• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest शोभा चाची और माँ

Ajay ki jodi kiske saath jyaada mazedaar lagi?

  • Shobha

    Votes: 30 24.4%
  • Dipti

    Votes: 93 75.6%

  • Total voters
    123

firefox420

Well-Known Member
3,371
13,888
143
Update - 14

********


"ओह मांआआ, बहुत गरम हो तुम अन्दर से" दोनों आंखे बन्द किये हुए मां की कोख में लन्ड से खुदाई करने लगा.

स्तनों को छोड़ अजय ने मां की भरी हुई कमर को पकड़ा और अपनी तरफ़ खींचा कि शायद और अन्दर घुसने को मिल जाये.

अजय के अलावा दीप्ति का और कोई बच्चा नहीं था और उसके पिता के पिद्दी से लन्ड से इतने सालों तक चुदने बाद दीप्ति की चूत अब भी काफ़ी टाईट बनी हुई थी.

अजय का लन्ड आधा ही समा पाया था उस गरम चूत में.

"आह बेटा, चोद ना मुझे, प्लीज फ़क मी", दीप्ति गिड़गिड़ाई.

अपनी संस्कारी मां के मुहं से ऐसे वचनों को सुनकर अजय पागल हो गया.

"हां, हां, हां. बेटा, मेरे प्यारे बच्चे"

Busty-Mia-Khalifa-pounded-hard-hard-from-behind.gif


"यहीं तो तेरी मां को चाहिये था"

"रुक मत", दीप्ति तकिये में चेहरा घुसाये आनन्द के मारे रो पड़ी थीं.

आज तक उनके पति अजय के पिता ने कभी भी उनकी चूत को इस तरह से नहीं भरा था.

सबकुछ काफ़ी तेजी के साथ हो रहा था और दीप्ति अभी देर तक इन उत्तेजना भरे पलों का मजा उठाना चाहती थी.

खुद को कुहनियों पर सम्भालते हुये दीप्ति ने भी अजय के लन्ड की ताल के साथ अपने कुल्हों को हिलाना शुरु कर दिया.

एक दूसरे को पूरा आनन्द देने की कोशिश में दोनो के मुहं से घुटी घुटी सी चीखें निकल रही थीं.

"हां मां, ले लो मेरा लन्ड, तुम्हें चाहिये था ना?" लन्ड को दीप्ति की चुत पर मारते हुये अजय बड़बड़ा रहा था.

अचानक दीप्ति ने अपनी गति बढ़ा दी.

अजय का लन्ड खुद को सम्भाल नहीं पाया और चूत से बाहर निकल कर मां की गोल गांड पर थपकियां देने लगा.

"हाय, नो नो, अजय बेटा इधर आ, प्लीईईईज"

"ले भर ना इसे" दीप्ति कुतिया की तरह एक टांग हवा में उठा कर कमर को अजय के लन्ड पर पटकती हुई मिन्नतें करने लगी.

लेकिन अजय का मन अब इस आसन से भर गया था.

अब वो चोदते वक्त अपनी शयनयामिनी का चेहरा और उस पर आते - जाते उत्तेजना के भावों को देखना चाहता था.

girls-legs-over-mans-shoulders-kissing-porn-3.gif


मां को अपने हाथों से करवट दे पीठ से बल पलटा और दोनों मांसल जाघों को अलग करते हुये उठा कर अपने कन्धों पर रख लिया.

हजारों ब्लु फ़िल्मों को देखने का अनुभव अब जाकर काम आ रहा था.

परन्तु एक बार फ़िर से मां के अनुभवी हाथों की ज़रुरत आन पड़ी थी.

दीप्ति ने बिना कहे सुने ही तुरन्त लन्ड को पकड़ कर चूत का पावन रास्ता दिखाया और फ़िर अजय की कमर पर हाथ जमा एक ही धक्के में लन्ड को अपने अन्दर समा लिया.

अजय ने मां के सुन्दर मुखड़े की तरफ़ देखा.

