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"नही ताई मै हु राज "
कुछ सेकेण्ड की चुप्पी के बाद पुन: आवाज आई - अच्छा बेटा दरवाजा बन्द करके कमरे मे बैठ मे आ रही हूँ ।
बनवारी ने राज से फुसफुसाकर - अब?
राज हस्ता हुआ धीमी आवाज मे - हिहिही अब कुंडी लगेगी नानू हाहाहहा
और राज ने दरवाजे की कड़ी लगाते हुए नाना को वही गलियारे मे रुकने का इशारा कर खुद दबे पाव आंगन की ओर बढ़ने लगा ।
आंगन मे झांका तो पाया कि आंगन मे एक तरफ हाल ही मे कुछ मरमंत का कार्य किया हुआ था , जिसे रन्जू के बेटे कमलेश ने करवाया था ।
आंगन का बाथरूम जो पहले महज ईंट से घेरा हुआ था अब उसे टाईल से चमका दिया गया था और बगल मे कपडे धुलने के लिए अलग से वाशिंग मशीन भी लगा दी गयि थी ।
जिसकी आवाज से घर मे हल्की फुल्की बातचित पर कोई असर नही हो सकता था ।
राज ने दबे पाव बाथरूम की ओर बढ़ा और जैसे ही उसने आधे खुले दरवाजे से भीतर झांका उसका दिल बाग बाग हो गया ।
भीतर रंजू ताई सिर्फ एक काली पैंटी मे खड़ी होकर अपने जिस्म मे साबुन मल रही थी ।
राज ने अपना फनफनाता लन्ड जोर से मसला
तभी रंजू ने साबुन की टिकिया आगे से पैंटी मे हाथ डाल कर अपनी बुर पर लगाते हुए हुए पीछे भी गाड़ पर रगड़ने लगी
फिर उसने देखते हु देखते अपनी पैंटी उतार दी
ये नजारा देख कर राज का मुसल फनफना उठा उसने सोचा सारा मजा अकेले क्यू , नानू के साथ मिल कर बाटते है और वो लपक कर गलीयारे की ओर बढ गया ।
बनवारी- क्या हुआ बेटा
राज खिलखिलाकर अपने नाना की कलाई पकडता हुआ - आओ नाना मै मस्त सीन दिखाता हु ।
बनवारी का मुसल भी तनमनाया और वो भी अपनी धोती सम्भालता हुआ धीरे धीरे बाथरूम की ओर बढ़ गया
राज ने इशारे से भितर झांकने को कहा
बनवारी ने मुस्कुरा कर कामोत्तेज होकर हौले से भितर झांका तो उसकी आंखे चमक उठी और उसका लन्ड फड़कने लगा ।
उसने अपने अकड़ते लन्ड को पकड कर सहलाते हुए भितर देखने लगा
जहा रंजू एक प्लास्टिक स्टूल पर बैठी हुई पूरी नंगी पानी से अपने बाल धूल रही थी और उसकी बड़ी सी गाड़ फैली हुई थी ।
राज ने धीरे से अपने नाना को हिलाया और इशारे से अन्दर जाने को बोला ।
बनवारी धीमी आवाज मे फुसफुसा कर - अगर वो तेरे बारे मे पूछेगी तो
राज हस कर धिरे से - बोल देना आपने मुझे तम्बाकू लेने बाहर भेजा है , अब जाओ
बनवारी - अरे बाहर आने दो ना उसको तब
राज - अरे नानू अगर ताई बाहर आ गयी तो मौका भी नही देगी , भूल गये कल कैसे नाराज थी , आज मना लो हिहिहिही
बनवारी मुस्कराया और धीरे से अपना कुरता और धोती निकाल कर राज को दे दिया ।
अपने नाना का बड़ा मोटा लन्ड देखकर राज को भी अचरज हुई
बनवारी उसे अपने नाती के आगे बड़ी बेशर्मी से हिलाते हुए हौले से दरवाजा खोलकर भितर घुस गया ।
क कौन , ब ब बाऊजीईई आप उम्म्ंम्म्ं मम्म अह्ह्ह येह्ह्ह्ह उह्ह्ंम्ंं
इससे पहले रंजू कुछ बोलती बनवारी ने उसके होठ से अपने होठ जोड़ते हुए उसके हाथ पकड कर बाथरूम की दिवाल से लगाता हुआ निचे से अपना तनमनाया मुसल उसकी बुर पर रगड़ने लगा ।
रंजू का जिस्म अकड़ने लगा और बनवारी उसके गाल फिर गले पर चूमने लगा ।
रन्जू ने कसमसा कर - आह्ह बाउजीईई उम्म्ंम राज कहा है ? अह्ह्ह सीईईई
बनवारी- मैने उसे नदी की ओर भेजा है तम्बाकू लाने के लिए
रंजू सिस्ककर - सीईई अह्ह्ह बाऊजीउई उम्म्ंम लेकिन आप ऐसे अचानक उम्म्ंम्ं किसी ने देखा लिया तोह्ह्ह्ह
बनवारी ने उसको घुमाते हुए उसकी रसिली मोटी चुचियां पीछे से पकडता हुआ - वो मै पिछली बार के लिए माफी चाहता हु , अपने जोश मे मैंने तुम्हारा ख्याल नही किया
रन्जू बनवारी का मोटा गर्म मुसल अपनी गाड़ पर मह्सूस करती हुई , उसके रेंगते हाथ को अपनी छातियों पर थामती हुई - उन्मममं मतलब
बनवारी- मतलब येहहहह कीह्ह्ह्ह उम्म्ं क्या मुलायम चुचे है तेरे जमुना बहुउउऊ उम्म्ं कल मैने कुछ ज्यादा ही जल्दी निपटा दिया था और तुझे खुश नही किया था
रंजू ने बनवारी की मोटी उंगलियों की खरोच अपनी झान्टो से भरी बुर पर मह्सूस की - अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम
बनवारी पीछे से अपना मुसल रन्जू के मोटे गाड़ के फाकों मे घुसेड़ता हुआ उसकी बुर के दाने को अंगूठे से मसलके - उह्ह्ह क्या गर्मी है निचे ऊहह सच बता , जमुना मे अब वो बात नही रही ना उम्म्ंम
रन्जू कसमसा कर अपना जिस्म अकड़ती हुई सीसकने लगी - अह्ह्ह बाउजीईई इस वक़त उनकी बात ना करोह्ह्ह उम्म्ंम्ं अह्ह्ह
बनवारी मुस्कुरा कर रन्जू की चुचियां मलता हुआ उसकी गाड़ के मुहाने पर अपना सुपाडा घिसकर - मतलब मेरा अंदाजा सही था ,
बनवारी ने रन्जू के सवाल के जवाब मे उसके दोनो हाथ आगे बाथरूम की दिवाल से लगाता हुआ अपना लन्ड उसकी जांघो के बिच मे लगा कर उसके बुर के फाको मे पीछे से पेलने लगा जिस्से लन्ड का सुपाडा उसके मोटे फाको को फैलाता हु बाहर की ओर आने ल्गा
चुत के फाको मे लन्ड की कसावट भरी रगड़ से रंजू बुरी तरह से बिलबिला उठी और उसका अन्ग अन्ग सिहर उठा ।
वही बाथरूम के बाहर खड़ा राज अपने नाना के स्टाइल से खासा प्रभावित था , उसका लन्ड फौलादी हुआ जा रहा था ।
बनवारी ने वैसे ही जांघो मे पीछे से अपना मुसल घुसाते हुए - ओह्ह्ह जमुना बहू उम्म्ंम्ं , अब मत तरसा
रन्जू - क्या ? मै तरसा रही हुऊ उम्म्ंम्ं सीईई कल से आपने मेरे जिस्म मे आग लगा रखी है अह्ह्ह अब रुके क्यू है उम्म्ंम्म्ं कर लिजिए ना जो करना है उम्म्ंम
बनवारी ने हाथ आगे बढा कर रन्जू के गुदाज लटकती चुचियॉ पकड कर - एक बार चुस ले ना उह्ह्ह्ह
रंजू ने एक गहरी सास ली और सीधी खड़ी होकर बनवारी की ओर घूम गयी ,
बनवारी की गहराती सासे रन्जू के नशिलि और कामोत्तेजक आंखे देख कर और भी उफनाने लगी ।
उसका लन्ड और तेज ठुमकने लगा , रन्जू ने हाथ आगे बढ़ा कर बनवारी के लन्ड का तना हथेली मे भर कर उसको ताकत से थोडा दबाया
बनवारी ने दर्द मे थोड़ी आंखे भिची और सिस्का - उह्ह्ह सालीईईई मुह ने लेके दबा ना उह्ह्ह्ह्ह
रंजू मुस्कुराई और बनवारी को बेचैन देख कर निचे बैठ गयि ।
उसने बनवारी का मुसल उपर किया और उसके झूलते आड़ो पर जीभ फिराई जिससे बनवारी का लन्ड उसकी हथेली मे झटके खाने लगा ,
उसने उसके लन्ड की निचली नसो पर जीभ फिराती हुई उपर सुपाड़े तक आई और देखते ही देखते उसने बनवारी का सुपाडा मुह मे भर लिया और फिर दोनो हाथों मे उसका लन्ड पकड कर उसको चुसने लगी
बनवारी अपनी एडियां उचकाये आह भरता हुआ हवा मे तैरने लगा वही दरवाजे के पास खड़ा राज अपने पैंट से लन्ड़ निकाल कर जोर जोर से हिलाये जा रहा था
बनवारी- अह्ह्ह जमुना बहुउउऊ सीईई क्या म्स्स्त चूस्ती है रे तुउउऊऊ उम्म्ंम अह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह्ह और लेह्ह्ह नाअह्ह्ह
रंजू बनवारी का मुसल को चुस चुस कर गीला किये जा रही थी साथ उसकी बुर बुरी तरह से पानी बहा रही थी ।
रंजू ने अब एक हाथ से अपना जिस्म मसलना भी शुरु कर दिया था , उसके हाथ अब उसकी रस बहाती बुर को मसलने लगी थी।
बनवारी ने उसकी ओर देखा और बोला - कमरे मे चले
रन्जू ने भी मुह से लन्ड निकाल कर हामी भरी
मौका देखकर राज झटके से वहा से निकल कर रंजू के कमरे के सामने वाले किचन के गेट के ओट मे छिप गया
रंजू ने तौलिया से अपने जिस्म पोछती हुई बाहर आई और गलियारे से देखा कि दरवाजा भीतर से ही बन्द है
इससे पहले वो कुछ दिमाग लगाती बनवारी ने उसको पकड कर कमरे मे खिंचता हुआ अपने आप से चिपका लेता है और झुक के उसकी चुचिया मुह मे लेके चुसने लगता है
रन्जू भी बनवारी की इस हरकत से कामोत्तेजी होकर उसके सर को सहलाने लगती है , और बनवारि अगले ही पल निचे घुटनो पर आकर सीधा अपना मुह रन्जू की बुर मे दे देता है
रन्जू - अह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम ओफ्फ्फ उह्ह्ह्ह मह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ कमाल्ल्ल्ल के हो आप उह्ह्ह सीईई अह्ह्ह अराअम्ंंं से
बनवारी ने जीभ निकाल कर रंजू की बुर चाटनी शुरु कर दी थी और रन्जू का संतुलन बिगड़ने लगा था
रंजू अपनी टाँगे खोले बनवारी का कन्धा पकड़ कर एडिया उचका रही थी और बनवारी उसकी बुर के फाको मे जीभ घुसा कर भितर की मलाई चाट रहा था ।
वही राज किचन के झाक कर कमरे का नजारा लेते हुए नाना की मस्ती देख रहा था ।
उधर बनवारी ने रंजू को बिस्तर पर घोडी बना दिया था ,
रन्जू ने गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर अपनी बुर सहलाती हुई - वो डालो ना अपना मोटा खीरा
"उह्ह्ह तो तुझे खीरे बहुत पसंद है क्यू " , बनवारी ने अपना टोपा उसकी बुर के फाको मे धंसाते हुए बोला ।
रंजू - सीईई अह्ह्ह उह्ह्ह उह्ह्ह हाअह्ह बाउजीई अकेली बिना खीरे के कैसे मैह्ह्ह उह्ह्ह और और अह्ह्ह्ह सीई उम्म्ंम
बनवारी ने दो करारे झटके के साथ अपना खीरे जैसा मुसल लन्ड उसके भोस्डे मे उतार दिया और पेलना शुरु कर दिया
अह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम अफ्फ्फ ऐसे हीई उह्ह्ह्ह और तेज उम्म्ंम रगड़ डालो मेरी मुनियां कोह्ह्ह उस्सस्स उमम्मं अह्ह्ह
बनवारी करारे झटके लगता हुआ अंगूठे से रंजू की गाड़ का भुरा छेद छेड़ता हुआ - तो क्या कभी इसमे भी खीरे को डाला है उम्म्ंम्ं
बनवारी की छड़खानी से रंजू छिटकने लगी तो बनवारि ने उसके कूल्हो दबोचते हुए कस कस के पेलने लगा - अह्ह्ह बोल नह्ह्ह उमम्मं
रंजू - अह्ह्ह हा कई बार उह्ह्ह क्यू डालोगे क्या हहहह सीई पहले मुझे अच्छे से निचोड दो फिर उह्ह्ह्ह सीईई
बनवारी ने लन्ड को बराबर एक लय मे उसकी बुर मे पेलता हुआ उसकी चर्बिदार गाड़ के फाको मे झांकती उसकी भूरी छेद पर अंगूठा मलता हुआ - अगर मै कहू कि दोनो मे खीरे का मजा एक साथ मिले तो लेगी क्या ?
