• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
15,660
22,659
229
नहीं मैडम मुझे ऐसा नहीं लगता है. आपकी कहानी तो एकदम सुपरहिट है. कभी कभी थोड़ा टाइम लग जाता है कमैंट्स आने में :)

Funlover
Ji
Aapki bat bhi sahi hai
Bane rahiye
 

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
15,660
22,659
229
the good thing about your updates is the sexy dialogbaazi that happens during the act... :)
that enhances the eroticness of the updates...

Funlover
जी बहुत बहुत धन्यवाद मित्र


मुझे डर था कि यह कहानी बहुत ही अभद्र है और शायद ही किसी को पसंद आएगी। फिर सोचा कि अगर मुझे एक्साइट कर सकती है तो कुछ लोगों को मजा देगी। मुझे प्रयास करना चाहिए, अगर लोगों को पसंद नहीं आएगा तो आगे रोक देंगे। यही डर शायद ऐसा महसूस कराती है कि ज्यादा तो नहीं हो गया!
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
4,075
15,690
159

Update 05


उसने अपने भाई को चूमा और कहा कि कल रात वह फिर सुधा या किसी और लड़की को उसके पास चुदवाने लाएगी, लेकिन उसने फिर ज़ोर देकर कहा कि वह सुंदरी को चोदने की कोशिश करे, जिसे बाकी सब चोदना चाहते हैं।

“ठीक है, आज उस सुंदर सुंदरी को चोदूँगा जिसे सारे मर्द चोदना चाहते हैं…!”

“जा बुला ला उस चुदास को…तेरे सामने चोदूँगा और तेरी चूत भी चटवाऊँगा…!”

उसने बहन से कहा कि जाकर उसे इस कमरे में ले आओ। महक उठी और फ्रॉक पहनने लगी, लेकिन परम ने उसे नंगी ही रहने दिया और कमरे से बाहर धकेल दिया। परम को लगा कि उसकी बहन का फिगर रेखा या गाँव की बाकी लड़कियों से कहीं ज़्यादा अच्छा है और उसने जल्द ही उसका कौमार्य भंग करने की सोची। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके लंड से पहले उसकी बहन की चूत में तीसरा लंड जाएगा। महक कमरे में वापस आई और बोली कि सुंदरी आ रही है और उसे ज़ोर से चोदना चाहिए। परम ने पूछा कि क्या पापा ने उसे नंगी देखा है। महक ने जवाब दिया कि वह गहरी नींद में है, लेकिन पूरी तरह से नंगे। उसने अपने पापा का आधा खड़ा लंड देखा। महक ने लंड मुँह में लिया और उसे निगलने और चबाने लगी। परम ने उसके स्तन सहलाए और फिर सुंदरी पेटीकोट और ऊपर सिर्फ एक दुपट्टा में कमरे में दाखिल हुई। उसने अपने बच्चों को नंगे देखा। उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और दोनों बच्चों के बीच आ गई।
मैत्री और फनलव द्वारा अनुवादित रचना है

"बच्चों क्या चाहिए?" उसने ज़ोर से पूछा।

दोनों ने एक साथ जवाब दिया, "माँ तुम्हारी चूत..!"

और परम ने अपना लंड उसकी चूत के द्वार पर रखा और लंड को अंदर धकेल दिया। लंड बिना कोई हिचकिचाहट से चूत में गहराई तक घुस गया। परम ने उसे कंधे से पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा। चुदाई करते हुए और अपनी बेटी की चूत सहलाते हुए सुंदरी ने पूछा कि क्या परम ने उसकी बहन को चोदा है। महक ने जवाब दिया कि वह अभी कुंवारी है, लेकिन जल्द ही परम उसे चोदेगा, यह एक प्रकार से मेरा वादा है।

