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Incest कभी सोचा नहीं था ऐसा होगा

Kailash yadv

कभी सोचा नहीं था ऐसा होगा
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इसके बाद उसी शाम हमारे हस्बैंड जब से घर वापस आ गए इसलिए मैं बहुत खुश थी क्योंकि कंपनी के काम से 4 दिन से बाहर में थे फिर शाम को मैं सबके लिए खाना बनाई और सभी लोगों ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारी कर रहे थे तभी मैंने हस्बैंड से कहा आज मां जी हमको डॉक्टर के पास जाने के लिए कह रहे थे और साथ में आपको भी चलने के लिए बोल रही थी तभी हस्बैंड मेरे ऊपर गुस्सा होते हुए कहने कहने लगे की यार तुम फिर वही बात लेकर बैठ गई अभी मैं बाहर से थक कर आया हूं और बच्चा जब होने का होगा हो जाएगा इसमें इतनी जल्दी क्या है तो मैंने कहा कि मैं थोड़ी अपने मन से कह रही हूं ओ तो माझी कह रही थी इसलिए मैं आपको बोली तो फट से उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मां को समझा नहीं सकती तो मैं भी कहा कि मैं नहीं समझ सकती आप ही समझाइए तो उन्होंने कहा ठीक है ठीक है मैं मां से बात कर लूंगा जब टाइम मिलेगा तो फिर उसके बाद वह सो गए और मेरी आंखों से नींद गायब थी क्योंकि मैंने जो सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि हर एक पत्नी चाहती है कि हर उसके पति के साथ प्यार मोहब्बत वाली बातें हो और खास करके तब जब उसका पति बाहर से बहुत दिनों के बाद आया हो और मैं भी ऐसा ही चाहती हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा था हमारे बीच आज 15 दिन हो चुके थे हमारे बीच सेक्स हुए और सेक्स की बात करें तो हमारे बीच में हफ्ते में एक बार भी सेक्स हो जाए तो बहुत वह भी जब मैं अपनी तरफ से कोशिश करूं तो वरना वह भी नहीं होता अब आप लोग भी सोच रहे होंगे कि जब हमारे बीच सेक्स ही नहीं होगा तो बच्चा कहां से होगा मैं तो अपनी तरफ से कोशिश कर रही हूं लेकिन अब मैं कर ही क्या सकती हूं और यही सब सोते हुए मैं भी सो गई और जब मैं सुबह 5:00 सो कर उठी तो देखा कि पापा मेरे ससुर जी उठ करजॉगिंग पर चले गए थे और सासू मां अभी भी सो रही थी और मैं घर की साफ सफाई करके नहाने के लिए चली गई और नहा के आने के बाद मैं पूजा की पूजा करने के बाद में पापा जी के लिए चाय बनाने चली गई क्योंकि पापा जब जॉगिंग पर से आते हैं तो पहले चाय पीते हैं तब तक सासू मां भी उठ चुकी थी और मेरे हस्बैंड अभी तक सो रहे थे क्योंकि वह 8:00 के बाद ही उठते हैं क्योंकि उनको 11:00 बजे ऑफिस जाना होता है और फिर पापा भी जॉगिंग पर से आगे फिर मैं उनको चाय देने गई वह बालकोनी में बैठे हुए थे मैं जाकर टेबल पर चाय रख फिर मैं उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने मुझे सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया और फिर मेरी तारीफ करने लगी कहने लगे कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि तुम्हारी जैसी बहू मिली है तो मैं भी मुस्कुराते हुए उनको बोली कि मैंने क्या किया है तो उन्होंने कहा कि जो तुमने किया है वह कोई और दूसरी बहू नहीं कर सकती तो मैं उनसे बोली की आप मेरी ज्यादा तारीफ करेंगे तो मैं आपसे गुस्सा हो जाऊंगी तो उन्होंने कहा कि मेरी बहू मुझसे कभी गुस्सा नहीं हो सकती तो मैं कहीं की बहुत भरोसा है आपको अपनी बहू पर तो उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा भरोसा है मेरे अपने बहू पर आप तो ऐसे कह रहे हैं कि मेरे जैसी इस दुनिया में कोई और है ही नहीं मैं दुनिया की बात तो नहीं कर सकता लेकिन मैं अपनी बहू की बात कर सकता हूं क्योंकि मेरी बहू सर्वगुण संपन्न है तो मैं कहीं की ऐसा क्या है मुझ में तो वह कहने लगे वह सब है जो एक स्त्री में होनी चाहिए तो मैं कहीं की कोई एक खूबी तो बताइए मेरे अंदर क्या है तो उन्होंने कहा कि सर से पांव तक तक तुम खूबियों का खजाना हो तुम्हारे बाल नाक कान होता सभी खूबसूरत हैं और तुम्हारी बॉडी तुम्हारी कमर फिर मैं उनसे कहीं कुछ रह तो नहीं गया तारीफ करने के लिए तो वह मुझे देखने लगे तो मैं अपनी नज़रें झुका ली और मैं उनको तिरछी नजरों से देखने लगी तो मैंने देखा कि वह मेरे छाती को देख रहे थे और मुझे शर्म आने लगी और फिर उन्होंने कहा की तारीफ करने के लिए तो और बहुत है लेकिन अभी नहीं बाद में बताऊंगा और मैं वहां से जाने लगी तो उन्होंने मुझे आवाज दी और कहां अरे बेटा के कप तो लेती जा चाय तो मैंने पी ली है और मैं कप लेने के लिए मुड़ी तो वह मुझे कप और प्लेट उठा कर देने लगे तो जैसे ही मैं प्लेट पड़ी मेरे हाथ से छूटकर नीचे गिर गई और वह टूट गई और मैं डर गई और मैं उनको सॉरी बोलने लगी तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं बेटा ऐसा होता है और मैं टुकड़ों को उठाने लगी और मुझे हंसी नहीं रहा कि मेरे साड़ी के पल्लू सर और कंधे से नीचे गिर गई थी जैसे ही मैंने ऊपर की ओर देखा तो पाया कि पापा मुझे ही देख रहे थे और मैंने झट से अपनी पल्लू सर पर रखी और उठकर जाने लगी और मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि पापा मुझे इस तरह से देख रहे थे

