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Incest शोभा चाची और माँ

Ajay ki jodi kiske saath jyaada mazedaar lagi?

  • Shobha

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  • Dipti

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Fantastic update

Jabardast

Bhot hi kamuk update tha

Khatarnak

बहुत कामुक और गरम अपडेट हैं दोस्त

Bohuth gorom update bro awesome

Wah......

Maan ne Bete ko poora apna bana liya....

Hot update....

Waiting for Next....

Ekdom kamaal ka update, bahut hi kamuk aur behad garam kahaani


thanks for comments ..

new update coming soon ..
 
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Update - 15

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उस रात के बाद दीप्ति के जीवन में एक नया परिवर्तन आ गया.

अपने बेटे अजय के साथ संभोग करते समय हर तरह का प्रयोग करने की छूट थी जो उनका उम्रदराज पति कभी नहीं करने देता था.

हालांकि दैनिक जीवन में मां बेटे काफ़ी सतर्क रहते थे.

दोनों के बीच बातचीत में उनके सैक्स जीवन का जिक्र कभी नहीं आता था.

दीप्ति ने अजय के व्यवहार में भी बदलाव महसूस किया.

अजय पहले की तुलना में काफ़ी शान्त और समझदार हो गया था.

सबकुछ अजय के बेडरूम में ही होता था और वो भी रात में कुछ घन्टों के लिये.

दीप्ति ही अजय के बेडरूम में जाती थी जब उन्हें महसूस होता था की अजय की जरुरत अपने चरम पर है.

बाकी समय दोनों के बीच सब कुछ सामान्य था या यूं कहें की मां बेटे और ज्यादा करीब आ गये थे.

हाँ, अजय के कमरे में दोनों के बीच दुनिया की कोई तीसरी चीज नहीं आ सकती थी.

अजय और दीप्ति यहां वो सब कर सकते थे जो वो दोनों अश्लील फ़िल्मों में देखते और सुनते थे.

एक दूसरे को सन्तुष्ट करने की भावना ही दोनों को इतना करीब लाई थी.

और इस सब के बीच में फ़िर से शोभा चाची का आना हुआ. काफ़ी दिनों से कुमार अपने बड़े भाई के घर जाना चाहता था और शोभा इस बार उसके साथ जाना चाहती थी.

पिछली बार शोभा ने कुमार को वहां से जल्दी लौटने के लिये जोर डाला था और कुमार बिचारा बिना कुछ जाने परेशान सा था कि अचानक से शोभा का मूड क्यूं बिगड़ गया.

खैर अब सब कुछ फ़िर से सामान्य होता नज़र आ रहा था.

उधर शोभा अपने घर लौटने के बाद भी अजय को अपने दिमाग से नहीं निकाल पाई थी.

अजय के साथ हुये उस रात के अनुभव को उसने कुमार के साथ दोहराने का काफ़ी प्रयत्न किया परन्तु कुमार में अजय की तरह किशोरावस्था की वासना और जानवरों जैसी ताकत का नितान्त अभाव था.

कुमार काफ़ी पुराने विचारों वाला था.

शोभा को याद नहीं कि कभी कुमार ने उसने ढंग से सहलाया और चाटा हो.

लेकिन अजय ने तो उस एक रात में ही उसके पेटीकोट में घुस कर सूंघा था.

क्या पता अगर वो अजय को उस समय थोड़ा प्रोत्साहन देती तो लड़का और आगे बढ़ सकता था. चलो फ़िर किसी समय सही....

शोभा दीप्ति के घर में फ़िर से उसी रसोईघर में मिली जहां उसने अजय के साथ अपनी रासलीला को स्वीकारा था.

अजय एक मिनट के लिये अपनी चाची से मिला परन्तु जल्द ही शरमा कर चुपचाप खिसक लिया था.

अभी तक वो अपनी प्रथम चुदाई का अनुभव नहीं भूला था जब उसकी चाची ने गरिमापूर्ण तरीके से उसे सैक्स जीवन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाया था.

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...to be continued
 

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Update - 16

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"सो, कैसा चल रहा है सब कुछ", शोभा ने पूछा.

"क्या कैसा चल रहा है?" दीप्ति ने शंकित स्वर में पूछा.

अपनी और अजय की अतरंगता को वो शोभा के साथ नहीं बांट सकती थी.

"वहीं सबकुछ, आपके और भाई साहब के बीच में.." शोभा ने दीप्ति को कुहनी मारते हुये कहा.

दोनों के बीच सालों से चलता आ रहा था इस तरह का मजाक और छेड़खानी.

"आह, वो", दीप्ति ने दिमाग को झटका सा दिया. अब उसे बिस्तर में अपने पति की जरुरत नहीं थी.

अपनी शारीरिक जरुरतों को पूरा करने के लिये रात में किसी भी समय वो अजय के पास जा सकती थी.

