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Adultery गुलाम

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अगले दिन रजिया जब खाना खाकर अपने कक्ष में गई तो उसके पास दोपहर के समय आई तो रजिया उसे देखते ही बोली:"

" मिल गई फुरसत तुम्हे आने के लिए ? कल से अब दिख रही हो मुझे !

अमीना:" मैं तो कल बेहोश ही हो गई थी! आप तो कल चली आई लेकिन मुझे तो बाद मे सैनिक लेकर आए! सुबह ही होश आया तो खिदमत में हाजिर हो गई!
सुनने में आया है कि आपको कल बलदेव ने बचा लिया और सबको मार गिराया!

रजिया:" हां मुझे भी कल मौत ही नजर आ गई थी लेकिन बलदेव ने कल हमे मौत के मुंह से ही निकाल दिया! सच में वो असीमित ताकत का मालिक हैं!

अमीना थोड़ा मजाक करते हुए बोली:" वो तो हैं !! अच्छा एक बात बताओ कल उसमें से बदबू नहीं आई क्या ?

रजिया ने उसे घूरकर देखा और बोली:" ज्यादा मत बनो तुम समझी! बदबू तो तुम्हे भी आती हैं उसमें से तभी तो कल नाक बना रही थी तुम भी !

अमीना उसकी बात सुनकर हल्की सी झेंप गई और बोली:"

" हां ये बात तो सच हैं! अच्छा उसने आपकी जान बचाकर आपके ऊपर एहसान किया हैं ये बात तो आप मानती हैं या नहीं!

रजिया:" हां बिल्कुल ये बात तो मैं मरते दम तक नहीं भूल सकती हूं!! मैने तो खुद को मरा हुआ ही मान किया था और मेरी ज़िंदगी बलदेव की की ही देन है!


अमीना:" तो मेरे खयाल से एक बार आपको उसे शाही तालाब में स्नान करने देना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि उससे उसकी बदबू दूर हो जाए!

अमीना की बात सुनकर रजिया जोर से हंसी और बोली:"

" ऐसा भी कहीं संभव हैं ? उल्टा पुल्टा कुछ भी बोल देती हो तुम!

अमीना:" इसमें क्या उल्टा पुल्टा! शाही तालाब में इतनी सारी जड़ी बूटियां और खुशबू वाले पदार्थ मिलाए जाते हैं तो शायद उसका भला हो जाए! मेरे ख्याल से आपको उसके लिए इतना तो करना ही चाहिए!

रजिया थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई और फिर बोली:"

" चलो मान लिया कि उसकी बदबू चली जाएगी लेकिन वो शाही तालाब तक आएगा कैसे इतना पहरा होने के बाद!! बादशाह मुझे फांसी लगा देंगे!

अमीना:" आपके लिए तो बेहद आसान काम हैं क्योंकि महल के सारे गुप्त सारे आपसे बेहतर भला और कौन जान सकता हैं!

रजिया:" लेकिन एक गुलाम तो न के गुप्त रास्ते दिखाना सुरक्षा के नजरिए से ठीक नहीं है और दूसरी बात जब आयेगा तो क्या बदबू से सबको पता नहीं चल जाएगा क्या ?

अमीना:" सही गलत क्या हैं वो आप देखिए! मुझे जो सह लगा मैंने आपको बता दिया आगे क्या करना है आपकी मर्जी! वैसे पता चला है कि आज राज वैद्य बलदेव के पास गए थे इलाज करने के लिए! सुनने में आया हैं कि उसकी कमर पर कल घाव हुआ हैं युद्ध में!!

रजिया घाव की बात सुनकर चिंतित होते हुए बोली:"

" हां मैने भी बाद मे देखा था ! पता करो उसे ज्यादा चोट तो नहीं लगी है! बेचारा हमारी वजह से घायल हो गया!

अमीना:" मुझे उस तरफ जाने के अधिकार तो नहीं हैं लेकिन फिर भी पता करने की कोशिश करूंगी!!

