Real@Reyansh
हसीनो का फेवरेट
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Wow . . . Pleaseing oneदेखो तो चश्मे - यार की जादूनिगाहियाँ,
हर इक को है गुमां कि मुखातिब हमीं से हैं।
-हसरत मोहानी
1.चश्मे–यार - माशूक की आँख 2.मुखातिब - सम्बोधन कर्त्ता, बोलने वाला, वार्ता करने वाला

शायद guddo की दोस्त " मोहे रंग दे " से है जो हमेशा नक़ाब में रहती है

चरण स्पर्श दीदी

