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Shaandar Mast Lajwab Hot Kamuk Garma garam UpdateUPDATE 024
अतीत के पन्ने : 05
मुझे सोए हुए काफी समय हो गया था अजीब सी गर्माहट हो रही थी बदन में । लंड के एकदम से हरकत होनी शुरू हुई , मीठी मीठी महीन कुनमुनाती हुई सिसकिया मेरे कानो में कुड़कुड़ा रही थी । सांसे गहरा रही थी और जिस्म अकड़ा जा रहा था । वो कामुक मादक सिसकिया मेरे भीतर की वासना को जगा रही थी । लग रहा था मानो मै वासना से भरे पोखरे में तैर रहा हु ।
हल्की फुल्की चेतना आई तो समझ आया कि आस पास ही कुछ हो रहा है
आंखे खोली और बगल में देखा तो कलेजा धक्क रह गया
नानी पूरी नंगी होकर घोड़ी बनकर झुकी हुई थी और एक बड़ा मोटा खीरा उनकी गाड़ में घुसा हुआ था , वो नीचे से हाथ अपनी बुर पर ले जाकर मसलती हुई सिसक रही थी ।
लंड एकदम तन कर लोहा हो गया , सुपाड़ा भी फूल टाइट नुकीला ,जिस्म के ताजगी और मस्ती एक साथ छाने लगी ।
मैने अपना लंड जो पहले से ही बाहर था उसको थाम कर सहलाया
और अगले ही पल नानी वो बड़ा सा खीरा पकड़ कर गाड़ से बाहर निकालने लगी
: नानी ... ये सब क्या ? ( हांफते कलेजे के साथ मैने उनको आवाज दी )
वो गर्दन घुमा कर मुझे देखी और बिस्तर पर पैर फैला कर मथने लगी , उनके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कुरा थी ।
उनके बड़े भड़कीले चूतड को अपने आगे लोटता देख लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
मै हाथ में लंड पकड़ कर सहलाते हुए
: क्या हुआ नानी ?
: उम्ममम सब तेरी वजह से हुआ है ( नानी करवट होकर बोली और मुस्कुराई )
: मेरी वजह से ? ( मै चौका )
: और क्या , तूने मुझे तंग किया और खुद सो गया तबसे मैं तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म ( नानी सीधी लेट कर अपने चूचे मसलने लगी और कसी चिपकी जांघों में हाथ अपने बुर पर ले जाने लगी )
: उफ्फ सच में मेरी प्यारी नानी तड़प रही है अह्ह्ह्ह आपको देख कर मै भी तड़प रहा हु देखो , ये कितना बड़ा हो गया है आह्ह्ह्ह मेरी नानीइई ( मै नानी के आगे अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: क्या फायदा उतना बड़ा होने का जब वो बाहर ही है हुह ( नानी तुनक कर बोली अह्ह्ह्ह और फिर अपनी जिस्म को मिजने लगी )
: आप जहां कहो वहां डाल दूं मेरी प्यारी नानी ओह्ह्ह्ह, बोलो न कहा डालू ( मै तेजी से अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: डालेगा ?
: हम्म्म नानी डालूंगा ( मै नानी की बात का जवाब देते हुए बोला )
: आजा इसमें घुसा , अपनी नानी की बुर में डाल बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी अपनी जांघों खोलती हुई बोली और उसके साथ ही उनकी बुर की परते भी खुलने लगी )
मानो कितने दरवाजों का पहरा हो नानी के चूत के छेद में , परत दर परत चमड़ी की पंखुड़ियां खुलती रही और बुर खिलती रही
: अह्ह्ह्ह्ह आजा बेटा अब और रहा नहीं जाता घुसा दे फाड़ दे ( नानी दोनो जांघो को पकड़ कर फैलाए हुए बोली )
उनकी बुर पूरी तरह से चिकनी थी और चूत पूरी रस से लबालब । रसाती बुर को देख कर मै पागल हो गया और आगे झुक कर सीधा नानी की बुर के मुंह दे दिया
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह शानू उम्मम बेटा अह्ह्ह्ह्ह खा जा हा खा जा अपनी नानी की बुर ओह्ह्ह्ह
मै नानी की चूत के पानी को चुबला रहा था और लंड पूरा अकड़ा हुआ था
