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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

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Bahut hi shandar update he Raj_sharma

Bruno ke pankh nikal aaye aur vo ud gaya ek anjan jagah ke liye..........

Vega par hans ne hamla kyun kiya.........shayad uska dhyan apni zodiak watch par nahi tha, varna use pehle hi pata chal jata.......

Agli update ka intezar rahega Bhai,

Keep rocking Bro
Zodiac watch ⌚️ koi indication nahi deti hai bhai :nope: Wo to samay aane per vega ki suraksha karegi, aur kaise karegi? Ye agley update me pata chalega:declare: Thanks for your valuable review and support bhai :hug:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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ANJALI ANJALI

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#86.

“मैंने इनमें से किसी पेड़ से एक बेर के समान फल को ब्रूनो के सिर के ऊपर गिरते देखा था।" क्रिस्टी
ने सभी को बताया।

तभी सुयश की नजर कुछ दूर पड़े उस बेर जैसे फल की ओर गयी। सुयश ने उसे उठाने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया, पर अल्बर्ट ने उसे सिर हिलाकर उठाने से रोक दिया।

ब्रूनो का तड़पना अभी भी जारी था। ब्रूनो की यह हालत देख कर शैफाली की आँखों से अब झर-झर आँसू बह रहे थे।

तभी अचानक ब्रूनो के पीठ की खाल ‘चट्-चट्’ की आवाज करके फटना शुरू हो गयी।

यह देख सुयश ने ब्रूनो के पास बैठी शैफाली को तेजी से पीछे खींच लिया।

अब वहां बैठे सभी लोग डरकर ब्रूनो से दूर हो गये।

तभी ब्रूनो की फटी हुई खाल से 2 विशालकाय पंख निकलने लगे।

अब शैफाली भी रोना छोड़कर ध्यान से इस पूरी घटना को देखने लगी थी।

कुछ ही देर में ब्रूनो के पंख पूर्ण विकसित हो गये। अब ब्रूनो ने कराहना बंद कर दिया।

ब्रूनो उठकर अब शैफाली को घूरने लगा।

उसे इस प्रकार हिंसक भाव से घूरते देख ब्रेंडन ने शैफाली को अपने पीछे कर, अपनी जेब से चाकू निकाल लिया।

ऐमू भी ब्रूनो को इस प्रकार बदलते देख घबराकर सुयश के कंधे पर आ बैठा।

सभी की नजर ब्रूनो पर थी। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था।

तभी ब्रूनो जोर से गुर्राया और अपने पंख फड़फड़ाकर आसमान में उड़कर सबकी नजर से ओझल हो गया।

सभी के चेहरे पर घोर आश्चर्य के भाव आ गये, सिवाय युगाका को छोड़कर।

युगाका की आँखो में अब एक रहस्यमई मुस्कुराहट थी।

ब्रूनो के गायब हो जाने का सबसे बड़ा सदमा शैफाली को लगा। वह यह झटका नहीं झेल पायी और जोर-जोर से रोने लगी।

सुयश और अल्बर्ट शैफाली को चुप कराने लगे।

तभी ऐमू सुयश के कंधे से उड़ा और शैफाली के पास जाकर जोर-जोर से हंसने लगा-

“हाऽऽऽ हाऽऽऽऽ हाऽऽऽ! सभी ऐमू को उल्लू बनाते थे, पर अब कुत्ता उल्लू बन गया।.... कुत्ता उल्लू बन गया....उल्लू बनकर उड़ गया। ऐमू बच गया....ऐमू का दोस्त बच गया।"

यह सुनते ही शैफाली को बहुत तेज़ गुस्सा आया।

शैफाली ने ऐमू को घूरकर देखा और उसके ऊपर झपट पड़ी- “मैं इस गंदे तोते को जान से मार डालूंगी। इसके सारे पंख नोच लूंगी।"

ऐमू यह देखकर सुयश की ओर भागा- “ऐमू के दोस्त...ऐमू को बचाओ...यह गंदे कुत्ते वाली गंदी लड़की ऐमू को मार डालेगी।"

सुयश ने तुरंत आगे बढ़कर शैफाली को रोक लिया।

उसने झुककर शैफाली के आँसू पोंछे और उसकी आँखो में आँख डालकर शैफाली को समझाना शुरु कर दिया-

“देखो बेटा, शांत हो जाओ। यह जंगल है ही इतनी विचित्रताओ से भरा कि हम यहां चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। देखो उस दिन ड्रेजलर भी मारा गया, पर हम कुछ नहीं कर पाये? आज ब्रूनो के साथ जो भी हुआ, वह भी हमारी कल्पनाओं से परे था। शायद एक दिन हम सब इस जंगल में मारे जायें। इसिलये जो चला गया, उस पर अफसोस करने से कुछ नहीं होगा। और इस ऐमू की बात का बुरा मत मानो, क्यों कि है तो यह भी ब्रूनो की तरह का जीव ही। इसिलये तुम इसे माफ..........।"