अजय जो अब सिर्फ़ उनका बेटा ही नहीं उनका प्रेमी भी था.

"दीदी, क्या हुआ?" शोभा के स्वर ने दीप्ति के विचारों को तोड़ा.

"नहीं, कुछ नहीं. आओ, हॉल में बैठ कर बातें करते हैं". साड़ी के पल्लू से अपने हाथ पोंछती हुई दीप्ति बाहर हॉल की तरफ़ बढ़ गई.

हॉल में इस समय कोई नहीं था.

दोनों मर्द खाने के बाद अपने अपने कमरों मे सोने चले गये थे और अजय का कहीं अता पता नहीं था.

दिन भर में अजय ने सिर्फ़ एक बार ही अपनी चाची से बात की थी और पहले की तुलना में काफ़ी सावधानी बरत रहा था.

उसके हाथ शोभा को छूने से बच रहे थे और ये बात शोभा को बिल्कुल पसन्द नहीं आई थी.

दीप्ति सोफ़े पर पसर गई और शोभा उसके बगल में आकर जमीन पर ही बैठ गयी.

"आपने जवाब नहीं दिया दीदी."

"क्या जवाब?" दीप्ति झुंझला गयी. ये औरत चुप नहीं रह सकती. "मुझे अब उनकी जरुरत नहीं है" फ़िर थोड़ा संयन्त स्वर में बोली.

"क्यूं?" शोभा ने दीप्ति के चेहरे को देखते हुए पूछा. "क्या कहीं और से...?" शोभा के होठों पर शरारत भरी मुस्कान फ़ैल गई.

दीप्ति शरमा गई. "क्य कह रही हो शोभा? तुम्हें तो पता है कि मैं गोपाल को कितना प्यार करती हूं. तुम्हें लगता है कि मैं ऐसा कर सकती हूं?"

"हां तुम ने जरूर ये कोशिश की थी" दीप्ति ने बात का रुख पलटते हुये कहा.

अजय और शोभा के संसर्ग को अभी तक दिमाग से नहीं निकाल पाई थी.

चूंकि अब वो भी अजय के युवा शरीर के आकर्षण से भली भांति परिचित थी अतः वो इसका दोष अकेले शोभा को भी नहीं दे सकती थी.

लेकिन अजय को अब वो सिर्फ़ अपने लिये चाहती थी.

शोभा दीप्ति के कटाक्ष से आहत थी. खुद को नैतिक स्तर पर दीप्ति से काफ़ी छोटा महसूस कर रही थी.

"आप जैसा समझ रही हैं वैसा कुछ भी नहीं था मेरे मन में. अपने ही बेटे जैसे भतीजे की जरुरत को पूरा करने के लिये ही मैनें ये सब किया था. हां उसके कमरे में गलती से में घुसी जरूर थी", वो दीप्ति के सामने सिर झुकाये बैठी रही.

दीप्ति ने अपना हाथ शोभा के कन्धे पर रखते हुये कहा "हमने कभी इस बारे में खुल कर बात नहीं की ना?"

"मुझे लगा आप मुझसे नाराज है. इसी डर से तो में उस दिन चली गई थी" शोभा बोली.

"लेकिन मैं तुमसे नाराज नहीं थीं." शोभा के कन्धे पर दबाव बढ़ाते हुये दीप्ति ने कहा.

"फ़िर आप कुछ बोली क्यूं नहीं"

"मैं उस वक्त कुछ सोच रही थी और जब मुड़ कर देखा तो तुम जा चुकी थीं. अब मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है. इस उम्र के बच्चों को ही अच्छे बुरे की पहचान नहीं होती और फ़िर तुम उसके कमरे में गलती से ही घुसी थीं. अजय को देख कर कोई भी औरत आकर्षित हो सकती है".

"हां दीदी, मैं भी आज तक उस रात को नहीं भूली. उसकी वो ताकत और वो जुनून मुझे आज भी रह रह कर याद आता है. कुमार और मैं सैक्स सिर्फ़ एक दुसरे की जरूरत पूरा करने के लिये ही करते हैं."

"अजय ने मेरी बरसों से दबी हुई इच्छाओं को भड़का दिया है और ये अब मुझे हमेशा तड़पाती रहेंगी. लेकिन जो हुआ वो हुआ. उस वक्त हालात ही कुछ ऐसे थे. अब ये सब मैं दुबारा नहीं होने दूंगी." शोभा के स्वर में उदासी समाई हुई थी.

मालूम था की झूठ बोल रही है.

उस रात के बारे में सोचने भर से उसकी चूत में पानी भर गया था.

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...to be continued
 
Last edited:

Sunil Ek Musafir

Donate to PM-CARES Fund....
Supreme
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Wow.....

Chachi fir se aa gayi....

Kya Maan Chachi ko chudne degi....
 
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