इसके बाद उसी शाम हमारे हस्बैंड जब से घर वापस आ गए इसलिए मैं बहुत खुश थी क्योंकि कंपनी के काम से 4 दिन से बाहर में थे फिर शाम को मैं सबके लिए खाना बनाई और सभी लोगों ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारी कर रहे थे तभी मैंने हस्बैंड से कहा आज मां जी हमको डॉक्टर के पास जाने के लिए कह रहे थे और साथ में आपको भी चलने के लिए बोल रही थी तभी हस्बैंड मेरे ऊपर गुस्सा होते हुए कहने कहने लगे की यार तुम फिर वही बात लेकर बैठ गई अभी मैं बाहर से थक कर आया हूं और बच्चा जब होने का होगा हो जाएगा इसमें इतनी जल्दी क्या है तो मैंने कहा कि मैं थोड़ी अपने मन से कह रही हूं ओ तो माझी कह रही थी इसलिए मैं आपको बोली तो फट से उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मां को समझा नहीं सकती तो मैं भी कहा कि मैं नहीं समझ सकती आप ही समझाइए तो उन्होंने कहा ठीक है ठीक है मैं मां से बात कर लूंगा जब टाइम मिलेगा तो फिर उसके बाद वह सो गए और मेरी आंखों से नींद गायब थी क्योंकि मैंने जो सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि हर एक पत्नी चाहती है कि हर उसके पति के साथ प्यार मोहब्बत वाली बातें हो और खास करके तब जब उसका पति बाहर से बहुत दिनों के बाद आया हो और मैं भी ऐसा ही चाहती हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा था हमारे बीच आज 15 दिन हो चुके थे हमारे बीच सेक्स हुए और सेक्स की बात करें तो हमारे बीच में हफ्ते में एक बार भी सेक्स हो जाए तो बहुत वह भी जब मैं अपनी तरफ से कोशिश करूं तो वरना वह भी नहीं होता अब आप लोग भी सोच रहे होंगे कि जब हमारे बीच सेक्स ही नहीं होगा तो बच्चा कहां से होगा मैं तो अपनी तरफ से कोशिश कर रही हूं लेकिन अब मैं कर ही क्या सकती हूं और यही सब सोते हुए मैं भी सो गई और जब मैं सुबह 5:00 सो कर उठी तो देखा कि पापा मेरे ससुर जी उठ करजॉगिंग पर चले गए थे और सासू मां अभी भी सो रही थी और मैं घर की साफ सफाई करके नहाने के लिए चली गई और नहा के आने के बाद मैं पूजा की पूजा करने के बाद में पापा जी के लिए चाय बनाने चली गई क्योंकि पापा जब जॉगिंग पर से आते हैं तो पहले चाय पीते हैं तब तक सासू मां भी उठ चुकी थी और मेरे हस्बैंड अभी तक सो रहे थे क्योंकि वह 8:00 के बाद ही उठते हैं क्योंकि उनको 11:00 बजे ऑफिस जाना होता है और फिर पापा भी जॉगिंग पर से आगे फिर मैं उनको चाय देने गई वह बालकोनी में बैठे हुए थे मैं जाकर टेबल पर चाय रख फिर मैं उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने मुझे सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया और फिर मेरी तारीफ करने लगी कहने लगे कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि तुम्हारी जैसी बहू मिली है तो मैं भी मुस्कुराते हुए उनको बोली कि मैंने क्या किया है तो उन्होंने कहा कि जो तुमने किया है वह कोई और दूसरी बहू नहीं कर सकती तो मैं उनसे बोली की आप मेरी ज्यादा तारीफ करेंगे तो मैं आपसे गुस्सा हो जाऊंगी तो उन्होंने कहा कि मेरी बहू मुझसे कभी गुस्सा नहीं हो सकती तो मैं कहीं की बहुत भरोसा है आपको अपनी बहू पर तो उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा भरोसा है मेरे अपने बहू पर आप तो ऐसे कह रहे हैं कि मेरे जैसी इस दुनिया में कोई और है ही नहीं मैं दुनिया की बात तो नहीं कर सकता लेकिन मैं अपनी बहू की बात कर सकता हूं क्योंकि मेरी बहू सर्वगुण संपन्न है तो मैं कहीं की ऐसा क्या है मुझ में तो वह कहने लगे वह सब है जो एक स्त्री में होनी चाहिए तो मैं कहीं की कोई एक खूबी तो बताइए मेरे अंदर क्या है तो उन्होंने कहा कि सर से पांव तक तक तुम खूबियों का खजाना हो तुम्हारे बाल नाक कान होता सभी खूबसूरत हैं और तुम्हारी बॉडी तुम्हारी कमर फिर मैं उनसे कहीं कुछ रह तो नहीं गया तारीफ करने के लिए तो वह मुझे देखने लगे तो मैं अपनी नज़रें झुका ली और मैं उनको तिरछी नजरों से देखने लगी तो मैंने देखा कि वह मेरे छाती को देख रहे थे और मुझे शर्म आने लगी और फिर उन्होंने कहा की तारीफ करने के लिए तो और बहुत है लेकिन अभी नहीं बाद में बताऊंगा और मैं वहां से जाने लगी तो उन्होंने मुझे आवाज दी और कहां अरे बेटा के कप तो लेती जा चाय तो मैंने पी ली है और मैं कप लेने के लिए मुड़ी तो वह मुझे कप और प्लेट उठा कर देने लगे तो जैसे ही मैं प्लेट पड़ी मेरे हाथ से छूटकर नीचे गिर गई और वह टूट गई और मैं डर गई और मैं उनको सॉरी बोलने लगी तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं बेटा ऐसा होता है और मैं टुकड़ों को उठाने लगी और मुझे हंसी नहीं रहा कि मेरे साड़ी के पल्लू सर और कंधे से नीचे गिर गई थी जैसे ही मैंने ऊपर की ओर देखा तो पाया कि पापा मुझे ही देख रहे थे और मैंने झट से अपनी पल्लू सर पर रखी और उठकर जाने लगी और मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि पापा मुझे इस तरह से देख रहे थे

