया और दोनों बिलकुल एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे जिससे बलदेव को रजिया की जोर से चलती सांसे साफ सुनाई दे रही थी और बोला:"

" हमे यकीन था क्योंकि आप बेगम होने के साथ साथ एक नेक दिल औरत भी हैं! सबसे बड़ी बात आज की काली स्याह रात में आपको कोई देख भी नहीं सकता है!

रजिया को अब हल्की बदबू महसूस होनी शुरू हो गई थी तो धीरे से बोली:"

" तुम्हारी हमारी जान बचाई थी बलदेव और हमे लगा कि तुम हमारा इंतजार कर रहे होंगे तो इसलिए आना ही पड़ा मुझे! वैसे एक पूछूं?

बलदेव :" जी जरूर पूछिए ?

रजिया ने अपने पास छुपी हुई माचिस को चिराग जलाने के लिए निकाला और बोली:"

" आज पहरे पर कोई भी सैनिक क्यों नहीं हैं? और मशाल भी कम जली हुई है!

बलदेव:" वो मैने सब आपके लिए किया हैं ताकि कोई आपको आते हुए न देखे! वैसे भी तीन सैनिक आज काली स्याह रात का फायदा उठाते हुए अपनी महबूबा से मिलने गए हैं!

बल्देव की बात सुनकर रजिया का दिल जोर से धड़क उठा और उसने सोचा कि कहीं बलदेव ये न सोच रहा हो कि मैं भी उसकी महबूबा हु जो रात में उससे मिलने आई हु! रजिया ने धीरे से माचिस को जलाया और अगले ही पल चिराग जल उठा तो गली रोशनी से नहा उठी तो बलदेव जल्दी से बोला:"

" ये क्या गजब कर रही हैं आप! जल्दी से उसे बंद कीजिए अगर किसी ने देख लिया तो गजब हो जाएगा!

रजिया भी डर गई तो उसने चिराग को बिल्कुल धीमा कर दिया और उससे निकलती हुई खुशबु की वजह से अब उसे ज्यादा बदबू का एहसास नहीं हो रहा था तो बलदेव भी सारी कहानी समझ गया और बोला:"

" बेगम साहिब यहां चिराग जलाना ठीक नहीं है! आप मेरे साथ आइए एक सुरक्षित जगह है पास ही!

इतना सुनकर बलदेव चल पड़ा तो रजिया को समझ नहीं आया कि क्या करे लेकिन उसके कदम अपने आप बलदेव के पीछे चल पड़े और तभी जैसे आसमान खुल गया और जोरदार बारिश शुरू हो गई! बलदेव तेजी से चल पड़ा और एक किले के अंदर घुस गया तो पीछे पीछे रजिया भी तेजी से चलती हुई किले में घुस गई और रजिया पूरी तरह से भीग गई थी और उसके बदन से पानी नीचे गिर रहा था!

किले में अन्दर जाते ही बलदेव ने वहां लगी दोनों मशालों को जला दिया और पूरा कक्ष रोशनी से भर उठा तो किले में मानो कयामत आ गई क्योंकि पूरी तरह से भीग चुकी रजिया का जिस्म सूती कपड़ों में पूरी तरह से पारदर्शी हो गया था और बलदेव की नजर जैसे ही रजिया के जिस्म पर पड़ी तो बलदेव को सबसे पहले रजिया की पपीते के आकार की गोल मटोल ठोस चूचियां नजर आई और रजिया को जैसे ही रोशनी में अपनी हालत का एहसास हुआ तो वो शर्म से पानी पानी हो गई और दोनो हाथों से अपने मुंह को धक लिया और धीरे से कांपती हुई बुदबुदा उठी

" हाय अम्मी ये क्या गजब हो गया!

रजिया की सांसे डर और शर्म से बुरी तरह से उखड़ गई थी जिससे उसकी चूचियां बलदेव को ललचा रही थी और निप्पल भी पूरी तरह से तनकर अपना सिर उठा चुके थे तो बलदेव आगे बढ़ा और रजिया के बिल्कुल करीब हो गया और उसकी चूचियों को बिल्कुल करीब से देखा तो बलदेव भूल गया कि वो एक गुलाम है और रजिया उसे बस एक कामुक औरत नजर आई और उसने अपने एक हाथ को रजिया के कंधे पर रखा तो रजिया एक झटके के साथ पलट गई और लगभग तड़पते हुए सी कांपती हुई आगे बढ़ गई और बोली:"

" आह नहीं बलदेव!! ये गुनाह होगा ! हमे स्पर्श मत कीजिए!

रजिया के पलटने से उसकी चिकनी कटावदार भरावदार कमर सामने आ गई और बलदेव की नजरे नीचे उसके पिछवाड़े पर पड़ी तो बलदेव रजिया की बड़ी गोल मटोल मोटी चौड़ी गान्ड को देखते ही मदहोश हो गया और बलदेव ने आगे बढ़कर फिर से उसके कंधे पर सख्ती से हाथ रखा तो रजिया को लगा उसके कंधे पर मानो कोई पत्थर का टुकड़ा रख दिया और मन ही मन बलदेव की ताकत और कठोरता की कायल हो उठी और

" आह बलदेव मत भूलो कि तुम एक गुलाम हो!

बलदेव को लगा कि रजिया नाराज हो गई है तो उसने एकदम से अपना हाथ पीछे हटा लिया और बोला:"

" माफ कीजिए बेगम साहिब लेकिन मैं तो ये कहना चाह रहा था कि आप अपना चिराग जला लीजिए!

रजिया को बलदेव की बात सुनकर बदबू का एहसास हुआ वरना वासना उसके सिर पर इस कदर चढ़ गई थी कि उसे बलदेव की बदबू महसूस ही नहीं हो रही थी! रजिया फिर से पलटी और चिराग को मशाल के पास जलाने लगी लेकिन उसका हाथ गया तो उसने बड़ी उम्मीद से बलदेव की तरफ देखा जो उसकी सांसों के साथ उछलती हुई चूचियों को देख रहा था और धीरे से नजरे नीचे करती हुई बोली:"

" हमारी मदद करो न बलदेव! देखो न हमारा हाथ मशाल नहीं पहुंच पा रहा है!

बलदेव ने बिना देर किए एक झटके के साथ किसी गुड़िया की तरह रजिया को गोद में उठा लिया तो रजिया मचल सी उठी और बोली:"

" आह बलदेव हमने गोद में उठाने के लिए थोड़े ही कहा था! नीचे उतारो हमे!

बलदेव इतनी आसानी से मौका छोड़ने वाला नहीं था तो बोला:"

" आपने ही कहा था कि आपका हाथ नहीं जा रहा था तो अभी देखिए चला जाएगा!

रजिया ने हाथ आगे बढ़ाया तो मशाल थोड़ा सा दूर रह गई तो उसकी गोद में थोड़ा आगे को झुकी तो बलदेव का भैंस के खूंटे जैसा मजबूत लन्ड रजिया की गांड़ के बीच में घुस गया और रजिया की सांसे उखड़ गई और उसकी चूचियों में कड़ापन आ गया और इस कदर उछल लड़ी मानो एक एक दूसरे से रेस लगा रही हो तो रजिया पागल सी होती हुई बोली:"

" जल्दी से नीचे उतारो हमे नहीं जलाना कोई चिराग विराग! हमे अब तेज बदबू आ रही है!

बलदेव को मौके की नजाकत को समझते हुए दूसरे हाथ से मशाल को रजिया के बिल्कुल पास कर दिया तो रजिया ने चिराग को जला दिया और जैसे ही चिराग से मादक खुशबु आई तो रजिया ने चैन की सांस ली और बोली:"

" बस चिराग जल गया बलदेव! अब हमें नीचे उतार दीजिए!

चिराग जलने के बाद जैसे ही रजिया पीछे को हुई तो मशाल को वापिस रखने के लिए बलदेव आगे को हुआ जिससे बलदेव का लन्ड पहली बार रजिया की चूत से टकरा गया और रजिया के जिस्म को मानो बिजली का जोरदार झटका लगा और जल्दी से उसकी गोद से उतर गई! बलदेव ने मशाल को वापिस रखा और रजिया की चुचियों को देखते हुए बोला:"

" चिराग जल गया आपका! अब तो आपको हमसे बदबू नहीं आएगी न बेगम साहिब!

रजिया को लगा कि बलदेव बुरा मान गया है तो बोली;"

" ऐसा न कहो बलदेव! हमसे सच में बदबू बर्दाश्त नहीं होती है

बलदेव:" आप ही बताए न इसमें मेरा क्या कुसूर है बेगम साहिब!!

रजिया को उससे सहानुभूति हुई और बोली:" हम समझते है बलदेव! तुम हमें बार बार बेगम साहिब क्यों बोलते हो? हमे अच्छा नहीं लगता!

बलदेव को रजिया की सहानुभूति हासिल करने का अच्छा मौका मिला और एकदम से बोला:"

" एक गुलाम आखिर आपको बेगम साहिब ही तो कहेगा न!

रजिया का दिल तड़प उठा और बोली:" ऐसा न सोचो बलदेव! तुमने हमने छुआ तो हम भला क्या करते!

बलदेव अब फिर से रजिया के करीब आ गया था और बोला:"

" हमसे गलती ही है बेगम साहिब लेकिन आप हैं ही इतनी खूबसूरत कि हमारे हाथ अपने आप आगे बढ़ गए!

रजिया अपनी तारीफ सुनकर इठलाती हुईं बोली:" फिर से बेगम साहिब कहा तो हम नाराज हो जाएंगे तुमसे बलदेव!

बलदेव उसके बिल्कुल करीब आ गया तो रजिया ने नजरें झुका ली तो बलदेव ने रजिया का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" तो फिर क्या कहे आपको ?

रजिया ने एक झटके से अपना हाथ छुड़ा लिया और एक झटके के साथ दूर जा खड़ी हुई और बोली:"

" रजिया बोलो बस! हमे अच्छा लगेगा!

बलदेव को लगा था कि रजिया हाथ पकड़ने से नाराज हो गई थी लेकिन उसने सिर्फ रजिया बोलने के लिए कहा तो उसकी हिम्मत फिर से बढ़ गई और फिर से उसके करीब आ गया और बोला:"

" रजिया आप सच में बेहद खूबसूरत हैं! हमे तो यकीन नहीं होता कि आप आधी रात को हमसे मिलने आती हैं चोरी चोरी!

रजिया को अब बिल्कुल भी बदबू नहीं आ रही थीं बल्कि बलदेव की बाते उसे बेहद पसंद आ रही थी तो उसके जिस्म में फिर से उत्तेजना का संचार होना शुरू हो गया और बोली:"

" यकीन क्यों नहीं होता बलदेव जबकि हम तो आपके सामने खड़े हुए हैं!

बलदेव ने सोच ही लिया था कि वो रजिया को फंसा कर रहेगा तो बोला:" कहां आप दुनिया की सबसे खूबसूरत बेगम साहिब और कहां में काला गुलाम जिसके बदन से भी बदबू आती हैं इतनी ज्यादा!

रजिया बलदेव की चाल का शिकार हो गई और रजिया ने सहानुभुति दिखाते हुए खुद से बलदेव का हाथ पकड़ लिया और बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव हमे दुख होता है! हम तो तुम्हे गुलाम नहीं समझते!

बलदेव ने खुशी खुशी रजिया के हाथ को थाम लिया और उसे सहलाते हुए बोला:"

" फिर क्या समझते हो आप हमें रजिया?

रजिया अब उसकी बातों से पिघल रही थी जिससे उसकी चूचियां बलदेव पर कहर ढा रही थी! रजिया ने इधर उधर देखा और बोली:"

" अब हम चलते है बलदेव! किसी ने हमे देख लिया तो हमारी मौत तय है!

बलदेव:" ऐसा न कहे रजिया! यहां मेरी मर्जी के बिना कोई नहीं आ सकता! बताए न आखिर आप हमें क्या समझती हैं?

इतना कहकर बलदेव ने रजिया को थोड़ा सा अपने करीब खींचा तो दोनो के चेहरे बिल्कुल सामने आ गए और रजिया शर्म से लाल हो गई और धीरे से कांपती हुई बोली:"

"हम आपको अपना दोस्त मानते हैं बलदेव!

बलदेव ने अब अपने दोनों हाथों को रजिया के कंधों पर रख दिया और प्यार से बोला:"

" फिर दोस्त से ये पर्दा कैसा? क्या हमें आपका चांद सा खूबसूरत चेहरा देखने का हक नहीं है क्या?

रजिया उसके मजबूत हाथों के स्पर्श से पिघल उठी और चूचियों के निप्पल अकड़कर तन गए लेकिन रजिया दिखावा करती हुई बोली:"

" आहआह ह ह नहीं बलदेव हम सिर्फ मीर जाफर की अमानत है! पराए मर्द को दिखाना गुनाह होगा!

बलदेब रजिया की कांपती आवाज और मचलते हुए जिस्म से उसकी सब हालत समझ गया था तो रजिया के कंधों को प्यार से सहलाया और बोला:"

" दोस्त बनाकर भी पराया कर दिया हमे! आखिर में हम गुलाम ही ठहरे!

रजिया तड़प सी उठी और मचलते हुए बोली:" आह बलदेव किसी को पता चल गया तो हम मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे!