उसके बाद अमीना बाहर आकर काम में लग गई और रजिया के दिलों दिमाग में सवालों का जाल बुनकर उसे मुश्किल में डाल दी थी! सबसे बड़ी चिंता उसके लिए बलदेव की हालत का पता करना था! वो मीर जाफर को भी नहीं बोला सकती थी क्योंकि पता नहीं उसके मन में क्या विचार आए और कहीं कुछ गलत ही न सोच ले! रजिया को खुद ही अपनी इस सोच पर हंसी आ गई कि भला ऐसा हो भी कैसे सकता हैं कहां वो मीर जाफर की बेगम और दूसरी तरफ वो बदबूदार गुलाम!

लेकिन फिर भी रजिया को मीर जाफर से पूछना ठीक नहीं लगा और उसने कुछ दूसरा ही तरीका सोचने का फैसला किया लेकिन उसे कुछ भी खास समझ नहीं आया तो उसने सोचा जो होगा देखा जाएगा और नींद में चली गई और शाम तक सोती ही रही!

धीरे धीरे हमेशा की तरह रात फिर से गहराने लगी और रजिया उठी और खाना खाने के बाद अपने कक्ष में आ गई ! खाना खाते हुए उसकी अमीना से बात हुई थी लेकिन उसने साफ मना कर दिया कि वो बलदेव की हालत का पता नहीं कर पाएगी और कर भी नहीं पायेगी!

रात के करीब 12 बज गए थे और रजिया की आंखों में नींद का नमो निशान तक नहीं था! एक तो वो अक्सर ही रात तो देर से सोती थी और आज तो दिन में भी काफी घंटे सोई थी तो बिस्तर पर पड़ी हुई करवट बदल रही थी! अभी दो दिन पहले ही उसका मासिक धर्म खत्म हुआ था जिससे उसके बदन में उत्तेजना का संचार हो रहा था लेकिन रजिया के पास कोई उपाय नहीं था!

रजिया का बदन मानो आग का गोला बना हुआ था और वो जिस्म से लपटे सी निकल रही थी! रजिया बिस्तर पर उल्टी लेती हुई अपनी गोल मटोल मस्त चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही बिस्तर पर रगड़ रही थी! रजिया से बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने हमेशा की तरह आज फिर से शाही तालाब में नहाने का सोचा और धीरे से अपने कक्ष से बाहर निकल आई और चलती हुई शाही बगीचे में आ गई और तालाब के अंदर उतर गई! तालाब के ठंडे पानी से उसे बेहद सुकून मिला लेकिन बात सिर्फ जिस्म की नहीं थी! रजिया की तो रूह तक प्यासी थी और थोड़ी देर बाद ही उसे तालाब में भी गर्म का एहसास होने लगा तो रजिया बाहर निकल आई और बगीचे में घूमने लगी! चलती हुई वो उसी गुप्त जगह पर आई जहां से वो बाहर निकला करती थी लेकिन आगे बढ़ गई क्योंकि वो अपने आपको कल की तरह किसी मुसीबत में नहीं डालना चाहती थी! रजिया को बगीचे में घूमते हुए बलदेव की याद आई तो उसे याद आया कि बलदेव को तो कमर में चोट लगी थी और मुझे उसकी हालत का पता करना चाहिए लेकिन कैसे!! अमीना के अलावा कोई मेरी मदद नहीं कर सकता और उसने भी तो साफ साफ मना कर दिया है कि वो मेरी कोई मदद नहीं कर पाएगी! नहीं नहीं मैं इतनी खुदगर्ज नहीं हो सकती कि अपनी जान बचाने की खबर भी न ले पाऊं!

दिन में तो चाह कर भी नहीं जा सकती और अब रात में जाना खतरे से खाली नहीं होगा! क्या मुझे ये खतरा मोल लेना चाहिए? हो सकता है कि कल की तरह आज मुझे सैनिक नहीं देख पाए और मैं दूर से ही बलदेव को देख लूंगी तो मेरे ऊपर से बोझ हट जाएगा!

