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insotter

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गतांक से आगे
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रात भर की लन्ड और चूत की चटाई के कारण हम दोनों मां बेटे बहुत लेट सोए थे जिससे सुबह को हमारी आंख भी देर से खुली ,पर मुझसे पहले मम्मी की आंख खुल गई थी चूंकि हम दोनों रात में नंगे ही सोए थे और सुबह को ठंड के कारण ,हम दोनों के शरीर एक दूसरे से चिपके हुए थे, और हमारी टांगें एक दूसरे की जांघों में घुसी हुई थी और नंगे लेटे होने के कारण मेरा लन्ड मम्मी की बुर के दरवाजे पर था और मम्मी के दोनों मोटे मोटे दूध मेरे सीने में घुसे हुए थे ।

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तभी कुछ देर बाद मुझे अपने लन्ड पर मम्मी का हाथ महसूस हुआ मैने महसूस किया को मम्मी मेरे लन्ड को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को मसल रही हैं जो कि पहले से ही खड़ा होने के कारण फूला हुआ है, ।

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मैने सोचा कही मम्मी इसे पकड़कर अपनी बुर में न डाल लें, अगर ऐसा किया तो तो मेरे सब किए कराए पर पानी फिर जायेगा , खैर ऐसा नहीं हुआ और वो मेरे लन्ड के टोपे को पकड़कर उसे अपनी बुर पर मसल रही थी , जिससे उनकी बुर एक बार फिर से पनिया गई थी और उनकी बुर का रस मेरे लन्ड पर साफ महसूस हो रहा था मुझे ।
तभी मैने भी धीरे धीरे अपनी जीभ हल्के से निकलयकर उनकी गर्दन पर फिराना स्टार्ट कर दी, जिससे उन्होंने महसूस किया और कसकर मेरा लन्ड पकड़ लिया , फिर मेरे जो दोनों हाथ उनकी पीठ पर रखे थे मैने आगे लाकर उनके दोनों दूधों पर रख दिए और हल्के हल्के उन्हें दबाने लगा ,और साथ में उनके गर्दन पर किस भी करता जा रहा था ।

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करीब 15 मिनट तक लन्ड के टोपे को अपनी बुर पर घिसने के बाद मम्मी ने अपने चूतड़ मेरी तरफ कर दिए और अब मै भी समझ गया था कि मम्मी जैसा मै चाहता हूं वैसा ही करने को तैयार हैं उन्हें शायद चुदने की जल्दी नहीं थी बस उनकी बुर की गर्मी निकलती रहे , और अब मैने अपना खड़ा लैंड मम्मी की गांड़ पर एडजस्ट किया और पीछे से मम्मी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको दोनों दूधों को पीछे से पकड़ लिया, पर मेरा लन्ड अभी भी मम्मी के चूतड़ों के पास था उनकी गांड़ पर नहीं था क्योंकि मम्मी ने अपने दोनों पैरों को बिल्कुल चिपका लिया था , मैने एक दो बार और कोशिश को लेकिन उन्होंने अपने पैर नहीं खोले, मैने सोचा शायद बुर में लन्ड लेना चाहती हो इसलिए पैर नहीं खोल रही हैं , खैर जब मैने देखा मम्मी ने कोई एक्शन नहीं लिया फिर मैने भी जबरदस्ती नहीं की और उन्हें पकड़कर लेटा रहा , फिर करीब दो मिनट के बाद मम्मी ने फिर से अपनी गांड़ को मेरे लन्ड पर रगड़ना शुरू कर दिया , मैं समझ गया मम्मी गांड़ में लन्ड नहीं लेना चाह रही है बल्कि अपनी गांड़ को मुझसे चटवाना चाह रही हैं , फिर मैने अपने दोनों हाथों से मम्मी के चूतड़ों को सहलाना शुरू किया , धीरे धीरे अपनी एक उंगली को उनके गांड़ के छेद में डालने लगा , जिससे गांड़ खुल जाए और मेरी जीभ उनकी गांड़ के छेद में अंदर जा सके ।

