बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया#85.
द्वीप से कुछ आगे जाते ही लुफासा को हरे कीड़े, एक बूढ़ी स्त्री को लेकर उड़नतस्तरी की ओर जाते दिखाई दिये।
वह स्त्री मारिया थी। अल्बर्ट की पत्नी मारिया।
तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज ने लुफासा का ध्यान आसमान की ओर कर दिया।
लुफासा को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखाई दिया।
लुफासा की नजर अब कीडो को छोड़ आसमान की ओर थी। तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखाई दिया।
लुफासा कुछ देर तक हेलीकाप्टर को देखता रहा। तभी लुफासा को द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकलती दिखाई दी, जो समुद्र में दूर तक चली गयी।
“मुझे अराका के बारे में लगभग सब कुछ पता है, पर मैं आज तक यह नहीं समझ पाया कि इस द्वीप को पानी पर चलाता कौन है? और द्वीप से जो तरंगे निकलती हैं, उसे कौन छोड़ता है?"
लुफासा मन ही मन बुदबुदाया- “हो सकता है, यह भी मान्त्रिक का कोई मायाजाल हो?"
लुफासा को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखाई दिया। लुफासा समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर क्रैश होने वाला है।
हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।
थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया। लुफासा अभी भी बाज के रूप में आसमान में था और उसकी तीखी निगाहें हेलीकाप्टर की ओर थी।
लुफासा के देखते ही देखते वह हेलीकाप्टर एक बोट में परिवर्त्तित हो गयी। अब वह बोट अराका द्वीप की ओर बढ़ने लगी।
यह देख लुफासा ने अपने दाँतो को भीचा और आसमान से पानी में एक डुबकी मारी।
डुबकी मारते ही लुफासा ने अपने आप को एक विशालकाय व्हेल मछली में परिवर्त्तित कर लिया।
अब वह उस बोट के बिल्कुल पीछे था।
लुफासा ने बिना कोई आवाज किये पानी में एक जबर्दस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया और इतनी ऊंचाई से वह पूरा पानी एक लहर बनकर, बहुत तेजी से बोट पर आकर गिरा।
तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।
तभी लुफासा को कुछ हरे कीड़े व्योम की ओर बढ़ते दिखाई दिये।
लुफासा समझ गया कि अब हरे कीड़े व्योम को निपटा देंगे। इसिलये वह अब सुप्रीम की ओर बढ़ने लगा।
तभी उसे सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिया।
अचानक से उन लोगो ने पानी में गोलियां चलानी शुरू कर दी। “तड़...तड़....तड़....तड़.....तड़...।"
गोलियों की आवाज उस शांत वातावरण में बहुत दूर तक गूंज रही थी।
लुफासा की नजर गोलियों की दिशा में गयी। उसने देखा कि शार्को का एक झुंड सुप्रीम की ओर बढ़ रहा था और सुप्रीम के डेक पर खड़े कुछ लोग उन शार्को पर गोलियां चला रहे थे।
लुफासा ने तुरंत व्हेल की जगह एक विशालकाय ऑक्टोपस का रूप लिया और पानी के नीचे ही नीचे ‘सुप्रीम’ की ओर बढ़ने लगा।
लुफासा के आसपास शार्को का झुंड बढ़ता जा रहा था। शायद कुछ शार्को को गोलियां भी लग गयी थी, क्यों कि लुफासा को पानी में बिखरा कुछ खून भी दिख रहा था।