रजिया इसी कश मक़श में घूमती रही और अंत में दिल और दिमाग की जंग में उसके दिल की जीत हुई और रजिया ने जाने का फैसला किया लेकिन वो आज किसी जल्दबाजी में नहीं थी इसलिए उसने रात को और बढ़ने दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा सैनिक सोए हुए मिल सके! करीब 2:40 के आस पास रात को वो बगीचे से बाहर निकल आई! डर और रोमांच के मारे उसकी धड़कन बढ़ गई थी और माथे से पसीना छलक आया था और कांपते हुए कदमों से वो आगे बढ़ गई!

अंधेरी स्याह रात में मीर जाफर की खूबसूरत बेगम चोरों की तरह छिपती हुई आगे बढ़ रही थी और उसे अब अपने अंजाम की कोई परवाह नहीं थी क्योंकि वो किसी भी हालत में आज बलदेव की हालत पता करना चाहती थी! कल के मुकाबले आज उसका आत्म विश्वास कई गुना ज्यादा था क्योंकि कल वो अचानक से उस तरफ बढ़ गई थी जबकि आज वो जान बूझकर उस रास्ते पर बढ़ रही थी! चोरों की तरफ इधर उधर देखते हुए आखिकार वो तरफ मूड गई जिधर बलदेव सिंह रहता था और आगे बढ़ने पर उसे हल्की बदबू का एहसास होने लगा तो उसके कदमों को गति और दिल की धड़कन ज्यादा बढ़ गई क्योंकि वो बिलकुल सही दिशा में आगे बढ़ रही थी! अब रजिया के लिए सबसे बड़ी दिक्कत थी कि अगर उसने बलदेव को देख भी लिया तो उसकी हालत का कैसे पता करेगी और सबसे बड़ी बात अगर इतनी रात को बलदेव ने उसे देख लिया तो उसके बारे में वो क्या सोचेगा ये सोचकर रजिया के सामने एक नई मुश्किल खड़ी हो गई थी लेकिन रजिया के कदम बढ़ते ही जा रहे थे! धीरे धीरे बदबू बढ़ने लगी तो रजिया ने दुपट्टे को अपनी नाक पर लगा लिया लेकिन उसे कदम नहीं रुके! काली स्याह रात का अंधेरा रजिया का पूरा साथ दे रहा था और जोर से चलती हुई हवा के झोंके उसके कदमों की आहट को दबा रहे थे मानो आज प्रकृति भी पूरी तरह से रजिया का साथ दे रही थी!

रजिया जिसके ही बाई तरफ मुड़ी तो उसे वो किला नजर आया जिस पर बलदेव रहता था और वहां हल्की रोशनी भी थी लेकिन अभी इतनी दूर से कोई नजर नहीं आ रहा था! सामने सड़क पर रह रहकर सैनिक पहरा देते हुए गुजर रहे थे तो रजिया ने सावधानी से इधर उधर देखा और उसे एक पतली सी गली नजर आई जो किले की तरफ ही जा रही थी तो रजिया इधर उधर देखते हुए गली में मुड़ गई दिल की धड़कन अब पूरी रफ्तार से चल रही थी जिससे उसकी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी मानो एक दूसरे को हराने में लगी हुई हो और मानो दिल बाहर निकल कर आना चाहता था!

अब बढ़नी बढ़ती ही जा रही थी और रजिया ने कसकर अपने दुपट्टे को नाक पर रख लिया और अब वो अंधेरे में थी किले के सामने ही खड़ी हुई थीं! रजिया साफ तौर पर देख पा रही थी कि आज पास कई सारे सैनिक पहरा दे रहे थे लेकिन उसे बलदेव कहीं नजर नहीं आ रहा था!

रजिया दम साधे इस उम्मीद में वही खड़ी रही कि शायद उसे बलदेव दिख जाए लेकिन बलदेव नजर नहीं आया! रजिया को एक उपाय सुझा और वो हिम्मत करके दीवार पर चढ़ गई और धीरे धीरे आगे बढ़ती ही छत की तरफ जाने लगी क्योंकि छत काफी ऊंचाई पर थी! रजिया को खुद समझ नहीं आ रहा था कि उसके अंदर इतनी हिम्मत कहां से आ रही थीं लेकिन वो बाद चढ़ती गई और अब वो किले एक ठीक सामने एक घर की छत पर पहुंच गई थी और किले उसे काफी हद तक नजर आ रहा था लेकिन सिर्फ बलदेव नहीं दिख रहा था जिसके लिए वो इतनी मुसीबत उठा रही थी!