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फिर करीब 5 मिनट तक गांड़ में मम्मी की उंगली करने के बाद मै थोड़ा नीचे खिसका और अपने मुंह को मम्मी की गांड़ के छेद के पास ले गया और अपनी जीभ से उनकी गांड़ को चाटने लगा , इस बार मम्मी ने अपने हाथ से अपने चूतड़ पकड़े और अपनी गांड़ को फैला दिया जिससे मेरी जीभ उनकी गांड़ के छेद में घुस सके ।
और मै उनकी गांड़ को चाटता रहा करीब 15 मिनट को घमासान गांड़ चटाई के बाद मम्मी की बुर से रस बहकर उनकी गांड़ के छेद तक आने लगा ।।

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फिर कुछ देर बाद मम्मी ने अपनी कमर को जोर से पीछे कर के मेरे मुंह पर अपनी गांड़ को रगड़ने लगी , और करीब 5 मिनट तक मेरे मुंह पर गांड़ को रगड़ने के बाद उनकी बुर से रस की धार बहने लगी फिर मम्मी ने मेरा मुंह पकड़कर थोड़ा अंदर कर दिया जिससे मै उनकी बुर का रस पी सकू, और मैने भी अपनी जीभ निकाल के उनकी बुर का सारा रस पीने लगा ।

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फिर मम्मी शांत होकर लेट गई और करीब 10 मिनट के बाद बिस्तर से उठी और अपने कपड़े पहनने लगी , मैं उन्हें कपड़े बदलते हुए देख रहा था , आज उनके चेहरे पर एक बहुत ही प्यारी झलक नजर आ रही थी ,जैसे बुर का रस निकल जाने के बाद आती है और कपड़े बदलते हुए उन्होंने मुझे आवा दी_बेटा उठोगे नहीं , देखो कितना टाइम जो गया है आज , पता ही नहीं चला, 9 बजने को आए हैं।
मै_ जम्हाई लेते हुए, हां मम्मी, उठ रहा हूं।
मम्मी _ बहुत टाइम हो गया , ये ठंड में यही दिक्कत होती है टाइम का पता ही नहीं चलता एक तो रात इतनी लंबी होती है।
मै_ उठकर बिस्तर पर बैठते हुए , हां मम्मी टाइम तो बहुत जो गया , आप भी न , उठाती नहीं हो सुबह ,मुझे।
मम्मी _ अरे मैं कहां से उठा देती मै खुद अभी 15 मिनट पहले उठी हूँ। चलो जब तक तुम नहीं धोकर फ्रेश हो जाओ मै साफ सफाई करती हूं ,फिर मम्मी ने झाड़ू उठाई और कमरे में झाड़ू लगाने लगी, और इस वक्त मम्मी ने पेटीकोट और ब्लाउज पहन रखा था , झाड़ू लगाते वक्त उनके दूधिया दूध साफ नजर आ रहे थे और जब वो झुक कर सीधी होती तो पेटीकोट उनकी गांड़ में गैस जाता, और जब चलती तो दोनों चूतड ऊपर नीचे होते , मस्त नजारा था यार ।
फिर मै उठकर फ्रेश होने चला गया ।
और मम्मी साफ सफाई करने के बाद फ्रेश होकर रसोई में चली गई और खाने नाश्ते का इंतजाम करने लगी।
फिर मम्मी ने खाना और नाश्ता बनाया, और मैं खाकर अपने काम पर डेयरी पर चला गया।
डेयरी पर जाने के बाद मैने वहां का लेखा जोखा किया और जिनको जो रूपये पैसे देने थे वो दिए , तभी वहां पर काम कर रहे एक वर्कर रंजीत ने बताया कि भैया एक आदमी है जिसे काम को बहुत जरूरत है ,उसे अपने यहां काम पर रख लें अगर आप कहें तो ?
मैने उससे कहा ,कहां है वो , और कहां का है ,तुम जानते तो उसे ?
रंजीत_ जी भैया , है तो अपने ही पड़ोस के गांव का , पर पड़ा लिखा नहीं है । और गांव के पड़ोस वाले गांव में रहता है, घर का भी कोई ठिकाना नहीं है, कह रहा था को आपसे बात करके यही डेयरी पर सोने के लिए थोड़ी सी जगह मिला जाए तो यही काम करना शुरु कर देगा।
मैने कहा_ आज शाम को बुला लेना बात करके देखते है, अगर काम का हुआ तो ठीक नहीं तो ,तुम सब लोग हो तो ,अगर तुम्हे लगता है कि यहां काम ज्यादा है और पैसे कम हैं तो मुझे बताओ ?
रंजीत_ नहीं भईया,ऐसे बात नहीं है ,उसे काम की जरूरत है ,इसलिए आपसे कहा, और रही बात काम की तो न तो यहां पैसे को कोई दिक्कत है न ही काम की , वो तो आप भी जानते हैं, हम इतने दिनों से यहां कम कर रहे हैं।
मै_ ठीक है फिर शाम को बुलाना , बात करते हैं।
फिर मै अपने इधर उधर के काम निपटा कर डेयरी पर बने रूम में आराम करने चला गया ।और अपना मोबाइल निकाल कर पोर्न वीडियो देखने लगा मां बेटे की चूदाई की और देखकर अपना लन्ड मम्मी को बुर को याद करके सहलाने लगा।
फिर शाम को करीब 4 बजे के आस पास रंजीत उस आदमी को लेकर आया जिसे काम चाहिए था ।
देखने में तो ठीक ठाक लगा , बात करने के बाद बोला ₹ भैया मैं यही डेयरी पर सो जाया करूंगा रात को ।
मैं_ हां ठीक है, फिर कल से काम पर आ जाना ।
उसने हामी भरी और चला गया।
शाम को काम निपटाने के बाद मै डेयरी से निकल ही रहा था , तभी देखा रोड पर मेरी पड़ोस वाली बहन खड़ी है ,मैने इशारा किया यहां कैसे ?
तो उसने कहा इशारे से ऐसे ही, घूमने आई है।
फिर मै मुस्कुरा के घर की तरफ जाने लगा , मैने गाड़ी के शीशे से देखा वो अभी भी मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी।
मेरे मन में ख्याल आया कि ये इतने टाइम यहां रोड पर क्या कर रही है, मैने सोचा कोई गड़बड़ तो नहीं है ,जानने के लिए मैने उसे फोन किया _हेलो, जिज्जी, वहां कैसे खड़ी थी।
बहन_ तेरे इंतजार में ही खड़े थे ,तूने तो बात तक नहीं की।
मै_ अरे तो बता तो देती फोन करके, कम से कम मुझे।
बहन_ क्या बताती, वैसे क्या घर पहुंच गया ?
मै_ नहीं, अभी नहीं, बस जाने ही वाला था सोचा तुम्हे फोन कर लूं कही कोई काम तो नहीं है।
बहन_ थोड़ा सा काम है, चलो कोई बात नहीं कल कर लूंगी।
मै_ अरे बता दे , मै आ जा रहा हूं।
बहन_ अरे इतना जरूरी नहीं है, कल देख लेंगे।
मै_ अरे कल देख लेना ,लेकिन ये तो बता दे कि काम क्या है, वरना मुझे रात भर नींद नहीं आएगी।
बहन_ तो रात में ही पूछ लेना ,फोन करके , बात दूंगी, और कहकर फोन पर हंसने लगी।
मै_ चल ठीक है, रात में बता देना।
उसके बाद मैने फोन काट दिया ,तभी अचानक मुझे एक फोन आ गया और मैं काम से पड़ोस वाले गाँव में चला गया ,और करीब 7 बजे के आस पास घर वापस लौट कर आ गया।
Nice update bro 👍 👍
 
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गतांक से आगे 🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵🫵
जब शाम को घर पहुंचा तो मम्मी रसोई में खाना बना रही थीं, मैने गाड़ी खड़ी की और जाकर मम्मी को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया ।

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मम्मी _ क्या बात है , आज बहुत प्यार आ रहा है ?
मै_ मम्मी मै कुछ सोच रहा हूं , आप कहो तो मै आपको बताऊं।
मम्मी _ अरे इसमें पूछने वाली क्या बात है , जो है बता दो ।
मै_ मम्मी मै जबसे दिल्ली से लौटकर आया हूं, तब से आपको कही घूमने लेकर नहीं गया , हर समय काम काम ।
मम्मी _ अच्छा तो ये बात है, मैने एक दो बार सोचा था कि तुमसे कह दूं कहीं घूमने चलने के लिया ,पर तुम्हारे काम के चक्कर से तुमसे नहीं कहा ।अच्छा कहां लेकर जाओगे मुझे घूमने के लिए।
मै_ आप ही कोई जगह बता दो , जहां आपको अच्छा लगता हो ।
मम्मी _ मै कहीं घूमने गई ही नहीं हूं, जो मैं कोई जगह बताऊं, तुम ही बता दो, जहां तुम्हे अच्छा लगेगा ,मुझे भी वही अच्छा लगेगा , और कहकर अपने चूतड़ो को मेरे लैंड पर रगड़ दिया।

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मै_ अपने लन्ड का जोर उनकी गांड़ पर देकर , मम्मी नैनीताल चलें, आप कहो तो मै गया भी नहीं हूं वहां ,।
मम्मी _ मै भी नहीं गई हूं, चलो तुम्हारी मर्जी ,कब जाने का इरादा है?
मै_ मम्मी इस वक्त अब धूप भी ठीक से निकलने लगी है , तो कल चलने का प्रोग्राम बनाए , आप राजी हो तो।
मम्मी _ फिर कम का कैसे मैनेज करोगे , ये बताओ, और वहां से कब आओगे ,?
मै_ काम का तो मैनेज हो ही जाएगा , आप बस मन बनाओ चलने का ।
मम्मी _ ठीक है ,बाबा , कल चलते हैं ,अब खुश?
मै_ मम्मी के गालों पर अपनी जीभ से किस करते हुए , हां मम्मी अब खुश हूं,बहुत लेकिन मेरी एक शर्त है।
मम्मी _ अब चलने में भी शर्त, बताओ क्या है?
मै_ वो खाना खाने के बाद बताऊंगा।
मम्मी _ ठीक है, बाद में बता देना ,और मुझे एक किस करके बोली, चलो जाकर हाथ मुंह धो की मैं खाना लेकर आती हूं ।
मैने अपने हाथों को मम्मी के चूतड़ों पर रखते हुए ठीक है मम्मी,आप खाना लगाओ।फिर मै फ्रेश होने चला गया ,और फ्रेश होके आके मै अंदर बेड पर बैठ गया ।फिर मम्मी खाना लेकर आई और हम दोनों ने इधर उधर की बातें करते करते खाना खाया।फिर मम्मी खाने के बाद बर्तन को लेकर रसोई में चली गई और मैं बेड पर लेटकर टीवी देखने लगा ।
करीब आधे घंटे बाद मम्मी कमरे में आई और साथ में एक दूध का गिलास भी के आई , और बोली पहले ये दूध पियो फिर सोना ,
मै_ मम्मी आपको पता है मुझे दूध अच्छा नहीं लगता।
मम्मी _ सब पता है, लेकिन इस दूध को बात ही अलग है, एक बार इसमें उंगली डालकर देखो, पतला नहीं है खूब गाढ़ा है ,और कहकर हल्के से मुस्कुराने लगी।
मै_ अपनी उंगली दूध में डाली तो सच में दूध बहुत गाढ़ा था ,फिर मैने अपनी उंगली जिसपर दूध लगा था मम्मी के मुंह में डाल दी और कहा, पहले आप देखो कैसा है ये ।
मम्मी मेरी उंगली को ऐसे चूसने लगी जैसे मैने अपना लन्ड उनके मुंह में डाल दिया हो, और कुछ देर तक चूसने के बाद उन्होंने कहा अब सर दूध पीकर तुम्हे ये गिलास खाली करना है।समझ में आया ।
मै_ हां मम्मी,आ गया समझ में , फिर मैने सर दूध पी लिया और गिलास को मम्मी को देकर वापस से बेड पर लेट गया ।
मैने कहा मम्मी आज धूप के चक्कर से आप देख रही हो कि ठंड आज बहुत कम है, आज तो कम्बल तक ओढ़ने का मन नहीं कर रहा
मम्मी _ अभी दूध पिलाया है मैने तुम्हे इसलिए दूध की गर्मी है, थोड़ी देर बाद जब दूध को गर्मी ठंडी होगी तो तुम्हे ठंड भी लगने लगेगी।
मै_ मम्मी,ये मेरी मम्मी का दूध है, इसकी गर्मी कैसे ठंडी हो सकती है।
मम्मी _ हां ये भी बात सही है।