तभी सुयश शैफाली को समझाते हुए अचानक से चुप हो गया और शैफाली की नीली-नीली आँखों में देखने लगा।

उसे इस तरह से देखते पाकर शैफाली भी आश्चर्य में पड़ गयी।

“क्या हुआ कैप्टन? आप अचानक बोलते-बोलते चुप क्यों हो गये?" तौफीक ने सुयश से पूछा।

“जरा मेरी आँखों में देखो तौफीक। तुम्हें क्या नजर आ रहा है?" सुयश ने तौफीक से सवाल के बदले सवाल ही कर लिया।

सुयश के अचानक इस तरह विषय बदलने पर सभी को आश्चर्य हुआ और वह सब सुयश की आँखों में देखने लगे।

“आप अपनी आँखों में क्या दिखाना चाहते हैं कैप्टन? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा?" तौफीक ने उलझे-उलझे शब्दो में कहा।

“तुम्हें इस समय मेरी आँखों में क्या दिखाई दे रहा है? मैं केवल यही पूछ रहा हूँ तुमसे।" सुयश ने कौतुहल बनाएं हुए कहा।

“क्यों की मैं आपके सामने खड़ा हूँ इसिलये मुझे आपकी आँखों में मैं स्वयं दिखाई दे रहा हूँ।" तौफीक ने सपाट स्वर में कहा।

“अब जरा शैफाली की आँखों में देखो। उसकी आँखों में आपको क्या दिखाई दे रहा है?" सुयश ने अपने शब्दों को रहस्य की चाशनी में लपेट कर कहा।

तौफीक ने शैफाली की आँखों में झांका और हैरानी से भर गया- “यह क्या? शैफाली की आँखों में तो ऐमू की तस्वीर नजर आ रही है।"

तौफीक के शब्द सुन सभी के साथ-साथ शैफाली भी आश्चर्य से भर उठी। अब सभी बारी-बारी शैफाली की आँखों में झांकने लगे।

यह देख शैफाली ने अपनी आँखों को जोर से रगड़ा और एक बार बंद करके फ़िर से खोला।

अब शैफाली की आँखें सामान्य हो गयी।

“प्रोफेसर, आपको क्या लगता है कि क्या हुआ था शैफाली की आँखों को?"

असलम ने अल्बर्ट से पूछा- “क्यों कि ऐसी विचित्र कला के बारे में तो हमने सुना भी नही?"

“बिल्कुल विस्वास के साथ तो मैं भी कुछ नहीं कह सकता, पर मैं आपको आँखों की थ्योरी के बारे में अवस्य बता सकता हूँ।" अल्बर्ट ने शैफाली की ओर देखते हुए कहा-

“दरअसल हम जब कोई वस्तु देखते हैं तो हमारे आँखों की रेटिना से तरंगे निकलकर उस वस्तु पर पड़ती है और बाद में यही तरंगे लौटकर हमारी आँखों में वापस आ जाती हैं। वापस आयी तरंगों को आँखें, दिमाग तक भेज देता है और दिमाग उसे डीकोड कर जान जाता है कि हमने क्या चीज देखी।

कैमरे की फोटोग्राफी भी कुछ ऐसे ही सिद्धांत पर कार्य करती है। चूंकि शैफाली की आँखें भी चमत्कारी तरीके से आयी थी, शायद तभी से इसकी आँखों में यह गुण आ गया हो। इसिलये मुझे लगता है कि जब शैफाली ने घूरकर ऐमू को देखा, उसी समय शैफाली की आँखों में ऐमू की तस्वीर छप गयी होगी।"

अल्बर्ट के शब्द कुछ खास किसी की समझ में नहीं आये, पर उनकी बात पर किसी ने कोई सवाल नहीं किया।

“ऐसी ही कुछ शक्तियां सांप में भी पायी जाती हैं।" जॉनी ने शैफाली को देखते हुए कहा- “मैंने ऐसा कई किताबो में पढ़ा है।"

“आप किताबें कब से पढ़ने लगे?" जेनिथ ने मुंह बनाते हुए कहा।

“मैं पहले किताबें पढ़ता था।" जॉनी ने अजीब से अंदाज में जेनिथ को जवाब दिया।

“बैंक लूटने के पहले यह किताबें पढ़ते रहे होंगे।" क्रिस्टी का भी जॉनी के प्रति गुस्सा बाहर आया।

“बहस करने का कोई फायदा नहीं है।" सुयश ने सबको शांत कराने के अंदाज में कहा- “यह पेड़ भी रहस्यमयी हैं, इसिलये पहले हमें यहां से हट जाना चाहिए।"

सभी फ़िर से आगे बढ़ने लगे।


हंस का हमला:
(9 जनवरी 2002, बुधवार, 11:00, जार्जटाउन वॉटर फ्रंट-पार्क, वांशिगटन डी.सी).