निराश हो चुकी रजिया ने थोड़ी देर और इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो अंत में परेशान होकर उसने वापिस जाने का फैसला किया और जैसे ही वापिस जाने के लिए मुड़ी तो और किले पर एक बड़ी सी परछाई दिखाई दी और रजिया समझ गई कि ये जरूर बलदेब ही है और देखते ही देखते बलदेव सामने आ गया तो रजिया को लगा मानो उसे कोई खजाना मिल गया हो!

हां ये बलदेव की तो था बिलकुल किसी दैत्य जैसा लंबा चौड़ा स्याह काला! किले की दीवार पर चलता हुआ तो किसी जिन्न के जैसा प्रतीत हो रहा था और रजिया को अचंभा हो रहा था कि उसके भारी भरकम वजन को किले की दीवार कैसे सह पा रही है! रात होने के कारण बलदेव ने सिर्फ एक लूंगी पहन रखी थी जिससे उसकी चौड़ी छाती पूरी तरह से रजिया को नजर आ रही! हालांकि रजिया थोड़ी दूर थी लेकिन फिर भी वो साफ देख पा रही थी कि आम आदम के मुकाबले बलदेब की छाती कम से कम चार गुणा बड़ी थी और उसकी छाती पर काले घने बाल ऐसे उगे हुए थे मानो बाल न होकर कोई फसल उग आई हो!

रजिया ध्यान से बलदेव की मोटी ताकतवर भुजाएं आंखे खोल खोल कर देख रही थीं और फिर रजिया की नजर उसके लुंगी पर पड़ी तो वहां उसे कुछ बेहद बड़ा और मोटा सा नजर आया तो रजिया के जिस्म में तेज सनसनाहट सी दौड़ गई और उसकी आंखे अपने आप बंद हो गई! रजिया ने हिम्मत करके फिर से अपनी आंखों को खोला तो देखा कि बलदेव पलट चुका था और उसकी कमर रजिया के सामने आ गई तो उसने देखा कि बलदेव की कमर पर पट्टी बांधी थी मतलब उसे काफी गहरा घाव लगा था! तभी आसमान में जोर से बिजली कड़की और बलदेव की नजर सामने लगे हुए बड़े से शीशे पर गई तो उसे मानो अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ


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सामने लगे हुए शीशे में उसे रजिया नजर आई क्योंकि ये वही कपड़े थे वो उसने कल भी पहले हुए थे! जैसे ही बिजली की चमक बंद हुई तो रजिया नहीं दिखी लेकिन बलदेव समझ गया था कि सामने छत पर ये औरत रजिया ही हैं! लेकिन ये इतनी रात को यहां क्या करने आई हैं ये बात उसकी समझ में नहीं आ रही थी!

रजिया फिर से बलदेव की कमर देख रही थी और उसे अफसोस हो रहा था कि ये सब मेरी वजह से हुआ हैं तो उसे बेहद दुख हो रहा था! बलदेव को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे क्योंकि इतनी रात को रजिया को अगर किसी ने वहां देखा लिया तो उसकी बड़ी बदनामी होगी! तभी फिर से तेज हवा के साथ जोर से बिजली कड़की और उस बार जैसे कयामत ही आ गई क्योंकि शीशे में दोनो की नजरे टकरा गई और रजिया को काटो तो खून नहीं! उसे समझ नहीं आया कि क्या करे और किसी पत्थर की बुत की तरह खड़ी की खड़ी रह गई! तेज हवा के झोंके के कारण उसकी छातियों पर से दुपट्टा पूरी तरह से हट गया और रजिया को तो इसका जरा भी एहसास नहीं था! जैसे ही बिजली की चमक खत्म हुई तो फिर से अंधेरा हो गया और रजिया को मानो होश आया और समझ नहीं आया कि अब क्या करे! पता नहीं बलदेव उसके बारे में क्या सोचेगा ! कहीं उसने किसी को बता दिया तो मैं किसी को मुझ दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी! रजिया का मन उलझनों से भरा हुआ था और तभी फिर से बिजली चमक उठी और रजिया की नजरे इस बार झुकी रही और बलदेव उसे देखता रहा! रजिया को समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे तो उसने हिम्मत करके फैसला किया कि उसे इशारे से बलदेव के घाव के बारे में पूछना चाहिए लेकिन तब तक बिजली की चमक फिर से गायब हो गई तो रजिया निराश हो गई और फिर से बिजली के चमकने का इंतजार करने लगी! लेकिन इस बार आसमान में काफी देर तक कोई बिजली नहीं चमकी तो रजिया निराश हो गई और वहीं दूसरी तरफ अब बलदेव भी घूमकर खड़ा हो गया तो उसका चेहरा फिर से रजिया के सामने आ गया! करीब 10 मिनट तक रजिया ऐसे ही खड़ी रही और किस्मत ने उसका साथ दिया और बड़ी जोर से साथ बिजली चमक उठी तो फिर से दोनों की नजरे मिल गई और बलदेव को हैरानी हुई कि रजिया अभी तक छत पर ही खड़ी हुईं थी!