सुंदरी ने महक की चूत पर उंगली उठाई और कहा कि “जब तक वह कुंवारी है, उसे ऐसे ही रहना चाहिए। मैं चाहती हु कि उसकी 'सील' किसी व्यक्ति द्वारा कम से कम 2.00 लाख रुपये की भारी कीमत पर तोड़ी जाए। क्या ख़याल है बच्चो?“

उसने परम को भी सलाह दी कि “बेटा,तुम्हे उसे तब तक नहीं चोदना चाहिए जब तक उसकी सील न टूट जाए।“

अब जहा पैसो की बात हो तो, परम को महक को चोदने की कोई जल्दी नहीं थी। उसके पास चोदने के लिए बहुत सारी लड़कियां उपलब्ध थीं और जैसा कि महक ने कहा था कि उसे कल चोदने के लिए एक और माल (लड़की) मिल सकती है। वह सुन्दरी की चूत पर थप-थपाता रहा।

महक ने सुंदरी से पूछा, “माँ तुम कितना लंड खा चुकी हो…?”

"ज्यादा नहीं, सिर्फ पांच, लेकिन अब मन करता है कि रोज नया-नया लंड से चुदवाऊं। तेरे बाप के साथ चुदाई में मजा नहीं आता है..।" उसने परम की पीठ पर अपने पैर रख दिए और उससे कहा कि “बेटा, अब मेरे लिए भी कोई नया लंड धुन्धो पर जरा पैसो में कामले भी देख लेना बेटे। अच्छा लगता है जब चूत में लंड और ऊपर से पैसा भी! दोनों जरूरियात एकसाथ पूरी हो जाए।”
मैत्री और फनलव की अनिवादित रचना

उसने महक की चूत पर हाथ रखते हुए कहा:” बेटी मैं चाहती हु की तेरी शील कोई आमिर आदमी ही तोड़े,वैसे भी शील का क्या काम है, चुदवाना तो है ही....है ना सही कह रही हु ना बेटी?”

अरे माँ अब हम मिल के जो भी करना है करेंगे, तुम नाहक की चिंता कर रही हो, अभी तो भाई के लंड पर ध्यान दो और उसके लंड को पूरा अन्दर तक जाने दो ताकि तुम्हारी भूख मिट सके।


“मां, तुम बोलो तो, तुम्हें चोदने के लिए लंड की लाइन लगा दूंगा..” परम अपने धक्के को तेज़ करते हुए बोला।
बने रहिये इस कहानी में मेरे साथ और आपकी राय देना ना भूले प्लीज़

Ekdum mast update he Funlover Ji

Keep rocking
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
4,075
15,690
159
अब आगे..............

“मुफ्त में किसी से नहीं चुदवाऊंगी… महक तुम भी मुफ्त में अपनी जवानी को मत लुटाना..!”


सुंदरी अपने कूल्हे हिलाने लगी, उसने परम को मजबूती से पकड़ लिया..।

“आह बेटे, चोदो, जोर से धक्का मारो..आह्ह मजा आ रहा है.. लंड को ओर अंदर पेलो…!”

सुंदरी को और अधिक उत्तेजित करने के लिए परम ने ज़ोर का धक्का दिया और पूछा..

“रानी,मजा आ रहा है बेटे के लंड से चुदने में..?”

“हा, बहुत मजा आ रहा है..! बेटे से चुदवाने का सब माँ को मजा आता है बेटे,और यहाँ तो मेरी बेटी भी साथ दे रही है, उस से ज्यादा मजा और कहा मिलेगा! तुम मुझे स्वर्ग की सैर करा रहे हो बेटे, ह्म्म्म, अब अपनी माँ चोदो, आराम से।”

“रोज़ लंड चूत में लोगी!”

“अब यह भी कोई पूछने की बात है,रोज़ चुदवाऊँगी।”

“गांड मरवाओगी!”

“हा, मेरी गांड भी तो अब तेरी ही है राजा, जब तुम कहो,गांड भी मारवाउंगी।”

“मेरे दोस्त का लंड खाओगी?”

"हा।"

“कुत्ते का भी लंड चूसोगी?”

“हा, मुझे तो लंड से मतलब है, कुत्ते का हो या इंसान का, लंड भी चूसूंगी।”

“कुत्ते का लंड चूत में लोगी..!”

“बेटी की चूत चाटोगी..!”

“अरे हा, चाटूँगी…अब उसमे कोई नयी बात नहीं है, मुझे महक की चूत से पहले से प्रेम है।” और परम ने चुदाई की और स्पीड बढ़ा दी। उसने उसकी बड़े बोब्लो को दबाया और महक को अपने लंड के साथ-साथ माँ की चूत में भी उंगली करने को कहा। महक को चूत में लंड के साथ उंगली डालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद उसने एक उंगली अंदर डाल दी। अब परम का लंड महक की उंगली के साथ सुंदरी की चूत में जा रहा था। परम ओर भी ज्यादा उत्साहित और कामुक हो गया।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना

“आ....आह बहुत मज़ा आ रहा है.. बेटे चूत को फैला कर दूसरी उंगली भी अंदर डालो।” सुंदरी को भी मज़ा आया।

महक ने चूत के होंठ खींचे और अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली भी सुंदरी की चूत में डाल दी। अब परम का लंड उसकी बहन की दो उंगलियों के साथ चुदाई कर रहा था। सुंदरी की चूत कस गई थी। उसे बहुत तेज़ उत्तेजना महसूस हुई और वह खुद पर काबू नहीं रख पाई और चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई। और उसकी चूत ने परम के लोडे और महक की उंगलियो पर अपना चरमोत्कर्ष का परिणाम दे दिया। परम सुंदरी को चोदता रहा,

“बेटा आज चूत में बहुत धक्का लगा है,काफी बार मेरी चूत चोदी गई है अब मेरी चूत में ज्यादा पानी छोड़ने को नहीं है। लंड निकालो और मेरे मुँह में पानी गिरा दो। अपने लंड का अमृत दे ही दो।”

परम ने लंड बाहर निकाला। लंड एक ज़ोरदार छींटे के साथ निकला, “फच्चक”। महक ने भी अपनी दो उंगलियाँ बाहर निकालीं और झुककर उसकी चूत के होंठ को चाटने लगी। उसने सुंदरी की क्लिट और चूत के होंठ चबाए और अपनी उंगली से माँ की भोस को टटोला। परम ने लंड को सुंदरी के मुँह में डाला और धीरे-धीरे धक्के दिए। सुंदरी ने लंड को ज़ोर से काटा और मुँह में लिया और परम ज्यादा ना टिकते हुए, परम के लोडे ने वीर्य उगल दिया।


सुंदरी ने थोड़ा सा पी लिया और अपने होंठों से वीर्य की धार बहने दी। महक सुंदरी की चूत चाटने में व्यस्त थी। परम सीधा लेट गया और अपनी माँ और बहन को देखने लगा। कुछ देर बाद सुंदरी ने अपनी बेटी के पैरों को उसके सिर की तरफ खींचा और उसने महक को लिटा दिया। अब माँ और बेटी 69 की पोजीशन में थीं और माँ उसके ऊपर लेटी हुई बेटी की चूत चाट रही थी।
अपनी राय देना न भूलना प्लीज़.....................

Gazab ki update he Funlover Ji

Uttejna aur kamukta se bharpur..........

Keep posting dear
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,932
10,268
159
अब आगे..............

“मुफ्त में किसी से नहीं चुदवाऊंगी… महक तुम भी मुफ्त में अपनी जवानी को मत लुटाना..!”


सुंदरी अपने कूल्हे हिलाने लगी, उसने परम को मजबूती से पकड़ लिया..।

“आह बेटे, चोदो, जोर से धक्का मारो..आह्ह मजा आ रहा है.. लंड को ओर अंदर पेलो…!”

सुंदरी को और अधिक उत्तेजित करने के लिए परम ने ज़ोर का धक्का दिया और पूछा..

“रानी,मजा आ रहा है बेटे के लंड से चुदने में..?”

“हा, बहुत मजा आ रहा है..! बेटे से चुदवाने का सब माँ को मजा आता है बेटे,और यहाँ तो मेरी बेटी भी साथ दे रही है, उस से ज्यादा मजा और कहा मिलेगा! तुम मुझे स्वर्ग की सैर करा रहे हो बेटे, ह्म्म्म, अब अपनी माँ चोदो, आराम से।”

“रोज़ लंड चूत में लोगी!”

“अब यह भी कोई पूछने की बात है,रोज़ चुदवाऊँगी।”

“गांड मरवाओगी!”

“हा, मेरी गांड भी तो अब तेरी ही है राजा, जब तुम कहो,गांड भी मारवाउंगी।”

“मेरे दोस्त का लंड खाओगी?”

"हा।"

“कुत्ते का भी लंड चूसोगी?”

“हा, मुझे तो लंड से मतलब है, कुत्ते का हो या इंसान का, लंड भी चूसूंगी।”

“कुत्ते का लंड चूत में लोगी..!”

“बेटी की चूत चाटोगी..!”

“अरे हा, चाटूँगी…अब उसमे कोई नयी बात नहीं है, मुझे महक की चूत से पहले से प्रेम है।” और परम ने चुदाई की और स्पीड बढ़ा दी। उसने उसकी बड़े बोब्लो को दबाया और महक को अपने लंड के साथ-साथ माँ की चूत में भी उंगली करने को कहा। महक को चूत में लंड के साथ उंगली डालना मुश्किल लग रहा था। लेकिन थोड़ी कोशिश के बाद उसने एक उंगली अंदर डाल दी। अब परम का लंड महक की उंगली के साथ सुंदरी की चूत में जा रहा था। परम ओर भी ज्यादा उत्साहित और कामुक हो गया।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना

“आ....आह बहुत मज़ा आ रहा है.. बेटे चूत को फैला कर दूसरी उंगली भी अंदर डालो।” सुंदरी को भी मज़ा आया।

महक ने चूत के होंठ खींचे और अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली भी सुंदरी की चूत में डाल दी। अब परम का लंड उसकी बहन की दो उंगलियों के साथ चुदाई कर रहा था। सुंदरी की चूत कस गई थी। उसे बहुत तेज़ उत्तेजना महसूस हुई और वह खुद पर काबू नहीं रख पाई और चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई। और उसकी चूत ने परम के लोडे और महक की उंगलियो पर अपना चरमोत्कर्ष का परिणाम दे दिया। परम सुंदरी को चोदता रहा,

“बेटा आज चूत में बहुत धक्का लगा है,काफी बार मेरी चूत चोदी गई है अब मेरी चूत में ज्यादा पानी छोड़ने को नहीं है। लंड निकालो और मेरे मुँह में पानी गिरा दो। अपने लंड का अमृत दे ही दो।”

परम ने लंड बाहर निकाला। लंड एक ज़ोरदार छींटे के साथ निकला, “फच्चक”। महक ने भी अपनी दो उंगलियाँ बाहर निकालीं और झुककर उसकी चूत के होंठ को चाटने लगी। उसने सुंदरी की क्लिट और चूत के होंठ चबाए और अपनी उंगली से माँ की भोस को टटोला। परम ने लंड को सुंदरी के मुँह में डाला और धीरे-धीरे धक्के दिए। सुंदरी ने लंड को ज़ोर से काटा और मुँह में लिया और परम ज्यादा ना टिकते हुए, परम के लोडे ने वीर्य उगल दिया।


सुंदरी ने थोड़ा सा पी लिया और अपने होंठों से वीर्य की धार बहने दी। महक सुंदरी की चूत चाटने में व्यस्त थी। परम सीधा लेट गया और अपनी माँ और बहन को देखने लगा। कुछ देर बाद सुंदरी ने अपनी बेटी के पैरों को उसके सिर की तरफ खींचा और उसने महक को लिटा दिया। अब माँ और बेटी 69 की पोजीशन में थीं और माँ उसके ऊपर लेटी हुई बेटी की चूत चाट रही थी।
अपनी राय देना न भूलना प्लीज़.....................
बहुत ही बढ़िया और लाजवाब अपडेट है कामुकता से भरपूर । परम और सुंदरी को मज़े के साथ पैसे का लालच भी आ गया है !