अच्छा हुआ कि लुफासा ने इतने विशालकाय जीव का रूप लिया था, नहीं तो इन शार्को ने लुफासा को मिनटो में चट् कर जाना था।
तभी लुफासा को पानी में गिरा एक इंसान दिखाई दिया, जो कि लोथार था।
सभी शार्को अब घेरा बनाकर, तेजी से लोथार की ओर बढ़ने लगी।
यह देख लुफासा बीच में आ गया।
चूंकि लुफासा ऑक्टोपस बना पानी की गहराई में था। इसिलये सुप्रीम के लोगो को वह दिखाई नहीं दे रहा था।
पर पानी में मौजूद शार्को को वह विशालकाय ऑक्टोपस दिखाई दे गया था। इसिलये वह लोथार से 15 फुट की दूरी पर ही रुक गयी।
यह देखकर सुप्रीम पर खड़े लोगो ने रस्सी के द्वारा लोथार को खींचना शुरु कर दिया।
लोथार अब तेजी से ‘सुप्रीम’ की ओर जाने लगा।
लुफासा ने यह देख ऑक्टोपस के 2 हाथो से लोथार के दोनों पैर पकड़ लिए जिसकी वजह से रस्सी एक जोरदार झटके से खिंचनी बंद हो गई।
अचानक लोथार को पानी के नीचे किसी विशाल जीव के होने का अहसास हुआ। लोथार के चेहरे के भाव दहशत में परिवर्त्तित हो गए।
‘सुप्रीम’ पर खड़े लोगो को भी यह एहसास हो गया था कि पानी के नीचे कुछ तो है, शार्के अपने आप नहीं रुकी थी। लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, लुफासा ने पूरी ताकत से लोथार को पानी के अंदर खींचा।
‘गुलुप’ की आवाज के साथ लोथार पानी में समा गया।
चूंकि लोथार ने रस्सी छूट जाने के डर से, अपने हाथ में कसकर फंसा रखी थी, इसिलए वह रस्सी भी तेजी से पानी में खिंचती चली गई।
अब ऑक्टोपस बना लुफासा लोथार को पकड़ अराका द्वीप की ओर चल दिया।
चैपटर-9:
ब्रूनो के पंख: (9 जनवरी 2002, बुधवार, 09:30, मायावन, अराका द्वीप)
रात में ब्रेंडन के डरावने सपने ने किसी को भी ठीक से सोने नहीं दिया। इसिलये सुबह सभी के उठने में थोड़ा देर हो गया था।
सभी ने ताजा होकर थोड़ा-थोड़ा खाना खा लिया था।
शैफाली चलती हुई ब्रेंडन के पास पहुंचकर बोली- “ब्रेंडन अंकल, अब आप कैसा महसूस कर रहे हैं?"
“अब बेहतर महसूस कर रहा हूं।" ब्रेंडन ने मुस्कुराते हुए कहा- “कल रात सच में मैं काफ़ी डर गया था।
मैं अपनी पूरी जिंदगी में इतना कभी नहीं डरा।"
“कोई बात नहीं अंकल...वैसे भी यह जंगल इतना विचित्र है कि यहां पर कोई भी आदमी डर सकता है।"
शैफाली ने कहा- “वैसे अंकल,जब आप रात में उठ गये थे, तो आपने किसी को जगाया क्यों नहीं?"
“मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहता था।" ब्रेंडन ने शैफाली का शुक्रिया अदा करते हुए कहा- “पर मुझसे इतनी बात करने के लिये धन्यवाद। तुमसे बात करके मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा है।"
“क्या सब लोग तैयार हैं आगे चलने के लिये?" सुयश ने सभी को देखते हुए पूछा।
“यस कैप्टन।" सभी के मुंह से समवेत स्वर निकला।
“कैप्टन ।" तौफीक ने जमीन से खड़े होते हुए कहा- “मैं आप लोगो को एक सुझाव देना चाहता हूं।"
यह सुनकर सभी तौफीक की ओर देखने लगे।
“कैप्टन, मैंने यह ध्यान दिया है कि ब्रूनो नयनतारा पेड़ के पास शैफाली को बचाने के बजाय वहां आराम से बैठ गया था। शायद उसे पता था कि वह पेड़ शैफाली को कोई नुकसान नहीं पहुंचायेगा। उस समय ब्रूनो पेड़ के काफ़ी पास भी था, पर पेड़ ने उसे कुछ नहीं कहा।
