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Incest मैं और मेरा रंगीला परिवार ( incest+Adultery )

किसकी चुदाई पहले देखना पसंद करोगे आप सभी ??

  • मामी और मैं

    Votes: 61 43.0%
  • अंजलि और मैं

    Votes: 50 35.2%
  • मामी और किसी के साथ

    Votes: 22 15.5%
  • अंजलि और किसी के साथ

    Votes: 9 6.3%

  • Total voters
    142

Pal bhai

Member
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पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा के कैसे मैं अंजलि के चैट्स पढ़ कर ये जान पता हूँ की वो कहाँ है फिर उसके बाद मामी के साथ ऑनलाइन बात करते हुए उनसे फ़्लर्ट करते करते उनको काफी गर्म कर देता हूँ और वो चुदासी हो कर मुझे अपने पास बुलाती है और मैं अपनी शर्त रखता हूँ आँखों में पट्टी बांधने की.


अब आगे........

मैं भी अब मामी को फिर से चोदने का सोच लिया था और साथ ही अगर मौका मिला तो सच भी बताने का सोचा था मैंने. उधर मामी भी चुदासी हालत में मेरी शर्त मानकर मेरा इन्तेजार कर रही थी. मैं अपने कमरे से बाहर आकर सबसे पहले मेन गेट बंद करता हूँ जो मामी ने ये सोच कर खुला रख दिया था की उनका यार कोई और है और वो बिना किसी दिक्कत के अन्दर आ सके. मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता था कि कोई बाहर का आ के मेरे और मामी की चुदाई को देखे, अंजलि भी पता नहीं कब आ जाये ये सब बातों को सोच कर गेट बंद रखने में ही भलाई थी.

गेट बंद करने के बाद मैं एक बार चुपके से मामी के कमरे में झांक कर देखता हूँ की मामी ने आँख में पट्टी लगे है या नहीं, और मैं देखता हूँ की मामी अपनी आँखों में पट्टी बांधे मेरा वेट कर रही थी रूम में. मैं थोडा नर्वस तो था पर चुदास तो मी अन्दर भी थी जो मुझे बार बार मामी को चोदने का जोश दिला रही थी. फिर मैं ज्यादा न सोचते हुए अन्दर चला जाता हूँ, मामी को पता चल जाता है के कोई अन्दर आया है और उनको लगता है उनका यार आ गया चोदने के लिए और वो बहुत खुश हो जाती है.

मामी- मैं तुम्हारा ही वेट कर रही थी ऋषि ,,, जल्दी आओ और मेरी प्यास भुझा दो,,,,देखो मेरी चूत तुम्हारे लंड को याद कर कर के कैसे पानी बहाए जा रही है

मैं स्टार्टिंग में कुछ भी बोलना नहीं चाह रहा था जिससे मामी को जरा भी अंदाजा लगे की ये मैं हूँ क्या पता वो चोदने भी न दे फिर . इसलिए मैं पहले उनको अच्छे से गर्म करना चाह रहा था. मैं उसनके पीछे जा कर उनको अपनी बाहों में भर लेता हूँ और उनके गर्दन में हल्का सा किस करता हूँ जिससे मामी के मुह से आअह्ह्ह्ह की सिसकी निकल जाती है और वो मचल जाती है. मैं फिर से उनके गर्दन को चूमने लगता हूँ साथ में उनके कान को भी अपनी जीभ से चाटता रहता हूँ जो मामी को और भी गर्म करने मे मदद कर रही थी. मामी के मुह से लगातार aaahhhhhh ऊह्ह्ह्ह ....ऊम्म्मम्म य्यीस्स्स जैसी कामुक आवाजे निकलती जा रही थी. मामी भी अपने हाथों को पीछे करके मेरी कमर को सहलाये जा रही थी और मेरे खड़े लंड पर अपनी बड़ी बड़ी गांड को दबा रही थी.

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मामी की चूत मसलते हुए मैं

ये कामुक नजारा बहुत ही उत्तेजक था मेरी मामी अपने बेडरूम में किसी और को बुलाकर उसके साथ चुदने वाली थी भले ही मुझे सच पता था पर मामी के लिए तो मैं अभी भी एक अजनबी ही था जिसका चेहरा तक उन्होंने नहीं देखा था फिर भी उससे चुदने को रेडी थी सच में मामी तो बहुत बड़ी रंडी निकली.

पर मुझे तो अभी मजे लेने से मतलब था मैं भी अपने लंड को मामी की गांड में ऐसे रगड़ रहा था मानो मैं उनकी गांड मार रहा हूँ फिर मैं अपने हाथ आगे ले जा कर मामी की बुर को दबोच लेटा हूँ और इसी के साथ मामी के एक जोरदार आअह्ह्ह्ह की आवाज आती है और वो छटपटाने लगती है. मैं उनके चूत को मसले जा रहा था और मामी की चूत भी पानी बहा कर मेरा जोश बढ़ा रही थी. मामी तो पहले से काफी चुदासी थी और मेरे इस तरह चूत मसलने से उनका मन अब चुदने का करने लगा और वो बार बार मुझे रिक्वेस्ट करने लगी

मामी- आह्ह्हह्ह आब्ब्ब बस भीई करूऊ ऋषिईई !!!!! चोददददद दोओऊ नाआअ मुझेईईए.

ऐसा बोलते हुए मामी ने मेरे लंड को पकड़ लिया जैसे अभी उसको अपनी चूत में घुसा लेगी और खुद चोदने लग जाएगी मुझे. पर मेरा प्लान कुछ और ही था मैं मामी को इतना चुदासी कर देना चाहता था की वो भीख मांगे चुदने के लिए. मैं अभी उनके हाथों से अपने लंड को छुड़ा लेटा हूँ और उनको बेड में लेटा कर उनके मम्मो पर फोकस करता हूँ. मामी के प्यारे प्यारे मम्मे उफ्फ्फ कितने सॉफ्ट थे. मैं अपने हाथों से उनको मसलने लगता हूँ. बहुत ही सॉफ्ट थे मामी के मम्मे जिससे मुझे उनको और ज्यादा जोर से मसलने का मन होने लगा और मैं भी अपने मन की सुनते हुए पूरी शिद्दत से उनके मम्मे मसलने लगा. मामी को मेरे इस तरह अपने बूब्स दबाये जाने से हल्का दर्द होने लगा और वो धीमे धीमे कराहने लगी

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मामी- आआअह्ह्ह्ह ऋषिईई धीरेयययय !!! मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ म्मम्मम्मम आराम से दबाव न मेरे मम्मो को

मैं भी उनके दर्द को समझ कर दबाना बंद करके मम्मो को चुसना शुरू कर दिया. मैं अपने मुह में उनका एक मम्मा पूरा अन्दर लेने का try कर रहा था और दुसरे मम्मे हो हल्का हल्का सहला रहा था. मैं बारी बारी मम्मो के साथ खेलने लगा और अब मामी को दर्द की जगह मजा आने लगा और उनकी सीत्कार बढ़ने लगी.

मामी- उम्म्मम्म्म्म उफ्फ्फ्फ़ खा जाओ इन मम्मो को,,, बहुत परेशान करती है ये मुझे. निचोड़ लो इनका सारा रस ऊह्ह्ह्हह हाआआआआआईईईइ

मम्मो के साथ खेलते हुए मुझे अब काफी टाइम हो गया और मैं अब दुसरे मजे भी लेना चाह रहा था तो मैं अब मामी के चुचों को मसलते हुए उनके पतले और नाजुक कमर पे किस करना शुरू कर दिया फिर उनकी गहरी नाभि पे मैंने दो चार पप्पियाँ ली उसके बाद अपनी जीभ से नाभि को चाटने लगा. मामी अपना आपा खोते जा रही थी मेरे हर हरकत से, मैं अब मामी की नाभि को चुमते हुए नीचे की ओर जाने लगा और अब मेरे सामने मामी की रसभरी चूत थी. मैंने अपनी नाक को उनकी चूत के पास ले जा कर उसकी महक को अपने अन्दर लिया, बड़ा ही मादक गंध थी चूत की. उसके खूसबू से मेरे दिमाग में खलबली सी मच गयी और न जाने कब मेरे होंठ मामी के चूत से जा लगे. मामी को जब अपनी चूत में मेरे होंठों का अहसास हुआ उन्होंने अपनी कमर को ऊपर की और उठा कर एकक जोर की आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकली और मेरे सर को पकड़ कर चूत में दबाने लगी.