रंजू चौकी और वही दरवाजे पर खड़ा राज जो भितर कमरे मे चल रही चुदाई से अपना सुपाडा मसल कर लाल कर चुका था वो भी अपने नाना का प्रस्ताव सुन कर मस्त हो गया था ।
राज के घर
छत की बाल्किनी मे राहुल रेलिंग पर झुका हुआ कुछ विचार कर रहा था कि उसके पास बस आज रात का ही समय है और कल बबिता घर निकल जायेगी ।
वही कमरे मे बैठे हुए बबिता भी बोर हो गयी थी , मैसेज काल तो उसके बॉयफ्रेंड के आ रहे थे मगर उसे अच्छा नही लग रहा था ।
वो राहुल के बारे मे सोच रही थी ।
" कल मैने कुछ ज्यादा ही तेज बोल दिया था , वो तो बस ट्राई ही कर रहा था जैसे बाकी लड़के अप्रोच करते है । हा लेकिन उसकी मस्तियाँ भी कहा कम थी । ना जाने कहा से मेरी वो तस्वीरें पा गया "
"अरे हाँ , उसे मेरी तस्वीर कहा और कैसे मिली उस बारे मे तो मैने पुछा ही नही "
बबिता बेचैन होकर उठी और कमरे से बाहर निकली , उसे यकीन था कि वो निचे तो नही गया होगा । चेपू यही कही आस पास ही होगा ।
उसने जीने की ओर देखा और उसे तभी बालिकिनी खुली मिल गयी
वो उधर ही बढ गयी
"हम्म्म तो यहा है और ये यहा सोच क्या रहा है , जरुर मुझे पटाने के बारे ने ही सोच रहा होगा "
"हुह , मै ऐसे थोड़ी ना हाथ आ जाउंगी "
बबिता टहलती हुई आराम आराम से रेलिंग के पास खड़ी हो गयी ।
सड़के सुनसान, एक्का दुक्का गाड़ियाँ निकल रही थी ।
घर मे कही से भी एक तिनका हिलने तक की आवाज नही आ रही थी ।
राहुल ने भी बबिता को देखा मगर कुछ बोला नही ।
राहुल का रिस्पांस ना पाकर बबिता को बेचैनी हुई , ना जाने क्यू उसे कसक उठ रही थी कि वो कुछ बोले ।
बबिता ने तिरछी नजर से उसको देखा तो वो सड़क की दुसरी ओर फेके हुए कूडे के ढेर मे घूम रहे कुत्तो को निहार रहा था , जिसमे एक कुतिया खाने के पत्तलो को चाट रही थी वही दो कुत्ते और थे जो पत्तल चाटते चाटते और सही खाने की तलाश मे उस कुतिया के पीछे आ गये थे
उसमे से एक ने उस कुतिया की गाड़ को सुँघा था कि वो कुतिया ने जोर से उसपे भौक पडी
राहुल मुस्कुरा कर दुसरी ओर नजरे फेर लेता है वही बबिता ने भी ये सब देखा तो वो भी शर्मा गयी और मुह फेर के मुस्कुराने लगी ।
राहुल के साथ साथ बबिता के लिए भी ये एक शर्मिंदगी भरा मोमेंट था , क्योकि दोनो मे से कोई भी ऐसे तो खुल के सामने नही आना चाह्ते थे ।
बबिता - कितना सन्नाटा हो गया है ना घर मे
बबिता की आवाज सुनाई देते ही राहुल चुप हुआ और उसकी भौहे अकड़ दिखाने के इरादे से तन गयी ।
बबिता ने देखा कि राहुल ने कोई जवाब नही दिया - ऐसा ही मेरे घर में रहता है रोज
राहुल धीरे से फुसफुसा- हा तभी तो रोज बॉयफ्रेंड से लगी रहती होगी
बबिता को लगा कि उसने उस्का मजा लिया अभी - क्या ?
राहुल - कुछ भी तो नही
बबिता चिडचिड़ी होकर - नही तुम अभी कुछ बोले
राहुल ने हाथ जोड़ कर सर पर रखते हुए - मैने कुछ नही बोला मेरी मा , माफ करो मुझे प्लीज
बबिता को लगा कि वो अब फिर से वही व्यव्हार कर रही है कल रात के जैसे ।
बबिता इस बात से उलझी हुई थी कि ना जाने क्यू राहुल से जरा भी बात पर चिढ़ जा रही थी ।
बबिता - सॉरी , पता नही मुझे क्या हुआ है । मै जबसे यहा आई हु ऐसे ही परेशन रह रही हु
राहुल मुस्कराया - बॉयफ्रेंड से दुर हो इसीलिए
बबिता शर्माकर हस्ती हुई - धत्त वो बात नही है , हा वो भी है थोडा मगर
राहुल - साफ दिख रहा है तुम्हारे चेहरे पर , तड़प रही हो उसी के पास जाने के लिए और नही तडपती तो कल वो फोटो क्यू भेजती
बबिता चुप हुई और उसे ध्यान आया कि वो यहा क्यू आई थी - हम्म अब ये बताओ तुम्हे मेरी तस्वीरे कैसे मिली
राहुल सडक की ओर देखने लगा तभी उसकी नजर सामने कूडे के ढेर के पास गयी , जहा वो कुतिया दुसरे वाले कुत्ते से चुद रही थी ।
राहुल ने मुस्कुरा कर नजरे फेर ली
बबिता को फिर चिढ़ हुई - देखो फिर तुम मेरा मजाक बना रहे हो
राहुल मुस्कुरा कर - अरे मै तुम्हारा नही ...वो तो मेरी नजर उधर चली गयी थी तो
राहुल ने आंखो के इशारे से बबिता को वो कूड़े के ढेर पर चल रही चुदाई को दिखाया तो बबिता भी मारे लाज के नजरे चुराते हुए हसने लगी ।
राहुल - तुम एक नम्बर की बुद्धू हो , बनती चालाक हो मगर हो नही
बबिता अब रेलिंग की ओर पीठ करके रेलिंग का सहारा लेकर खडी हो गयी ताकी उसको वो कूडे के ढेर पर चल रहा नजारा नही देखना पड़े ।
बबिता - मतलब ?
राहुल भी नैतिकता दिखाते हुए रेलिंग की ओर पीठ करके खड़ा हो कर - मतलब तुमने ना कोई पासवर्ड ल्गाया ना ही चैट डिलिट की , सब वैसे ही रख दी
बबिता को उसकी गलती का अह्सास था
बबिता - मगर तुम्हे कब पता चला
फिर राहुल ने बताया कि कैसे वो कमरे के बाहर से सब सुन रहा था और जब बैग छूने के लिए मना किया तो उस्का शक और बढ़ गया ।
बबिता - तो अब अच्छे बच्चे बनो और वो फोटो डिलिट कर दो प्लीज
राहुल झुठ बोलते हुए - वो मैने कबकी डीलीट कर दी , कल रात मे भी जब तुम रो रही थी ।
बबिता को थोडा सुकुन मिला - ह्म्म्ं थैंक्स
राहुल - नही मेरी गलती थी मै सॉरी बोलता हु , मगर तुमको ध्यान देना चाहिए तुम ऐसे लापरवाह नही हो सकती , आज दोपहर को भी मौसी ने पकड ही लिया था
बबिता अपनी रज्जो बुआ के बारे मे सोच कर थोडा सहम गयि - हम्म्म उसके लिए भी थैंक यू
राहुल खीझ कर - और तुम्हारा bf एक नम्बर का चोमू है क्या है ?
बबिता - क्या है ?
राहुल - अरे गवार है क्या ? साले को अपनी हवस के आगे तुम्हारी कोई फिकर ही नही है !
बबिता को फिर से गुस्सा आने लगा -देखो तुम प्लीज तमिज से बात करो
राहुल - सॉरी सॉरी , मगर यार उसको इस बारे मे सिरियस सोचना चाहिए । वो बस तुम्से ऐसी वैसी फोटो विडियो मागता है और तुम भेज देती हो , सच मे प्यार है या हवस ?
