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Adultery गुलाम

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Awesome update kahani acha chal rahi h
Vese Mir Zafar की २ बेगम थी
शाह खानम साहिबा: मीर जाफर की पहली पत्नी थीं. मुन्नी बेगम: मीर जाफर की दूसरी पत्नी थीं। story achi chal rahi iss liye mene socha todha bta dun
 

Threesome

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रजिया को तीन जोर की उल्टियां हुई फिर कहीं जाकर उसे सुकून का एहसास हुआ और थोड़ा सुकून के हासिल करने के लिए वो फिर से सुबह करीब तीन बजे तालाब में उतर गई और नहाने लगी! नहाने के बाद उसके दिमाग और जिस्म को काफी बेहतर अनुभव हुआ तो वो अपने कक्ष की तरफ चल पड़ी और थकी होने के कारण गहरी नींद में चल गई! अगले दिन सुबह मीर जाफर को पता चला कि रजिया 10 बजे तक अपने कक्ष से नहीं निकली तो मीर जाफर ने उससे मिलने का फैसला किया तो पता चला कि वो सोई पड़ी हुई थी और जागी तो सुल्तान की आवाज सुनकर उठ गई तो सुल्तान बोला:"

" क्या हुआ बेगम तबियत ठीक नहीं है क्या आपकी ?

रजिया के आंखों के आगे रात के दृश्य एक एक करके घूम गए और फिर बहाना बनाते हुए बोली:"

" मेरी तबियत थोड़ी ठीक नहीं थी तो रात ठीक से सो नहीं पाई जिस कारण आंख नहीं खुल पाई!

मीर जाफर:" कोई बात नहीं अपन ध्यान रखो और किसी दिक्कत हो तो हम हकीम साहब को आपके आज भेज देते हैं!

रजिया:" नहीं नहीं नवाब साहब! उसकी कोई जरूरत नहीं है! कोई बात हुई तो मैं खुद ही आपको बोल दूंगी!

मीर जाफर उसके बाद वहां से चले गए और रजिया ने थोड़ा नाश्ता किया और फिर से उसे उल्टी हुई क्योंकि बलदेव की बदबू अभी तक उससे पूरी तरह से दूर नहीं हुई थी!

अमीना ने उसे उल्टी करते हुए देखा तो बोली:"

" क्या हुआ बेगम साहिब कोई अच्छी खबर हैं क्या ?

रजिया ने उसे गुस्से से देखा और बोली:" ज्यादा दिमाग मत लगाओ समझी! ऐसा कुछ भी नहीं हैं!

अमीना:" काश ऐसा ही होता! कब से सारा राज्य इसी बात का इंतजार कर रहा है कि कब आप राज्य को वारिस देगी?

रजिया कुछ नहीं बोली और चुपचाप अपने कक्ष की तरह चल पड़ी! एक बार के लिए उसका मन किया था कि बोले कि तुम्हारे राजा में वारिस पैदा करने का दम नहीं हैं लेकिन फिर शर्म और मर्यादा को ध्यान में रखते हुए चुप ही रही और अपने कक्ष में आकर फिर से सो गई!

रजिया का रात को कहीं जाने का मन नहीं किया और आराम से थोड़ा भोजन करने के बाद सो गई! वही बलदेव को उम्मीद थी कि शायद रजिया रात में आयेगी लेकिन रजिया नहीं आई और बलदेव को यकीन हो गया कि अब रजिया नहीं आएगी क्योंकि वो तो सिर्फ उसका हाल चाल लेने आई थीं!

धीरे धीरे दो रात गुजर गई और आज अमावस की काली स्याह रात होने वाली थी! रजिया ने जल्दी ही खाना खाया और अपने कक्ष में आ गई! पिछले दो दिन में उसे कई बार बलदेव की याद आई लेकिन उसकी बदबू के बारे में सोचकर जाने की हिम्मत नहीं कर पाई लेकिन आज उसे काफी बेहतर लग रहा था!