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मैं मामी के चूत से निकलते रस को चाट चाट के पिने लगा, कभी मैं उनके चूत के दाने को अपनी होंठों से मसल देता तो कभी उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपने दांतों से हलके हलके काट देता जिससे मामी तड़प जाती. मामी के मुह से लगातार उम्म्म आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ़ जसी आवाजे निकलती जा रही थी. मामी की चूत अब बहुत गीली हो गयी थी और मैं भी अपनी जीभ की मामी की चूत के अन्दर दाल कर उसकी गहराई नापने लगा था मामी भी कमर को उठा उठा के अपनी चूत मुझसे चटवा रही थी. मामी बिलकुल पागल हो चुकी थी चुदास में और न जाने क्या क्या बोले जा रही थी ,,,

मामी- आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् हरामी खाआआअ जाआआ मेरीईईइ चूतत्तत्तत्त को ....म्मम्मम्मम आःह. मादरचोदद्द्द्दद औरर्रर्रर अन्दररर तक डाललल्ल अपनी जीभव्वव्व को,,,, मर्रर्रर्र गयी मैं ऊउईईइ माआआआआआआअ,,,,, चाट कुत्ते मेरीईई चूत

मामी गालियों से मेरा जोश बढ़ाने की कोसिस कर रही थी न जाने क्या क्या बोल चुकी थी मामी अब तक पर मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं थी बल्कि मुझे और ज्यादा मजा आने लगा था मामी की गालियों से. मैंने काफी देर तक मामी की चूत चाट चूका था और अब न तो मामी को बर्दास्त हो रहा था और न ही मुझे इसलिए मैंने अब मामी को लिटा कर चुदाई की पोजीशन ले ली और अपने इतने देर से खड़े लंड को उनकी चूत में टिका दिया.

मेरा लंड अभी सुखा ही था क्युकी मैंने मामी को लंड नहीं चुसाया था पर मामी की चूत गीली थी. मैंने लंड के टोपे को थोडा सा मामी की चूत पर रगडा और मामी को तडपाया फिर अचानक से जोर का धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड सूखेपन की वजह से रगड़ खाता हुआ मामी की चूत में समा गया और साथ ही मामी की चीख निकल गयी

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मामी- ऊउईईईइ माआआआआआआअ मर्र्र्रर्र्र्रर गयीईईई मैं. भोसड़ी के मादरचोदद्द्दद्द्द निकाल अपना लंड बाहरररर,,,हाअयीईए मेरीईई चुत्त्त्त फाड़ डालीईई हरामीईई ने

मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और मामी की चीख और गालिया सुनता रहा पर अपना लंड नहीं निकाला. मैं उनके चुचे मसलते हुए उनको जगह जगह किस करने लगा ताकि उनको रहत मिले पर मामी छटपटाती रही. काफी देर तक उनका चिल्लाना चलता रहा फिर धीरे से वो शांत हुई और मैंने मौका देख के लंड को धीरे से हिलाना शुरू किया . मामी भी अब दर्द भूलकर मजे लेने लगी

मामी- ऊउह्ह्ह्ह उमम्म्म हांआआ ऐसे ही चोदो ऋषिईई अआह्ह्ह आराम से चोदो ऊफ्फ्फ्फ़

मामी को अब मजा आने लगा और उनकी चूत और पानी बहाने लगी जिससे मेरा लंड भीग के आसानी से अन्दर बाहर होने लगा. अभी भी मैंने अपना पूरा मुसल मामी की चूत में नहीं डाला था और मामी मेरे अधूरे लंड से ही मजे लेने लगी थी.

कुछ देर मामी को ऐसे ही चोदने के बाद मैंने एक करारा धक्का दे मारा जिससे मेरा पूरा लंड सरसराता हुआ उनके बच्चेदानी तक जा पहुंचा और इस बार मैंने मामी के चीख को दबाने के लिए पहले से ही उनके मुह को किस करते हुए बंद कर दिया था क्युकी मुझे मालुम था की इस झटके से मामी को बहुत दर्द होगा और वो खुद को सम्भाल नहीं पायेगी. मामी के मुह से बास गूऊ गूऊऊ की आवाज ही निकल रही थी और वो मेरी पकड़ से आजाद होने के लिए छटपटा रही थी. मुझे भी अपना पूरा लंड मामी की चूत में दाल कर एक अलग ही आनंद की अनुभूति होने लगी मुझे मामी की च्ताड़प से ज्यादा फर्क नहीं पडा और मैं लंड को अब अन्दर बाहर करने लगा ताकि मामी को जल्दी राहत मिले और असली चुदाइ शुरू हो.

मेरे बार बार मम्मो के मसलने और किस से मामी की चूत का दर्द थोडा कम हुआ और मेरा लंड भी अब चुतरस से भीग चूका था और हर धक्के के साथ मामी की बच्चेदानी की चूमकर बाहर आता था. मामी के दर्द कम होते ही वो भी अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी जो मेरे लिए एक ग्रीन सिग्नल था. मैं अब धक्कों की रफ़्तार बढाने लगा और मामी भी मेरा साथ देते हुए ऊम्म्मम्म अआह्ह्ह की आवाजे निकलने लगी. मेर धक्को की ताकत से मामी का पूरा बदन हिल रहा था और उनके चुचे भी चुदाई की ताल में ताल मिला कर थिरक रहे थे. हमारी चुदाई ऐसी थी मानो दो प्यासे बदन जन्मों की प्यास भुझाने में लगे हुए है. मेरी कमर और मामी की कमर लयबध् तरीके से एक दुसरे को चुदाई में मदत कर रहे थे.

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मामी- अआह्ह्ह आह्ह्ह्ह ऊम्म्म्म ऊओह्ह्ह जोर से चोदो ऋषि ,,,, उम्म्म पूरा अन्दर तक जाने दो अपने मुसल को ऊफ्फ्फ्फ़ ,,, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो चोद-चोद कर आअह्ह्ह्ह ऋषिईई चोदोऊऊऊ

मैं भी उमम्म्म ऊओफ़्फ़्फ़ की आवाजे करते हुए मामी को चोदे जा रहा था. न ही मामी को कोई होश था और न ही मुझे, हम दोनों पागल प्रेमियों की तरह बस एक दुसरे में खोये अपने तन की प्यास भुझा रहे थे. पुरे कमरे में हमारी सिस्कारियों की मधुर ध्वनि गूंज रही थी. हमें इस वक़्त किसी की फिकर नहीं थी.

मैं अब इस पोजीशन में मामी को काफी देर से चोद रहा था और अब मुझे नए तरीके से मामी की चूत मारनी थी मैंने मामी की चूत से लंड को बाहर निकल निया जो पक्क की आवाज के साथ बाहर आया. मैं अब बेड पर लेट गया और मामी को खीच कर अपने ऊपर ले आया. मामी भी काफी खेलिखायी हुई थी तो उनको समझते देर ना लगी की मैं क्या चाहता हूँ. मामी ने अपने हाथ को निचे ले जा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उन्होंने लंड चूत में डालने से पहले गीला करने के लिए उसे अपने मुह में ले लिया. मेरे लंड में अभी भी थोडा मामी का चूतरस लगा हुआ था फिर भी मामी उसे बड़े चाव से चूस और चाट रही थी. मामी के इस रंडीपने से मैं जोश में आ गया और उनके मुह को चोदने लगा.

