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Horror किस्से अनहोनियों के

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Shetan

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Bahut shandar update Shetan ji long update dene ke liye dhanyawaad waise to apne update mei sabhi sawalo ke jawab de diye h.
बहोत बहोत धन्यवाद. आप मेरी इस स्टोरी पर भी आए. और मेरा होशला बढ़ाया. Saya एक फैंटासी हॉरर स्टोरी है. और किस्से हकीकत घटनाओं पर आधारित कहानी है. मुजे इस स्टोरी के लिए सपोर्ट की बहोत ज्यादा जरुरत थी. Lot of thanks.
Site ne ek message ko kai baar post kr diya 😅
कोई बात नहीं.
Waise rohit hypnotize ya freeze kaise ho gya
Hypnotize krne ka koi medium to hota h na
रोहित नहीं रौनक. दरसल हिप्नोटाइज मतलब की वशीकरण. जब की देखा जाए तो वशीकरण के कई प्रकार है. जिसमे से एक है नजर बंद. और नजर बंध का ही इंग्लिश ट्रांसलेट हिप्नोटाइज होता है.

मेरे कहने का मतलब है की यह हिप्नोटाइज से बड़े लेवल का है. इसे सम्मोहन विधया कहते है. जिसे इंडिया मे ज्यादा मयोंग असम वाले करते है. और यह वशीकरण का हाई क्वालिटी का सब्जेक्ट माना जाता है.

रौनक को सामने रखी प्रतिमा के जरिये सम्मोहित किया गया. इसमें तंत्रा जादू लगता है.
 

Shetan

Well-Known Member
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Seen@12

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बहोत बहोत धन्यवाद. आप मेरी इस स्टोरी पर भी आए. और मेरा होशला बढ़ाया. Saya एक फैंटासी हॉरर स्टोरी है. और किस्से हकीकत घटनाओं पर आधारित कहानी है. मुजे इस स्टोरी के लिए सपोर्ट की बहोत ज्यादा जरुरत थी. Lot of thanks.

कोई बात नहीं.

रोहित नहीं रौनक. दरसल हिप्नोटाइज मतलब की वशीकरण. जब की देखा जाए तो वशीकरण के कई प्रकार है. जिसमे से एक है नजर बंद. और नजर बंध का ही इंग्लिश ट्रांसलेट हिप्नोटाइज होता है.

मेरे कहने का मतलब है की यह हिप्नोटाइज से बड़े लेवल का है. इसे सम्मोहन विधया कहते है. जिसे इंडिया मे ज्यादा मयोंग असम वाले करते है. और यह वशीकरण का हाई क्वालिटी का सब्जेक्ट माना जाता है.

रौनक को सामने रखी प्रतिमा के जरिये सम्मोहित किया गया. इसमें तंत्रा जादू लगता है.
Ji dhanyabad
 
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Seen@12

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Aap
बहोत बहोत धन्यवाद. आप मेरी इस स्टोरी पर भी आए. और मेरा होशला बढ़ाया. Saya एक फैंटासी हॉरर स्टोरी है. और किस्से हकीकत घटनाओं पर आधारित कहानी है. मुजे इस स्टोरी के लिए सपोर्ट की बहोत ज्यादा जरुरत थी. Lot of thanks.

कोई बात नहीं.

रोहित नहीं रौनक. दरसल हिप्नोटाइज मतलब की वशीकरण. जब की देखा जाए तो वशीकरण के कई प्रकार है. जिसमे से एक है नजर बंद. और नजर बंध का ही इंग्लिश ट्रांसलेट हिप्नोटाइज होता है.

मेरे कहने का मतलब है की यह हिप्नोटाइज से बड़े लेवल का है. इसे सम्मोहन विधया कहते है. जिसे इंडिया मे ज्यादा मयोंग असम वाले करते है. और यह वशीकरण का हाई क्वालिटी का सब्जेक्ट माना जाता है.

रौनक को सामने रखी प्रतिमा के जरिये सम्मोहित किया गया. इसमें तंत्रा जादू लगता है.
Aap itni achi story likh rhi h hm itna to kr hi skte h
 
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lovelesh

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Update 41


कोमल आगे और किस्सा सुन ना चाहती थी. मगर उनकी बस गांव के अंदर एंटर कर चुकी थी. अफ़सोस की वो आगे कोई किस्सा सुन नहीं पाई. बस उसी आश्रम के आगे ही रुकी. और सब बस से उतरने लगे. इसी बिच दाई माँ ने सबको खास हिदायत दे दी.


दाई माँ : रे कोउ सीधा भीतर मत चले जइयो. मरेठा ते आए हो. पहले नीम पानी को कुल्ला करो तब जाकर नाह धो के भीतर जइयो.
(कोई सीधा घर के अंदर मत जाना. पहले नीम पानी का कुल्ला करना उसके बाद नहा धो कर फिर अंदर जाना.)


दाई माँ के पास खड़ी कोमल ने भी यह सुनी. और उसे अपने पिता के मृत्यु के वक्त के किस्से की याद आई. कैसे उसके पिता को समशान पहोंचाने के बाद आए लोगो को नीम पानी का कुल्ला करवाया जा रहा था. कोमल दाई माँ की बात सुनकर डॉ रुस्तम की तरफ गई. और वो भी उसे आते देख समझ गए की कोई सवाल ही है. जिसे पूछने कोमल उसके सामने आकर खड़ी हो गई.


कोमल : यह शमशान घाट से आने के बाद लोग नीम पानी से कुल्ला हाथ मुँह क्यों धोते है. क्या कोई लॉजिक है??