इसके बाद उसी शाम हमारे हस्बैंड जब से घर वापस आ गए इसलिए मैं बहुत खुश थी क्योंकि कंपनी के काम से 4 दिन से बाहर में थे फिर शाम को मैं सबके लिए खाना बनाई और सभी लोगों ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारी कर रहे थे तभी मैंने हस्बैंड से कहा आज मां जी हमको डॉक्टर के पास जाने के लिए कह रहे थे और साथ में आपको भी चलने के लिए बोल रही थी तभी हस्बैंड मेरे ऊपर गुस्सा होते हुए कहने कहने लगे की यार तुम फिर वही बात लेकर बैठ गई अभी मैं बाहर से थक कर आया हूं और बच्चा जब होने का होगा हो जाएगा इसमें इतनी जल्दी क्या है तो मैंने कहा कि मैं थोड़ी अपने मन से कह रही हूं ओ तो माझी कह रही थी इसलिए मैं आपको बोली तो फट से उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मां को समझा नहीं सकती तो मैं भी कहा कि मैं नहीं समझ सकती आप ही समझाइए तो उन्होंने कहा ठीक है ठीक है मैं मां से बात कर लूंगा जब टाइम मिलेगा तो फिर उसके बाद वह सो गए और मेरी आंखों से नींद गायब थी क्योंकि मैंने जो सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि हर एक पत्नी चाहती है कि हर उसके पति के साथ प्यार मोहब्बत वाली बातें हो और खास करके तब जब उसका पति बाहर से बहुत दिनों के बाद आया हो और मैं भी ऐसा ही चाहती हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा था हमारे बीच आज 15 दिन हो चुके थे हमारे बीच सेक्स हुए और सेक्स की बात करें तो हमारे बीच में हफ्ते में एक बार भी सेक्स हो जाए तो बहुत वह भी जब मैं अपनी तरफ से कोशिश करूं तो वरना वह भी नहीं होता अब आप लोग भी सोच रहे होंगे कि जब हमारे बीच सेक्स ही नहीं होगा तो बच्चा कहां से होगा मैं तो अपनी तरफ से कोशिश कर रही हूं लेकिन अब मैं कर ही क्या सकती हूं और यही सब सोते हुए मैं भी सो गई और जब मैं सुबह 5:00 सो कर उठी तो देखा कि पापा मेरे ससुर जी उठ करजॉगिंग पर चले गए थे और सासू मां अभी भी सो रही थी और मैं घर की साफ सफाई करके नहाने के लिए चली गई और नहा के आने के बाद मैं पूजा की पूजा करने के बाद में पापा जी के लिए चाय बनाने चली गई क्योंकि पापा जब जॉगिंग पर से आते हैं तो पहले चाय पीते हैं तब तक सासू मां भी उठ चुकी थी और मेरे हस्बैंड अभी तक सो रहे थे क्योंकि वह 8:00 के बाद ही उठते हैं क्योंकि उनको 11:00 बजे ऑफिस जाना होता है और फिर पापा भी जॉगिंग पर से आगे फिर मैं उनको चाय देने गई वह बालकोनी में बैठे हुए थे मैं जाकर टेबल पर चाय रख फिर मैं उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने मुझे सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया और फिर मेरी तारीफ करने लगी कहने लगे कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि तुम्हारी जैसी बहू मिली है तो मैं भी मुस्कुराते हुए उनको बोली कि मैंने क्या किया है तो उन्होंने कहा कि जो तुमने किया है वह कोई और दूसरी बहू नहीं कर सकती तो मैं उनसे बोली की आप मेरी ज्यादा तारीफ करेंगे तो मैं आपसे गुस्सा हो जाऊंगी तो उन्होंने कहा कि मेरी बहू मुझसे कभी गुस्सा नहीं हो सकती तो मैं कहीं की बहुत भरोसा है आपको अपनी बहू पर तो उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा भरोसा है मेरे अपने बहू पर आप तो ऐसे कह रहे हैं कि मेरे जैसी इस दुनिया में कोई और है ही नहीं मैं दुनिया की बात तो नहीं कर सकता लेकिन मैं अपनी बहू की बात कर सकता हूं क्योंकि मेरी बहू सर्वगुण संपन्न है तो मैं कहीं की ऐसा क्या है मुझ में तो वह कहने लगे वह सब है जो एक स्त्री में होनी चाहिए तो मैं कहीं की कोई एक खूबी तो बताइए मेरे अंदर क्या है तो उन्होंने कहा कि सर से पांव तक तक तुम खूबियों का खजाना हो तुम्हारे बाल नाक कान होता सभी खूबसूरत हैं और तुम्हारी बॉडी तुम्हारी कमर फिर मैं उनसे कहीं कुछ रह तो नहीं गया तारीफ करने के लिए तो वह मुझे देखने लगे तो मैं अपनी नज़रें झुका ली और मैं उनको तिरछी नजरों से देखने लगी तो मैंने देखा कि वह मेरे छाती को देख रहे थे और मुझे शर्म आने लगी और फिर उन्होंने कहा की तारीफ करने के लिए तो और बहुत है लेकिन अभी नहीं बाद में बताऊंगा और मैं वहां से जाने लगी तो उन्होंने मुझे आवाज दी और कहां अरे बेटा के कप तो लेती जा चाय तो मैंने पी ली है और मैं कप लेने के लिए मुड़ी तो वह मुझे कप और प्लेट उठा कर देने लगे तो जैसे ही मैं प्लेट पड़ी मेरे हाथ से छूटकर नीचे गिर गई और वह टूट गई और मैं डर गई और मैं उनको सॉरी बोलने लगी तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं बेटा ऐसा होता है और मैं टुकड़ों को उठाने लगी और मुझे हंसी नहीं रहा कि मेरे साड़ी के पल्लू सर और कंधे से नीचे गिर गई थी जैसे ही मैंने ऊपर की ओर देखा तो पाया कि पापा मुझे ही देख रहे थे और मैंने झट से अपनी पल्लू सर पर रखी और उठकर जाने लगी और मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि पापा मुझे इस तरह से देख रहे थे
कहानी कैसी लग रही है मुझे बताइए
 

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कभी सोचा नहीं था ऐसा होगा