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मामी के मुह में लंड देने से मुझे बहुत सुकून मिल रहा था उनके जीभ की कलाकारी मेरे लंड को झड़ने पे मजबूर कर रही थी पर मैं अभी नहीं झाड़ना चाहता था तो मैंने मामी को लंड चूसने से रोका और उनको ऊपर खीच लिया. मामी भी अपने हाथो से लंड को पकड़ के चूत पर सेट कर दिया और मैंने नीचे से धक्का मारा और मेरा लंड मामी की चूत में समां गया. मामी भी अब मेरे लंड पर कुदने लगी. मामी पुरे जोश में मुझे चोदे जा रही थी. उन्होंने अपने हाथ मेरे सीने में रख कर अपनी कमर की हिलाने लगी जैसे मेरे लंड को मथ रही हो . मामी का ये तरीका बहुत कामुक था. मैंने अपने हाथों से मामी के हिलते मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए इस मंथन का मजा लेने लगा.

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मामी ज्यादा देर तक ये कर नहीं पायी और थकावट से वो रुक गयी पर मैं अब कण्ट्रोल अपने हाथ में ले लिया और मामी को अपने ऊपर से हटा कर उनको बेड में कुतिया बना दिया,,,,,,
मामी भी अपनी गांड बाहर निकलते हुए कुतिया बन गयी और मैं जल्दी से उनके पीछे जा कर अपने लंड को चूत पे टिका कर धक्का मारा. मामी भी मेरे धक्के से थोडा आगे गिरने को हो गयी तो मैंने उनकी कमर पकड़ कर ताबड़तोड़ धक्के मारना शुरू कर दिया. मैं मामी की थिरकती गांड को देखता हूँ तो मुझे उनकी हिलती गांड देख कर लगा की अपना लंड उनकी गांड में डाल दूँ पर अभी मैं ज्यादा देर तक गांड नहीं मार सकता था कभी भी मेरा माल निकल सकता था और मामी का भी यही हाल था, और क्या पता मामी गांड मराने से मना कर दे, इसलिए मैंने मामी की चूत पर ही फोकस किया. मेरे धक्के अब और तेज होने लगे थे साथ ही मामी भी गांड आगे पीछे करके चुद रही थी, हमारे इस चुदाई में मामी की गांड मेरे कमर और जाँघों से टकरा कर थप थप की मधुर संगीत निकाल रही थी. मामी भी अब काफी देर से चुद रही थी और अब उनका आखरी टाइम आ गया था मेरा मतलब है की वो अब झड़ने वाली थी और उनके पैर कांपने लगे थे इसलिए वो सही से कुतिया नहीं बन पा रही थी तो मैंने उनको पलट के लिटा दिया और एक ही झटके में लंड डाल के चुदाई जारी रखी. मेरा भी अब निकलने वाला था और मामी भी झड़ने को तैयार थी. मैंने अब तक बस अआह्ह्ह और उम्म्म जैसे आवाजे ही निकाली थी. मैं अपने झटके पूरी ताकत से मरने लगा मामी भी अब पागलो की तरह सर को इधर उधर पटक रही थी और बद्बदाये जा रही थी

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मामी- आआह्ह्ह आअह्ह्ह्ह अआह्ह्ह जोरररर से औरर्रर्र जोरररर से मेरा होने वाला हैईईए रुकना मत ऋषिईईइ चोदो ऐसे हीईई

मैं भी काफी जोश में था और मामी और मेरा होश उड़ा हुआ था हम बस झड़ना चाहते थे इस वक़्त न उनको कोई फिकर थी न ही मुझे. हम चुदाई में पूरी तरह खोये हुए थे और इसी खुमारी में मैंने मामी से बोल पडा

मैं- आअह्ह्ह्ह जाआन्नूऊ अपना माललल्ल कहाँनन्न डालूऊऊ

मामी भी चुदाई में इतनी मस्त थी की शायद ही उनको मेरी आवाज पहचान में आई होगी और उन्होंने बोला

मामी- मेरीईई चूत मेंईई ही डाल दो,,,, मै तूम्हारा माल अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूँऊऊ ऋषिईई

मैं- तो येईईए लेईई मेरीईई रांडईईई आअह्ह्ह्ह


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और इसी के साथ मैं झड़ने लगा और मेरा वीर्य की धार मामी की बच्चेदानी से टकराने लगा और उसकी गर्मी फील करके मामी भी खुद को रोक नहीं सकी और वो जोर की आह्ह्ह्ह के साथ झड़ने लगी और मुझे अपनी बांहों में जकड लिया और हम दोनों हांफने लगे. मैं अभी भी मामी के ऊपर था और मेरा लंड मामी की चूत में रुक रुक कर अपना पानी छोड़ रहा था.

हम दोनों ही अपने अपने चरम सुख का पूरा मजा लेने में लगे हुए थे. हम दोनों का शरीर बहुत रिलैक्स हो गया था. दोनों ही अपना सब भूल कर बस इस अद्भुत अनुभूति का मजा ले रहे थे .

मैं भी अब अपने होश में आने लगा था और मैंने सोचा की मैंने जो प्लान किया था वो तो मैं चुदाई की खुमारी में भूल ही गया की कैसे मैं मामी को बीच चुदाई में अपने बारे में बता दूंगा तो वो मन भी नहीं कर पायेगी पर अब तो चुदाई भी हो गयी और मैंने अब तक कुछ नहीं किया इस बारे में. मुझे लगा अब मामी को सच बताया जाये की नहीं, अब तो मामी गर्म भी नहीं है जो वो बिना सोचे मुझसे चुदाई के लिए मान जाये. मुझे अभी अब मामी को सच बताना थोडा रिस्की लग रहा था. मैं अब दुसरे किसी मौके की तलाश में था और अभी यहाँ से मामी को बिना पता लगे जाने का सोचने लगा.

मैं अब मामी के ऊपर से साइड हटा और जल्दी ही वहां से अपने रूम की और भाग गया. मामी अभी भी खोयी हुई थी पर जैसे ही उनको लगा की मैं जा चूका हूँ वो अपनी पट्टी खोल देती है और उनको मैं वहां नहीं मिलता हूँ तो वो एक बार ऋषि बोल कर मुझे आवाज लगाती है जो मैं सुनता हूँ पर कुछ नहीं बोलता. मामी भी मेरी इस हरकत से थोड़ी परेशान और गुस्सा हो जाती है. ये दूसरी बार था जब मैं उनको ऐसे ही छोड़ कर चला गया था. पर मामी बहुत थकी होने के कारण ज्यादा मेरे बार न सोचते हुए खुद को साफ़ करके आराम करने का सोचती है.

मैं भी अपने कमरे में आ कर खुद को साफ़ करके आराम करने लगता हूँ और सोचता हूँ की आज मैंने एक अच्छा मौका गवां दिया मामी को सच बताने का पर मुझे खुसी भी थी मामी की फिर से चुदाई कर पाने की . मामी का खुलापन देखकर मुझे यकीं था की वो शायद मान जाये मेरे साथ चुदाई के लिए. उनको मानना आसन होना चाहिए उनकी हरकतों से तो मुझे ऐसा ही लग रहा था .

मामी और मेरी हालत चुदाई के बाद ख़राब थी हम थके हुए थे तो मामी ने बाहर से खाना आर्डर कर दिया और मुझे फ़ोन करके बोल दिया की मैं अपने से निकाल कर खाना खा लूँ क्युकी उनकी तबियत ठीक नहीं है पर मुझे मालुम था क्युकि मैंने ही तो उनकी तबियत बिगाड़ी थी. हम अपना अपना खाना खा कर आराम करने लगे.

मुझे नहीं पता था की मामी अभी क्या सोच रही होगी या क्या कर रही होगी पर जहाँ तक मेरा सवाल था मैं अपनी प्लानिंग में लग गया था. मामी को जल्दी ही सच बताने के लिए. उधर मामी भी लेटे लेटे सोच रही थी की ये ऋषि ऐसे क्यों भाग गया आज. मैं फिर से उसका चेहरा नहीं देख पाई. पर आज तो मजा ही आ गया क्या चोदा है उसने ऊफ्फ्फ्फ़ ... मेरी चूत तो उसके लंड की गुलाम हो गयी है. पर मुझे ऋषि की सच्चाई तो पता लगनी ही होगी आखिर वो मेरे सामने आने से क्यों बचता है. पता नहीं अब कब मिलना होगा उससे.

