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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

THE WILD NEW YEAR PARTY में किस फैमिली का गैंगबैंग चाहते है आप ?

  • राज की फैमिली

  • अमन की फैमिली

  • निशा की फैमिली

  • रज्जो की फैमिली


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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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TODAY I HAD A VERY HEART BREAKING MOMENT

आज मुझे अपनी एक पसंदीदा कहानी अम्मी VS मेरी फैंटेसी दुनिया को पाठकों से संतोषजनक प्रतिक्रिया न मिलने एवं निजी व्यस्तता के कारण बंद करना पड़ा है ।

मेरी life style अब पहले जैसी नहीं है
नौकरी और परिवार का बंधन अब बढ़ता ही जा रहा है
धीरे धीरे ये कहानी भी अपने END GAME की ओर बढ़ रही है ... अब आप पाठकों पर है कि इसे कब तक जिंदा रख सकते है ।
फिलहाल के समय में नई कहानियों को लेकर मेरा रुझान ज्यादा है कारण वहीं है कि इस कहानी को मै बहुत लंबा समय दे चुका हूं और जैसा सोचा था वैसा कुछ वैल्यू इसे भी नहीं मिलती आई है ।

खैर आज का दिन निर्णायक जैसा महसूस करा रहा है तो आप सभी साथियों को सूचित करना है कि

THE WILD NEW YEAR PARTY इस कहानी के अध्याय 02 का अंत होगा ।


धन्यवाद
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Kahani mein Kya twist Aya hai aur waise yeh semale muskan hai Kaun
Story ke staring 05 updates me jikr hai
Gaw ki hi hai shila ke
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Finally Bhai Kya update diya hai ragini Apne muhshe Kuch sacchi Kuch jhuti Kahani anuj ko sunatr sunate uska muh anuj j lund tak poch gaya ab anuj k lund ko uske choot tak poch ne ki der hai
Bhai Kya update diya niche Pura rod ban gaya Bhai agle update Zara jaldi dene ki korish karo Raat ko anuj raj aur ragini k kamre kaise Kya dekhta jaldi dekhna hai Bhai
Thanks bro
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सुपर अपडेट भाई.... एकदम मस्त इरोटिक था.. अब नई ईयर की पार्टी भी ऐसे ही इरोटिक हो तो बहुत अच्छा रहेगा. BTW, मैंने भी अपनी स्टोरी का अपडेट दिया है. होप आप उस पर भी एक बार पधारोगे

DREAMBOY40
Thanks bro
Samay milta h to dekhta hun
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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💥 अध्याय 02 💥

UPDATE 31



" क्या हुआ , बात हुई पापा जी से ? "
" हा , उन्होंने कहा चाचू पहुंच रहे है "
" तो फिर मै चेंज कर लूं ? "
अमन ने एक नजर सोनल को देखा , जो एक स्ट्रिप टॉप और स्किन टाइट जींस में थी । गहरे गले वाले टॉप के उसके बड़े बड़े रसीले मम्मो की लंबी धारीया और बाजू कंधे सब दिख रहे थे उसपर से कूल्हे पर कसी हुई जींस देख कर अमन का लंड लार छोड़ने ही लगा था


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: धत्त हवशी, बताओ न प्लीज ( सोनल ने थोड़ा मुस्करा कर कहा अमन से )
: उन्हुँ मत निकालो न ( अमन ने मुस्कुरा कर कहा ) सेक्सी लग रहे हो
: पक्का ? ( सोनल चहक उठी, हालांकि ) लेकिन चाचू !!!

अमन ने ध्यान नहीं दिया और निशा को खोजने लगा
: अरे निशा कहा गई ?
: जाने दो , उसे अंदर एक आइसक्रीम पार्लर लिखा और वो रुक गई आती होगी .. मै जरा वाशरूम से आती हूं
: हा जल्दी करना चाचू भी आते ही होंगे ( अमन ने फिकर में कहा और मोबाइल पर वापस से अपने चाचा मदन को फोन घुमाने लगा ।


" बस बेटा मैने देख लिया है , आ रहा हूं " , मदन ने गाड़ी में बैठे हुए ही अमन का काल पिक करके बोला और मदन ने फिर अमन के पास ही गाड़ी खड़ी की , जो पहले से ही 3 ट्रॉली बैग लिए खड़ा था ।

: अरे इतना समान ? ( गाड़ी से बाहर निकलते हुए मदन ने कहा )
: लड़कियों की शॉपिंग चाचू जानते हो न हाहाहाहा ( अमन ने झुक कर अपने चाचा के पैर छुए )
: खुश रहो , अरे बहु और उसकी बहन कहा है ?
: बस आ रही है वो जरा सोनल बाथरूम गई है वो रही


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( एकदम से अमन की नजर सोनल पर गई वो अभी भी टॉप और जींस में थी उसके चूचे एकदम टाइट और स्पॉट पेट , उसको उस हाल में देख कर अमन चौका क्योंकि सोनल का ब्लेजर तो उसके पास था और मदन आंखे फाड़े अपनी बहु के नए अवतार को निहारे जा रहा था )

सोनल ने अभी तक ध्यान नहीं दिया था कि मदन आ चुका है वो तो सामने आइसक्रीम पार्लर से चली आ रही निशा को देख कर मुस्कुरा रही होती है
मदन पलट कर देखता है तो उसकी आंखे और चमक उठती है सामने निशा एक शॉर्ट टीशर्ट जो उसके नेवल के ऊपर टंगी थी जिसमें से उसके गोरा पेट और नाभि दिख रही थी और एक स्किन टाइट योगा पैंट में आइसक्रीम खाती हुई अपने कमर झटकती हुई आ रही थी
निशा और सोनल दोनों ने मदन को ध्यान ही नहीं दिया और बस मस्ती में अमन को हाई बोला और हंसते हुए सोनल की ओर जाने लगी


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मदन ने मुस्कुरा कर उसको पीछे देखा और जैसे उसने तो अंदर पैंटी नहीं पहनी थी , और उस पैंट में निशा के चर्बीदार चूतड़ों की थिरकन देख कर मदन का हलक सूखने लगा ,

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तभी उसकी नजर सामने गई जिधर से सोनल हाइ हील वाली सैंडल पहने अपने लंबे पैर बड़ी अदा से रखते हुए निशा की ओर बढ़ रही थी और हर चाल पर उसकी दूधिया चुचियों का उछाल देख कर मदन की आंखे फैली जा रही थी ।

दोनों आपस में मिली और निशा ने सोनल को अपने आइसक्रीम का कोन साझा किया तो सोनल ने अपने गुलाबी लबों से बड़े रसीले अंदाज में आइसक्रीम को मुंह में लिया

जिसे देख कर मदन के मुंह मिठास घुलने लगी और अमन की निगाहे पर उन पर टिकी थी , दोनो सोनल के अपर लिप्स पर लगी हुई आइसक्रीम को देख रहे थे कि निशा ने उंगली से वाइप कर चाट लिया और मुस्कुराने लगी
मदन ये देख कर हैरान था और एकदम से निशा मुंह में उंगली डाले हुए अमन को देखा और उसकी आंखे बड़ी हो गई

: सोनल , जीजू के चाचा
: क्या ? ( सोनल ने आंखे बड़ी कर देखा और हड़बड़ा कर उसे अपनी हालत दिखी और वो घूम गई और उसके बड़े बड़े मोटे चूतड़ मदन के सामने )

जिसे देख कर मदन की आंखे और चौड़ी हो गई ,उसने नजारे फेर ली और अमन से गाड़ी में पीछे समान रखने को कहने लगा
मदन और अमन समान रखने लगे थे कि सोनल तेजी से आई और अमन के हाथ से अपना ब्लेजर लेकर झट से पहन कर खड़ी हुई
फिर झुक कर मदन के पैर छुए : नमस्ते चाचा जी
: अह खुश रहो बेटा ( मदन ने सोनल की डीप नेक वाली टॉप से बाहर निकलने की कोशिश करती हुई मोटी मोटी रसीली गुलाबी छातियों को देख कर बोला और एकदम से उसकी नजर बगल में खड़ी निशा से मिली जो उसे देख रही थी )
: नमस्ते अंकल ( उसने भी झुक कर मदन के पैर छुए और उसके मोटे चर्बीदार चूतड़ उसकी स्ट्रेचेबल योगा पैंट में यूं फेल गए और मदन का लंड तो अब सलामी ही देने लगा )
: खुश रहो बेटा, आओ चले बैठो

मदन ने दोनों को ऑफर किया
: मै ..आगे बैठूंगी हीही
मदन ने हस कर अमन को देखा और अमन मुस्कुराने लगा
सोनल अमन बीच में बैठ गए और निशा आगे वाली सीट पर बैठ गई । मदन पीछे से डिग्गी लॉक कर आ रहा था कि निशा की नजर साइड मिरर पर गई , जहां उसने मदन को अपने हाथों से अपना पैंट सेट करते हुए देखा और लंड को घुमाते हुए देखा ।
उसकी हंसी छूट जाती अगर मदन ने दरवाजा न खोला होता
निशा ने एक गहरी सांस ली और सीधी होकर बैठ गई लेकिन जैसे ही मदन गाड़ी के अंदर आया उसको निगाहे सीधे निशा के टॉप में टाइट नारियल जैसे कड़े गोल चूचों पर गई और उसकी आंखे बड़ी हो गई , निशा गाड़ी में बैठ कर सेल्फी ले रही थी


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सोनल या अमन की नजर उसपर न पड़े इसीलिए उसने नजरे फेर कर अपनी सीट ली और सब चेक कर गाड़ी शुरू कर दी
फ्रंट रियर मिरर में उसने देखा कि उसकी बहु सोनल अपने पर्स से एक छोटा सा स्टॉल गले में रख रही थी और ये देख कर मदन मुस्कुराया कि चलो बहु को लिहाज तो है बड़ों का , लेकिन वो स्टाल भी उसके दूध के मोटे उभारों को छिपाने में उतना सक्षम नहीं था
उसने गाड़ी चालू की और निकल गए सब हाइवे से चमनपुरा के लिए
शुरुआती बातचीत जारी रही ... फिर शांति हो गई । प्लेन से उतरने की सबको थकान सी थी .. सोनल ने भी अमन के कंधे पर सर टिका कर आंखे मूंद ली और अमन को भी झपकी आने लगी थी ।

लेकिन निशा को ये सफर बड़ा रोमांचक लग रहा था
मदन और निशा हनीमून ट्रिप और सफर की बाते कर रहे थे कि आगे टोल आने वाला था और मदन ने बातों में ध्यान नहीं दिया कि आगे मल्टीस्ट्रिप स्पीड ब्रेकर लगे थे स्पीड कम करने के लिए और नतीजा गाड़ी ब्रेक लगाने के बाद भी स्पीड में उनपर पर चढ़ गई

पीछे सोनल और अमन उछले तो उछले लेकिन आगे निशा के लिए दिक्कत हो गई , स्पीड ब्रेकर पर उछलते ही निशा चीखी और एक हाथ से कस विंडो हैंडल पकड़ लिया और जब उसे महसूस किया कि उसकी मोटी छातियां भी उसके टॉप में उछल रही है तो उसकी हालत और बिगड़ने लगे


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उसने तुरंत मदन की ओर देखा और मदन की आंखे उसे मोटे उछलते मम्मों पर , निशा मुस्कुराने लगी

: सॉरी बच्चों एकदम से स्पीड ब्रेकर आ गया हाहाहाहा
: कुछ भी हो मजा आ गया चाचू ( अमन बोला )
: हा आपको मजा आया मेरी कमर .. ( सोनल के आंखे उठा कर देखा अमन को जिसे मदन फ्रंट रियर मिरर में देख रहा था और मुस्कुरा रहा था और जैसे ही सोनल ने आइने में अपने चाचा ससुर की आंखे देखी वो चुप हो गई )
इनसब में निशा चुप थी और जैसे मदन का ध्यान उसपर गया तो आंखे बड़ी और लंड में कसावट और आ गई , इतना भी अब उभार पेंट पर साफ झलकने लगे
निशा अपने दोनों चूचों को हाथ डाल कर ब्रा में सेट कर रही थी और जैसे ही उसने मदन को देखा वो थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी

: अह निशा बेटा , तुम सीट बेल्ट लगा लो आगे टोल है
: जी अंकल ( निशा ने मुस्कुरा कर कहा )
फिर साइड से बेल्ट निकाल कर अपने दोनों चूचों के बीच से दूसरे तरफ क्रॉस करके प्लग कर दिया ... मदन की चोर निगाहे देख रही थी जब निशा बेल्ट को टाइट करने लगी और जब बेल्ट ने उसके दोनों रसीले मम्में को अलग अलग कर दिया