बबिता राहुल के बात पर विचार करने लगी ।
राहुल - देखो मै उसपे कोई इल्जाम नही लगा रहा , मगर ऐसे लोग जो हर समय तस्वीरे मागते है , मतलब तुम ही सोचो ना एक ही चीज की तस्वीर क्यू चाहिये उन्हे वो भी अभी अभी की
बबिता एक दम चुप थी उस्के जहन मे अपने bf के लिए शकाये आ रही थी और वो डर भी रही थी ।
बबिता - पता नही मैने कभी पूछा नही
राहुल - अच्छा तुम दोनो सेक्स तो बराबर करते होगे ना
बबिता थोडा हिचक कर - ह हा , लेकिन
राहुक - फिर तुम ही सोचो , जब तुम दोनो रेगुलर मिल रहे हो और दोनो मे बराबर सेक्स हो रहे है फिर उसे क्या जरुरत है तस्वीरों की , बजाय कही शेयर करने के ।
बबिता - क्या ? नही नही वो ऐसा नही होगा
राहुल - उम्मीद करता हु कि तुम सही हो , मगर सतर्क रहना तुम्हारी जिम्मेदारी है । ये लापरवाही तुम्हे किसी दिन बहुत भारि पडने वाली है ।
बबिता - तो अब मै क्या करुँ
राहुल- थोड़ा स्ट्रीक्ट रहो इनसब को लेके और अब तो तुम्हारे पास मौका भी ये कहने का कि तुम्हारी बडी बुआ ने तुम्हे बात करते पकडा था और तुम्हारी मम्मी को चेताया है इस बारे ने और अब मम्मी तुम पर नजर रखे हुए है तो ये सब फरमाइश नही होगी ।
बबिता को भी राहुल का विचार सही लगा - थैंक्स राहुल मैने तुम्हे समझने मे गलती की , सॉरी तुम एक समझदार इंसान हो
राहुल - हम्म कोई बात नही , लोगो को जज करने की आदत होती है और सॉरी मैने भी तुम्हारे बारे मे कुछ गलत सोच लिया था
बबिता -क्या ?
राहुल - कुछ नही जाने दो ? वो हम लड़के ऐसे ही होते है तो छोड़ो ।
बबिता - अरे बोलो ना ,
राहुल - नही अभी तुम फिर से भडक जाओगी
बबिता हसकर - नही बाबा प्रोमिस मै नही चिल्लाऊंगी
राहुल - पक्का ना
बबिता मुस्कुरा कर - पक्का !!
राहुल - देखो ये बात सिर्फ मेरे बारे मे नही है ये हम सब लड़को पर लागू होता है कि हम किसी भी लड़की के फिगर और उसके स्वभाव से उसको जज कर लेते है और थोडा सेक्सुअली क्लोज हो जाते है । शादी व्याह के दिनो के ये सब कामन सी बात हो जाती है ।
बबिता - हा मालूम है मुझे
राहुल नजरे फेरते हुए मुस्कुरा कर - तो मै भी तुम्हारी ओर कुछ ऐसे ही इरादे से करीब होना चाह रहा था , मगर तुमने , वो कल रात में जो हुआ
बबिता मुस्कुराई - हम्म जानती हु ये बात भी , हम लड़कियां किसी के इरादे भाप लेती है
राहुल - और जब मैने तुम्हारी ओपन तस्वीरे देखी मै तबसे और भी परेशान हो गया था , तुम्हारी अदा और वो ?
बबिता की सासे भी तेज थी घुमा फिरा कर ही सही मगर राहुल बबिता की तारिफ कर रहा था और इस बात से बबिता का मन फूल रहा था ।
बबिता - क्या वो !!
राहुल - वो तुम्हारे रस भरे दोनो संतरे ...
बबिता खिलखिलाई और हस कर - क्या ? संतरे !!
राहुल हसता हुआ - हा बिल्कुल वो मुझे ऐसे ही लगे बड़े बड़े रस भरे
बबिता लजा कर हस्ती हुऊ - धत्त चुप करो तुम अब ,
राहुल बबिता को शर्माता देख थोडा उसकी ओर गया , उसने पास से बबिता के जिस्म मे हो रही गर्मी मह्सुस की और उसका फुलता सिना देख कर उस्का मुसल कडक होने लगा ।
राहुल - मैने सोचा भी एक बार को
बबिता - क्या !! राहुल - अगर मेरी भी gf के ऐसे सन्तरे हो तो मै भी रोज तस्वीरें देखने के लिए जरुर मागता
बबिता राहुल की इनडायरेक्ट बातो को खुद से जोड रही थी और उसके जहन में चल रहा था कि क्या वो सच मे राहुल को अपने बूबस दिखाती रोज , वो पल सोच कर ही बबिता की सासे चढने लगी ।
बबिता - बस करो तुम प्लीज हिहिहिही मुझे शर्म आ रही है
राहुल - तु क्यू शर्मा रही हो मै तो मेरी उस gf के बारे मे बता रहा हु जो अभी हुई ही नही , हाहाहाहा
बबिता - वो बात नही है , तुम अपनी gf के संत... मेरा मतलब बूबस मेरे जैसे क्यू चाहते हो
राहुल बहुत ही कैजुअली - क्योकि तुम्हारे संतरे बहुत सुन्दर है और रस भरे लग्ते है
बबिता खीझकर हसती हुई - फिर संतरे !! यार प्लीज तुम उन्हे ये बुलाना बन्द करोगे
राहुल हस कर - फिर क्या बुलाऊ तुम्ही बताओ ,
बबिता - मुझे नही पता
राहुल - अच्छा तुम्हारा bf जो कहता है वो बताओ वही बुलाऊंगा
बबिता फिर चिढी मगर उसकी हसी नही थम रही थी - याररर तुम हिहिही प्लीज इस बारे मे बाते करना बन्द करो
राहुल - लेकिन मै तो मेरी होने वाली gf के बारे मे बात कर रहा हु ना तुम्हारे संतरो के बारे मे नही
बबिता - फिर संतरा !!
राहुल हसता हुआ - अच्छा सॉरी सॉरी , तुम्ही बताओ क्या बोलू । सेव अनार नारियल पपीता या खरबूजा
बबिता खिलखिला कर हसती हुई - क्या खरबूजा !! तुम पुरे पागल हो हाहाहाहा
इधर बबिता को ध्यान ही नही था कि राहुल उस्से बाते करते हुए उसके एकदम बगल ने आ चुका था ।
और हस्ते हुए उसने उसके कन्धे पर हाथ मारा तभी दोनो की नजरे आपस मे टकराई और अगले ही पल दोनो चुप हो गये ।
बबिता और राहुल दोनो की आंखे आपस मे अटक गयी , राहुल के आंखो मे उतरी हुई मदहोशि से बबिता सिहर गयी और राहुल अपने फड़कते होठ उसके कपकपाते होठ से लगाने के लिए अपना चेहरा आगे किया तो बबिता ने अपनी आंखे बंद कर ली
आखिर तक जाकर भी राहुल ने किस्स नही किया और होठ सील कर वापस खड़ा हो गया ।
बबिता को जैसे ही राहुल के उफनाती सासो की गर्मी अपने से दूर होती पाई उसने आंखे खोलकर राहुल को थोडा दुर देखा ।
बबिता हल्के से फुसफुसा कर - क्या हुआ ?
राहुल भी थोडा असहज होकर मुस्कुरा कर इधर उधर देखने लगा - कुछ नही
बबिता को भी अह्सास हुआ कि वो अभी क्या करने जा रही थी और वो भी मुस्कुरा कर नजरे फेर ली ।
वही राहुल ने नजरे घुमा कर वापस निचे देखा तो उसकी हसी निकल गयी ।
निचे कूडे के ढेर पर दुसरे कुत्ते से चुद रही कुतिया , कब उस पहले वाले कुत्ते को जिसे वो अब तक सूघने से भी डाट रही थी उसका लन्ड अपने बुर मे फसा चुकी थी
अब दोनो एक दुसरे मे उलझे हुए बेबस तडप रहे थे और वो दुसरा कुत्ता नही नजर नही आ रहा था ।
"नही ताई मै हु राज "
कुछ सेकेण्ड की चुप्पी के बाद पुन: आवाज आई - अच्छा बेटा दरवाजा बन्द करके कमरे मे बैठ मे आ रही हूँ ।
बनवारी ने राज से फुसफुसाकर - अब?
राज हस्ता हुआ धीमी आवाज मे - हिहिही अब कुंडी लगेगी नानू हाहाहहा
और राज ने दरवाजे की कड़ी लगाते हुए नाना को वही गलियारे मे रुकने का इशारा कर खुद दबे पाव आंगन की ओर बढ़ने लगा ।
आंगन मे झांका तो पाया कि आंगन मे एक तरफ हाल ही मे कुछ मरमंत का कार्य किया हुआ था , जिसे रन्जू के बेटे कमलेश ने करवाया था ।
आंगन का बाथरूम जो पहले महज ईंट से घेरा हुआ था अब उसे टाईल से चमका दिया गया था और बगल मे कपडे धुलने के लिए अलग से वाशिंग मशीन भी लगा दी गयि थी ।
जिसकी आवाज से घर मे हल्की फुल्की बातचित पर कोई असर नही हो सकता था ।
राज ने दबे पाव बाथरूम की ओर बढ़ा और जैसे ही उसने आधे खुले दरवाजे से भीतर झांका उसका दिल बाग बाग हो गया ।
भीतर रंजू ताई सिर्फ एक काली पैंटी मे खड़ी होकर अपने जिस्म मे साबुन मल रही थी ।
राज ने अपना फनफनाता लन्ड जोर से मसला
तभी रंजू ने साबुन की टिकिया आगे से पैंटी मे हाथ डाल कर अपनी बुर पर लगाते हुए हुए पीछे भी गाड़ पर रगड़ने लगी
फिर उसने देखते हु देखते अपनी पैंटी उतार दी
ये नजारा देख कर राज का मुसल फनफना उठा उसने सोचा सारा मजा अकेले क्यू , नानू के साथ मिल कर बाटते है और वो लपक कर गलीयारे की ओर बढ गया ।
बनवारी- क्या हुआ बेटा
राज खिलखिलाकर अपने नाना की कलाई पकडता हुआ - आओ नाना मै मस्त सीन दिखाता हु ।
बनवारी का मुसल भी तनमनाया और वो भी अपनी धोती सम्भालता हुआ धीरे धीरे बाथरूम की ओर बढ़ गया
राज ने इशारे से भितर झांकने को कहा
बनवारी ने मुस्कुरा कर कामोत्तेज होकर हौले से भितर झांका तो उसकी आंखे चमक उठी और उसका लन्ड फड़कने लगा ।
उसने अपने अकड़ते लन्ड को पकड कर सहलाते हुए भितर देखने लगा