नानी सिसक रही थी मेरे सर को पकड़े हुए अपनी बुर में रगड़ रही थी और मेरे मुंह पर नाक चेहरे पर नानी के रस की गाढ़ी मलाई फैल रही थी ।
मानो मैने मलाई से भरे पतीले में मुंह दे दिया हो और अगले ही पल मैने सुपाड़ा लगाया और लंड नानी की बुर में
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह बहुत बड़ा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई पेल बेटा चोद अह्ह्ह्ह सीईईईईई हा बेटा फाड़ और तेज अह्ह्ह्ह्ह
: लो नानी और लो उम्ममम फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह कितनी गरम बुर है नानी मजा आ रहा है
: तेरा लंड भी मस्त है और बड़ा है आह्ह्ह्ह आजतक ऐसे ही लंड की तलाश में भटक रही थी भर दे बेटा आह्ह्ह्ह तेज और तेज ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
: हा नानी भर दूंगा उम्मम्म उम्ममम
मै कमर झटके देकर लंड पेल रहा था और नानी की आवाज आ रही थी ।
मगर दिमाग में अजीब उलझन हो रही थी कि जब नानी मेरे नीचे है तो आवाज पीछे से क्यों आ रही है
: शानू... उठ जा शाम हो , शानू उठ बेटा
मेरी आंख खुली , मै बिस्तर पर पेट के बल लेता हुआ था । मेरा लंड वैसे ही बाहर था एकदम टाइट फौलादी ।
ओह बहिनचोद सपना था ये
: शानू उठ जा बेटा , जा नहा ले ( नानी फिर से बोली )
मै करवट बदल कर सीधा हुआ तो नानी बाल झाड़ रही थी ,अभी अभी नहा कर आई हो ऐसा लग रहा था ।
: जा पानी भर दी हु , फ्रेश हो ले जा ( नानी ने आइने में मुझे बिस्तर पर बैठे देखा। )
नानी ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं था हम दोनो के बीच ।
मै उठा और लंड अंदर कर नहा चला गया ।
नानी रसोई में बैठ कर मुर्गा बनाने लगी । मै कपड़े पहन कर उनके पास गया ।
: भूख लगी है ( नानी ने मुस्कुरा कर पूछा )
: लगी ही होगी , थक जो गया था ( नानी हस्ते हुए बोली और थोड़ा सा मुर्गा एक छोटी कटोरी में रस्सा डाल कर मुझे दिया ) चख कर बता कैसा है ?
मै मुस्कुरा और टेस्ट किया
: अच्छा है , आप भी खा लो थोड़ा सा । आप भी थक गए होगे न ( मैने कटोरी उनकी ओर बढ़ा कर आंख मारी )
: धत्त कमीना मारूंगी तुझे, बदमाश कही का ( नानी लजा गई ) तेजी वजह से दुबारा नहाना पड़ा मुझे
: हा तो आपको कपड़े निकाल देना चाहिए था न, हिही ( मै खिलखिलाया )
: कमीना चुप कर , कितना बेशर्म हो गया है तू ( वो मुस्कुरा कर बोली )
: वैसे लगता नहीं है कि आप नहाए हो , बस कपड़े बदले हो आप ( मैने उन्हें छेड़ा )
: अरे सच में मै नहाई हूं ( नानी सफाई देते हुए बोली )
: अच्छा तो जरा सूट ऊपर करो देखूं तो कौन से कलर की ब्रा पहने हो , कल जो सूखने को डाली थी वो है कोई और ( मै मस्ती में बोल गया )
: धत्त गंदा .. मार खायेगा अब शैतान कही का ( नानी हस कर बोली )
: मतलब कि आप नहीं नहाए हो हीहीहीही
: कैसे बताऊं इसे ( नानी झिझकी और फिर आस पास देख अपना सूट उठा दिया ) ले देख कल जो धूल कर डाली थी वहीं है
नानी के सूट के नीचे ब्रा में उनकी मोटी मोटी चूचियां कैद थी । देखते ही लंड अकड़ गया
: बदमाश कही का ( नानी भुनभुनाई और मै खिलखिलाया )
: और नीचे ? ( मै शरारती होकर बोला )
: शानू !! मार खायेगा अब चुप
मै खिलखिलाने लगा
थोड़ी देर बाद दिलावर मामू आए और हम लोगों ने साथ खाना खाया ।
शाम को दिलावर मामू की आदत थी रोज पीकर आने की ।
आज वो बातो को लंबा खींच रहे थे , नानी उनकी मर्जी समझ रही थी मगर मै नहीं उस वक्त उनके इरादे भाप पाया था