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हेलो दोस्तों मेरा नाम निशा है और आज मैं आप सबको अपनी जिंदगी की सीक्रेट बताने जा रही हूं मेरी उम्र 24 साल है और मेरी शादी हो चुकी है मेरी शादी को आज 5 साल हो चुके हैं और मेरे पति का नाम विजय है और उनकी उम्र 30 साल है प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं अभी हमारा कोई बच्चा नहीं है अब आप समझेंगे कि हमने बच्चों की प्लानिंग नहीं की है हम लोग तो कोशिश कर रहे हैं कि एक बच्चा हो जाए लेकिन हो नहीं रहा है और इसी वजह से मेरे घर में मेरे सासू मां से मुझे बात सुनाई पड़ती है कि इतने साल हो गया अभी तक बच्चा क्यों नहीं हो रहा है आज ही मुझे मेरी सासू मां कह रही थी कि कोई डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करो तो मैं सासू मां से कहा कि मां जी मैं विजय से कितनी बार कहा कि चलो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराते हैं लेकिन वह मेरी बात सुनते ही नहीं है तो सासु मां ने कहा कि ठीक है मैं विजय से बात करती हूं इतने में मेरे ससुर जी वहां पर आ गए और मैं सोफे पर बैठी हुई थी तो तो मैं झट से उठकर साइड में खड़ी हो गई और पापा जी सोफे पर बैठते हुए उन्होंने पूछा कि क्या बात हो रही थी सास बहू में सासू मां कुछ बोलती इससे पहले मैं शर्मा के वहां से घर के अंदर चली गई एक बात तो आप लोगों को बताना भूल ही गई मेरे सासू मां और ससुर जी के बारे में मेरी सासू मां का नाम लक्ष्मी है और मेरे ससुर जी का नाम कर्नल रंजीत है ओ आर्मी में करनाल थे इसलिए उनको सब कर्नल साहब का कर बुलाते हैं और मैं भी उनकी बहुत इज्जत करती हूं और वह भी मुझे बहुत प्यार करते हैं मैं उनको पापा कह कर बुलाती हूं और वह मुझे निशा बेटी कह कर बुलाते हैं और उनकी उम्र 60 साल है और उनकी हाइट 6 फिट है और लंबे तगड़े हैंडसम है और हमारे घर में हम चार लोग ही हैं अब आते हैं कहानी पर
 
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हेलो दोस्तों मेरा नाम निशा है और आज मैं आप सबको अपनी जिंदगी की सीक्रेट बताने जा रही हूं मेरी उम्र 24 साल है और मेरी शादी हो चुकी है मेरी शादी को आज 5 साल हो चुके हैं और मेरे पति का नाम विजय है और उनकी उम्र 30 साल है प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं अभी हमारा कोई बच्चा नहीं है अब आप समझेंगे कि हमने बच्चों की प्लानिंग नहीं की है हम लोग तो कोशिश कर रहे हैं कि एक बच्चा हो जाए लेकिन हो नहीं रहा है और इसी वजह से मेरे घर में मेरे सासू मां से मुझे बात सुनाई पड़ती है कि इतने साल हो गया अभी तक बच्चा क्यों नहीं हो रहा है आज ही मुझे मेरी सासू मां कह रही थी कि कोई डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करो तो मैं सासू मां से कहा कि मां जी मैं विजय से कितनी बार कहा कि चलो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराते हैं लेकिन वह मेरी बात सुनते ही नहीं है तो सासु मां ने कहा कि ठीक है मैं विजय से बात करती हूं इतने में मेरे ससुर जी वहां पर आ गए और मैं सोफे पर बैठी हुई थी तो तो मैं झट से उठकर साइड में खड़ी हो गई और पापा जी सोफे पर बैठते हुए उन्होंने पूछा कि क्या बात हो रही थी सास बहू में सासू मां कुछ बोलती इससे पहले मैं शर्मा के वहां से घर के अंदर चली गई एक बात तो आप लोगों को बताना भूल ही गई मेरे सासू मां और ससुर जी के बारे में मेरी सासू मां का नाम लक्ष्मी है और मेरे ससुर जी का नाम कर्नल रंजीत है ओ आर्मी में करनाल थे इसलिए उनको सब कर्नल साहब का कर बुलाते हैं और मैं भी उनकी बहुत इज्जत करती हूं और वह भी मुझे बहुत प्यार करते हैं मैं उनको पापा कह कर बुलाती हूं और वह मुझे निशा बेटी कह कर बुलाते हैं और उनकी उम्र 60 साल है और उनकी हाइट 6 फिट है और लंबे तगड़े हैंडसम है और हमारे घर में हम चार लोग ही हैं अब आते हैं कहानी पर
 
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सासू मां ने पापा जी से कहने लगी की बहू से पूछ रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए हैं अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ क्यों
हेलो दोस्तों मेरा नाम निशा है और आज मैं आप सबको अपनी जिंदगी की सीक्रेट बताने जा रही हूं मेरी उम्र 24 साल है और मेरी शादी हो चुकी है मेरी शादी को आज 5 साल हो चुके हैं और मेरे पति का नाम विजय है और उनकी उम्र 30 साल है प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं अभी हमारा कोई बच्चा नहीं है अब आप समझेंगे कि हमने बच्चों की प्लानिंग नहीं की है हम लोग तो कोशिश कर रहे हैं कि एक बच्चा हो जाए लेकिन हो नहीं रहा है और इसी वजह से मेरे घर में मेरे सासू मां से मुझे बात सुनाई पड़ती है कि इतने साल हो गया अभी तक बच्चा क्यों नहीं हो रहा है आज ही मुझे मेरी सासू मां कह रही थी कि कोई डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करो तो मैं सासू मां से कहा कि मां जी मैं विजय से कितनी बार कहा कि चलो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराते हैं लेकिन वह मेरी बात सुनते ही नहीं है तो सासु मां ने कहा कि ठीक है मैं विजय से बात करती हूं इतने में मेरे ससुर जी वहां पर आ गए और मैं सोफे पर बैठी हुई थी तो तो मैं झट से उठकर साइड में खड़ी हो गई और पापा जी सोफे पर बैठते हुए उन्होंने पूछा कि क्या बात हो रही थी सास बहू में सासू मां कुछ बोलती इससे पहले मैं शर्मा के वहां से घर के अंदर चली गई एक बात तो आप लोगों को बताना भूल ही गई मेरे सासू मां और ससुर जी के बारे में मेरी सासू मां का नाम लक्ष्मी है और मेरे ससुर जी का नाम कर्नल रंजीत है ओ आर्मी में करनाल थे इसलिए उनको सब कर्नल साहब का कर बुलाते हैं और मैं भी उनकी बहुत इज्जत करती हूं और वह भी मुझे बहुत प्यार करते हैं मैं उनको पापा कह कर बुलाती हूं और वह मुझे निशा बेटी कह कर बुलाते हैं और उनकी उम्र 60 साल है और उनकी हाइट 6 फिट है और लंबे तगड़े हैंडसम है और हमारे घर में हम चार लोग ही हैं अब आते हैं कहानी पर