जहा रंजू एक प्लास्टिक स्टूल पर बैठी हुई पूरी नंगी पानी से अपने बाल धूल रही थी और उसकी बड़ी सी गाड़ फैली हुई थी ।
राज ने धीरे से अपने नाना को हिलाया और इशारे से अन्दर जाने को बोला ।
बनवारी धीमी आवाज मे फुसफुसा कर - अगर वो तेरे बारे मे पूछेगी तो
राज हस कर धिरे से - बोल देना आपने मुझे तम्बाकू लेने बाहर भेजा है , अब जाओ
बनवारी - अरे बाहर आने दो ना उसको तब
राज - अरे नानू अगर ताई बाहर आ गयी तो मौका भी नही देगी , भूल गये कल कैसे नाराज थी , आज मना लो हिहिहिही
बनवारी मुस्कराया और धीरे से अपना कुरता और धोती निकाल कर राज को दे दिया ।
अपने नाना का बड़ा मोटा लन्ड देखकर राज को भी अचरज हुई
बनवारी उसे अपने नाती के आगे बड़ी बेशर्मी से हिलाते हुए हौले से दरवाजा खोलकर भितर घुस गया ।
क कौन , ब ब बाऊजीईई आप उम्म्ंम्म्ं मम्म अह्ह्ह येह्ह्ह्ह उह्ह्ंम्ंं
इससे पहले रंजू कुछ बोलती बनवारी ने उसके होठ से अपने होठ जोड़ते हुए उसके हाथ पकड कर बाथरूम की दिवाल से लगाता हुआ निचे से अपना तनमनाया मुसल उसकी बुर पर रगड़ने लगा ।
रंजू का जिस्म अकड़ने लगा और बनवारी उसके गाल फिर गले पर चूमने लगा ।
रन्जू ने कसमसा कर - आह्ह बाउजीईई उम्म्ंम राज कहा है ? अह्ह्ह सीईईई
बनवारी- मैने उसे नदी की ओर भेजा है तम्बाकू लाने के लिए
रंजू सिस्ककर - सीईई अह्ह्ह बाऊजीउई उम्म्ंम लेकिन आप ऐसे अचानक उम्म्ंम्ं किसी ने देखा लिया तोह्ह्ह्ह
बनवारी ने उसको घुमाते हुए उसकी रसिली मोटी चुचियां पीछे से पकडता हुआ - वो मै पिछली बार के लिए माफी चाहता हु , अपने जोश मे मैंने तुम्हारा ख्याल नही किया
रन्जू बनवारी का मोटा गर्म मुसल अपनी गाड़ पर मह्सूस करती हुई , उसके रेंगते हाथ को अपनी छातियों पर थामती हुई - उन्मममं मतलब
बनवारी- मतलब येहहहह कीह्ह्ह्ह उम्म्ं क्या मुलायम चुचे है तेरे जमुना बहुउउऊ उम्म्ं कल मैने कुछ ज्यादा ही जल्दी निपटा दिया था और तुझे खुश नही किया था
रंजू ने बनवारी की मोटी उंगलियों की खरोच अपनी झान्टो से भरी बुर पर मह्सूस की - अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम
बनवारी पीछे से अपना मुसल रन्जू के मोटे गाड़ के फाकों मे घुसेड़ता हुआ उसकी बुर के दाने को अंगूठे से मसलके - उह्ह्ह क्या गर्मी है निचे ऊहह सच बता , जमुना मे अब वो बात नही रही ना उम्म्ंम
रन्जू कसमसा कर अपना जिस्म अकड़ती हुई सीसकने लगी - अह्ह्ह बाउजीईई इस वक़त उनकी बात ना करोह्ह्ह उम्म्ंम्ं अह्ह्ह
बनवारी मुस्कुरा कर रन्जू की चुचियां मलता हुआ उसकी गाड़ के मुहाने पर अपना सुपाडा घिसकर - मतलब मेरा अंदाजा सही था ,
बनवारी ने रन्जू के सवाल के जवाब मे उसके दोनो हाथ आगे बाथरूम की दिवाल से लगाता हुआ अपना लन्ड उसकी जांघो के बिच मे लगा कर उसके बुर के फाको मे पीछे से पेलने लगा जिस्से लन्ड का सुपाडा उसके मोटे फाको को फैलाता हु बाहर की ओर आने ल्गा
चुत के फाको मे लन्ड की कसावट भरी रगड़ से रंजू बुरी तरह से बिलबिला उठी और उसका अन्ग अन्ग सिहर उठा ।
वही बाथरूम के बाहर खड़ा राज अपने नाना के स्टाइल से खासा प्रभावित था , उसका लन्ड फौलादी हुआ जा रहा था ।
बनवारी ने वैसे ही जांघो मे पीछे से अपना मुसल घुसाते हुए - ओह्ह्ह जमुना बहू उम्म्ंम्ं , अब मत तरसा
रन्जू - क्या ? मै तरसा रही हुऊ उम्म्ंम्ं सीईई कल से आपने मेरे जिस्म मे आग लगा रखी है अह्ह्ह अब रुके क्यू है उम्म्ंम्म्ं कर लिजिए ना जो करना है उम्म्ंम
बनवारी ने हाथ आगे बढा कर रन्जू के गुदाज लटकती चुचियॉ पकड कर - एक बार चुस ले ना उह्ह्ह्ह
रंजू ने एक गहरी सास ली और सीधी खड़ी होकर बनवारी की ओर घूम गयी ,
बनवारी की गहराती सासे रन्जू के नशिलि और कामोत्तेजक आंखे देख कर और भी उफनाने लगी ।
उसका लन्ड और तेज ठुमकने लगा , रन्जू ने हाथ आगे बढ़ा कर बनवारी के लन्ड का तना हथेली मे भर कर उसको ताकत से थोडा दबाया
बनवारी ने दर्द मे थोड़ी आंखे भिची और सिस्का - उह्ह्ह सालीईईई मुह ने लेके दबा ना उह्ह्ह्ह्ह
रंजू मुस्कुराई और बनवारी को बेचैन देख कर निचे बैठ गयि ।
उसने बनवारी का मुसल उपर किया और उसके झूलते आड़ो पर जीभ फिराई जिससे बनवारी का लन्ड उसकी हथेली मे झटके खाने लगा ,
उसने उसके लन्ड की निचली नसो पर जीभ फिराती हुई उपर सुपाड़े तक आई और देखते ही देखते उसने बनवारी का सुपाडा मुह मे भर लिया और फिर दोनो हाथों मे उसका लन्ड पकड कर उसको चुसने लगी
बनवारी अपनी एडियां उचकाये आह भरता हुआ हवा मे तैरने लगा वही दरवाजे के पास खड़ा राज अपने पैंट से लन्ड़ निकाल कर जोर जोर से हिलाये जा रहा था
बनवारी- अह्ह्ह जमुना बहुउउऊ सीईई क्या म्स्स्त चूस्ती है रे तुउउऊऊ उम्म्ंम अह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह्ह और लेह्ह्ह नाअह्ह्ह
रंजू बनवारी का मुसल को चुस चुस कर गीला किये जा रही थी साथ उसकी बुर बुरी तरह से पानी बहा रही थी ।
रंजू ने अब एक हाथ से अपना जिस्म मसलना भी शुरु कर दिया था , उसके हाथ अब उसकी रस बहाती बुर को मसलने लगी थी।
बनवारी ने उसकी ओर देखा और बोला - कमरे मे चले
रन्जू ने भी मुह से लन्ड निकाल कर हामी भरी
मौका देखकर राज झटके से वहा से निकल कर रंजू के कमरे के सामने वाले किचन के गेट के ओट मे छिप गया
रंजू ने तौलिया से अपने जिस्म पोछती हुई बाहर आई और गलियारे से देखा कि दरवाजा भीतर से ही बन्द है
इससे पहले वो कुछ दिमाग लगाती बनवारी ने उसको पकड कर कमरे मे खिंचता हुआ अपने आप से चिपका लेता है और झुक के उसकी चुचिया मुह मे लेके चुसने लगता है
रन्जू भी बनवारी की इस हरकत से कामोत्तेजी होकर उसके सर को सहलाने लगती है , और बनवारि अगले ही पल निचे घुटनो पर आकर सीधा अपना मुह रन्जू की बुर मे दे देता है
रन्जू - अह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम ओफ्फ्फ उह्ह्ह्ह मह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ कमाल्ल्ल्ल के हो आप उह्ह्ह सीईई अह्ह्ह अराअम्ंंं से
बनवारी ने जीभ निकाल कर रंजू की बुर चाटनी शुरु कर दी थी और रन्जू का संतुलन बिगड़ने लगा था
रंजू अपनी टाँगे खोले बनवारी का कन्धा पकड़ कर एडिया उचका रही थी और बनवारी उसकी बुर के फाको मे जीभ घुसा कर भितर की मलाई चाट रहा था ।
वही राज किचन के झाक कर कमरे का नजारा लेते हुए नाना की मस्ती देख रहा था ।
उधर बनवारी ने रंजू को बिस्तर पर घोडी बना दिया था ,
रन्जू ने गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर अपनी बुर सहलाती हुई - वो डालो ना अपना मोटा खीरा
"उह्ह्ह तो तुझे खीरे बहुत पसंद है क्यू " , बनवारी ने अपना टोपा उसकी बुर के फाको मे धंसाते हुए बोला ।
रंजू - सीईई अह्ह्ह उह्ह्ह उह्ह्ह हाअह्ह बाउजीई अकेली बिना खीरे के कैसे मैह्ह्ह उह्ह्ह और और अह्ह्ह्ह सीई उम्म्ंम
बनवारी ने दो करारे झटके के साथ अपना खीरे जैसा मुसल लन्ड उसके भोस्डे मे उतार दिया और पेलना शुरु कर दिया
अह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम अफ्फ्फ ऐसे हीई उह्ह्ह्ह और तेज उम्म्ंम रगड़ डालो मेरी मुनियां कोह्ह्ह उस्सस्स उमम्मं अह्ह्ह
बनवारी करारे झटके लगता हुआ अंगूठे से रंजू की गाड़ का भुरा छेद छेड़ता हुआ - तो क्या कभी इसमे भी खीरे को डाला है उम्म्ंम्ं
बनवारी की छड़खानी से रंजू छिटकने लगी तो बनवारि ने उसके कूल्हो दबोचते हुए कस कस के पेलने लगा - अह्ह्ह बोल नह्ह्ह उमम्मं
रंजू - अह्ह्ह हा कई बार उह्ह्ह क्यू डालोगे क्या हहहह सीई पहले मुझे अच्छे से निचोड दो फिर उह्ह्ह्ह सीईई
बनवारी ने लन्ड को बराबर एक लय मे उसकी बुर मे पेलता हुआ उसकी चर्बिदार गाड़ के फाको मे झांकती उसकी भूरी छेद पर अंगूठा मलता हुआ - अगर मै कहू कि दोनो मे खीरे का मजा एक साथ मिले तो लेगी क्या ?