लेकिन रजिया को समझ नहीं आ था कि आखिर बलदेव से मिलने क्यों जाए क्योंकि वो उसका हाल तो पूछ ही चुकी थी तो अब ऐसी कोई ज्यादा जरूरत भी नहीं थी! रजिया अपने बिस्तर पर पड़ी ही करवट बदल रही थी और नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी!
उसके कक्ष की खिड़की जो हमेशा चांद की रोशनी से दमकती थी आज बिल्कुल अंधेरे में डूबी हुई थी! रजिया के जिस्म की गर्मी हर दिन बढ़ती ही जा रही थी और रजिया को लग रहा था कि ये बदन की जलन एक दिन उसकी जान ही ले लेगी!
रजिया को लगा कि उसे एक बार नहा ही लेना चाहिए तो रजिया ने अपने बदन पर बेहद हल्के सूती सफेद रंगे के कपड़े पहने और रात होने के कारण उसने ब्रा पहनना जरूरी नहीं समझा और शाही बगीचे की तरफ निकल पड़ी! बगीचे में जाकर वो शाही तालाब में स्नान किया तो उसे थोड़ा सुकून मिला और रजिया बगीचे में घूमने लगी! नहाने की वजह से उसके कपड़े उसके बदन से बिल्कुल चिपक गए थे और शरीर के उतार चढ़ाव साफ तौर पर दिखाई दे रहे थे!

रजिया थोड़ी देर घूमती रही तो सहसा उसे बलदेव की याद आई कि बलदेव ने उससे कहा था कि अमावस की रात बिलकुल काली स्याह होगी! रजिया जानती थी कि इसका मतलब क्या था लेकिन वो जाना नहीं चाहती थी क्योंकि वो बलदेव से एक बार हाल चाल पूछ ही चुकी थी! लेकिन आज जरूर बलदेव मेरा इंतजार करेगा ये विचार मन में आते ही उसे लगा कि उसे जाना चाहिए लेकिन अगले ही पल उसे बलदेव की बदबू याद आई तो उसने खुद ही बुरा सा मुंह बनाया और न जाने का फैसला किया!

बेचारा बलदेव मेरा इंतजार कर रहा होगा और उसने तो मेरी जान भी बचाई हैं तो क्या एक बार में उसके लिए बदबू नहीं झेल सकती! मैं उसे आज साफ साफ मना कर दूंगी कि आगे से मैं नहीं आऊंगी मेरा इंतजार न करे! ये सोचते हुए रजिया ने जाने का फैसला किया और तब उसकी नजर तालाब के किनारे जल रहे एक चिराग पर पड़ी जिससे बड़ी तीखी सुगंध निकल रही थी तो रजिया के दिमाग में एक विचार आया और उसने वो चिराग को बंद किया और उसके बाद बगीचे से होती हुई बाहर सड़क पर आ गई और चल पड़ी बलदेव से मिलने!!

रजिया बार बार चिराग को सूंघ रही थी तो उसे एहसास हो गया कि चिराग के होते बलदेव की बदबू उसे ज्यादा परेशान नहीं करेगी! रात के करीब दो बजे हुए थे और मीर जाफर की खूबसूरत बेगम रजिया अपनी सब मान मर्यादा ताक पर रख कर एक गुलाम से मिलने जा रही थी! मौसम आज भी बेहद खराब था और आकाश में काले बादल मंडरा रहें थे!

रजिया का दिल बेहद तेजी से धड़क रहा था और सांसे जोर जोर से चल रहीं थी! रजिया अंधेरी रात का फायदा उठाती हुई उस तरफ मूड गई जिधर बलदेव रहता था और सामने सड़क पर उसे कोई नजर नहीं आया क्योंकि राज्य के मुख्य द्वार पर जलती हुई मशाल हल्की रोशन कर रही थी!

रजिया को हैरानी हुई कि आज कोई भी पहरा क्यों नहीं दे रहा है लेकिन उसे क्या उसके लिए तो अच्छा ही था ! रजिया ने हिजाब की ठीक से अपनी नाक पर बांधा और रजिया उसी पतली गली में मुड़ गई जिसमें वो उस दिन बलदेव के साथ खड़ी हुई थी! रजिया जैसे ही गली के कोने पर पहुंची तो उसे सामने गली के कोने पर एक परछाई नजर आई तो रजिया समझ गई कि ये बलदेव ही हैं!