डॉ : बिलकुल. सारे रीवाज पुराने लोगो ने सोच समझ कर ही बनाए है. यह तुम दोनों तरह से सोच सकती हो. वैसे साइंटिफिक कारण देखो तो एक मरी हुई बॉडी मे क्या रोग है. यह कोई नहीं जानता. जैसे जैसे बॉडी जलती है. वैसे वैसे उसमे पनप ने वाले बैक्टीरिया या फिर और कोई जीव उस बॉडी को छोड़ते है. फिर वहां जब तुम होते हो तो जरुरी तो नहीं की सिर्फ वही बॉडी वहां होंगी.

वहां अनजानी बॉडी भी तो आती है. वैसे ही आध्यात्मिक तरीके से देखा जाए तो यह किसी को इनविटेशन देने से बचना है. मतलब की आप किसी अनजानी शक्तियों को नकार रहे हो. यह टोटका नहीं रीवाज है.


कोमल सोच मे डूबी हुई थी. तभि उसे दाई माँ ने पुकारा.


दाई माँ : चल री बावड़ी. नाहय के सोजा. नेक देर.


कोमल दाई माँ के साथ चल दी. उसने भी दाई माँ के साथ पहले वही रिचवल्स किए. और फिर औरतों की नहाने की जगह ले गई. पहले कोमल नहाई. और वो अपने कपडे समेट ने के लिए झूकी.


दाई माँ : डट जा री. कपडे जई छोड़ दे.


कोमल ने कपड़ो को हाथ भी नहीं लगाया था की वो खड़ी हो गई. उसने चेंज कर लिया था. और वो कुरता पजामा पहने हुए थी. वो पुराना वक्त सोचने लगी. जब उसके पिता की मृत्यु हुई थी. उसके मामा जब समशान से लौटे तो उसकी मामी ने बहार बरामदे मे नहाने का प्रबंध किया था. और उसकी मामी उसके मामा के कपडे बहार ही उतरवाकर उन्हें धो कर खुद नहाकर घर मे घुसी थी.

तब उसकी छोटी बहन हेमा ने उसकी मामी से सवाल किया था. कोमल यह सवाल दिल मे दबाए ही चली गई. वही दाई माँ अपने और कोमल दोनों के कपडे धोए. और फिर खुद नहाकर आई. बलबीर अलग मर्दो के साथ सोया. वो खुद ही यह सब रिचुअल्स कर चूका था. क्यों की वो कारण भले ही ना जानता हो.

पर उसे रिवाज का पता था. वही दाई माँ कोमल के साथ सो गई. कोमल की आंख खुली तब दिन के 10 बज रहे थे. जब वो उठी तो उसके रूम मे वो अकेली ही थी. कोमल तैयार होकर नहा धो कर बहार निकली. दाई माँ, बलबीर, डॉ रुस्तम और उनकी पार्टी सब बड़े से बाद के पेड़ के नीचे चेयर डालकर बैठे बाते कर रहे थे.

कोमल भी उनके पास पहोच गई. कोमल के आते ही सतीश खड़ा हो गया. उसने कोमल के लिए अपनी चेयर खाली कर दी. कोमल ने उसे स्वीकार किया. और चेयर को दाई माँ और डॉ रुस्तम के बिच खिंच कर बैठ गई.


कोमल : (स्माइल) तो केसी कटी रात. आप सब की??


डॉ : (स्माइल) अभी तो सब अच्छा ही हो रहा है. थोड़ी देर पहले आती. हमने अभी ही चाय पी. अब सायद ख़तम हो गई होंगी.


कोमल के आते ही बलबीर खड़ा हो गया था. और वो डॉ रुस्तम की टीम ने जहा अपनी वान के पास छोटा सा लंगर चलाया था. वहां पहोच कर चाय ले आया. और आते ही उसने कोमल को चाय दी. दाई माँ ने एक बार बलबीर को देखा और एक बार कोमल को देख कर शारारत भरी स्माइल की. कोमल शर्मा गई. वही सतीश और उसकी टीम दोनों को छेड़ने लगे.


सतीश & टीम : (स्माइल) ह्म्म्मम्म..... ममममम......


बलबीर को भी शर्म आ गई. और वो दए बाए देखने लगा.


दाई माँ : (स्माइल) वाह लाली. जे तो तेरो बढ़िया खयाल रखे है. एक काम कर. ज्याते ब्याह कर ले.
(वाह बेटी. ये तो तेरा बढ़िया खयाल रखता है. एक काम कर. इस से शादी कर ले.)


कोमल : (स्माइल) इससससस... छोडो ना माँ.


कुछ पल माहोल शांत रहा. कोमल ने डॉ रुस्तम की तरफ देखा. नसीब से वो भी कोमल को ही देख रहे थे. क्यों की वो जानते थे की कोमल कुछ ना कुछ जरूर पूछेगी.


कोमल : वो औरत... अरे उसकी दादी.. क्या नाम था उसका...... हा कुकू. तो वो भी उस डॉल के जरिये ही अपने पोते पोतियों पर अटैक कर रही थी. पर क्या किसी भुत प्रेत के बिना भी ऐसा हो सकता है???


डॉ : वूडू... ऐसे सिर्फ वुडू के जरिये नहीं होता. इसमें तंत्रा मंत्र के जरिये किसी एक ऐसी एनर्जी की मदद ली जाती है. जिसे उसने पहले से सिद्ध की हुई हो.


कोमल : तो यह एनर्जी कैसे सिद्ध होती है.


डॉ : साधना और उसके रिचुअल्स के जरिए. कोई भी पॉजिटिव ओर नेगेटिव एनर्जी को सिद्ध किया जा सकता है. उनसे फिर जो भी शर्त रखी हो. जो भी वादे लिए गए हो. या दिए गए हो. उन्हें पूरा करवाने के बाद हम उनसे कोई भी काम ले सकते है.


कोमल : क्या कहा?? पॉजिटिव ओर नेगेटिव दोनों ही एनर्जी को सिद्ध किया जा सकता है???