रंजू चौकी और वही दरवाजे पर खड़ा राज जो भितर कमरे मे चल रही चुदाई से अपना सुपाडा मसल कर लाल कर चुका था वो भी अपने नाना का प्रस्ताव सुन कर मस्त हो गया था ।
राज के घर
छत की बाल्किनी मे राहुल रेलिंग पर झुका हुआ कुछ विचार कर रहा था कि उसके पास बस आज रात का ही समय है और कल बबिता घर निकल जायेगी ।
वही कमरे मे बैठे हुए बबिता भी बोर हो गयी थी , मैसेज काल तो उसके बॉयफ्रेंड के आ रहे थे मगर उसे अच्छा नही लग रहा था ।
वो राहुल के बारे मे सोच रही थी ।
" कल मैने कुछ ज्यादा ही तेज बोल दिया था , वो तो बस ट्राई ही कर रहा था जैसे बाकी लड़के अप्रोच करते है । हा लेकिन उसकी मस्तियाँ भी कहा कम थी । ना जाने कहा से मेरी वो तस्वीरें पा गया "
"अरे हाँ , उसे मेरी तस्वीर कहा और कैसे मिली उस बारे मे तो मैने पुछा ही नही "
बबिता बेचैन होकर उठी और कमरे से बाहर निकली , उसे यकीन था कि वो निचे तो नही गया होगा । चेपू यही कही आस पास ही होगा ।
उसने जीने की ओर देखा और उसे तभी बालिकिनी खुली मिल गयी
वो उधर ही बढ गयी
"हम्म्म तो यहा है और ये यहा सोच क्या रहा है , जरुर मुझे पटाने के बारे ने ही सोच रहा होगा "
"हुह , मै ऐसे थोड़ी ना हाथ आ जाउंगी "
बबिता टहलती हुई आराम आराम से रेलिंग के पास खड़ी हो गयी ।
सड़के सुनसान, एक्का दुक्का गाड़ियाँ निकल रही थी ।
घर मे कही से भी एक तिनका हिलने तक की आवाज नही आ रही थी ।
राहुल ने भी बबिता को देखा मगर कुछ बोला नही ।
राहुल का रिस्पांस ना पाकर बबिता को बेचैनी हुई , ना जाने क्यू उसे कसक उठ रही थी कि वो कुछ बोले ।
बबिता ने तिरछी नजर से उसको देखा तो वो सड़क की दुसरी ओर फेके हुए कूडे के ढेर मे घूम रहे कुत्तो को निहार रहा था , जिसमे एक कुतिया खाने के पत्तलो को चाट रही थी वही दो कुत्ते और थे जो पत्तल चाटते चाटते और सही खाने की तलाश मे उस कुतिया के पीछे आ गये थे
उसमे से एक ने उस कुतिया की गाड़ को सुँघा था कि वो कुतिया ने जोर से उसपे भौक पडी
राहुल मुस्कुरा कर दुसरी ओर नजरे फेर लेता है वही बबिता ने भी ये सब देखा तो वो भी शर्मा गयी और मुह फेर के मुस्कुराने लगी ।
राहुल के साथ साथ बबिता के लिए भी ये एक शर्मिंदगी भरा मोमेंट था , क्योकि दोनो मे से कोई भी ऐसे तो खुल के सामने नही आना चाह्ते थे ।
बबिता - कितना सन्नाटा हो गया है ना घर मे
बबिता की आवाज सुनाई देते ही राहुल चुप हुआ और उसकी भौहे अकड़ दिखाने के इरादे से तन गयी ।
बबिता ने देखा कि राहुल ने कोई जवाब नही दिया - ऐसा ही मेरे घर में रहता है रोज
राहुल धीरे से फुसफुसा- हा तभी तो रोज बॉयफ्रेंड से लगी रहती होगी
बबिता को लगा कि उसने उस्का मजा लिया अभी - क्या ?
राहुल - कुछ भी तो नही
बबिता चिडचिड़ी होकर - नही तुम अभी कुछ बोले
राहुल ने हाथ जोड़ कर सर पर रखते हुए - मैने कुछ नही बोला मेरी मा , माफ करो मुझे प्लीज
बबिता को लगा कि वो अब फिर से वही व्यव्हार कर रही है कल रात के जैसे ।
बबिता इस बात से उलझी हुई थी कि ना जाने क्यू राहुल से जरा भी बात पर चिढ़ जा रही थी ।
बबिता - सॉरी , पता नही मुझे क्या हुआ है । मै जबसे यहा आई हु ऐसे ही परेशन रह रही हु
राहुल मुस्कराया - बॉयफ्रेंड से दुर हो इसीलिए
बबिता शर्माकर हस्ती हुई - धत्त वो बात नही है , हा वो भी है थोडा मगर
राहुल - साफ दिख रहा है तुम्हारे चेहरे पर , तड़प रही हो उसी के पास जाने के लिए और नही तडपती तो कल वो फोटो क्यू भेजती
बबिता चुप हुई और उसे ध्यान आया कि वो यहा क्यू आई थी - हम्म अब ये बताओ तुम्हे मेरी तस्वीरे कैसे मिली
राहुल सडक की ओर देखने लगा तभी उसकी नजर सामने कूडे के ढेर के पास गयी , जहा वो कुतिया दुसरे वाले कुत्ते से चुद रही थी ।
राहुल ने मुस्कुरा कर नजरे फेर ली
बबिता को फिर चिढ़ हुई - देखो फिर तुम मेरा मजाक बना रहे हो
राहुल मुस्कुरा कर - अरे मै तुम्हारा नही ...वो तो मेरी नजर उधर चली गयी थी तो
राहुल ने आंखो के इशारे से बबिता को वो कूड़े के ढेर पर चल रही चुदाई को दिखाया तो बबिता भी मारे लाज के नजरे चुराते हुए हसने लगी ।
राहुल - तुम एक नम्बर की बुद्धू हो , बनती चालाक हो मगर हो नही
बबिता अब रेलिंग की ओर पीठ करके रेलिंग का सहारा लेकर खडी हो गयी ताकी उसको वो कूडे के ढेर पर चल रहा नजारा नही देखना पड़े ।
बबिता - मतलब ?
राहुल भी नैतिकता दिखाते हुए रेलिंग की ओर पीठ करके खड़ा हो कर - मतलब तुमने ना कोई पासवर्ड ल्गाया ना ही चैट डिलिट की , सब वैसे ही रख दी
बबिता को उसकी गलती का अह्सास था
बबिता - मगर तुम्हे कब पता चला
फिर राहुल ने बताया कि कैसे वो कमरे के बाहर से सब सुन रहा था और जब बैग छूने के लिए मना किया तो उस्का शक और बढ़ गया ।
बबिता - तो अब अच्छे बच्चे बनो और वो फोटो डिलिट कर दो प्लीज
राहुल झुठ बोलते हुए - वो मैने कबकी डीलीट कर दी , कल रात मे भी जब तुम रो रही थी ।
बबिता को थोडा सुकुन मिला - ह्म्म्ं थैंक्स
राहुल - नही मेरी गलती थी मै सॉरी बोलता हु , मगर तुमको ध्यान देना चाहिए तुम ऐसे लापरवाह नही हो सकती , आज दोपहर को भी मौसी ने पकड ही लिया था
बबिता अपनी रज्जो बुआ के बारे मे सोच कर थोडा सहम गयि - हम्म्म उसके लिए भी थैंक यू
राहुल खीझ कर - और तुम्हारा bf एक नम्बर का चोमू है क्या है ?
बबिता - क्या है ?
राहुल - अरे गवार है क्या ? साले को अपनी हवस के आगे तुम्हारी कोई फिकर ही नही है !
बबिता को फिर से गुस्सा आने लगा -देखो तुम प्लीज तमिज से बात करो
राहुल - सॉरी सॉरी , मगर यार उसको इस बारे मे सिरियस सोचना चाहिए । वो बस तुम्से ऐसी वैसी फोटो विडियो मागता है और तुम भेज देती हो , सच मे प्यार है या हवस ?
बबिता राहुल के बात पर विचार करने लगी ।
राहुल - देखो मै उसपे कोई इल्जाम नही लगा रहा , मगर ऐसे लोग जो हर समय तस्वीरे मागते है , मतलब तुम ही सोचो ना एक ही चीज की तस्वीर क्यू चाहिये उन्हे वो भी अभी अभी की
बबिता एक दम चुप थी उस्के जहन मे अपने bf के लिए शकाये आ रही थी और वो डर भी रही थी ।
बबिता - पता नही मैने कभी पूछा नही
राहुल - अच्छा तुम दोनो सेक्स तो बराबर करते होगे ना
बबिता थोडा हिचक कर - ह हा , लेकिन
राहुक - फिर तुम ही सोचो , जब तुम दोनो रेगुलर मिल रहे हो और दोनो मे बराबर सेक्स हो रहे है फिर उसे क्या जरुरत है तस्वीरों की , बजाय कही शेयर करने के ।
बबिता - क्या ? नही नही वो ऐसा नही होगा
राहुल - उम्मीद करता हु कि तुम सही हो , मगर सतर्क रहना तुम्हारी जिम्मेदारी है । ये लापरवाही तुम्हे किसी दिन बहुत भारि पडने वाली है ।
बबिता - तो अब मै क्या करुँ
राहुल- थोड़ा स्ट्रीक्ट रहो इनसब को लेके और अब तो तुम्हारे पास मौका भी ये कहने का कि तुम्हारी बडी बुआ ने तुम्हे बात करते पकडा था और तुम्हारी मम्मी को चेताया है इस बारे ने और अब मम्मी तुम पर नजर रखे हुए है तो ये सब फरमाइश नही होगी ।
बबिता को भी राहुल का विचार सही लगा - थैंक्स राहुल मैने तुम्हे समझने मे गलती की , सॉरी तुम एक समझदार इंसान हो
राहुल - हम्म कोई बात नही , लोगो को जज करने की आदत होती है और सॉरी मैने भी तुम्हारे बारे मे कुछ गलत सोच लिया था
बबिता -क्या ?
राहुल - कुछ नही जाने दो ? वो हम लड़के ऐसे ही होते है तो छोड़ो ।
बबिता - अरे बोलो ना ,
राहुल - नही अभी तुम फिर से भडक जाओगी
बबिता हसकर - नही बाबा प्रोमिस मै नही चिल्लाऊंगी
राहुल - पक्का ना
बबिता मुस्कुरा कर - पक्का !!
राहुल - देखो ये बात सिर्फ मेरे बारे मे नही है ये हम सब लड़को पर लागू होता है कि हम किसी भी लड़की के फिगर और उसके स्वभाव से उसको जज कर लेते है और थोडा सेक्सुअली क्लोज हो जाते है । शादी व्याह के दिनो के ये सब कामन सी बात हो जाती है ।
बबिता - हा मालूम है मुझे
राहुल नजरे फेरते हुए मुस्कुरा कर - तो मै भी तुम्हारी ओर कुछ ऐसे ही इरादे से करीब होना चाह रहा था , मगर तुमने , वो कल रात में जो हुआ
बबिता मुस्कुराई - हम्म जानती हु ये बात भी , हम लड़कियां किसी के इरादे भाप लेती है
राहुल - और जब मैने तुम्हारी ओपन तस्वीरे देखी मै तबसे और भी परेशान हो गया था , तुम्हारी अदा और वो ?
बबिता की सासे भी तेज थी घुमा फिरा कर ही सही मगर राहुल बबिता की तारिफ कर रहा था और इस बात से बबिता का मन फूल रहा था ।
बबिता - क्या वो !!
राहुल - वो तुम्हारे रस भरे दोनो संतरे ...
बबिता खिलखिलाई और हस कर - क्या ? संतरे !!