गोरा चिकना चेहरा, ताल के साथ थिरकते स्तन और उनके बीच में से उछलता मन्गलसुत्र नाईट लैम्प की मद्दम रोशनी में दमक रहे थे.

बुलबुलाती चूत में अजय का लन्ड अन्दर बाहर हो रहा था और मां किसी रन्डी कि तरह चीखने को विवश थी.

xxx-gif-missionary-fuck.gif


"हांआआआआ, हां बेटाआआआ"

"उंफ़, आह, आह, हाय राम मर गई".

मन ही मन सोचने लगी की शायद अजय के साथ में भी जानवर हो गयी हूं. अपने ही हाथों से अपने बेटे की पीठ, कुल्हों और टांगो पर ना जाने कितनी बार नाखून गड़ा दिये मैनें.

अजय ने आगे झुक कर मां के एक मुम्में को मुहं में दबा लिया.

एक साथ चुदने और चुसे जाने से दीप्ति खुद पर नियंत्रण खो बैठी.

चूचों के ऊपर अजय ने दांत गड़ा कर चाहे अपना हिसाब किताब पूरा कर लिया हो पर इससे तो दीप्ति की चूत में कंपकंपी छूट गयी.

दीप्ति को अपनी चूत में हल्का सा बहाव महसूस हुआ.

अगले ही क्षण वो एक ज्वालामुखी की तरह फ़ट पड़ी.

ऐसा पानी छूटा की बस "ओह अजय, मेरे लाल, मैं गई बेटा, हाय मांआआआआ".

दीप्ति के गले से निकली चींख घर में जागता हुआ कोई भी आदमी आराम से सुन सकता था.

पूरी ताकत के साथ अपने सुन्दर नाखून अजय के नितम्बों में गड़ा दिये.

दीप्ति ने अजय को कस कर अपने सीने से लगा लिया.

लेकिन अजय तो झड़ने से कोसों दूर था.

दीप्ति खुद थोड़ा सम्भली तो अजय से बोली "श्श्श्श्श बेटा, मैं बताती हूं कैसे करना है".

दीप्ति को अपनी बहती चूत के अन्दर अजय का झटके लेता लन्ड साफ़ महसूस हो रहा था.

अभी तो काफ़ी कुछ सिखाना था इस नौजवान को.

जब अजय थोड़ा सा शांत हुआ तो दीप्ति ने उसे अपने ऊपर से धक्का दिया और पीठ के बल उसे पलट कर बैठ गईं.

अजय समझ गया कल रात में चाची को अपने बेटे के ऊपर सवारी करते देख मां भी आज वहीं सब करेंगी.

लेकिन अजय को इस सब से क्या मतलब उसे तो बस अपनी गरम - गरम रॉड को किसी चिकनी चूत में जल्द से जल्द पैवस्त करना था.

दीप्ति ने अजय को एक बार भरपूर प्यार भरी निगाहों से देखा और फ़िर उसके ऊपर आ गईं.

एक हाथ में अजय का चूत के झाग से सना लन्ड लिया तो सोचा की इसे पहले थोड़ा पोंछ लूं.

अजय की छाती पर झुकते हुये उसकी छाती, पेट और नाभी पर जीभ फ़िराने लगी.

खुद पर मुस्कुरा रहीं थीं कि सवेरे मल - मल कर नहाना पड़ेगा.

दिमाग ने एक बात और भी कही कि ये सब अजय के पिता से सवेरे आंखे मिलाने से पहले होना चाहिये.

दीप्ति ने बिस्तर पर बिखरे हुये नाईट गाऊन को उठा कर अजय के लन्ड को रगड़ - रगड़ कर साफ़ किया.

अपने खड़े हथियार पर चिकनी चूत की जगह खुरदुरे कपड़े की रगड़ से अजय थोड़ा सा आहत हुआ.

हालांकि लन्ड को पोंछना व्यर्थ ही था जब उसे मां की रिसती चूत में ही जाना था.

सवेरे से बनाया प्लान अब तक सही तरीके से काम कर रहा था.

अजय को अपना सैक्स गुलाम बनाने की प्रक्रिया का अन्तिम चरण आ गया था.