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इससे उसकी ब्रा की लाइनिंग भी दिखने लगी और चूचों की गोलाई साफ साफ दिखने लगी
मदन का हाथ लंड पर चला ही जाता अगर टोल वाला स्टाफ उसे टोकता नहीं

जल्द ही गाड़ी फिर से रफ्तार पर थी और सोनल अमन वापस से झपकियां लेने लगे , लेकिन मदन की हालत खराब थी , उसे पेंट में बहुत कसावट हो रही थी , सुपाड़े मे खुजलाहट सी होने लगी
एक दो बार मदन ने हाथ फेरा और नहीं रहा गया था पकड़ कर मिस दिया अपना सुपाड़ा , निशा की निगाहे भी बराबर मदन की हरकतों पर थी और उसके निप्पल मदन की बढ़ती बेचैनी को देख कर कड़े होने लगे थे और ब्रा समेत टॉप पर उभर आए थे

मदन में मुंह तो मिश्री घुलने लगी थी और साइड देखने के बहाने वो बार बार निशा की ओर देखता साइड मिरर में और निशा भी बखूबी समझ रही थी , उसमें पास कोई चारा नहीं था सिवाय मुस्कुराने और बाहर देखने के

लेकिन धीरे धीरे उसपर भी थकान हावी हो रही थी और खिड़की से आती हवाओ की थपकियों ने उसकी आंखों की सुस्ती बढ़ा दी और वो आंखे बंद कर ली
मदन ने भी 90s एवरग्रीन song गाड़ी में हल्की आवाज में लगा दिया और अपना लंड सेट कर ड्राइव करने लगा ।


चमनपुरा

" अच्छा जी "
" हां जी "
" बड़े आए और मम्मी जी ने देख लिया तो "
" तो ... तो कह दूंगा भाभी से थोड़ा हिसाब किताब निपटा रहा था "
" हीही , धत्त बदमाश... मार खाओगे तुम "
" अच्छा सुनो न "
" हा हा कहो न , हीही "
" दोगे न "
" धत्त पागल हो क्या ? "
" अच्छा बस दिखा देना .. थोड़ा सा "
" क्या ? "
" वही कि कैसे डालते हो इसको "
" धत्त पागल हो जी , मम्मी जी के सामने थोड़ी न खोलूंगी इसे "
" अरे यार बड़ी मम्मी को तो मै घर भेज दूंगा ... फिर बताओ उम्मम बोलो बोलो " , राज ने फोन पर काजल को फ़ंसाते हुए कहा
" अगर मम्मी जी नहीं रहेगी तो मै क्यों डालूंगी खुद डाल के देख लेना न " , काजल ने मस्ती में राज को छेड़ा
" उफ्फ भाभी , इतने सपने दिखा रही हो कही पानी न फेर ..... " , राज बोलने वाला था कि उसके मोबाइल पर कुछ नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ और
जैसे ने उसने खोलकर देखा आंखे बड़ी हो गई
संजीव ठाकुर ने उसके व्हाट्सअप पर एक फोटो डाली थी जिसमें एक गदराई चूतड़ों वाली लड़की एक टेबल पर बैठी थी और बिकनी सेट में थी


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जिसे देख कर राज का लंड और फौलादी होने लगा , उस फोटो ने उसका चेहरा नहीं दिख रहा था लेकिन इसके चूतड़ों की चर्बीदार गोलाई देख कर राज के मुंह में पानी भरने लगा

" हैलो क्या हुआ जी "
" अरे वो .. कुछ नहीं, हा तो कहा था मै "
" धत्त कही नहीं ... हूह और सामान लेकर टाइम से दे जाना बाय "
काजल ने तुनक कर फोन काट दिया शायद वो भी मस्ती के खुमार में थी लेकिन राज ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और वो थोड़ी नाराज हो गई । राज जान रहा था कि ये नाराज बस एक नाटक है और वो वापस संजीव ठाकुर के भेजे हुए व्हाट्सअप चेक करने लगा ।
जिसमें उसने एक वीडियो डाली हुई जिसमें वो लड़की अपने गोल मटोल चर्बीदार चूतड़ों को लहराते हुए होटल के कमरे में टहल रही थी


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राज : wow uncle so sexy ✊💦
संजीव : full video send krunga abhi , achche se hilana beta
राज : are uncle ye hai kaun ... Gaad bahut mast hai iski 😋
संजीव : wait
कुछ ही देर एक वीडियो आया और राज ने तुरंत उसे डाउनलोड कर ओपन किया

वीडियो में संजीव ठाकुर उसी लड़की की एक पूल के पास वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था जिसमें उसके लचीली चर्बीदार गाड़ पर उसने एक स्टाल बांध रखी थी और पूल के साइड पर खिली हुई धूप में अपने चूतड़ों को मटका कर चली रही थी ।


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स्टाल के नीचे से झांकते उसके गुदाज नरम चर्बीदार चूतड़ों की झलक देख कर ही राज का लंड पंप होने लगा और तभी वो लड़की पलटी वीडियो में अपने बालों को सहेजते हुए
एक पल को राज की आंखे बड़ी हुई और उसे यकीन नहीं हो रहा था सामने जिस लड़की को देख रहा है वो उसे अच्छे से जान रहा था और अगले पल जब राज ने वीडियो में उसकी आवाज सुनी तो सब एकदम कन्फर्म हो गया

ये तो लाली की दीदी " रितिका "
" ओह बहनचोद, ये तो रितिका ... सीईईई साली की गाड़ और चूची इतनी मोटी कैसे ? हाईस्कूल में साथ थी और अब ये उफ्फ कितनी माल हो गई है ये तो "
राज खुद से बड़बड़ाया और उसके ख्याल में बस एक ही सवाल आ रहा था कि संजीव ठाकुर का इससे कैसे टांका सेट हो गया और उसने मैसेज किया

: are uncle ye kaise mil gayi apko , isko mai janta hun😁
: kismat hai beta ... Ek bar ek hotel me ruka tha aur ye bhi thi . Raid padi thi aur ye apne kisi dost ke sath aayi thi ... Iske papa mere pahchan ke the to maine ise bachana sahi samjha ... Aur police se bat krke isko ghar drop Kiya . Fir bato hi bato me dosti ho gayi
: sahi hai uncle ...
: Tujhe chahiye to batana...mana nhi kregi 😁
: unhu ap injoy kro uncle ... Mai mere type ki khoj lunga koi ( राज ने ठकुराइन के बारे में सोचते हुए मैसेज लिखा )

दुपहर ढल रही थी और राज ने सोचा आज थोड़ा पहले चला जाए और बार बार उसके जहन में रागिनी की योजना का ख्याल भी आ रहा था । लेकिन काजल भाभी जैसी गदराई माल बार बार मौका नहीं देगी ये भी बात थी ।
कुछ सोच कर उसने बबलू काका को आवाज दी

: जी छोटे सेठ
: अरे काका वो मैने आपको एक box दिया था न रखने को , वो कहा है ?
राज के सवाल सुनते ही बबलू काका का चेहरा सफेद पड़ने लगा और उसका हलक सूखने लगा
: काका !!
: जी जी छोटे सेठ
: अरे वो पैकेट कहा है ?
: माफ कीजियेगा छोटे सेठ याद नहीं आ रहा है ... कही तो रखा था ( बबलू काका दुकान में इधर उधर देखने का )

राज की हालात भी खराब होने लगी कि साला वो आइटम गायब होने जैसा भी नहीं है, किसी और के हाथ लग गया तो मैटर गड़बड़ा जाएगा , तभी राज का माथा ठनका और उसने सोचा क्यों न वो पैकेट जब उसने बबलू काका को दिया उस टाइम की cctv चेक कर ले , आसानी से मिल जाएगा ?
राज उसे दुबारा से खोजने का बोल कर केबिन में चला गया और थोड़ी देर बाद बबलू काका को आवाज देकर बुलाया

: जी छोटे सेठ ( बबलू थोड़ा घबड़ाया हुआ था और जैसे उसकी नजर टीवी स्क्रीन पर गई उसका हलक सूखने लगा )
: ये सब क्या है काका
बबलू कुछ नहीं बोला बस टीवी स्क्रीन पर चल रही अपनी ही चोरी को अपनी आंखों से देख रहा था जब उसने राज के दिए हुए पैकेट की तलाशी ली और उसमें से बड़ा सा लंबा नकली लंड निकला था ।कभी वो उसे हाथों में पकड़ता तो कभी अपने पजामे के आगे रख कर उसकी लंबाई मोटाई चेक करता ,फिर उसने चुपचाप उसे अपने झोले में डाल दिया

: कुछ बोलेंगे ?
: माफ करना छोटे सेठ... घर पर रह गया
: घर पर ? मतलब किसके लिए ले गए थे ... काकी ? ( आंखे बड़ी कर उसने बबलू को देखा जो नजरे गिराए खड़ा था )
: जी छोटे सेठ ...
: अरे हीही, वो किसी और समान था काका और आपके रहते हुए काकी को उसकी क्या जरूरत ?
: वो आप नहीं समझोगे छोटे सेठ ... कल सुबह में ले आऊंगा पक्का
: अरे लेकिन मुझे आज ही उसे वापस करना था .... एक मिनट तो क्या काकी ने उसे यूज भी कर लिया
: हम्ममम ( बबलू शर्मिंदा होकर राज के आगे खड़ा था , राज को हंसी भी आ रही थी और थोड़ा अजीब सा लग रहा था )
: अरे तो आपको मुझसे कहना था मै आपके लिए... मतलब काकी के लिए दूसरा ऑर्डर कर देता न
: माफ करना छोटे सेठ मुझे लगा कि आपको भनक लगे बिना ही उसे वापस रख दूंगा
राज ने वापस घड़ी देखी और अभी भी समय था
: काका , अभी वक्त है क्या आप वापस ले आयेंगे घर से
: अभी ?
: हा क्यों ? क्या हुआ ?
: दरअसल छोटे सेठ सच कहूं तो आपकी काकी नहीं लाने देगी
: मतलब ? , वो किसी और का समान है ?
: समझ रहा हूं छोटे सेठ , अब आपको कैसे बताऊं
: बात क्या है काका , साफ साफ कहिए न ? भरोसा रखिए ... देखिए मै आप पर बहुत भरोसा करता हूं और मेरी कोई भी बात आपसे छिपी नहीं है । ( राज का इशारा आज हुए ठकुराइन और उसकी बेटी के मैटर को लेकर था )
लेकिन बबलू का उतरा हुआ चेहरा देख कर उसकी असहजता का अंदाजा लगाया जा सकता था ।
: समझ रहा हूं छोटे सेठ , लेकिन .... मै सेठ जी ( रंगीलाल ) से बेइमानी नहीं कर सकता
: मतलब ?
: कुछ नहीं ... ये बात यही खत्म कीजिए छोटे सेठ कल मै कैसे भी करके वो समान वापस कर दूंगा । यकीन कीजिए
: काका आप समझ नहीं रहे है , मैने आज का वादा किया है और कल कैसे ?
: लेकिन गायत्री ने कहा कि जबतक सेठ जी नहीं आते वो इसे वापस नहीं करेगी
: पापा का इनसब से क्या ? एक मिनट ... काका सही सही बताना आपको मेरी कसम है क्या मैं जो सोच रहा हूं वो सही है ?