बलदेव ने जैसे ही कदमों की आहट सुनी तो काली स्याह रात में वो गली में खुशी से घुस गया क्योंकि वो जानता था रजिया आ गई है तो बोला:"

" मुझे आज पूरा यकीन था कि आप जरूर आएगी!

रजिया का दिल बलदेव को अपने पास पाकर जोर से धड़क उठा और धीरे से कांपती हुई आवाज में बोली:"

" आखिर क्यों तुम्हे इतना यकीन था बलदेव ?

बलदेव अब धीरे से उसके और करीब आ गया और दोनों बिलकुल एक दूसरे के सामने खड़े हुए थे जिससे बलदेव को रजिया की जोर से चलती सांसे साफ सुनाई दे रही थी और बोला:"

" हमे यकीन था क्योंकि आप बेगम होने के साथ साथ एक नेक दिल औरत भी हैं! सबसे बड़ी बात आज की काली स्याह रात में आपको कोई देख भी नहीं सकता है!

रजिया को अब हल्की बदबू महसूस होनी शुरू हो गई थी तो धीरे से बोली:"

" तुम्हारी हमारी जान बचाई थी बलदेव और हमे लगा कि तुम हमारा इंतजार कर रहे होंगे तो इसलिए आना ही पड़ा मुझे! वैसे एक पूछूं?

बलदेव :" जी जरूर पूछिए ?

रजिया ने अपने पास छुपी हुई माचिस को चिराग जलाने के लिए निकाला और बोली:"

" आज पहरे पर कोई भी सैनिक क्यों नहीं हैं? और मशाल भी कम जली हुई है!

बलदेव:" वो मैने सब आपके लिए किया हैं ताकि कोई आपको आते हुए न देखे! वैसे भी तीन सैनिक आज काली स्याह रात का फायदा उठाते हुए अपनी महबूबा से मिलने गए हैं!

बल्देव की बात सुनकर रजिया का दिल जोर से धड़क उठा और उसने सोचा कि कहीं बलदेव ये न सोच रहा हो कि मैं भी उसकी महबूबा हु जो रात में उससे मिलने आई हु! रजिया ने धीरे से माचिस को जलाया और अगले ही पल चिराग जल उठा तो गली रोशनी से नहा उठी तो बलदेव जल्दी से बोला:"

" ये क्या गजब कर रही हैं आप! जल्दी से उसे बंद कीजिए अगर किसी ने देख लिया तो गजब हो जाएगा!

रजिया भी डर गई तो उसने चिराग को बिल्कुल धीमा कर दिया और उससे निकलती हुई खुशबु की वजह से अब उसे ज्यादा बदबू का एहसास नहीं हो रहा था तो बलदेव भी सारी कहानी समझ गया और बोला:"

" बेगम साहिब यहां चिराग जलाना ठीक नहीं है! आप मेरे साथ आइए एक सुरक्षित जगह है पास ही!

इतना सुनकर बलदेव चल पड़ा तो रजिया को समझ नहीं आया कि क्या करे लेकिन उसके कदम अपने आप बलदेव के पीछे चल पड़े और तभी जैसे आसमान खुल गया और जोरदार बारिश शुरू हो गई! बलदेव तेजी से चल पड़ा और एक किले के अंदर घुस गया तो पीछे पीछे रजिया भी तेजी से चलती हुई किले में घुस गई और रजिया पूरी तरह से भीग गई थी और उसके बदन से पानी नीचे गिर रहा था!

किले में अन्दर जाते ही बलदेव ने वहां लगी दोनों मशालों को जला दिया और पूरा कक्ष रोशनी से भर उठा तो किले में मानो कयामत आ गई क्योंकि पूरी तरह से भीग चुकी रजिया का जिस्म सूती कपड़ों में पूरी तरह से पारदर्शी हो गया था और बलदेव की नजर जैसे ही रजिया के जिस्म पर पड़ी तो बलदेव को सबसे पहले रजिया की पपीते के आकार की गोल मटोल ठोस चूचियां नजर आई और रजिया को जैसे ही रोशनी में अपनी हालत का एहसास हुआ तो वो शर्म से पानी पानी हो गई और दोनो हाथों से अपने मुंह को धक लिया और धीरे से कांपती हुई बुदबुदा उठी

" हाय अम्मी ये क्या गजब हो गया!

