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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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At the end James aur Vilmer ke karan 8 naye warriors story ka part ban gaye, ye Nayanthara kaun hai jiske aawaz ki aur Shefali chal padi hai???

8 warriors ab Shefali aur uski team ke paas kaise aate hain dekhna interesting hoga!!

Kya Shalaka, James aur Vilmer ki order follow karegi, par lagta toh nahi hai aisa hoga???

Wonderful update brother.. har episode ek naya rang dikhata hai.
Dekho mitra, pahli baat to ye, ki jems and Vilmar ne jinko aajaad kiya hai, wo log naye nahi hain, we sab alredy stiry ka hi purana hissa hai, doosri baat shalaka is dweep ki devi hai, to wo jems jaiso ki baat maan ne wali hi nahi :nope:
Nayantara ek rahasyamayi cheej hai, jiska khulasa jal hi ho jayega:declare: Thanks for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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James aur Wilmar ne Shalaka👸 aur uske bhaiyo 🦸‍♂️🦹‍♂️🦸‍♂️🦹‍♂️🦸‍♂️🦹‍♂️ 🦸‍♂️ ko jagaa diya. Lekin inaam ki jagah unhe sunehri qaid mili.. 😏

Yeha Mayavan mei ab Nayantara 🤩 ka kya mamla hai yaar.. bahut suspense hai yaar..
:cool3:
Sunahri quid to mil gai, bechare kare bhi to kya, asli jagah jo fas gaye:lol1:Waise waha khaane peene ki sari suvidha to hai per nikal nahi sakte, jab tak Shalaka na chahe:declare: Rahi baat Nayantara ki to uska pata to agley update me pata lag hi jayega, bas sath bane raho aap, Thank you very much for your valuable review and support sarkaar
:thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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#66.

अचानक वह ढाल नाचते हुए वहीं पर जमीन में समा गयी। जहां पर वह ढाल जमीन में समायी थी, अब वहां पर एक 5 फुट चौड़ाई का गड्ढ़ा (छेद) दिखाई देने लगा।

जेम्स ने गड्डे में झांक कर देखा। गड्डे में नीचे की तरफ जाती हुई सीढ़ियाँ दिखाई देने लगी।

आश्चर्याजनक तरीके से वह सीढ़ियाँ ऐसे चमक रही थी, जैसे उनमें सुनहरी लाइट लगी हो। सीढ़ियों के अगल-बगल घुप्प अंधेरा था।

विल्मर ने अपने टूल बैग से एक पावरफुल टार्च निकाली और उसे ऑन कर उसकी रोशनी गड्डे में मारी, पर टार्च की रोशनी भूसे में तिनके के समान लगी। टार्च की रोशनी 10 फुट से ज़्यादा आगे नहीं जा रही थी।

“क्या हमें नीचे चलकर देखना चाहिए?" जेम्स ने विल्मर की ओर देखते हुए पूछा।

“अब जब इतनी मेहनत की है, तो नीचे भी जाकर अवश्य देखेंगे।" विल्मर ने हामी भरते हुए कहा।

“पर ये सीढ़ियाँ तो बहुत ज़्यादा दिख राही हैं, इनका तो कही अंत भी नही दिख रहा है।" जेम्स ने सीढ़ियों की ओर देखते हुए कहा- “शायद ये हजार से भी ज़्यादा है? पता नही जमीन से इतना नीचे ऑक्सीजन भी
होगा कि नही?"

“एक काम करते है। कुछ नीचे तक उतर कर देखते है, अगर हम उतने नीचे तक कंफर्टेबल नहीं होंगे तो वहां से वापस आ जाएंगे।" विल्मर ने जेम्स के सामने अपनी राय रखते हुए कहा।

“ठीक है, तो मैं नीचे चलने को तैयार हू।" जेम्स ने भी विल्मर की राय पर अपनी सहमती जताते हुए कहा।

फिर क्या था दोनो ने अपने कंधे पर टूल बैग टांगा और हाथो में टार्च लेकर सीढ़ियों पर उतर गये।

अभी वह 6-7 सीढ़ियाँ ही उतर पाये थे कि तभी उन्हे एक तेज हवा का झोंका महसूस हुआ। ऐसा लगा जैसे कुछ उनके बगल से तेजी से निकला हो और इसी के साथ एक तेज गड़गड़ाहट के साथ ढाल वाला रास्ता ऊपर से बंद हो गया।

“ये तो ऊपर वाला रास्ता बंद हो गया?" जेम्स ने डरते हुए कहा-“अब हम वापस कैसे जाएंगे?“

“परेशान मत हो।" विल्मर ने जेम्स का हौसला बढ़ाते हुए कहा-“अगर ऊपर से दरवाजा खोलने का तरीका था तो नीचे से भी जरूर होगा। पहले नीचे चलते है, ऊपर की बाद में सोचेंगे।"