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,932
10,268
159
मुनीम भी वही चाहता था वह भी बीना रुकावट अन्दर चला गया, जहा पहले से ही उसकी बीवी चुद के गई थी।

अरे मुनीम यहाँ आ के बैठो”

लेकिन मुनीम वही खड़ा रहा, सेठजी के पास। सेठजी ने खड़े हुए मुनीम के धोती के अन्दर ही हाथ डाल दिया और मुनीम के लंड तक पहुच गया। दूसरी सेकण्ड पर सेठजी के हाथ में मुनीम का लंड जो अधखड़ा था, हाथ में आ गया, सेठजी ने दूसरा हाथ पीछे की ओर दाल दिया और मुनीम की गांड के छेद पर जाके अटका।

मुनीम मुस्कुराया और फुसफुसाया “सेठजी लोगे की दोगे?”

“दोनों! हर माल को सही तरीके से पहचानना जरुरी है मुनीम” कह के मुनीम की धोती को ऊपर कर दी और मुनीम का अध खड़ा हुआ लंड सेठजी के मुह के द्वार पे आए खड़ा हो गया।

सेठजी ने बिना पूछताछ किये उसका लोडा अपने मुह में टपका दिया और मुह में ही उसकी चमड़ी को ऊपर निचे करता रहा।

“आह्ह्ह सेठजी”

सेठजी ने अपनी मुह की स्पीड जरा तेज कर दी क्यों की उसे थोड़ी जल्दी थीऔर अभी अभी उसके मुह में परम का वीर्य पड़ा हुआ था। पर सेठजी आये हुए मौके को गवाना नहीं चाहता था क्यों की यही मौक़ा था सुंदरी को उसके पति के सामने चोदने का।

सेठजी ने लपालप मुनीम के लंड को चगलना चालू कर दिया और उसी बिच सेठजी ने मुनीम की गांड को तराशा और दुसरे पल उसकी आधी ऊँगली मुनीम की गांड में घुस गई थी।

तक़रीबन 15-20 मिनट की चुसाई के बाद मुनीम ने एक कराह के साथ अपना माल सेठजी के मुह में खली कर दिया। सेठजी ने संतृप्त नजरो से उसकी ओर देखा और मुस्कुरये, “मस्त माल था, अब से रोज ही ऐसा चलेगा थी है?”

“जी सेठजी, बस आपका लंड है जब भी चाहे आप मुह में ले के खाली कर सकते है, सच कहू तो सुंदरी से भी ज्यादा मजा आई आज!

इस दौरान सेठजी की तीन ऊँगली मुनीम की गांड में पूरी धसी हुई थी, काम ख़तम होने काठ-साथ ऊँगली भी बहार आई और दोनों पुरुष ने मिल कर ऊँगली साफ़ कर धी और धोती सरका के मुनीम बहार आ गया और सेठजी वही उसके वीर्य को मुह में चगलते हुए आगे की सोच ने लगे।

सेठजी काफी संतुष्ट थे उनके मुह में बाप-बेटे दोनों का माल पड़ा था और दोनों ही उसे भा गए थे। उसे पसंद आया था और सोचा की कभी भी अब वह मुनीम की गांड मार सकता है और उसका माल भी खा सकता है और बिना कुछ डरे वह जब चाहे सुंदरी को उठा के चोद सकता है, सामने परम उसकी पत्नी और बेटी को चोदेगा या उसकी बहु को भी चोद सकता है लेकिन उसको उसकी परवा नहीं थी।