रजिया ने हिम्मत करके बलदेव से इशारे से पूछा कि कमर में घाव कैसा हैं तो बलदेव ने भी इशारे से बता दिया कि ज्यादा बड़ी बात नहीं हैं! रजिया बलदेव का जवाब आते ही वापिस मुड़ने लगी और इशारे से उसे बता दिया कि मैं अब वापिस जा रही हूं!

रजिया सीढ़ियों से नीचे उतरने लगी और बलदेव ने बाहर पहरा दे रहे सभी सैनिकों को आवाज लगाई

" सैनिकों तुम सभी उत्तर दिशा में जाओ! उधर कुछ हलचल हो रही है!

जैसे ही बलदेव ने सैनिकों को दूसरी दिशा में जाने का आदेश दिया तो सारे सैनिक दूसरी दिशा में चले गए और रजिया ने सुकून की सांस ली ! अब रजिया वापिस उसी अंधेरी गली के मुहाने पर आ गई लेकिन उसने देखा कि सड़क पर दूर दूर तक सैनिक नहीं थे तो वो एक दीवार का सहारा लेकर खड़ी हो गई जिस पर मशाल जल रही थी और अब बलदेव उसे साफ देख पा रहा था! दोनो एक दूसरे को बिलकुल साफ देख पा रहे थे तो बलदेव ने इशारे से पूछा कि वो इतनी को यहां कर रही हैं ?

रजिया को डर भी लग रहा था कि कहीं कोई देखा न ले जिस कारण उसके शरीर में अजीब सा रोमांच मचा हुआ था और रजिया खड़ी खड़ी कांप रही थी! रजिया ने उसे इशारे से ही बताया कि वो उसके घाव की वजह से परेशान थी तो उसकी हालत मालूम करने आई थी! बलदेब ने उसे फिर से इशारे से कुछ बताया लेकिन रजिया समझने में नाकाम रही तो बलदेव ने फिर से अपने हाथों से इशारा किया लेकिन रजिया को कुछ भी समझा नहीं आया तो बलदेव ने इशारे से पूछा कि क्या मैं आपके पास आ सकता हु तो रजिया को मानो सांप सूंघ गया क्योंकि उसे बलदेव से सीधे ऐसी उम्मीद नहीं थी और रजिया की जवाब नहीं दे पाई और शर्म से उसकी गर्दन झुक गई और सोचने लगी कि बलदेव को अपने पास आने दु क्या ? कहीं किसी ने देख किया तो वो तो जीते ही मर जाएगी लेकिन फिर अगले ही पल उसे ध्यान आया कि बलदेव ने ही उसकी सुविधा के लिए सभी सैनिकों को दूसरी तरफ भेज दिया है और फिर बलदेव की वजह से ही वो जिंदा हैं तो उसे इतना तो करना ही पड़ेगा!!