सासू मां पापा जी से कहने लगी कि मैं बहू से कह रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए लेकिन अभी तक तुमने मुझे दादी नहीं बनाया अगर कोई दिक्कत है तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कर तो बहू ने कहा कि उसने विजय से कहीं चेकअप कराने के लिए तो विजय उसकी बात नहीं सुन रहा है तो मैं बहु से कह रही थी कि मैं विजय से बात करुंगी वह तुमको डॉक्टर के पास लेकर जाए तो पापा जी ने कहा इसमें में हड़बड़ाने के क्या बात है हो सकता है वह लोग अभी बच्चा करना नहीं चाह रहे हो अभी बहुकी उम्र ही क्या है अभी उसके पास बहुत टाइम है बच्चे करने के लिए जैसे ही पापा ने यह बोला कि अभी मेरी उम्र ही क्या है तुम मुझे अंदर ही अंदर बहुत शर्म आने लगी और मैं पापा जी को चुप कर देखने लगी तो मैंने देखी कि पापा की नजर मेरे ही गेट की तरफ थी तो मैंने झट से अंदर छुप गई और मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी कि पापा जी मुझे कितना प्यार करते हैं और मेरे बारे में कितना सोते हैं इतने में सासू मां ने कहा कि आपकी बहू के पास बहुत टाइम होगा लेकिन मेरे पास नहीं है मुझे बस पोता चाहिए खिलाने के लिए तो पापा जी ने कहा कि देखो लक्ष्मी आज जमाना बदल गया आजकल के लड़के लड़कियां जल्दी से मां-बाप बना नहीं चाहती हैं और लोग बिना जिम्मेवारी के जीवन का आनंद उठाना चाहती हैं तो सासु मां ने कहा अरे तो मैंने कब उनको कहा कि जीवन का आनंद नहीं उठाने के लिए मैं तो बस एक पोता मांग रही हूं उसके साथ खेलने के लिए मैं आपकी बहू को पालने के लिए नहीं कहूंगी मैं खुद उसे पाल लूंगी उसके बाद आपकी लाडली बहू को जितना जीवन का आनंद उठाना है उठा ले मैं कुछ नहीं कहूंगी तो पापा जी ने कहा कि मेरी लाडली बहू और तुम्हारी लाडली बहू नहीं है तो सासु मां ने कहा कि आप जिस तरह से उसकी तरफदारी कर रहे हैं लग तो ऐसा ही रहा तो पापा जी ने कहा ठीक है बाबा अब मैं तुम्हें नहीं समझा सकता अब तुम ही बताओ तुम क्या चाहती हो तो सासु मां गुस्सा होते हुए कहा कि मैं कुछ नहीं चाहती अरे तो ठीक है इसमें गुस्सा होने वाले क्या बात है डॉक्टर के पास ही जाना है ना तो विजय से बोल देना बहू को लेकर चला जाएगा तो सासु मां ने कहा कि मैं कुछ नहीं कहूंगी विजय से अब आप ही कहिए उसको जाने के लिए यह क्या बात है अभी खुद ही कह रही थी कि मैं विजय से बात करूंगी और अभी कह रही कि मैं बात करूंगा जैसे सासू मां ने ताना मारा था कि मैं लाडली बहू उनके वैसे ही पापा जी ने भी कहा कि जैसे मेरी लाडली बहू है वैसे वह तुम्हारा लाडला बेटा है तो तुम ही कहो उससे तो सासु मां ने कहा ठीक है ठीक है ज्यादा ताना मारने की जरूरत नहीं है मैं विजय से बात कर लूंगी तो पापा जी ने कहां की यह हुई ना बात और यह सब बात सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी इतने में पापा जी ने मुझे आवाज दी है बहू जरा यहां आना और मैं संभालते हुए कहा जी पापा जी आ रही हूं और मैं जाते ही उनके पैर छुए और सासू मां के भी पैर छुए तो पापा जी ने कहा जीती रहो बहुत सदा सुहागन रहो और मैं वहीं पर खड़ी हो गई तो पापा जी ने कहा बेटा खड़ी क्यों हूं बैठ जाओ तो मैंने कहा कि ठीक है पापा जी अरे पापा जी ने मुझसे पूछा बेटा क्या तुम डॉक्टर के पास जाने के लिए तैयार हो अगर तैयार हो तो हां कहो और नहीं तो मना भी कर सकती हो तो मैंने कहा कि पापा जी मैं तो जाने के लिए तैयार हूं तो पापा जी ने कहा ठीक है बेटा जब भी टाइम मिले चली जाना
 
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सासू मां ने पापा जी से कहने लगी की बहू से पूछ रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए हैं अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ क्यों

सासू मां पापा जी से कहने लगी कि मैं बहू से कह रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए लेकिन अभी तक तुमने मुझे दादी नहीं बनाया अगर कोई दिक्कत है तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कर तो बहू ने कहा कि उसने विजय से कहीं चेकअप कराने के लिए तो विजय उसकी बात नहीं सुन रहा है तो मैं बहु से कह रही थी कि मैं विजय से बात करुंगी वह तुमको डॉक्टर के पास लेकर जाए तो पापा जी ने कहा केस में हड़बड़ाने के क्या बात है हो सकता है वह लोग अभी बच्चा करना नहीं चाह रहे हो अभी बहुकी उम्र ही क्या है अभी उसके पास बहुत टाइम है बच्चे करने के लिए जैसे ही पापा ने यह बोला कि अभी मेरी उम्र ही क्या है तुम मुझे अंदर ही अंदर बहुत शर्म आने लगी और मैं पापा