दोनो अब सावधानी से नीचे उतरने लगे। लगभग 800 सीढ़ियाँ उतरने के बाद उन्हे आगे सीढ़ियाँ ख़तम होती दिखि। यह देख दोनों ने राहत की साँस ली।

कुछ और आगे जाने पर अब इन्हे आखरी सीढ़ी बिल्कुल साफ दिखने लगी थी।

“यह क्या? आखरी सीढ़ी तो लाल रंग में चमक रही है।" जेम्स ने आखरी सीढ़ी की ओर देखते हुए कहा।

विल्मर को भी कुछ समझ में नहीं आया। अब दोनों जल्दी-जल्दी सीढ़ियाँ उतरने लगे।

अगले 5 मिनट में ही दोनों आखरी सीढ़ी के पास पहुंच गये।

जेम्स ने आखरी सीढ़ी से पहले ही टार्च को सामने की ओर मारा। सामने लगभग 10 कदम आगे अंधेरे में एक दीवार थी।

कुछ सोच विल्मर ने धीरे से अपना एक पैर लाल रंग वाली सीढ़ी पर रख दिया।

विल्मर के ऐसा करते ही लाल वाली सीढ़ी का रंग हरा हो गया।

यह देख जेम्स ने भी अपना पैर हरे रंग वाली सीढ़ी पर रख दिया और जेम्स के ऐसा करते ही उस हरी सीढ़ी को छोड़ बाकी सभी सीढ़ियों का चमकना बंद हो गया।

अब पीछे कुछ भी नहीं दिख रहा था की वो लोग कहां से आये थे?

तभी उस पहाड़ में कहीं ‘खट्-खट्’ की आवाज उभरी और इसके साथ ही इनके सामने की दीवार सुनहरी रोशनी से जगमगा उठी।

उस दीवार में उसी सुनहरी धातु से बना एक दरवाजा लगा था, जिसको काटने की इन्होने कोशिश की थी। उस दरवाजे के बीचोबीच में एक चाँदी जैसी धातु से बना शेर का उभरा हुआ सिर लगा था।

उस शेर का मुंह खुला हुआ था और उस खुले मुंह से शेर की जीभ बाहर आ रही थी।

जेम्स और विल्मर के सामने वह चमकता दरवाजा था और बाकी की दोनो साइड बिल्कुल अंधेरा था।

“यह तो बहुत विचित्र जगह लग रही है। विल्मर ने जेम्स से कहा- “लगता है सच में हमने किसी नयी दुनियां को खोज लिया है?"

“क्या फायदा ऐसी नयी दुनियां का, जिसके बारे में अब हम किसी को बता ही नहीं सकते।" जेम्स ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

“परेशान मत हो जेम्स। हमको यहां से निकलने का रास्ता जरूर मिल जायेगा।" विल्मर ने फ़िर जेम्स की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा- “पहले यह सोचो कि यहां से आगे बढ़ने का रास्ता किधर है?"

यह सुन जेम्स ने आगे बढ़कर शेर की आँख को अंदर दबाने की कोशिश की, पर वह अंदर नहीं दबी।

अब जेम्स कभी शेर के कान उमेठता तो कभी उसकी जीभ, पर शेर के सिर का कोई भाग चलायमान नहीं था।

विल्मर ध्यान से जेम्स की यह बच्चे जैसी हरकत देख कर मुस्कुरा रहा था। तभी विल्मर की निगाह शेर के खुले मुंह के अंदर की ओर गयी। विल्मर ने जाने क्या सोचकर शेर के मुंह के अंदर टार्च मारकर देखा।

विल्मर को शेर के मुंह के अंदर कोई लीवर सा दिखाइ दिया। यह देख विल्मर ने शेर के मुंह में हाथ डालकर उस लीवर को धीरे से हिलाने की कोशिश की।

विल्मर के छेड़-छाड़ करने पर वह लीवर आगे की तरफ खिंच गया और तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज के साथ, वह दरवाजा अंदर की ओर खुल गया।

जेम्स और विल्मर उस दरवाजे को पार कर दूसरी तरफ आ गये।

दरवाजे के दूसरी तरफ एक विशालकाय कमरा था। देखने में वह कमरा किसी पुराने राजा के दरबार जैसा था।

कमरे के बीचोबीच एक गोल पानी का फव्वारा लगा था। उस फव्वारे के बीच में एक विचित्र सी नक्काशी
किया हुआ एक धातु का खंभा बना था। उस खंभे के ऊपर की आकृति एक 7 सिर वाले साँप (सर्प) की थी, जिसके सातों फन गोल आकृति में आपस में जुड़े थे।

हर सर्प के फन से पानी की फुहार निकल रही थी, जो उस गोल फव्वारे में गिर रही थी। सर्प के उन फनों पर एक छोटा सा चबूतरा बना था, जिस पर एक असली कमल का फूल रखा हुआ था।

गोल फव्वारे के अंदर काफ़ी मात्रा में पानी भरा था जिसमें नीले रंग की छोटी-छोटी सुंदर मछिलयां तैर रही थी।