नानी की कोशिश थी कैसे भी करके उनको घर भेजना चाह रही थी , मगर उनकी बकबक से हम दोनो तंग आ गए थे । कभी नानी को अपने घर चल कर कुछ समान खोजने को कहता तो कभी कुछ बहाने , यहां तक कि वो आज खटिए पर आंगन में ही सोने को तैयार हो गया था मगर किसी तरह नानी ने उन्हें भेजा
: हाय दैय्या उफ्फ कितना परेशान कर दिया था ( नानी बिस्तर पर आकर बोली )
: आप खामखां परेशान हो गई हो , सो लेने देती यही पर , वैसे भी अकेले है वो ( मै थोड़ा सॉफ्ट कॉर्नर लेकर बोला )
: अरे पागल है तू , वो हराम का जना नशे में अपनी बेटी को नहीं पहचानता तुझे लगता है मुझे छोड़ता वो ( नानी झल्ला कर बोली )
: ओह ऐसा क्या
: हा तो , इसीलिए तो वो बात बना बना कर मुझे अपने घर ले जाना चाहता था , हरामी कही का ( नानी के चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था )
मै आगे बढ़ा और उनके गाल चूम लिए
: अरे ... अब ये क्यों ( नानी गाल पोछते हुए बोली )
: गुस्से में आप क्यूट लगते हो ( मै मुस्कुराया )
: पागल कही का ... अच्छा अम्मी से बात करेगा अपनी ( नानी हस कर बोली )
: हम्म्म ( मै खुश होकर हा में सर हिलाया)
फिर नानी ने फोन किया 2 बार ट्राई मगर काल पिक नहीं हुआ
: रहने दो नानी , उनका अपना खेल शुरू हो गया होगा हीही
: कैसा खेल ? ( नानी अचरज से बोली )
: हीहीही, नहीं रहने दो फिर आप मुझे ही डांट लगाओगे कि क्यों मै अम्मी के कमरे में ताक झांक करता हूं ( मैने नानी को उलझाना चाहा )
: अब बोल न कैसा खेल ( नानी पूरी तरह से उत्सुक दिखी मतलब मेरा पासा सही गिरा था, अब बस उन्हें एक कहानी में उलझाना था )
: आपको तो पता ही है कि अब्बू आपके कितने बड़े दीवाने है , हीही ( मै नानी का मुंह देख कर बोला )
: हम्म्म पता है , दांत मत दिखा । आगे बोल ( नानी ने डांट लगाई )
: वो जब भी अब्बू अम्मी साथ होते तो अक्सर अम्मी एक पुरानी ढीली काटन की सूट पहन कर अब्बू के पास आती थी ।
: फिर ... ( नानी की धड़कने तेज हो रही थी )
: हीही, फिर अम्मी कमरे में झुक कर सफाई करने का नाटक करती थीं और अब्बू पीछे खड़े होकर उनकी सलवार में फैली हुई बड़ी सी गाड़ देखते हुए पजामे में अपना लंड सहलाते थे । फिर धीरे से अम्मी के चूतड़ पर हाथ घुमाते रहते ।फिर अम्मी मुस्कुरा कर बोलती "घूम कर आ गया अक्कू " , तो अब्बू बोलते " जी फूफी " ।
: क्या ? ( नानी अचरज से बोली )
: हम्म्म फिर अम्मी कहती " रुक जा थोड़े सफाई कर लूं फिर तुझे दूध दूंगी पियेगा न मेरा अक्कू " , तो अब्बू हा में सर हिलाते और फिर अम्मी के पीछे पीछे उनके गाड़ को छूते हुए लंड हिलाते । फिर अम्मी घुटने के बल झुक कर सोफे के नीचे झाड़ू लगाती और अपने गाड़ उठा देती थी । फिर अब्बू उनके पीछे आकर अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाते हुए उनकी सलवार खींच देते । अम्मी उन्हें मना करते मगर अब्बू उनकी कच्छी भी खींच कर नीचे कर देते ।
: फिर ...? ( नानी की आंखों में खुमारी साफ झलक रही थी , नीचे एड़ियां आपस में घिस रही थी )
: फिर अब्बू झुक कर अम्मी की नंगी गाड़ को सहलाते और फिर जीभ से अम्मी के गाड़ के सुराख में चाटते , फिर नीचे उनकी बुर को चाटते ( झूठी कहानी ही सही मगर अम्मी के बारे में बताते हुए मेरा लंड एकदम अकड़ा हुआ था और लोवर में ठुमके मार रहा था )
: धत्त गंदा , ये अक्कू कितना गंदा है वहां भला कोई जीभ लगाता है छीइईईई
: हा पहले मुझे भी ऐसा ही लगा ( मैने नानी की हा में हा मिलाई )
: फिर ..( नानी की उत्सुकता बढ़ी )