डॉ : हा नेगेटिव मतलब की कोई भुत पिशाज या फिर कोई जिन्न. या कोई आत्मा हो. जिसे मुक्ति ना मिली हो. जो वक्त से पहले मर गए हो. उनसे कई तांत्रिक ओझा काम ले सकते है.


कोमल : और पॉजिटिव एनर्जी को कैसे???


डॉ : किसी देवी देवता का मंत्र जाप कर के उनकी साधना कर के ही उन्हें भी सिद्ध किया जाता है. वैसे तो किसी भी नेगेटिव एनर्जी को भी मंत्रो के जरिये ही सिद्ध किया जाता है.


कोमल : तो क्या नेगेटिव एनर्जी के भी मंत्र होते है???


डॉ : हा होते है. और वो मंत्र भी ऊपर वाले के जरिये ही होते है.


कोमल : पर ऊपर वाला ऐसे गलत काम को कैसे करने दे सकता है.


डॉ रुस्तम और दाई माँ दोनों ही थोड़ासा हस दिए.


डॉ : तंत्रा मंत्र मे बहोत ताकत होती है. यह सब बने तो अच्छे काम के लिए थे. पर कई लोग इसका गलत इस्तेमाल करते है. इस से कइयों की जिंदगी बन जाती है. और कइयों की तो ऐसी बर्बाद होती है की मौत के बाद भी चैन नहीं आता.


कोमल : क्या सच मे?? तंत्रा मंत्र के जरिये किसी को बर्बाद भी किया जाता है.


डॉ रुस्तम कोमल के सामने हेरत से देखते है. क्यों की वो भी जानते थे की कोमल तंत्रा मंत्र की ताकत समझती है. पर कोई स्टोरी सुन ने के लिए नाटक कर रही है. मगर फिर भी डॉ रुस्तम उसे एक स्टोरी सुनते है. क्यों की कोमल को वो अपने साथ शामिल करना चाहते थे.


डॉ : अभी पिछली साल ही मेरे पास केस आया था. कुछ कॉलेज के बच्चे कोई ड्रामा की तैयारी कर रहे थे. यह केस रौनक और राहुल का था. जो दोनों ही सगे भाई है.


तभि बिच मे दाई माँ ने डॉ रुस्तम को रोक दिया.


दाई माँ : हे रीन दे. दो दीना ते यही भुत प्रेतन के किस्से सुन रई है.
(रहने दे. दो दिन से भुत प्रेतो के किस्से ही सुन रही है)


दाई माँ के बोलने पर तुरंत ही मानो सन्नाटा छा गया. सभी चुप हो गए. कोमल कुछ पल सोचती रही. उसने अनुभव किया की डॉ रुस्तन भी दाई माँ की बात नहीं टालते. तभि सन्नाटे को कोमल ने ही तोड़ा. वो चाहकते हुए मुश्कुराते हुए बोली.


कोमल : (स्माइल) माँ तो मेरे साथ मेरे घर जाने वाली है.


सभी के फेस पर स्माइल आ गई.


डॉ : माँ तो बाय एयर जाएगी नहीं. ट्रैन से जाओ तो रात 9 बजे की ट्रैन है.


कोमल ने तुरंत अपना मोबाइल निकला


कोमल : मै रिजर्वेशन कर देती हु.


कोमल अपने मोबाइल मे रिजर्वेशन साइट देखने लगी. तभि उसने अपना मुँह बिगाड़ा.


कोमल : अरे..... यह क्या हुआ. कितना वेटिंग है. लगता है रिजर्वेशन नहीं होगा.


कोमल ने दाई माँ की तरफ देखा.


कोमल : (रिक्वेस्ट) माँ...... फ्लाइट मे चलो ना.


दाई माँ : हे तू काए फिकर कर रई ए. तोए मे ले चालुंगी.
(तू क्यों फिकर कर रही है. तुझे मै ले चलूंगी ना.)

कोमल : (सॉक) पर कैसे????


डॉ : (स्माइल) जब माँ ने बोल दिया तो मान लो. वो तुम्हे बहोत आराम से ले जाएगी.


कोमल के दिल मे हालचल पैदा हो गई. और वो दाई माँ की तरफ देखने लगी. दाई माँ ने कही से बीड़ी निकली थी. और वो जलाने वाली ही थी की कोमल उन्हें पुकार ने लगी.


कोमल : (सॉक) माँ...


बाकि सब को तो कोमल की हालत पर हसीं आने लगी. लेकिन दाई माँ जानती थी की अब कोमल उसका भेजा खाएगी. वो भी थोड़ा भड़क गई. और डॉ रुस्तम की तरफ देखती है.


दाई माँ : हे याए कछु सुना दे. (इसे कुछ सुना दे.)


बाकि सब और कोमल हसने लगी. बाकि सब तो कोमल झेल लेती. पर कोमल किस्सा सुन ना नहीं छोड़ती. उसे इसी मे ज्यादा मझा आता था. वो डॉ रुस्तम की तरफ स्माइल किए देखती है. और वो भी किस्सा सुना ना स्टार्ट करते है.
दाई माँ का किरदार जबरदस्त है। और उनकी खड़ी बोली, मानो पढ़ते पढ़ते दिमाग में फिल्म चलती रहती है।
पर जैसे फिल्मों के बीच में ब्रेक्स अच्छे नहीं लगते, वैसे ही अपडेट्स के बीच में गैप्स अच्छे नहीं लगते।
इसीलिए आप कहानी सुनाते जाओ प्लीज।
A

Update 41


कोमल आगे और किस्सा सुन ना चाहती थी. मगर उनकी बस गांव के अंदर एंटर कर चुकी थी. अफ़सोस की वो आगे कोई किस्सा सुन नहीं पाई. बस उसी आश्रम के आगे ही रुकी. और सब बस से उतरने लगे. इसी बिच दाई माँ ने सबको खास हिदायत दे दी.