आज वेगा का जन्मदिन था। सुबह से ही वेगा बहुत खुश था।

कल वेगा को युगाका की तरफ से
जोडियाक वॉच उपहार में जो मिली थी।

वेगा ने लाल रंग की टी शर्ट पर काले रंग की लेदर की जैकेट पहन रखी थी।

कपड़े पहनने के बाद वेगा ने अपने आप को शीशे में निहारा और कार की चाबी ले गेट की ओर बढ़ा। तभी उसे जोडियाक-वॉच का ख्याल आया।

वह वापस पलटकर अंदर आया और जोडियाक-वॉच को बॉक्स से निकालकर अपने दाहिने हाथ पर पहन लिया।

कुछ ही देर में वह कार पर सवार हो वीनस से मिलने जा रहा था।

आज मौसम बहुत सुहाना था। वेगा ने कार में फुल गति में संगीत चला रखा था।

वीनस ने ‘जार्जटाउन वॉटर फ्रंट-पार्क’ के गेट पर ही वेगा से मिलने को कहा था।

कुछ ही देर में वेगा ने कार को पार्क की पार्किंग में लगा दिया और कार को लॉक कर उसकी चाबी को उंगलियों में नचाता, सीटी बजाता पार्क के मुख्य दरवाजे की ओर चल दिया।

कुछ दूरी से ही वेगा ने वीनस को गेट पर खड़े हुए देख लिया था।

वीनस ने भी गुलाबी रंग की बहुत सुंदर सी ड्रेस पहन रखी थी।

“क्या बाऽऽऽत है बर्थडे ब्बोय!" वीनस ने वेगा की तारीफ करते हुए कहा- “आज तो बिल्कुल कहर ही ढा रहे हो।"

वेगा वीनस की बात को सुनकर धीरे से मुस्कुरा दिया और वीनस का हाथ पकड़ अंदर की ओर चल दिया।

“तो कहां से शुरू किया जाये?" वेगा ने वीनस की ओर देखते हुए पूछा।

“पहले ‘पोटोमैक नदी’ की ओर चलते हैं। आज मौसम बहुत अच्छा है। ‘कायक’ चलाने में मजा आ जायेगा।" वीनस ने कहा।

(‘कायक’ एक प्रकार की बहुत पतली वॉटर क्राफ्ट बोट होती है, जिसे चप्पू से चलाया जाता है। इस चप्पू को पैडल कहते हैं।)

“ठीक है।"

वेगा ने वीनस की बात पर अपनी सहमती जताई। दोनो पोटोमैक नदी के पास पहुंच गये।

वहां से दोनों एक-एक ‘कायक’ लेकर पानी में उतर गये। धीरे-धीरे दोनों की ‘कायक’ नदी के बीच में पहुंच गयी।

पोटोमैक नदी का वह हिस्सा इस मौसम में ‘पंछी विहार’ के लिये जाना जाता था।

इस मौसम में बहुत से ‘टुंड्रा हंस’ सुदूर स्थलो से यहां विहार करने आते थे।

आज भी बहुत से हंस नदी के चारो ओर ‘कलरव’ कर रहे थे। वेगा और वीनस यह नजारा देखकर बहुत खुश हो गये।

“कितना सुंदर नजारा है।" वीनस ने कहा- “हँसो के जोड़े, पंखो को ओढ़े, नीले पानी में कितने खूबसूरत लग रहे हैं।"

“अरे वाह! तुम तो कविता करने लगी।" वेगा ने मुस्कुराते हुए कहा- “वैसे ये ‘टुंड्रा हंस’ हैं, ये बहुत ही शांत और सुंदर पक्षी होते हैं। ये पानी में सिर डालकर अपना भोजन ढूंढते हैं।"

“अच्छा! तुम्हें तो बहुत पता है इन पक्षीयों के बारे में।" वीनस ने कहा।

“सब किताबो का ज्ञान है। तुमने तो देखा ही है लाइब्रेरी में।" वेगा ने वीनस को याद दिलाते हुए कहा।

तभी एक अकेला हंस का घूमता हुआ वेगा की ‘कायक’ के पास आ गया।

वेगा श्वेत से हंस की खूबसूरती को निहारने लगा।

तभी अचानक उस हंस की आँखों के भाव परिवर्तित हो गये और उसने अपनी चोंच से वेगा पर हमला कर दिया।




जारी रहेगा______✍️
Keep going you are a wonderful writer
 

Raj_sharma

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बस आपने इतना बोल दिया, सीना चौड़ा हो गया सरकार :chandu:
साथ बने रहिए फिर देखिए, आप इस कहानी को कई दिन तक याद रखोगे। यह एक बेजोड कहानी होगी
:declare:
 

Raj_sharma

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