Rekha rani
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संजू भाई क्या क्या टल्ल मारे जा रहे हो.... बिना टल्ली हुएसुयश साहब को दादा जी ने बचपन मे बहुत सारी कहानियाँ सुनाई थी जो अवश्य ही फैंटेसी और चमत्कारिक घटनाओं से सम्बंधित होते होंगे । मै भी अपने बचपन के दिनों मे ऐसी कई सारी कहानियाँ अपने बुजुर्गों से सुनी थी ।
सच बात तो यह है कि इस कहानी ने मुझे उस बचपन के दिनों की याद दिला दी । इस कहानी मे कई सारी चमत्कारिक घटनाएं हैं ।
कई साल तक रोमांस और थ्रिलर उपन्यास पढ़ने के बाद एक बार फिर से उसी दौर का एहसास हो रहा है ।
इस बार चमत्कार के रूप मे हमने शैफाली के अंधेपन को दूर होते देखा ।
यह होना ही था , क्योंकि
" बागों ने , फूलों ने , मुझ को बुलाया ।
मै परदेशी घर वापस आया ।। "
मोहम्मद अजीज साहब का यह गीत शैफाली पर सटीक बैठता है ।
यह नगर , यह मायावन शैफाली के लिए कोई गैर तो नही है ।
वैसे नयनतारा का जिक्र होते देख फिल्म स्टार नयनतारा की याद आ गई । खुबसूरत और टैलेंटड अभिनेत्री है वह ।
इधर एक चमत्कार हमारे विल्मर और जेम्स साहब ने कर दिखाया । पांच हजार वर्ष पुराने इतिहास को पुनर्जीवित कर दिया । जहां तक मुझे याद है , शलाका मैडम पाॅसडाइन और क्लिटो के पुत्र एटलस की पुत्री है ।
शायद वह घड़ी भी आ गई है जब क्लिटो की भी रिहाई हो जाए ! शैफाली का इस तिलिस्म मे आने की वजह आखिर क्लिटो ही तो है ।
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
कामदेव भाई ,संजू भाई क्या क्या टल्ल मारे जा रहे हो.... बिना टल्ली हुए
कभी गाने गाने लगते हो, कभी नयनताराको याद कर रहे हो और इनमें से किसी भी याद में बचपन वाली मासूमियत तो बिल्कुल नहीं बल्कि हवस
दिख रही है
राज शर्मा भाई ने ऐसी कहानी लिखी है जिसका रिव्यू लिखना मुश्किल हो रहा है मुझे.... कहानी में चमत्कार की वजह से संभावना व्यक्त कर पाना तो संभव ही नहीं ......और लिखी हुई घटनाओं को दूसरे शब्दों में लिखना मुझे पसन्द नहीं
बस इतना है कि बहुत दिन बाद ऐसी कहानी पढ़ने को मिली जो कल्पना से परे है, वरना तो सत्य घटनाएं ही कल्पनातीत मानी जाती हैं...... इसलिए मन लगाकर कहानी पढ़ने में लगा रहता हूं![]()
में भी मजा ही ले रहा थाकामदेव भाई ,
टल्ली होने का टाइम शाम सात बजे के बाद होता है जब कि मेरा यह पोस्ट दिन मे ही हुआ था ।
वैसे भी दो घूंट पीने के बाद कुछ ज्यादा ही होश मे आ जाता हूं मै ।
" निगाहें " फिल्म के जिस गीत की बात कर रहा हूं वह मेरे सोच के हिसाब से शैफाली पर सही बैठता है । आखिर वह अपने घर ही तो आई है । झाड़ और जंगल उसे अपने आगोश मे लेते हैं और उसकी आंखे ठीक हो जाती है ।
( इस गीत को सुनिएगा )
नयनतारा , नो डाऊट हंसी-मजाक मे कहा था , क्योंकि
हर वक्त सीरियस नही हुआ जाता । वैसे यह अभिनेत्री न सिर्फ खुबसूरत है बल्कि इनकी एक्टिंग भी अद्भुत है ।
फिल्मों का रसिया रहा हूं मै ।
पंडित जी की यह कहानी , वास्तव मे उन दिनों की याद दिला रही है जब मै अपने दादा जी , पिता जी और चाचा जी के गोद मे लेटकर सुना करता था ।
पंडित जी की इस कहानी मे कोई सेक्सुअल पहलू नही है और जब कोई सेक्सुअल पहलू नही है तो समीक्षा मे सेक्सुअल रिव्यू कैसे आ सकता !![]()
बडे भाई, आप आए , बहार आई,सुयश साहब को दादा जी ने बचपन मे बहुत सारी कहानियाँ सुनाई थी जो अवश्य ही फैंटेसी और चमत्कारिक घटनाओं से सम्बंधित होते होंगे । मै भी अपने बचपन के दिनों मे ऐसी कई सारी कहानियाँ अपने बुजुर्गों से सुनी थी ।
