मैं आप दोनों की बातों से सहमत भी हूँ लेकिन असहमत होने के कारण भी जानता हूँ..................
हर लिखने वाला लेखक तो हो सकता है.... लेकिन कथाकार या रचियाता वो ही है जो कहानी शुरू करने से पहले ही कहानी का अंत जानता है अर्थात निर्धारित कर लेता है........ ऐसे लेखकों को कभी कहीं रुकना नहीं होता जिसे अँग्रेजी में Writer's Block कहते हैं............ मैंने अपने जीवन में पढ्न 1980 से शुरू किया जब सम्पूर्ण कहानियां ही होती थीं, उपन्यास पढ़ने का बड़ा शौकीन रहा..... हिन्दी, इंग्लिश, उर्दू, पंजाबी, बंगला के ज़्यादातर प्रसिद्ध लेखकों को पढ़ा......... फिर 2000 से इंटरनेट पर पढ्न शुरू किया..... एरोटीक/वयस्क और सामान्य दोनों तरह की कहानियाँ पीडीएफ़ में पढ़ीं.......... लेकिन आनंद यहाँ मतलब Xossip पर ही आना शुरू हुआ जब लेखकों से interaction होने लगा....... यहाँ प्रतिक्रिया देने का परिणाम तुरंत मिलता है...... जो लेखक और पाठक के बीच एक संवाद स्थापित करता है.......लेखक को उसकी गलतियों में सुधार और पाठकों को उनके भ्रम से बाहर निकलने का मौका मिलता है...... ये अनुभव पुराने सभी अनुभवों से बेहतर लगा मुझे
आप जो समस्या बता रहे हैं........ वो कुछ कहानियों में आयी..... लेकिन मैं ज़्यादातर ऐसे लेखकों को पढ़ता हूँ जो देर से ही सही लेकिन अपनी शुरू की हुयी कहानी को पूरा जरूर करते हैं...........
TheBlackBlood शुभम भाई।
HalfbludPrince फौजी भाई
nain11ster नैन भाई
Ankitshrivastava Chutiyadr Champ_AK_81 Rockstar_Rocky avsji जैसे लगभग 30-35 मेरे पसंदीदा लेखक ऐसे हैं जिनको में पिछले 10+ सालों से पढ़ता आ रहा हूँ......... और उन्होने वर्षों बाद भी अपनी समस्याओं से निपटकर अपनी कहानियों को पूरा किया है ......
Pritam.bs प्रीतम दादा की "कोई तो रोक लो" का आज लगभग 8-9 साल बाद भी पाठक इंतज़ार कर रहे हैं......... पता नहीं उन्हें क्या समस्या होगी........ वो कहानी कभी ना कभी पूरी जरूर करेंगे, इसी आशा के साथ........................... लेकिन ये विश्वास बनाने के लिए उन्होने वर्षों मेहनत की................. इस फॉरम से ब्लॉक होने के बावजूद
Casinar gamechanger5 Enigma जैसे लेखक लेखन में सक्रिय रहे............. क्योंकि ये वास्तव में कथाकार हैं........ पाठकजीवी नहीं.......... जो व्युज के लिए लिखते हैं........... और पाठक भी इनके व्यक्तित्व या उपलब्धियों के लिए नहीं इनके लेखन और समर्पण की वजह से इनसे जुड़े हैं .............
अंत में मेरा स्पष्टीकरण....... मैं किसी तर्क-वितर्क, टांग खिंचाई या दुश्मनी-विरोध के लिए ये सब नहीं लिख रहा........... ये मेरा अपना व्यक्तिगत मत है......... और आपका इससे सहमत होना कोई जरूरी नहीं है