जी को चुप कर देखने लगी तो मैंने देखी कि पापा की नजर मेरे ही गेट की तरफ थी तो मैंने झट से अंदर छुप गई और मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी कि पापा जी मुझे कितना प्यार करते हैं और मेरे बारे में कितना सोते हैं इतने में सासू मां ने कहा कि आपकी बहू के पास बहुत टाइम होगा लेकिन मेरे पास नहीं है मुझे बस पोता चाहिए खिलाने के लिए तो पापा जी ने कहा कि देखो लक्ष्मी आज जमाना बदल गया आजकल के लड़के लड़कियां जल्दी से मां-बाप बना नहीं चाहती हैं और लोग बिना जिम्मेवारी के जीवन का आनंद उठाना चाहती हैं तो सासु मां ने कहा अरे तो मैंने कब उनको कहा कि जीवन का आनंद नहीं उठाने के लिए मैं तो बस एक पोता मांग रही हूं उसके साथ खेलने के लिए मैं आपकी बहू को पालने के लिए नहीं कहूंगी मैं खुद उसे पाल लूंगी उसके बाद आपकी लाडली बहू को जितना जीवन का आनंद उठाना है उठा ले मैं कुछ नहीं कहूंगी तो पापा जी ने कहा कि मेरी लाडली बहू और तुम्हारी लाडली बहू नहीं है तो सासु मां ने कहा कि आप जिस तरह से उसकी तरफदारी कर रहे हैं लग तो ऐसा ही रहा तो पापा जी ने कहा ठीक है बाबा अब मैं तुम्हें नहीं समझा नहीं सकता अब तुम ही बताओ तुम क्या चाहती हो तो सासु मां गुस्सा होते हुए कहा कि मैं कुछ नहीं चाहती अरे तो ठीक है इसमें गुस्सा होने वाले क्या बात है डॉक्टर के पास ही जाना है ना तो विजय से बोल देना बहू को लेकर चला जाएगा तो सासु मां ने कहा कि मैं कुछ नहीं कहूंगी विजय से अब आप ही कहिए उसको जाने के लिए यह क्या बात है अभी खुद ही कह रही थी कि मैं विजय से बात करूंगी और अभी कह रही कि मैं बात करूंगा जैसे सासू मां ने ताना मारा था कि मैं लाडली बहू उनके वैसे ही पापा जी ने भी कहा कि जैसे मेरी लाडली बहू है वैसे वह तुम्हारा लाडला बेटा है तो तुम ही कहो उससे तो सासु मां ने कहा ठीक है ठीक है ज्यादा ताना मारने की जरूरत नहीं है मैं विजय से बात कर लूंगी तो पापा जी ने कहा किए हुए ना बात और यह सब बात सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी इतने में पापा जी ने मुझे आवाज दी है बहू जरा यहां आना और मैं संभालते हुए कहा जी पापा जी आ रही हूं और मैं जाते ही उनके पैर छुए और सासू मां के भी पैर छुए तो पापा जी ने कहा जीती रहो बहुत सदा सुहागन रहो और मैं वहीं पर खड़ी हो गई तो पापा जी ने कहा बेटा खड़ी क्यों हूं बैठ जाओ तो मैंने कहा कि ठीक है पापा जी अरे पापा जी ने मुझसे पूछा बेटा क्या तुम डॉक्टर के पास जाने के लिए तैयार हो अगर तैयार हो तो हां कहो और नहीं तो मना भी कर सकती हो तो मैंने कहा कि पापा जी मैं तो जाने के लिए तैयार हूं तो पापा जी ने कहा ठीक है बेटा जब भी टाइम मिले चली जाना


 
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सासू मां ने पापा जी से कहने लगी की बहू से पूछ रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए हैं अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ क्यों

सासू मां पापा जी से कहने लगी कि मैं बहू से कह रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए लेकिन अभी तक तुमने मुझे दादी नहीं बनाया अगर कोई दिक्कत है तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कर तो बहू ने कहा कि उसने विजय से कहीं चेकअप कराने के लिए तो विजय उसकी बात नहीं सुन रहा है तो मैं बहु से कह रही थी कि मैं विजय से बात करुंगी वह तुमको डॉक्टर के पास लेकर जाए तो पापा जी ने कहा केस में हड़बड़ाने के क्या बात है हो सकता है वह लोग अभी बच्चा करना नहीं चाह रहे हो अभी बहुकी उम्र ही क्या है अभी उसके पास बहुत टाइम है बच्चे करने के लिए जैसे ही पापा ने यह बोला कि अभी मेरी उम्र ही क्या है तुम मुझे अंदर ही अंदर बहुत शर्म आने लगी और मैं पापा जी को चुप कर देखने लगी तो मैंने देखी कि पापा की नजर मेरे ही गेट की तरफ थी तो मैंने झट से अंदर छुप गई और मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी कि पापा जी मुझे कितना प्यार करते हैं और मेरे बारे में कितना सोते हैं इतने में सासू मां ने कहा कि आपकी बहू के पास बहुत टाइम होगा लेकिन मेरे पास नहीं है मुझे बस पोता चाहिए खिलाने के लिए तो पापा जी ने कहा कि देखो लक्ष्मी आज जमाना बदल गया आजकल के लड़के लड़कियां जल्दी से मां-बाप बना नहीं चाहती हैं और लोग बिना जिम्मेवारी के जीवन का आनंद उठाना चाहती हैं तो सासु मां ने कहा अरे तो मैंने कब उनको कहा कि जीवन का आनंद नहीं उठाने के लिए मैं तो बस एक पोता मांग रही हूं उसके साथ खेलने के लिए मैं आपकी बहू को पालने के लिए नहीं कहूंगी मैं खुद उसे पाल लूंगी उसके बाद आपकी लाडली बहू को जितना जीवन का आनंद उठाना है उठा ले मैं कुछ नहीं कहूंगी तो पापा जी ने कहा कि मेरी लाडली बहू और तुम्हारी लाडली बहू नहीं है तो सासु मां ने कहा कि आप जिस तरह से उसकी तरफदारी कर रहे हैं लग तो ऐसा ही रहा तो पापा जी ने कहा ठीक है बाबा अब मैं तुम्हें नहीं समझा नहीं सकता अब तुम ही बताओ तुम क्या चाहती हो तो सासु मां गुस्सा होते हुए कहा कि मैं कुछ नहीं चाहती अरे तो ठीक है इसमें गुस्सा होने वाले क्या बात है डॉक्टर के पास ही जाना है ना