राहुल हसता हुआ - हा बिल्कुल वो मुझे ऐसे ही लगे बड़े बड़े रस भरे
बबिता लजा कर हस्ती हुऊ - धत्त चुप करो तुम अब ,
राहुल बबिता को शर्माता देख थोडा उसकी ओर गया , उसने पास से बबिता के जिस्म मे हो रही गर्मी मह्सुस की और उसका फुलता सिना देख कर उस्का मुसल कडक होने लगा ।
राहुल - मैने सोचा भी एक बार को
बबिता - क्या !! राहुल - अगर मेरी भी gf के ऐसे सन्तरे हो तो मै भी रोज तस्वीरें देखने के लिए जरुर मागता
बबिता राहुल की इनडायरेक्ट बातो को खुद से जोड रही थी और उसके जहन में चल रहा था कि क्या वो सच मे राहुल को अपने बूबस दिखाती रोज , वो पल सोच कर ही बबिता की सासे चढने लगी ।
बबिता - बस करो तुम प्लीज हिहिहिही मुझे शर्म आ रही है
राहुल - तु क्यू शर्मा रही हो मै तो मेरी उस gf के बारे मे बता रहा हु जो अभी हुई ही नही , हाहाहाहा
बबिता - वो बात नही है , तुम अपनी gf के संत... मेरा मतलब बूबस मेरे जैसे क्यू चाहते हो
राहुल बहुत ही कैजुअली - क्योकि तुम्हारे संतरे बहुत सुन्दर है और रस भरे लग्ते है
बबिता खीझकर हसती हुई - फिर संतरे !! यार प्लीज तुम उन्हे ये बुलाना बन्द करोगे
राहुल हस कर - फिर क्या बुलाऊ तुम्ही बताओ ,
बबिता - मुझे नही पता
राहुल - अच्छा तुम्हारा bf जो कहता है वो बताओ वही बुलाऊंगा
बबिता फिर चिढी मगर उसकी हसी नही थम रही थी - याररर तुम हिहिही प्लीज इस बारे मे बाते करना बन्द करो
राहुल - लेकिन मै तो मेरी होने वाली gf के बारे मे बात कर रहा हु ना तुम्हारे संतरो के बारे मे नही
बबिता - फिर संतरा !!
राहुल हसता हुआ - अच्छा सॉरी सॉरी , तुम्ही बताओ क्या बोलू । सेव अनार नारियल पपीता या खरबूजा
बबिता खिलखिला कर हसती हुई - क्या खरबूजा !! तुम पुरे पागल हो हाहाहाहा
इधर बबिता को ध्यान ही नही था कि राहुल उस्से बाते करते हुए उसके एकदम बगल ने आ चुका था ।
और हस्ते हुए उसने उसके कन्धे पर हाथ मारा तभी दोनो की नजरे आपस मे टकराई और अगले ही पल दोनो चुप हो गये ।
बबिता और राहुल दोनो की आंखे आपस मे अटक गयी , राहुल के आंखो मे उतरी हुई मदहोशि से बबिता सिहर गयी और राहुल अपने फड़कते होठ उसके कपकपाते होठ से लगाने के लिए अपना चेहरा आगे किया तो बबिता ने अपनी आंखे बंद कर ली
आखिर तक जाकर भी राहुल ने किस्स नही किया और होठ सील कर वापस खड़ा हो गया ।
बबिता को जैसे ही राहुल के उफनाती सासो की गर्मी अपने से दूर होती पाई उसने आंखे खोलकर राहुल को थोडा दुर देखा ।
बबिता हल्के से फुसफुसा कर - क्या हुआ ?
राहुल भी थोडा असहज होकर मुस्कुरा कर इधर उधर देखने लगा - कुछ नही
बबिता को भी अह्सास हुआ कि वो अभी क्या करने जा रही थी और वो भी मुस्कुरा कर नजरे फेर ली ।
वही राहुल ने नजरे घुमा कर वापस निचे देखा तो उसकी हसी निकल गयी ।
निचे कूडे के ढेर पर दुसरे कुत्ते से चुद रही कुतिया , कब उस पहले वाले कुत्ते को जिसे वो अब तक सूघने से भी डाट रही थी उसका लन्ड अपने बुर मे फसा चुकी थी
अब दोनो एक दुसरे मे उलझे हुए बेबस तडप रहे थे और वो दुसरा कुत्ता नही नजर नही आ रहा था ।
"नही ताई मै हु राज "
कुछ सेकेण्ड की चुप्पी के बाद पुन: आवाज आई - अच्छा बेटा दरवाजा बन्द करके कमरे मे बैठ मे आ रही हूँ ।
बनवारी ने राज से फुसफुसाकर - अब?
राज हस्ता हुआ धीमी आवाज मे - हिहिही अब कुंडी लगेगी नानू हाहाहहा
और राज ने दरवाजे की कड़ी लगाते हुए नाना को वही गलियारे मे रुकने का इशारा कर खुद दबे पाव आंगन की ओर बढ़ने लगा ।
आंगन मे झांका तो पाया कि आंगन मे एक तरफ हाल ही मे कुछ मरमंत का कार्य किया हुआ था , जिसे रन्जू के बेटे कमलेश ने करवाया था ।
आंगन का बाथरूम जो पहले महज ईंट से घेरा हुआ था अब उसे टाईल से चमका दिया गया था और बगल मे कपडे धुलने के लिए अलग से वाशिंग मशीन भी लगा दी गयि थी ।
जिसकी आवाज से घर मे हल्की फुल्की बातचित पर कोई असर नही हो सकता था ।
राज ने दबे पाव बाथरूम की ओर बढ़ा और जैसे ही उसने आधे खुले दरवाजे से भीतर झांका उसका दिल बाग बाग हो गया ।
भीतर रंजू ताई सिर्फ एक काली पैंटी मे खड़ी होकर अपने जिस्म मे साबुन मल रही थी ।
राज ने अपना फनफनाता लन्ड जोर से मसला
तभी रंजू ने साबुन की टिकिया आगे से पैंटी मे हाथ डाल कर अपनी बुर पर लगाते हुए हुए पीछे भी गाड़ पर रगड़ने लगी
फिर उसने देखते हु देखते अपनी पैंटी उतार दी
ये नजारा देख कर राज का मुसल फनफना उठा उसने सोचा सारा मजा अकेले क्यू , नानू के साथ मिल कर बाटते है और वो लपक कर गलीयारे की ओर बढ गया ।
बनवारी- क्या हुआ बेटा
राज खिलखिलाकर अपने नाना की कलाई पकडता हुआ - आओ नाना मै मस्त सीन दिखाता हु ।
बनवारी का मुसल भी तनमनाया और वो भी अपनी धोती सम्भालता हुआ धीरे धीरे बाथरूम की ओर बढ़ गया
राज ने इशारे से भितर झांकने को कहा
बनवारी ने मुस्कुरा कर कामोत्तेज होकर हौले से भितर झांका तो उसकी आंखे चमक उठी और उसका लन्ड फड़कने लगा ।
उसने अपने अकड़ते लन्ड को पकड कर सहलाते हुए भितर देखने लगा
जहा रंजू एक प्लास्टिक स्टूल पर बैठी हुई पूरी नंगी पानी से अपने बाल धूल रही थी और उसकी बड़ी सी गाड़ फैली हुई थी ।
राज ने धीरे से अपने नाना को हिलाया और इशारे से अन्दर जाने को बोला ।
बनवारी धीमी आवाज मे फुसफुसा कर - अगर वो तेरे बारे मे पूछेगी तो
राज हस कर धिरे से - बोल देना आपने मुझे तम्बाकू लेने बाहर भेजा है , अब जाओ
बनवारी - अरे बाहर आने दो ना उसको तब
राज - अरे नानू अगर ताई बाहर आ गयी तो मौका भी नही देगी , भूल गये कल कैसे नाराज थी , आज मना लो हिहिहिही
बनवारी मुस्कराया और धीरे से अपना कुरता और धोती निकाल कर राज को दे दिया ।
अपने नाना का बड़ा मोटा लन्ड देखकर राज को भी अचरज हुई
बनवारी उसे अपने नाती के आगे बड़ी बेशर्मी से हिलाते हुए हौले से दरवाजा खोलकर भितर घुस गया ।
क कौन , ब ब बाऊजीईई आप उम्म्ंम्म्ं मम्म अह्ह्ह येह्ह्ह्ह उह्ह्ंम्ंं
इससे पहले रंजू कुछ बोलती बनवारी ने उसके होठ से अपने होठ जोड़ते हुए उसके हाथ पकड कर बाथरूम की दिवाल से लगाता हुआ निचे से अपना तनमनाया मुसल उसकी बुर पर रगड़ने लगा ।
रंजू का जिस्म अकड़ने लगा और बनवारी उसके गाल फिर गले पर चूमने लगा ।
रन्जू ने कसमसा कर - आह्ह बाउजीईई उम्म्ंम राज कहा है ? अह्ह्ह सीईईई
बनवारी- मैने उसे नदी की ओर भेजा है तम्बाकू लाने के लिए
रंजू सिस्ककर - सीईई अह्ह्ह बाऊजीउई उम्म्ंम लेकिन आप ऐसे अचानक उम्म्ंम्ं किसी ने देखा लिया तोह्ह्ह्ह
बनवारी ने उसको घुमाते हुए उसकी रसिली मोटी चुचियां पीछे से पकडता हुआ - वो मै पिछली बार के लिए माफी चाहता हु , अपने जोश मे मैंने तुम्हारा ख्याल नही किया
रन्जू बनवारी का मोटा गर्म मुसल अपनी गाड़ पर मह्सूस करती हुई , उसके रेंगते हाथ को अपनी छातियों पर थामती हुई - उन्मममं मतलब
बनवारी- मतलब येहहहह कीह्ह्ह्ह उम्म्ं क्या मुलायम चुचे है तेरे जमुना बहुउउऊ उम्म्ं कल मैने कुछ ज्यादा ही जल्दी निपटा दिया था और तुझे खुश नही किया था
रंजू ने बनवारी की मोटी उंगलियों की खरोच अपनी झान्टो से भरी बुर पर मह्सूस की - अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम
बनवारी पीछे से अपना मुसल रन्जू के मोटे गाड़ के फाकों मे घुसेड़ता हुआ उसकी बुर के दाने को अंगूठे से मसलके - उह्ह्ह क्या गर्मी है निचे ऊहह सच बता , जमुना मे अब वो बात नही रही ना उम्म्ंम
रन्जू कसमसा कर अपना जिस्म अकड़ती हुई सीसकने लगी - अह्ह्ह बाउजीईई इस वक़त उनकी बात ना करोह्ह्ह उम्म्ंम्ं अह्ह्ह
बनवारी मुस्कुरा कर रन्जू की चुचियां मलता हुआ उसकी गाड़ के मुहाने पर अपना सुपाडा घिसकर - मतलब मेरा अंदाजा सही था ,
बनवारी ने रन्जू के सवाल के जवाब मे उसके दोनो हाथ आगे बाथरूम की दिवाल से लगाता हुआ अपना लन्ड उसकी जांघो के बिच मे लगा कर उसके बुर के फाको मे पीछे से पेलने लगा जिस्से लन्ड का सुपाडा उसके मोटे फाको को फैलाता हु बाहर की ओर आने ल्गा
चुत के फाको मे लन्ड की कसावट भरी रगड़ से रंजू बुरी तरह से बिलबिला उठी और उसका अन्ग अन्ग सिहर उठा ।
वही बाथरूम के बाहर खड़ा राज अपने नाना के स्टाइल से खासा प्रभावित था , उसका लन्ड फौलादी हुआ जा रहा था ।
बनवारी ने वैसे ही जांघो मे पीछे से अपना मुसल घुसाते हुए - ओह्ह्ह जमुना बहू उम्म्ंम्ं , अब मत तरसा
रन्जू - क्या ? मै तरसा रही हुऊ उम्म्ंम्ं सीईई कल से आपने मेरे जिस्म मे आग लगा रखी है अह्ह्ह अब रुके क्यू है उम्म्ंम्म्ं कर लिजिए ना जो करना है उम्म्ंम
बनवारी ने हाथ आगे बढा कर रन्जू के गुदाज लटकती चुचियॉ पकड कर - एक बार चुस ले ना उह्ह्ह्ह