बलदेव समझ गया था कि रजिया को ज्यादा आपत्ति नहीं है बस झिझक और डर हैं तो बोला:"

" एक बार हमारी आंखों में देखिए क्या आपको बलदेव पर भरोसा नहीं है रजिया?

रजिया की सांसे अब पूरी रफ्तार से चल रहीं थी जिससे उसकी चूचियां ज्वार भाटे की तरह ऊपर नीचे गिर रही थी! रजिया के पूरे जिस्म में खुमारी छाई हुई थी और जैसे ही उसने नजरे उठाई तो बलदेव को उसकी वासना में डूबी हुई लाल सुर्ख आंखे दिखाई दी और रजिया धीरे से बोली:"

" हमे आप पर पूरा भरोसा है बलदेव तभी तो अपनी मान मर्यादा सब कुछ दांव पर लगा कर आपसे मिलने आए है!

बलदेव ने अब रजिया को कंधे से पकड़कर अपनी तरफ खींचा तो रजिया की उछलती हुई चूचियां उसके सीने से आ लगी और रजिया जोर से सिसक उठी तो बलदेव बोला:

" जब भरोसा है तो दिखाए न अपना चांद सा खूबसूरत चेहरा हमे रजिया!

रजिया बलदेव के सीने से लगी हुई अपनी चूचियों पर बलदेव की छाती की कठोरता महसूस कर रही थीं और उसे आज पहली बार एहसास हो रहा था कि असली मर्द क्या होता है! बलदेव ने एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया तो रजिया पूरी तरह से उसके कब्जे में आ गई और मचलती हुई बोली:"

" आह नहीं बलदेव! हमसे नहीं हो पाएगा!

बलदेव ने उसके सूट के अंदर हाथ डालते हुए उसकी नंगी कमर को छुआ और बोला:"

" बोलो न रजिया क्या नहीं हो पाएगा आपसे ?

रजिया बलदेव का हाथ अपनी नंगी कमर पर पड़ते ही आपे से बाहर चली गई और इस बार उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकी निकल पड़ी :"

" हमसे नकाब नहीं हटाया जाएगा! तुम्हे जो करना है करो!

बलदेव पूरी तरह से रजिया को पागल करना चाह रहा था तो उसकी कमर को अपनी सख्त पत्थर जैसी हथेली से रगड़ते हुए बोला:"

" साफ साफ बोलिए न रजिया! मैं इतना समझदार नहीं हु !

रजिया के तन बदन में आग लगी हुई थी और काम वासना से शोला बनी झूमती हुई बोली:"

" तुम्हे देखना है तो खुद देख लो हमारा चेहरा हाय बलदेव मैं मर जाऊंगी!

बलदेव ने बिना देर किए उसके नकाब को हटा दिया तो रजिया का जगमगाता हुआ नूर सा रोशन चेहरा बलदेव की आंखों के सामने आ गया


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और रजिया शर्म के मारे उससे कसकर लिपट गई और बलदेव ने भी पहली बार बिना किसी डर के पूरी ताकत से रजिया को अपनी बांहों में समेट लिया और उसका मुंह ऊपर उठाते हुए अपने होंठो को उसके होंठों की तरह बढ़ा दिया तो रजिया ने दूसरी तरफ मुंह घूमा दिया जिससे उसके होंठ रजिया के गाल पर पड़े और बलदेव ने उसके गाल को मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगा तो रजिया पागल सी हो गई और बलदेव ने एक हाथ से उसके मुंह को अपनी तरफ घुमाना चाहा तो रजिया ने विरोध किया तो बलदेव ने उसकी भावना का सम्मान करते हुए उसके होंठों पर अपनी उंगली फेर दी तो वासना में डूबी हुईं रजिया के होंठ अपने आप खुल गए और बलदेव की मोटी काली उंगली उसके मुंह में दाखिल हो गई और रजिया ने उसकी उंगली को चूसना शुरू कर दिया! रजिया की आंखे मस्ती से बंद थी और उसे एहसास हो रहा था कि बलदेव के हाथ की सिर्फ उंगली ही मीर जाफर के लन्ड से मोटी थी तो इसका लन्ड कितना मोटा ज्यादा मोटा होगा! मैं इसके लन्ड को कभी भी अपने अंदर नहीं ले पाऊंगी ये सोचते ही रजिया शर्म से पानी पानी हो गई और एक झटके के साथ उसकी पकड़ से छूट गई और बाहर की तरफ तेजी से चल पड़ी! वहीं बलदेव को समझा नहीं आया कि रजिया को एकदम से क्या हुआ तो पीछे आते हुए हुआ:"

" क्या हुआ रजिया ! ऐसे क्यों नाराज हो गई क्या इस गुलाम से कोई गलती हो गई है?

रजिया ने लगभग भागते हुए अपने दुपट्टे को अपने सिर पर रखा और उसकी तरफ देखते हुए बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव! हमे जाना ही होगा दिन भी तो निकलने वाला ही हैं !

बलदेव उसके करीब आ गया तो रजिया तेजी से भागती हुई एक तरफ मूड गई तो बलदेव समझ गया कि अब रजिया नहीं रुकेगी तो प्यार से बोला:"

" कल आओगी न रजिया ? मैं यहीं आपका इंतजार करूंगा!

रजिया दीवार के साइड में खड़ी हो गई और चेहरा आगे करके बलदेव को देखती हुई बोली

" नहीं आऊंगी बिल्कुल भी नहीं आऊंगी! तुम मुझे बहुत परेशान करते करते हो!

इतना कहकर रजिया मुस्कुराते हुए पलटी और बलदेव को देखते हुए भगाती चली गई !


भागती हुई रजिया के पीछे से बलदेव बोला:"

" मैं आपका सारी रात यही इंतजार करूंगा क्योंकि मैं आपकी खूबसूरती को जी भरकर देखना चाहता हूं और मैं जानता हूं कि आप जरूर आएगी

रजिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन बलदेव की बात सुनकर उसकी चाल में आई मादकता बलदेव के लिए इशारा थी कि रजिया जरूर आएगी!

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Lovely, lusty,sexy and spicy writings!
 

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रजिया जल्दबाजी में अपना खुशबू वाला चिराग वही छोड़कर आ गई और बलदेव ने रजिया के जाते ही उसने उठा लिया और सूंघने लगा तो उसे बेहद अच्छा लगा क्योंकि उस बेचारे को जिन्दगी में पहली बार एहसास हुआ कि खुशबू भी कोई चीज होती हैं! बलदेव ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई औरत उसके करीब भी आ सकती है क्योंकि जब उसे कबीले से मीरपुर भेजा गया था तो उसे साफ तौर पर यकीन हो गया था कि अब उसकी जिंदगी में औरत की परछाई भी नहीं आएगी क्योंकि उसके जिस्म से उठने वाली बदबू इंसानों से सहन नहीं होगी जिस कारण उसे औरत का एहसास उसका प्यार कभी नसीब नहीं होगा लेकिन रजिया का इस तरह से उसके करीब आना किसी अजूबे से कम नहीं था और बलदेव के लिए ये सब एक सपने जैसा था!

बलदेव चिराग के पास सुबह तक बैठा रहा और उससे निकलने वाली खुशबू से अपने बदन को स्पर्श करता रहा और सुबह होने को आई तो उसने चिराग को छिपा दिया ताकि वो किसी की नजर में न आ सके और फिर वापिस पुराने किले से निकलकर अपने किले में आ गया और सुरक्षा का जायजा लिया और अपने दिन भर के कामों में लग गया!

वही दूसरी तरफ रजिया महल में आ गई तो उसे याद आया कि चिराग तो वही बलदेव के पास ही छोड़ आई हैं! ये शाही चिराग दिन रात हमेशा महकते रहते हैं और अगर किसी को बलदेव के पास वो चिराग मिला गया तो कयामत ही आ जाएगी!

लेकिन रजिया को अभी थकी होने के कारण जोर से नींद लगी थी और आज जो उसके साथ हुआ वो उसे अंदर से परेशान कर रहा था! जवानी के पहले कदम से लेकर वो आज तक पाकीजा रही और किसी गैर मर्द ने उसका चेहरा तक नहीं देखा और उसे लग रहा था कि मानो वो बहुत बड़ा गुनाह करके आई है और किसी भी किसके साथ एक ऐसा गुलाम जो बेहद काला और भद्दा होने के साथ साथ बेहद खौफनाक भी हैं! उसके जिस्म से उठती हुई बदबू वो कैसे झेल पाई ये बात बस वही जानती थी! रजिया ने फैसला किया कि अब वो बलदेव के पास नहीं जाएगी लेकिन अब उसकी सबसे बड़ी समस्या थी कि चिराग को कैसे वापिस लाया जाए क्योंकि शाही तालाब के चारों कोने पर रखे हुए ये चिराग शाही अमानत थे! क्या मुझे वापिस चिराग लेने के लिए खुद जाना चाहिए ये सोचते ही वो कांप उठी और उसने दिमाग ने तत्काल इनकार कर दिया कि वो किसी भी दशा में अब वापिस बलदेव के पास नहीं जाएगी!

लेकिन अगर वो नहीं जायेगी तो चिराग कैसे वापिस आयेगा ये उसके लिए समस्या थी! उसे लगा कि एक बार उसे अमीना से बात करनी चाहिए लेकिन अमीना पूछेगी तो क्या बताएगी कि चिराग कैसे बलदेव के पास पहुंच गया! नहीं नहीं ये तो मेरी बदनामी का कारण होगा और ये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती!

रजिया को सोचते सोचते नींद आ गई और अगले दिन सुबह लेट तक सोती रही लेकिन आज मीर जाफर कल की उसकी खबर लेने नहीं आया!

बलदेव को अपने कबीले गए एक साल हो गया था और वादे के मुताबिक आज उसे अपने कबीले वापिस जाना था तो उसने मीर जाफर से इजाज़त ली और अपने किले के नीचे बनी सुरंग से होते हुए बाहर निकल गया और ये बात हमेशा की तरह किसी को पता नहीं चली। बलदेव किसी घोड़े की रफ्तार से दौड़ रहा था और उसके पीछे उड़ती हुई धूल देखकर लग रहा था मानो कोई थे तूफान चल रहा था ! करीब तीन घंटे की अंधाधुंध दौड़ के बाद वो अपने कबीले पहुंच गया और उसका भव्य स्वागत हुआ और उसकी जय जय कार के नारे लगाए जा रहे थे क्योंकि सब जानते थे कि बलदेव के कबीले की आन के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था! अपना परिवार, अपनी जिन्दगी , खुशी सब उसने त्याग दिया था!

बलदेव शाम को करीब चार बजे अपने कुलगुरू शालांगा से मिलने पहुंचा और पैर छुर कर आशीवार्द लिया तो गुरु जी बोले:"

" यशस्वी भव ! कैसे हो बलदेव ?

बलदेव उनके चरणों में ही बैठ गया और बोला:" आप तो अंतर्यामी हैं गुरुजी! आपसे कुछ छुपा हुआ नहीं हैं और आप सब जानते ही हैं!

गुरुजी ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फिराया और बोली:" बलदेव हम तुम्हारे भाग्य में परिवर्तन साफ तौर पर देख रहे हैं! तुम्हारी कुंडली आगे तुम्हे गुलामी से आजाद कर देगी और देखना तुम हमेशा के लिए कबीले को मीरपुर की गुलामी से आजाद कर दोगे!

बलदेव की खुशी का ठिकाना नहीं था और गुरुजी के चरणों में गिर पड़ा और बोला:"

" तो क्या गुरु देव मैं ही वो अलौकिक वरदान हु जिसका इंतजार सदियों से पूरा कबीला कर रहा है!

गुरुजी ने आंखे बंद कर ली और :" हां बलदेव तुम ही वो अलौकिक वरदान हो जिसका सबको इंतजार हैं!

बलदेव:" आप धन्य हैं गुरुजी! मुझे रास्ता दिखाए आप!!

गुरुजी:" रजिया बेगम की तुम्हारी मंजिल हैं बलदेव और वो एक बार तुम्हारे करीब भी आ चुकी हैं लेकिन उसको हासिल करना इतना आसान नहीं है! हमारा ज्ञान हमें बता रहा है कि मीर जाफर वारिस पैदा करने में सक्षम नहीं हैं! तुम्हे ही रजिया को अपने विश्वास में लेकर वारिस पैदा करना होगा और ये मान लो कि कोई भी इंसानी औरत आसानी से तुझे हासिल नहीं होगी और क्योंकि तुम असीमित शक्तियों के स्वामी हो और तुम्हे औरत के लिए झेलना बेहद कष्टकारी होगा!


बलदेव:" मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करुंगा! कुछ भी करके कबीले मिल आजादी दिलाकर ही रहूंगा!

गुरुजी:" ठीक हैं सबसे पहले तुम्हे अपने बदन से उठने वाली बदबू का इलाज करना होगा क्योंकि जब तक ये बदबू होगी रजिया के तुम्हे अपनाने का सवाल ही पैदा नहीं होगा! रजिया के सहारे तुम्हे चारों चिराग हासिल करने होंगे और पूरे दो दिन तक तुम्हे उनके बीच में बैठना होगा तभी जाकर तुम्हारी बदबू सहनीय होगी लेकिन आती हमेशा रहेगी!