सच बात तो यह है कि इस कहानी ने मुझे उस बचपन के दिनों की याद दिला दी । इस कहानी मे कई सारी चमत्कारिक घटनाएं हैं ।
कई साल तक रोमांस और थ्रिलर उपन्यास पढ़ने के बाद एक बार फिर से उसी दौर का एहसास हो रहा है ।
अब क्या ही कहू भाई, शैफाली का ठीक होना समय के हिसाब से तय था। वैसे आपके वाली नयनतारा को मैने नही देखा तो मै बता नहीं सकता उसके बारे मेंइस बार चमत्कार के रूप मे हमने शैफाली के अंधेपन को दूर होते देखा ।
यह होना ही था , क्योंकि
" बागों ने , फूलों ने , मुझ को बुलाया ।
मै परदेशी घर वापस आया ।। "
मोहम्मद अजीज साहब का यह गीत शैफाली पर सटीक बैठता है ।
यह नगर , यह मायावन शैफाली के लिए कोई गैर तो नही है ।
वैसे नयनतारा का जिक्र होते देख फिल्म स्टार नयनतारा की याद आ गई । खुबसूरत और टैलेंटड अभिनेत्री है वह ।
आप सही दिशा मे सोच रहे है मित्रइधर एक चमत्कार हमारे विल्मर और जेम्स साहब ने कर दिखाया । पांच हजार वर्ष पुराने इतिहास को पुनर्जीवित कर दिया । जहां तक मुझे याद है , शलाका मैडम पाॅसडाइन और क्लिटो के पुत्र एटलस की पुत्री है ।
शायद वह घड़ी भी आ गई है जब क्लिटो की भी रिहाई हो जाए ! शैफाली का इस तिलिस्म मे आने की वजह आखिर क्लिटो ही तो है ।
खुबसूरत अपडेट शर्मा जी ।
Thank you very much for your wonderful review and support bhaiNice and superb update
To shaifali aur sabhi log in teero ke nishan ka picha karte karte devi shalaka ke mandir me ja pahunche hai
Jaha par shalaka ki murti bich me or uske satho bhaiyo ki murtiyan uske agal bagal apna apna astra pakda huva hai
Yugaka bhi shaifali ke dwara arkan bhasha padhne par aashchary chakit ho jata hai
Dekte hai ab aage kya hota hai
Iske liye wo waale updates firse padhne padenge bhai ji, ki shalaka kon thi, aur uske 7 bhai kon hai fir hi kuch details mil payegi aapkoसुयश और उनकी टीम इस द्वीप पर 2002 वर्ष के दौरान शलाका के मंदिर मे पहुंचे ।
पर विल्मर और जेम्स ने 2004 मे शलाका को पुनर्जीवित किया ।
इसका मतलब सुयश और उसकी टीम अब भी दो साल तक इस तिलिस्म मे कैद रहेंगे ।
यह काफी लंबा समय है ।
इसके पहले हमने पाॅसडाइन के दस पुत्रों के बारे मे पढ़ा था लेकिन इस अपडेट मे सिर्फ सात पुत्रों की बात कही गई है । इस पर टिप्पणी कीजियेगा पंडित जी ।
Thank you very much for your valuable review and support parkas bhaiBahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai.....
Nice and lovely update....
Thank you jiAwesome update
संजू भाई क्या क्या टल्ल मारे जा रहे हो.... बिना टल्ली हुए
कभी गाने गाने लगते हो, कभी नयनताराको याद कर रहे हो और इनमें से किसी भी याद में बचपन वाली मासूमियत तो बिल्कुल नहीं बल्कि हवस
दिख रही है
राज शर्मा भाई ने ऐसी कहानी लिखी है जिसका रिव्यू लिखना मुश्किल हो रहा है मुझे.... कहानी में चमत्कार की वजह से संभावना व्यक्त कर पाना तो संभव ही नहीं ......और लिखी हुई घटनाओं को दूसरे शब्दों में लिखना मुझे पसन्द नहीं
बस इतना है कि बहुत दिन बाद ऐसी कहानी पढ़ने को मिली जो कल्पना से परे है, वरना तो सत्य घटनाएं ही कल्पनातीत मानी जाती हैं...... इसलिए मन लगाकर कहानी पढ़ने में लगा रहता हूं![]()