ठीक वैसे ही जब आपको उस आदमखोर पेड़ ने अपनी गिरफ़्त में ले लिया था, तब भी ब्रूनो उस पेड़ को काट रहा था, पर उस पेड़ ने भी ब्रूनो को कुछ नहीं कहा। तो मेरा ये कहने का मतलब है कि ब्रूनो यहां के खतरे को भली-भाँति पहचान रहा है और यहां के पेड़ भी ब्रूनो को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। तो क्यों ना हम जंगल में चलते समय ब्रूनो को सबसे आगे रक्खे। ब्रूनो जहां भी खतरा देखेगा, हमें उस दिशा में ले ही नहीं जायेगा।"
“मैं मिस्टर तौफीक की बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूं।" अल्बर्ट ने तौफीक की बातों का समर्थन करते हुए कहा।
बाकी सभी को भी तौफीक की बातें सही लगी। इसिलये अब चलते समय ब्रूनो को आगे कर लिया गया। अब सभी फ़िर से जंगल की ओर चल दिये।
ब्रूनो धीरे-धीरे सूंघकर आगे बढ़ रहा था। कभी-कभी वह कुछ सूंघकर अपना रास्ता भी बदल देता।
इस तरह सभी लोग ब्रूनो के पीछे सतर्कता से चल रहे थे।
युगाका पेडों के पीछे छिपता हुआ, बेआवाज उनका पीछा कर रहा था।
जब भी ब्रूनो खतरा सूंघकर रास्ता बदलता युगाका के चेहरे पर गुस्से के भाव आ जाते। शायद वह नहीं चाहता था कि ब्रूनो सबको बचाता चले।
धीरे-धीरे छोटे पेड़ पीछे छूट गये। अब रास्ते में ऊंचे देवदार सरीखे वृक्ष दिखाई देने लगे थे।
ब्रूनो ने एक नजर उन पेडों पर मारी और उन पेडों के बीच बने पगडंडी वाले रास्ते पर चल दिया।
मौसम शांत था। आज ज़्यादा हवा भी नहीं चल रही थी। फिर भी मौसम में गरमी प्रतीत नहीं हो रही थी।
इन सभी का पीछा कर रहे युगाका की नजर, इस समय उन देवदार सरीखे वृक्ष की ओर थी।
अचानक युगाका के होंठ गोल हुए और उसमें से एक अजीब सी सरसराहट निकली। जो वातावरण में गूंज गयी।
चूंकि वह सरसराहट पेड़ की ध्वनि जैसी प्रतीत हो रही थी, इसिलये किसी का भी ध्यान उधर नहीं गया।
तभी देवदार के वृक्ष भी ठीक उसी तरह सरसराने लगे जैसी ध्वनि युगाका के मुंह से निकली थी।
अब वह वृक्ष हिलने भी लगे थे।
उन देवदार सरीखे वृक्ष पर बेर के समान छोटे फल लगे थे।
“हवा तो चल भी नहीं रही है, फ़िर यह वृक्ष अचानक कैसे हिलने लगे?" अल्बर्ट ने देवदार के वृक्ष की ओर देखते हुए कहा।
“कहीं कोई नया खतरा तो नहीं?" सुयश ने सबको सावधान करते हुए कहा।
तभी ऐमू विचलित होकर जोर-जोर से अपने पंख फड़फड़ाने लगा।
अब ब्रूनो के कान भी खड़े हो गये। वह बार-बार अपने कान उठाकर कुछ सुनने की कोशिश करने लगा।
तभी एक देवदार के वृक्ष से एक बेर रूपी फल टूटा और ब्रूनो के सिर पर आकर गिर गया।
फल के सिर पर लगते ही ब्रूनो ‘कूं-कूं’ करता हुआ वहीँ जमीन पर गिर पड़ा। यह देख शैफाली भागकर ब्रूनो के पास पहुंच गयी।
ब्रूनो का कराहना अब बढ़ता जा रहा था। किसी की समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? सभी आश्चर्य से इधर-उधर देख रहे थे।
जारी रहेगा________![]()
ये लुफासा का तो पता चल गया की वो मांत्रिक को लाशे पहुंचाने का काम कर रहा हैं लेकीन ये युगाका सुयश और मंडली का पिछा क्यों कर रहा हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा