,,,, भाई क्यों झटके पे झटके दे रहे हो, सीधा ........ को पकड़ के खड़ा कर दो दुनिया के सामने,
भाई 3d मूवी देखी थी, लेकिन 3d स्टोरी पहली बार पढ़ रहा हु, ऐसन लगा जैसन हमऊ ही कमरे में खड़े है,
मनीष क्या करेगा सोच सोच के ही डर लग रहा है, क्योंकि एकमात्र ईश्वर रुपी मित्तल साहब का ही सहारा था मनीष को...