रंजू ने एक गहरी सास ली और सीधी खड़ी होकर बनवारी की ओर घूम गयी ,
बनवारी की गहराती सासे रन्जू के नशिलि और कामोत्तेजक आंखे देख कर और भी उफनाने लगी ।
उसका लन्ड और तेज ठुमकने लगा , रन्जू ने हाथ आगे बढ़ा कर बनवारी के लन्ड का तना हथेली मे भर कर उसको ताकत से थोडा दबाया
बनवारी ने दर्द मे थोड़ी आंखे भिची और सिस्का - उह्ह्ह सालीईईई मुह ने लेके दबा ना उह्ह्ह्ह्ह
रंजू मुस्कुराई और बनवारी को बेचैन देख कर निचे बैठ गयि ।
उसने बनवारी का मुसल उपर किया और उसके झूलते आड़ो पर जीभ फिराई जिससे बनवारी का लन्ड उसकी हथेली मे झटके खाने लगा ,
उसने उसके लन्ड की निचली नसो पर जीभ फिराती हुई उपर सुपाड़े तक आई और देखते ही देखते उसने बनवारी का सुपाडा मुह मे भर लिया और फिर दोनो हाथों मे उसका लन्ड पकड कर उसको चुसने लगी
बनवारी अपनी एडियां उचकाये आह भरता हुआ हवा मे तैरने लगा वही दरवाजे के पास खड़ा राज अपने पैंट से लन्ड़ निकाल कर जोर जोर से हिलाये जा रहा था
बनवारी- अह्ह्ह जमुना बहुउउऊ सीईई क्या म्स्स्त चूस्ती है रे तुउउऊऊ उम्म्ंम अह्ह्ह और लेह्ह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह्ह और लेह्ह्ह नाअह्ह्ह
रंजू बनवारी का मुसल को चुस चुस कर गीला किये जा रही थी साथ उसकी बुर बुरी तरह से पानी बहा रही थी ।
रंजू ने अब एक हाथ से अपना जिस्म मसलना भी शुरु कर दिया था , उसके हाथ अब उसकी रस बहाती बुर को मसलने लगी थी।
बनवारी ने उसकी ओर देखा और बोला - कमरे मे चले
रन्जू ने भी मुह से लन्ड निकाल कर हामी भरी
मौका देखकर राज झटके से वहा से निकल कर रंजू के कमरे के सामने वाले किचन के गेट के ओट मे छिप गया
रंजू ने तौलिया से अपने जिस्म पोछती हुई बाहर आई और गलियारे से देखा कि दरवाजा भीतर से ही बन्द है
इससे पहले वो कुछ दिमाग लगाती बनवारी ने उसको पकड कर कमरे मे खिंचता हुआ अपने आप से चिपका लेता है और झुक के उसकी चुचिया मुह मे लेके चुसने लगता है
रन्जू भी बनवारी की इस हरकत से कामोत्तेजी होकर उसके सर को सहलाने लगती है , और बनवारि अगले ही पल निचे घुटनो पर आकर सीधा अपना मुह रन्जू की बुर मे दे देता है
रन्जू - अह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम ओफ्फ्फ उह्ह्ह्ह मह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ कमाल्ल्ल्ल के हो आप उह्ह्ह सीईई अह्ह्ह अराअम्ंंं से
बनवारी ने जीभ निकाल कर रंजू की बुर चाटनी शुरु कर दी थी और रन्जू का संतुलन बिगड़ने लगा था
रंजू अपनी टाँगे खोले बनवारी का कन्धा पकड़ कर एडिया उचका रही थी और बनवारी उसकी बुर के फाको मे जीभ घुसा कर भितर की मलाई चाट रहा था ।
वही राज किचन के झाक कर कमरे का नजारा लेते हुए नाना की मस्ती देख रहा था ।
उधर बनवारी ने रंजू को बिस्तर पर घोडी बना दिया था ,
रन्जू ने गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर अपनी बुर सहलाती हुई - वो डालो ना अपना मोटा खीरा
"उह्ह्ह तो तुझे खीरे बहुत पसंद है क्यू " , बनवारी ने अपना टोपा उसकी बुर के फाको मे धंसाते हुए बोला ।
रंजू - सीईई अह्ह्ह उह्ह्ह उह्ह्ह हाअह्ह बाउजीई अकेली बिना खीरे के कैसे मैह्ह्ह उह्ह्ह और और अह्ह्ह्ह सीई उम्म्ंम
बनवारी ने दो करारे झटके के साथ अपना खीरे जैसा मुसल लन्ड उसके भोस्डे मे उतार दिया और पेलना शुरु कर दिया
अह्ह्ह बाउजीई उम्म्ंम अफ्फ्फ ऐसे हीई उह्ह्ह्ह और तेज उम्म्ंम रगड़ डालो मेरी मुनियां कोह्ह्ह उस्सस्स उमम्मं अह्ह्ह
बनवारी करारे झटके लगता हुआ अंगूठे से रंजू की गाड़ का भुरा छेद छेड़ता हुआ - तो क्या कभी इसमे भी खीरे को डाला है उम्म्ंम्ं
बनवारी की छड़खानी से रंजू छिटकने लगी तो बनवारि ने उसके कूल्हो दबोचते हुए कस कस के पेलने लगा - अह्ह्ह बोल नह्ह्ह उमम्मं
रंजू - अह्ह्ह हा कई बार उह्ह्ह क्यू डालोगे क्या हहहह सीई पहले मुझे अच्छे से निचोड दो फिर उह्ह्ह्ह सीईई
बनवारी ने लन्ड को बराबर एक लय मे उसकी बुर मे पेलता हुआ उसकी चर्बिदार गाड़ के फाको मे झांकती उसकी भूरी छेद पर अंगूठा मलता हुआ - अगर मै कहू कि दोनो मे खीरे का मजा एक साथ मिले तो लेगी क्या ?
रंजू चौकी और वही दरवाजे पर खड़ा राज जो भितर कमरे मे चल रही चुदाई से अपना सुपाडा मसल कर लाल कर चुका था वो भी अपने नाना का प्रस्ताव सुन कर मस्त हो गया था ।
राज के घर
छत की बाल्किनी मे राहुल रेलिंग पर झुका हुआ कुछ विचार कर रहा था कि उसके पास बस आज रात का ही समय है और कल बबिता घर निकल जायेगी ।
वही कमरे मे बैठे हुए बबिता भी बोर हो गयी थी , मैसेज काल तो उसके बॉयफ्रेंड के आ रहे थे मगर उसे अच्छा नही लग रहा था ।
वो राहुल के बारे मे सोच रही थी ।
" कल मैने कुछ ज्यादा ही तेज बोल दिया था , वो तो बस ट्राई ही कर रहा था जैसे बाकी लड़के अप्रोच करते है । हा लेकिन उसकी मस्तियाँ भी कहा कम थी । ना जाने कहा से मेरी वो तस्वीरें पा गया "
"अरे हाँ , उसे मेरी तस्वीर कहा और कैसे मिली उस बारे मे तो मैने पुछा ही नही "
बबिता बेचैन होकर उठी और कमरे से बाहर निकली , उसे यकीन था कि वो निचे तो नही गया होगा । चेपू यही कही आस पास ही होगा ।
उसने जीने की ओर देखा और उसे तभी बालिकिनी खुली मिल गयी
वो उधर ही बढ गयी
"हम्म्म तो यहा है और ये यहा सोच क्या रहा है , जरुर मुझे पटाने के बारे ने ही सोच रहा होगा "
"हुह , मै ऐसे थोड़ी ना हाथ आ जाउंगी "
बबिता टहलती हुई आराम आराम से रेलिंग के पास खड़ी हो गयी ।
सड़के सुनसान, एक्का दुक्का गाड़ियाँ निकल रही थी ।
घर मे कही से भी एक तिनका हिलने तक की आवाज नही आ रही थी ।
राहुल ने भी बबिता को देखा मगर कुछ बोला नही ।
राहुल का रिस्पांस ना पाकर बबिता को बेचैनी हुई , ना जाने क्यू उसे कसक उठ रही थी कि वो कुछ बोले ।
बबिता ने तिरछी नजर से उसको देखा तो वो सड़क की दुसरी ओर फेके हुए कूडे के ढेर मे घूम रहे कुत्तो को निहार रहा था , जिसमे एक कुतिया खाने के पत्तलो को चाट रही थी वही दो कुत्ते और थे जो पत्तल चाटते चाटते और सही खाने की तलाश मे उस कुतिया के पीछे आ गये थे
उसमे से एक ने उस कुतिया की गाड़ को सुँघा था कि वो कुतिया ने जोर से उसपे भौक पडी
राहुल मुस्कुरा कर दुसरी ओर नजरे फेर लेता है वही बबिता ने भी ये सब देखा तो वो भी शर्मा गयी और मुह फेर के मुस्कुराने लगी ।
राहुल के साथ साथ बबिता के लिए भी ये एक शर्मिंदगी भरा मोमेंट था , क्योकि दोनो मे से कोई भी ऐसे तो खुल के सामने नही आना चाह्ते थे ।
बबिता - कितना सन्नाटा हो गया है ना घर मे
बबिता की आवाज सुनाई देते ही राहुल चुप हुआ और उसकी भौहे अकड़ दिखाने के इरादे से तन गयी ।
बबिता ने देखा कि राहुल ने कोई जवाब नही दिया - ऐसा ही मेरे घर में रहता है रोज
राहुल धीरे से फुसफुसा- हा तभी तो रोज बॉयफ्रेंड से लगी रहती होगी
बबिता को लगा कि उसने उस्का मजा लिया अभी - क्या ?
राहुल - कुछ भी तो नही
बबिता चिडचिड़ी होकर - नही तुम अभी कुछ बोले
राहुल ने हाथ जोड़ कर सर पर रखते हुए - मैने कुछ नही बोला मेरी मा , माफ करो मुझे प्लीज
बबिता को लगा कि वो अब फिर से वही व्यव्हार कर रही है कल रात के जैसे ।
बबिता इस बात से उलझी हुई थी कि ना जाने क्यू राहुल से जरा भी बात पर चिढ़ जा रही थी ।
बबिता - सॉरी , पता नही मुझे क्या हुआ है । मै जबसे यहा आई हु ऐसे ही परेशन रह रही हु
राहुल मुस्कराया - बॉयफ्रेंड से दुर हो इसीलिए
बबिता शर्माकर हस्ती हुई - धत्त वो बात नही है , हा वो भी है थोडा मगर
राहुल - साफ दिख रहा है तुम्हारे चेहरे पर , तड़प रही हो उसी के पास जाने के लिए और नही तडपती तो कल वो फोटो क्यू भेजती
बबिता चुप हुई और उसे ध्यान आया कि वो यहा क्यू आई थी - हम्म अब ये बताओ तुम्हे मेरी तस्वीरे कैसे मिली
राहुल सडक की ओर देखने लगा तभी उसकी नजर सामने कूडे के ढेर के पास गयी , जहा वो कुतिया दुसरे वाले कुत्ते से चुद रही थी ।
राहुल ने मुस्कुरा कर नजरे फेर ली
बबिता को फिर चिढ़ हुई - देखो फिर तुम मेरा मजाक बना रहे हो
राहुल मुस्कुरा कर - अरे मै तुम्हारा नही ...वो तो मेरी नजर उधर चली गयी थी तो
राहुल ने आंखो के इशारे से बबिता को वो कूड़े के ढेर पर चल रही चुदाई को दिखाया तो बबिता भी मारे लाज के नजरे चुराते हुए हसने लगी ।
राहुल - तुम एक नम्बर की बुद्धू हो , बनती चालाक हो मगर हो नही
बबिता अब रेलिंग की ओर पीठ करके रेलिंग का सहारा लेकर खडी हो गयी ताकी उसको वो कूडे के ढेर पर चल रहा नजारा नही देखना पड़े ।
बबिता - मतलब ?