रजिया की सांसे डर और शर्म से बुरी तरह से उखड़ गई थी जिससे उसकी चूचियां बलदेव को ललचा रही थी और निप्पल भी पूरी तरह से तनकर अपना सिर उठा चुके थे तो बलदेव आगे बढ़ा और रजिया के बिल्कुल करीब हो गया और उसकी चूचियों को बिल्कुल करीब से देखा तो बलदेव भूल गया कि वो एक गुलाम है और रजिया उसे बस एक कामुक औरत नजर आई और उसने अपने एक हाथ को रजिया के कंधे पर रखा तो रजिया एक झटके के साथ पलट गई और लगभग तड़पते हुए सी कांपती हुई आगे बढ़ गई और बोली:"

" आह नहीं बलदेव!! ये गुनाह होगा ! हमे स्पर्श मत कीजिए!

रजिया के पलटने से उसकी चिकनी कटावदार भरावदार कमर सामने आ गई और बलदेव की नजरे नीचे उसके पिछवाड़े पर पड़ी तो बलदेव रजिया की बड़ी गोल मटोल मोटी चौड़ी गान्ड को देखते ही मदहोश हो गया और बलदेव ने आगे बढ़कर फिर से उसके कंधे पर सख्ती से हाथ रखा तो रजिया को लगा उसके कंधे पर मानो कोई पत्थर का टुकड़ा रख दिया और मन ही मन बलदेव की ताकत और कठोरता की कायल हो उठी और

" आह बलदेव मत भूलो कि तुम एक गुलाम हो!

बलदेव को लगा कि रजिया नाराज हो गई है तो उसने एकदम से अपना हाथ पीछे हटा लिया और बोला:"

" माफ कीजिए बेगम साहिब लेकिन मैं तो ये कहना चाह रहा था कि आप अपना चिराग जला लीजिए!

रजिया को बलदेव की बात सुनकर बदबू का एहसास हुआ वरना वासना उसके सिर पर इस कदर चढ़ गई थी कि उसे बलदेव की बदबू महसूस ही नहीं हो रही थी! रजिया फिर से पलटी और चिराग को मशाल के पास जलाने लगी लेकिन उसका हाथ गया तो उसने बड़ी उम्मीद से बलदेव की तरफ देखा जो उसकी सांसों के साथ उछलती हुई चूचियों को देख रहा था और धीरे से नजरे नीचे करती हुई बोली:"

" हमारी मदद करो न बलदेव! देखो न हमारा हाथ मशाल नहीं पहुंच पा रहा है!

बलदेव ने बिना देर किए एक झटके के साथ किसी गुड़िया की तरह रजिया को गोद में उठा लिया तो रजिया मचल सी उठी और बोली:"

" आह बलदेव हमने गोद में उठाने के लिए थोड़े ही कहा था! नीचे उतारो हमे!

बलदेव इतनी आसानी से मौका छोड़ने वाला नहीं था तो बोला:"

" आपने ही कहा था कि आपका हाथ नहीं जा रहा था तो अभी देखिए चला जाएगा!

रजिया ने हाथ आगे बढ़ाया तो मशाल थोड़ा सा दूर रह गई तो उसकी गोद में थोड़ा आगे को झुकी तो बलदेव का भैंस के खूंटे जैसा मजबूत लन्ड रजिया की गांड़ के बीच में घुस गया और रजिया की सांसे उखड़ गई और उसकी चूचियों में कड़ापन आ गया और इस कदर उछल लड़ी मानो एक एक दूसरे से रेस लगा रही हो तो रजिया पागल सी होती हुई बोली:"

" जल्दी से नीचे उतारो हमे नहीं जलाना कोई चिराग विराग! हमे अब तेज बदबू आ रही है!

