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आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।
इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
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यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।
इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
| भाग-1 | भाग-2 | भाग-3 | भाग-4 | भाग-5 |
| भाग-6 | भाग-7 | भाग-8 | भाग-9 | भाग-10 |
| भाग-11 | भाग-12 | भाग-13 | भाग-14 | भाग-15 |
| भाग-16 | भाग -17 | भाग -18 | भाग-19 | भाग -20 |
भाग 127 भाग 128 भाग 129 भाग 130 भाग 131 भाग 132
भाग 133 भाग 134 भाग 135 भाग 136 भाग 137 भाग 138
भाग 139 भाग 140 भाग141 भाग 142 भाग 143 भाग 144 भाग 145 भाग 146 भाग 147 भाग 148
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Aakhir Saguna Ki Bur Ka Udghatan Ho Hi Gaya! Waise Ek Baat Kahunga, Aapne Kahani Ko Naya Roop Diya Hai Jisse Kahani Boring Hone Se Bach Gai!Har Kahani Mein Lekhak Aisa Hi Karta Hai, Ek Saath Choot-Gaand Ka Udghatan Karwa Deta Hai, Lekin Aapne Aisa Nahin Kiya. Jiske Liye Main Aapko Bahut-Bahut Dhnywaad Deta Hun! Aap Achhe Lekhak Hain Or Aapki Kahani Bhi Sabse Alag Hai! Kep Up The Good Work! Agli Update Ki Prateeksha Mein, Jaldi Update Dijiyega! 