दोस्तों चुदाई के बाद मामी और मैं अपने अपने कमरे में थे और मैं काफी देर से मामी के बारे में प्लानिंग कर रहा था और मुझे ध्यान ही नहीं रहा की अंजलि सुबह से गायब है. जैसे ही मेरे दिमाग में अंजलि की बात आई मैंने प्लानिग बंद कर दी और अंजलि के बारे में सोचने लगा. वो तो आज प्राची की चुदाई देखने गयी थी सवेरे से और अब तो दोपहर होने को आई है पर वो अभी तक आई नहीं वापस. प्राची तो अभी तक चुद गयी होगी फिर भी वो अभी तक नहीं आई क्या बात हो सकती है, मुझे पता नहीं क्यों अब घबराहट सी होने लगी. मेरे दिमाग में तरह तरह के ख़याल आने लगे कि कहीं अंजलि भी तो नहीं चुद गयी प्राची के बॉयफ्रेंड से ??

मेरा मन अब बैचैन हो गया था ये जानने को की आखिर बात क्या है पर मैं कैसे पता करता. अब मैं प्राची के घर तो नहीं जा सकता था ऐसे ही तो अंजलि का ही इन्तेजार करना ही एक उपाय रह गया था. दोस्तों मैं अपने रूम में अपने मन को शांत करने की कोसिस में था तो मैंने हैडफ़ोन लगा कर म्यूजिक सुनने लगा जिससे थोडा रिलैक्स हो पाया मैं. और ऐसे ही शाम हो गयी पता नहीं चला.

मैं शाम में चाय पिने नीचे गया तो देखा मामी और अंजलि साथ में बैठी चाय पी रही थी. अंजलि को देख के मेरे मन में हलचल होने लगी. मैं अपने सवालों के जवाब चाहता था पर मैं ऐसे सीधे पूछ भी तो नहीं सकता था. मैं उनके पास गया और बैठ गया, मामी अभी भी थकी सी दिख रही थी पर वो उठी और मेरे लिए चाय लेने चली गयी रसोई में मैंने अंजलि की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी पर जैसे ही हमारी नजर मिली उसने अपनी नजरे झुका ली. मैं समझ नहीं सका की आखिर वो ऐसा क्यों की. मन में झिझक आ गयी की शायद वो रात वाली घटना से कंही नाराज तो नहीं या फिर कंही आज वो चुद के तो नहीं आई ?? मुझसे ज्यादा ड्रामा नहीं सहा गया और मैंने पहल करते हुए अंजलि से पूछ लिया

मैं- तुम कब घर आई अंजलि??

अंजलि मेरे इस तरह से नोर्मल तरीके से पूछने पर सोचने लगी “” ये भैया इतने नार्मल कैसे है जो भी हमारे बीच हुआ उसके बाद से पता नही भैया के मन में क्या चल रहा है कही वो साडी बाते भूल के आगे तो नहीं बढना चाह रहे है ?? पता करूँ भी तो कैसे ??””

अंजलि भी ये सब सोचते हुए नार्मल तरीके से जवाब देती है

अंजलि- हां भैया मैं वो तो मैं दोपहर को आ गयी थी फिर सीधे रूम में आराम करने चली गयी थी.

अंजलि के जवाब से मुझे कुछ शक हुआ की ये आते ही आराम क्यों करने गयी ?? तो मैंने भी पूछ लिया

मैं- अरे तू ठीक तो है न ?? तेरी तबियत तो ठीक है ??

अंजलि- हां भैया मेरी तबियत ठीक है बस थोड़ी थकावट है. शायद गर्मी का होगा

मैं- ठीक है तू अभी और आराम कर लेना रूम में

अंजलि- ठीक है भैया

ये बोलकर अंजलि अपने रूम में चली गयी और तब तक मामी भी मेरी चाय ले आई थी अब मैं मामी से क्या बात करू सोच में पड़ गया ,,,

मामी- ये ले बेटा चाय तेरी

मैं- हा मामी (मामी के हाथ से चाय लेते हुए)

मामी मेरे बाजु में बैठ गयी और चाय पिने लगी उनके चेहरे में एक रौनक थी पर थकान भी भी दिख रही थी मामी के चाल में. मैं अब मामी को थोडा छेड़ने की सोचा ,,,,

मैं- क्या बात है मामी आज आप थकी थकी सी लग रही है ??

मामी- हां आज थोडा थकावट लग रहा है बेटा.

मैं= क्या हुआ मामी ऐसे अचानक से ??

मामी- काम ज्यादा हो गया लगता है बेटा और क्या ही होगा

मैं- (हां पता है कौन सा काम हुआ है) अच्छा तो आप मुझे बोल देती मैं कर देता आपका काम

मामी- (अब ये काम तुझसे कैसे करवाती बेटा) नहीं उतना भी ज्यादा नहीं था तू फिकर मत कर.

मैं मामी को थोडा और परेशान करने का सोचा और उनसे पुछा

मैं- मामी आज कोई घर आया था क्या ??

मामी मेरे इस सवाल से चौंक गयी उनके चेहरे के हाव भाव बदलने लगे वो घबरायी सी दिखी मुझे. कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने कहा,,,,

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मामी- न-न-नहीं तो तुझे ऐसा क्यों लगा ??

मैं- वो तो मुझे कुछ आवाजे आई तो ऐसा लगा.

मामी मन में “” हे भगवान !! इसने कंही ऋषि और मेरी चुदाई की आवाजे तो नहीं सुन ली ,,, मैं भी तो पागलों की तरह चीखे जा रही थी और मुझे ध्यान भी नहीं रहा सौरभ का,,, अब क्या करू मैं ??””

मामी- क-क-कैसी आवाजे बेटा??

मैं- मुझे लगा कोई ताली पिट रहा था पट पट की आवाजे थी

मामी तो अब बिलकुल घबरा गयी उनको कुछ सूझ ही नहीं रहा था की अब वो क्या बोले इधर मैं भी मामी के इस हालत पर खुश हो रहा था मन ही मन. मामी तो बुरी तरह फंस चुकी थी पर मामी तो मामी है न उन्होंने खुद को सम्भाल के जवाब दिया ,,,

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मामी- अच्छा वो आवाज !!! वो मैं माया से बात कर रही थी तो उसके मजाक पे मैंने ताली बजायी थी वही सुनी होगी तूने ..

मैं- अच्छा !!! हाँ वही रहा होगा फिर तो (मन ही मन मुस्कुरा दिया मामी की चालाकी पर)

मामी मन में””आज तो बाल बाल बच गयी नहीं तो मेरी चुदास की वजह से सौरभ ने पकड़ ही लिया था, मुझे इसके यहाँ रहते हुए थोडा सम्भाल के रहना होगा नहीं तो मेरी पोल खुल जाएगी सब के सामने””

मैं अब ज्यादा तो बोल नहीं सकता था मामी को इस बारे में तो मैं भी उनको बोल कर अपने रूम में आ गया और मामी भी अपने कमरे में चली गयी. मैं रूम में आ कर अंजलि का सोचने लगा की कैसे पता किया जाये उसके बारे में ,,, क्या किया जाये ??? मैंने फिर उसका फ़ोन देखने का सोचा , उम्मीद तो कम थी पर क्या पता कुछ मिल जाये. पर शायद भगवान् मुझ पर मेहरबान था मुझे अंजलि की चैट्स में आज दोपहर की चैट्स दिखी जो अंजलि और साक्षी की थी शायद उसके घर आने के बाद की थी. मुझमें कुछ उम्मीद जगी की कुछ तो जानकारी मिल ही जाएगी इससे....