उस कमरे में दीवार से चिपके हुए 7 कांच के ताबूत भी लगे थे। सभी ताबूत के बीच लगभग 10 मीटर की दूरी थी।

हर एक ताबूत में अलग-अलग रंग का द्रव्य भरा था, जिसके बीच 7 पौराणिक योद्धाओ के निर्जीव शरीर भी उपस्थित थे।

हर एक योद्धा लंबा- चौड़ा दिख रहा था। उनमें से बीच वाले ताबूत के सामने एक 2 फुट का, धातु का पोडियम बना था, जिस पर 3 छोटे-छोटे सुराख बने थे।

कमरे की दीवार और छत पर उसी सुनहरी धातु से नक्काशी की गई थी। कमरे की छत पर एक उसी धातु से एक चित्र को उकेरा गया था।

उस चित्र में पहाड़ो के बीच बनी किसी घाटी के सीन को दिखाया गया था, जिसमें सूर्य पहाड़ो के बीच से निकलता दिखाई दे रहा था और सूर्य की किरणें घाटी में पड़ रही थी।
उस घाटी के आसमान पर एक इंद्रधनुष भी चमक रहा था।

कुल मिलाकर कमरे का माहौल बहुत ही रहस्यमयी दिख रहा था।

जेम्स और विल्मर कमरे में घूमते हुए पहले एक-एक कर सारी चीज़ो को देखने लगे। कमरे में सबसे आशचर्यजनक उन्हें वही काँच के ताबूत दिखे।

“विल्मर!" जेम्स ने विल्मर को सम्बोधित करते हुए कहा-

“क्या ये पौराणिक समय की ममी है जिन्हें किसी द्रव के अंदर सुरक्षित रखा गया है?"

“लग तो कुछ ऐसा ही रहा है, पर ताबूत में बंद हर द्रव का रंग अलग-अलग क्यों है?“ विल्मर ने कहा।

“एक बात और अजीब सी है।" जेम्स ने कमरे में एक नजर दौड़ाते हुए कहा- “उस खंभे पर मौजूद सर्प के 7 सिर है, यहां पर 7 ही ताबूत है और उन ताबूतों में 7 ही रंग का द्रव्य भरा है। तुम्हे यह अजीब सी समानता देख कर क्या लग रहा है?"

“तुमने छत की ओर ध्यान नहीं दिया।" विल्मर ने छत की ओर इशारा करते हुए कहा- “वहां पर भी जो चित्र बना है, उसमें सूर्य से 7 ही किरणें निकल रही है और वहां बने इंद्रधनुष में भी 7 ही रंग भरे है। इसका साफ मतलब है की 7 अंक का कुछ ना कुछ तो चक्कर है?"

“इंद्रधनुष!"

जेम्स इंद्रधनुष का नाम सुनकर फ़िर से उन काँच के ताबूतों की ओर देखने लगा और फ़िर चहक कर बोला- “विल्मर, इन ताबूत के अंदर भरा द्रव का रंग इंद्रधनुष के रंग से मैच कर रहा है। जरा ध्यान से इन सारे ताबूतों को देखो, पहले ताबूत में बैंगनी रंग का द्रव है, दूसरे में आसमानी, तीसरे में नीला, चौथे में हरा, पांचवे में पीला, छठे में नारंगी और सातवां में लाल रंग का द्रव भरा है, और इंद्रधनुष में भी यही सारे रंग पाये जाते है।"

विल्मर भी यह देखकर आश्चर्य से भर गया क्यों की जेम्स का अवलोकन बिल्कुल सही था।

“अच्छा, इस पूरे कमरे को देखकर यह भी महसूस हो रहा है जैसे कि ये पूरा सेटअप कल ही लगाया गया हो।" जेम्स ने कहा- “पूरा कमरा साफ-सुथरा नजर आ रहा है, यहां तक कि उन सर्प के ऊपर रखा कमल का फूल भी बिल्कुल ताजा दिख रहा है।"

कहते-कहते जेम्स उस फव्वारे के पास आ गया और ध्यान से उन सर्प की आकृति वाले खंभे को देखने लगा। कुछ सोचकर जेम्स ने फव्वारे के पानी में अपना कदम रख दिया।

उसके पानी में कदम रखते ही पानी में मौजूद नीली मछिलयां भाग कर दूसरी साइड चली गई।





जारी रहेगा_______✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌
James Wilmar Dono is rahasyamy jagah par ab wo ke Raaz khol pate hai ya yahi phash jayenga
 

Raj_sharma

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Aaj sabhi naye updates ka review likhta hu
Naye update ka? Aapka matlab kahi ye to nahi ki mujhe 2-3 naye update dene honge? :lol1:
Chaliye pakki baat hai, agar aapne review diya to aaj Dubble update dunga:declare:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌 👌
James Wilmar Dono is rahasyamy jagah par ab wo ke Raaz khol pate hai ya yahi phash jayenga
Bilkul kholenge huzoor, aap khud padh lo agla update, usme khol bhi chuki hai:declare:
Thank you very much for your valuable review and support :thanx:
 

Napster

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#66.