(फिर इतना कहकर मम्मी उठी और अंदर से कमरे को बंद कर दिया ,और अपनी साड़ी निकालने लगी और साड़ी निकालकर सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में बेड पर आकर मेरे पास लेट गई,मैने कहा मम्मी आज लाइट बंद नहीं की आपने , मम्मी अरे यार ये भी रह गई , फिर मम्मी दोबारा से उठी और लाइट बंद कर दी ,जैसे ही मैने देखा मम्मी ने लाइट बंद कर दी और आकर लेटने वाली हैं, मैने अपना हाथ वहां बिस्तर पर रख दिया जहां मम्मी के चूतड़ आने वाले थे, फिर मम्मी एक दम से आकर बेड पर लेट गई और उनके चूतड़ों के पास मेरा हाथ आ गया पर उन्होंने कुछ नहीं कहा और वैसे ही लेती रही )

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मै_ मम्मी आपको गर्मी नहीं लग रही है?
मम्मी _ अभी कहां अभी तो ठंड हैं , गर्मी कहां लग रही है, लगता है तुम्हे ज्यादा गरमी लग रही है।
मै_ हां देखो न मैने तो सारे कपड़े निकाल दिए हैं आज।
मम्मी _ तो वैसे कौन से नेकर के अलावा और कुछ पहनकर सोते हो , ये बताओ?
(मैं धीरे धीरे से अपने हाथ से उनकी गांड़ के आस पास हल्के हल्के दबा रहा था क्योंकि , हाथ हिल तक नहीं राहत उनकी गांड़ के वजन से , तभी अचानक उन्होंने पूछ ही लिया , कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है,मैने कहा नहीं मम्मी दिक्कत कैसे होगी आप हो तो ,और कहकर मेरी तरफ घूम गई जिससे मेरा हाथ फ्री हो सके , तभी मैने अपना हाथ उनके चूतड़ों पर सेट किया और दूसरे हाथ से भी उनको अपनी बाहों में भर लिया।)


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मम्मी _ अच्छा अब अपनी शर्त बताओ जो रात को बताने वाले थे , घूमने जाने के लिए?
मै_पहले ये बताओ कि नाराज़ तो नहीं होगी, अगर मै बात या शर्त बताऊं आपको?
मम्मी _ आज तक नाराज हुई हूँ अपनी जान से जो अब नाराज़ होऊंगी।
(इतना कहकर मम्मी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे गालों पर किस कर दी, साथ में मैने भी मम्मी के दोनों चूतड़ों को पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उनके गालों पर हल्के से चिकोटी काट ली)
मै_ मम्मी, जब हम लोग वहां जाएंगे घूमने तो वहां आप सब कपड़े मेरी पसंद के पहनोगी।
मम्मी _ ये भी कोई शर्त है ,यहां पर भी तो मै अपनी जान के पसंद से कपड़े पहनती हूं, जैसे तुम्हे पसंद हो वैसे कपड़े पहनाना मुझे वहां ।
मै_ और दूसरी बात ये कि वहां जाने के बाद आप मेरी , चलो छोड़ों ये बात ,कल चलते हैं अपने लोग।
मम्मी _ अरे ऐसे कैसे छोड़ो , पूरी बात बताओ, नहीं तो मैं नहीं जाऊंगी।फिर मुझे किस करके बोली बताओ न , क्यों तड़पा रहे हो, मुझे , अच्छा लगता है मुझे तड़पते हुए ऐसे तुम्हे।
मै_ रहने दो मम्मी, आप बस चलने को तैयार हो यही मेरे लिए काफी है।
मम्मी _ अगर पूरी बात नहीं बताई तो मै जाऊंगी भी नहीं तुम्हारे साथ, जो भी बात हो अपनी मम्मी से खुलकर कहो,मुझसे क्या छिपाना।
मै_ मम्मी, बात ऐसी है कि मै चाहता हूं जब आप मेरे साथ वहां चलो तो मेरी मम्मी बनकर मत जाना , बस ये बात थी।
मम्मी _ अरे तो इतनी बात कहने में क्या दिक्कत थी, तो फिर बताओ ,क्या बनकर जाऊं अपनी जान की।
मै_ मम्मी मै चाहता हूं ,आप मेरी जान बाकर चलो वहां और मेरी जान ही बनकर रहो।
मम्मी _ मै तो हमेशा से तुम्हारी जान हूं, और तुम मेरी , (और कहकर मुझे चूमने लगी)
मै भी मम्मी की गर्दन को चूमने लगा ,और अपने हाथों को उनकी नंगी पीठ पर फेरने के साथ पीछे से उनके ब्लाउज में हाथ डालने लगा ,जिससे मम्मी कसमसाने लगी और मुझसे बिल्कुल चिपक गई ,और अपनी टांगों को हल्के से खोल दिया जिससे मेरा एक पैर उनकी टांगों के बीच में फंस जाए ,और वो अपनी बुर को रगड़ सके ।