तो विजय से बोल देना बहू को लेकर चला जाएगा तो सासु मां ने कहा कि मैं कुछ नहीं कहूंगी विजय से अब आप ही कहिए उसको जाने के लिए यह क्या बात है अभी खुद ही कह रही थी कि मैं विजय से बात करूंगी और अभी कह रही कि मैं बात करूंगा जैसे सासू मां ने ताना मारा था कि मैं लाडली बहू उनके वैसे ही पापा जी ने भी कहा कि जैसे मेरी लाडली बहू है वैसे वह तुम्हारा लाडला बेटा है तो तुम ही कहो उससे तो सासु मां ने कहा ठीक है ठीक है ज्यादा ताना मारने की जरूरत नहीं है मैं विजय से बात कर लूंगी तो पापा जी ने कहा किए हुए ना बात और यह सब बात सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी इतने में पापा जी ने मुझे आवाज दी है बहू जरा यहां आना और मैं संभालते हुए कहा जी पापा जी आ रही हूं और मैं जाते ही उनके पैर छुए और सासू मां के भी पैर छुए तो पापा जी ने कहा जीती रहो बहुत सदा सुहागन रहो और मैं वहीं पर खड़ी हो गई तो पापा जी ने कहा बेटा खड़ी क्यों हूं बैठ जाओ तो मैंने कहा कि ठीक है पापा जी अरे पापा जी ने मुझसे पूछा बेटा क्या तुम डॉक्टर के पास जाने के लिए तैयार हो अगर तैयार हो तो हां कहो और नहीं तो मना भी कर सकती हो तो मैंने कहा कि पापा जी मैं तो जाने के लिए तैयार हूं तो पापा जी ने कहा ठीक है बेटा जब भी टाइम मिले चली जाना
 

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कभी सोचा नहीं था ऐसा होगा
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सासू मां ने पापा जी से कहने लगी की बहू से पूछ रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए हैं अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ क्यों

सासू मां पापा जी से कहने लगी कि मैं बहू से कह रही थी कि तुम दोनों के शादी के इतने साल हो गए लेकिन अभी तक तुमने मुझे दादी नहीं बनाया अगर कोई दिक्कत है तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कर तो बहू ने कहा कि उसने विजय से कहीं चेकअप कराने के लिए तो विजय उसकी बात नहीं सुन रहा है तो मैं बहु से कह रही थी कि मैं विजय से बात करुंगी वह तुमको डॉक्टर के पास लेकर जाए तो पापा जी ने कहा केस में हड़बड़ाने के क्या बात है हो सकता है वह लोग अभी बच्चा करना नहीं चाह रहे हो अभी बहुकी उम्र ही क्या है अभी उसके पास बहुत टाइम है बच्चे करने के लिए जैसे ही पापा ने यह बोला कि अभी मेरी उम्र ही क्या है तुम मुझे अंदर ही अंदर बहुत शर्म आने लगी और मैं पापा जी को चुप कर देखने लगी तो मैंने देखी कि पापा की नजर मेरे ही गेट की तरफ थी तो मैंने झट से अंदर छुप गई और मैं मन ही मन बहुत खुश होने लगी कि पापा जी मुझे कितना प्यार करते हैं और मेरे बारे में कितना सोते हैं इतने में सासू मां ने कहा कि आपकी बहू के पास बहुत टाइम होगा लेकिन मेरे पास नहीं है मुझे बस पोता चाहिए खिलाने के लिए तो पापा जी ने कहा कि देखो लक्ष्मी आज जमाना बदल गया आजकल के लड़के लड़कियां जल्दी से मां-बाप बना नहीं चाहती हैं और लोग बिना जिम्मेवारी के जीवन का आनंद उठाना चाहती हैं तो सासु मां ने कहा अरे तो मैंने कब उनको कहा कि जीवन का आनंद नहीं उठाने के लिए मैं तो बस एक पोता मांग रही हूं उसके साथ खेलने के लिए मैं आपकी बहू को पालने के लिए नहीं कहूंगी मैं खुद उसे पाल लूंगी उसके बाद आपकी लाडली बहू को जितना जीवन का आनंद उठाना है उठा ले मैं कुछ नहीं कहूंगी तो पापा जी ने कहा कि मेरी लाडली बहू और तुम्हारी लाडली बहू नहीं है तो सासु मां ने कहा कि आप जिस तरह से उसकी तरफदारी कर रहे हैं लग तो ऐसा ही रहा तो पापा जी ने कहा ठीक है बाबा अब मैं तुम्हें नहीं समझा नहीं सकता अब तुम ही बताओ तुम क्या चाहती हो तो सासु मां गुस्सा होते हुए कहा कि मैं कुछ नहीं चाहती अरे तो ठीक है इसमें गुस्सा होने वाले क्या बात है डॉक्टर के पास ही जाना है ना तो विजय से बोल देना बहू को लेकर चला जाएगा तो सासु मां ने कहा कि मैं कुछ नहीं कहूंगी विजय से अब आप ही कहिए उसको जाने के लिए यह क्या बात है अभी खुद ही कह रही थी कि मैं विजय से बात करूंगी और अभी कह रही कि मैं बात करूंगा जैसे सासू मां ने ताना मारा था कि मैं लाडली बहू उनके वैसे ही पापा जी ने भी कहा कि जैसे मेरी लाडली बहू है वैसे वह तुम्हारा लाडला बेटा है तो तुम ही कहो उससे तो सासु मां ने कहा ठीक है ठीक है ज्यादा ताना मारने की जरूरत नहीं है मैं विजय से बात कर लूंगी तो पापा जी ने कहा किए हुए ना बात और यह सब बात सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी इतने में पापा जी ने मुझे आवाज दी है बहू जरा यहां आना और मैं संभालते हुए कहा जी पापा जी आ रही हूं और मैं जाते ही उनके पैर छुए और सासू मां के भी पैर छुए तो पापा जी ने कहा जीती रहो बहुत सदा सुहागन रहो और मैं वहीं पर खड़ी हो गई तो पापा जी ने कहा बेटा खड़ी क्यों हूं बैठ जाओ तो मैंने कहा कि ठीक है पापा जी अरे पापा जी ने मुझसे पूछा बेटा क्या तुम डॉक्टर के पास जाने के लिए तैयार हो अगर तैयार हो तो हां कहो और नहीं तो मना भी कर सकती हो तो मैंने कहा कि पापा जी मैं तो जाने के लिए तैयार हूं तो पापा जी ने कहा ठीक है बेटा जब भी टाइम मिले चली जाना
भाग 3.