दाई माँ : रे कोउ सीधा भीतर मत चले जइयो. मरेठा ते आए हो. पहले नीम पानी को कुल्ला करो तब जाकर नाह धो के भीतर जइयो.
(कोई सीधा घर के अंदर मत जाना. पहले नीम पानी का कुल्ला करना उसके बाद नहा धो कर फिर अंदर जाना.)


दाई माँ के पास खड़ी कोमल ने भी यह सुनी. और उसे अपने पिता के मृत्यु के वक्त के किस्से की याद आई. कैसे उसके पिता को समशान पहोंचाने के बाद आए लोगो को नीम पानी का कुल्ला करवाया जा रहा था. कोमल दाई माँ की बात सुनकर डॉ रुस्तम की तरफ गई. और वो भी उसे आते देख समझ गए की कोई सवाल ही है. जिसे पूछने कोमल उसके सामने आकर खड़ी हो गई.


कोमल : यह शमशान घाट से आने के बाद लोग नीम पानी से कुल्ला हाथ मुँह क्यों धोते है. क्या कोई लॉजिक है??


डॉ : बिलकुल. सारे रीवाज पुराने लोगो ने सोच समझ कर ही बनाए है. यह तुम दोनों तरह से सोच सकती हो. वैसे साइंटिफिक कारण देखो तो एक मरी हुई बॉडी मे क्या रोग है. यह कोई नहीं जानता. जैसे जैसे बॉडी जलती है. वैसे वैसे उसमे पनप ने वाले बैक्टीरिया या फिर और कोई जीव उस बॉडी को छोड़ते है. फिर वहां जब तुम होते हो तो जरुरी तो नहीं की सिर्फ वही बॉडी वहां होंगी.

वहां अनजानी बॉडी भी तो आती है. वैसे ही आध्यात्मिक तरीके से देखा जाए तो यह किसी को इनविटेशन देने से बचना है. मतलब की आप किसी अनजानी शक्तियों को नकार रहे हो. यह टोटका नहीं रीवाज है.


कोमल सोच मे डूबी हुई थी. तभि उसे दाई माँ ने पुकारा.


दाई माँ : चल री बावड़ी. नाहय के सोजा. नेक देर.


कोमल दाई माँ के साथ चल दी. उसने भी दाई माँ के साथ पहले वही रिचवल्स किए. और फिर औरतों की नहाने की जगह ले गई. पहले कोमल नहाई. और वो अपने कपडे समेट ने के लिए झूकी.


दाई माँ : डट जा री. कपडे जई छोड़ दे.


कोमल ने कपड़ो को हाथ भी नहीं लगाया था की वो खड़ी हो गई. उसने चेंज कर लिया था. और वो कुरता पजामा पहने हुए थी. वो पुराना वक्त सोचने लगी. जब उसके पिता की मृत्यु हुई थी. उसके मामा जब समशान से लौटे तो उसकी मामी ने बहार बरामदे मे नहाने का प्रबंध किया था. और उसकी मामी उसके मामा के कपडे बहार ही उतरवाकर उन्हें धो कर खुद नहाकर घर मे घुसी थी.

तब उसकी छोटी बहन हेमा ने उसकी मामी से सवाल किया था. कोमल यह सवाल दिल मे दबाए ही चली गई. वही दाई माँ अपने और कोमल दोनों के कपडे धोए. और फिर खुद नहाकर आई. बलबीर अलग मर्दो के साथ सोया. वो खुद ही यह सब रिचुअल्स कर चूका था. क्यों की वो कारण भले ही ना जानता हो.

पर उसे रिवाज का पता था. वही दाई माँ कोमल के साथ सो गई. कोमल की आंख खुली तब दिन के 10 बज रहे थे. जब वो उठी तो उसके रूम मे वो अकेली ही थी. कोमल तैयार होकर नहा धो कर बहार निकली. दाई माँ, बलबीर, डॉ रुस्तम और उनकी पार्टी सब बड़े से बाद के पेड़ के नीचे चेयर डालकर बैठे बाते कर रहे थे.

कोमल भी उनके पास पहोच गई. कोमल के आते ही सतीश खड़ा हो गया. उसने कोमल के लिए अपनी चेयर खाली कर दी. कोमल ने उसे स्वीकार किया. और चेयर को दाई माँ और डॉ रुस्तम के बिच खिंच कर बैठ गई.


कोमल : (स्माइल) तो केसी कटी रात. आप सब की??


डॉ : (स्माइल) अभी तो सब अच्छा ही हो रहा है. थोड़ी देर पहले आती. हमने अभी ही चाय पी. अब सायद ख़तम हो गई होंगी.


कोमल के आते ही बलबीर खड़ा हो गया था. और वो डॉ रुस्तम की टीम ने जहा अपनी वान के पास छोटा सा लंगर चलाया था. वहां पहोच कर चाय ले आया. और आते ही उसने कोमल को चाय दी. दाई माँ ने एक बार बलबीर को देखा और एक बार कोमल को देख कर शारारत भरी स्माइल की. कोमल शर्मा गई. वही सतीश और उसकी टीम दोनों को छेड़ने लगे.


सतीश & टीम : (स्माइल) ह्म्म्मम्म..... ममममम......


बलबीर को भी शर्म आ गई. और वो दए बाए देखने लगा.


दाई माँ : (स्माइल) वाह लाली. जे तो तेरो बढ़िया खयाल रखे है. एक काम कर. ज्याते ब्याह कर ले.
(वाह बेटी. ये तो तेरा बढ़िया खयाल रखता है. एक काम कर. इस से शादी कर ले.)


कोमल : (स्माइल) इससससस... छोडो ना माँ.


कुछ पल माहोल शांत रहा. कोमल ने डॉ रुस्तम की तरफ देखा. नसीब से वो भी कोमल को ही देख रहे थे. क्यों की वो जानते थे की कोमल कुछ ना कुछ जरूर पूछेगी.