अचानक वह ढाल नाचते हुए वहीं पर जमीन में समा गयी। जहां पर वह ढाल जमीन में समायी थी, अब वहां पर एक 5 फुट चौड़ाई का गड्ढ़ा (छेद) दिखाई देने लगा।

जेम्स ने गड्डे में झांक कर देखा। गड्डे में नीचे की तरफ जाती हुई सीढ़ियाँ दिखाई देने लगी।

आश्चर्याजनक तरीके से वह सीढ़ियाँ ऐसे चमक रही थी, जैसे उनमें सुनहरी लाइट लगी हो। सीढ़ियों के अगल-बगल घुप्प अंधेरा था।

विल्मर ने अपने टूल बैग से एक पावरफुल टार्च निकाली और उसे ऑन कर उसकी रोशनी गड्डे में मारी, पर टार्च की रोशनी भूसे में तिनके के समान लगी। टार्च की रोशनी 10 फुट से ज़्यादा आगे नहीं जा रही थी।

“क्या हमें नीचे चलकर देखना चाहिए?" जेम्स ने विल्मर की ओर देखते हुए पूछा।

“अब जब इतनी मेहनत की है, तो नीचे भी जाकर अवश्य देखेंगे।" विल्मर ने हामी भरते हुए कहा।

“पर ये सीढ़ियाँ तो बहुत ज़्यादा दिख राही हैं, इनका तो कही अंत भी नही दिख रहा है।" जेम्स ने सीढ़ियों की ओर देखते हुए कहा- “शायद ये हजार से भी ज़्यादा है? पता नही जमीन से इतना नीचे ऑक्सीजन भी
होगा कि नही?"

“एक काम करते है। कुछ नीचे तक उतर कर देखते है, अगर हम उतने नीचे तक कंफर्टेबल नहीं होंगे तो वहां से वापस आ जाएंगे।" विल्मर ने जेम्स के सामने अपनी राय रखते हुए कहा।

“ठीक है, तो मैं नीचे चलने को तैयार हू।" जेम्स ने भी विल्मर की राय पर अपनी सहमती जताते हुए कहा।

फिर क्या था दोनो ने अपने कंधे पर टूल बैग टांगा और हाथो में टार्च लेकर सीढ़ियों पर उतर गये।

अभी वह 6-7 सीढ़ियाँ ही उतर पाये थे कि तभी उन्हे एक तेज हवा का झोंका महसूस हुआ। ऐसा लगा जैसे कुछ उनके बगल से तेजी से निकला हो और इसी के साथ एक तेज गड़गड़ाहट के साथ ढाल वाला रास्ता ऊपर से बंद हो गया।

“ये तो ऊपर वाला रास्ता बंद हो गया?" जेम्स ने डरते हुए कहा-“अब हम वापस कैसे जाएंगे?“

“परेशान मत हो।" विल्मर ने जेम्स का हौसला बढ़ाते हुए कहा-“अगर ऊपर से दरवाजा खोलने का तरीका था तो नीचे से भी जरूर होगा। पहले नीचे चलते है, ऊपर की बाद में सोचेंगे।"

दोनो अब सावधानी से नीचे उतरने लगे। लगभग 800 सीढ़ियाँ उतरने के बाद उन्हे आगे सीढ़ियाँ ख़तम होती दिखि। यह देख दोनों ने राहत की साँस ली।

कुछ और आगे जाने पर अब इन्हे आखरी सीढ़ी बिल्कुल साफ दिखने लगी थी।

“यह क्या? आखरी सीढ़ी तो लाल रंग में चमक रही है।" जेम्स ने आखरी सीढ़ी की ओर देखते हुए कहा।

विल्मर को भी कुछ समझ में नहीं आया। अब दोनों जल्दी-जल्दी सीढ़ियाँ उतरने लगे।

अगले 5 मिनट में ही दोनों आखरी सीढ़ी के पास पहुंच गये।

जेम्स ने आखरी सीढ़ी से पहले ही टार्च को सामने की ओर मारा। सामने लगभग 10 कदम आगे अंधेरे में एक दीवार थी।

कुछ सोच विल्मर ने धीरे से अपना एक पैर लाल रंग वाली सीढ़ी पर रख दिया।

विल्मर के ऐसा करते ही लाल वाली सीढ़ी का रंग हरा हो गया।

यह देख जेम्स ने भी अपना पैर हरे रंग वाली सीढ़ी पर रख दिया और जेम्स के ऐसा करते ही उस हरी सीढ़ी को छोड़ बाकी सभी सीढ़ियों का चमकना बंद हो गया।

अब पीछे कुछ भी नहीं दिख रहा था की वो लोग कहां से आये थे?