क्यों की बाद में परम उसे रेखा की चूत भी दिला सकता था या फिर महक की चूत से भी लड़ा सकता है, बाप को कोई एतराज नहीं होगा। वाह वैसे सौदा बराबर का है।


****
उधर....


शेठ के घर पर परम ने देखा कि रेखा अपनी सहेलियों के साथ बैठी है। परम को देखकर किसी ने कमेंट किया, "साला रेखा का गुलाम आ गया।"

“बहुत प्यार करता है, रेखा को ससुराल जाने दो, फिर साले को नीम के पत्ते पर भी चाटने के लिए नहीं मिलेगा।”

तीसरी ने कहा, “तुम लोग मत देना, मैं तो परम को रात दिन अपनी स्कर्ट के नीचे छुपा कर रखूंगी, साला बहुत मस्त लड़का है।।” उसने पूछा, “रेखा, परम ने तुमको चोदा की नहीं?”
मैत्री और फनलव द्वारा अनुवादित रचना

सभी हँसे। इसी तरह समय बीतता गया और परम और सुंदरी घर लौट आये। मुनीम भी दूसरा राउंड उसकी गांड में सेठजी का लंड लेके अपनी गांड का छेद को बड़ी कर के सब से पहले ही वापस आ चुका था, इस बार सेठजी ने उसके मुह में ढेर सारा वीर्यदान किया था जिस से वह खुश था। रात को खाना खाने के बाद सभी सोने चले गये। परम और महेक नंगे हो गए और वहीं चूसने और झड़ने का डेली रूटीन शुरू कर दिया।

“महेक, तुम कब मेरा लंड चूत के नीचे लोगी! अब कंट्रोल नहीं होता है, मादरचोद।” परम ने कहा,


“कंट्रोल नहीं होता है तो अपनी माँ (सुंदरी) को क्यों नहीं चोदते हो....मैं थोड़े दिन और कंट्रोल करूंगी…”

बने रहिये प्लीज़....
बहुत बढ़िया मुनीम और लाला जी भी शुरू हो गए !
 

sunoanuj

Well-Known Member
3,932
10,268
159

Update 05


उसने अपने भाई को चूमा और कहा कि कल रात वह फिर सुधा या किसी और लड़की को उसके पास चुदवाने लाएगी, लेकिन उसने फिर ज़ोर देकर कहा कि वह सुंदरी को चोदने की कोशिश करे, जिसे बाकी सब चोदना चाहते हैं।

“ठीक है, आज उस सुंदर सुंदरी को चोदूँगा जिसे सारे मर्द चोदना चाहते हैं…!”

“जा बुला ला उस चुदास को…तेरे सामने चोदूँगा और तेरी चूत भी चटवाऊँगा…!”

उसने बहन से कहा कि जाकर उसे इस कमरे में ले आओ। महक उठी और फ्रॉक पहनने लगी, लेकिन परम ने उसे नंगी ही रहने दिया और कमरे से बाहर धकेल दिया। परम को लगा कि उसकी बहन का फिगर रेखा या गाँव की बाकी लड़कियों से कहीं ज़्यादा अच्छा है और उसने जल्द ही उसका कौमार्य भंग करने की सोची। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके लंड से पहले उसकी बहन की चूत में तीसरा लंड जाएगा। महक कमरे में वापस आई और बोली कि सुंदरी आ रही है और उसे ज़ोर से चोदना चाहिए। परम ने पूछा कि क्या पापा ने उसे नंगी देखा है। महक ने जवाब दिया कि वह गहरी नींद में है, लेकिन पूरी तरह से नंगे। उसने अपने पापा का आधा खड़ा लंड देखा। महक ने लंड मुँह में लिया और उसे निगलने और चबाने लगी। परम ने उसके स्तन सहलाए और फिर सुंदरी पेटीकोट और ऊपर सिर्फ एक दुपट्टा में कमरे में दाखिल हुई। उसने अपने बच्चों को नंगे देखा। उसने भी अपने कपड़े उतार दिए और दोनों बच्चों के बीच आ गई।
मैत्री और फनलव द्वारा अनुवादित रचना है

"बच्चों क्या चाहिए?" उसने ज़ोर से पूछा।

दोनों ने एक साथ जवाब दिया, "माँ तुम्हारी चूत..!"