बलदेव:" रास्ता दिखाने के लिए बेहद धन्यवाद! मैं आज से ही काम पर लग जाएंगा!

गुरुजी: विजयी भव! कुछ भी करके रजिया को तुम्हे अपने काबू में करना ही होगा बलदेव क्योंकि रजिया ही मुक्ति का मार्ग बनेगी अन्यथा कुछ भी हासिल नहीं होगा तुम्हे!

बलदेव:" मैं आपकी तरफ से हर संभव प्रयास करुंगा लेकिन रजिया को अपने काबू में करके ही दम लूंगा!

गुरुजी:" ये सब इतना आसान नहीं होगा बलदेव क्योंकि रजिया एक पाकीजा बेगम हैं और वो हर बार इतनी आसानी से नहीं बहकेगी! हजारों सालों के बाद ऐसा संयोग आया हैं कि शादी के चार बाद भी मीरपुर की बेगम विशुद्ध रूप से कुंवारी हैं इसलिए अगर ये मौका भी हाथ से गया तो फिर न जाने कब ये संयोग बनेगा बलदेव!

बलदेव:" आप चिंता न करे! मैं अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटूंगा और कुछ भी करके रजिया को हासिल कर लूंगा! उसे अपने आगे पीछे नहीं बचाया तो मेरा नाम बलदेव नहीं हैं!

गुरुजी:" ठीक हैं बलदेव! ईश्वर तुम्हारी मदद करे

बलदेव ने गुरुजी की बात समझी और एक बार फिर से सिर झुकाकर उनका आशीर्वाद लिया वापिस मीरपुर की तरफ लौट पड़ा और रात के करीब 9 बजे वापिस मीरपुर आ गया!

वही दूसरी तरफ रजिया दिन लगभग पूरे दिन आज सोती ही रही क्योंकि मीर जाफर अब कार्यों में व्यस्त रहा और अमीना की इतनी हिम्मत नहीं थी कि बेगम से पूछताछ कर सके!

रजिया ने रात्रि भोजन किया और उसके बाद वो अपने कक्ष में आ गई तो मीर जाफर की दादी रुकसाना उसके कक्ष में आई तो रजिया उसे देखकर हैरान हो गई और बोली:"

" अम्मी आप इस समय यहां ? हमे बुला लिया होता आपने अपने पास!

रुकसाना करीब 75 साल की एक बेहद अनुभवी और बुजुर्ग औरत थी तो धीरे से बोली:"

:" बस ऐसे ही मन किया तुमसे मिलने का तो आ गई! बुरा तो नहीं लगा तुम्हे ?

रजिया:" कैसी बाते करती हो आप ? हमे भला क्यों बुरा लगेगा अम्मी ? आप आई हैं तो यकीनन कोई कारण ही होगा!

रुकसाना बेड पर बैठ गई और बोली:" हां रजिया! ऐसे ही बस तुमसे मिलने का मन किया तो आ गई!

रजिया भी उसके पास ही बेड पर बैठ गई और बोली:

" जी बेहद अच्छा किया आपने! हम भी काफी दिन से आपसे मिले नहीं थे!

रुकसाना:" रजिया बुरा न मानो तो एक बात पूछूं?

रजिया ने रुकसाना की तरफ देखा और बोली:" जी अम्मी बोलिए न क्या बात हैं ?

रुकसाना ने प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा और फेरते हुए बोली:" इस जिन्दगी का अब कोई भरोसा नहीं बचा! कम से कम मरने से मीरपुर के होने वाले वारिस को देख लेती तो सुकून से मर सकती हु!

रजिया को ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर अपने आपको संभालती हुईं बोली:"

" अम्मी आप फिक्र न करे! जब किस्मत में होगा तो आपकी ये इच्छा भी जरूरी पूरी होगी!

रुकसाना:" बेटी अगर बुरा न माने तो कल दाई माता को एक बार तुझे देखने के लिए बोल दूं क्या ?

रजिया को अब बुरा लग रहा था क्योंकि वो जानती थी कि कमी मीर जाफर के अंदर है और ये बुढ़िया उसे कसूरवार मान रही है तो रजिया का मन किया कि बोल दे कि असली नामर्द हैं आपका नवाब फिर ऐसे में मैं कैसे बच्चे पैदा कर सकती हु लेकिन गुस्से को काबू में करती हुई बोली:"

" जी जैसे आपको ठीक लगे! वैसे हमे कोई दिक्कत नहीं हैं अम्मी! बिल्कुल ठीक हैं हम!

रुकसाना:" कोई बात नहीं बेटी! एक बार दाई माता देख लेगी तो हमारे मन की भी जो जाएगी! सोच रही हु कल शाही बगीचे में घूम लूंगी तुम्हारे साथ! कई महीने से गई भी नहीं हु मैं और क्या भरोसा अब जिंदा का!

रजिया:" जी अब भला मैं आपका हुक्म कैसे टाल सकती हु अम्मी जान!

उसके बाद रुकसाना और थोड़ी देर रजिया के पास बैठी रही और फिर करीब रात के 11 बजे वो वापिस अपने कक्ष में चली गई तो रजिया को अब बेहद बुरा लग रहा था कि मीर जाफर की वजह से उसे बांझ समझा जा रहा हैं और ये सोच सिर्फ राजमाता की नहीं बल्कि पूरे राज्य की होगी वो बात अलग हैं कि कोई सामने से आकर बोलने की हिम्मत नहीं करता है लेकिन पीछे क्या चल रहा होगा ये अब रजिया को एहसास हो रहा था!

खैर रजिया बिस्तर पर पड़ी हुई करवट बदलती रही और उसे आज तो बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी क्योंकि एक तो पहले से ही चिराग की वजह से परेशान थी और ऊपर से बुढ़िया ने उसका मन पूरी तरह से बिगाड़ दिया था! रजिया के सामने अब बड़ी मुश्किल समस्या आ खड़ी हुई थी क्योंकि वो किसी भी हालत में आज बलदेव के पास नहीं जाना चाहती थी क्योंकि कल जो हुआ था उससे बलदेव की हिम्मत बढ़ गई होगी और अब वो गई तो बलदेव समझेगा कि मैं उससे प्यार करने लग गई हु जबकि ऐसा कुछ नहीं हैं! उसने मेरी जन बचाई तो उससे हमदर्दी थी जिस कारण ऐसा हो गया लेकिन अब मैं क्या करु?
जाऊं तो मुसीबत और नहीं जाऊं तो उससे बड़ी मुसीबत!

रजिया ने अंत में जाने का फैसला किया लेकिन आज रात वो बलदेव को मौक नहीं देना चाहती थी इसलिए उसने एक बुर्का पहना ताकि बलदेव समझ सके कि उससे मिलने के लिए एक पाकीजा औरत आई हैं और मुझसे दूरी बनाकर रखे! रात के करीब एक बजे वो शाही बगीचे में दाखिल हुई और आज बिना शाही तालाब में नहाए वो पीछे के रास्ते से होती हुई सड़क पर आ गई और काली स्याह रात का फायदा उठाते हुए किले की तरफ बढ़ गई! रजिया को अजीब सा लग रहा था और इसके मन में डर लगा हुआ था कि किसी ने देखा तो अलग मुसीबत और बलदेव न जाने क्या ही सोच रहा होगा! ऊपर से उसने बोला भी पुराने किले में मिलने के लिए और वहां तो कोई होगा ही नहीं ये सब सोचकर रजिया का बदन कांप उठा और उसकी सांसे तेज हो गई तो रजिया को अब अजीब सी बेचैनी हो रही थी और वो तेजी से चलती हुई उस गली के मोड पर आ गई जहां उसे बलदेव मिला करता था! रजिया ने देखा कि आज सामने किले पर सिर्फ ही मशाल जल रही थी और उसकी भी रोशनी बेहद कम थी मतलब बलदेव ने उसके आने से पहले ही सारी तैयारी का रखी थी तो ये सोचकर उसका दिल जोरो से धड़क उठा और उसने थोड़ी देर रुक कर इधर उधर देखा लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक उसे एक भी सैनिक सड़क पर नहीं दिखाई और रजिया समझ गई कि बलदेव ने मेरी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सबको इधर उधर कर दिया है ताकि कोई भी मुझे न देख सके! मानना पड़ेगा कि इस कमीनें बलदेव को कितना यकीन था कि कल रात में इतना सब कुछ होने के बाद भी मैं आज रात भी जरूर आऊंगी!

रजिया जैसे ही गली के बीच में आई तो उसे वही जानी पहचानी बदबू का एहसास हुआ और रजिया समझ गई कि बलदेव आ गया है और उसे अपने सामने एक लंबा तगड़ा चौड़ा साया नजर आया तो रजिया का दिल जोर से धड़क उठा और बलदेव उसके करीब आकर बोला

:"मुझे यकीन था आप जरूर आएगी क्योंकि आप मुझे सिर्फ एक गुलाम नहीं समझती हैं!

रजिया के बोलने से पहले ही बलदेव ने अपना जाल बुनना शुरू कर दिया और रजिया ने अपने दुपट्टे को अपनी नाक पर बांधा और बोली:"

" हम तुम्हे गुलाम नहीं समझते बलदेव! हम आज सिर्फ अपना चिराग लेने आए है क्योंकि वो शाही तालाब शाही चिराग हैं!

रजिया ने भी पहली ही बात में साफ कर दिया कि बलदेव उससे ज्यादा उम्मीद न रखें क्योंकि वो जानती थी कि बलदेव सच में बेहद ताकतवर मर्द है और अगर उसने थोड़ी सी भी मनमानी करी तो मुझे पिघलते देर नहीं लगेगी! बलदेव समझ गया कि रजिया आज इतनी आसानी से उसे मौका नहीं देगी तो बलदेव बोला:"

" चिराग तो वही पुराने किले के अंदर रखा हुआ है! आप आइए मेरे साथ!

रजिया किले में नहीं जाना चाहती थी क्योंकि जाने से बलदेव का हौसला बढ़ जाता और वो जरूर कोई न कोई हरकत करेगा तो रजिया बोली:"

" हम यही इंतजार करते हैं बलदेव! तुम जाकर ले आओ!

बलदेव:" लेकिन बेगम साहिब आपका यहां रात में खड़ा होना ठीक नहीं हैं! सैनिक या किसी ने देख लिया तो आपके लिए दिक्कत होगी या फिर आपको अपने इस गुलाम पर यकीन नहीं है बेगम साहिब?

बलदेव जान बूझकर उसे बेगम साहिब बोल रहा था ताकि रजिया की भावनाओं से खेल सके और रजिया बोली:"

" तुम पर तो हमे भरोसा हैं बलदेव! तभी तो आधी रात को भी तुम्हारे पास आए हैं!

बलदेव:" फिर आप मेरे साथ अंदर चलिए क्योंकि यहां आप खतरे में पड़ सकती हैं!

तभी बाहर से किसी घोड़ा गाड़ी के जाने की आवाज आई तो रजिया एक पल के लिए डर ही और रजिया को लगा कि बलदेव की बात सही है इसलिए वो उसके साथ चलते हुए बोली:"

" बलदेव हम चिराग लेते ही एक दम वापिस आ जाएंगे!

रजिया उसके साथ चल पड़ी और बलदेव अपनी पहली चाल में कामयाब हो गया और बोला:"

" आप निश्चित रहे बेगम साहिब! ये गुलाम आपके हुक्म का पालन करेगा! आपकी जान बचाने वाला हर हाल में आपकी आज्ञा का पालन करेगा!

रजिया उसकी बातों से पिघलने लगी और बोली:"

" खुद को बार बार गुलाम क्यों बोल रहे हो बलदेव तुम ? हम तो ऐसा नहीं समझते हैं!

बलदेव और किले के अंदर घुसते हुए बोला:" कल आपने हमें दोस्त बनाया और आज अपने साबित कर दिया कि आखिर में गुलाम तो गुलाम ही होता हैं न बेगम साहिब!

रजिया को बलदेव से हमदर्दी हो रही थी और वो भी उसके साथ धड़कते हुए दिल के साथ किले में घुस गई तो हल्की रोशनी के उसका स्वागत किया और बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव! मेरे लिए तुम गुलाम नहीं बल्कि दोस्त हो हमेशा के लिए !

बलदेव और रजिया अब अंदर आ गए थे और सामने एक मशाल जल रही थी जिसकी रोशनी में बलदेव ने देखा कि रजिया बुर्के में ढककर आई थी और उसे समझा आया कि रजिया आज बिल्कुल पाकीजा बनकर आई हैं ताकि मैं उससे ही दूर ही रहूं लेकिन इसे थोड़ी ही देर में कल की तरह बेकाबू न कर दिया तो बलदेव नाम नहीं मेरा! बलदेव उसकी तरफ देखते हुए बोला:"

" अगर मुझे दोस्त मानती तो आज फिर आपको मुझसे नकाब की जरूरत नहीं होती!

रजिया को सामने ही चिराग जलते हुए दिखा और उसकी खुशबू पहले से वहां फैली हुई थीं जिस कारण उसे बलदेव से ज्यादा बदबू नहीं आ रही थी रजिया को काफी अच्छा महसूस हुआ और बोली:"

समझा करो बलदेव हम एक पाकीजा और शाही बेगम हैं! पराए मर्द के सामने बेपर्दा नहीं हो सकती!