राहुल भी नैतिकता दिखाते हुए रेलिंग की ओर पीठ करके खड़ा हो कर - मतलब तुमने ना कोई पासवर्ड ल्गाया ना ही चैट डिलिट की , सब वैसे ही रख दी
बबिता को उसकी गलती का अह्सास था
बबिता - मगर तुम्हे कब पता चला
फिर राहुल ने बताया कि कैसे वो कमरे के बाहर से सब सुन रहा था और जब बैग छूने के लिए मना किया तो उस्का शक और बढ़ गया ।
बबिता - तो अब अच्छे बच्चे बनो और वो फोटो डिलिट कर दो प्लीज
राहुल झुठ बोलते हुए - वो मैने कबकी डीलीट कर दी , कल रात मे भी जब तुम रो रही थी ।
बबिता को थोडा सुकुन मिला - ह्म्म्ं थैंक्स
राहुल - नही मेरी गलती थी मै सॉरी बोलता हु , मगर तुमको ध्यान देना चाहिए तुम ऐसे लापरवाह नही हो सकती , आज दोपहर को भी मौसी ने पकड ही लिया था
बबिता अपनी रज्जो बुआ के बारे मे सोच कर थोडा सहम गयि - हम्म्म उसके लिए भी थैंक यू
राहुल खीझ कर - और तुम्हारा bf एक नम्बर का चोमू है क्या है ?
बबिता - क्या है ?
राहुल - अरे गवार है क्या ? साले को अपनी हवस के आगे तुम्हारी कोई फिकर ही नही है !
बबिता को फिर से गुस्सा आने लगा -देखो तुम प्लीज तमिज से बात करो
राहुल - सॉरी सॉरी , मगर यार उसको इस बारे मे सिरियस सोचना चाहिए । वो बस तुम्से ऐसी वैसी फोटो विडियो मागता है और तुम भेज देती हो , सच मे प्यार है या हवस ?
बबिता राहुल के बात पर विचार करने लगी ।
राहुल - देखो मै उसपे कोई इल्जाम नही लगा रहा , मगर ऐसे लोग जो हर समय तस्वीरे मागते है , मतलब तुम ही सोचो ना एक ही चीज की तस्वीर क्यू चाहिये उन्हे वो भी अभी अभी की
बबिता एक दम चुप थी उस्के जहन मे अपने bf के लिए शकाये आ रही थी और वो डर भी रही थी ।
बबिता - पता नही मैने कभी पूछा नही
राहुल - अच्छा तुम दोनो सेक्स तो बराबर करते होगे ना
बबिता थोडा हिचक कर - ह हा , लेकिन
राहुक - फिर तुम ही सोचो , जब तुम दोनो रेगुलर मिल रहे हो और दोनो मे बराबर सेक्स हो रहे है फिर उसे क्या जरुरत है तस्वीरों की , बजाय कही शेयर करने के ।
बबिता - क्या ? नही नही वो ऐसा नही होगा
राहुल - उम्मीद करता हु कि तुम सही हो , मगर सतर्क रहना तुम्हारी जिम्मेदारी है । ये लापरवाही तुम्हे किसी दिन बहुत भारि पडने वाली है ।
बबिता - तो अब मै क्या करुँ
राहुल- थोड़ा स्ट्रीक्ट रहो इनसब को लेके और अब तो तुम्हारे पास मौका भी ये कहने का कि तुम्हारी बडी बुआ ने तुम्हे बात करते पकडा था और तुम्हारी मम्मी को चेताया है इस बारे ने और अब मम्मी तुम पर नजर रखे हुए है तो ये सब फरमाइश नही होगी ।
बबिता को भी राहुल का विचार सही लगा - थैंक्स राहुल मैने तुम्हे समझने मे गलती की , सॉरी तुम एक समझदार इंसान हो
राहुल - हम्म कोई बात नही , लोगो को जज करने की आदत होती है और सॉरी मैने भी तुम्हारे बारे मे कुछ गलत सोच लिया था
बबिता -क्या ?
राहुल - कुछ नही जाने दो ? वो हम लड़के ऐसे ही होते है तो छोड़ो ।
बबिता - अरे बोलो ना ,
राहुल - नही अभी तुम फिर से भडक जाओगी
बबिता हसकर - नही बाबा प्रोमिस मै नही चिल्लाऊंगी
राहुल - पक्का ना
बबिता मुस्कुरा कर - पक्का !!
राहुल - देखो ये बात सिर्फ मेरे बारे मे नही है ये हम सब लड़को पर लागू होता है कि हम किसी भी लड़की के फिगर और उसके स्वभाव से उसको जज कर लेते है और थोडा सेक्सुअली क्लोज हो जाते है । शादी व्याह के दिनो के ये सब कामन सी बात हो जाती है ।
बबिता - हा मालूम है मुझे
राहुल नजरे फेरते हुए मुस्कुरा कर - तो मै भी तुम्हारी ओर कुछ ऐसे ही इरादे से करीब होना चाह रहा था , मगर तुमने , वो कल रात में जो हुआ
बबिता मुस्कुराई - हम्म जानती हु ये बात भी , हम लड़कियां किसी के इरादे भाप लेती है
राहुल - और जब मैने तुम्हारी ओपन तस्वीरे देखी मै तबसे और भी परेशान हो गया था , तुम्हारी अदा और वो ?
बबिता की सासे भी तेज थी घुमा फिरा कर ही सही मगर राहुल बबिता की तारिफ कर रहा था और इस बात से बबिता का मन फूल रहा था ।
बबिता - क्या वो !!
राहुल - वो तुम्हारे रस भरे दोनो संतरे ...
बबिता खिलखिलाई और हस कर - क्या ? संतरे !!
राहुल हसता हुआ - हा बिल्कुल वो मुझे ऐसे ही लगे बड़े बड़े रस भरे
बबिता लजा कर हस्ती हुऊ - धत्त चुप करो तुम अब ,
राहुल बबिता को शर्माता देख थोडा उसकी ओर गया , उसने पास से बबिता के जिस्म मे हो रही गर्मी मह्सुस की और उसका फुलता सिना देख कर उस्का मुसल कडक होने लगा ।
राहुल - मैने सोचा भी एक बार को
बबिता - क्या !! राहुल - अगर मेरी भी gf के ऐसे सन्तरे हो तो मै भी रोज तस्वीरें देखने के लिए जरुर मागता
बबिता राहुल की इनडायरेक्ट बातो को खुद से जोड रही थी और उसके जहन में चल रहा था कि क्या वो सच मे राहुल को अपने बूबस दिखाती रोज , वो पल सोच कर ही बबिता की सासे चढने लगी ।
बबिता - बस करो तुम प्लीज हिहिहिही मुझे शर्म आ रही है
राहुल - तु क्यू शर्मा रही हो मै तो मेरी उस gf के बारे मे बता रहा हु जो अभी हुई ही नही , हाहाहाहा
बबिता - वो बात नही है , तुम अपनी gf के संत... मेरा मतलब बूबस मेरे जैसे क्यू चाहते हो
राहुल बहुत ही कैजुअली - क्योकि तुम्हारे संतरे बहुत सुन्दर है और रस भरे लग्ते है
बबिता खीझकर हसती हुई - फिर संतरे !! यार प्लीज तुम उन्हे ये बुलाना बन्द करोगे
राहुल हस कर - फिर क्या बुलाऊ तुम्ही बताओ ,
बबिता - मुझे नही पता
राहुल - अच्छा तुम्हारा bf जो कहता है वो बताओ वही बुलाऊंगा
बबिता फिर चिढी मगर उसकी हसी नही थम रही थी - याररर तुम हिहिही प्लीज इस बारे मे बाते करना बन्द करो
राहुल - लेकिन मै तो मेरी होने वाली gf के बारे मे बात कर रहा हु ना तुम्हारे संतरो के बारे मे नही
बबिता - फिर संतरा !!
राहुल हसता हुआ - अच्छा सॉरी सॉरी , तुम्ही बताओ क्या बोलू । सेव अनार नारियल पपीता या खरबूजा
बबिता खिलखिला कर हसती हुई - क्या खरबूजा !! तुम पुरे पागल हो हाहाहाहा
इधर बबिता को ध्यान ही नही था कि राहुल उस्से बाते करते हुए उसके एकदम बगल ने आ चुका था ।
और हस्ते हुए उसने उसके कन्धे पर हाथ मारा तभी दोनो की नजरे आपस मे टकराई और अगले ही पल दोनो चुप हो गये ।
बबिता और राहुल दोनो की आंखे आपस मे अटक गयी , राहुल के आंखो मे उतरी हुई मदहोशि से बबिता सिहर गयी और राहुल अपने फड़कते होठ उसके कपकपाते होठ से लगाने के लिए अपना चेहरा आगे किया तो बबिता ने अपनी आंखे बंद कर ली
आखिर तक जाकर भी राहुल ने किस्स नही किया और होठ सील कर वापस खड़ा हो गया ।
बबिता को जैसे ही राहुल के उफनाती सासो की गर्मी अपने से दूर होती पाई उसने आंखे खोलकर राहुल को थोडा दुर देखा ।
बबिता हल्के से फुसफुसा कर - क्या हुआ ?
राहुल भी थोडा असहज होकर मुस्कुरा कर इधर उधर देखने लगा - कुछ नही
बबिता को भी अह्सास हुआ कि वो अभी क्या करने जा रही थी और वो भी मुस्कुरा कर नजरे फेर ली ।
वही राहुल ने नजरे घुमा कर वापस निचे देखा तो उसकी हसी निकल गयी ।
निचे कूडे के ढेर पर दुसरे कुत्ते से चुद रही कुतिया , कब उस पहले वाले कुत्ते को जिसे वो अब तक सूघने से भी डाट रही थी उसका लन्ड अपने बुर मे फसा चुकी थी
अब दोनो एक दुसरे मे उलझे हुए बेबस तडप रहे थे और वो दुसरा कुत्ता नही नजर नही आ रहा था ।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजनापूर्ण अपडेट है एक तरफ दादा रंजू को चोदने में लगे हुए हैं वही पोती दो दो लड़कों के साथ लगी हुई है राहुल kiss करते करते रह गया
Preet kaur9 agar aapko nahi padhne ka maan hai to faltu ke comments na kare koi agar itni mehnat aur apna kimti time nikal kar likh raha hai to usko eshe comment karke uska manobal na giraye