: फिर अम्मी को अच्छा लग रहा था , वो पागलों के जैसे सिसक रही थी अपने चूतड़ अब्बू के मुंह पर फेक रही थी ये कहते हुए कि " अह्ह्ह्ह्ह अक्कू हम्म्म खा जा बेटा अपनी फूफी की गाड़ खा जा चाट ओह्ह्ह्ह कितना मुलायम जीभ है तेरा मेरी बुर बह रही है बेटा अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू " ।
मैने नानी की ओर देखा और वो आंखे फाड़ कर मुझे देख रही थी , जैसे उन्हें ये सब पता ही नहीं हो । बिल्कुल नया था हो उनके लिए।
: तू तू सच कह रहा है शानू , ऐसा बोलती थी तेरी अम्मी ( नानी थूक गटक बोली )
: जी नानी और फिर अब्बू पीछे से ही अम्मी के पिछवाड़े में अपना मोटा लंबा लंड डाल कर अम्मी को पेलते थे खूब जोर जोर से और अम्मी अब्बू को अक्कू कह कह कर खूब चुदवाती थी । ( मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था और नानी अजीब सी दुविधा में दिख रही थी )
भीतर से वो भी वासना में डूबी हुई थी ये पक्का था मगर गाड़ चाटने वाली बात शायद उन्हें कही उलझा गई ।
: नानी एक बात पूछूं
: अह हा बेटा बोल न ( नानी अपने ख्यालों से बाहर आकर बोली )
: क्या कभी नानू या बब्बू मामू ने आपके वहां किस्स नहीं किया ( मै झिझक कर बोला , जानता था एक बार में जवाब नहीं आयेगा )
: धत्त बदमाश, क्यों पूछ रहा है ( नानी मुस्कुराई )
: नहीं आपकी बातों से लगा कि शायद वहा आपके किसी ने नहीं किया होगा इसीलिए आप को ताज्जुब हुआ ( मैने अनुमान लगाया )
: हम्ममम ( नानी ज्यादा नहीं बोली )
: पता है मै अब्बू को अम्मी के चूतड़ चाटते देखता तो सोचता था कि कैसा लगता होगा वो सब करके ( मै थूक गटक कर बोला )
: हम्ममम मै भी ( नानी अपने ख्यालों के उलझी हुई बोली )
मै लपक कर उनके करीब हो गया और एक बार फिर मेरे पंजे उनके जांघों पर ।
: नानी... ( सलवार के ऊपर से उनकी मोटी गदराई जांघों को सहलाते हुए बोला )
: हम्म्म बोल न बेटा ( नानी मुझे देखकर बोली , उनकी आंखों के मदहोशी झलक रही थी )
: नानी चलो ट्राई करते है न ( मै अटकते हुए स्वर में बोला )
: क्या ? ( नानी मेरी आंखो में देख देखते हुए बोली , उनकी आंखे साफ बयान कर रही थी उन्हें मेरे दिल की बात साफ साफ पता है मगर वो खुल कर नहीं स्वीकारना चाहती थी । )
: वही जो अम्मी अब्बू करते थे , प्लीज ( मैने उनकी जांघों में अपने पंजे धंसाये )
: धत्त गंदा , नहीईई ( नानी मुस्कुरा कर मुंह फेरने लगी )
: नानी प्लीज न बस एक बार ट्राई करते है न ( मैने उनके चेहरे को पकड़ कर अपने ओर करने लगा तो लगातार लजा कर मुंह फेर लेती थी )
मै उनके पीछे से हाथ डाला और दूसरी ओर उन्हें पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके चेहरे अपने ओर किए
: प्लीज न ( मैने उनकी आंखों में देख कर बोला तो वो मुस्कुरा कर ना में सर हिला रही थी )
मैने पीछे वाले हाथ से पंजे बढ़ा कर उनकी चुची को पकड़ लिया तो वो सिसक पकड़ी और मैने आगे बढ़ कर उनके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए
मेरे नरम होठ पाते ही नानी अकड़ कर मेरे ओर खींचने लगी , मैने उनके लिप्स चूसने लगा और वो मेरे ।
एक अजीब सा अहसास मेरे तन बदन के हो रहा था । नानी के मुलायम मोटे लिप्स चूसने में बहुत मजा आ रहा था और उससे ज्यादा उनकी नरम चूचियां मिजने में ।
नानी ने चुम्बन तोड़ा और मुझे देखने लगी
: आई लव यू नानी ( मै उनकी आंखों में देख कर बोला , कितना नशा उतर आया था उनकी आंखों के और सांसे चढ़ने उतरने लगी थी )