बलदेव उसके करीब आया और बोला:" धन्य हैं आप बेगम साहिब! कल हमे दोस्त बनाया और आज हम पराया कर दिया!

रजिया:" नहीं नहीं बलदेव हमारा तो मतलब नहीं था! तुम मेरे लिए पराए नहीं हो!

बलदेव:" हम सब समझते हैं बेगम साहिब! जब पराए नहीं हैं तो फिर हमसे पर्दा किसलिए ? क्या हमें आपका ये चांद सा खूबसूरत चेहरा देखने का भी हक नहीं है!

रजिया उसकी बातों में उलझ गई थी और कमजोर सी पड़ते हुए बोली:" बलदेव हमने आपको कल तो दिखाया ही था!

बलदेव:" आप हैं ही इतनी खूबसूरत कि आज फिर से आपका चेहरा देखने का मन कर रहा है! अगर आप हमें गुलाम नहीं समझते तो जरूर दिखायेगी!

रजिया को अपनी तारीफ पसंद आई और दूसरा गुलाम वाली बात ने उसे अंदर तक पिघला दिया तो धीरे से उसने अपना हिजाब हटाया तो उसका खूबसूरत चेहरा बलदेव के सामने आ गया और बलदेव बोला:"


:" हाय रजिया लगता हैं जैसे काली रात में चांद निकल आया हैं! सच में अमावस की रात को पूनम में बदल दिया हैं आपने!

बलदेब की बात सुनकर रजिया मुस्कुरा उठी और बोली:"

" तुम भी बेकार में मेरी इतनी तारीफ करते रहते हो बलदेव!

बलदेव अब बिलकुल उसके सामने आ गया था लेकिन रजिया को अब बदबू का एहसास बहुत कम हो रहा था और बलदेव उसकी तारीफ करते हुए बोला:"

" जब आप मुझे ऐसे प्यार से मुस्कुरा कर देखती हैं यकीन मानिए आपकी ये अदा मुझे पागल कर देती है रजिया!

रजिया ने फिर से मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा और फिर शर्म से नजरे झुका और उसके लब एक बार फिर से मुस्कुरा उठे! रजिया ने धीरे से नजर उठाकर फिर से बलदेव को देखा तो बलदेव उसे प्यार से देखता रहा तो रजिया ने मुस्कुरा कर शर्माते हुए दूसरी तरफ मुंह घूमा लिया!


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बलदेव की खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि रजिया आज फिर से उसके जाल में फंस गई थी और बलदेव ने हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ रख दिया और बोला:"

"मुझसे इतनी शर्म किसलिए रजिया! मेरी तरफ देखिए न!

कंधे पर बलदेव का फौलादी सख्त हाथ पड़ते ही रजिया का जिस्म कांप उठा और बोली:"

" ओह बलदेव! हमे देर हो रही है! मुझे अब जाना होगा!

बलदेव ने रात रजिया का जो कामुक अवतार देखा था उसे यकीन था कि रजिया शर्म कर रही थी और उसके कंधे पर अपनी उंगलियों का दबाव बनाया और बोला:" इतनी जल्दी जाने की बाते करके मेरा दिल न तोड़िए रजिया!

रजिया को अब अपने जिस्म में साफ तौर पर बेचैनी महसूस हो रही थी और पूरा बदन कांप रहा था तो रजिया जैसे तैसे खुद को संभाल कर बोली:"

" बलदेव हमारा तुमसे ऐसे रात में मिलना सही नहीं है! किसी ने देख लिया तो हमारी मौत निश्चित हैं बलदेव!

बलदेव समझ गया कि रजिया अब बहक गई है और बस हल्की सी झिझक बाकी हैं तो उसने दोनों हाथों को उसके कंधों पर रखा और अपने करीब करते हुए बोला:"

" ओह रजिया डरो मत!! बलदेव के होते दुनिया की कोई भी ताकत आपको छू नहीं सकती! क्या आपको मेरी ताकत पर भरोसा नहीं है?

रजिया अब बलदेव के जिस्म से लगभग सटी हुई खड़ी थी और कांपती हुई आवाज में बोली:"

" आप दुनिया के सबसे ताकतवर मर्द हो बलदेव! हमे खुद से ज्यादा आपकी ताकत पर भरोसा है बलदेव!

रजिया के इतना बोलते ही बलदेव ने एक झटके के साथ उसे अपनी बांहों में कस लिया और रजिया के मुंह से आह निकल पड़ी और एक झटके के साथ उसकी पकड़ से आजाद हो गई और थोड़ा दूर जाकर खड़ी हुई कांपने लगी और फिर पलटकर बलदेव की तरफ देखा!

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रजिया ने अपने बालों में हाथ फेरते हुए बलदेव की तरफ देखा तो बलदेव उसकी तरफ बाज की तरह लपका और अगले ही पल रजिया को फिर से अपनी बांहों में भर लिया तो रजिया कसमसा उठी और बोली:"

" आह हह ह क्या करते हो बलदेव!

बलदेव ने रजिया की कमर में दोनों हाथों को डालते हुए उसकी गांड़ को प्यार से सहलाया और बोला:"

" वही जिसके लिए आप आधी रात को मेरे पास आई हो रजिया !

इतना कहकर उसने रजिया की गांड़ के दोनों उभारों को अपनी चौड़ी हथेली में भर लिया और थोड़ी सी सख्ती से मसला तो रजिया के मुंह से एक आह निकल पड़ी

" हाय नहीं उफ्फ बलदेव! ऐसा न कहो! हम तो सिर्फ अपना चिराग लेने आए हैं! आह बलदेव हमे जाने दो यहां कोई देख लेगा!


बलदेव ने रजिया को अपनी गोद में उठा लिया और सामने बने कक्ष में ले गया तो रजिया को लगा कि बलदेव आज उसे उतनी आसनी से छोड़ने वाला नहीं है और यहां कक्ष में पता नहीं उसके साथ क्या करेगा तो रजिया को अपनी चूत में पहली बार नमी का एहसास हुआ और रजिया उससे छुटने की नाकाम कोशिश करती हुई बोली:"

" बलदेव ऐसा मत करो! हम मीर जाफर की अमानत है!

बलदेव ने रजिया की गांड़ को जोर से मसल दिया और उसकी गर्दन चूमते हुए बोला:"

" ओह रजिया तुम सिर्फ मेरी हो! मीर जाफर नामर्द है तुम्हे आज तक कली से फूल नहीं बना पाया!

इतना सुनकर बलदेव ने रजिया की एक चूची को कपड़ों के ऊपर से ही मसल दिया तो रजिया जोर से सिसक उठी और उसे बलदेव की बात सुनकर बेहद बुरा लगा और उसने गुस्से में एक थप्पड़ बलदेव को जड़ दिया और उसकी पकड़ से आजाद होते हुए बोली:"

" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई नवाब साहब के बारे में ऐसा बोलने की! हम अब यहां एक पल भी नहीं रुकेंगे!

बलदेव रजिया के बदले व्यवहार से अचंभित था लेकिन मजबूती से बोला:"

" आपके थप्पड़ मारने से सच थोड़े ही बदल जाएगा रजिया! हम जानते हैं कि आप बिल्कुल पाकीजा कच्ची कली हो!

रजिया ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और एक झटके के साथ चिराग उठा कर बाहर की तरफ चल पड़ी तो पीछे से बलदेव बोला:"

" मुझे लगा था कि आप मुझे गुलाम नहीं दोस्त मानती हैं इसलिए ऐसा बोल दिया! अगर आपको लगता है कि आपकी जान बचाकर मैंने आपके ऊपर कोई एहसान किया हैं तो किसी तरह मेरे जिस्म से बदबू खत्म करवा दीजिए !मैं जिंदगी भर आपका एहसान नहीं भूलूंगा और अकेले में खुद से पूछना जरूर कि आप सच में अभी कुंवारी हैं या नहीं!! अभी आप गुस्से में जा रही हैं लेकिन मुझे यकीन है कि आप जरूर वापिस आएगी

रजिया ने उसकी किसी बात का जवाब नहीं दिया और किले से बाहर निकल आई!
 
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Ajju Landwalia

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रजिया जल्दबाजी में अपना खुशबू वाला चिराग वही छोड़कर आ गई और बलदेव ने रजिया के जाते ही उसने उठा लिया और सूंघने लगा तो उसे बेहद अच्छा लगा क्योंकि उस बेचारे को जिन्दगी में पहली बार एहसास हुआ कि खुशबू भी कोई चीज होती हैं! बलदेव ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई औरत उसके करीब भी आ सकती है क्योंकि जब उसे कबीले से मीरपुर भेजा गया था तो उसे साफ तौर पर यकीन हो गया था कि अब उसकी जिंदगी में औरत की परछाई भी नहीं आएगी क्योंकि उसके जिस्म से उठने वाली बदबू इंसानों से सहन नहीं होगी जिस कारण उसे औरत का एहसास उसका प्यार कभी नसीब नहीं होगा लेकिन रजिया का इस तरह से उसके करीब आना किसी अजूबे से कम नहीं था और बलदेव के लिए ये सब एक सपने जैसा था!

बलदेव चिराग के पास सुबह तक बैठा रहा और उससे निकलने वाली खुशबू से अपने बदन को स्पर्श करता रहा और सुबह होने को आई तो उसने चिराग को छिपा दिया ताकि वो किसी की नजर में न आ सके और फिर वापिस पुराने किले से निकलकर अपने किले में आ गया और सुरक्षा का जायजा लिया और अपने दिन भर के कामों में लग गया!

वही दूसरी तरफ रजिया महल में आ गई तो उसे याद आया कि चिराग तो वही बलदेव के पास ही छोड़ आई हैं! ये शाही चिराग दिन रात हमेशा महकते रहते हैं और अगर किसी को बलदेव के पास वो चिराग मिला गया तो कयामत ही आ जाएगी!

लेकिन रजिया को अभी थकी होने के कारण जोर से नींद लगी थी और आज जो उसके साथ हुआ वो उसे अंदर से परेशान कर रहा था! जवानी के पहले कदम से लेकर वो आज तक पाकीजा रही और किसी गैर मर्द ने उसका चेहरा तक नहीं देखा और उसे लग रहा था कि मानो वो बहुत बड़ा गुनाह करके आई है और किसी भी किसके साथ एक ऐसा गुलाम जो बेहद काला और भद्दा होने के साथ साथ बेहद खौफनाक भी हैं! उसके जिस्म से उठती हुई बदबू वो कैसे झेल पाई ये बात बस वही जानती थी! रजिया ने फैसला किया कि अब वो बलदेव के पास नहीं जाएगी लेकिन अब उसकी सबसे बड़ी समस्या थी कि चिराग को कैसे वापिस लाया जाए क्योंकि शाही तालाब के चारों कोने पर रखे हुए ये चिराग शाही अमानत थे! क्या मुझे वापिस चिराग लेने के लिए खुद जाना चाहिए ये सोचते ही वो कांप उठी और उसने दिमाग ने तत्काल इनकार कर दिया कि वो किसी भी दशा में अब वापिस बलदेव के पास नहीं जाएगी!

लेकिन अगर वो नहीं जायेगी तो चिराग कैसे वापिस आयेगा ये उसके लिए समस्या थी! उसे लगा कि एक बार उसे अमीना से बात करनी चाहिए लेकिन अमीना पूछेगी तो क्या बताएगी कि चिराग कैसे बलदेव के पास पहुंच गया! नहीं नहीं ये तो मेरी बदनामी का कारण होगा और ये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती!

रजिया को सोचते सोचते नींद आ गई और अगले दिन सुबह लेट तक सोती रही लेकिन आज मीर जाफर कल की उसकी खबर लेने नहीं आया!

बलदेव को अपने कबीले गए एक साल हो गया था और वादे के मुताबिक आज उसे अपने कबीले वापिस जाना था तो उसने मीर जाफर से इजाज़त ली और अपने किले के नीचे बनी सुरंग से होते हुए बाहर निकल गया और ये बात हमेशा की तरह किसी को पता नहीं चली। बलदेव किसी घोड़े की रफ्तार से दौड़ रहा था और उसके पीछे उड़ती हुई धूल देखकर लग रहा था मानो कोई थे तूफान चल रहा था ! करीब तीन घंटे की अंधाधुंध दौड़ के बाद वो अपने कबीले पहुंच गया और उसका भव्य स्वागत हुआ और उसकी जय जय कार के नारे लगाए जा रहे थे क्योंकि सब जानते थे कि बलदेव के कबीले की आन के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था! अपना परिवार, अपनी जिन्दगी , खुशी सब उसने त्याग दिया था!

बलदेव शाम को करीब चार बजे अपने कुलगुरू शालांगा से मिलने पहुंचा और पैर छुर कर आशीवार्द लिया तो गुरु जी बोले:"

" यशस्वी भव ! कैसे हो बलदेव ?

बलदेव उनके चरणों में ही बैठ गया और बोला:" आप तो अंतर्यामी हैं गुरुजी! आपसे कुछ छुपा हुआ नहीं हैं और आप सब जानते ही हैं!