तभी उस पहाड़ में कहीं ‘खट्-खट्’ की आवाज उभरी और इसके साथ ही इनके सामने की दीवार सुनहरी रोशनी से जगमगा उठी।

उस दीवार में उसी सुनहरी धातु से बना एक दरवाजा लगा था, जिसको काटने की इन्होने कोशिश की थी। उस दरवाजे के बीचोबीच में एक चाँदी जैसी धातु से बना शेर का उभरा हुआ सिर लगा था।

उस शेर का मुंह खुला हुआ था और उस खुले मुंह से शेर की जीभ बाहर आ रही थी।

जेम्स और विल्मर के सामने वह चमकता दरवाजा था और बाकी की दोनो साइड बिल्कुल अंधेरा था।

“यह तो बहुत विचित्र जगह लग रही है। विल्मर ने जेम्स से कहा- “लगता है सच में हमने किसी नयी दुनियां को खोज लिया है?"

“क्या फायदा ऐसी नयी दुनियां का, जिसके बारे में अब हम किसी को बता ही नहीं सकते।" जेम्स ने नकारात्मक अंदाज में कहा।

“परेशान मत हो जेम्स। हमको यहां से निकलने का रास्ता जरूर मिल जायेगा।" विल्मर ने फ़िर जेम्स की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा- “पहले यह सोचो कि यहां से आगे बढ़ने का रास्ता किधर है?"

यह सुन जेम्स ने आगे बढ़कर शेर की आँख को अंदर दबाने की कोशिश की, पर वह अंदर नहीं दबी।

अब जेम्स कभी शेर के कान उमेठता तो कभी उसकी जीभ, पर शेर के सिर का कोई भाग चलायमान नहीं था।

विल्मर ध्यान से जेम्स की यह बच्चे जैसी हरकत देख कर मुस्कुरा रहा था। तभी विल्मर की निगाह शेर के खुले मुंह के अंदर की ओर गयी। विल्मर ने जाने क्या सोचकर शेर के मुंह के अंदर टार्च मारकर देखा।

विल्मर को शेर के मुंह के अंदर कोई लीवर सा दिखाइ दिया। यह देख विल्मर ने शेर के मुंह में हाथ डालकर उस लीवर को धीरे से हिलाने की कोशिश की।

विल्मर के छेड़-छाड़ करने पर वह लीवर आगे की तरफ खिंच गया और तभी एक गड़गड़ाहट की आवाज के साथ, वह दरवाजा अंदर की ओर खुल गया।

जेम्स और विल्मर उस दरवाजे को पार कर दूसरी तरफ आ गये।

दरवाजे के दूसरी तरफ एक विशालकाय कमरा था। देखने में वह कमरा किसी पुराने राजा के दरबार जैसा था।

कमरे के बीचोबीच एक गोल पानी का फव्वारा लगा था। उस फव्वारे के बीच में एक विचित्र सी नक्काशी
किया हुआ एक धातु का खंभा बना था। उस खंभे के ऊपर की आकृति एक 7 सिर वाले साँप (सर्प) की थी, जिसके सातों फन गोल आकृति में आपस में जुड़े थे।

हर सर्प के फन से पानी की फुहार निकल रही थी, जो उस गोल फव्वारे में गिर रही थी। सर्प के उन फनों पर एक छोटा सा चबूतरा बना था, जिस पर एक असली कमल का फूल रखा हुआ था।

गोल फव्वारे के अंदर काफ़ी मात्रा में पानी भरा था जिसमें नीले रंग की छोटी-छोटी सुंदर मछिलयां तैर रही थी।

उस कमरे में दीवार से चिपके हुए 7 कांच के ताबूत भी लगे थे। सभी ताबूत के बीच लगभग 10 मीटर की दूरी थी।

हर एक ताबूत में अलग-अलग रंग का द्रव्य भरा था, जिसके बीच 7 पौराणिक योद्धाओ के निर्जीव शरीर भी उपस्थित थे।

हर एक योद्धा लंबा- चौड़ा दिख रहा था। उनमें से बीच वाले ताबूत के सामने एक 2 फुट का, धातु का पोडियम बना था, जिस पर 3 छोटे-छोटे सुराख बने थे।

कमरे की दीवार और छत पर उसी सुनहरी धातु से नक्काशी की गई थी। कमरे की छत पर एक उसी धातु से एक चित्र को उकेरा गया था।

उस चित्र में पहाड़ो के बीच बनी किसी घाटी के सीन को दिखाया गया था, जिसमें सूर्य पहाड़ो के बीच से निकलता दिखाई दे रहा था और सूर्य की किरणें घाटी में पड़ रही थी।
उस घाटी के आसमान पर एक इंद्रधनुष भी चमक रहा था।

कुल मिलाकर कमरे का माहौल बहुत ही रहस्यमयी दिख रहा था।

जेम्स और विल्मर कमरे में घूमते हुए पहले एक-एक कर सारी चीज़ो को देखने लगे। कमरे में सबसे आशचर्यजनक उन्हें वही काँच के ताबूत दिखे।

“विल्मर!" जेम्स ने विल्मर को सम्बोधित करते हुए कहा-

“क्या ये पौराणिक समय की ममी है जिन्हें किसी द्रव के अंदर सुरक्षित रखा गया है?"

“लग तो कुछ ऐसा ही रहा है, पर ताबूत में बंद हर द्रव का रंग अलग-अलग क्यों है?“ विल्मर ने कहा।

“एक बात और अजीब सी है।" जेम्स ने कमरे में एक नजर दौड़ाते हुए कहा- “उस खंभे पर मौजूद सर्प के 7 सिर है, यहां पर 7 ही ताबूत है और उन ताबूतों में 7 ही रंग का द्रव्य भरा है। तुम्हे यह अजीब सी समानता देख कर क्या लग रहा है?"

“तुमने छत की ओर ध्यान नहीं दिया।" विल्मर ने छत की ओर इशारा करते हुए कहा- “वहां पर भी जो चित्र बना है, उसमें सूर्य से 7 ही किरणें निकल रही है और वहां बने इंद्रधनुष में भी 7 ही रंग भरे है। इसका साफ मतलब है की 7 अंक का कुछ ना कुछ तो चक्कर है?"

“इंद्रधनुष!"

जेम्स इंद्रधनुष का नाम सुनकर फ़िर से उन काँच के ताबूतों की ओर देखने लगा और फ़िर चहक कर बोला- “विल्मर, इन ताबूत के अंदर भरा द्रव का रंग इंद्रधनुष के रंग से मैच कर रहा है। जरा ध्यान से इन सारे ताबूतों को देखो, पहले ताबूत में बैंगनी रंग का द्रव है, दूसरे में आसमानी, तीसरे में नीला, चौथे में हरा, पांचवे में पीला, छठे में नारंगी और सातवां में लाल रंग का द्रव भरा है, और इंद्रधनुष में भी यही सारे रंग पाये जाते है।"

विल्मर भी यह देखकर आश्चर्य से भर गया क्यों की जेम्स का अवलोकन बिल्कुल सही था।

“अच्छा, इस पूरे कमरे को देखकर यह भी महसूस हो रहा है जैसे कि ये पूरा सेटअप कल ही लगाया गया हो।" जेम्स ने कहा- “पूरा कमरा साफ-सुथरा नजर आ रहा है, यहां तक कि उन सर्प के ऊपर रखा कमल का फूल भी बिल्कुल ताजा दिख रहा है।"

कहते-कहते जेम्स उस फव्वारे के पास आ गया और ध्यान से उन सर्प की आकृति वाले खंभे को देखने लगा। कुछ सोचकर जेम्स ने फव्वारे के पानी में अपना कदम रख दिया।

उसके पानी में कदम रखते ही पानी में मौजूद नीली मछिलयां भाग कर दूसरी साइड चली गई।





जारी रहेगा_______✍️
वाह क्या जबरदस्त सुंदर लाजवाब और रहस्यमयी अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये जेम्स और विल्मर कौनसी रहस्यमयी जगह पर पहुंच गये है और वो सात ताबुत किसके हैं और ये सात रंग वाला क्या रहस्य हैं
खैर देखते हैं आगे
 

kas1709

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#67.

जेम्स अब उस खंभे की ओर बढ़ा। उसने सर्प के एक फन को धीरे से हिलाकर देखा, पर कहीं कोई हरकत नहीं हुई। जेम्स ने सर्प के मुंह में भी हाथ डालकर देखा, मगर वहां भी कुछ नहीं था। कुछ सोचकर जेम्स ने सर्प के सिर पर रखा कमल का फूल हाथ में उठा लिया।

जेम्स के द्वारा फूल उठाए जाते ही अचानक से फव्वारे के पानी में मौजूद नीली मछिलयां बहुत तेजी से इधर-उधर भागने लगी।

यह देखकर जेम्स घबरा कर फव्वारे से फूल लेकर बाहर आ गया। मछलियों के पानी में भागने की रफ़्तार अब और भी तेज हो गयी।

“अरे यह क्या?" विल्मर ने मछलियों को देखते हुए आशचर्य से कहा- “इन मछलियों का तो आकार भी बढ़ता जा रहा है।"

विल्मर की बात सुन जेम्स भी हैरान रह गया क्यों की मछलियों का आकार सच में बढ़ रहा था और इसी के साथ कम होता जा रहा था फव्वारे का पानी भी।

ऐसा लग रहा था कि मछिलयां फव्वारे का पानी पीकर ही बड़ी हो रही है। जेम्स और विल्मर घबरा कर थोड़ा पीछे हट गये।

कुछ ही देर में नींबू के आकार की मछिलयां फुटबॉल के आकार की हो गयी और धीरे-धीरे फव्वारे
का सारा पानी भी ख़तम हो गया।