: मै भी ..( नानी हांफते हुए मेरी आंखो में देख कर बोली और मैं हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चूचियां मसल दी सूट के ऊपर से )
: आह्ह्ह्ह शानू उम्मम बेटा अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( नानी आंखे बंद कर सिसकने लगी और मेरे दोनों हाथ उनकी चूचियां मिजने लगे )
: अह्ह्ह्ह्ह नानी कितनी बडे हैं आपके दूध ओह्ह्ह्ह उम्मम पिला दो न प्लीज नानी मेरी प्यारी नानी न प्लीज पिला दो ( सूट के ऊपर से ब्रा में कड़क हो चुके नानी के निप्पल मसलता हुआ मै बोला)
: अह्ह्ह्ह्ह आजा बेटा ले पिल ले ( नानी झट से अपना सूट ऊपर किया और ब्रा उठा कर एक बड़ी सी चुची मेरे आगे परोस दी )
: उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ( लपक कर मै आगे बढ़ा और नानी की लटकी हुई मोटी चूचि को पकड़ कर निप्पल मुंह ने ले लिया और चुंबलाने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई बेटा उम्मम आराम से लाला ओह्ह्ह्ह्ह शानू बेटा उम्ममम अह्ह्ह्ह पी ले मेरा प्यारा बच्चा अह्ह्ह्ह नानी का दूदू पसंद है न ( नानी मेरे सर को पकड़ कर अपने छाती से लगाए हुए सिसक कर बोली )
: अह्ह्ह्ह हा नानी बहुत ज्यादा , आपका दूदू बहुत मोटा और रसीला है उम्ममम ( मै वापस मुंह लगा कर नानी के निप्पल चूसते हुए उनकी दूसरी चुची को भी मिजने लगा )
नानी मस्ती में सिसकने लगी और मै एकदम से अलग हो कर खड़ा हो गया
: क्या हुआ ( मदहोश नजरों से नानी अपने चूची को ढकती हुई बोली )
मै मुस्कुराया और अपना लोवर नीचे खींच कर अपना बड़ा सा खीरे जैसा मोटा मूसल निकाल लिया
: हाय दैय्या इतना बड़ा ... ( नानी आंखे फाड़ कर मेरे लंड को निहार रही थी । )
मै उसको बड़ी बेशर्मी से सहलाता हुआ नानी के पास बेड के करीब खड़ा हुआ और नानी का हाथ पकड़ कर उन्हें खड़ा करने लगा ।
वो अवाक होकर कभी मुझे कभी मेरे लंड को निहारती ।
मैने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने पास खींचा और उनकी सलवार खोलने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह बदमाश कही का , तू तो बड़ा हो गया रे उम्मम ( नानी का इशारा मेरे लंड पर था )
: आपके लिए आपका अक्कू ही रहूंगा न फूफी ( मैने मुस्कुरा कर नानी की आंखों के आंखे डाल कर कहा )
नानी के दिल की धड़कने बढ़ गई और वो सूखे गले से थूक उतारते हुए मुझे निहारने लगी उनके बदन में सरसरी सी फेल गई , वो मेरे इरादे समझ गई थी , मगर जरा भी मना नहीं किया ।
सलवार सरक कर पैरों में जा चुकी थी
और मेरे पंजे उनके नंगे चूतड़ को अपने छोटी सी हथेली में भरना चाह रहे थे ।
नानी मुझसे चिपक गई थी उसकी ऊपर नीचे होती चूचियां मेरे सीने पर मुझे महसूस हो रही थी और मेरे पंजे उनके नंगे मखमली बड़े भड़कीले चूतड को सहला रहे थे ।
: फूफी .... ओ मेरी प्यारी फूफी ( मैने उनके कान में बोला )
: उम्मम ( नानी बस सिसकी )
: आपकी गाड़ कितनी बड़ी है आह्ह्ह्ह ( मैने अपना नुकीला लंड नानी के चूत के मुहाने पर कोचा और वो बिलबिला उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा गर्म है उम्ममम
: फूफी .... ( मैने फिर से नानी को पुकारा )
: हा बेटा बोल न ( इस बार सिसक कर नानी ने जवाब दिया )
: अक्कू आपको बहुत प्यार करता है मेरी फूफी अह्ह्ह्ह
: हम्मम ( नानी पूरी तरह सिहर कर बोली )
नानी की सांस चढ़ रही थी वो मेरे पीठ को सहला रही थी और लंड पूरा अकड़ा हुआ उनकी बुर के मुहाने पर चोट कर रहा था ।