बलदेव को लगा कि रजिया फिर से इशारा नहीं समझ पाई और इस बार जैसे ही रजिया ने उसकी तरफ देखा तो बलदेव ने फिर से इशारे से पूछा तो पता नहीं कैसे रजिया की गर्दन स्वीकृति में हिल गई और बलदेव नीचे की तरफ उतर आया और रजिया की तरफ बढ़ने लगा तो रजिया की सांसे तेज होने लगी और रजिया के कदम डर और उत्तेजना से अपने आप अंधेरी स्याह गली की तरफ बढ़ गए! बलदेव जैसे जैसे करीब आया गया तो रजिया को बदबू तेज आनी शुरू हो गई और रजिया ने अब पूरी तरह से अपने दुपट्टे को कसकर अपनी नाक पर बांध दिया और गली के अंदर जाकर उसके कदम अपने आप रुक गए मानो वो अब खुद ही बलदेव का इंतजार कर रही हो! बलदेव चलते हुए उसके करीब आया तो बलदेव के जिस्म से उठती हुई बदबू दुपट्टा होने बाद भी उसकी नाक से होती हुई उसके दिलो दिमाग में समा गई और अंधेरे में चलता हुआ बलदेव रजिया से टकरा गया जिससे एक झटके के साथ रजिया नीचे गिरी और बलदेव उसके ऊपर गिर पड़ा तो रजिया को लगा मानो उसके ऊपर पहाड़ ही गिर पड़ा हो और उसके मुंह से जोरदार दर्द भरी आवाज निकल पड़ी जिसे उसने बड़ी मुश्किल से अपने मुंह पर हाथ रख कर रोका और बलदेव एक झटके के साथ उसके ऊपर से खड़ा हुआ और माफी मांगने लगा

" हमे क्षमा कर दीजिए रानी साहिबा! अंधेरे में हम आपको देख नहीं पाए!

रजिया बड़ी मुश्किल से उठ खड़ी हुई और उसकी आवाज बड़ी मुश्किल से निकली:"

" ये सब अंधेरे की वजह से हुआ हैं और इसमें आपकी कोई गलती नहीं हैं! आपका जख्म कैसा है? हमे बहुत बुरा लगा कि आप हमारी वजह से घायल हो गए हैं!

बलदेव:" जख्म तो अब ठीक हैं बिल्कुल! मेरा तो धर्म ही राज परिवार की सेवा करना हैं!

रजिया:" हमसे झूठ मत बोलो बलदेव! अगर जख्म ठीक हो गया है तो पट्टी किसलिए बंधी हुई है अभी तक?

बलदेव:" आप मेरा यकीन कीजिए! ये छोटी मोटी घाव मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखती! आपको बचा पाया बस ये ही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है!

रजिया:" छोटा मोटा जख्म नहीं हैं वो ! हम जानते हैं कि आपको तीर लगा था!

बलदेव:" अब मैं क्या ही कहूं आपको! यकीन नहीं होता हैं तो आप खुद ही छूकर देख लीजिए!

रजिया को समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे और कुछ पल के लिए सोच में पड़ गई और अगले ही उसका एक हाथ आगे बढ़ा और बोली:"

" लाओ हमें देखने ही दो जब ऐसी ही बात है तो!

रजिया ने अपने हाथ को उठाते हुए उसकी कमर पर रखा तो रजिया को एहसास हुआ कि मानो उसने किसी सख्त पत्थर को छू लिया हो! रजिया ने छूकर देखा तो उसे यकीन हो गया कि बलदेव का जिस्म सचमुच पत्थर की ही तरह सख्त हैं और रजिया ने धीरे से हाथ को उसके घाव की तरफ बढ़ाया और ऊपर से जायजा लेती हुई बोली:"

" देखो तो कितनी ज्यादा लगी हैं और बोल रहे हो कि ज्यादा नहीं हैं! ध्यान रखो अपना समझे!

इतना सुनकर उसने अपना हाथ हटा लिया तो बलदेव बोला:"

" आपका एक तरह से रात को इधर आना ठीक नहीं है! अगर किसी ने आपको देख लिया तो आपके लिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी !

रजिया:" हम जानते हैं लेकिन हमारा दिल नहीं मान रहा था और चाह कर भी खुद को नहीं रोक पाए! बस इसलिए आपका हाल पूछने आ गए हम!

