चैप्टर 9: जापानीज रगड़ाई भाग-1
अनिरुद्ध अंकल ने कार में बैठते ही श्रेया को जैसे दबोच लिया, उसके छोटे पतले होंठों को बेतहाशा चूसने लगे, और हाथ बिटिया के निप्पलस को बेरहमी से मसल रहे थे, "जीभ निकाल" अनिरुद्ध साँस लेने के लिए रुकते हुए बोले, जी अंकल, पर अंकल निप्पलस थोड़ा धीरे रगड़ीये बहुत दर्द कर रहे है, श्रेया ने अपनी रसीली जीभ बाहर निकालते हुए बोला, अनिरुद्ध उसे चूसने लगा, तभी फोन की रिंग टोन बज पडी.
नेताजी का फोन था, अनिरुद्ध ने श्रेया को गाड़ी में अपने पैरों के बीच बिठा दिया, और फोन पर लग गया, श्रेया चुपचाप अंकल के पेंट की जीप खोल कर उनका लवड़ा चूसने लगी, अरे सर मेरी तरफ से कोई कमी नहीं रहेगी, मैंने पहले ही सारी बाते कर रखी है, बस एक आखिरी धक्का और तोलानी जरूर साइन कर लेगा, अनिरुद्ध फोन पर नेताजी को बोल रहा था और दूसरा हाथ श्रेया के बालो में फ़ेर रहा था, लो बात कर लो, नेताजी है, अनिरुद्ध ने फोन श्रेया की तरफ बढ़ाया.
जी अंकल, जी मैं कर लूँगी, पर अंकल चार लोग, आप ये क्या कह रहे है, श्रेया थोड़ा ठिठक ठिठक कर बोल रही थी, अरे बेटा यह डील बहुत जरूरी है, अगर तोलानी अगला पेट्रोकेमिकल प्लांट अपने क्षेत्र में लगाएगा तो अगले पांच साल देखने की जरूरत नहीं, और तू चिंता ना कर वो एक अलग टाइप का ठरकी है, नहीं चोदेगा तुझे सिर्फ जापानीज मालिश का शौकीन है, तू हवा में तैरने लगेगी, चल अब अनिरुद्ध को फोन दे, नेताजी ने बात काटते हुए बोला.
अनिरुद्ध, उसके बोर्ड के दो और लोग है, पेपर्स उसके पास है, मस्त पार्टी करो, और सुबह खुश खबरी दो मुझे, श्रेया का अच्छे से रियाज करवा देना, अनिरुद्ध मुस्करा उठा. ड्राइवर, गाड़ी होलीडे ईन ले लो, अर्जेंट मीटिंग है. अंकल ये जापानीज मालिश क्या होती है, श्रेया कुछ सकुचाते हुए बोली, अरे कुछ नहीं बस तुझे तब तक प्यार से रगडेंगे जब तक तू खुद ना बोले कि प्लीज मुझे चौदो, अनिरुद्ध श्रेया के नींबुओ को निचोड़ते हुए बोला.