बबलू का चेहरा एक पानी पानी होने लगा और सांसे तेज हो गई
: ये आपने क्या किया छोटे सेठ... भले ही मेरी कोई औलाद नहीं है लेकिन मैने कभी भी आपको अपने बेटे से कम नहीं माना है ... आप अपनी कसम वापस लीजिए हाथ जोड़ रहा हूं आपके
: नहीं काका , आपको सब बताना ही पड़ेगा ? देखिए विश्वास कीजिए मै ये बात मम्मी से नहीं कहूंगा कसम से
: आप मुझे धर्मसंकट में डाल रहे है छोटे सेठ ( बबलू बेचैन होकर कहा )
: ठीक है फिर मै खुद ही चला जा रहा हूं और काकी से इस बारे में बात कर लूंगा ( राज उठ कर जाने लगा बाहर )
: नहीं रुकिए !!
बबलू ने गुजारिश भरे लहजे में राज को रोका
: हम्म्म कहिए
" देखो छोटे सेठ इसमें सेठजी की कोई गलती नहीं है , बात उन दिनों की है जब मुझे टीबी हो गया था और एक दिन मेरी तबियत ज्यादा बिगड़ गई थी और 3 4 रोज मै दुकान नहीं आ पाया था । एक रोज हाल चाल लेने के इरादे से सेठ जी मेरे घर आए थे । उस रोज उन्होंने मेरा हाल चाल लिया और चले गए । उन्होंने मुझे महीने भर की छुट्टी दे दी लेकिन पगार नहीं रोकी और एक बड़े भाई की तरह हर 2 3 दिन पर हाल चाल ले लिया करते थे । आमतौर पर वो शाम को आते थे लेकिन उस रोज वो दुपहर में आ गए और उन्होंने गायत्री को आवाज दी लेकिन देर हो गई थी ... सेठ जी ने गायत्री को बिना कपड़ो के अपनी देह से खेलते देख लिया था... और वो वापस बिना मिले लौट गए । टीवी की वजह से मेरी सेहत बिगड़ गई थी और महीनों से मैने गायत्री के साथ संबंध नहीं बनाए थे और वो बड़ी कामुक औरत है छोटे सेठ । फिर उसके बाद एक सप्ताह तक जब सेठजी मेरी हालचाल लेने नहीं आए तो हमें लगा गायत्री की हरकत से कही वो नाराज न हो गए हो और मैने गायत्री को सेठ जी मिलने के लिए भेज दिया और फिर शाम को वो वापस आई तो उसने कहा सब ठीक है और फिर वापस से सेठ जी 3 दिन आए और झोले में कुछ गायत्री को दिया था । मैने पूछा तो उसने नहीं बताया और फिर उसका व्यव्हार थोड़ा बदला बदला सा था एक रोज जब गायत्री बाजार गई थी और मैने उसकी आलमारी खंगाली तो कपड़ो के बीच वैसा ही एक रबर वाला लंड था लेकिन छोटा सा , पहले तो मुझे लगा कि सेठ जी ने मेरे साथ विश्वासघात किया है लेकिन फिर जब मैने गायत्री से इस बारे में बात की तो वो कहने लगी कि भटक ही जाती अगर सेठ जी उसे समझाते या वो समान नहीं देते क्योंकि उन दिनों गांव के कई मर्दों और लड़कों की नजरे उसके चौड़े कूल्हे पर थी , मुझे इस बात का पूरा अहसास था । जिस तरह से रातों में गायत्री बेचैन रहती थी । फिर कुछ दिन बाद जब सेठ जी वापस मेरा हालचाल लेने आए तो मैने खुले तौर पर उनसे माफी मांगी कि अनजाने में मैने उनके लिए थोड़े समय के लिए ही सही लेकिन उनको बहुत गलत समझ लिया था । उसके बाद से हम दोनो थोड़े खुल कर रहने लगे थे और उसी हफ्ते संजोग से मेरी साहगिरह आने वाला था , लेकिन बेबस था मै बहुत चल फिर नहीं पा रहा था और कितने दिनों से मै अपनी गायत्री को एक साड़ी नहीं दिला पा रहा था । एक रोज मैने सेठजी से मदद मांगी कि वो मेरा सरप्राईज पूरा करने में मेरी मदद करें और उन्होंने अगले रोज एक अच्छी सी साड़ी, श्रृंगार के सारे समान सहित लेकर आए । बाद में पता चला कि श्रृंगार के समान में उन्होंने उसके नाप की ब्रा और कच्छी भी रखवाई थी , पहले मुझे थोड़ा असहज लगा लेकिन जब सेठ जी ने कहा कि ये साड़ी और समान सब सेठानी जी ने अपने पसंद से रखे थे तो मै खुश हो गया । मैने उन्हें अपनी सालगिरह पर आने का न्योता दे दिया और सेठानी जी तब आपकी मौसी के घर गई थी शादी में । इसलिए सेठजी बस आए और उस रात गायत्री ने वही साड़ी पहनी थी जो सेठजी लाए थे । खाने के बाद सेठजी ने गिफ्ट के तौर पर मुझे चुपके से कॉन्डम के साथ एक ताकत वाली गोली दे दिए । चूंकि घर पर कोई नहीं था तो वो भी उस रात हमारे घर रुक गए ।
दवाई तगड़ी थी और महीनों बाद गायत्री का गदराई जवानी को मसलने को मिला था , कमरे में सिसकियां उठ रही थी और मैने पूरी ताकत से गायत्री की खातिरदारी की बिना झिझक के कि हमारी आवाजों से सेठजी की नींद बिगड़ जायेगी । एक राउंड के बाद मै लेट गया लेकिन गायत्री की प्यास अधूरी थी और वो टहलती हुई बाहर चली गई । कुछ देर बाद मुझे कुछ फुसफुसाहट सुनाई दी और वो गायत्री और सेठजी थे ।

" अरे भौजी इतना भी मत लजाओ , कम से कम सालगिरह तो अच्छी गई न"
" धत्त रंगी बाबू तुम भी , अरे उतना से भला कुछ होता है खास दिन था कम से कम दो बार तो ... "
" हाहाहाहा तुम भी न भौजी , अरे बबलू के इतनी हिम्मत की कम था "
" हा जानती हूं उनकी हिम्मत को , देखा मैने जादू वाली गोली गटकते हुए हाहाहाहा "
" अरे उसका भी मन था ... वैसे वो पसंद आया कि नहीं उसको "
" क्या ? "
" अरे ... अंदर वाली चीज "
" धत्त रंगी बाबू , पता नहीं कैसे आपको साइज पता चल गई "
" असल में साइज तो सोनल की मां ने ही निकाला था , मैने तो बस रंग पसंद किया था हाहाहाहा "
" धत्त बड़े बेशर्म हो ... जाओ सो जाओ अब "
" अह्ह्ह्ह्ह नीद तो नहीं आ रही है ? "
" क्यों ? सेठानी बहन की याद आ रही है हीहीही "
" अब आपसे क्या छुपाना भौजी , जो माहौल था अंदर अभी उसे देख कर किसको नहीं याद आएगी घर की भला "
" मतलब... आप अंदर देख रहे ... "
" आह माफ करना भौजी आपकी सिसकियांयो से ज्यादा तो बबलू की कराह उठ रही थी हाहाहाहा मुझे लगा कही तबियत न बिगाड़ ले और अंदर देखा तो सब सही दिखा और मै वापस आ गया "
" और कब आए थे आप ... उम्मम "
" अह छोड़िए न भौजी क्या आप भी "
" अरे बताईये न , अब हमसे क्या शर्माना हीही "
" वो ... जब वो पीछे से आपकी कच्छी किनारे कर "
" बस बस बस हीही ... मै सोने जा रही हूं आप भी आराम कर लीजिए "
फिर उसके बाद सो गई और मै भी ।
कुछ 15-20 दिन बाद मै ठीक हो गया और दुकान आने लगा । फिर सब सही चल रहा था हालांकि शरीर की कमजोरी अभी भी थी , जो थोड़ी बहुत ताकत थी वो दुकान में मेहनत में चली जाती और गायत्री बिस्तर पर प्यासी रह जाती । मैने इसकी चर्चा सेठजी से कि मुझे हफ्ते में दो दिन छुट्टी दे दिया करे , लेकिन उन दिनों शादियों का सीजन था और ग्राहकी तेज थी । कुछ सोचकर उन्होंने कहा कि दुपहर में गायत्री से खाना लेकर आने को कहा और ऊपर कमरा खाली होता है । मै सेठजी का कहना समझ गया था । पहले से तो गायत्री झिझक रही थी लेकिन फिर कुछ सोच कर वो मान गई । कुछ रोज तक ये सब चलता रहा लेकिन कभी कभी ग्राहकी तेज होने पर सेठजी को ऊपर समान लेने आना पड़ता था और वो जब ऊपर आते तो बर्तनों की आवाज से हम समझ जाते थे । फिर एक रोज गायत्री ने मना कर दिया और जब वो नहीं आई तो सेठजी ने इस बारे में पूछा और उसे दुकान बुलवाया

" रंगी बाबू आप जितना बड़े दिल वाला आदमी भला कौन होगा , लेकिन अब मै आपकी सादगी का और फायदा नहीं उठा सकती हूं "
सेठ जी गायत्री की जिद समझ रहे थे और कुछ दिनों से मुझे भी दोपहर को उसका सुख लेने की आदत हो गई थी । हम दोनो जानते थे कि सेठ जी ने कई बार हमें कमरे में देखा है लेकिन अब हमारी झिझक खत्म हो गई लेकिन दुकानदारी बिखरे ये हमें मंजूर नहीं था ।
" अरे तो फिर मेरा क्या होगा "
" मतलब "
" अरे भौजी , तुम्हारी वीडियो तो मै सोनल की मां को दिखा कर नए नए तरीके से मजे लेता हूं और तुम हो कि मेरा काम बिगाड़ रही हो "
मै जान रहा था कि सेठजी मजाक कर रहे थे लेकिन गायत्री अचरज में पड़ गई ..... फिर सेठ जी ने यही टीवी पर हमारी कमरे वाली सारी कहानी दिखाई , गायत्री को चुदाई के कई पैंतरे आते थे । अब तो बस हम सब एक दूसरे का मुंह ताक रहे थे ।
" देखो भोजाई , मै अपना मजा किरकिरा नहीं करने वाला तो आप लोग अपना शो जारी रखो , अरे भाई कम से कम मेरा नहीं तो सोनल की मां का ख्याल रखो " , ये कहकर सेठजी ने मुझे आंख मार दी और मै समझ गया ।
फिर मैने गायत्री को सेठजी के अहसानों में बांध दिया और फिर से गायत्री दुकान पर आने के लिए मान गई । लेकिन इनसब में बेचारी सेठानी जी तो निर्दोष थी ... लेकिन गायत्री की खुराफात बढ़ने लगी थी और वो पहले से ज्यादा जोश में आकर चुदवाने लगी । लेकिन बीच बीच उसकी जिज्ञासा बढ़ने लगी और वो सेठानी जी को लेकर सवाल करने लगी । इससे मै बड़ा बेचैन होने लगा और सेठजी से इस बारे में बात की तो कुछ विचार कर सेठजी ने अकेले में उससे बात करते और झूठ मूठ के किस्से गढ़ने लगते कि सेठानी जी गायत्री की तरह उनके हथियार को सहलाती दुलारती है अब ।
" हीही क्या रंगी बाबू , बहुत कहानी बनाते है । भला इतनी दूर से क्या दिख जाता है उनको और आपको "
" अरे वही तो , सोनल की मां की शिकायत थी वीडियो साफ साफ होता तो अच्छा रहता "
" अच्छा वो कैसे होगा "
" अगर बुरा न मानो तो मै मोबाइल दे दूंगा उससे रिकॉर्ड करके दे देना मुझे "
सेठजी ने ये सब कह कर मुझे आंख मारी और मै समझ गया कि वो बस गायत्री को उलझाए रखना चाहते है ताकि मेरी गृहस्थी बनी रहे । सेठ जी थे भी थोड़े हसमुख और मस्त मिजाज के इनसब बातों पर खुल कर बात भी करते थे मुझसे ।
फिर मैने अगली रोज वीडियो बनाने की कोशिश की लेकिन मोबाइल गलत जगह रख दिया था और वीडियो बन नहीं पाई थी अच्छे से । लेकिन उस रोज गायत्री ने बड़े जोश में थी न जाने क्यों ।
अगली रोज थोड़ा सेट करके मैने अच्छे से साफ वीडियो बनाया , वीडियो बनाना जरूरी था क्योंकि गायत्री चेक करती थी कि कैसी बनी है । हालांकि वो लजाती लेकिन सेठजी और सेठानी की के लिए उसे ये सब करने में बड़ा सुख था । उस रोज वीडियो अच्छी बनी थी

गायत्री ने शर्मा कर वीडियो सेठजी को दी और
" आज वाली अच्छी है देख लीजिए "
सेठ जी ने वीडियो चलाई और उसमें ताबड़तोड़ पेलाई की थी मैने , लंड में उस रोज अलग ही जोश था । गायत्री की सिसकिया भी बड़ी नशीली हर वक्त उसकी नजरे मोबाइल की ओर थी और उस दिन उसने अपने पूरे कपड़े निकाल कर चुदाई कि थी ।


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वीडियो देख कर सेठजी थोड़े उफनाए और गहरी सांस ली , मै समझ गया था कि इतनी कामुक वीडियो देख कर किसी का भी दिल घबरा जाए ।