मैने उनका सूट उठाया और उनके जिस्म से अलग कर दिया
नानी अब बस ब्रा में में थी जिसमें से एक चुचि बाहर लटक रही थी , आह्ह्ह्ह कितनी सेक्सी कितनी मुलायम और रसीली
मैने उन्हें कस कर अपने बाहों में भर लिया : अह्ह्ह्ह फूफी कितनी sexy हो आप अह्ह्ह्ह कितनी गर्म और मुलायम अह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी
: उम्ममम बेटा अह्ह्ह्ह्ह तेरा भी बदन बहुत तप रहा है अह्ह्ह्ह बेटा ओह्ह्ह्ह और तेरा यह्ह्ह्ह कितना गर्म है ( नानी ने हाथ बढ़ाया और मेरा लंड थाम लिया)
मै उनके गाड़ नोचने लगा और वो मेरे लंड मसलने लगी
: अह्ह्ह्ह कितना बड़ा और कड़क है ओह्ह्ह्ह
: फूफी ... ( मेरे बुलाने पर नानी मुझे देख कर मुस्कुराई )
: मेरी प्यारी फूफी ( मैने उन्हें घुमाया और पीछे से हग करते हुए उनके कान के पास चूमते हुए बोला )
वो कांपने लगी
: हम्म्म बोल न बेटा
: मुझे अक्कू कह कर बुलाओ न फूफी ( अपना नुकीला लंड नानी के गाड़ के दरारों में घिसता हुआ मै बोला )
: अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह फूफी को कितना तड़पा रहा है उम्ममम अह्ह्ह्ह ( नानी मस्त होकर बोली और मेरे तन बदन में हरकत होने लगी
: तड़पाते तो आप मुझे अपने बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ों को हिला कर अह्ह्ह्ह्ह कितना गहरा है देखो तो मेरा लंड गायब हो जा रहा है इसमें ( मै नानी के चूतड़ के सकरे दरारों में सुपाड़ा भेदता हुआ बोला )
: मेरे अक्कू को फूफी की गाड़ बहुत पसंद है न बेटा ( नानी अपने चूतड़ मेरे लंड पर मथते हुए बोली )
: अह्ह्ह्ह हा फूफी बहुत ज्यादा , जी करता है इसको खा जाऊ उम्मम कितना बड़ा है और मुलायम भी अह्ह्ह्ह्ह फूफी उम्ममम ( मै पीछे से उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ों में अपना लंड घिसता हुआ आगे उनकी मोटी मोटी चूचियां मसलने लगा )
: इतनी पसंद हूं मै मुझे बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम बोल न ( नानी ने सवाल किया )
: बहुत ज्यादा फूफी आह्ह्ह्ह ( मै उसके कंधे गर्दन पीठ को चूम रहा था और लंड को उसकी गाड़ के दरारों में पेल रहा था )
: अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह कितना मोटा है रे तेरा अह्ह्ह्ह
मै उनको आगे ठेल कर बिस्तर पर झुकाया
: अह्ह्ह्ह् मान जा न मत कर बेटा उम्मम ( नानी झुकी हुई गर्दन फेर कर बोली )
: मत रोको न फूफी प्लीज ( मै नानी के चूतड़ और जांघ सहलाते हुए बोला )
फिर नानी दोनो टांगे फोल्ड कर बिस्तर के किनारे ही घोड़ी बन कर अपनी गाड़ को हवा में उठा दिया
बड़े बड़े पहाड़ जैसे चूतड़ देख कर मै पागल हो गया
: अह्ह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी कितनी बड़ी गाड़ है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह मेरी फूफी
: हम्म्म मेरा बच्चा अब ये तेरा है , बहुत पसंद है न तुझे मेरे चूतड़ उम्मम
: बहुत उम्ममम सीईईई अह्ह्ह्ह ( मै झुक कर नानी के जांघें चूमता हुआ उनके चूतड़ सहलाने लगा )
नानी के बदल के हरकते होने लगी और लंड में सुरसुरी होने लगी । पूरी नसे फड़कने लगी
मै उनके पहाड़ जैसे चूतड़ों को पकड़ कर दोनों पंजे से फैलाते हुए नथुने पास ले जा कर उनके गाड़ के सुराख सुंघा , गाड़ से आती मादक गंध से पूरा बदन गिनगिना उठा और जीभ निकाल कर मैने उसकी टिप को नानी के गाड़ के बड़े से भूरे सुराख पर टच किया , नानी के शरीर में कंपकपी सी हुई