दीप्ति ने अजय के लन्ड को मुत्ठी में जकड़ा और घुटनों के बल अजय के उपर झुकते हुये बहुत धीरे से लन्ड को अपने अन्दर समा लिया.

पूरी प्रक्रिया अजय के लिये किसी परीक्षा से कम नहीं थी.

"हां मां, प्लीज, फ़क मी, फ़क मी...ओह फ़क" जोर जोर से चिल्लाता हुआ अजय अपनी ही मां की कोख को भरे जा रहा था.

जब अजय का लन्ड उसकी चूत की असीम गहराईओं में खो गया तो दीप्ति सीधी हुई.

अजय के चेहरे को हाथों में लेते हुये उसे आदेश दिया "अजय, देखो मेरी तरफ़".

धीरे धीरे एक ताल से कमर हिलाते हुये वो अजय के लन्ड की भरपूर सेवा कर रही थीं.

68747470733a2f2f73332e616d617a6f6e6177732e636f6d2f776174747061642d6d656469612d736572766963652f53746f7279496d6167652f37496c66695778576271416652773d3d2d3736303332393830332e313562326432396662323165346463613538313438333630303932302e676966


उस तगड़े हथियार का एक वार भी अपनी चूत से खाली नहीं जाने दिया.

वो नहीं चाहती थी की अजय को कुछ भी गलत महसूस हो या जल्दबाजी में लड़का फ़िर से सब कुछ भूल जाये.

"मै कौन हूं तुम्हारी?" चुत को अजय के सुपाड़े पर फ़ुदकाते हुए पूछा.

"म्म्मां" अजय हकलाते हुये बोला. इस रात में इस वक्त जब ये औरत उसके साथ हमबिस्तर हो रही है तो उसे याद नहीं रहा की मां किसे कहते है.

"मैं वो औरत हूं जो इतने सालों से तुम्हारी हर जरूरत को पूरा करती आई है. है कि नहीं?" दीप्ति ने पासा फ़ैंका. आगे झुकते हुये एक ही झटके में अजय का पूरा लन्ड अपनी चूत में निगल लिया.

"आआआआआह, हां मां, तुम्हीं मेरे लिये सब कुछ हो!" अजय हांफ़ रहा था. उसके हाथों ने मां की चिकनी गोल गांड को पकड़ कर नीचे की ओर खींचा.

"आज से तुम अपनी शारीरिक जरूरतों के लिये किसी भी दूसरी औरत की तरफ़ नहीं देखोगे. समझे?" अपने नितंबों को थोड़ा ऊपर कर दुबारा से उस अकड़े लन्ड पर धम्म से बैठ गईं.

"उउउह्ह्ह्ह, नो, नो, आज के बाद मुझे किसी और की जरुरत नहीं है." कमर ऊपर उछालते हुये मां की चूत में जबर्दस्त धक्के लगाने लगा.

अजय के ऊपर झुकते हुये दीप्ति ने सही आसन जमाया.

"अजय, अब तुम जो चाहो वो करो. ठीक है" दीप्ति की मुस्कुराहट में वासना और ममता का सम्मिश्रण था.

अजय ने सिर उठा कर मां के निप्पलों को होठों के बीच दबा लिया.

दीप्ति के स्तनों से बहता हुआ करन्ट सीधा उनकी चूत में पहुंचा.

हांलाकि दोनों ही ने अपनी सही गति को बनाये रखा.

जवान जोड़ों के विपरीत उनके पास घर की चारदीवारी और पूरी रात थी.

दीप्ति ने खुद को एक हाथ पर सन्तुलित करते हुये दूसरे हाथ से अपनी चूचीं पकड़ कर अजय के मुहं में घुसेड़ दी.

अजय ने भी भूखे जानवर की तरह बेरहमी से उन दो सुन्दर स्तनों का मान मर्दन शुरु कर दिया.

मां के हाथ की जगह अपना हाथ इस्तेमाल करते हुये अजय ने दोनों निप्पलों को जोर से उमेठा.