दोस्तों क्या होगा आगे...??? क्या पता चलेगा अंजलि के चैट्स से मुझे?? क्या अंजलि चुद गयी है ?? क्या मामी को ऋषि के सच का पता चल जायेगा ?? प्राची के घर में क्या हुआ होगा ?? इन सरे सवालों के जवाब जानने के लिए इन्तेजार करे आगे आने वाले भाग का .....
Mast update bhai
 
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पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा के कैसे मैं अंजलि के चैट्स पढ़ कर ये जान पता हूँ की वो कहाँ है फिर उसके बाद मामी के साथ ऑनलाइन बात करते हुए उनसे फ़्लर्ट करते करते उनको काफी गर्म कर देता हूँ और वो चुदासी हो कर मुझे अपने पास बुलाती है और मैं अपनी शर्त रखता हूँ आँखों में पट्टी बांधने की.


अब आगे........

मैं भी अब मामी को फिर से चोदने का सोच लिया था और साथ ही अगर मौका मिला तो सच भी बताने का सोचा था मैंने. उधर मामी भी चुदासी हालत में मेरी शर्त मानकर मेरा इन्तेजार कर रही थी. मैं अपने कमरे से बाहर आकर सबसे पहले मेन गेट बंद करता हूँ जो मामी ने ये सोच कर खुला रख दिया था की उनका यार कोई और है और वो बिना किसी दिक्कत के अन्दर आ सके. मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता था कि कोई बाहर का आ के मेरे और मामी की चुदाई को देखे, अंजलि भी पता नहीं कब आ जाये ये सब बातों को सोच कर गेट बंद रखने में ही भलाई थी.

गेट बंद करने के बाद मैं एक बार चुपके से मामी के कमरे में झांक कर देखता हूँ की मामी ने आँख में पट्टी लगे है या नहीं, और मैं देखता हूँ की मामी अपनी आँखों में पट्टी बांधे मेरा वेट कर रही थी रूम में. मैं थोडा नर्वस तो था पर चुदास तो मी अन्दर भी थी जो मुझे बार बार मामी को चोदने का जोश दिला रही थी. फिर मैं ज्यादा न सोचते हुए अन्दर चला जाता हूँ, मामी को पता चल जाता है के कोई अन्दर आया है और उनको लगता है उनका यार आ गया चोदने के लिए और वो बहुत खुश हो जाती है.

मामी- मैं तुम्हारा ही वेट कर रही थी ऋषि ,,, जल्दी आओ और मेरी प्यास भुझा दो,,,,देखो मेरी चूत तुम्हारे लंड को याद कर कर के कैसे पानी बहाए जा रही है

मैं स्टार्टिंग में कुछ भी बोलना नहीं चाह रहा था जिससे मामी को जरा भी अंदाजा लगे की ये मैं हूँ क्या पता वो चोदने भी न दे फिर . इसलिए मैं पहले उनको अच्छे से गर्म करना चाह रहा था. मैं उसनके पीछे जा कर उनको अपनी बाहों में भर लेता हूँ और उनके गर्दन में हल्का सा किस करता हूँ जिससे मामी के मुह से आअह्ह्ह्ह की सिसकी निकल जाती है और वो मचल जाती है. मैं फिर से उनके गर्दन को चूमने लगता हूँ साथ में उनके कान को भी अपनी जीभ से चाटता रहता हूँ जो मामी को और भी गर्म करने मे मदद कर रही थी. मामी के मुह से लगातार aaahhhhhh ऊह्ह्ह्ह ....ऊम्म्मम्म य्यीस्स्स जैसी कामुक आवाजे निकलती जा रही थी. मामी भी अपने हाथों को पीछे करके मेरी कमर को सहलाये जा रही थी और मेरे खड़े लंड पर अपनी बड़ी बड़ी गांड को दबा रही थी.

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मामी की चूत मसलते हुए मैं

ये कामुक नजारा बहुत ही उत्तेजक था मेरी मामी अपने बेडरूम में किसी और को बुलाकर उसके साथ चुदने वाली थी भले ही मुझे सच पता था पर मामी के लिए तो मैं अभी भी एक अजनबी ही था जिसका चेहरा तक उन्होंने नहीं देखा था फिर भी उससे चुदने को रेडी थी सच में मामी तो बहुत बड़ी रंडी निकली.

पर मुझे तो अभी मजे लेने से मतलब था मैं भी अपने लंड को मामी की गांड में ऐसे रगड़ रहा था मानो मैं उनकी गांड मार रहा हूँ फिर मैं अपने हाथ आगे ले जा कर मामी की बुर को दबोच लेटा हूँ और इसी के साथ मामी के एक जोरदार आअह्ह्ह्ह की आवाज आती है और वो छटपटाने लगती है. मैं उनके चूत को मसले जा रहा था और मामी की चूत भी पानी बहा कर मेरा जोश बढ़ा रही थी. मामी तो पहले से काफी चुदासी थी और मेरे इस तरह चूत मसलने से उनका मन अब चुदने का करने लगा और वो बार बार मुझे रिक्वेस्ट करने लगी

मामी- आह्ह्हह्ह आब्ब्ब बस भीई करूऊ ऋषिईई !!!!! चोददददद दोओऊ नाआअ मुझेईईए.

ऐसा बोलते हुए मामी ने मेरे लंड को पकड़ लिया जैसे अभी उसको अपनी चूत में घुसा लेगी और खुद चोदने लग जाएगी मुझे. पर मेरा प्लान कुछ और ही था मैं मामी को इतना चुदासी कर देना चाहता था की वो भीख मांगे चुदने के लिए. मैं अभी उनके हाथों से अपने लंड को छुड़ा लेटा हूँ और उनको बेड में लेटा कर उनके मम्मो पर फोकस करता हूँ. मामी के प्यारे प्यारे मम्मे उफ्फ्फ कितने सॉफ्ट थे. मैं अपने हाथों से उनको मसलने लगता हूँ. बहुत ही सॉफ्ट थे मामी के मम्मे जिससे मुझे उनको और ज्यादा जोर से मसलने का मन होने लगा और मैं भी अपने मन की सुनते हुए पूरी शिद्दत से उनके मम्मे मसलने लगा. मामी को मेरे इस तरह अपने बूब्स दबाये जाने से हल्का दर्द होने लगा और वो धीमे धीमे कराहने लगी

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मामी- आआअह्ह्ह्ह ऋषिईई धीरेयययय !!! मैं कही भागी नहीं जा रही हूँ म्मम्मम्मम आराम से दबाव न मेरे मम्मो को

मैं भी उनके दर्द को समझ कर दबाना बंद करके मम्मो को चुसना शुरू कर दिया. मैं अपने मुह में उनका एक मम्मा पूरा अन्दर लेने का try कर रहा था और दुसरे मम्मे हो हल्का हल्का सहला रहा था. मैं बारी बारी मम्मो के साथ खेलने लगा और अब मामी को दर्द की जगह मजा आने लगा और उनकी सीत्कार बढ़ने लगी.

मामी- उम्म्मम्म्म्म उफ्फ्फ्फ़ खा जाओ इन मम्मो को,,, बहुत परेशान करती है ये मुझे. निचोड़ लो इनका सारा रस ऊह्ह्ह्हह हाआआआआआईईईइ

मम्मो के साथ खेलते हुए मुझे अब काफी टाइम हो गया और मैं अब दुसरे मजे भी लेना चाह रहा था तो मैं अब मामी के चुचों को मसलते हुए उनके पतले और नाजुक कमर पे किस करना शुरू कर दिया फिर उनकी गहरी नाभि पे मैंने दो चार पप्पियाँ ली उसके बाद अपनी जीभ से नाभि को चाटने लगा. मामी अपना आपा खोते जा रही थी मेरे हर हरकत से, मैं अब मामी की नाभि को चुमते हुए नीचे की ओर जाने लगा और अब मेरे सामने मामी की रसभरी चूत थी. मैंने अपनी नाक को उनकी चूत के पास ले जा कर उसकी महक को अपने अन्दर लिया, बड़ा ही मादक गंध थी चूत की. उसके खूसबू से मेरे दिमाग में खलबली सी मच गयी और न जाने कब मेरे होंठ मामी के चूत से जा लगे. मामी को जब अपनी चूत में मेरे होंठों का अहसास हुआ उन्होंने अपनी कमर को ऊपर की और उठा कर एकक जोर की आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकली और मेरे सर को पकड़ कर चूत में दबाने लगी.

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मैं मामी के चूत से निकलते रस को चाट चाट के पिने लगा, कभी मैं उनके चूत के दाने को अपनी होंठों से मसल देता तो कभी उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपने दांतों से हलके हलके काट देता जिससे मामी तड़प जाती. मामी के मुह से लगातार उम्म्म आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ़ जसी आवाजे निकलती जा रही थी. मामी की चूत अब बहुत गीली हो गयी थी और मैं भी अपनी जीभ की मामी की चूत के अन्दर दाल कर उसकी गहराई नापने लगा था मामी भी कमर को उठा उठा के अपनी चूत मुझसे चटवा रही थी. मामी बिलकुल पागल हो चुकी थी चुदास में और न जाने क्या क्या बोले जा रही थी ,,,

मामी- आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् हरामी खाआआअ जाआआ मेरीईईइ चूतत्तत्तत्त को ....म्मम्मम्मम आःह. मादरचोदद्द्द्दद औरर्रर्रर अन्दररर तक डाललल्ल अपनी जीभव्वव्व को,,,, मर्रर्रर्र गयी मैं ऊउईईइ माआआआआआआअ,,,,, चाट कुत्ते मेरीईई चूत

मामी गालियों से मेरा जोश बढ़ाने की कोसिस कर रही थी न जाने क्या क्या बोल चुकी थी मामी अब तक पर मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं थी बल्कि मुझे और ज्यादा मजा आने लगा था मामी की गालियों से. मैंने काफी देर तक मामी की चूत चाट चूका था और अब न तो मामी को बर्दास्त हो रहा था और न ही मुझे इसलिए मैंने अब मामी को लिटा कर चुदाई की पोजीशन ले ली और अपने इतने देर से खड़े लंड को उनकी चूत में टिका दिया.

मेरा लंड अभी सुखा ही था क्युकी मैंने मामी को लंड नहीं चुसाया था पर मामी की चूत गीली थी. मैंने लंड के टोपे को थोडा सा मामी की चूत पर रगडा और मामी को तडपाया फिर अचानक से जोर का धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड सूखेपन की वजह से रगड़ खाता हुआ मामी की चूत में समा गया और साथ ही मामी की चीख निकल गयी

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मामी- ऊउईईईइ माआआआआआआअ मर्र्र्रर्र्र्रर गयीईईई मैं. भोसड़ी के मादरचोदद्द्दद्द्द निकाल अपना लंड बाहरररर,,,हाअयीईए मेरीईई चुत्त्त्त फाड़ डालीईई हरामीईई ने

मैं कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और मामी की चीख और गालिया सुनता रहा पर अपना लंड नहीं निकाला. मैं उनके चुचे मसलते हुए उनको जगह जगह किस करने लगा ताकि उनको रहत मिले पर मामी छटपटाती रही. काफी देर तक उनका चिल्लाना चलता रहा फिर धीरे से वो शांत हुई और मैंने मौका देख के लंड को धीरे से हिलाना शुरू किया . मामी भी अब दर्द भूलकर मजे लेने लगी

मामी- ऊउह्ह्ह्ह उमम्म्म हांआआ ऐसे ही चोदो ऋषिईई अआह्ह्ह आराम से चोदो ऊफ्फ्फ्फ़

मामी को अब मजा आने लगा और उनकी चूत और पानी बहाने लगी जिससे मेरा लंड भीग के आसानी से अन्दर बाहर होने लगा. अभी भी मैंने अपना पूरा मुसल मामी की चूत में नहीं डाला था और मामी मेरे अधूरे लंड से ही मजे लेने लगी थी.

कुछ देर मामी को ऐसे ही चोदने के बाद मैंने एक करारा धक्का दे मारा जिससे मेरा पूरा लंड सरसराता हुआ उनके बच्चेदानी तक जा पहुंचा और इस बार मैंने मामी के चीख को दबाने के लिए पहले से ही उनके मुह को किस करते हुए बंद कर दिया था क्युकी मुझे मालुम था की इस झटके से मामी को बहुत दर्द होगा और वो खुद को सम्भाल नहीं पायेगी. मामी के मुह से बास गूऊ गूऊऊ की आवाज ही निकल रही थी और वो मेरी पकड़ से आजाद होने के लिए छटपटा रही थी. मुझे भी अपना पूरा लंड मामी की चूत में दाल कर एक अलग ही आनंद की अनुभूति होने लगी मुझे मामी की च्ताड़प से ज्यादा फर्क नहीं पडा और मैं लंड को अब अन्दर बाहर करने लगा ताकि मामी को जल्दी राहत मिले और असली चुदाइ शुरू हो.

मेरे बार बार मम्मो के मसलने और किस से मामी की चूत का दर्द थोडा कम हुआ और मेरा लंड भी अब चुतरस से भीग चूका था और हर धक्के के साथ मामी की बच्चेदानी की चूमकर बाहर आता था. मामी के दर्द कम होते ही वो भी अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी जो मेरे लिए एक ग्रीन सिग्नल था. मैं अब धक्कों की रफ़्तार बढाने लगा और मामी भी मेरा साथ देते हुए ऊम्म्मम्म अआह्ह्ह की आवाजे निकलने लगी. मेर धक्को की ताकत से मामी का पूरा बदन हिल रहा था और उनके चुचे भी चुदाई की ताल में ताल मिला कर थिरक रहे थे. हमारी चुदाई ऐसी थी मानो दो प्यासे बदन जन्मों की प्यास भुझाने में लगे हुए है. मेरी कमर और मामी की कमर लयबध् तरीके से एक दुसरे को चुदाई में मदत कर रहे थे.

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मामी- अआह्ह्ह आह्ह्ह्ह ऊम्म्म्म ऊओह्ह्ह जोर से चोदो ऋषि ,,,, उम्म्म पूरा अन्दर तक जाने दो अपने मुसल को ऊफ्फ्फ्फ़ ,,, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो चोद-चोद कर आअह्ह्ह्ह ऋषिईई चोदोऊऊऊ

मैं भी उमम्म्म ऊओफ़्फ़्फ़ की आवाजे करते हुए मामी को चोदे जा रहा था. न ही मामी को कोई होश था और न ही मुझे, हम दोनों पागल प्रेमियों की तरह बस एक दुसरे में खोये अपने तन की प्यास भुझा रहे थे. पुरे कमरे में हमारी सिस्कारियों की मधुर ध्वनि गूंज रही थी. हमें इस वक़्त किसी की फिकर नहीं थी.

मैं अब इस पोजीशन में मामी को काफी देर से चोद रहा था और अब मुझे नए तरीके से मामी की चूत मारनी थी मैंने मामी की चूत से लंड को बाहर निकल निया जो पक्क की आवाज के साथ बाहर आया. मैं अब बेड पर लेट गया और मामी को खीच कर अपने ऊपर ले आया. मामी भी काफी खेलिखायी हुई थी तो उनको समझते देर ना लगी की मैं क्या चाहता हूँ. मामी ने अपने हाथ को निचे ले जा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उन्होंने लंड चूत में डालने से पहले गीला करने के लिए उसे अपने मुह में ले लिया. मेरे लंड में अभी भी थोडा मामी का चूतरस लगा हुआ था फिर भी मामी उसे बड़े चाव से चूस और चाट रही थी. मामी के इस रंडीपने से मैं जोश में आ गया और उनके मुह को चोदने लगा.

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मामी के मुह में लंड देने से मुझे बहुत सुकून मिल रहा था उनके जीभ की कलाकारी मेरे लंड को झड़ने पे मजबूर कर रही थी पर मैं अभी नहीं झाड़ना चाहता था तो मैंने मामी को लंड चूसने से रोका और उनको ऊपर खीच लिया. मामी भी अपने हाथो से लंड को पकड़ के चूत पर सेट कर दिया और मैंने नीचे से धक्का मारा और मेरा लंड मामी की चूत में समां गया. मामी भी अब मेरे लंड पर कुदने लगी. मामी पुरे जोश में मुझे चोदे जा रही थी. उन्होंने अपने हाथ मेरे सीने में रख कर अपनी कमर की हिलाने लगी जैसे मेरे लंड को मथ रही हो . मामी का ये तरीका बहुत कामुक था. मैंने अपने हाथों से मामी के हिलते मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए इस मंथन का मजा लेने लगा.

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मामी ज्यादा देर तक ये कर नहीं पायी और थकावट से वो रुक गयी पर मैं अब कण्ट्रोल अपने हाथ में ले लिया और मामी को अपने ऊपर से हटा कर उनको बेड में कुतिया बना दिया,,,,,,
मामी भी अपनी गांड बाहर निकलते हुए कुतिया बन गयी और मैं जल्दी से उनके पीछे जा कर अपने लंड को चूत पे टिका कर धक्का मारा. मामी भी मेरे धक्के से थोडा आगे गिरने को हो गयी तो मैंने उनकी कमर पकड़ कर ताबड़तोड़ धक्के मारना शुरू कर दिया. मैं मामी की थिरकती गांड को देखता हूँ तो मुझे उनकी हिलती गांड देख कर लगा की अपना लंड उनकी गांड में डाल दूँ पर अभी मैं ज्यादा देर तक गांड नहीं मार सकता था कभी भी मेरा माल निकल सकता था और मामी का भी यही हाल था, और क्या पता मामी गांड मराने से मना कर दे, इसलिए मैंने मामी की चूत पर ही फोकस किया. मेरे धक्के अब और तेज होने लगे थे साथ ही मामी भी गांड आगे पीछे करके चुद रही थी, हमारे इस चुदाई में मामी की गांड मेरे कमर और जाँघों से टकरा कर थप थप की मधुर संगीत निकाल रही थी. मामी भी अब काफी देर से चुद रही थी और अब उनका आखरी टाइम आ गया था मेरा मतलब है की वो अब झड़ने वाली थी और उनके पैर कांपने लगे थे इसलिए वो सही से कुतिया नहीं बन पा रही थी तो मैंने उनको पलट के लिटा दिया और एक ही झटके में लंड डाल के चुदाई जारी रखी. मेरा भी अब निकलने वाला था और मामी भी झड़ने को तैयार थी. मैंने अब तक बस अआह्ह्ह और उम्म्म जैसे आवाजे ही निकाली थी. मैं अपने झटके पूरी ताकत से मरने लगा मामी भी अब पागलो की तरह सर को इधर उधर पटक रही थी और बद्बदाये जा रही थी

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मामी- आआह्ह्ह आअह्ह्ह्ह अआह्ह्ह जोरररर से औरर्रर्र जोरररर से मेरा होने वाला हैईईए रुकना मत ऋषिईईइ चोदो ऐसे हीईई

मैं भी काफी जोश में था और मामी और मेरा होश उड़ा हुआ था हम बस झड़ना चाहते थे इस वक़्त न उनको कोई फिकर थी न ही मुझे. हम चुदाई में पूरी तरह खोये हुए थे और इसी खुमारी में मैंने मामी से बोल पडा

मैं- आअह्ह्ह्ह जाआन्नूऊ अपना माललल्ल कहाँनन्न डालूऊऊ

मामी भी चुदाई में इतनी मस्त थी की शायद ही उनको मेरी आवाज पहचान में आई होगी और उन्होंने बोला

मामी- मेरीईई चूत मेंईई ही डाल दो,,,, मै तूम्हारा माल अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूँऊऊ ऋषिईई

मैं- तो येईईए लेईई मेरीईई रांडईईई आअह्ह्ह्ह


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और इसी के साथ मैं झड़ने लगा और मेरा वीर्य की धार मामी की बच्चेदानी से टकराने लगा और उसकी गर्मी फील करके मामी भी खुद को रोक नहीं सकी और वो जोर की आह्ह्ह्ह के साथ झड़ने लगी और मुझे अपनी बांहों में जकड लिया और हम दोनों हांफने लगे. मैं अभी भी मामी के ऊपर था और मेरा लंड मामी की चूत में रुक रुक कर अपना पानी छोड़ रहा था.

हम दोनों ही अपने अपने चरम सुख का पूरा मजा लेने में लगे हुए थे. हम दोनों का शरीर बहुत रिलैक्स हो गया था. दोनों ही अपना सब भूल कर बस इस अद्भुत अनुभूति का मजा ले रहे थे .

मैं भी अब अपने होश में आने लगा था और मैंने सोचा की मैंने जो प्लान किया था वो तो मैं चुदाई की खुमारी में भूल ही गया की कैसे मैं मामी को बीच चुदाई में अपने बारे में बता दूंगा तो वो मन भी नहीं कर पायेगी पर अब तो चुदाई भी हो गयी और मैंने अब तक कुछ नहीं किया इस बारे में. मुझे लगा अब मामी को सच बताया जाये की नहीं, अब तो मामी गर्म भी नहीं है जो वो बिना सोचे मुझसे चुदाई के लिए मान जाये. मुझे अभी अब मामी को सच बताना थोडा रिस्की लग रहा था. मैं अब दुसरे किसी मौके की तलाश में था और अभी यहाँ से मामी को बिना पता लगे जाने का सोचने लगा.

मैं अब मामी के ऊपर से साइड हटा और जल्दी ही वहां से अपने रूम की और भाग गया. मामी अभी भी खोयी हुई थी पर जैसे ही उनको लगा की मैं जा चूका हूँ वो अपनी पट्टी खोल देती है और उनको मैं वहां नहीं मिलता हूँ तो वो एक बार ऋषि बोल कर मुझे आवाज लगाती है जो मैं सुनता हूँ पर कुछ नहीं बोलता. मामी भी मेरी इस हरकत से थोड़ी परेशान और गुस्सा हो जाती है. ये दूसरी बार था जब मैं उनको ऐसे ही छोड़ कर चला गया था. पर मामी बहुत थकी होने के कारण ज्यादा मेरे बार न सोचते हुए खुद को साफ़ करके आराम करने का सोचती है.

मैं भी अपने कमरे में आ कर खुद को साफ़ करके आराम करने लगता हूँ और सोचता हूँ की आज मैंने एक अच्छा मौका गवां दिया मामी को सच बताने का पर मुझे खुसी भी थी मामी की फिर से चुदाई कर पाने की . मामी का खुलापन देखकर मुझे यकीं था की वो शायद मान जाये मेरे साथ चुदाई के लिए. उनको मानना आसन होना चाहिए उनकी हरकतों से तो मुझे ऐसा ही लग रहा था .

मामी और मेरी हालत चुदाई के बाद ख़राब थी हम थके हुए थे तो मामी ने बाहर से खाना आर्डर कर दिया और मुझे फ़ोन करके बोल दिया की मैं अपने से निकाल कर खाना खा लूँ क्युकी उनकी तबियत ठीक नहीं है पर मुझे मालुम था क्युकि मैंने ही तो उनकी तबियत बिगाड़ी थी. हम अपना अपना खाना खा कर आराम करने लगे.

मुझे नहीं पता था की मामी अभी क्या सोच रही होगी या क्या कर रही होगी पर जहाँ तक मेरा सवाल था मैं अपनी प्लानिंग में लग गया था. मामी को जल्दी ही सच बताने के लिए. उधर मामी भी लेटे लेटे सोच रही थी की ये ऋषि ऐसे क्यों भाग गया आज. मैं फिर से उसका चेहरा नहीं देख पाई. पर आज तो मजा ही आ गया क्या चोदा है उसने ऊफ्फ्फ्फ़ ... मेरी चूत तो उसके लंड की गुलाम हो गयी है. पर मुझे ऋषि की सच्चाई तो पता लगनी ही होगी आखिर वो मेरे सामने आने से क्यों बचता है. पता नहीं अब कब मिलना होगा उससे.