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मै_ मम्मी,मेरी जान बनकर चलोगी आप?
मम्मी _ हां मेरे राजा,तुम जान कह रहे हो, अगर मुझसे कहते तो मै तुम्हारी बीबी तक बनने को तैयार हूं, बस एक बार कहकर तो देखो, अपनी मम्मी से अगर न मानू तो कहना । आह! मेरी जान!!
मै_ मम्मी,कहना तो यही चाहता था कि आप मेरी बीबी बनकर चलो वहां पर हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए कहने में हिचकिचा रहा था।
मम्मी _ हिचकिचाहट कैसी, जो मर्जी हो वो कहो, आखिर मै तुम्हारे लिए ही तो हूं, तुम्हारे अलावा कोई और है जो मुझे देखे?
मै_ हां मम्मी ये तो बात है।
मम्मी _ गलत बात, अब बीबी बनाने को तैयार हो तो भी मम्मी कह रहे हो, कहीं ऐसा न हो वहां पर बीबी बनकर के जाओ, और मम्मी कहने लगों।एक काम करो अभी से आदत डाल लो ।
मै_ ये भी बात ठीक है, तो फिर मै आपसे क्या कहूं आप ही बताओ?
मम्मी _ जो भी कहो मै सब मान लूंगी, कहकर तो देखिए।
मै_ मम्मी मैं आपका नाम बदलकर आपको नाम से बुलाऊं तो चलेगा ।
मम्मी _ क्या बात है, क्या नाम रखोगे अपनी जान का?
मै_ मुझे एक नाम बहुत पसंद है, रेखा।
मम्मी _ अच्छा जी , तो अपनी रेखा को कैसे बुलाओगे ?
मै_ रेखा, आई लव यू।
मम्मी _ आई लव यू टू जानू।और कहकर मेरे होठों को अपने होंठ से दबा लिया और अपनी जीभ को मेरे होठ पर फेरने लगी।
(मैने भी अपना हल्के से मुंह खोला और उनकी जीभ को अपने मुंह के अंदर आने दिया और उनके मुंह से निकला थूक मेरे मुंह में जाने लगा और मेरे मुंह से निकला थूक उनके मुंह में जाने लगा)
मै_ रेखा , एक बात बोलूं?
मम्मी _ हां जी बोलो?
मै_ कल जब हम लोग वहां पहुंचें तो तुम वहां जो मैं नाइट सूट लाया था ट्रांसपेरेंट वाले वो कपड़े पहनना , शाम को।
मम्मी _ ठीक है, जैसा आप कहो, मैं सब कपड़े रख लूंगी , क्या हुआ क्या करने का का इरादा है?.
मै_ अगर करने का इरादा होता तो अपने घर से अच्छी कोई जगह है क्या इस दुनिया में , ये बताओ तुम?
मम्मी _ ये तो है, जो काम अपने घर में आराम से कर सकते हैं, वो बाहर कैसे हो पाएंगे?
मै_ रेखा , एक बात और वहां जब पहुंचोगी तो सोलह श्रृंगार तुम्हारे ऊपर से हटना नहीं चाहिए।
मम्मी _ जब पति साथ में होगा तो सोलह श्रृंगार कैसे भूल सकती हूं, और कहकर अपनी गांड़ को उठाकर मेरे लन्ड पर धकेलने लगी।
मै_ रेखा एक बात कहूं?
मम्मी _ कहो न जान?
मैं _ जब तक हम दोनों वहां रहेंगे , तुम्हे खाना बनाने की टेंशन तो होगी नहीं, और न ही मेरा इंतजार करने की, मेरा जब भी मन करेगा मै अपनी रेखा को अपनी बाहों में भरके प्यार करूंगा।
मम्मी _ तुम्हारी रेखा है, जैसे मर्जी जितना चाहे, जैसे चाहे , कपड़ों के बिना कपड़ों के , बेड पर लिटाकर , खड़ा करके , सोफे पर, बाथरूम में , जहां चाहे वैसे प्यार करना , चूमना या चाटना, तुम्हारी रेखा अगर मन कर दे तो कहना ।
मै_ तो फिर तो मुझे अपनी रेखा के शरीर के हर अंग का रस चखने को मिल जाएगा ।
(इतना कहकर मैने अपने हाथ से दोनों दूधो को दबाने लगा और उनके निपल को पीने लगा)
मम्मी _ आह! धीरे! कल के लिए भी छोड़ दो राजा , कहीं कल को दर्द न हो इनमें ।
मै_ कोई नहीं रेखा , कल के लिए और भी चीजे हैं पीने के लिए ।
मम्मी _ एक काम करो, इन्हें कल मसल लेना आराम से , आज दूसरी जगह से काम चला लो, अभी नदी का पानी पूरे उफान पर है और बाहर सैलाब आने से पहले इस पानी को समेट लो, कही ऐसा न हो बाहर आए तो बाड़ आ जाए ।
(मै समझ गया कि मम्मी की बुर पूरी तरह से रस से भर गई है, और वो उसका रस पीने को कह रही है,मैने कहा रेखा ,मेरी जान , अगर तुम्हारी नदी में बाढ़ आने वाली है तो मेरे नल से भी हल्की फुल्की बूंदे टपक रही हैं इनका क्या करूं, फिर मम्मी ने हाथ से लन्ड को टटोला और हाथ में लन्ड का सुपाड़ा लेकर बोली, सच में ये तो रस से भरा हुआ है, और टपक भी रहा है, लाओ इसकी बूंदों को मै अपनी नदी के पानी में मिला दूं,और कहकर उन्होंने अपना पेटिकोट ऊपर किया और मेरे लन्ड के टोपे को अपनी बुर पर रगड़ने लगी और करीब 20 मिनट तक वो अपनी बुर पर मेरे लन्ड को रगड़ती रही और मैं उनके दूधो को सहलाते हुए उनके होंठो को पीता रहा , फिर करीब 5 मिनट और रगड़ने के बाद उनकी बुर से रस की धार निकली और वो मुरझा के लेट गई और मैं भी अपने लन्ड को बुर से सटाकर सोने लगा )