बलदेव को मौके की नजाकत को समझते हुए दूसरे हाथ से मशाल को रजिया के बिल्कुल पास कर दिया तो रजिया ने चिराग को जला दिया और जैसे ही चिराग से मादक खुशबु आई तो रजिया ने चैन की सांस ली और बोली:"

" बस चिराग जल गया बलदेव! अब हमें नीचे उतार दीजिए!

चिराग जलने के बाद जैसे ही रजिया पीछे को हुई तो मशाल को वापिस रखने के लिए बलदेव आगे को हुआ जिससे बलदेव का लन्ड पहली बार रजिया की चूत से टकरा गया और रजिया के जिस्म को मानो बिजली का जोरदार झटका लगा और जल्दी से उसकी गोद से उतर गई! बलदेव ने मशाल को वापिस रखा और रजिया की चुचियों को देखते हुए बोला:"

" चिराग जल गया आपका! अब तो आपको हमसे बदबू नहीं आएगी न बेगम साहिब!

रजिया को लगा कि बलदेव बुरा मान गया है तो बोली;"

" ऐसा न कहो बलदेव! हमसे सच में बदबू बर्दाश्त नहीं होती है

बलदेव:" आप ही बताए न इसमें मेरा क्या कुसूर है बेगम साहिब!!

रजिया को उससे सहानुभूति हुई और बोली:" हम समझते है बलदेव! तुम हमें बार बार बेगम साहिब क्यों बोलते हो? हमे अच्छा नहीं लगता!

बलदेव को रजिया की सहानुभूति हासिल करने का अच्छा मौका मिला और एकदम से बोला:"

" एक गुलाम आखिर आपको बेगम साहिब ही तो कहेगा न!

रजिया का दिल तड़प उठा और बोली:" ऐसा न सोचो बलदेव! तुमने हमने छुआ तो हम भला क्या करते!

बलदेव अब फिर से रजिया के करीब आ गया था और बोला:"

" हमसे गलती ही है बेगम साहिब लेकिन आप हैं ही इतनी खूबसूरत कि हमारे हाथ अपने आप आगे बढ़ गए!

रजिया अपनी तारीफ सुनकर इठलाती हुईं बोली:" फिर से बेगम साहिब कहा तो हम नाराज हो जाएंगे तुमसे बलदेव!

बलदेव उसके बिल्कुल करीब आ गया तो रजिया ने नजरें झुका ली तो बलदेव ने रजिया का हाथ पकड़ लिया और बोला:"

" तो फिर क्या कहे आपको ?

रजिया ने एक झटके से अपना हाथ छुड़ा लिया और एक झटके के साथ दूर जा खड़ी हुई और बोली:"

" रजिया बोलो बस! हमे अच्छा लगेगा!

बलदेव को लगा था कि रजिया हाथ पकड़ने से नाराज हो गई थी लेकिन उसने सिर्फ रजिया बोलने के लिए कहा तो उसकी हिम्मत फिर से बढ़ गई और फिर से उसके करीब आ गया और बोला:"

" रजिया आप सच में बेहद खूबसूरत हैं! हमे तो यकीन नहीं होता कि आप आधी रात को हमसे मिलने आती हैं चोरी चोरी!

रजिया को अब बिल्कुल भी बदबू नहीं आ रही थीं बल्कि बलदेव की बाते उसे बेहद पसंद आ रही थी तो उसके जिस्म में फिर से उत्तेजना का संचार होना शुरू हो गया और बोली:"

" यकीन क्यों नहीं होता बलदेव जबकि हम तो आपके सामने खड़े हुए हैं!

बलदेव ने सोच ही लिया था कि वो रजिया को फंसा कर रहेगा तो बोला:" कहां आप दुनिया की सबसे खूबसूरत बेगम साहिब और कहां में काला गुलाम जिसके बदन से भी बदबू आती हैं इतनी ज्यादा!

रजिया बलदेव की चाल का शिकार हो गई और रजिया ने सहानुभुति दिखाते हुए खुद से बलदेव का हाथ पकड़ लिया और बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव हमे दुख होता है! हम तो तुम्हे गुलाम नहीं समझते!