गुरुजी ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फिराया और बोली:" बलदेव हम तुम्हारे भाग्य में परिवर्तन साफ तौर पर देख रहे हैं! तुम्हारी कुंडली आगे तुम्हे गुलामी से आजाद कर देगी और देखना तुम हमेशा के लिए कबीले को मीरपुर की गुलामी से आजाद कर दोगे!

बलदेव की खुशी का ठिकाना नहीं था और गुरुजी के चरणों में गिर पड़ा और बोला:"

" तो क्या गुरु देव मैं ही वो अलौकिक वरदान हु जिसका इंतजार सदियों से पूरा कबीला कर रहा है!

गुरुजी ने आंखे बंद कर ली और :" हां बलदेव तुम ही वो अलौकिक वरदान हो जिसका सबको इंतजार हैं!

बलदेव:" आप धन्य हैं गुरुजी! मुझे रास्ता दिखाए आप!!

गुरुजी:" रजिया बेगम की तुम्हारी मंजिल हैं बलदेव और वो एक बार तुम्हारे करीब भी आ चुकी हैं लेकिन उसको हासिल करना इतना आसान नहीं है! हमारा ज्ञान हमें बता रहा है कि मीर जाफर वारिस पैदा करने में सक्षम नहीं हैं! तुम्हे ही रजिया को अपने विश्वास में लेकर वारिस पैदा करना होगा और ये मान लो कि कोई भी इंसानी औरत आसानी से तुझे हासिल नहीं होगी और क्योंकि तुम असीमित शक्तियों के स्वामी हो और तुम्हे औरत के लिए झेलना बेहद कष्टकारी होगा!


बलदेव:" मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करुंगा! कुछ भी करके कबीले मिल आजादी दिलाकर ही रहूंगा!

गुरुजी:" ठीक हैं सबसे पहले तुम्हे अपने बदन से उठने वाली बदबू का इलाज करना होगा क्योंकि जब तक ये बदबू होगी रजिया के तुम्हे अपनाने का सवाल ही पैदा नहीं होगा! रजिया के सहारे तुम्हे चारों चिराग हासिल करने होंगे और पूरे दो दिन तक तुम्हे उनके बीच में बैठना होगा तभी जाकर तुम्हारी बदबू सहनीय होगी लेकिन आती हमेशा रहेगी!

बलदेव:" रास्ता दिखाने के लिए बेहद धन्यवाद! मैं आज से ही काम पर लग जाएंगा!

गुरुजी: विजयी भव! कुछ भी करके रजिया को तुम्हे अपने काबू में करना ही होगा बलदेव क्योंकि रजिया ही मुक्ति का मार्ग बनेगी अन्यथा कुछ भी हासिल नहीं होगा तुम्हे!

बलदेव:" मैं आपकी तरफ से हर संभव प्रयास करुंगा लेकिन रजिया को अपने काबू में करके ही दम लूंगा!

गुरुजी:" ये सब इतना आसान नहीं होगा बलदेव क्योंकि रजिया एक पाकीजा बेगम हैं और वो हर बार इतनी आसानी से नहीं बहकेगी! हजारों सालों के बाद ऐसा संयोग आया हैं कि शादी के चार बाद भी मीरपुर की बेगम विशुद्ध रूप से कुंवारी हैं इसलिए अगर ये मौका भी हाथ से गया तो फिर न जाने कब ये संयोग बनेगा बलदेव!

बलदेव:" आप चिंता न करे! मैं अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटूंगा और कुछ भी करके रजिया को हासिल कर लूंगा! उसे अपने आगे पीछे नहीं बचाया तो मेरा नाम बलदेव नहीं हैं!

गुरुजी:" ठीक हैं बलदेव! ईश्वर तुम्हारी मदद करे

बलदेव ने गुरुजी की बात समझी और एक बार फिर से सिर झुकाकर उनका आशीर्वाद लिया वापिस मीरपुर की तरफ लौट पड़ा और रात के करीब 9 बजे वापिस मीरपुर आ गया!

वही दूसरी तरफ रजिया दिन लगभग पूरे दिन आज सोती ही रही क्योंकि मीर जाफर अब कार्यों में व्यस्त रहा और अमीना की इतनी हिम्मत नहीं थी कि बेगम से पूछताछ कर सके!

रजिया ने रात्रि भोजन किया और उसके बाद वो अपने कक्ष में आ गई तो मीर जाफर की दादी रुकसाना उसके कक्ष में आई तो रजिया उसे देखकर हैरान हो गई और बोली:"

" अम्मी आप इस समय यहां ? हमे बुला लिया होता आपने अपने पास!

रुकसाना करीब 75 साल की एक बेहद अनुभवी और बुजुर्ग औरत थी तो धीरे से बोली:"

:" बस ऐसे ही मन किया तुमसे मिलने का तो आ गई! बुरा तो नहीं लगा तुम्हे ?

रजिया:" कैसी बाते करती हो आप ? हमे भला क्यों बुरा लगेगा अम्मी ? आप आई हैं तो यकीनन कोई कारण ही होगा!

रुकसाना बेड पर बैठ गई और बोली:" हां रजिया! ऐसे ही बस तुमसे मिलने का मन किया तो आ गई!

रजिया भी उसके पास ही बेड पर बैठ गई और बोली:

" जी बेहद अच्छा किया आपने! हम भी काफी दिन से आपसे मिले नहीं थे!

रुकसाना:" रजिया बुरा न मानो तो एक बात पूछूं?

रजिया ने रुकसाना की तरफ देखा और बोली:" जी अम्मी बोलिए न क्या बात हैं ?

रुकसाना ने प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा और फेरते हुए बोली:" इस जिन्दगी का अब कोई भरोसा नहीं बचा! कम से कम मरने से मीरपुर के होने वाले वारिस को देख लेती तो सुकून से मर सकती हु!

रजिया को ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर अपने आपको संभालती हुईं बोली:"

" अम्मी आप फिक्र न करे! जब किस्मत में होगा तो आपकी ये इच्छा भी जरूरी पूरी होगी!

रुकसाना:" बेटी अगर बुरा न माने तो कल दाई माता को एक बार तुझे देखने के लिए बोल दूं क्या ?

रजिया को अब बुरा लग रहा था क्योंकि वो जानती थी कि कमी मीर जाफर के अंदर है और ये बुढ़िया उसे कसूरवार मान रही है तो रजिया का मन किया कि बोल दे कि असली नामर्द हैं आपका नवाब फिर ऐसे में मैं कैसे बच्चे पैदा कर सकती हु लेकिन गुस्से को काबू में करती हुई बोली:"

" जी जैसे आपको ठीक लगे! वैसे हमे कोई दिक्कत नहीं हैं अम्मी! बिल्कुल ठीक हैं हम!

रुकसाना:" कोई बात नहीं बेटी! एक बार दाई माता देख लेगी तो हमारे मन की भी जो जाएगी! सोच रही हु कल शाही बगीचे में घूम लूंगी तुम्हारे साथ! कई महीने से गई भी नहीं हु मैं और क्या भरोसा अब जिंदा का!

रजिया:" जी अब भला मैं आपका हुक्म कैसे टाल सकती हु अम्मी जान!

उसके बाद रुकसाना और थोड़ी देर रजिया के पास बैठी रही और फिर करीब रात के 11 बजे वो वापिस अपने कक्ष में चली गई तो रजिया को अब बेहद बुरा लग रहा था कि मीर जाफर की वजह से उसे बांझ समझा जा रहा हैं और ये सोच सिर्फ राजमाता की नहीं बल्कि पूरे राज्य की होगी वो बात अलग हैं कि कोई सामने से आकर बोलने की हिम्मत नहीं करता है लेकिन पीछे क्या चल रहा होगा ये अब रजिया को एहसास हो रहा था!

खैर रजिया बिस्तर पर पड़ी हुई करवट बदलती रही और उसे आज तो बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी क्योंकि एक तो पहले से ही चिराग की वजह से परेशान थी और ऊपर से बुढ़िया ने उसका मन पूरी तरह से बिगाड़ दिया था! रजिया के सामने अब बड़ी मुश्किल समस्या आ खड़ी हुई थी क्योंकि वो किसी भी हालत में आज बलदेव के पास नहीं जाना चाहती थी क्योंकि कल जो हुआ था उससे बलदेव की हिम्मत बढ़ गई होगी और अब वो गई तो बलदेव समझेगा कि मैं उससे प्यार करने लग गई हु जबकि ऐसा कुछ नहीं हैं! उसने मेरी जन बचाई तो उससे हमदर्दी थी जिस कारण ऐसा हो गया लेकिन अब मैं क्या करु?
जाऊं तो मुसीबत और नहीं जाऊं तो उससे बड़ी मुसीबत!

रजिया ने अंत में जाने का फैसला किया लेकिन आज रात वो बलदेव को मौक नहीं देना चाहती थी इसलिए उसने एक बुर्का पहना ताकि बलदेव समझ सके कि उससे मिलने के लिए एक पाकीजा औरत आई हैं और मुझसे दूरी बनाकर रखे! रात के करीब एक बजे वो शाही बगीचे में दाखिल हुई और आज बिना शाही तालाब में नहाए वो पीछे के रास्ते से होती हुई सड़क पर आ गई और काली स्याह रात का फायदा उठाते हुए किले की तरफ बढ़ गई! रजिया को अजीब सा लग रहा था और इसके मन में डर लगा हुआ था कि किसी ने देखा तो अलग मुसीबत और बलदेव न जाने क्या ही सोच रहा होगा! ऊपर से उसने बोला भी पुराने किले में मिलने के लिए और वहां तो कोई होगा ही नहीं ये सब सोचकर रजिया का बदन कांप उठा और उसकी सांसे तेज हो गई तो रजिया को अब अजीब सी बेचैनी हो रही थी और वो तेजी से चलती हुई उस गली के मोड पर आ गई जहां उसे बलदेव मिला करता था! रजिया ने देखा कि आज सामने किले पर सिर्फ ही मशाल जल रही थी और उसकी भी रोशनी बेहद कम थी मतलब बलदेव ने उसके आने से पहले ही सारी तैयारी का रखी थी तो ये सोचकर उसका दिल जोरो से धड़क उठा और उसने थोड़ी देर रुक कर इधर उधर देखा लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक उसे एक भी सैनिक सड़क पर नहीं दिखाई और रजिया समझ गई कि बलदेव ने मेरी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सबको इधर उधर कर दिया है ताकि कोई भी मुझे न देख सके! मानना पड़ेगा कि इस कमीनें बलदेव को कितना यकीन था कि कल रात में इतना सब कुछ होने के बाद भी मैं आज रात भी जरूर आऊंगी!

रजिया जैसे ही गली के बीच में आई तो उसे वही जानी पहचानी बदबू का एहसास हुआ और रजिया समझ गई कि बलदेव आ गया है और उसे अपने सामने एक लंबा तगड़ा चौड़ा साया नजर आया तो रजिया का दिल जोर से धड़क उठा और बलदेव उसके करीब आकर बोला

:"मुझे यकीन था आप जरूर आएगी क्योंकि आप मुझे सिर्फ एक गुलाम नहीं समझती हैं!

रजिया के बोलने से पहले ही बलदेव ने अपना जाल बुनना शुरू कर दिया और रजिया ने अपने दुपट्टे को अपनी नाक पर बांधा और बोली:"

" हम तुम्हे गुलाम नहीं समझते बलदेव! हम आज सिर्फ अपना चिराग लेने आए है क्योंकि वो शाही तालाब शाही चिराग हैं!

रजिया ने भी पहली ही बात में साफ कर दिया कि बलदेव उससे ज्यादा उम्मीद न रखें क्योंकि वो जानती थी कि बलदेव सच में बेहद ताकतवर मर्द है और अगर उसने थोड़ी सी भी मनमानी करी तो मुझे पिघलते देर नहीं लगेगी! बलदेव समझ गया कि रजिया आज इतनी आसानी से उसे मौका नहीं देगी तो बलदेव बोला:"

" चिराग तो वही पुराने किले के अंदर रखा हुआ है! आप आइए मेरे साथ!

रजिया किले में नहीं जाना चाहती थी क्योंकि जाने से बलदेव का हौसला बढ़ जाता और वो जरूर कोई न कोई हरकत करेगा तो रजिया बोली:"

" हम यही इंतजार करते हैं बलदेव! तुम जाकर ले आओ!

बलदेव:" लेकिन बेगम साहिब आपका यहां रात में खड़ा होना ठीक नहीं हैं! सैनिक या किसी ने देख लिया तो आपके लिए दिक्कत होगी या फिर आपको अपने इस गुलाम पर यकीन नहीं है बेगम साहिब?

बलदेव जान बूझकर उसे बेगम साहिब बोल रहा था ताकि रजिया की भावनाओं से खेल सके और रजिया बोली:"

" तुम पर तो हमे भरोसा हैं बलदेव! तभी तो आधी रात को भी तुम्हारे पास आए हैं!

बलदेव:" फिर आप मेरे साथ अंदर चलिए क्योंकि यहां आप खतरे में पड़ सकती हैं!