नीचे मां और पुत्र की कमर हिलते हुये दोनों के बीच उत्तेजना को नियन्त्रण में रख रही थी.

अब मां ने आसन बदलते हुये एक नया प्रयोग करने का मन बनाया.

अजय की टांगों को चौड़ा करके दीप्ति उनके बीच में बैठ गयीं.

एक बार के लिये अजय का लन्ड चूत से बाहर निकल गया परन्तु अब वो अपने पैरों को अजय की कमर के आस पास लपेट सकती थी.

जब अजय भी उठ कर बैठा तो उसका लन्ड खड़ी अवस्था में ही मां के पेट से जा भिड़ा.

दीप्ति ने नज़र नीची करके उस काले नाग की तरह फ़ुंफ़कारते लन्ड को अपनी नाभी के पास पाया.

२ सेकेन्ड पहले भी ये लन्ड यहीं था लेकीन उस वक्त यह उनके अन्दर समाया हुआ था.

अजय की गोद में बैठ कर दीप्ति ने एक बार फ़िर से लन्ड को अपनी चूत में भरा.

चूत के होंठ बार बार सुपाड़े के ऊपर फ़िसल रहे थे.

अजय ने घुटनों को मोड़ कर उपर ऊठाने का प्रयत्न किया किन्तु मां के भारी शरीर के नीचे बेबस था.

"ऊईईई माआआं" दीप्ति सीत्कारी.

tumblr_pdx0mbsguE1ukaqkto1_400.gif


अजय की इस कोशिश ने उनको उठाया तो धीरे से था पर गिरते वक्त कोई जोर नहीं चल पाया और खड़े लन्ड ने एक बार फ़िर मां की चूत में नई गहराई को छू लिया था.

दीप्ति ने बेटे के कन्धे पर दांत गड़ा दिये उधर अजय भी इस प्रक्रिया को दुहराने लगा.

दीप्ति ने अजय का कन्धा पकड़ उसे दबाने की कोशिश की.

इतना ज्यादा आनन्द उसके लिये अब असहनीय हो रहा था.

मां पुत्र की ये सैक्सी कुश्ती सिसकियों और कराहों के साथ कुछ क्षण और चली.

पसीने से तर दोनों थक कर चूर हो चूके थे पर अभी तक इस राऊंड में चरम तक कोई भी नहीं पहुंचा था.

थोड़ी देर रुक कर दीप्ति अपने लाड़ले बेटे के सीने और चेहरे को चूमने चाटने लगी.

अजय को अपने सीने से लगाते हुये पूछा, "शोभा कौन है तुम्हारी?".

"कौन?" इस समय ऐसे सवाल का क्या जवाब दिया जा सकता था? अजय ने एक जोरदार धक्का मारते हुये कहा.

"कोई नहीं, राईट?" दीप्ति ने भी अजय के धक्के के जवाब में कमर को झटका दे उसके लन्ड को अपनी टाईट चूत में खींच लिया.

मां के जोश को देख कर बेटा समझ गयाकि शोभा जो कोई भी हो अब उसे भूलना पड़ेगा.

"उसका काम था तुम को मर्द बना कर मेरे पास लाना. बस. अब वो हमेशा के लिये गई. समझ गये?" दीप्ति के गुलाबी होंठों पर जीत की मुस्कान बिखर गई.

इतनी देर से चल रहे इस चुदाई कार्यक्रम से अजय के लन्ड का तो बुरा हाल था ही दीप्ति कि चूत भी अन्दर से बुरी तरह छिल गय़ी थी.

शोभा सही थी.

उसके बेटे ने जानवरों जैसी ताकत पाई है.

और ये अब सिर्फ़ और सिर्फ़ उसकी है.

अजय को वो किसी भी कीमत पर किसी के साथ भी नहीं बाटेगी.

"अजय बेटा. बस बहुत हो गया. अब झड़ जा. मां कल भी तेरे पास आयेगी" दीप्ति हांफ़ने लगी थी.

अजय का भी हाल बुरा था. उसके दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया था. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे.