जैसे ही सारा पानी ख़तम हुआ, अचानक से उस सर्पकार खंभे ने लट्टू की तरह से नाचना शुरू कर दिया और नाचते-नाचते जमीन में समाने लगा।

धीरे-धीरे वह पूरा का पूरा खंभा जमीन में समा गया और उसके साथ ही उस गड्डे में सारी मछिलयां भी समा गई।

अब जमीन से हल्की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देने लगी और इसी के साथ उस खाली स्थान से एक बर्फ़ की सिल्ली बाहर निकलती हुई दिखाई दी।

धीरे-धीरे 6 फुट की एक बर्फ़ की सिल्ली पूरी बाहर आ गयी।

सिल्ली के बाहर निकलते ही अचानक छत पर बने सूर्य से 7 रंग की किरण निकलकर उस बर्फ़ की
सिल्ली पर पड़ने लगी और इसी के साथ सिल्ली की बर्फ़ पिघलने लगी।

बर्फ़ के अंदर एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बंद थी जो बर्फ़ के पिघलने के साथ-साथ सजीव होने लगी। वह लड़की किसी अप्सरा की मानिंद खूबसूरत दिख रही थी।

हिरन के समान काली आँखें, अग्नि के समान घुंघराले सुनहरे बाल, सीप से पतले होंठ, गुलाब सा चेहरा, सुराहीदार गरदन, दूध सा चमकता गोरा शरीर, सब कुछ उसकी खूबसूरती को बयां कर रहे थे।

उसके माथे पर सुनहरा मगर छोटा सा मुकुट था। उसने योद्धाओं के समान सुनहरी धातु की पोशाक भी पहन रखी थी। उसने हाथ में एक 6 फुट की सुनहरी धातु का त्रिशूल पकड़ रखा था।

जेम्स और विल्मर तो यह सीन देख डर कर भागने वाले थे, पर उस लड़की का सौंदर्य ही ऐसा था जो कि उनको वहां से हटने ही नहीं दे रहा था। दोनों मंत्र-मुग्ध से उस योद्धा अप्सरा को निहार रहे थे।

कुछ ही देर में बर्फ़ पूरी तरह से पिघल गयी और वह अप्सरा पूर्ण सजीव हो गयी।

अब उस अप्सरा की नजरे जेम्स और विल्मर पर गयी। वह धीरे-धीरे चलती हुई उन दोनों के सामने आ खड़ी हुई।

“जेम्स और विल्मर को शलाका का प्रणाम।" उस अप्सरा ने झुककर जेम्स और विल्मर को अभिवादन किया।

अपना नाम शलाका के मुंह से सुनकर जेम्स और विल्मर के आश्चर्य का ठिकाना ना रहा। उन्हें कुछ
बोलते नहीं बन रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनके होंठ उनके तालू से चिपक गये हो।

“क.... क.... कौन हो आप?" बहुत मुश्किल से विल्मर ने डरते हुए शलाका से पूछा- “और हमारा नाम कैसे जानती हो?"

“थोड़ी देर इत्मिनान रखिये, अभी सब बताऊंगी आप लोग को, पहले जरा इन सबको तो जगा दू।" इतना कहकर शलाका ने उन ताबूतों को देखा जो कि कमरे में खड़े थे।

शलाका अब चलती हुई बीच वाले ताबूत के पास रखे पोडियम के पास पहुंच गयी। उसने एक बार सभी ताबूतों की ओर देखा और फ़िर पोडियम के बीच बने तीनो सुराख में अपना त्रिशूल घुसा दिया।

त्रिशूल के घुसाते ही हर ताबूत में जमीन की तरफ एक सुराख हो गया और उस सुराख के
माध्यम से सारा रंगीन द्रव्य जमीन में समा गया।

जैसे ही पूरा द्रव्य ताबूत से ख़तम हुआ, सारे योद्धा जीवित हो गये। योद्धाओं के जीवित होते ही सभी काँच के ताबूत जमीन में समा गये।

“सभी भाइयों का सन् 2004 में स्वागत है।" शलाका ने झुक कर सभी का अभिवादन किया।

आठों योद्धाओ ने अपने हाथ से मुक्के बनाकर आपस में टकराये। अब उनकी निगाहें डरे-सहमें जेम्स और विल्मर की ओर थी।

“हम 5000 वर्ष के बाद आज जागे है।" शलाका ने जेम्स और विल्मर की ओर देखते हुए कहा- “हम आपको सब बतायेंगे, पर अभी आप लोग थोड़ा आराम करे और हमें अपने कुछ जरुरी काम कर लेने दे। फ़िर हम आप को सब बतायेंगे।"

जेम्स और विल्मर के पास तो बहस करने की हिम्मत भी नहीं थी अतः उनहोने शांति से सर हिला दिया।

शलाका ने सहमित देख अपना त्रिशूल हवा में लहराया। जिसकी वजह से हवा में एक दरवाजा उत्तपन्न
हुआ। शलाका ने दोनों को उस दरवाजे से अंदर जाने का इशारा किया।