" अब तो सेठानी बहन को शिकायत नहीं होगी न हीही"
" अह क्या बोलूं मै ... "
सेठ जी हिचक रहे थे और मुझे घूर कर देख रहे थे क्योंकि सेठजी से मुझसे साफ कहा था कि वीडियो बनाना नहीं है बस बनाने का नाटक करना है । लेकिन अब उन्हें कैसे समझाता कि गायत्री खुद से वीडियो चेक करती थी और उस रोज मोबाइल भी वही लेकर आई थी ।
" क्या हुआ रंगी बाबू अच्छा नहीं है क्या ? "
" अरे नहीं सब ठीक ही है ... सोनल की मां को पसंद आएगा । इससे पहले कभी आपका ये रूप नहीं देखा हाहाहा"
सेठजी का इशारा गायत्री के नंगे देह की ओर था जो वीडियो में दिख रहा था और वो वापस मुझे थोड़े नाराज नजरो से देखने लगे ।
फिर गायत्री चली गई और सेठजी ने मुझे बहुत डांट लगाई
" सेठजी , आप जानते है कि उसे आपसे अब लाज नहीं आती तो अब मै क्या करु "
" हा लेकिन ... मेरी हालात भी समझो बबलू "
मै जान रहा था कि सेठ जी भी कामोत्तेजक हो रहे थे लेकिन कोई क्या कर सकता था । बाद में मैने गायत्री से इस बारे में जिक्र किया कि सेठजी थोड़े परेशान हो गए थे तो उसने हंसी में इस बात को ले लिया और बताया कि उसने भी सेठजी की बेचैनी उनके पजामे में उछलती देखी थी । अगले दिन गायत्री जब दुकान आई तो ऊपर जाने से पहले उसने सेठजी से थोड़ा खुल कर बात की और पता चला कि सेठानी का महीना आया हुआ था और कल से ही सब बंद है । फिर हम लोग ऊपर चले गए और उस रोज गायत्री थोड़ी उदास थी उसका मन नहीं लगा उसने वीडियो बनाने से भी मना कर दिया । कही न कही उसके मन में सेठजी को लेकर दया की भावना थी । वो चली गई और रात में जब घर उससे बात हुई तो उसने कहा कि उसे आज सेठजी की तकलीफ देखी नहीं गई , एक तो उसकी वजह से सेठजी से परेशान हो गए और उसने आज उनका मजाक भी बना दिया । मैने उसे समझाना चाहा लेकिन वो अपने ग्लानि में कुछ ऐसा पहल कर गई कि मै निशब्द रह गया
" ये तू क्या कह रही है गायत्री "
" देखिए मै जानती हूं कि ये गलत है लेकिन सेठजी ने हमारे लिए इतना किया है और मुझसे उनकी ये तकलीफ नहीं देखी जाती ... मुझे ये भी पता है कि आप मुझे नहीं रोकेंगे "
" बात मेरे रोकने न रोकने की नहीं है गायत्री , सेठजी कभी नहीं तैयार होंगे मुझे इसका यकीन है ... दुकान पर रह कर मै उन्हें अच्छे से जानता हूं और इतने महीने में वो हमसे कितने खुल कर है क्या उन्होंने कभी इसका फायदा उठाया... फिर तू कैसे ? "
" हा जान रही हूं मै ... लेकिन जब वो खुश थे तो मुझे भी वहा जाना ठीक लगता है और ऐसा है तो मै नहीं आऊंगी कल से .. बता रही हूं "
वो उस रोज एकदम जिद पर आ गई , हालांकि मुझे कोई ऐतराज नहीं था कि गायत्री सेठजी को दुपहर में उनका हथियार सहला कर उसे शांत कर दे पर मुझे यकीन था कि सेठ जी राजी नहीं होंगे । लेकिन जब गायत्री ने दुकान आने से मना कर दिया तो बड़ा अजीब लगा मुझे ... सच कहूं तो दुकान पर जिस जोश से वो मेरे साथ होती थी उसकी आदत होने लगी थी मुझे भी और ये लालच ने मुझे बहका दिया । मैने उसे इजाजत दे दी

" लेकिन तू उनसे ये सब कहेगी कैसे "
" वो सब आप मुझ पर छोड़ दो हीही "
अगले रोज वो आई , उस रोज वो बाकी दिनों से ज्यादा ही सज सवर कर आई थी , सेठजी ने भी उसे ध्यान से देखा । मेरी नजरे तो उस रोज बस सेठजी पर थी । वो उस दिन सेठजी के लिए भी खाना ले आई थी ।
केबिन में हम तीनो बैठे हुए थे , उसकी साड़ी का पल्लू ढीला था और ब्लाउज भी गहरे गले का था , मैने देखा तो सेठजी की निगाहे भी उसके गोरी चूचियों को छिप कर निहार रही थी
, सच कहूं तो डर लग था कि कही सेठ जी नाराज न हो जाए लेकिन खाना खाने तक सब ठीक था ... सेठ जी बाहर चले गए दुकान में और मै ऊपर चला गया ।
ग्राहकों से निपटारा कर जब सेठजी केबिन में गए तो गायत्री वही थी
" अरे भौजी तुम ऊपर नहीं गई "
" नहीं वो बस जा रही थी ... बैठो न रंगी बाबू कुछ बात करनी है "
" हा कहिए भौजी "
" वो मै .. कल से माफी चाहती हूं मुझे पता नहीं था सेठानी बहन का महीना आया है और मैने आपका मजाक बना दिया "
" अरे तो क्या हुआ भौजाई हो इतना तो हक है आपका "
" बस इतना ही "
" मतलब "
" अरे भौजाई का और भी कुछ हक होता है न "
" साफ साफ कहिए भौजी मै समझ नहीं पा रहा "
" अरे भौजी का ये भी हक है कि उसके देवर को कोई तकलीफ न हो कम से कम उसकी वजह से "
" अरे हाहा आपने कहा मुझे तकलीफ ... "
" साफ साफ दिख रहा है रंगी बाबू अब छिपाओ मत निकालो बाहर उसे "
" ये क्या कह रही है भौजी आप , नहीं नहीं मैने कभी आपको उस नजर से नहीं "
" चलो झूठे , खूब पता है बर्तन खोजने के बहाने कमरे में तांक झांक करते हो सब पता है मुझे और भला इसमें कोई बुराई भी नहीं है मर्द होने की पहचान है .. अरे निकालो न "
" भौजी नहीं , देखिए बबलू ऊपर आपकी राह देख रहा होगा आप जाइए ..बात मानिए "
" ठीक है फिर मै घर जा रही हूं "
" अरे ? ये क्या बात हुई ! आप मुझे धर्मसंकट में डाल रही है "
" और आप मुझे , पता है कल से मै , मै कुछ अच्छे से नहीं कर पा रही हूं जब भी वो पास आते है आपका बुझा हुआ चेहरा दिखता है । आप खुश रहते है तो थोड़ा अच्छा लगता है . बस मेरी खुशी के लिए ही करने दीजिए न "
" ये सब आप क्या कह रही है भौजी ... बबलू को भनक लगी तो अच्छा नहीं होगा ये धोखा होगा उसके साथ "
" उन्हें सब पता है और ये उनकी मर्जी से हो रहा है निकालिए न उम्मम सांड जैसा तान रखा है और निकालने में शर्मा रहे है सीईईई उफ्फ कितना कड़ा है "
" ओह्ह्ह भौजी नहीं मत करिए रुक जाइए न सीईईई कितने ठंडे है आपके हाथ अह्ह्ह्ह्ह , क्या करेंगी मुंह में ओह्ह्ह्ह उम्ममम उफ्फ कितनी मुलायम जीभ अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह भौजी "
फोन पर मै लगातार वो सारी बातें सुन रहा था जो उस केबिन में सेठजी और गायत्री के बीच हुई ।उसने उस रोज सेठजी को खुश किया और फिर मेरे पास आई ... ना जाने क्यों उस रोज मुझे बड़ा जोश आया और मैने उसे बहुत बेरहमी से पेला। अगले रोज जब गायत्री आई तो सेठ जी ने कहा कि पहले हम लोग अपना काम कर ले फिर गायत्री जाते हुए मिल कर जाए ।हम समझ गए कि सेठ जी अच्छे से इंजॉय करना चाहते थे और हमें भी खुशी थी । लेकिन उसके दो रोज बाद कुछ अलग हुआ जिसकी मुझे भी उम्मीद नहीं थी । सेठजी ऊपर आ गए थे और वो खिड़की से अंदर झांक रहे थे और बाहर हिला रहे थे ,


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गायत्री ने चुदवाते हुए उन्हें देखा और उसका जोश तो कई गुना बढ़ गया और फिर बाद में सेठजी ने बताया कि कैमरे में नेटवर्क की वजह से कुछ दिक्कत थी इसलिए वो ऊपर आ गए थे । धीरे धीरे हफ्ता गुजर गया और ये सिलसिला कायम रहा ... अब सेठानी जी कोई बात नहीं होती थी ये सब हमारे रूटीन में शामिल जैसे हो गया ।ना सेठजी ने कभी मना किया और न गायत्री ने कुछ कहा । रोज सेठजी ऊपर आते और कभी खिड़की से तो कभी दरवाजे से अंदर देखकर हिलाते रहते। फिर मै नीचे चला जाता गायत्री वैसे ही नंगी उनका लंड निचोड़ देती ।

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कई बार मै छिप कर देखता कि शायद सेठजी कुछ पहल करे या गायत्री को छुए लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।

हम थोड़ा और खुलने लगे और मै गायत्री को चोदने के बाद कमरे में कुछ देर ठहरने लगा और गायत्री मेरे सामने ही सेठजी का मोटा लंबा लंड चुस्ती और शांत करती उन्हें ।
एक रोज गायत्री ने पहल की अगर सेठजी को दिक्कत नहीं है तो वो नीचे केबिन में ही अपना काम कर सकते है और वो आराम से सोफे पर बैठ कर इसका मजा ले सकते है , गायत्री को सेठजी को लंबे समय तक खड़ा होकर देखना अच्छा नहीं लगता था । सेठजी मान गए

पहले हम शुरू हो जाते थे और फिर सेठ जी केबिन में आते और सोफे पर बैठ कर आराम से हमारी तरफ देखते अपना लंड मसलते।


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एक रोज गायत्री मेरे ऊपर बैठी उछल रही थी और सामने सेठ जी अपना लंड हिला रहे थे और एकदम से गायत्री ने उन्हें अपने पास बुला लिया।

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सेठजी भी आ गया और गायत्री मेरे लंड पर उछलते हुए उनका लंड चूसने लगी । वो नजारा मेरे लिए बहुत कामोत्तेजक था और फिर जब मै झड़ गया तो गायत्री ने मुझे बाहर भेज दिया और कुछ ही देर बाद केबिन से वापस से गायत्री की मादक तेज सिसकिया उठने लगी । मै समझ गया कि गायत्री ने आज सेठ जी को खुद को पूरा सौंप दिया था

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और मैने हल्के से दरवाजा खोल कर अंदर देखा तो सेठजी हफ्तों की भड़ास को गायत्री के चूत में अपना लंड डाल कर उतार रहे थे उसको घोड़ी बना कर । उसके बाद से हर रोज का ही है लगभग कि दुपहर में सेठजी और फिर मै बारी बारी गायत्री के साथ करते थे । इधर जब सेठजी नहीं है तो वो नहीं आती है लेकिन सेठजी के मोटे लंड की तलब अभी भी उसे तंग करती है और इसीलिए मैने वो चुराया था कि उसको अच्छे से मजे देकर वापस कर दूंगा । लेकिन वो उसे इतना पसंद आया कि जबतक सेठजी नहीं आते वो देने को तैयार नहीं है ।

: उफ्फ काका कितनी कामुक कहानी थी अह्ह्ह्ह्ह मेरी तो पेंट ही फट जाए हाहाहाहा
: प्लीज छोटे सेठ ये सब सेठजी या सेठानी जी को भनक न लगे , मै वादा करता हूं कि आपकी बातें भी मुझ तक ही रहेंगी
: अरे मुझे पता है लेकिन अह्ह्ह्ह खैर छोड़ो ... देखते है क्या होगा भाई कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा ।


वही इनसब से अलग अनुज को रागिनी उठा रही थी क्योंकि शाम हो रही थी ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Bhai

mast update

आखिरकार अनुज को अपनी माँ का स्वाद मिल ही गया... अब माँ-बेटों के थ्रीसम का इंतज़ार है...
इस शानदार और असाधारण अपडेट के लिए शुक्रिया

Amazing update
Akhir ragini ne apne dono beto ka loda ka swad le liya :booby2: :sex:

Wow bhai kya kamuk update diya h
Maja aa gya or land aap ke agli kadi ki kalpana karke kahada hi gya ab to muth marni hi padegi

Yha rahul puja ka number lene ke liye apni mummy ki chudai ke krwane k liye anuj ko bol rha h dekhte h ki anuj number de kr kya apni salini chachi ki chut marega

Or yha ragini ne to kya mast khani sunai h anuj ko ki uska pani land ko bina hath lgaye hi nikal gya
Or to or apne bhai or mummy ki chudai ki bate sun kr unse apni mummy ko apna land bhi chudwa diya dekhte h ki aage kya kya hota h
Kya anuj bhi apni mummy ki chut chatega ya apni mummy ki chut mai land dal kr usko chudai ka suk prapat karega

Dreamboy40 agla update jaldi dene ki kripa kare


Mast update

Superb Update Bhai ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: really Fucking Awesome bhai keep it up 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 i can't wait for next update please post next update fast

Shaandar update


Superb hot update

Har bar ki tarah ek dum zabardast update

Mujhe Season 2 Season 1 se adhik HOT lag raha hai.
Thanks for the Update.