इसके बाद उसी शाम हमारे हस्बैंड जब से घर वापस आ गए इसलिए मैं बहुत खुश थी क्योंकि कंपनी के काम से 4 दिन से बाहर में थे फिर शाम को मैं सबके लिए खाना बनाई और सभी लोगों ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारी कर रहे थे तभी मैंने हस्बैंड से कहा आज मां जी हमको डॉक्टर के पास जाने के लिए कह रहे थे और साथ में आपको भी चलने के लिए बोल रही थी तभी हस्बैंड मेरे ऊपर गुस्सा होते हुए कहने कहने लगे की यार तुम फिर वही बात लेकर बैठ गई अभी मैं बाहर से थक कर आया हूं और बच्चा जब होने का होगा हो जाएगा इसमें इतनी जल्दी क्या है तो मैंने कहा कि मैं थोड़ी अपने मन से कह रही हूं ओ तो माझी कह रही थी इसलिए मैं आपको बोली तो फट से उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मां को समझा नहीं सकती तो मैं भी कहा कि मैं नहीं समझ सकती आप ही समझाइए तो उन्होंने कहा ठीक है ठीक है मैं मां से बात कर लूंगा जब टाइम मिलेगा तो फिर उसके बाद वह सो गए और मेरी आंखों से नींद गायब थी क्योंकि मैंने जो सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि हर एक पत्नी चाहती है कि हर उसके पति के साथ प्यार मोहब्बत वाली बातें हो और खास करके तब जब उसका पति बाहर से बहुत दिनों के बाद आया हो और मैं भी ऐसा ही चाहती हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा था हमारे बीच आज 15 दिन हो चुके थे हमारे बीच सेक्स हुए और सेक्स की बात करें तो हमारे बीच में हफ्ते में एक बार भी सेक्स हो जाए तो बहुत वह भी जब मैं अपनी तरफ से कोशिश करूं तो वरना वह भी नहीं होता अब आप लोग भी सोच रहे होंगे कि जब हमारे बीच सेक्स ही नहीं होगा तो बच्चा कहां से होगा मैं तो अपनी तरफ से कोशिश कर रही हूं लेकिन अब मैं कर ही क्या सकती हूं और यही सब सोते हुए मैं भी सो गई और जब मैं सुबह 5:00 सो कर उठी तो देखा कि पापा मेरे ससुर जी उठ करजॉगिंग पर चले गए थे और सासू मां अभी भी सो रही थी और मैं घर की साफ सफाई करके नहाने के लिए चली गई और नहा के आने के बाद मैं पूजा की पूजा करने के बाद में पापा जी के लिए चाय बनाने चली गई क्योंकि पापा जब जॉगिंग पर से आते हैं तो पहले चाय पीते हैं तब तक सासू मां भी उठ चुकी थी और मेरे हस्बैंड अभी तक सो रहे थे क्योंकि वह 8:00 के बाद ही उठते हैं क्योंकि उनको 11:00 बजे ऑफिस जाना होता है और फिर पापा भी जॉगिंग पर से आगे फिर मैं उनको चाय देने गई वह बालकोनी में बैठे हुए थे मैं जाकर टेबल पर चाय रख फिर मैं उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने मुझे सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया और फिर मेरी तारीफ करने लगी कहने लगे कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि तुम्हारी जैसी बहू मिली है तो मैं भी मुस्कुराते हुए उनको बोली कि मैंने क्या किया है तो उन्होंने कहा कि जो तुमने किया है वह कोई और दूसरी बहू नहीं कर सकती तो मैं उनसे बोली की आप मेरी ज्यादा तारीफ करेंगे तो मैं आपसे गुस्सा हो जाऊंगी तो उन्होंने कहा कि मेरी बहू मुझसे कभी गुस्सा नहीं हो सकती तो मैं कहीं की बहुत भरोसा है आपको अपनी बहू पर तो उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा भरोसा है मेरे अपने बहू पर आप तो ऐसे कह रहे हैं कि मेरे जैसी इस दुनिया में कोई और है ही नहीं मैं दुनिया की बात तो नहीं कर सकता लेकिन मैं अपनी बहू की बात कर सकता हूं क्योंकि मेरी बहू सर्वगुण संपन्न है तो मैं कहीं की ऐसा क्या है मुझ में तो वह कहने लगे वह सब है जो एक स्त्री में होनी चाहिए तो मैं कहीं की कोई एक खूबी तो बताइए मेरे अंदर क्या है तो उन्होंने कहा कि सर से पांव तक तक तुम खूबियों का खजाना हो तुम्हारे बाल नाक कान होता सभी खूबसूरत हैं और तुम्हारी बॉडी तुम्हारी कमर फिर मैं उनसे कहीं कुछ रह तो नहीं गया तारीफ करने के लिए तो वह मुझे देखने लगे तो मैं अपनी नज़रें झुका ली और मैं उनको तिरछी नजरों से देखने लगी तो मैंने देखा कि वह मेरे छाती को देख रहे थे और मुझे शर्म आने लगी और फिर उन्होंने कहा की तारीफ करने के लिए तो और बहुत है लेकिन अभी नहीं बाद में बताऊंगा और मैं वहां से जाने लगी तो उन्होंने मुझे आवाज दी और कहां अरे बेटा के कप तो लेती जा चाय तो मैंने पी ली है और मैं कप लेने के लिए मुड़ी तो वह मुझे कप और प्लेट उठा कर देने लगे तो जैसे ही मैं प्लेट पड़ी मेरे हाथ से छूटकर नीचे गिर गई और वह टूट गई और मैं डर गई और मैं उनको सॉरी बोलने लगी तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं बेटा ऐसा होता है और मैं टुकड़ों को उठाने लगी और मुझे हंसी नहीं रहा कि मेरे साड़ी के पल्लू सर और कंधे से नीचे गिर गई थी जैसे ही मैंने ऊपर की ओर देखा तो पाया कि पापा मुझे ही देख रहे थे और मैंने झट से अपनी पल्लू सर पर रखी और उठकर जाने लगी और मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि पापा मुझे इस तरह से देख रहे थे
 
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