तभी बाहर से किसी घोड़ा गाड़ी के जाने की आवाज आई तो रजिया एक पल के लिए डर ही और रजिया को लगा कि बलदेव की बात सही है इसलिए वो उसके साथ चलते हुए बोली:"

" बलदेव हम चिराग लेते ही एक दम वापिस आ जाएंगे!

रजिया उसके साथ चल पड़ी और बलदेव अपनी पहली चाल में कामयाब हो गया और बोला:"

" आप निश्चित रहे बेगम साहिब! ये गुलाम आपके हुक्म का पालन करेगा! आपकी जान बचाने वाला हर हाल में आपकी आज्ञा का पालन करेगा!

रजिया उसकी बातों से पिघलने लगी और बोली:"

" खुद को बार बार गुलाम क्यों बोल रहे हो बलदेव तुम ? हम तो ऐसा नहीं समझते हैं!

बलदेव और किले के अंदर घुसते हुए बोला:" कल आपने हमें दोस्त बनाया और आज अपने साबित कर दिया कि आखिर में गुलाम तो गुलाम ही होता हैं न बेगम साहिब!

रजिया को बलदेव से हमदर्दी हो रही थी और वो भी उसके साथ धड़कते हुए दिल के साथ किले में घुस गई तो हल्की रोशनी के उसका स्वागत किया और बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव! मेरे लिए तुम गुलाम नहीं बल्कि दोस्त हो हमेशा के लिए !

बलदेव और रजिया अब अंदर आ गए थे और सामने एक मशाल जल रही थी जिसकी रोशनी में बलदेव ने देखा कि रजिया बुर्के में ढककर आई थी और उसे समझा आया कि रजिया आज बिल्कुल पाकीजा बनकर आई हैं ताकि मैं उससे ही दूर ही रहूं लेकिन इसे थोड़ी ही देर में कल की तरह बेकाबू न कर दिया तो बलदेव नाम नहीं मेरा! बलदेव उसकी तरफ देखते हुए बोला:"

" अगर मुझे दोस्त मानती तो आज फिर आपको मुझसे नकाब की जरूरत नहीं होती!

रजिया को सामने ही चिराग जलते हुए दिखा और उसकी खुशबू पहले से वहां फैली हुई थीं जिस कारण उसे बलदेव से ज्यादा बदबू नहीं आ रही थी रजिया को काफी अच्छा महसूस हुआ और बोली:"

समझा करो बलदेव हम एक पाकीजा और शाही बेगम हैं! पराए मर्द के सामने बेपर्दा नहीं हो सकती!

बलदेव उसके करीब आया और बोला:" धन्य हैं आप बेगम साहिब! कल हमे दोस्त बनाया और आज हम पराया कर दिया!

रजिया:" नहीं नहीं बलदेव हमारा तो मतलब नहीं था! तुम मेरे लिए पराए नहीं हो!

बलदेव:" हम सब समझते हैं बेगम साहिब! जब पराए नहीं हैं तो फिर हमसे पर्दा किसलिए ? क्या हमें आपका ये चांद सा खूबसूरत चेहरा देखने का भी हक नहीं है!

रजिया उसकी बातों में उलझ गई थी और कमजोर सी पड़ते हुए बोली:" बलदेव हमने आपको कल तो दिखाया ही था!

बलदेव:" आप हैं ही इतनी खूबसूरत कि आज फिर से आपका चेहरा देखने का मन कर रहा है! अगर आप हमें गुलाम नहीं समझते तो जरूर दिखायेगी!

रजिया को अपनी तारीफ पसंद आई और दूसरा गुलाम वाली बात ने उसे अंदर तक पिघला दिया तो धीरे से उसने अपना हिजाब हटाया तो उसका खूबसूरत चेहरा बलदेव के सामने आ गया और बलदेव बोला:"


:" हाय रजिया लगता हैं जैसे काली रात में चांद निकल आया हैं! सच में अमावस की रात को पूनम में बदल दिया हैं आपने!

बलदेब की बात सुनकर रजिया मुस्कुरा उठी और बोली:"

" तुम भी बेकार में मेरी इतनी तारीफ करते रहते हो बलदेव!

बलदेव अब बिलकुल उसके सामने आ गया था लेकिन रजिया को अब बदबू का एहसास बहुत कम हो रहा था और बलदेव उसकी तारीफ करते हुए बोला:"

" जब आप मुझे ऐसे प्यार से मुस्कुरा कर देखती हैं यकीन मानिए आपकी ये अदा मुझे पागल कर देती है रजिया!

रजिया ने फिर से मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा और फिर शर्म से नजरे झुका और उसके लब एक बार फिर से मुस्कुरा उठे! रजिया ने धीरे से नजर उठाकर फिर से बलदेव को देखा तो बलदेव उसे प्यार से देखता रहा तो रजिया ने मुस्कुरा कर शर्माते हुए दूसरी तरफ मुंह घूमा लिया!


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बलदेव की खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि रजिया आज फिर से उसके जाल में फंस गई थी और बलदेव ने हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ रख दिया और बोला:"

"मुझसे इतनी शर्म किसलिए रजिया! मेरी तरफ देखिए न!

कंधे पर बलदेव का फौलादी सख्त हाथ पड़ते ही रजिया का जिस्म कांप उठा और बोली:"

" ओह बलदेव! हमे देर हो रही है! मुझे अब जाना होगा!

बलदेव ने रात रजिया का जो कामुक अवतार देखा था उसे यकीन था कि रजिया शर्म कर रही थी और उसके कंधे पर अपनी उंगलियों का दबाव बनाया और बोला:" इतनी जल्दी जाने की बाते करके मेरा दिल न तोड़िए रजिया!

रजिया को अब अपने जिस्म में साफ तौर पर बेचैनी महसूस हो रही थी और पूरा बदन कांप रहा था तो रजिया जैसे तैसे खुद को संभाल कर बोली:"

" बलदेव हमारा तुमसे ऐसे रात में मिलना सही नहीं है! किसी ने देख लिया तो हमारी मौत निश्चित हैं बलदेव!

बलदेव समझ गया कि रजिया अब बहक गई है और बस हल्की सी झिझक बाकी हैं तो उसने दोनों हाथों को उसके कंधों पर रखा और अपने करीब करते हुए बोला:"

" ओह रजिया डरो मत!! बलदेव के होते दुनिया की कोई भी ताकत आपको छू नहीं सकती! क्या आपको मेरी ताकत पर भरोसा नहीं है?

रजिया अब बलदेव के जिस्म से लगभग सटी हुई खड़ी थी और कांपती हुई आवाज में बोली:"

" आप दुनिया के सबसे ताकतवर मर्द हो बलदेव! हमे खुद से ज्यादा आपकी ताकत पर भरोसा है बलदेव!

रजिया के इतना बोलते ही बलदेव ने एक झटके के साथ उसे अपनी बांहों में कस लिया और रजिया के मुंह से आह निकल पड़ी और एक झटके के साथ उसकी पकड़ से आजाद हो गई और थोड़ा दूर जाकर खड़ी हुई कांपने लगी और फिर पलटकर बलदेव की तरफ देखा!

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रजिया ने अपने बालों में हाथ फेरते हुए बलदेव की तरफ देखा तो बलदेव उसकी तरफ बाज की तरह लपका और अगले ही पल रजिया को फिर से अपनी बांहों में भर लिया तो रजिया कसमसा उठी और बोली:"

" आह हह ह क्या करते हो बलदेव!

बलदेव ने रजिया की कमर में दोनों हाथों को डालते हुए उसकी गांड़ को प्यार से सहलाया और बोला:"

" वही जिसके लिए आप आधी रात को मेरे पास आई हो रजिया !

इतना कहकर उसने रजिया की गांड़ के दोनों उभारों को अपनी चौड़ी हथेली में भर लिया और थोड़ी सी सख्ती से मसला तो रजिया के मुंह से एक आह निकल पड़ी

" हाय नहीं उफ्फ बलदेव! ऐसा न कहो! हम तो सिर्फ अपना चिराग लेने आए हैं! आह बलदेव हमे जाने दो यहां कोई देख लेगा!


बलदेव ने रजिया को अपनी गोद में उठा लिया और सामने बने कक्ष में ले गया तो रजिया को लगा कि बलदेव आज उसे उतनी आसनी से छोड़ने वाला नहीं है और यहां कक्ष में पता नहीं उसके साथ क्या करेगा तो रजिया को अपनी चूत में पहली बार नमी का एहसास हुआ और रजिया उससे छुटने की नाकाम कोशिश करती हुई बोली:"

" बलदेव ऐसा मत करो! हम मीर जाफर की अमानत है!

बलदेव ने रजिया की गांड़ को जोर से मसल दिया और उसकी गर्दन चूमते हुए बोला:"

" ओह रजिया तुम सिर्फ मेरी हो! मीर जाफर नामर्द है तुम्हे आज तक कली से फूल नहीं बना पाया!

इतना सुनकर बलदेव ने रजिया की एक चूची को कपड़ों के ऊपर से ही मसल दिया तो रजिया जोर से सिसक उठी और उसे बलदेव की बात सुनकर बेहद बुरा लगा और उसने गुस्से में एक थप्पड़ बलदेव को जड़ दिया और उसकी पकड़ से आजाद होते हुए बोली:"

" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई नवाब साहब के बारे में ऐसा बोलने की! हम अब यहां एक पल भी नहीं रुकेंगे!

बलदेव रजिया के बदले व्यवहार से अचंभित था लेकिन मजबूती से बोला:"

" आपके थप्पड़ मारने से सच थोड़े ही बदल जाएगा रजिया! हम जानते हैं कि आप बिल्कुल पाकीजा कच्ची कली हो!

रजिया ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और एक झटके के साथ चिराग उठा कर बाहर की तरफ चल पड़ी तो पीछे से बलदेव बोला:"

" मुझे लगा था कि आप मुझे गुलाम नहीं दोस्त मानती हैं इसलिए ऐसा बोल दिया! अगर आपको लगता है कि आपकी जान बचाकर मैंने आपके ऊपर कोई एहसान किया हैं तो किसी तरह मेरे जिस्म से बदबू खत्म करवा दीजिए !मैं जिंदगी भर आपका एहसान नहीं भूलूंगा और अकेले में खुद से पूछना जरूर कि आप सच में अभी कुंवारी हैं या नहीं!! अभी आप गुस्से में जा रही हैं लेकिन मुझे यकीन है कि आप जरूर वापिस आएगी

रजिया ने उसकी किसी बात का जवाब नहीं दिया और किले से बाहर निकल आई!
Bahut hi umda update he Unique star Bro,

Baldev apni aur apne kabile ki aazadi ke liye raziya ko fansana chahta he..........

Vo dheere dheere aage badh raha he...........lekin raziya itni jaldi uske hath nahi aane wali he........

Keep rocking Bro
 
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रजिया जल्दबाजी में अपना खुशबू वाला चिराग वही छोड़कर आ गई और बलदेव ने रजिया के जाते ही उसने उठा लिया और सूंघने लगा तो उसे बेहद अच्छा लगा क्योंकि उस बेचारे को जिन्दगी में पहली बार एहसास हुआ कि खुशबू भी कोई चीज होती हैं! बलदेव ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई औरत उसके करीब भी आ सकती है क्योंकि जब उसे कबीले से मीरपुर भेजा गया था तो उसे साफ तौर पर यकीन हो गया था कि अब उसकी जिंदगी में औरत की परछाई भी नहीं आएगी क्योंकि उसके जिस्म से उठने वाली बदबू इंसानों से सहन नहीं होगी जिस कारण उसे औरत का एहसास उसका प्यार कभी नसीब नहीं होगा लेकिन रजिया का इस तरह से उसके करीब आना किसी अजूबे से कम नहीं था और बलदेव के लिए ये सब एक सपने जैसा था!

बलदेव चिराग के पास सुबह तक बैठा रहा और उससे निकलने वाली खुशबू से अपने बदन को स्पर्श करता रहा और सुबह होने को आई तो उसने चिराग को छिपा दिया ताकि वो किसी की नजर में न आ सके और फिर वापिस पुराने किले से निकलकर अपने किले में आ गया और सुरक्षा का जायजा लिया और अपने दिन भर के कामों में लग गया!

वही दूसरी तरफ रजिया महल में आ गई तो उसे याद आया कि चिराग तो वही बलदेव के पास ही छोड़ आई हैं! ये शाही चिराग दिन रात हमेशा महकते रहते हैं और अगर किसी को बलदेव के पास वो चिराग मिला गया तो कयामत ही आ जाएगी!

लेकिन रजिया को अभी थकी होने के कारण जोर से नींद लगी थी और आज जो उसके साथ हुआ वो उसे अंदर से परेशान कर रहा था! जवानी के पहले कदम से लेकर वो आज तक पाकीजा रही और किसी गैर मर्द ने उसका चेहरा तक नहीं देखा और उसे लग रहा था कि मानो वो बहुत बड़ा गुनाह करके आई है और किसी भी किसके साथ एक ऐसा गुलाम जो बेहद काला और भद्दा होने के साथ साथ बेहद खौफनाक भी हैं! उसके जिस्म से उठती हुई बदबू वो कैसे झेल पाई ये बात बस वही जानती थी! रजिया ने फैसला किया कि अब वो बलदेव के पास नहीं जाएगी लेकिन अब उसकी सबसे बड़ी समस्या थी कि चिराग को कैसे वापिस लाया जाए क्योंकि शाही तालाब के चारों कोने पर रखे हुए ये चिराग शाही अमानत थे! क्या मुझे वापिस चिराग लेने के लिए खुद जाना चाहिए ये सोचते ही वो कांप उठी और उसने दिमाग ने तत्काल इनकार कर दिया कि वो किसी भी दशा में अब वापिस बलदेव के पास नहीं जाएगी!