बलदेव ने खुशी खुशी रजिया के हाथ को थाम लिया और उसे सहलाते हुए बोला:"

" फिर क्या समझते हो आप हमें रजिया?

रजिया अब उसकी बातों से पिघल रही थी जिससे उसकी चूचियां बलदेव पर कहर ढा रही थी! रजिया ने इधर उधर देखा और बोली:"

" अब हम चलते है बलदेव! किसी ने हमे देख लिया तो हमारी मौत तय है!

बलदेव:" ऐसा न कहे रजिया! यहां मेरी मर्जी के बिना कोई नहीं आ सकता! बताए न आखिर आप हमें क्या समझती हैं?

इतना कहकर बलदेव ने रजिया को थोड़ा सा अपने करीब खींचा तो दोनो के चेहरे बिल्कुल सामने आ गए और रजिया शर्म से लाल हो गई और धीरे से कांपती हुई बोली:"

"हम आपको अपना दोस्त मानते हैं बलदेव!

बलदेव ने अब अपने दोनों हाथों को रजिया के कंधों पर रख दिया और प्यार से बोला:"

" फिर दोस्त से ये पर्दा कैसा? क्या हमें आपका चांद सा खूबसूरत चेहरा देखने का हक नहीं है क्या?

रजिया उसके मजबूत हाथों के स्पर्श से पिघल उठी और चूचियों के निप्पल अकड़कर तन गए लेकिन रजिया दिखावा करती हुई बोली:"

" आहआह ह ह नहीं बलदेव हम सिर्फ मीर जाफर की अमानत है! पराए मर्द को दिखाना गुनाह होगा!

बलदेब रजिया की कांपती आवाज और मचलते हुए जिस्म से उसकी सब हालत समझ गया था तो रजिया के कंधों को प्यार से सहलाया और बोला:"

" दोस्त बनाकर भी पराया कर दिया हमे! आखिर में हम गुलाम ही ठहरे!

रजिया तड़प सी उठी और मचलते हुए बोली:" आह बलदेव किसी को पता चल गया तो हम मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे!

बलदेव समझ गया था कि रजिया को ज्यादा आपत्ति नहीं है बस झिझक और डर हैं तो बोला:"

" एक बार हमारी आंखों में देखिए क्या आपको बलदेव पर भरोसा नहीं है रजिया?

रजिया की सांसे अब पूरी रफ्तार से चल रहीं थी जिससे उसकी चूचियां ज्वार भाटे की तरह ऊपर नीचे गिर रही थी! रजिया के पूरे जिस्म में खुमारी छाई हुई थी और जैसे ही उसने नजरे उठाई तो बलदेव को उसकी वासना में डूबी हुई लाल सुर्ख आंखे दिखाई दी और रजिया धीरे से बोली:"

" हमे आप पर पूरा भरोसा है बलदेव तभी तो अपनी मान मर्यादा सब कुछ दांव पर लगा कर आपसे मिलने आए है!

बलदेव ने अब रजिया को कंधे से पकड़कर अपनी तरफ खींचा तो रजिया की उछलती हुई चूचियां उसके सीने से आ लगी और रजिया जोर से सिसक उठी तो बलदेव बोला:

" जब भरोसा है तो दिखाए न अपना चांद सा खूबसूरत चेहरा हमे रजिया!

रजिया बलदेव के सीने से लगी हुई अपनी चूचियों पर बलदेव की छाती की कठोरता महसूस कर रही थीं और उसे आज पहली बार एहसास हो रहा था कि असली मर्द क्या होता है! बलदेव ने एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया तो रजिया पूरी तरह से उसके कब्जे में आ गई और मचलती हुई बोली:"

" आह नहीं बलदेव! हमसे नहीं हो पाएगा!

बलदेव ने उसके सूट के अंदर हाथ डालते हुए उसकी नंगी कमर को छुआ और बोला:"

" बोलो न रजिया क्या नहीं हो पाएगा आपसे ?

रजिया बलदेव का हाथ अपनी नंगी कमर पर पड़ते ही आपे से बाहर चली गई और इस बार उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकी निकल पड़ी :"

" हमसे नकाब नहीं हटाया जाएगा! तुम्हे जो करना है करो!