सही बात है। गाड़ी पहले 1 2 गियर पर थी। अब चौथे पर है।

Nice Hot Update Bro
kya kahani sunayi hai ragni maa ne
seduction se bharpur hot update !

Gazab Gazab Gazab Gazab Gazab
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Full of erotic. Mjaa aa gya.

Waiting for next bigger update

Very very hot🔥🔥🔥

Lajawab update Bhai... Humme sonal ka intezar hai

बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
रागिनी ने अनुज को कुछ झुट कुछ सच कहानी सुना कर गरम कर दिया और अंत में उसका लंड चुसकर उसे झडाकर पुरा पानी पि गयी दोनों संतुष्ट लेकीन अनुज अपनी माँ रागिनी के बारें में नये सपने देखने लगा
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा


A

Accha update hai ab toh banwari k Ghar ka gangbang dekhna hai

Kahani mein Kya twist Aya hai aur waise yeh semale muskan hai Kaun

Finally Bhai Kya update diya hai ragini Apne muhshe Kuch sacchi Kuch jhuti Kahani anuj ko sunatr sunate uska muh anuj j lund tak poch gaya ab anuj k lund ko uske choot tak poch ne ki der hai
Bhai Kya update diya niche Pura rod ban gaya Bhai agle update Zara jaldi dene ki korish karo Raat ko anuj raj aur ragini k kamre kaise Kya dekhta jaldi dekhna hai Bhai

Bhai update de do please

सुपर अपडेट भाई.... एकदम मस्त इरोटिक था.. अब नई ईयर की पार्टी भी ऐसे ही इरोटिक हो तो बहुत अच्छा रहेगा. BTW, मैंने भी अपनी स्टोरी का अपडेट दिया है. होप आप उस पर भी एक बार पधारोगे

DREAMBOY40

Aasha karta hun aap ke paas Sab Kushal Mangal hai... aur aap swasth ho .... jab aap aaram se ho taboo Update dena koi jaldi nahi hai.....

Waiting for huge update..

Please guys watch mine also 😁

... की फैमिली Party
Music Video Dance GIF


Good decision
Appreciated 👍

Lelo maje
90 lakh se jyada views hain
Saare likes ke Target poore hote hain

Dreamboy40, please give updates...
कहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई है ।
 
  • Love
Reactions: Raj Kumar Kannada

Raj Kumar Kannada

Good News
1,562
2,017
144
:jerker: :jerker: :jerker: :jerker: 💥 अध्याय 02 💥

UPDATE 31



" क्या हुआ , बात हुई पापा जी से ? "
" हा , उन्होंने कहा चाचू पहुंच रहे है "
" तो फिर मै चेंज कर लूं ? "
अमन ने एक नजर सोनल को देखा , जो एक स्ट्रिप टॉप और स्किन टाइट जींस में थी । गहरे गले वाले टॉप के उसके बड़े बड़े रसीले मम्मो की लंबी धारीया और बाजू कंधे सब दिख रहे थे उसपर से कूल्हे पर कसी हुई जींस देख कर अमन का लंड लार छोड़ने ही लगा था


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: धत्त हवशी, बताओ न प्लीज ( सोनल ने थोड़ा मुस्करा कर कहा अमन से )
: उन्हुँ मत निकालो न ( अमन ने मुस्कुरा कर कहा ) सेक्सी लग रहे हो
: पक्का ? ( सोनल चहक उठी, हालांकि ) लेकिन चाचू !!!

अमन ने ध्यान नहीं दिया और निशा को खोजने लगा
: अरे निशा कहा गई ?
: जाने दो , उसे अंदर एक आइसक्रीम पार्लर लिखा और वो रुक गई आती होगी .. मै जरा वाशरूम से आती हूं
: हा जल्दी करना चाचू भी आते ही होंगे ( अमन ने फिकर में कहा और मोबाइल पर वापस से अपने चाचा मदन को फोन घुमाने लगा ।


" बस बेटा मैने देख लिया है , आ रहा हूं " , मदन ने गाड़ी में बैठे हुए ही अमन का काल पिक करके बोला और मदन ने फिर अमन के पास ही गाड़ी खड़ी की , जो पहले से ही 3 ट्रॉली बैग लिए खड़ा था ।

: अरे इतना समान ? ( गाड़ी से बाहर निकलते हुए मदन ने कहा )
: लड़कियों की शॉपिंग चाचू जानते हो न हाहाहाहा ( अमन ने झुक कर अपने चाचा के पैर छुए )
: खुश रहो , अरे बहु और उसकी बहन कहा है ?
: बस आ रही है वो जरा सोनल बाथरूम गई है वो रही


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( एकदम से अमन की नजर सोनल पर गई वो अभी भी टॉप और जींस में थी उसके चूचे एकदम टाइट और स्पॉट पेट , उसको उस हाल में देख कर अमन चौका क्योंकि सोनल का ब्लेजर तो उसके पास था और मदन आंखे फाड़े अपनी बहु के नए अवतार को निहारे जा रहा था )

सोनल ने अभी तक ध्यान नहीं दिया था कि मदन आ चुका है वो तो सामने आइसक्रीम पार्लर से चली आ रही निशा को देख कर मुस्कुरा रही होती है
मदन पलट कर देखता है तो उसकी आंखे और चमक उठती है सामने निशा एक शॉर्ट टीशर्ट जो उसके नेवल के ऊपर टंगी थी जिसमें से उसके गोरा पेट और नाभि दिख रही थी और एक स्किन टाइट योगा पैंट में आइसक्रीम खाती हुई अपने कमर झटकती हुई आ रही थी
निशा और सोनल दोनों ने मदन को ध्यान ही नहीं दिया और बस मस्ती में अमन को हाई बोला और हंसते हुए सोनल की ओर जाने लगी


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मदन ने मुस्कुरा कर उसको पीछे देखा और जैसे उसने तो अंदर पैंटी नहीं पहनी थी , और उस पैंट में निशा के चर्बीदार चूतड़ों की थिरकन देख कर मदन का हलक सूखने लगा ,

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तभी उसकी नजर सामने गई जिधर से सोनल हाइ हील वाली सैंडल पहने अपने लंबे पैर बड़ी अदा से रखते हुए निशा की ओर बढ़ रही थी और हर चाल पर उसकी दूधिया चुचियों का उछाल देख कर मदन की आंखे फैली जा रही थी ।

दोनों आपस में मिली और निशा ने सोनल को अपने आइसक्रीम का कोन साझा किया तो सोनल ने अपने गुलाबी लबों से बड़े रसीले अंदाज में आइसक्रीम को मुंह में लिया

जिसे देख कर मदन के मुंह मिठास घुलने लगी और अमन की निगाहे पर उन पर टिकी थी , दोनो सोनल के अपर लिप्स पर लगी हुई आइसक्रीम को देख रहे थे कि निशा ने उंगली से वाइप कर चाट लिया और मुस्कुराने लगी
मदन ये देख कर हैरान था और एकदम से निशा मुंह में उंगली डाले हुए अमन को देखा और उसकी आंखे बड़ी हो गई

: सोनल , जीजू के चाचा
: क्या ? ( सोनल ने आंखे बड़ी कर देखा और हड़बड़ा कर उसे अपनी हालत दिखी और वो घूम गई और उसके बड़े बड़े मोटे चूतड़ मदन के सामने )

जिसे देख कर मदन की आंखे और चौड़ी हो गई ,उसने नजारे फेर ली और अमन से गाड़ी में पीछे समान रखने को कहने लगा
मदन और अमन समान रखने लगे थे कि सोनल तेजी से आई और अमन के हाथ से अपना ब्लेजर लेकर झट से पहन कर खड़ी हुई
फिर झुक कर मदन के पैर छुए : नमस्ते चाचा जी
: अह खुश रहो बेटा ( मदन ने सोनल की डीप नेक वाली टॉप से बाहर निकलने की कोशिश करती हुई मोटी मोटी रसीली गुलाबी छातियों को देख कर बोला और एकदम से उसकी नजर बगल में खड़ी निशा से मिली जो उसे देख रही थी )
: नमस्ते अंकल ( उसने भी झुक कर मदन के पैर छुए और उसके मोटे चर्बीदार चूतड़ उसकी स्ट्रेचेबल योगा पैंट में यूं फेल गए और मदन का लंड तो अब सलामी ही देने लगा )
: खुश रहो बेटा, आओ चले बैठो

मदन ने दोनों को ऑफर किया
: मै ..आगे बैठूंगी हीही
मदन ने हस कर अमन को देखा और अमन मुस्कुराने लगा
सोनल अमन बीच में बैठ गए और निशा आगे वाली सीट पर बैठ गई । मदन पीछे से डिग्गी लॉक कर आ रहा था कि निशा की नजर साइड मिरर पर गई , जहां उसने मदन को अपने हाथों से अपना पैंट सेट करते हुए देखा और लंड को घुमाते हुए देखा ।
उसकी हंसी छूट जाती अगर मदन ने दरवाजा न खोला होता
निशा ने एक गहरी सांस ली और सीधी होकर बैठ गई लेकिन जैसे ही मदन गाड़ी के अंदर आया उसको निगाहे सीधे निशा के टॉप में टाइट नारियल जैसे कड़े गोल चूचों पर गई और उसकी आंखे बड़ी हो गई , निशा गाड़ी में बैठ कर सेल्फी ले रही थी


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सोनल या अमन की नजर उसपर न पड़े इसीलिए उसने नजरे फेर कर अपनी सीट ली और सब चेक कर गाड़ी शुरू कर दी
फ्रंट रियर मिरर में उसने देखा कि उसकी बहु सोनल अपने पर्स से एक छोटा सा स्टॉल गले में रख रही थी और ये देख कर मदन मुस्कुराया कि चलो बहु को लिहाज तो है बड़ों का , लेकिन वो स्टाल भी उसके दूध के मोटे उभारों को छिपाने में उतना सक्षम नहीं था
उसने गाड़ी चालू की और निकल गए सब हाइवे से चमनपुरा के लिए
शुरुआती बातचीत जारी रही ... फिर शांति हो गई । प्लेन से उतरने की सबको थकान सी थी .. सोनल ने भी अमन के कंधे पर सर टिका कर आंखे मूंद ली और अमन को भी झपकी आने लगी थी ।

लेकिन निशा को ये सफर बड़ा रोमांचक लग रहा था
मदन और निशा हनीमून ट्रिप और सफर की बाते कर रहे थे कि आगे टोल आने वाला था और मदन ने बातों में ध्यान नहीं दिया कि आगे मल्टीस्ट्रिप स्पीड ब्रेकर लगे थे स्पीड कम करने के लिए और नतीजा गाड़ी ब्रेक लगाने के बाद भी स्पीड में उनपर पर चढ़ गई

पीछे सोनल और अमन उछले तो उछले लेकिन आगे निशा के लिए दिक्कत हो गई , स्पीड ब्रेकर पर उछलते ही निशा चीखी और एक हाथ से कस विंडो हैंडल पकड़ लिया और जब उसे महसूस किया कि उसकी मोटी छातियां भी उसके टॉप में उछल रही है तो उसकी हालत और बिगड़ने लगे


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उसने तुरंत मदन की ओर देखा और मदन की आंखे उसे मोटे उछलते मम्मों पर , निशा मुस्कुराने लगी

: सॉरी बच्चों एकदम से स्पीड ब्रेकर आ गया हाहाहाहा
: कुछ भी हो मजा आ गया चाचू ( अमन बोला )
: हा आपको मजा आया मेरी कमर .. ( सोनल के आंखे उठा कर देखा अमन को जिसे मदन फ्रंट रियर मिरर में देख रहा था और मुस्कुरा रहा था और जैसे ही सोनल ने आइने में अपने चाचा ससुर की आंखे देखी वो चुप हो गई )
इनसब में निशा चुप थी और जैसे मदन का ध्यान उसपर गया तो आंखे बड़ी और लंड में कसावट और आ गई , इतना भी अब उभार पेंट पर साफ झलकने लगे
निशा अपने दोनों चूचों को हाथ डाल कर ब्रा में सेट कर रही थी और जैसे ही उसने मदन को देखा वो थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी

: अह निशा बेटा , तुम सीट बेल्ट लगा लो आगे टोल है
: जी अंकल ( निशा ने मुस्कुरा कर कहा )
फिर साइड से बेल्ट निकाल कर अपने दोनों चूचों के बीच से दूसरे तरफ क्रॉस करके प्लग कर दिया ... मदन की चोर निगाहे देख रही थी जब निशा बेल्ट को टाइट करने लगी और जब बेल्ट ने उसके दोनों रसीले मम्में को अलग अलग कर दिया


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इससे उसकी ब्रा की लाइनिंग भी दिखने लगी और चूचों की गोलाई साफ साफ दिखने लगी
मदन का हाथ लंड पर चला ही जाता अगर टोल वाला स्टाफ उसे टोकता नहीं

जल्द ही गाड़ी फिर से रफ्तार पर थी और सोनल अमन वापस से झपकियां लेने लगे , लेकिन मदन की हालत खराब थी , उसे पेंट में बहुत कसावट हो रही थी , सुपाड़े मे खुजलाहट सी होने लगी
एक दो बार मदन ने हाथ फेरा और नहीं रहा गया था पकड़ कर मिस दिया अपना सुपाड़ा , निशा की निगाहे भी बराबर मदन की हरकतों पर थी और उसके निप्पल मदन की बढ़ती बेचैनी को देख कर कड़े होने लगे थे और ब्रा समेत टॉप पर उभर आए थे

मदन में मुंह तो मिश्री घुलने लगी थी और साइड देखने के बहाने वो बार बार निशा की ओर देखता साइड मिरर में और निशा भी बखूबी समझ रही थी , उसमें पास कोई चारा नहीं था सिवाय मुस्कुराने और बाहर देखने के

लेकिन धीरे धीरे उसपर भी थकान हावी हो रही थी और खिड़की से आती हवाओ की थपकियों ने उसकी आंखों की सुस्ती बढ़ा दी और वो आंखे बंद कर ली
मदन ने भी 90s एवरग्रीन song गाड़ी में हल्की आवाज में लगा दिया और अपना लंड सेट कर ड्राइव करने लगा ।


चमनपुरा

" अच्छा जी "
" हां जी "
" बड़े आए और मम्मी जी ने देख लिया तो "
" तो ... तो कह दूंगा भाभी से थोड़ा हिसाब किताब निपटा रहा था "
" हीही , धत्त बदमाश... मार खाओगे तुम "
" अच्छा सुनो न "
" हा हा कहो न , हीही "
" दोगे न "
" धत्त पागल हो क्या ? "
" अच्छा बस दिखा देना .. थोड़ा सा "
" क्या ? "
" वही कि कैसे डालते हो इसको "
" धत्त पागल हो जी , मम्मी जी के सामने थोड़ी न खोलूंगी इसे "
" अरे यार बड़ी मम्मी को तो मै घर भेज दूंगा ... फिर बताओ उम्मम बोलो बोलो " , राज ने फोन पर काजल को फ़ंसाते हुए कहा
" अगर मम्मी जी नहीं रहेगी तो मै क्यों डालूंगी खुद डाल के देख लेना न " , काजल ने मस्ती में राज को छेड़ा
" उफ्फ भाभी , इतने सपने दिखा रही हो कही पानी न फेर ..... " , राज बोलने वाला था कि उसके मोबाइल पर कुछ नोटिफिकेशन पॉप अप हुआ और
जैसे ने उसने खोलकर देखा आंखे बड़ी हो गई
संजीव ठाकुर ने उसके व्हाट्सअप पर एक फोटो डाली थी जिसमें एक गदराई चूतड़ों वाली लड़की एक टेबल पर बैठी थी और बिकनी सेट में थी


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जिसे देख कर राज का लंड और फौलादी होने लगा , उस फोटो ने उसका चेहरा नहीं दिख रहा था लेकिन इसके चूतड़ों की चर्बीदार गोलाई देख कर राज के मुंह में पानी भरने लगा

" हैलो क्या हुआ जी "
" अरे वो .. कुछ नहीं, हा तो कहा था मै "
" धत्त कही नहीं ... हूह और सामान लेकर टाइम से दे जाना बाय "
काजल ने तुनक कर फोन काट दिया शायद वो भी मस्ती के खुमार में थी लेकिन राज ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और वो थोड़ी नाराज हो गई । राज जान रहा था कि ये नाराज बस एक नाटक है और वो वापस संजीव ठाकुर के भेजे हुए व्हाट्सअप चेक करने लगा ।
जिसमें उसने एक वीडियो डाली हुई जिसमें वो लड़की अपने गोल मटोल चर्बीदार चूतड़ों को लहराते हुए होटल के कमरे में टहल रही थी


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राज : wow uncle so sexy ✊💦
संजीव : full video send krunga abhi , achche se hilana beta
राज : are uncle ye hai kaun ... Gaad bahut mast hai iski 😋
संजीव : wait
कुछ ही देर एक वीडियो आया और राज ने तुरंत उसे डाउनलोड कर ओपन किया

वीडियो में संजीव ठाकुर उसी लड़की की एक पूल के पास वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था जिसमें उसके लचीली चर्बीदार गाड़ पर उसने एक स्टाल बांध रखी थी और पूल के साइड पर खिली हुई धूप में अपने चूतड़ों को मटका कर चली रही थी ।


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स्टाल के नीचे से झांकते उसके गुदाज नरम चर्बीदार चूतड़ों की झलक देख कर ही राज का लंड पंप होने लगा और तभी वो लड़की पलटी वीडियो में अपने बालों को सहेजते हुए
एक पल को राज की आंखे बड़ी हुई और उसे यकीन नहीं हो रहा था सामने जिस लड़की को देख रहा है वो उसे अच्छे से जान रहा था और अगले पल जब राज ने वीडियो में उसकी आवाज सुनी तो सब एकदम कन्फर्म हो गया

ये तो लाली की दीदी " रितिका "
" ओह बहनचोद, ये तो रितिका ... सीईईई साली की गाड़ और चूची इतनी मोटी कैसे ? हाईस्कूल में साथ थी और अब ये उफ्फ कितनी माल हो गई है ये तो "
राज खुद से बड़बड़ाया और उसके ख्याल में बस एक ही सवाल आ रहा था कि संजीव ठाकुर का इससे कैसे टांका सेट हो गया और उसने मैसेज किया

: are uncle ye kaise mil gayi apko , isko mai janta hun😁
: kismat hai beta ... Ek bar ek hotel me ruka tha aur ye bhi thi . Raid padi thi aur ye apne kisi dost ke sath aayi thi ... Iske papa mere pahchan ke the to maine ise bachana sahi samjha ... Aur police se bat krke isko ghar drop Kiya . Fir bato hi bato me dosti ho gayi
: sahi hai uncle ...
: Tujhe chahiye to batana...mana nhi kregi 😁
: unhu ap injoy kro uncle ... Mai mere type ki khoj lunga koi ( राज ने ठकुराइन के बारे में सोचते हुए मैसेज लिखा )

दुपहर ढल रही थी और राज ने सोचा आज थोड़ा पहले चला जाए और बार बार उसके जहन में रागिनी की योजना का ख्याल भी आ रहा था । लेकिन काजल भाभी जैसी गदराई माल बार बार मौका नहीं देगी ये भी बात थी ।
कुछ सोच कर उसने बबलू काका को आवाज दी

: जी छोटे सेठ
: अरे काका वो मैने आपको एक box दिया था न रखने को , वो कहा है ?
राज के सवाल सुनते ही बबलू काका का चेहरा सफेद पड़ने लगा और उसका हलक सूखने लगा
: काका !!
: जी जी छोटे सेठ
: अरे वो पैकेट कहा है ?
: माफ कीजियेगा छोटे सेठ याद नहीं आ रहा है ... कही तो रखा था ( बबलू काका दुकान में इधर उधर देखने का )

राज की हालात भी खराब होने लगी कि साला वो आइटम गायब होने जैसा भी नहीं है, किसी और के हाथ लग गया तो मैटर गड़बड़ा जाएगा , तभी राज का माथा ठनका और उसने सोचा क्यों न वो पैकेट जब उसने बबलू काका को दिया उस टाइम की cctv चेक कर ले , आसानी से मिल जाएगा ?
राज उसे दुबारा से खोजने का बोल कर केबिन में चला गया और थोड़ी देर बाद बबलू काका को आवाज देकर बुलाया

: जी छोटे सेठ ( बबलू थोड़ा घबड़ाया हुआ था और जैसे उसकी नजर टीवी स्क्रीन पर गई उसका हलक सूखने लगा )
: ये सब क्या है काका
बबलू कुछ नहीं बोला बस टीवी स्क्रीन पर चल रही अपनी ही चोरी को अपनी आंखों से देख रहा था जब उसने राज के दिए हुए पैकेट की तलाशी ली और उसमें से बड़ा सा लंबा नकली लंड निकला था ।कभी वो उसे हाथों में पकड़ता तो कभी अपने पजामे के आगे रख कर उसकी लंबाई मोटाई चेक करता ,फिर उसने चुपचाप उसे अपने झोले में डाल दिया

: कुछ बोलेंगे ?
: माफ करना छोटे सेठ... घर पर रह गया
: घर पर ? मतलब किसके लिए ले गए थे ... काकी ? ( आंखे बड़ी कर उसने बबलू को देखा जो नजरे गिराए खड़ा था )
: जी छोटे सेठ ...
: अरे हीही, वो किसी और समान था काका और आपके रहते हुए काकी को उसकी क्या जरूरत ?
: वो आप नहीं समझोगे छोटे सेठ ... कल सुबह में ले आऊंगा पक्का
: अरे लेकिन मुझे आज ही उसे वापस करना था .... एक मिनट तो क्या काकी ने उसे यूज भी कर लिया
: हम्ममम ( बबलू शर्मिंदा होकर राज के आगे खड़ा था , राज को हंसी भी आ रही थी और थोड़ा अजीब सा लग रहा था )
: अरे तो आपको मुझसे कहना था मै आपके लिए... मतलब काकी के लिए दूसरा ऑर्डर कर देता न
: माफ करना छोटे सेठ मुझे लगा कि आपको भनक लगे बिना ही उसे वापस रख दूंगा
राज ने वापस घड़ी देखी और अभी भी समय था
: काका , अभी वक्त है क्या आप वापस ले आयेंगे घर से
: अभी ?
: हा क्यों ? क्या हुआ ?
: दरअसल छोटे सेठ सच कहूं तो आपकी काकी नहीं लाने देगी
: मतलब ? , वो किसी और का समान है ?
: समझ रहा हूं छोटे सेठ , अब आपको कैसे बताऊं
: बात क्या है काका , साफ साफ कहिए न ? भरोसा रखिए ... देखिए मै आप पर बहुत भरोसा करता हूं और मेरी कोई भी बात आपसे छिपी नहीं है । ( राज का इशारा आज हुए ठकुराइन और उसकी बेटी के मैटर को लेकर था )
लेकिन बबलू का उतरा हुआ चेहरा देख कर उसकी असहजता का अंदाजा लगाया जा सकता था ।
: समझ रहा हूं छोटे सेठ , लेकिन .... मै सेठ जी ( रंगीलाल ) से बेइमानी नहीं कर सकता
: मतलब ?
: कुछ नहीं ... ये बात यही खत्म कीजिए छोटे सेठ कल मै कैसे भी करके वो समान वापस कर दूंगा । यकीन कीजिए
: काका आप समझ नहीं रहे है , मैने आज का वादा किया है और कल कैसे ?
: लेकिन गायत्री ने कहा कि जबतक सेठ जी नहीं आते वो इसे वापस नहीं करेगी
: पापा का इनसब से क्या ? एक मिनट ... काका सही सही बताना आपको मेरी कसम है क्या मैं जो सोच रहा हूं वो सही है ?