और परम ने अपना लंड उसकी चूत के द्वार पर रखा और लंड को अंदर धकेल दिया। लंड बिना कोई हिचकिचाहट से चूत में गहराई तक घुस गया। परम ने उसे कंधे से पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा। चुदाई करते हुए और अपनी बेटी की चूत सहलाते हुए सुंदरी ने पूछा कि क्या परम ने उसकी बहन को चोदा है। महक ने जवाब दिया कि वह अभी कुंवारी है, लेकिन जल्द ही परम उसे चोदेगा, यह एक प्रकार से मेरा वादा है।

सुंदरी ने महक की चूत पर उंगली उठाई और कहा कि “जब तक वह कुंवारी है, उसे ऐसे ही रहना चाहिए। मैं चाहती हु कि उसकी 'सील' किसी व्यक्ति द्वारा कम से कम 2.00 लाख रुपये की भारी कीमत पर तोड़ी जाए। क्या ख़याल है बच्चो?“

उसने परम को भी सलाह दी कि “बेटा,तुम्हे उसे तब तक नहीं चोदना चाहिए जब तक उसकी सील न टूट जाए।“

अब जहा पैसो की बात हो तो, परम को महक को चोदने की कोई जल्दी नहीं थी। उसके पास चोदने के लिए बहुत सारी लड़कियां उपलब्ध थीं और जैसा कि महक ने कहा था कि उसे कल चोदने के लिए एक और माल (लड़की) मिल सकती है। वह सुन्दरी की चूत पर थप-थपाता रहा।

महक ने सुंदरी से पूछा, “माँ तुम कितना लंड खा चुकी हो…?”

"ज्यादा नहीं, सिर्फ पांच, लेकिन अब मन करता है कि रोज नया-नया लंड से चुदवाऊं। तेरे बाप के साथ चुदाई में मजा नहीं आता है..।" उसने परम की पीठ पर अपने पैर रख दिए और उससे कहा कि “बेटा, अब मेरे लिए भी कोई नया लंड धुन्धो पर जरा पैसो में कामले भी देख लेना बेटे। अच्छा लगता है जब चूत में लंड और ऊपर से पैसा भी! दोनों जरूरियात एकसाथ पूरी हो जाए।”
मैत्री और फनलव की अनिवादित रचना

उसने महक की चूत पर हाथ रखते हुए कहा:” बेटी मैं चाहती हु की तेरी शील कोई आमिर आदमी ही तोड़े,वैसे भी शील का क्या काम है, चुदवाना तो है ही....है ना सही कह रही हु ना बेटी?”

अरे माँ अब हम मिल के जो भी करना है करेंगे, तुम नाहक की चिंता कर रही हो, अभी तो भाई के लंड पर ध्यान दो और उसके लंड को पूरा अन्दर तक जाने दो ताकि तुम्हारी भूख मिट सके।


“मां, तुम बोलो तो, तुम्हें चोदने के लिए लंड की लाइन लगा दूंगा..” परम अपने धक्के को तेज़ करते हुए बोला।
बने रहिये इस कहानी में मेरे साथ और आपकी राय देना ना भूले प्लीज़
बहुत ही अच्छा अपडेट है !
 

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
15,660
22,659
229
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है
मजा आ गया
आपका बहोत बहोत धन्यवाद
 

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
15,660
22,659
229
बडा ही शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
जी शुक्रिया दोस्त
 
Top