लेकिन अगर वो नहीं जायेगी तो चिराग कैसे वापिस आयेगा ये उसके लिए समस्या थी! उसे लगा कि एक बार उसे अमीना से बात करनी चाहिए लेकिन अमीना पूछेगी तो क्या बताएगी कि चिराग कैसे बलदेव के पास पहुंच गया! नहीं नहीं ये तो मेरी बदनामी का कारण होगा और ये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती!

रजिया को सोचते सोचते नींद आ गई और अगले दिन सुबह लेट तक सोती रही लेकिन आज मीर जाफर कल की उसकी खबर लेने नहीं आया!

बलदेव को अपने कबीले गए एक साल हो गया था और वादे के मुताबिक आज उसे अपने कबीले वापिस जाना था तो उसने मीर जाफर से इजाज़त ली और अपने किले के नीचे बनी सुरंग से होते हुए बाहर निकल गया और ये बात हमेशा की तरह किसी को पता नहीं चली। बलदेव किसी घोड़े की रफ्तार से दौड़ रहा था और उसके पीछे उड़ती हुई धूल देखकर लग रहा था मानो कोई थे तूफान चल रहा था ! करीब तीन घंटे की अंधाधुंध दौड़ के बाद वो अपने कबीले पहुंच गया और उसका भव्य स्वागत हुआ और उसकी जय जय कार के नारे लगाए जा रहे थे क्योंकि सब जानते थे कि बलदेव के कबीले की आन के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था! अपना परिवार, अपनी जिन्दगी , खुशी सब उसने त्याग दिया था!

बलदेव शाम को करीब चार बजे अपने कुलगुरू शालांगा से मिलने पहुंचा और पैर छुर कर आशीवार्द लिया तो गुरु जी बोले:"

" यशस्वी भव ! कैसे हो बलदेव ?

बलदेव उनके चरणों में ही बैठ गया और बोला:" आप तो अंतर्यामी हैं गुरुजी! आपसे कुछ छुपा हुआ नहीं हैं और आप सब जानते ही हैं!

गुरुजी ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फिराया और बोली:" बलदेव हम तुम्हारे भाग्य में परिवर्तन साफ तौर पर देख रहे हैं! तुम्हारी कुंडली आगे तुम्हे गुलामी से आजाद कर देगी और देखना तुम हमेशा के लिए कबीले को मीरपुर की गुलामी से आजाद कर दोगे!

बलदेव की खुशी का ठिकाना नहीं था और गुरुजी के चरणों में गिर पड़ा और बोला:"

" तो क्या गुरु देव मैं ही वो अलौकिक वरदान हु जिसका इंतजार सदियों से पूरा कबीला कर रहा है!

गुरुजी ने आंखे बंद कर ली और :" हां बलदेव तुम ही वो अलौकिक वरदान हो जिसका सबको इंतजार हैं!

बलदेव:" आप धन्य हैं गुरुजी! मुझे रास्ता दिखाए आप!!

गुरुजी:" रजिया बेगम की तुम्हारी मंजिल हैं बलदेव और वो एक बार तुम्हारे करीब भी आ चुकी हैं लेकिन उसको हासिल करना इतना आसान नहीं है! हमारा ज्ञान हमें बता रहा है कि मीर जाफर वारिस पैदा करने में सक्षम नहीं हैं! तुम्हे ही रजिया को अपने विश्वास में लेकर वारिस पैदा करना होगा और ये मान लो कि कोई भी इंसानी औरत आसानी से तुझे हासिल नहीं होगी और क्योंकि तुम असीमित शक्तियों के स्वामी हो और तुम्हे औरत के लिए झेलना बेहद कष्टकारी होगा!


बलदेव:" मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करुंगा! कुछ भी करके कबीले मिल आजादी दिलाकर ही रहूंगा!

गुरुजी:" ठीक हैं सबसे पहले तुम्हे अपने बदन से उठने वाली बदबू का इलाज करना होगा क्योंकि जब तक ये बदबू होगी रजिया के तुम्हे अपनाने का सवाल ही पैदा नहीं होगा! रजिया के सहारे तुम्हे चारों चिराग हासिल करने होंगे और पूरे दो दिन तक तुम्हे उनके बीच में बैठना होगा तभी जाकर तुम्हारी बदबू सहनीय होगी लेकिन आती हमेशा रहेगी!

बलदेव:" रास्ता दिखाने के लिए बेहद धन्यवाद! मैं आज से ही काम पर लग जाएंगा!

गुरुजी: विजयी भव! कुछ भी करके रजिया को तुम्हे अपने काबू में करना ही होगा बलदेव क्योंकि रजिया ही मुक्ति का मार्ग बनेगी अन्यथा कुछ भी हासिल नहीं होगा तुम्हे!

बलदेव:" मैं आपकी तरफ से हर संभव प्रयास करुंगा लेकिन रजिया को अपने काबू में करके ही दम लूंगा!

गुरुजी:" ये सब इतना आसान नहीं होगा बलदेव क्योंकि रजिया एक पाकीजा बेगम हैं और वो हर बार इतनी आसानी से नहीं बहकेगी! हजारों सालों के बाद ऐसा संयोग आया हैं कि शादी के चार बाद भी मीरपुर की बेगम विशुद्ध रूप से कुंवारी हैं इसलिए अगर ये मौका भी हाथ से गया तो फिर न जाने कब ये संयोग बनेगा बलदेव!

बलदेव:" आप चिंता न करे! मैं अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटूंगा और कुछ भी करके रजिया को हासिल कर लूंगा! उसे अपने आगे पीछे नहीं बचाया तो मेरा नाम बलदेव नहीं हैं!

गुरुजी:" ठीक हैं बलदेव! ईश्वर तुम्हारी मदद करे

बलदेव ने गुरुजी की बात समझी और एक बार फिर से सिर झुकाकर उनका आशीर्वाद लिया वापिस मीरपुर की तरफ लौट पड़ा और रात के करीब 9 बजे वापिस मीरपुर आ गया!

वही दूसरी तरफ रजिया दिन लगभग पूरे दिन आज सोती ही रही क्योंकि मीर जाफर अब कार्यों में व्यस्त रहा और अमीना की इतनी हिम्मत नहीं थी कि बेगम से पूछताछ कर सके!

रजिया ने रात्रि भोजन किया और उसके बाद वो अपने कक्ष में आ गई तो मीर जाफर की दादी रुकसाना उसके कक्ष में आई तो रजिया उसे देखकर हैरान हो गई और बोली:"

" अम्मी आप इस समय यहां ? हमे बुला लिया होता आपने अपने पास!

रुकसाना करीब 75 साल की एक बेहद अनुभवी और बुजुर्ग औरत थी तो धीरे से बोली:"

:" बस ऐसे ही मन किया तुमसे मिलने का तो आ गई! बुरा तो नहीं लगा तुम्हे ?

रजिया:" कैसी बाते करती हो आप ? हमे भला क्यों बुरा लगेगा अम्मी ? आप आई हैं तो यकीनन कोई कारण ही होगा!

रुकसाना बेड पर बैठ गई और बोली:" हां रजिया! ऐसे ही बस तुमसे मिलने का मन किया तो आ गई!

रजिया भी उसके पास ही बेड पर बैठ गई और बोली:

" जी बेहद अच्छा किया आपने! हम भी काफी दिन से आपसे मिले नहीं थे!

रुकसाना:" रजिया बुरा न मानो तो एक बात पूछूं?

रजिया ने रुकसाना की तरफ देखा और बोली:" जी अम्मी बोलिए न क्या बात हैं ?

रुकसाना ने प्यार से उसके सिर पर हाथ रखा और फेरते हुए बोली:" इस जिन्दगी का अब कोई भरोसा नहीं बचा! कम से कम मरने से मीरपुर के होने वाले वारिस को देख लेती तो सुकून से मर सकती हु!

रजिया को ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी लेकिन फिर अपने आपको संभालती हुईं बोली:"

" अम्मी आप फिक्र न करे! जब किस्मत में होगा तो आपकी ये इच्छा भी जरूरी पूरी होगी!

रुकसाना:" बेटी अगर बुरा न माने तो कल दाई माता को एक बार तुझे देखने के लिए बोल दूं क्या ?

रजिया को अब बुरा लग रहा था क्योंकि वो जानती थी कि कमी मीर जाफर के अंदर है और ये बुढ़िया उसे कसूरवार मान रही है तो रजिया का मन किया कि बोल दे कि असली नामर्द हैं आपका नवाब फिर ऐसे में मैं कैसे बच्चे पैदा कर सकती हु लेकिन गुस्से को काबू में करती हुई बोली:"

" जी जैसे आपको ठीक लगे! वैसे हमे कोई दिक्कत नहीं हैं अम्मी! बिल्कुल ठीक हैं हम!

रुकसाना:" कोई बात नहीं बेटी! एक बार दाई माता देख लेगी तो हमारे मन की भी जो जाएगी! सोच रही हु कल शाही बगीचे में घूम लूंगी तुम्हारे साथ! कई महीने से गई भी नहीं हु मैं और क्या भरोसा अब जिंदा का!

रजिया:" जी अब भला मैं आपका हुक्म कैसे टाल सकती हु अम्मी जान!

उसके बाद रुकसाना और थोड़ी देर रजिया के पास बैठी रही और फिर करीब रात के 11 बजे वो वापिस अपने कक्ष में चली गई तो रजिया को अब बेहद बुरा लग रहा था कि मीर जाफर की वजह से उसे बांझ समझा जा रहा हैं और ये सोच सिर्फ राजमाता की नहीं बल्कि पूरे राज्य की होगी वो बात अलग हैं कि कोई सामने से आकर बोलने की हिम्मत नहीं करता है लेकिन पीछे क्या चल रहा होगा ये अब रजिया को एहसास हो रहा था!

खैर रजिया बिस्तर पर पड़ी हुई करवट बदलती रही और उसे आज तो बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी क्योंकि एक तो पहले से ही चिराग की वजह से परेशान थी और ऊपर से बुढ़िया ने उसका मन पूरी तरह से बिगाड़ दिया था! रजिया के सामने अब बड़ी मुश्किल समस्या आ खड़ी हुई थी क्योंकि वो किसी भी हालत में आज बलदेव के पास नहीं जाना चाहती थी क्योंकि कल जो हुआ था उससे बलदेव की हिम्मत बढ़ गई होगी और अब वो गई तो बलदेव समझेगा कि मैं उससे प्यार करने लग गई हु जबकि ऐसा कुछ नहीं हैं! उसने मेरी जन बचाई तो उससे हमदर्दी थी जिस कारण ऐसा हो गया लेकिन अब मैं क्या करु?
जाऊं तो मुसीबत और नहीं जाऊं तो उससे बड़ी मुसीबत!

रजिया ने अंत में जाने का फैसला किया लेकिन आज रात वो बलदेव को मौक नहीं देना चाहती थी इसलिए उसने एक बुर्का पहना ताकि बलदेव समझ सके कि उससे मिलने के लिए एक पाकीजा औरत आई हैं और मुझसे दूरी बनाकर रखे! रात के करीब एक बजे वो शाही बगीचे में दाखिल हुई और आज बिना शाही तालाब में नहाए वो पीछे के रास्ते से होती हुई सड़क पर आ गई और काली स्याह रात का फायदा उठाते हुए किले की तरफ बढ़ गई! रजिया को अजीब सा लग रहा था और इसके मन में डर लगा हुआ था कि किसी ने देखा तो अलग मुसीबत और बलदेव न जाने क्या ही सोच रहा होगा! ऊपर से उसने बोला भी पुराने किले में मिलने के लिए और वहां तो कोई होगा ही नहीं ये सब सोचकर रजिया का बदन कांप उठा और उसकी सांसे तेज हो गई तो रजिया को अब अजीब सी बेचैनी हो रही थी और वो तेजी से चलती हुई उस गली के मोड पर आ गई जहां उसे बलदेव मिला करता था! रजिया ने देखा कि आज सामने किले पर सिर्फ ही मशाल जल रही थी और उसकी भी रोशनी बेहद कम थी मतलब बलदेव ने उसके आने से पहले ही सारी तैयारी का रखी थी तो ये सोचकर उसका दिल जोरो से धड़क उठा और उसने थोड़ी देर रुक कर इधर उधर देखा लेकिन उसकी उम्मीद के मुताबिक उसे एक भी सैनिक सड़क पर नहीं दिखाई और रजिया समझ गई कि बलदेव ने मेरी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सबको इधर उधर कर दिया है ताकि कोई भी मुझे न देख सके! मानना पड़ेगा कि इस कमीनें बलदेव को कितना यकीन था कि कल रात में इतना सब कुछ होने के बाद भी मैं आज रात भी जरूर आऊंगी!