बबलू का चेहरा एक पानी पानी होने लगा और सांसे तेज हो गई
: ये आपने क्या किया छोटे सेठ... भले ही मेरी कोई औलाद नहीं है लेकिन मैने कभी भी आपको अपने बेटे से कम नहीं माना है ... आप अपनी कसम वापस लीजिए हाथ जोड़ रहा हूं आपके
: नहीं काका , आपको सब बताना ही पड़ेगा ? देखिए विश्वास कीजिए मै ये बात मम्मी से नहीं कहूंगा कसम से
: आप मुझे धर्मसंकट में डाल रहे है छोटे सेठ ( बबलू बेचैन होकर कहा )
: ठीक है फिर मै खुद ही चला जा रहा हूं और काकी से इस बारे में बात कर लूंगा ( राज उठ कर जाने लगा बाहर )
: नहीं रुकिए !!
बबलू ने गुजारिश भरे लहजे में राज को रोका
: हम्म्म कहिए
" देखो छोटे सेठ इसमें सेठजी की कोई गलती नहीं है , बात उन दिनों की है जब मुझे टीबी हो गया था और एक दिन मेरी तबियत ज्यादा बिगड़ गई थी और 3 4 रोज मै दुकान नहीं आ पाया था । एक रोज हाल चाल लेने के इरादे से सेठ जी मेरे घर आए थे । उस रोज उन्होंने मेरा हाल चाल लिया और चले गए । उन्होंने मुझे महीने भर की छुट्टी दे दी लेकिन पगार नहीं रोकी और एक बड़े भाई की तरह हर 2 3 दिन पर हाल चाल ले लिया करते थे । आमतौर पर वो शाम को आते थे लेकिन उस रोज वो दुपहर में आ गए और उन्होंने गायत्री को आवाज दी लेकिन देर हो गई थी ... सेठ जी ने गायत्री को बिना कपड़ो के अपनी देह से खेलते देख लिया था... और वो वापस बिना मिले लौट गए । टीवी की वजह से मेरी सेहत बिगड़ गई थी और महीनों से मैने गायत्री के साथ संबंध नहीं बनाए थे और वो बड़ी कामुक औरत है छोटे सेठ । फिर उसके बाद एक सप्ताह तक जब सेठजी मेरी हालचाल लेने नहीं आए तो हमें लगा गायत्री की हरकत से कही वो नाराज न हो गए हो और मैने गायत्री को सेठ जी मिलने के लिए भेज दिया और फिर शाम को वो वापस आई तो उसने कहा सब ठीक है और फिर वापस से सेठ जी 3 दिन आए और झोले में कुछ गायत्री को दिया था । मैने पूछा तो उसने नहीं बताया और फिर उसका व्यव्हार थोड़ा बदला बदला सा था एक रोज जब गायत्री बाजार गई थी और मैने उसकी आलमारी खंगाली तो कपड़ो के बीच वैसा ही एक रबर वाला लंड था लेकिन छोटा सा , पहले तो मुझे लगा कि सेठ जी ने मेरे साथ विश्वासघात किया है लेकिन फिर जब मैने गायत्री से इस बारे में बात की तो वो कहने लगी कि भटक ही जाती अगर सेठ जी उसे समझाते या वो समान नहीं देते क्योंकि उन दिनों गांव के कई मर्दों और लड़कों की नजरे उसके चौड़े कूल्हे पर थी , मुझे इस बात का पूरा अहसास था । जिस तरह से रातों में गायत्री बेचैन रहती थी । फिर कुछ दिन बाद जब सेठ जी वापस मेरा हालचाल लेने आए तो मैने खुले तौर पर उनसे माफी मांगी कि अनजाने में मैने उनके लिए थोड़े समय के लिए ही सही लेकिन उनको बहुत गलत समझ लिया था । उसके बाद से हम दोनो थोड़े खुल कर रहने लगे थे और उसी हफ्ते संजोग से मेरी साहगिरह आने वाला था , लेकिन बेबस था मै बहुत चल फिर नहीं पा रहा था और कितने दिनों से मै अपनी गायत्री को एक साड़ी नहीं दिला पा रहा था । एक रोज मैने सेठजी से मदद मांगी कि वो मेरा सरप्राईज पूरा करने में मेरी मदद करें और उन्होंने अगले रोज एक अच्छी सी साड़ी, श्रृंगार के सारे समान सहित लेकर आए । बाद में पता चला कि श्रृंगार के समान में उन्होंने उसके नाप की ब्रा और कच्छी भी रखवाई थी , पहले मुझे थोड़ा असहज लगा लेकिन जब सेठ जी ने कहा कि ये साड़ी और समान सब सेठानी जी ने अपने पसंद से रखे थे तो मै खुश हो गया । मैने उन्हें अपनी सालगिरह पर आने का न्योता दे दिया और सेठानी जी तब आपकी मौसी के घर गई थी शादी में । इसलिए सेठजी बस आए और उस रात गायत्री ने वही साड़ी पहनी थी जो सेठजी लाए थे । खाने के बाद सेठजी ने गिफ्ट के तौर पर मुझे चुपके से कॉन्डम के साथ एक ताकत वाली गोली दे दिए । चूंकि घर पर कोई नहीं था तो वो भी उस रात हमारे घर रुक गए ।
दवाई तगड़ी थी और महीनों बाद गायत्री का गदराई जवानी को मसलने को मिला था , कमरे में सिसकियां उठ रही थी और मैने पूरी ताकत से गायत्री की खातिरदारी की बिना झिझक के कि हमारी आवाजों से सेठजी की नींद बिगड़ जायेगी । एक राउंड के बाद मै लेट गया लेकिन गायत्री की प्यास अधूरी थी और वो टहलती हुई बाहर चली गई । कुछ देर बाद मुझे कुछ फुसफुसाहट सुनाई दी और वो गायत्री और सेठजी थे ।

" अरे भौजी इतना भी मत लजाओ , कम से कम सालगिरह तो अच्छी गई न"
" धत्त रंगी बाबू तुम भी , अरे उतना से भला कुछ होता है खास दिन था कम से कम दो बार तो ... "
" हाहाहाहा तुम भी न भौजी , अरे बबलू के इतनी हिम्मत की कम था "
" हा जानती हूं उनकी हिम्मत को , देखा मैने जादू वाली गोली गटकते हुए हाहाहाहा "
" अरे उसका भी मन था ... वैसे वो पसंद आया कि नहीं उसको "
" क्या ? "
" अरे ... अंदर वाली चीज "
" धत्त रंगी बाबू , पता नहीं कैसे आपको साइज पता चल गई "
" असल में साइज तो सोनल की मां ने ही निकाला था , मैने तो बस रंग पसंद किया था हाहाहाहा "
" धत्त बड़े बेशर्म हो ... जाओ सो जाओ अब "
" अह्ह्ह्ह्ह नीद तो नहीं आ रही है ? "
" क्यों ? सेठानी बहन की याद आ रही है हीहीही "
" अब आपसे क्या छुपाना भौजी , जो माहौल था अंदर अभी उसे देख कर किसको नहीं याद आएगी घर की भला "
" मतलब... आप अंदर देख रहे ... "
" आह माफ करना भौजी आपकी सिसकियांयो से ज्यादा तो बबलू की कराह उठ रही थी हाहाहाहा मुझे लगा कही तबियत न बिगाड़ ले और अंदर देखा तो सब सही दिखा और मै वापस आ गया "
" और कब आए थे आप ... उम्मम "
" अह छोड़िए न भौजी क्या आप भी "
" अरे बताईये न , अब हमसे क्या शर्माना हीही "
" वो ... जब वो पीछे से आपकी कच्छी किनारे कर "
" बस बस बस हीही ... मै सोने जा रही हूं आप भी आराम कर लीजिए "
फिर उसके बाद सो गई और मै भी ।
कुछ 15-20 दिन बाद मै ठीक हो गया और दुकान आने लगा । फिर सब सही चल रहा था हालांकि शरीर की कमजोरी अभी भी थी , जो थोड़ी बहुत ताकत थी वो दुकान में मेहनत में चली जाती और गायत्री बिस्तर पर प्यासी रह जाती । मैने इसकी चर्चा सेठजी से कि मुझे हफ्ते में दो दिन छुट्टी दे दिया करे , लेकिन उन दिनों शादियों का सीजन था और ग्राहकी तेज थी । कुछ सोचकर उन्होंने कहा कि दुपहर में गायत्री से खाना लेकर आने को कहा और ऊपर कमरा खाली होता है । मै सेठजी का कहना समझ गया था । पहले से तो गायत्री झिझक रही थी लेकिन फिर कुछ सोच कर वो मान गई । कुछ रोज तक ये सब चलता रहा लेकिन कभी कभी ग्राहकी तेज होने पर सेठजी को ऊपर समान लेने आना पड़ता था और वो जब ऊपर आते तो बर्तनों की आवाज से हम समझ जाते थे । फिर एक रोज गायत्री ने मना कर दिया और जब वो नहीं आई तो सेठजी ने इस बारे में पूछा और उसे दुकान बुलवाया

" रंगी बाबू आप जितना बड़े दिल वाला आदमी भला कौन होगा , लेकिन अब मै आपकी सादगी का और फायदा नहीं उठा सकती हूं "
सेठ जी गायत्री की जिद समझ रहे थे और कुछ दिनों से मुझे भी दोपहर को उसका सुख लेने की आदत हो गई थी । हम दोनो जानते थे कि सेठ जी ने कई बार हमें कमरे में देखा है लेकिन अब हमारी झिझक खत्म हो गई लेकिन दुकानदारी बिखरे ये हमें मंजूर नहीं था ।
" अरे तो फिर मेरा क्या होगा "
" मतलब "
" अरे भौजी , तुम्हारी वीडियो तो मै सोनल की मां को दिखा कर नए नए तरीके से मजे लेता हूं और तुम हो कि मेरा काम बिगाड़ रही हो "
मै जान रहा था कि सेठजी मजाक कर रहे थे लेकिन गायत्री अचरज में पड़ गई ..... फिर सेठ जी ने यही टीवी पर हमारी कमरे वाली सारी कहानी दिखाई , गायत्री को चुदाई के कई पैंतरे आते थे । अब तो बस हम सब एक दूसरे का मुंह ताक रहे थे ।
" देखो भोजाई , मै अपना मजा किरकिरा नहीं करने वाला तो आप लोग अपना शो जारी रखो , अरे भाई कम से कम मेरा नहीं तो सोनल की मां का ख्याल रखो " , ये कहकर सेठजी ने मुझे आंख मार दी और मै समझ गया ।
फिर मैने गायत्री को सेठजी के अहसानों में बांध दिया और फिर से गायत्री दुकान पर आने के लिए मान गई । लेकिन इनसब में बेचारी सेठानी जी तो निर्दोष थी ... लेकिन गायत्री की खुराफात बढ़ने लगी थी और वो पहले से ज्यादा जोश में आकर चुदवाने लगी । लेकिन बीच बीच उसकी जिज्ञासा बढ़ने लगी और वो सेठानी जी को लेकर सवाल करने लगी । इससे मै बड़ा बेचैन होने लगा और सेठजी से इस बारे में बात की तो कुछ विचार कर सेठजी ने अकेले में उससे बात करते और झूठ मूठ के किस्से गढ़ने लगते कि सेठानी जी गायत्री की तरह उनके हथियार को सहलाती दुलारती है अब ।
" हीही क्या रंगी बाबू , बहुत कहानी बनाते है । भला इतनी दूर से क्या दिख जाता है उनको और आपको "
" अरे वही तो , सोनल की मां की शिकायत थी वीडियो साफ साफ होता तो अच्छा रहता "
" अच्छा वो कैसे होगा "
" अगर बुरा न मानो तो मै मोबाइल दे दूंगा उससे रिकॉर्ड करके दे देना मुझे "
सेठजी ने ये सब कह कर मुझे आंख मारी और मै समझ गया कि वो बस गायत्री को उलझाए रखना चाहते है ताकि मेरी गृहस्थी बनी रहे । सेठ जी थे भी थोड़े हसमुख और मस्त मिजाज के इनसब बातों पर खुल कर बात भी करते थे मुझसे ।
फिर मैने अगली रोज वीडियो बनाने की कोशिश की लेकिन मोबाइल गलत जगह रख दिया था और वीडियो बन नहीं पाई थी अच्छे से । लेकिन उस रोज गायत्री ने बड़े जोश में थी न जाने क्यों ।
अगली रोज थोड़ा सेट करके मैने अच्छे से साफ वीडियो बनाया , वीडियो बनाना जरूरी था क्योंकि गायत्री चेक करती थी कि कैसी बनी है । हालांकि वो लजाती लेकिन सेठजी और सेठानी की के लिए उसे ये सब करने में बड़ा सुख था । उस रोज वीडियो अच्छी बनी थी

गायत्री ने शर्मा कर वीडियो सेठजी को दी और
" आज वाली अच्छी है देख लीजिए "
सेठ जी ने वीडियो चलाई और उसमें ताबड़तोड़ पेलाई की थी मैने , लंड में उस रोज अलग ही जोश था । गायत्री की सिसकिया भी बड़ी नशीली हर वक्त उसकी नजरे मोबाइल की ओर थी और उस दिन उसने अपने पूरे कपड़े निकाल कर चुदाई कि थी ।


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वीडियो देख कर सेठजी थोड़े उफनाए और गहरी सांस ली , मै समझ गया था कि इतनी कामुक वीडियो देख कर किसी का भी दिल घबरा जाए ।