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Continue in _____________अगले अपडेट में
Wonderful update bro 💯 💯
 
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हेलो दोस्तों,
ये मेरी पहली कहानी है , उम्मीद और आशा के साथ लगातार कई दिनों के बाद ये कहानी आप सबको बताने जा रहा हूं , उम्मीद करूंगा कि आप सबको मेरी कहानी पसंद आए ।
दोस्तों मेरा नाम श्रेयस है , मेरी लंबाई 5 फिट 10 इंच है , शरीर थोड़ा सांवला है पर हेल्थ बहुत अच्छी है , जिम करने की वजह से शरीर और अच्छा हो गया है बात आज से 4 साल पहले की है जब दूसरा कोविड लगा था उस समय मैं दिल्ली से अपने गांव वापस आ गया, जब मैं दिल्ली में था तो वहां पर एक एच आर मैनेजर की पोस्ट पर काम करते करते मुझे लगभग 4 साल हो चुके थे , इस पद पर रहते हुए मैने अच्छी खासी सेविंग्स भी कर ली थी जिससे मैं अपनी और मां की सभी ज़रूरतें पूरी कर सकता था ।
अब मैं आपको अपनी मां के बारे में बताता हूं,, मां का शरीर बहुत ही गठीला और भरा हुआ है , पापा के गुजरने के बाद भी मां के चेहरे की चमक वैसी ही रही जैसी पहले थी, दूध गोरे गोरे और गान्ड एकदम चौड़ी और बाहर की तरफ निकली हुई है



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बहुत ही मस्त लाजवाब और शानदार प्रारंभ हैं कहानी का
 
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