जेम्स और विल्मर ना चाहते हुए भी उस दरवाजे के अंदर प्रवेश कर गये।

दरवाजे के दूसरी तरफ एक शानदार शयनकक्ष था जिसमें खाने-पीने के सामान के अलावा टॉयलेट भी मौजूद था। परंतु उस कमरे में कोई दरवाजा नहीं था और उनके शयनकक्ष में घुसते ही शलाका का बनाया द्वार भी गायब हो गया था।

जेम्स और विल्मर अब बिल्कुल असहाय महसूस कर रहे थे। उनके पास अब इंतजार करने के अलावा और कोई चारा भी नहीं था।

इसिलए दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गये और इंतजार करने लगे शलाका के आने का।


नयनतारा:
8 जनवरी 2002, मंगलवार, 10:00, मायावन, अराका द्वीप

सुबह उठकर नित्य कार्यो से निवृत्त होने के बाद सभी ने हलका-फुलका फलो का नास्ता किया और फ़िर से जंगल के अंदर की ओर चल दिये।

इस समय सभी सावधानी से अपने कदम बढ़ा रहे थे। उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि द्वीप बहुत ही खतरनाक और विचित्र चीज़ों से भरा पड़ा है।

सबसे आगे सुयश चल रहा था, फ़िर उसके पीछे अल्बर्ट था, उसके पीछे एलेक्स और क्रिस्टी, फ़िर शैफाली और ब्रूनो, फ़िर जेनिथ और तौफीक, फ़िर असलम और ब्रैंडन और फ़िर सबसे पीछे जैक और जॉनी।

जैक और जॉनी इसिलये सबसे पीछे थे जिससे खतरा महसूस होते ही वह पीछे से भाग सके।

“पता नहीं कब ख़तम होगा ये जंगल?" जैक ने जॉनी से धीमी आवाज में कहा- “परेशान हो गया हू चलते-चलते।"

“मुझसे तो बिना शराब के चला ही नहीं जा रहा है।" जॉनी ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा- “पूरे 2 दिन से शराब की एक बूंद भी नहीं गयी हलक के नीचे। बेकार है इतने पैसे का होना, जबकि हम उसे प्रयोग में
ही ना ला सके।"

“तुझे शराब की पड़ी है। यहां मैंने कितने सपने सजाए थे कि ऑस्ट्रेलिया जाकर बीच पर घूमूंगा, लडकियों का डांस देखूंगा..... पर हाय री फूटी किस्मत.... सब बरबाद हो गया ... डांस देखने की छोड़ो अब तो यहां हमारे खुद पत्तियों को पहन कर जंगल में डांस करने की हालत आ गयी है।"

जैक की बात सुन जॉनी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

जॉनी को मुस्कुराता देखकर जैक को गुस्सा आ गया और वह बोल उठा- “तू क्यूं मुस्कुरा रहा है मेरी बात सुनकर?"

“बस तुझे पत्तियों को पहन कर डांस करते हुए कल्पना कर रहा हुं। सच्ची में यार बहुत खूबसूरत लगेगा तू तो ऐसी स्थिति में।" जॉनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

जैक जॉनी की बात सुनकर भड़क उठा और एक घूंसा धीरे से जॉनी की पीठ में जड़ते हुए बोला-
“अच्छा होता कि ड्रेजलर कि बजाय वह अजगर तुझे मार देता।"

जॉनी घूंसा खाकर आगे भाग गया और सुयश से बोला-
“कैप्टन, यदि ड्रेजलर के पत्थर पर साँप बना था तो उस पर अजगर ने हमला कर दिया। मेरे पत्थर पर तो बंदर बना था तो मुझ पर अब किंग-कॉन्ग हमला करेगा या गोरिल्ला?"

ना चाहते हुए भी सुयश सिहत सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी।

“ऐसा कुछ भी नहीं है।" सुयश ने सबका डर कम करने के लिये कहा- “ये सिर्फ एक इत्तेफाक भी हो सकता है।"

“मैं इसे इत्तेफाक मानने को तैयार नहीं हुं कैप्टन।"अल्बर्ट ने सुयश को देखते हुए कहा- “क्यों की हम सभी शैफाली के सपनों के बारे में जानते
हैं। उसकी कही हर एक बात सच होती जा रही है।"

अल्बर्ट की बात सुन सभी अल्बर्ट और सुयश के पास आ गये।

शैफाली अब इन सबसे पीछे हो गयी थी। तभी उसे अपने कान के पास कुछ फुसफुसाहट सी सुनाई दी
जो की यकीनन इनमें से किसी की नहीं थी- “नयनताराऽऽऽऽ!"

शैफाली यह सुनकर विस्मित हो गयी और बिना किसी से बोले एक दिशा की ओर चल दी।




जारी रहेगा________✍️
Nice update....
 
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