" अब तो सेठानी बहन को शिकायत नहीं होगी न हीही"
" अह क्या बोलूं मै ... "
सेठ जी हिचक रहे थे और मुझे घूर कर देख रहे थे क्योंकि सेठजी से मुझसे साफ कहा था कि वीडियो बनाना नहीं है बस बनाने का नाटक करना है । लेकिन अब उन्हें कैसे समझाता कि गायत्री खुद से वीडियो चेक करती थी और उस रोज मोबाइल भी वही लेकर आई थी ।
" क्या हुआ रंगी बाबू अच्छा नहीं है क्या ? "
" अरे नहीं सब ठीक ही है ... सोनल की मां को पसंद आएगा । इससे पहले कभी आपका ये रूप नहीं देखा हाहाहा"
सेठजी का इशारा गायत्री के नंगे देह की ओर था जो वीडियो में दिख रहा था और वो वापस मुझे थोड़े नाराज नजरो से देखने लगे ।
फिर गायत्री चली गई और सेठजी ने मुझे बहुत डांट लगाई
" सेठजी , आप जानते है कि उसे आपसे अब लाज नहीं आती तो अब मै क्या करु "
" हा लेकिन ... मेरी हालात भी समझो बबलू "
मै जान रहा था कि सेठ जी भी कामोत्तेजक हो रहे थे लेकिन कोई क्या कर सकता था । बाद में मैने गायत्री से इस बारे में जिक्र किया कि सेठजी थोड़े परेशान हो गए थे तो उसने हंसी में इस बात को ले लिया और बताया कि उसने भी सेठजी की बेचैनी उनके पजामे में उछलती देखी थी । अगले दिन गायत्री जब दुकान आई तो ऊपर जाने से पहले उसने सेठजी से थोड़ा खुल कर बात की और पता चला कि सेठानी का महीना आया हुआ था और कल से ही सब बंद है । फिर हम लोग ऊपर चले गए और उस रोज गायत्री थोड़ी उदास थी उसका मन नहीं लगा उसने वीडियो बनाने से भी मना कर दिया । कही न कही उसके मन में सेठजी को लेकर दया की भावना थी । वो चली गई और रात में जब घर उससे बात हुई तो उसने कहा कि उसे आज सेठजी की तकलीफ देखी नहीं गई , एक तो उसकी वजह से सेठजी से परेशान हो गए और उसने आज उनका मजाक भी बना दिया । मैने उसे समझाना चाहा लेकिन वो अपने ग्लानि में कुछ ऐसा पहल कर गई कि मै निशब्द रह गया
" ये तू क्या कह रही है गायत्री "
" देखिए मै जानती हूं कि ये गलत है लेकिन सेठजी ने हमारे लिए इतना किया है और मुझसे उनकी ये तकलीफ नहीं देखी जाती ... मुझे ये भी पता है कि आप मुझे नहीं रोकेंगे "
" बात मेरे रोकने न रोकने की नहीं है गायत्री , सेठजी कभी नहीं तैयार होंगे मुझे इसका यकीन है ... दुकान पर रह कर मै उन्हें अच्छे से जानता हूं और इतने महीने में वो हमसे कितने खुल कर है क्या उन्होंने कभी इसका फायदा उठाया... फिर तू कैसे ? "
" हा जान रही हूं मै ... लेकिन जब वो खुश थे तो मुझे भी वहा जाना ठीक लगता है और ऐसा है तो मै नहीं आऊंगी कल से .. बता रही हूं "
वो उस रोज एकदम जिद पर आ गई , हालांकि मुझे कोई ऐतराज नहीं था कि गायत्री सेठजी को दुपहर में उनका हथियार सहला कर उसे शांत कर दे पर मुझे यकीन था कि सेठ जी राजी नहीं होंगे । लेकिन जब गायत्री ने दुकान आने से मना कर दिया तो बड़ा अजीब लगा मुझे ... सच कहूं तो दुकान पर जिस जोश से वो मेरे साथ होती थी उसकी आदत होने लगी थी मुझे भी और ये लालच ने मुझे बहका दिया । मैने उसे इजाजत दे दी

" लेकिन तू उनसे ये सब कहेगी कैसे "
" वो सब आप मुझ पर छोड़ दो हीही "
अगले रोज वो आई , उस रोज वो बाकी दिनों से ज्यादा ही सज सवर कर आई थी , सेठजी ने भी उसे ध्यान से देखा । मेरी नजरे तो उस रोज बस सेठजी पर थी । वो उस दिन सेठजी के लिए भी खाना ले आई थी ।
केबिन में हम तीनो बैठे हुए थे , उसकी साड़ी का पल्लू ढीला था और ब्लाउज भी गहरे गले का था , मैने देखा तो सेठजी की निगाहे भी उसके गोरी चूचियों को छिप कर निहार रही थी
, सच कहूं तो डर लग था कि कही सेठ जी नाराज न हो जाए लेकिन खाना खाने तक सब ठीक था ... सेठ जी बाहर चले गए दुकान में और मै ऊपर चला गया ।
ग्राहकों से निपटारा कर जब सेठजी केबिन में गए तो गायत्री वही थी
" अरे भौजी तुम ऊपर नहीं गई "
" नहीं वो बस जा रही थी ... बैठो न रंगी बाबू कुछ बात करनी है "
" हा कहिए भौजी "
" वो मै .. कल से माफी चाहती हूं मुझे पता नहीं था सेठानी बहन का महीना आया है और मैने आपका मजाक बना दिया "
" अरे तो क्या हुआ भौजाई हो इतना तो हक है आपका "
" बस इतना ही "
" मतलब "
" अरे भौजाई का और भी कुछ हक होता है न "
" साफ साफ कहिए भौजी मै समझ नहीं पा रहा "
" अरे भौजी का ये भी हक है कि उसके देवर को कोई तकलीफ न हो कम से कम उसकी वजह से "
" अरे हाहा आपने कहा मुझे तकलीफ ... "
" साफ साफ दिख रहा है रंगी बाबू अब छिपाओ मत निकालो बाहर उसे "
" ये क्या कह रही है भौजी आप , नहीं नहीं मैने कभी आपको उस नजर से नहीं "
" चलो झूठे , खूब पता है बर्तन खोजने के बहाने कमरे में तांक झांक करते हो सब पता है मुझे और भला इसमें कोई बुराई भी नहीं है मर्द होने की पहचान है .. अरे निकालो न "
" भौजी नहीं , देखिए बबलू ऊपर आपकी राह देख रहा होगा आप जाइए ..बात मानिए "
" ठीक है फिर मै घर जा रही हूं "
" अरे ? ये क्या बात हुई ! आप मुझे धर्मसंकट में डाल रही है "
" और आप मुझे , पता है कल से मै , मै कुछ अच्छे से नहीं कर पा रही हूं जब भी वो पास आते है आपका बुझा हुआ चेहरा दिखता है । आप खुश रहते है तो थोड़ा अच्छा लगता है . बस मेरी खुशी के लिए ही करने दीजिए न "
" ये सब आप क्या कह रही है भौजी ... बबलू को भनक लगी तो अच्छा नहीं होगा ये धोखा होगा उसके साथ "
" उन्हें सब पता है और ये उनकी मर्जी से हो रहा है निकालिए न उम्मम सांड जैसा तान रखा है और निकालने में शर्मा रहे है सीईईई उफ्फ कितना कड़ा है "
" ओह्ह्ह भौजी नहीं मत करिए रुक जाइए न सीईईई कितने ठंडे है आपके हाथ अह्ह्ह्ह्ह , क्या करेंगी मुंह में ओह्ह्ह्ह उम्ममम उफ्फ कितनी मुलायम जीभ अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह भौजी "
फोन पर मै लगातार वो सारी बातें सुन रहा था जो उस केबिन में सेठजी और गायत्री के बीच हुई ।उसने उस रोज सेठजी को खुश किया और फिर मेरे पास आई ... ना जाने क्यों उस रोज मुझे बड़ा जोश आया और मैने उसे बहुत बेरहमी से पेला। अगले रोज जब गायत्री आई तो सेठ जी ने कहा कि पहले हम लोग अपना काम कर ले फिर गायत्री जाते हुए मिल कर जाए ।हम समझ गए कि सेठ जी अच्छे से इंजॉय करना चाहते थे और हमें भी खुशी थी । लेकिन उसके दो रोज बाद कुछ अलग हुआ जिसकी मुझे भी उम्मीद नहीं थी । सेठजी ऊपर आ गए थे और वो खिड़की से अंदर झांक रहे थे और बाहर हिला रहे थे ,


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गायत्री ने चुदवाते हुए उन्हें देखा और उसका जोश तो कई गुना बढ़ गया और फिर बाद में सेठजी ने बताया कि कैमरे में नेटवर्क की वजह से कुछ दिक्कत थी इसलिए वो ऊपर आ गए थे । धीरे धीरे हफ्ता गुजर गया और ये सिलसिला कायम रहा ... अब सेठानी जी कोई बात नहीं होती थी ये सब हमारे रूटीन में शामिल जैसे हो गया ।ना सेठजी ने कभी मना किया और न गायत्री ने कुछ कहा । रोज सेठजी ऊपर आते और कभी खिड़की से तो कभी दरवाजे से अंदर देखकर हिलाते रहते। फिर मै नीचे चला जाता गायत्री वैसे ही नंगी उनका लंड निचोड़ देती ।

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कई बार मै छिप कर देखता कि शायद सेठजी कुछ पहल करे या गायत्री को छुए लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।

हम थोड़ा और खुलने लगे और मै गायत्री को चोदने के बाद कमरे में कुछ देर ठहरने लगा और गायत्री मेरे सामने ही सेठजी का मोटा लंबा लंड चुस्ती और शांत करती उन्हें ।
एक रोज गायत्री ने पहल की अगर सेठजी को दिक्कत नहीं है तो वो नीचे केबिन में ही अपना काम कर सकते है और वो आराम से सोफे पर बैठ कर इसका मजा ले सकते है , गायत्री को सेठजी को लंबे समय तक खड़ा होकर देखना अच्छा नहीं लगता था । सेठजी मान गए

पहले हम शुरू हो जाते थे और फिर सेठ जी केबिन में आते और सोफे पर बैठ कर आराम से हमारी तरफ देखते अपना लंड मसलते।


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एक रोज गायत्री मेरे ऊपर बैठी उछल रही थी और सामने सेठ जी अपना लंड हिला रहे थे और एकदम से गायत्री ने उन्हें अपने पास बुला लिया।

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सेठजी भी आ गया और गायत्री मेरे लंड पर उछलते हुए उनका लंड चूसने लगी । वो नजारा मेरे लिए बहुत कामोत्तेजक था और फिर जब मै झड़ गया तो गायत्री ने मुझे बाहर भेज दिया और कुछ ही देर बाद केबिन से वापस से गायत्री की मादक तेज सिसकिया उठने लगी । मै समझ गया कि गायत्री ने आज सेठ जी को खुद को पूरा सौंप दिया था

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और मैने हल्के से दरवाजा खोल कर अंदर देखा तो सेठजी हफ्तों की भड़ास को गायत्री के चूत में अपना लंड डाल कर उतार रहे थे उसको घोड़ी बना कर । उसके बाद से हर रोज का ही है लगभग कि दुपहर में सेठजी और फिर मै बारी बारी गायत्री के साथ करते थे । इधर जब सेठजी नहीं है तो वो नहीं आती है लेकिन सेठजी के मोटे लंड की तलब अभी भी उसे तंग करती है और इसीलिए मैने वो चुराया था कि उसको अच्छे से मजे देकर वापस कर दूंगा । लेकिन वो उसे इतना पसंद आया कि जबतक सेठजी नहीं आते वो देने को तैयार नहीं है ।

: उफ्फ काका कितनी कामुक कहानी थी अह्ह्ह्ह्ह मेरी तो पेंट ही फट जाए हाहाहाहा
: प्लीज छोटे सेठ ये सब सेठजी या सेठानी जी को भनक न लगे , मै वादा करता हूं कि आपकी बातें भी मुझ तक ही रहेंगी
: अरे मुझे पता है लेकिन अह्ह्ह्ह खैर छोड़ो ... देखते है क्या होगा भाई कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा ।


वही इनसब से अलग अनुज को रागिनी उठा रही थी क्योंकि शाम हो रही थी ।

जारी रहेगी
Super Update Bhai ❤️❤️❤️❤️ :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker::jerker::jerker::jerker::jerker: Awesome update bhai new charter intro Gayatri Fucking Awesome keep it up i can't for next update and Ragini Anuj part ❤️❤️🤞💯
 
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