कोमल : वो औरत... अरे उसकी दादी.. क्या नाम था उसका...... हा कुकू. तो वो भी उस डॉल के जरिये ही अपने पोते पोतियों पर अटैक कर रही थी. पर क्या किसी भुत प्रेत के बिना भी ऐसा हो सकता है???


डॉ : वूडू... ऐसे सिर्फ वुडू के जरिये नहीं होता. इसमें तंत्रा मंत्र के जरिये किसी एक ऐसी एनर्जी की मदद ली जाती है. जिसे उसने पहले से सिद्ध की हुई हो.


कोमल : तो यह एनर्जी कैसे सिद्ध होती है.


डॉ : साधना और उसके रिचुअल्स के जरिए. कोई भी पॉजिटिव ओर नेगेटिव एनर्जी को सिद्ध किया जा सकता है. उनसे फिर जो भी शर्त रखी हो. जो भी वादे लिए गए हो. या दिए गए हो. उन्हें पूरा करवाने के बाद हम उनसे कोई भी काम ले सकते है.


कोमल : क्या कहा?? पॉजिटिव ओर नेगेटिव दोनों ही एनर्जी को सिद्ध किया जा सकता है???


डॉ : हा नेगेटिव मतलब की कोई भुत पिशाज या फिर कोई जिन्न. या कोई आत्मा हो. जिसे मुक्ति ना मिली हो. जो वक्त से पहले मर गए हो. उनसे कई तांत्रिक ओझा काम ले सकते है.


कोमल : और पॉजिटिव एनर्जी को कैसे???


डॉ : किसी देवी देवता का मंत्र जाप कर के उनकी साधना कर के ही उन्हें भी सिद्ध किया जाता है. वैसे तो किसी भी नेगेटिव एनर्जी को भी मंत्रो के जरिये ही सिद्ध किया जाता है.


कोमल : तो क्या नेगेटिव एनर्जी के भी मंत्र होते है???


डॉ : हा होते है. और वो मंत्र भी ऊपर वाले के जरिये ही होते है.


कोमल : पर ऊपर वाला ऐसे गलत काम को कैसे करने दे सकता है.


डॉ रुस्तम और दाई माँ दोनों ही थोड़ासा हस दिए.


डॉ : तंत्रा मंत्र मे बहोत ताकत होती है. यह सब बने तो अच्छे काम के लिए थे. पर कई लोग इसका गलत इस्तेमाल करते है. इस से कइयों की जिंदगी बन जाती है. और कइयों की तो ऐसी बर्बाद होती है की मौत के बाद भी चैन नहीं आता.


कोमल : क्या सच मे?? तंत्रा मंत्र के जरिये किसी को बर्बाद भी किया जाता है.


डॉ रुस्तम कोमल के सामने हेरत से देखते है. क्यों की वो भी जानते थे की कोमल तंत्रा मंत्र की ताकत समझती है. पर कोई स्टोरी सुन ने के लिए नाटक कर रही है. मगर फिर भी डॉ रुस्तम उसे एक स्टोरी सुनते है. क्यों की कोमल को वो अपने साथ शामिल करना चाहते थे.


डॉ : अभी पिछली साल ही मेरे पास केस आया था. कुछ कॉलेज के बच्चे कोई ड्रामा की तैयारी कर रहे थे. यह केस रौनक और राहुल का था. जो दोनों ही सगे भाई है.


तभि बिच मे दाई माँ ने डॉ रुस्तम को रोक दिया.


दाई माँ : हे रीन दे. दो दीना ते यही भुत प्रेतन के किस्से सुन रई है.
(रहने दे. दो दिन से भुत प्रेतो के किस्से ही सुन रही है)


दाई माँ के बोलने पर तुरंत ही मानो सन्नाटा छा गया. सभी चुप हो गए. कोमल कुछ पल सोचती रही. उसने अनुभव किया की डॉ रुस्तन भी दाई माँ की बात नहीं टालते. तभि सन्नाटे को कोमल ने ही तोड़ा. वो चाहकते हुए मुश्कुराते हुए बोली.


कोमल : (स्माइल) माँ तो मेरे साथ मेरे घर जाने वाली है.


सभी के फेस पर स्माइल आ गई.


डॉ : माँ तो बाय एयर जाएगी नहीं. ट्रैन से जाओ तो रात 9 बजे की ट्रैन है.


कोमल ने तुरंत अपना मोबाइल निकला


कोमल : मै रिजर्वेशन कर देती हु.


कोमल अपने मोबाइल मे रिजर्वेशन साइट देखने लगी. तभि उसने अपना मुँह बिगाड़ा.


कोमल : अरे..... यह क्या हुआ. कितना वेटिंग है. लगता है रिजर्वेशन नहीं होगा.


कोमल ने दाई माँ की तरफ देखा.


कोमल : (रिक्वेस्ट) माँ...... फ्लाइट मे चलो ना.


दाई माँ : हे तू काए फिकर कर रई ए. तोए मे ले चालुंगी.
(तू क्यों फिकर कर रही है. तुझे मै ले चलूंगी ना.)

कोमल : (सॉक) पर कैसे????


डॉ : (स्माइल) जब माँ ने बोल दिया तो मान लो. वो तुम्हे बहोत आराम से ले जाएगी.


कोमल के दिल मे हालचल पैदा हो गई. और वो दाई माँ की तरफ देखने लगी. दाई माँ ने कही से बीड़ी निकली थी. और वो जलाने वाली ही थी की कोमल उन्हें पुकार ने लगी.


कोमल : (सॉक) माँ...


बाकि सब को तो कोमल की हालत पर हसीं आने लगी. लेकिन दाई माँ जानती थी की अब कोमल उसका भेजा खाएगी. वो भी थोड़ा भड़क गई. और डॉ रुस्तम की तरफ देखती है.


दाई माँ : हे याए कछु सुना दे. (इसे कुछ सुना दे.)


बाकि सब और कोमल हसने लगी. बाकि सब तो कोमल झेल लेती. पर कोमल किस्सा सुन ना नहीं छोड़ती. उसे इसी मे ज्यादा मझा आता था. वो डॉ रुस्तम की तरफ स्माइल किए देखती है. और वो भी किस्सा सुना ना स्टार्ट करते है.
 
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Update 43


डॉ रुस्तम कहानी सुना ने के बाद पानी पी रहे थे. और कोमल बेचैनी से उन्हें देख रही थी. पानी पिने के कारण डॉ रुस्तम के गले की गुट्टी ऊपर निचे होते हुए हिल रही थी. जैसे उन्होंने पानी पीना ख़तम किया और कोमल की तरफ देखा. कोमल ने बिलकुल देर नहीं की. तपाक से अपना सवाल कर दिया.


कोमल : उनके साथ हो क्या रहा था??


डॉ : (रुस्तम) अरे बाबा रुको. अभी ख़तम नहीं हुआ. वो दोनों भाई रौनक और राहुल वहां से भाग निकले. वैसे तो वो सही रास्ते पर थे. लेकिन उन्हें इतना होश ही नहीं था. उन्हें तो बस वहां से दूर जाना था. राहुल बाइक चला रहा था. की तभि चलाते चलाते उसे एक मंदिर दिखा. जो उसे आते हुए भी दिखा था. केसरी रंग का वो मंदिर H/मान जी का था. राहुल ने देर नहीं की.

वो सीधा अपनी बाइक उसी मंदिर पर ले गया. की तभि उसके मोबइल पर कॉल आने लगे. राहुल ने देखा की उसके मोबाइल पर बहोत सारे मिस कॉल थे. भावना,पावनी, और रचना तीनो के. उस वक्त जीका कॉल आ रहा था. वो पावनी का था. अब राहुल को लगा की उसने उन दोनों लड़कियों को तो कुछ बताया ही नहीं. वो कॉल पिक करता है.


पावनी : हेलो राहुल तुम हमें छोड़ कर कहा चले गए. यहाँ भावना की मम्मी ने कितना बखेड़ा कर दिया. वो रो रही है. ऐसा क्या किया तुमने.


राहुल : (घबराहट) तुम तुम निकलो वहां से जल्दी..


तभि पावनी के हाथो से भावना की मम्मी ने फोन छीन लिआ.


भावना की मम्मी : बेटा बेटा वापस आ जाओ बेटा. देखो ऐसे पूजा छोड़ के नहीं जाते. नहीं तो अनर्थ हो जाएगा.


राहुल : हम तो भावना पर भरोसा कर के आए थे. पर तुम कुछ गलत कर रही थी. देखो उन लड़कियों को वहां से भेज दो. वरना मै पुलिस मे रिपोर्ट लिखा दूंगा.


भावना की मम्मी : अरे नहीं नहीं बेटा.. ऐसा कुछ....


राहुल ने तुरंत फोन काट दिया. और अपने भाई रौनक को लेकर मंदिर चले गया. वहां एक पुजारी मिले. राहुल ने सारी बाते पुजारी जी को बताई. वहां एक हेडपम्प था. पुजारी ने उन्हें नहाने के लिए कहा. दोनों भाई नहाए. पुजारी कोई तंत्रा नहीं जानता था. उसने सिर्फ चालिसा और आरती की. उनपर पानी छिड़का. और प्रसाद खिलाया. जिस से उनकी दिमागी हालत पर अच्छा असर हुआ. और वो दोनों हॉस्टल वापस आ गए.


डॉ रुस्तम जानते थे की कोमल सवाल पूछना चाहती है. और कोमल ने सवाल तुरंत ही पूछ लिया.


कोमल : और वो दो लड़किया???


डॉ : नहीं उन्हें कुछ नहीं हुआ. वो आराम से उसी वक्त अपने घर वापस आ गई. पर कुछ वक्त तक डिलीद्रता उनके घर भी रही. क्यों की उन्होंने भावना के घर पानी पिया था. और भावना काफ़ी वक्त से उन सब को कुछ ना कुछ खिला रही थी. जिसके कारण उनका पैसो से लेकर घर की सुख शांति पर असर हो रहा था. उनकी पूजा भी मेने ही की थी.


कोमल : (सॉक) उनकी भी मतलब???


डॉ : हा हा उनकी भी मतलब रौनक और राहुल के मम्मी पापा लम्बे अरसे से मेरे क्लाइंट है.


कोमल थोड़ा शारारत से मुस्कुराई. क्यों की काम पैसे लेकर किया जा रहा है. कोई दान पुण्य नहीं. मतलब की डॉ रुस्तम बिजनेस ही कर रहे है. पर इसमें उसे कोई बुराई नहीं लगी. लेकिन कोमल के सवाल तो शुरू हुए थे. ख़तम नहीं. वो तुरंत अगला सवाल पूछ ही लेती है.


कोमल : लेकिन उसने उनपर किया क्या था. और क्यों???


डॉ : वशीकरण का उम्दा तंत्रा सम्मोहन क्रिया. जिस की चपेट मे से निकलना तो लगभग ना मुमकिन ही होता है. और वो सारी क्रिया उस औरत ने सिर्फ अपने बेटे जिसका नाम निशांत था. उसे ठीक करने के लिए किया था. मतलब की वो अपने बेटे की बीमारी रौनक और राहुल मे ट्रांसफर करना चाहती थी. ताकि उसका बेटा ठीक हो जाए.


कोमल : (सॉक) क्या ऐसा भी हो सकता है??


डॉ रुस्तम हस पड़े.


डॉ : (स्माइल) तंत्र मंत्र मे तुम जो सोच नहीं सकती. वो भी हो सकता है. कुछ भी.


कोमल कुछ पल सोच मे पड़ गई. और डॉ रुस्तम कोमल के अगले सवाल का इंतजार कर रहे थे.


कोमल : तो फिर वो बचे कैसे. मतलब की वो राहुल को होश आया था. मतलब की उसका मुँह कड़वा कैसे हुआ.


डॉ : हम्म्म्म... अब जाकर सही सवाल किया है. दरसल उसे उसके पुरखो ने बचाया. उसके पूर्वजो के कारण ही उसकी जान बची.


कोमल : पर कैसे??? यह तो बताओ.


डॉ : राहुल रौनक को लेकर होस्टेल आ गया. और उसने तुरंत ही अपने घर जयपुर कॉल किया. उसने अपने माँ बाप को पूरा किस्सा सुना दिया. वहां उसके माँ बाप ने उसे जयपुर आने को कहा. और मुजे कॉल कर दिया. पर मै बहार था. कही और. इस किए मै दो दिन बाद गया. उनकी मनहूसियत हटाने के लिए मेने हवन भी किया.

तब रौनक और राहुल की माँ के शरीर मे उनके पूर्वज आए. एकदम से उसकी माँ ने बाल खोले. आंखे एकदम लाल. उन्होंने जो नाम बताया. तो पता चला की वो उनके दादाजी के भी दादाजी थे. वो रौनक पर चिल्लाय.


पूर्वज : क्यों गया था उसके घर. तुझे पता है वो कयों ले गई थी तुझे??


रौनक एकदम से रोने लगा. मेने उसके पिता को हिसारा दिया. तो उन्होंने पूछा.


पापा : जी वो कौन थी. और क्या चाहती थी???


पूर्वज : वो रौनक पर मरण कर रही थी. और अपने बेटे की बीमारी रौनक पर डाल रही थी. यह तो राहुल वहां आ गया. वो लढा. मगर उसने भी हार मान ली. मेने उसे बचाया. इसका मुँह कड़वा किया. और इसे होश मे लाया. वो लड़की इसे रोज कुछ खिलाती रहती थी. इसका इलाज करवाओ. नहीं तो यह बहोत बीमार पड़ जाएगा. मरण क्रिया इसपर से छू कर गई.


उसके पूर्वज ने मेरी तरफ देखा. और मुजे बताते मेरी समस्या ख़तम कर दी.


पूर्वज : शाम क्रीमा किया है इसपर.


वो लड़की रोज सब को कुछ खिलाती थी. उसे मंत्रित कर के लाती थी. मेने जब पूजा की तो उन्होंने वोमिटिंग की. सबसे ज्यादा रौनक पर असर था. क्यों की उसे वो ज्यादा खिलाती थी. रौनक की वोमिटिंग मे काले गंदे कीड़े जो गटर मे होते है वो निकले. और वोमिटिंग मे तो इतनी बुरी बदबू आ रही थी. जैसे गटर का पानी निकल रहा हो. उसके बाद मेने राहुल का भी वैसे ही इलाज किया.

उसके अंदर से भी सिर्फ एक कीड़ा निकला. वो दोनों ठीक हो गए. बाद मे उन तीन लड़किया ( पावनी, सुलेखा, और रचना) ने भी मुझसे कॉन्टेक्ट किया. मेने उनका भी इलाज किया. सुलेखा नाम की लड़की पर तो दूसरा भी एक तंत्रा किया था. उसने सुलेखा को रास्ते से हटाने की कोसिस इस किए की. क्यों की वो रौनक को पसंद करती थी.


कोमल : तो यह कोनसी बीमारी है किडो वाली??


डॉ : यह मरण क्रिया की एक ऐसी क्रिया है. जिसमे इंसान को पता भी नहीं चलेगा. और उसके शरीर मे अंदर गंदे कीड़े पनपने लगेंगे. और उसे अंदर से खाने लगेंगे. कुछ 3,4 साल मे वो भयानक बीमारी से मर जाएगा.


कोमल :मरण क्रिया तो बहोत ही ख़तरनाक है.


डॉ : मरण क्रिया सच मे बहोत खरनाक होती है. और यह कई प्रकार की होती है. हांडी,मुठ, मशाल बहोत ही तरीके की होती है.


कोमल : इसमें तो कोई भुत प्रेत की जरुरत ही नहीं. ऐसे ही इंसान को मारा जा सकता है.


डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. किसी भी पैरानॉर्मल एनर्जी को सिद्ध कर लो. चाहे कोई प्रेत, पिशाज, कोई पूर्वज या कोई देवी देवता. उन्हें सिद्ध करके ही यह क्रिया की जाती है. इनके तोड़ के बारे मे बाद मे बताऊंगा.


कोमल : तो उस औरत ने किस के जरिये वो किया था. मतलब वो प्रतिमा??? वो कौन से देवता थे???


डॉ रुस्तम हस पड़े.


डॉ : वो कोई देवता नहीं थे. वो किसी के पूर्वज ही थे. या तो उनका परिवार उन्हें पूजता नहीं होगा. या तो पूरा परिवार मर चूका होगा. उस औरत ने उन्हें भोग देना शुरू किया. पूजना शुरू किया. बदले मे वो इनके काम करने लगा. एक प्रेत ही था वो.


कोमल : ओह्हह..


डॉ रुस्तम हसने लगे.


डॉ : (स्माइल) अब बस करो. अगर माई के साथ जाना है तो शाम की तैयारी करो. रात की ट्रैन है तुम्हारी.


कोमल ऐसे कैसे मान जाती.


कोमल : बस लास्ट सवाल. वो गमले क्या चीज थे. मतलब की जरुरत से ज्यादा पानी देना. वगेरा????


डॉ : वो उस प्रेत को पूजने के लिए. उसे खुश करने के लिए बली दे रही थी. मतलब के किसी भी जीव के नवजात शिशु की हत्या. जरुरत से ज्यादा खिला पिलाकर. या फिर भूखा प्यासा रख कर उसे मरने के लिए छोड़ा जाता. जिस से मरने के बाद उस जीव की आत्मा वही रहे. और अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए उनके काम करते रहे.


कोमल को यह सुनकर सॉक लगा.


कोमल : (सॉक) क्या?? पर पेड़ पौधों की आत्मा को भी???


डॉ : हार जीव. जिसमे जान होती है. जानवर, पेड़ पौधे. और अगर इंसान का बच्चा मिल जाए तो बहोत कुछ होता है. अब प्लीज अभी कोई सवाल नहीं. पहले जाने की तैयारी करो. क्यों की मुजे भी शाम को ट्रैन पकड़नी है. मुजे भी फ्लाइट नहीं मिल रही.


डॉ रुस्तम की बात पर सभी हसने लगे. और कोमल तुरंत खड़ी होती शारारत से आश्रम के उस रूम की तरफ जाने लगी. वो ज्यादा खुश इस लिए थी. क्यों की दाई माँ उसके घर आ रही थी.
शानदार, जबरदस्त, जिंदाबाद।
जैसे प्यासे को पानी मिलता है, वैसे आपके अपडेट्स से हमे सुकून मिलता है।
पर तलब कुछ ऐसी है कि जितना मिले उतना कम है।
 
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अभी तो कोमल किस्से कहानियां ही सुनती जा रही है, आशा है कि जल्दी ही वो डॉ रुस्तम या दाई माँ के साथ किसी केस (जैसे स्कूल वाला) पर भी काम करेगी।

हालाँकि दाई माँ के साथ रहते उस पर कोई आंच तो नहीं आ सकती, पर कहानी को रोमांचक बनाने के लिए उसे कुछ जटिल परिस्थितियों में उलझाया जा सकता है, जिसमें डर/दहशत या जान का खतरा हो।

वैसे श्मशान घाट पर उसे किसी ने पीछे से पुकारा था, पर उसका आगे कुछ हुआ नहीं। आपने उसे हल्के में ही निपटा दिया, पर आप चाहते तो वह (दाई माँ के चेताने के बाद भी) गलती से पीछे मुड़ सकती थी जिससे एक नई समस्या (और हमारे लिए कहानी) बन सकती थी।

वैसे मैने बचपन में एक किस्सा सुना था जिसमें गांव का एक पटेल तंत्र विद्या करता था रात में सबसे छुप कर सुनसान में अपने शरीर पर आग लगा कर, और उसे कुछ नहीं होता था। पर एक दिन किसी ने उसे देख लिया, उस रात तो वो डर के मारे कुछ नहीं बोला, और पटेल को भी कुछ नहीं हुआ। बाद में वो अपने दोस्त को ये बात बताता है, और वो दोनों पटेल का पीछा करते हैं। और उस रात जब पटेल अपने आप को आग लगाता है तो ये दोनों दोस्त जोर जोर से चिल्लाने लगते हैं "पटेल जल गया, पटेल जल गया।" और उस रात पटेल वाकई में जल कर मर जाता है।

शायद अपने भी ऐसा कुछ सुना होगा। कुछ बताइए अगर सुना हो तो।
 
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Shetan

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Aap

Aap itni achi story likh rhi h hm itna to kr hi skte h
एक बार फिर से बहुत-बहुत धन्यवाद.
 

Shetan

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शानदार, जबरदस्त, जिंदाबाद।
जैसे प्यासे को पानी मिलता है, वैसे आपके अपडेट्स से हमे सुकून मिलता है।
पर तलब कुछ ऐसी है कि जितना मिले उतना कम है।
बहोत बहोत धन्यवाद.
अभी तो कोमल किस्से कहानियां ही सुनती जा रही है, आशा है कि जल्दी ही वो डॉ रुस्तम या दाई माँ के साथ किसी केस (जैसे स्कूल वाला) पर भी काम करेगी।

हालाँकि दाई माँ के साथ रहते उस पर कोई आंच तो नहीं आ सकती, पर कहानी को रोमांचक बनाने के लिए उसे कुछ जटिल परिस्थितियों में उलझाया जा सकता है, जिसमें डर/दहशत या जान का खतरा हो।

वैसे श्मशान घाट पर उसे किसी ने पीछे से पुकारा था, पर उसका आगे कुछ हुआ नहीं। आपने उसे हल्के में ही निपटा दिया, पर आप चाहते तो वह (दाई माँ के चेताने के बाद भी) गलती से पीछे मुड़ सकती थी जिससे एक नई समस्या (और हमारे लिए कहानी) बन सकती थी।

वैसे मैने बचपन में एक किस्सा सुना था जिसमें गांव का एक पटेल तंत्र विद्या करता था रात में सबसे छुप कर सुनसान में अपने शरीर पर आग लगा कर, और उसे कुछ नहीं होता था। पर एक दिन किसी ने उसे देख लिया, उस रात तो वो डर के मारे कुछ नहीं बोला, और पटेल को भी कुछ नहीं हुआ। बाद में वो अपने दोस्त को ये बात बताता है, और वो दोनों पटेल का पीछा करते हैं। और उस रात जब पटेल अपने आप को आग लगाता है तो ये दोनों दोस्त जोर जोर से चिल्लाने लगते हैं "पटेल जल गया, पटेल जल गया।" और उस रात पटेल वाकई में जल कर मर जाता है।

शायद अपने भी ऐसा कुछ सुना होगा। कुछ बताइए अगर सुना हो तो।
मै कही से भी केसी भी स्टोरी बना सकती हु. पर मकशद यह नहीं है. आप काल्पनिक किरदारों से अशली किस्से पढ़ राहे हो. यानि की यह हर किस्सा पहले किसी के साथ घटित हो चूका है.
 
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