बलदेव:" मैं अब बिलकुल ठीक हु! मेरी इतनी चिंता मत कीजिए क्योंकि आखिर में मैं सिर्फ एक गुलाम ही तो हु!

रजिया उसकी बात सुनकर नाराज हुए और बोली:"

" कम से कम मेरे सामने तो ऐसा मत कहो बलदेव! मेरी जान बचाकर तुमने तो एहसान किया है उसने मेरी नजरों में तुम्हारी इज्जत बढ़ा दी हैं!


तभी बाहर सड़क से किसी के जाने की आवाज आई तो बलदेव बोला:" अच्छा ठीक हैं रानी साहिबा! अब आप जाइए कहीं किसी ने देख लिया तो कयामत हो जाएगी!

रजिया उसकी बात का मतलब समझकर कांप उठी और बेहद धीरे से कांपती हुई आवाज में बोली:" हम चलते हैं बलदेव! किसी ने देख तो हम सच में बदनाम हो जायेगे ! अपना ख्याल रखना!

इतना सुनकर रजिया जाने के लिए पलटी तो बलदेव बोला:"

" आप महल से इतनी सारी सुरक्षा होने के बावजूद निकल आई आपकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी!

रजिया धीरे धीरे चलने लगी तो बलदेव भी उसके पीछे ही चलने लगा और रजिया:"

" हम महल के मुख्य दरवाजे से नहीं बल्कि किसी दूसरे गुप्त रास्ते से आए हैं!

बलदेव:" लेकिन काली स्याह रात में आपको डर नहीं लगा क्या आते हुए ?

रजिया अब तक गली के मुहाने पर पहुंच गई थी और बोली:"

"काली स्याह रात में तो हौसला ज्यादा बढ़ जाता हैं क्योंकि किसी को कुछ दिखाई नहीं देता हैं अंधेरे में!

बलदेव:" हां ये बात भी है! वैसे भी अभी तो आगे भी तीन चार काली स्याह रात होगी और उसके बाद अमावस होगी!

रजिया ने बलदेव की बात सुनी लेकिन बिना कोई जवाब दिए बाहर निकल गई क्योंकि बदबू उससे अब बर्दाश्त नहीं हो रही थी और तेज तेज कदमों से चलती हुई जल्दी ही वापिस शाही बगीचे में आ गई और उसे उल्टियां होना शुरू हो गई!
बेहद ही शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया है
लगता हैं जिस्म ही आग में जल रही रजिया और बलदेव में एक बेहद नाजूक रिस्ता पनपने की संभावना लगती हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Unique star

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देखो कैसे रजिया खुद को रोक पाएगी या फिर बलदेव का शिकार बनेगी
 

TedBundy

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Absolutely wonderful and stunning writing. The theme of the story is excellent and amazing. I have a request to you: Please let there be slow and steady seduction and use of double meaning naughty conversations. Please let the illicit and forbidden affairs with Baldev to be a top secret for the female members of the family but let the female members know what is happening with Baldev but don't let the male members of the family to be aware of that the Conservative,faithful and pakiza female members have made illicit,illegal and forbidden love affairs with a low class house servant and are cheating on their loving husbands.
 

Kartik69

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Absolutely wonderful and stunning writing. The theme of the story is excellent and amazing. I have a request to you: Please let there be slow and steady seduction and use of double meaning naughty conversations. Please let the illicit and forbidden affairs with Baldev to be a top secret for the female members of the family but let the female members know what is happening with Baldev but don't let the male members of the family to be aware of that the Conservative,faithful and pakiza female members have made illicit,illegal and forbidden love affairs with a low class house servant and are cheating on their loving husbands.
Agree with you 💯 👍 👌
 

Valour

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Absolutely wonderful and stunning writing. The theme of the story is excellent and amazing. I have a request to you: Please let there be slow and steady seduction and use of double meaning naughty conversations. Please let the illicit and forbidden affairs with Baldev to be a top secret for the female members of the family but let the female members know what is happening with Baldev but don't let the male members of the family to be aware of that the Conservative,faithful and pakiza female members have made illicit,illegal and forbidden love affairs with a low class house servant and are cheating on their loving husbands.
Totally agree with you 👍 💯
 
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The Pimp

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