बस दीप्ति के फ़ुदकते हुये मुम्मों को हाथ के पंजों में दबा कमर उछाल रहा था.

"ऊहहहहहहहहहह! हां! ऊइइइ मांआआ!" चेहरे पर असीम आनन्द की लहर लिये दीप्ति बिना किसी दया के अजय के मुस्टंडे लन्ड पर जोर जोर से चूत मसलने लगी.

"आ आजा बेटा, भर दे अपनी मां को", अजय को पुचकारते हुये बोली.

इन शब्दों ने जादू कर दिया.

अजय रुक गया.

दोनों जानते थे कि अभी ये कार्यक्रम कफ़ी देर तक चल सकता है लेकिन उन दोनों के इस अद्भुत मिलन की साथी उन आवाजों को सुनकर गोपाल किसी भी वक्त जाग सकते थे. और यहां कमरे में आकर अपने ही घर में चलती इस पाप लीला को देख सकते थे.

काफ़ी कुछ खत्म हो सकता था उसके बाद और दोनों ही ऐसी कोई स्थिति नहीं चाहते थे.

अजय ने धक्के देना बन्द कर आंखे मूंद ली.

लन्ड ने गरम खौलते हुये वीर्य की बौछारे मां की चूत की गहराईयों में उड़ेल दी.

दीप्ति चीख पड़ी.

जैसे ही पुत्र वीर्य की पहली बौछार का अनुभव उन्हें हुआ अपनी चूत से अजय के फ़ौव्वारे से लन्ड को कस के भींच लिया.

अगले पांच मिनट तक लन्ड से वीर्य की कई छोटी बड़ी फ़ुहारें निकलती रहीं.

68747470733a2f2f73332e616d617a6f6e6177732e636f6d2f776174747061642d6d656469612d736572766963652f53746f7279496d6167652f7a524430543341515a6b644256513d3d2d3332363235333932312e313438313161343530616664376231663935363637343733363034322e676966


थोड़ी देर बाद जब ज्वार उतरा तो दीप्ति बेटे के शरीर पर ही लेट गय़ीं.

भारी भरकम स्तन अजय की छातियों से दबे हुये थे.

अजय ने मां के माथे को चूमा और गर्दन को सहलाया.

"मां, मैं हमेशा सिर्फ़ तुम्हारा रहूंगा. तुम जब चाहो जैसे चाहो मेरे संग सैक्स कर सकती हो, आज के बाद मैं किसी और की तरफ़ आंख उठा कर भी नहीं देखूंगा", अजय ने अपनी मां, काम क्रीड़ा की पार्टनर दीप्ति को वचन दिया.

दीप्ति ने धीरे से सिर हिलाया.

उनका बेटा उनके प्यार की गहराई को समझ चुका था.

अजय आज के बाद उनकी आंखों से दुनिया देखेगा.

एक बार फ़िर अजय को सब कुछ सिखाने की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी.

और अब उन्हें भी सैक्स में वो सब करने का मौका मिलेगा जो उनके पति के दकियानूसी विचारों के कारण आज तक वह करने से वंचित रहीं.

अपने बेटे को फ़िर से पा लेने की सन्तुष्टी ने उनके मन से अपने कृत्य की ग्लानि को भी मिटा दिया था.

दीप्ति ने अजय के मोबाईल में सवेरे जल्दी उठने का अलार्म सेट किया ताकि अपने पति से पहले उठ कर खुद नहा धो कर साफ़ हो सकें.

मोबाईल वापिस रख अजय के होठों पर गुड नाईट किस दिया और उस की बाहों में ही सो गयीं.

********
...to be continued
 
Last edited:

Desi Man

Well-Known Member
2,195
3,082
158
बहुत कामुक और गरम अपडेट हैं दोस्त
 
  • Like
Reactions: firefox420

Sunil Ek Musafir

Donate to PM-CARES Fund....
Supreme
8,159
13,761
143
Wah......

Maan ne Bete ko poora apna bana liya....
 
  • Like
Reactions: firefox420
Top