बलदेव पूरी तरह से रजिया को पागल करना चाह रहा था तो उसकी कमर को अपनी सख्त पत्थर जैसी हथेली से रगड़ते हुए बोला:"

" साफ साफ बोलिए न रजिया! मैं इतना समझदार नहीं हु !

रजिया के तन बदन में आग लगी हुई थी और काम वासना से शोला बनी झूमती हुई बोली:"

" तुम्हे देखना है तो खुद देख लो हमारा चेहरा हाय बलदेव मैं मर जाऊंगी!

बलदेव ने बिना देर किए उसके नकाब को हटा दिया तो रजिया का जगमगाता हुआ नूर सा रोशन चेहरा बलदेव की आंखों के सामने आ गया


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और रजिया शर्म के मारे उससे कसकर लिपट गई और बलदेव ने भी पहली बार बिना किसी डर के पूरी ताकत से रजिया को अपनी बांहों में समेट लिया और उसका मुंह ऊपर उठाते हुए अपने होंठो को उसके होंठों की तरह बढ़ा दिया तो रजिया ने दूसरी तरफ मुंह घूमा दिया जिससे उसके होंठ रजिया के गाल पर पड़े और बलदेव ने उसके गाल को मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगा तो रजिया पागल सी हो गई और बलदेव ने एक हाथ से उसके मुंह को अपनी तरफ घुमाना चाहा तो रजिया ने विरोध किया तो बलदेव ने उसकी भावना का सम्मान करते हुए उसके होंठों पर अपनी उंगली फेर दी तो वासना में डूबी हुईं रजिया के होंठ अपने आप खुल गए और बलदेव की मोटी काली उंगली उसके मुंह में दाखिल हो गई और रजिया ने उसकी उंगली को चूसना शुरू कर दिया! रजिया की आंखे मस्ती से बंद थी और उसे एहसास हो रहा था कि बलदेव के हाथ की सिर्फ उंगली ही मीर जाफर के लन्ड से मोटी थी तो इसका लन्ड कितना मोटा ज्यादा मोटा होगा! मैं इसके लन्ड को कभी भी अपने अंदर नहीं ले पाऊंगी ये सोचते ही रजिया शर्म से पानी पानी हो गई और एक झटके के साथ उसकी पकड़ से छूट गई और बाहर की तरफ तेजी से चल पड़ी! वहीं बलदेव को समझा नहीं आया कि रजिया को एकदम से क्या हुआ तो पीछे आते हुए हुआ:"

" क्या हुआ रजिया ! ऐसे क्यों नाराज हो गई क्या इस गुलाम से कोई गलती हो गई है?

रजिया ने लगभग भागते हुए अपने दुपट्टे को अपने सिर पर रखा और उसकी तरफ देखते हुए बोली:"

" ऐसा न कहो बलदेव! हमे जाना ही होगा दिन भी तो निकलने वाला ही हैं !

बलदेव उसके करीब आ गया तो रजिया तेजी से भागती हुई एक तरफ मूड गई तो बलदेव समझ गया कि अब रजिया नहीं रुकेगी तो प्यार से बोला:"

" कल आओगी न रजिया ? मैं यहीं आपका इंतजार करूंगा!

रजिया दीवार के साइड में खड़ी हो गई और चेहरा आगे करके बलदेव को देखती हुई बोली

" नहीं आऊंगी बिल्कुल भी नहीं आऊंगी! तुम मुझे बहुत परेशान करते करते हो!

इतना कहकर रजिया मुस्कुराते हुए पलटी और बलदेव को देखते हुए भगाती चली गई !


भागती हुई रजिया के पीछे से बलदेव बोला:"

" मैं आपका सारी रात यही इंतजार करूंगा क्योंकि मैं आपकी खूबसूरती को जी भरकर देखना चाहता हूं और मैं जानता हूं कि आप जरूर आएगी

रजिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन बलदेव की बात सुनकर उसकी चाल में आई मादकता बलदेव के लिए इशारा थी कि रजिया जरूर आएगी!

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Lovely, lusty,sexy and spicy writings!
 
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