रजिया जैसे ही गली के बीच में आई तो उसे वही जानी पहचानी बदबू का एहसास हुआ और रजिया समझ गई कि बलदेव आ गया है और उसे अपने सामने एक लंबा तगड़ा चौड़ा साया नजर आया तो रजिया का दिल जोर से धड़क उठा और बलदेव उसके करीब आकर बोला

:"मुझे यकीन था आप जरूर आएगी क्योंकि आप मुझे सिर्फ एक गुलाम नहीं समझती हैं!

रजिया के बोलने से पहले ही बलदेव ने अपना जाल बुनना शुरू कर दिया और रजिया ने अपने दुपट्टे को अपनी नाक पर बांधा और बोली:"

" हम तुम्हे गुलाम नहीं समझते बलदेव! हम आज सिर्फ अपना चिराग लेने आए है क्योंकि वो शाही तालाब शाही चिराग हैं!

रजिया ने भी पहली ही बात में साफ कर दिया कि बलदेव उससे ज्यादा उम्मीद न रखें क्योंकि वो जानती थी कि बलदेव सच में बेहद ताकतवर मर्द है और अगर उसने थोड़ी सी भी मनमानी करी तो मुझे पिघलते देर नहीं लगेगी! बलदेव समझ गया कि रजिया आज इतनी आसानी से उसे मौका नहीं देगी तो बलदेव बोला:"

" चिराग तो वही पुराने किले के अंदर रखा हुआ है! आप आइए मेरे साथ!

रजिया किले में नहीं जाना चाहती थी क्योंकि जाने से बलदेव का हौसला बढ़ जाता और वो जरूर कोई न कोई हरकत करेगा तो रजिया बोली:"

" हम यही इंतजार करते हैं बलदेव! तुम जाकर ले आओ!

बलदेव:" लेकिन बेगम साहिब आपका यहां रात में खड़ा होना ठीक नहीं हैं! सैनिक या किसी ने देख लिया तो आपके लिए दिक्कत होगी या फिर आपको अपने इस गुलाम पर यकीन नहीं है बेगम साहिब?

बलदेव जान बूझकर उसे बेगम साहिब बोल रहा था ताकि रजिया की भावनाओं से खेल सके और रजिया बोली:"

" तुम पर तो हमे भरोसा हैं बलदेव! तभी तो आधी रात को भी तुम्हारे पास आए हैं!

बलदेव:" फिर आप मेरे साथ अंदर चलिए क्योंकि यहां आप खतरे में पड़ सकती हैं!

तभी बाहर से किसी घोड़ा गाड़ी के जाने की आवाज आई तो रजिया एक पल के लिए डर ही और रजिया को लगा कि बलदेव की बात सही है इसलिए वो उसके साथ चलते हुए बोली:"

" बलदेव हम चिराग लेते ही एक दम वापिस आ जाएंगे!

रजिया उसके साथ चल पड़ी और बलदेव अपनी पहली चाल में कामयाब हो गया और बोला:"

" आप निश्चित रहे बेगम साहिब! ये गुलाम आपके हुक्म का पालन करेगा! आपकी जान बचाने वाला हर हाल में आपकी आज्ञा का पालन करेगा!

रजिया उसकी बातों से पिघलने लगी और बोली:"

" खुद को बार बार गुलाम क्यों बोल रहे हो बलदेव तुम ? हम तो ऐसा नहीं समझते हैं!

बलदेव और किले के अंदर घुसते हुए बोला:" कल आपने हमें दोस्त बनाया और आज अपने साबित कर दिया कि आखिर में गुलाम तो गुलाम ही होता हैं न बेगम साहिब!

रजिया को बलदेव से हमदर्दी हो रही थी और वो भी उसके साथ धड़कते हुए दिल के साथ किले में घुस गई तो हल्की रोशनी के उसका स्वागत किया और बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव! मेरे लिए तुम गुलाम नहीं बल्कि दोस्त हो हमेशा के लिए !

बलदेव और रजिया अब अंदर आ गए थे और सामने एक मशाल जल रही थी जिसकी रोशनी में बलदेव ने देखा कि रजिया बुर्के में ढककर आई थी और उसे समझा आया कि रजिया आज बिल्कुल पाकीजा बनकर आई हैं ताकि मैं उससे ही दूर ही रहूं लेकिन इसे थोड़ी ही देर में कल की तरह बेकाबू न कर दिया तो बलदेव नाम नहीं मेरा! बलदेव उसकी तरफ देखते हुए बोला:"

" अगर मुझे दोस्त मानती तो आज फिर आपको मुझसे नकाब की जरूरत नहीं होती!

रजिया को सामने ही चिराग जलते हुए दिखा और उसकी खुशबू पहले से वहां फैली हुई थीं जिस कारण उसे बलदेव से ज्यादा बदबू नहीं आ रही थी रजिया को काफी अच्छा महसूस हुआ और बोली:"

समझा करो बलदेव हम एक पाकीजा और शाही बेगम हैं! पराए मर्द के सामने बेपर्दा नहीं हो सकती!

बलदेव उसके करीब आया और बोला:" धन्य हैं आप बेगम साहिब! कल हमे दोस्त बनाया और आज हम पराया कर दिया!

रजिया:" नहीं नहीं बलदेव हमारा तो मतलब नहीं था! तुम मेरे लिए पराए नहीं हो!

बलदेव:" हम सब समझते हैं बेगम साहिब! जब पराए नहीं हैं तो फिर हमसे पर्दा किसलिए ? क्या हमें आपका ये चांद सा खूबसूरत चेहरा देखने का भी हक नहीं है!

रजिया उसकी बातों में उलझ गई थी और कमजोर सी पड़ते हुए बोली:" बलदेव हमने आपको कल तो दिखाया ही था!

बलदेव:" आप हैं ही इतनी खूबसूरत कि आज फिर से आपका चेहरा देखने का मन कर रहा है! अगर आप हमें गुलाम नहीं समझते तो जरूर दिखायेगी!

रजिया को अपनी तारीफ पसंद आई और दूसरा गुलाम वाली बात ने उसे अंदर तक पिघला दिया तो धीरे से उसने अपना हिजाब हटाया तो उसका खूबसूरत चेहरा बलदेव के सामने आ गया और बलदेव बोला:"


:" हाय रजिया लगता हैं जैसे काली रात में चांद निकल आया हैं! सच में अमावस की रात को पूनम में बदल दिया हैं आपने!

बलदेब की बात सुनकर रजिया मुस्कुरा उठी और बोली:"

" तुम भी बेकार में मेरी इतनी तारीफ करते रहते हो बलदेव!

बलदेव अब बिलकुल उसके सामने आ गया था लेकिन रजिया को अब बदबू का एहसास बहुत कम हो रहा था और बलदेव उसकी तारीफ करते हुए बोला:"

" जब आप मुझे ऐसे प्यार से मुस्कुरा कर देखती हैं यकीन मानिए आपकी ये अदा मुझे पागल कर देती है रजिया!

रजिया ने फिर से मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा और फिर शर्म से नजरे झुका और उसके लब एक बार फिर से मुस्कुरा उठे! रजिया ने धीरे से नजर उठाकर फिर से बलदेव को देखा तो बलदेव उसे प्यार से देखता रहा तो रजिया ने मुस्कुरा कर शर्माते हुए दूसरी तरफ मुंह घूमा लिया!


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बलदेव की खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि रजिया आज फिर से उसके जाल में फंस गई थी और बलदेव ने हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ रख दिया और बोला:"

"मुझसे इतनी शर्म किसलिए रजिया! मेरी तरफ देखिए न!

कंधे पर बलदेव का फौलादी सख्त हाथ पड़ते ही रजिया का जिस्म कांप उठा और बोली:"

" ओह बलदेव! हमे देर हो रही है! मुझे अब जाना होगा!

बलदेव ने रात रजिया का जो कामुक अवतार देखा था उसे यकीन था कि रजिया शर्म कर रही थी और उसके कंधे पर अपनी उंगलियों का दबाव बनाया और बोला:" इतनी जल्दी जाने की बाते करके मेरा दिल न तोड़िए रजिया!

रजिया को अब अपने जिस्म में साफ तौर पर बेचैनी महसूस हो रही थी और पूरा बदन कांप रहा था तो रजिया जैसे तैसे खुद को संभाल कर बोली:"

" बलदेव हमारा तुमसे ऐसे रात में मिलना सही नहीं है! किसी ने देख लिया तो हमारी मौत निश्चित हैं बलदेव!

बलदेव समझ गया कि रजिया अब बहक गई है और बस हल्की सी झिझक बाकी हैं तो उसने दोनों हाथों को उसके कंधों पर रखा और अपने करीब करते हुए बोला:"

" ओह रजिया डरो मत!! बलदेव के होते दुनिया की कोई भी ताकत आपको छू नहीं सकती! क्या आपको मेरी ताकत पर भरोसा नहीं है?

रजिया अब बलदेव के जिस्म से लगभग सटी हुई खड़ी थी और कांपती हुई आवाज में बोली:"

" आप दुनिया के सबसे ताकतवर मर्द हो बलदेव! हमे खुद से ज्यादा आपकी ताकत पर भरोसा है बलदेव!

रजिया के इतना बोलते ही बलदेव ने एक झटके के साथ उसे अपनी बांहों में कस लिया और रजिया के मुंह से आह निकल पड़ी और एक झटके के साथ उसकी पकड़ से आजाद हो गई और थोड़ा दूर जाकर खड़ी हुई कांपने लगी और फिर पलटकर बलदेव की तरफ देखा!

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रजिया ने अपने बालों में हाथ फेरते हुए बलदेव की तरफ देखा तो बलदेव उसकी तरफ बाज की तरह लपका और अगले ही पल रजिया को फिर से अपनी बांहों में भर लिया तो रजिया कसमसा उठी और बोली:"

" आह हह ह क्या करते हो बलदेव!

बलदेव ने रजिया की कमर में दोनों हाथों को डालते हुए उसकी गांड़ को प्यार से सहलाया और बोला:"

" वही जिसके लिए आप आधी रात को मेरे पास आई हो रजिया !

इतना कहकर उसने रजिया की गांड़ के दोनों उभारों को अपनी चौड़ी हथेली में भर लिया और थोड़ी सी सख्ती से मसला तो रजिया के मुंह से एक आह निकल पड़ी

" हाय नहीं उफ्फ बलदेव! ऐसा न कहो! हम तो सिर्फ अपना चिराग लेने आए हैं! आह बलदेव हमे जाने दो यहां कोई देख लेगा!


बलदेव ने रजिया को अपनी गोद में उठा लिया और सामने बने कक्ष में ले गया तो रजिया को लगा कि बलदेव आज उसे उतनी आसनी से छोड़ने वाला नहीं है और यहां कक्ष में पता नहीं उसके साथ क्या करेगा तो रजिया को अपनी चूत में पहली बार नमी का एहसास हुआ और रजिया उससे छुटने की नाकाम कोशिश करती हुई बोली:"

" बलदेव ऐसा मत करो! हम मीर जाफर की अमानत है!

बलदेव ने रजिया की गांड़ को जोर से मसल दिया और उसकी गर्दन चूमते हुए बोला:"

" ओह रजिया तुम सिर्फ मेरी हो! मीर जाफर नामर्द है तुम्हे आज तक कली से फूल नहीं बना पाया!

इतना सुनकर बलदेव ने रजिया की एक चूची को कपड़ों के ऊपर से ही मसल दिया तो रजिया जोर से सिसक उठी और उसे बलदेव की बात सुनकर बेहद बुरा लगा और उसने गुस्से में एक थप्पड़ बलदेव को जड़ दिया और उसकी पकड़ से आजाद होते हुए बोली:"

" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई नवाब साहब के बारे में ऐसा बोलने की! हम अब यहां एक पल भी नहीं रुकेंगे!

बलदेव रजिया के बदले व्यवहार से अचंभित था लेकिन मजबूती से बोला:"

" आपके थप्पड़ मारने से सच थोड़े ही बदल जाएगा रजिया! हम जानते हैं कि आप बिल्कुल पाकीजा कच्ची कली हो!

रजिया ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और एक झटके के साथ चिराग उठा कर बाहर की तरफ चल पड़ी तो पीछे से बलदेव बोला:"

" मुझे लगा था कि आप मुझे गुलाम नहीं दोस्त मानती हैं इसलिए ऐसा बोल दिया! अगर आपको लगता है कि आपकी जान बचाकर मैंने आपके ऊपर कोई एहसान किया हैं तो किसी तरह मेरे जिस्म से बदबू खत्म करवा दीजिए !मैं जिंदगी भर आपका एहसान नहीं भूलूंगा और अकेले में खुद से पूछना जरूर कि आप सच में अभी कुंवारी हैं या नहीं!! अभी आप गुस्से में जा रही हैं लेकिन मुझे यकीन है कि आप जरूर वापिस आएगी

रजिया ने उसकी किसी बात का जवाब नहीं दिया और किले से बाहर निकल आई!
Bahut hi badhiya update diya hai Unique star bhai....
Nice and beautiful update....
 
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वाह क्या लिखा है अपने मजा आया पढ़ कर
रज़िया को शयद जल्दी बलदेव अपने नीचे लेगा ख़ानम बेगम की entry होनी चाहिए इसके बाद
 
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