दोस्तों चुदाई के बाद मामी और मैं अपने अपने कमरे में थे और मैं काफी देर से मामी के बारे में प्लानिंग कर रहा था और मुझे ध्यान ही नहीं रहा की अंजलि सुबह से गायब है. जैसे ही मेरे दिमाग में अंजलि की बात आई मैंने प्लानिग बंद कर दी और अंजलि के बारे में सोचने लगा. वो तो आज प्राची की चुदाई देखने गयी थी सवेरे से और अब तो दोपहर होने को आई है पर वो अभी तक आई नहीं वापस. प्राची तो अभी तक चुद गयी होगी फिर भी वो अभी तक नहीं आई क्या बात हो सकती है, मुझे पता नहीं क्यों अब घबराहट सी होने लगी. मेरे दिमाग में तरह तरह के ख़याल आने लगे कि कहीं अंजलि भी तो नहीं चुद गयी प्राची के बॉयफ्रेंड से ??

मेरा मन अब बैचैन हो गया था ये जानने को की आखिर बात क्या है पर मैं कैसे पता करता. अब मैं प्राची के घर तो नहीं जा सकता था ऐसे ही तो अंजलि का ही इन्तेजार करना ही एक उपाय रह गया था. दोस्तों मैं अपने रूम में अपने मन को शांत करने की कोसिस में था तो मैंने हैडफ़ोन लगा कर म्यूजिक सुनने लगा जिससे थोडा रिलैक्स हो पाया मैं. और ऐसे ही शाम हो गयी पता नहीं चला.

मैं शाम में चाय पिने नीचे गया तो देखा मामी और अंजलि साथ में बैठी चाय पी रही थी. अंजलि को देख के मेरे मन में हलचल होने लगी. मैं अपने सवालों के जवाब चाहता था पर मैं ऐसे सीधे पूछ भी तो नहीं सकता था. मैं उनके पास गया और बैठ गया, मामी अभी भी थकी सी दिख रही थी पर वो उठी और मेरे लिए चाय लेने चली गयी रसोई में मैंने अंजलि की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी पर जैसे ही हमारी नजर मिली उसने अपनी नजरे झुका ली. मैं समझ नहीं सका की आखिर वो ऐसा क्यों की. मन में झिझक आ गयी की शायद वो रात वाली घटना से कंही नाराज तो नहीं या फिर कंही आज वो चुद के तो नहीं आई ?? मुझसे ज्यादा ड्रामा नहीं सहा गया और मैंने पहल करते हुए अंजलि से पूछ लिया

मैं- तुम कब घर आई अंजलि??

अंजलि मेरे इस तरह से नोर्मल तरीके से पूछने पर सोचने लगी “” ये भैया इतने नार्मल कैसे है जो भी हमारे बीच हुआ उसके बाद से पता नही भैया के मन में क्या चल रहा है कही वो साडी बाते भूल के आगे तो नहीं बढना चाह रहे है ?? पता करूँ भी तो कैसे ??””

अंजलि भी ये सब सोचते हुए नार्मल तरीके से जवाब देती है

अंजलि- हां भैया मैं वो तो मैं दोपहर को आ गयी थी फिर सीधे रूम में आराम करने चली गयी थी.

अंजलि के जवाब से मुझे कुछ शक हुआ की ये आते ही आराम क्यों करने गयी ?? तो मैंने भी पूछ लिया

मैं- अरे तू ठीक तो है न ?? तेरी तबियत तो ठीक है ??

अंजलि- हां भैया मेरी तबियत ठीक है बस थोड़ी थकावट है. शायद गर्मी का होगा

मैं- ठीक है तू अभी और आराम कर लेना रूम में

अंजलि- ठीक है भैया

ये बोलकर अंजलि अपने रूम में चली गयी और तब तक मामी भी मेरी चाय ले आई थी अब मैं मामी से क्या बात करू सोच में पड़ गया ,,,

मामी- ये ले बेटा चाय तेरी

मैं- हा मामी (मामी के हाथ से चाय लेते हुए)

मामी मेरे बाजु में बैठ गयी और चाय पिने लगी उनके चेहरे में एक रौनक थी पर थकान भी भी दिख रही थी मामी के चाल में. मैं अब मामी को थोडा छेड़ने की सोचा ,,,,

मैं- क्या बात है मामी आज आप थकी थकी सी लग रही है ??

मामी- हां आज थोडा थकावट लग रहा है बेटा.

मैं= क्या हुआ मामी ऐसे अचानक से ??

मामी- काम ज्यादा हो गया लगता है बेटा और क्या ही होगा

मैं- (हां पता है कौन सा काम हुआ है) अच्छा तो आप मुझे बोल देती मैं कर देता आपका काम

मामी- (अब ये काम तुझसे कैसे करवाती बेटा) नहीं उतना भी ज्यादा नहीं था तू फिकर मत कर.

मैं मामी को थोडा और परेशान करने का सोचा और उनसे पुछा

मैं- मामी आज कोई घर आया था क्या ??

मामी मेरे इस सवाल से चौंक गयी उनके चेहरे के हाव भाव बदलने लगे वो घबरायी सी दिखी मुझे. कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने कहा,,,,

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मामी- न-न-नहीं तो तुझे ऐसा क्यों लगा ??

मैं- वो तो मुझे कुछ आवाजे आई तो ऐसा लगा.

मामी मन में “” हे भगवान !! इसने कंही ऋषि और मेरी चुदाई की आवाजे तो नहीं सुन ली ,,, मैं भी तो पागलों की तरह चीखे जा रही थी और मुझे ध्यान भी नहीं रहा सौरभ का,,, अब क्या करू मैं ??””

मामी- क-क-कैसी आवाजे बेटा??

मैं- मुझे लगा कोई ताली पिट रहा था पट पट की आवाजे थी

मामी तो अब बिलकुल घबरा गयी उनको कुछ सूझ ही नहीं रहा था की अब वो क्या बोले इधर मैं भी मामी के इस हालत पर खुश हो रहा था मन ही मन. मामी तो बुरी तरह फंस चुकी थी पर मामी तो मामी है न उन्होंने खुद को सम्भाल के जवाब दिया ,,,

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मामी- अच्छा वो आवाज !!! वो मैं माया से बात कर रही थी तो उसके मजाक पे मैंने ताली बजायी थी वही सुनी होगी तूने ..

मैं- अच्छा !!! हाँ वही रहा होगा फिर तो (मन ही मन मुस्कुरा दिया मामी की चालाकी पर)

मामी मन में””आज तो बाल बाल बच गयी नहीं तो मेरी चुदास की वजह से सौरभ ने पकड़ ही लिया था, मुझे इसके यहाँ रहते हुए थोडा सम्भाल के रहना होगा नहीं तो मेरी पोल खुल जाएगी सब के सामने””

मैं अब ज्यादा तो बोल नहीं सकता था मामी को इस बारे में तो मैं भी उनको बोल कर अपने रूम में आ गया और मामी भी अपने कमरे में चली गयी. मैं रूम में आ कर अंजलि का सोचने लगा की कैसे पता किया जाये उसके बारे में ,,, क्या किया जाये ??? मैंने फिर उसका फ़ोन देखने का सोचा , उम्मीद तो कम थी पर क्या पता कुछ मिल जाये. पर शायद भगवान् मुझ पर मेहरबान था मुझे अंजलि की चैट्स में आज दोपहर की चैट्स दिखी जो अंजलि और साक्षी की थी शायद उसके घर आने के बाद की थी. मुझमें कुछ उम्मीद जगी की कुछ तो जानकारी मिल ही जाएगी इससे....



दोस्तों क्या होगा आगे...??? क्या पता चलेगा अंजलि के चैट्स से मुझे?? क्या अंजलि चुद गयी है ?? क्या मामी को ऋषि के सच का पता चल जायेगा ?? प्राची के घर में क्या हुआ होगा ?? इन सरे सवालों के जवाब जानने के लिए इन्तेजार करे आगे आने वाले भाग का .....
Awesome update 😃
 
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