: अह्ह्ह्ह शानू उह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह
मैने इस बार मुंह की लार को बटोरा और जीभ से सारी लार नानी के गाड़ के सुराख पर टपकाते हुए जीभ को इस बार अच्छे से फिराया
: या खुदा अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह ( नानी पूरी सिहर उठी, पीठ टाइट कर अपने गाड़ सख्त करने लगी लेकिन मैं मजबूती से उसके दोनों चूतड़ को पंजे से फैलाये रखा और अबकी बार अपने होठों से उनकी गाड़ को चूसने लगा
: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम क्या जादू सिख कर आया है रे तू या अल्लाह ओह्ह्ह मेरा बच्चा खा जाएगा क्या ओह्ह्ह्ह क्या हो रहा है मुझे ओह्ह्ह्ह्ह
: मजा आ रहा है न नानी , मुझे भी बहुत टेस्टी लग रहा है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है बस चाटता रहूं आपकी गाड़
: अह्ह्ह्ह चाट ले बेटा अह्ह्ह्ह चाट अपनी फूफी की गाड़ अह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा खा जा , ओह्ह्ह्ह खा जा
मैं नानी की जांघें पकड़ कर अपना मुंह नानी के गाड़ में दे दिया और जीभ से उनकी गाड़ को चाट रहा था चुभला रहा था
नीचे नानी अपनी बुर मसल रही थी एक हाथ से
: क्या हुआ फूफी , बुर में खुजली हो रही है
: हम्मम बेटा बहुत ज्यादा , डाल दे न अब अह्ह्ह्ह्ह नहीं रहा जा रहा
: अह्ह्ह्ह फूफी रुको न थोड़ा जगह दो अह्ह्ह्ह ऐसे ही बस ( मै उल्टा होकर नानी की जांघों के बीच घुसने लगा )
: अरे कहा जा रहा है ऐसे अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पागल यह्ह्ह्ह क्याहह्ह उम्ममम तू ये सब कहा से सीख कर आया अह्ह्ह्ह मुझे पागल कर देगा उम्मम्म अमीीईई ओह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है अह्ह्ह्ह
मै नानी की जांघों में घुसा हुआ उनकी बुर के फाकों को चुबला रहा था वो मेरे मुंह अपनी बुर रगड़ रही थी
: अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह चूस ले अपनी फूफी की बुर उम्ममम अह्ह्ह्ह पी जा उसका पानी अह्ह्ह्ह अच्छा लग रहा है न ( नानी मेरे मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: हम्ममम बहुत टेस्टी है अह्ह्ह्ह उम्ममम सीईईई ( मै जीभ घुसा कर अंदर बुर में नचाने लगा और नानी के जांघें कांपने लगी )
: ओह्ह्ह्ह्ह बेटा अब और मत तड़पा मै पागल हो जाऊंगी डाल दे घुसा दे अपनी फूफी की बुर के , पेल दे मुझे अह्ह्ह्ह मेरा मुन्ना अह्ह्ह्ह्ह मेरा लाल
मै उठा और नानी को आगे किया
: यही चाहिए फूफी को उम्ममम ( मै अपना लंड उनकी बुर के पास रगड़ने लगा )
: हा बेटा डाल न अह्ह्ह्ह मत तड़पा ( नानी सिसक कर बोली )
: पहले कहो अक्कू बेटा फूफी के बुर में अपना लंड डालो ( नानी के चूत पर लंड रगड़ते हुए मैने मस्ती की )
: धत्त कामिना डाल न कितना नाटक कराएगा मुझसे उम्मम घुसा न बेटा मेरा अक्कू मेरा बच्चा पेल न अपनी फूफी को ( नानी भिनकती हुई आखिर वापस लाइन पर आ गई और अगले ही पल मैने लंड सेट करते हुए हचाक से उनकी बुर में पेल दिया
: आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह कितनी टाइट अह्ह्ह्ह उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
: उम्मम फूफी कितनी मुलायम और गर्म बुर है आपकी अह्ह्ह्ह इतनी रसीली है चूत अह्ह्ह्ह्ह लग रहा है मेरा लंड पिघल जाएगा
: हा बेटा तेरा लंड भी बहुत गर्म है आग सा तप रहा है , ओह्ह्ह्ह रुक मत चोद न , कितना तड़पाता है तू अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही बेटा उम्ममम हा बेटा और उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
मै पीछे से गच्च गच्च नानी की बुर में पेलने लगा और उनके बड़े भड़कीले चूतड़ों को मसलने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह फूफी कितने सालों बाद आज मौका दी हो अह्ह्ह्ह्ह आज तो फाड़ दूंगा आपकी बुर अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: हा बेटा फाड़ ले , अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही और चोद अपनी फूफी को उम्ममम कितना मस्त लंड है तेरा अह्ह्ह्ह्ह हा बेटा और और और न उम्ममम पेल पेल अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आयेगा हा हा और और ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् नानी कितना झड़ रही हो आप आह्ह्ह्ह कितना गर्म है लंड जल रहा है मेरा अह्ह्ह्ह आपकी बुर भट्ठी जैसे तप रही है अह्ह्ह्ह नानी अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह आयेगा आएगी ओह्ह्ह्ह
लो नानी आ रहा है मेरे अह्ह्ह्ह
: हा बेटा झड़ जा नानी के ऊपर निकाल दे अह्ह्ह्ह
: आज आपको नहला दूंगा नानी अपने रस से अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू नानी उम्मम्मआह अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मै तेजी लंड बाहर निकाला और नानी के गाड़ पर झड़ने लगा
झटके पर झटके देकर आखिर बूंद तक नानी के बड़े चौड़े चूतड़ मेरे रस से नहाते रहे ।
फिर मै थक कर नानी के पास लुढ़क गया
जारी रहेगी
पढ़ कर रेवो जरूर करें
मुझे इंतजार रहेगा
अगला अपडेट आपके सपोर्ट पर निर्भर करेगा ।
धन्यवाद
Kya update diya hai bhai maza aa gaya padkeUPDATE 024
अतीत के पन्ने : 05
मुझे सोए हुए काफी समय हो गया था अजीब सी गर्माहट हो रही थी बदन में । लंड के एकदम से हरकत होनी शुरू हुई , मीठी मीठी महीन कुनमुनाती हुई सिसकिया मेरे कानो में कुड़कुड़ा रही थी । सांसे गहरा रही थी और जिस्म अकड़ा जा रहा था । वो कामुक मादक सिसकिया मेरे भीतर की वासना को जगा रही थी । लग रहा था मानो मै वासना से भरे पोखरे में तैर रहा हु ।
हल्की फुल्की चेतना आई तो समझ आया कि आस पास ही कुछ हो रहा है
आंखे खोली और बगल में देखा तो कलेजा धक्क रह गया
नानी पूरी नंगी होकर घोड़ी बनकर झुकी हुई थी और एक बड़ा मोटा खीरा उनकी गाड़ में घुसा हुआ था , वो नीचे से हाथ अपनी बुर पर ले जाकर मसलती हुई सिसक रही थी ।
लंड एकदम तन कर लोहा हो गया , सुपाड़ा भी फूल टाइट नुकीला ,जिस्म के ताजगी और मस्ती एक साथ छाने लगी ।
मैने अपना लंड जो पहले से ही बाहर था उसको थाम कर सहलाया
और अगले ही पल नानी वो बड़ा सा खीरा पकड़ कर गाड़ से बाहर निकालने लगी
: नानी ... ये सब क्या ? ( हांफते कलेजे के साथ मैने उनको आवाज दी )
वो गर्दन घुमा कर मुझे देखी और बिस्तर पर पैर फैला कर मथने लगी , उनके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कुरा थी ।
उनके बड़े भड़कीले चूतड को अपने आगे लोटता देख लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
मै हाथ में लंड पकड़ कर सहलाते हुए
: क्या हुआ नानी ?
: उम्ममम सब तेरी वजह से हुआ है ( नानी करवट होकर बोली और मुस्कुराई )
: मेरी वजह से ? ( मै चौका )
: और क्या , तूने मुझे तंग किया और खुद सो गया तबसे मैं तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म ( नानी सीधी लेट कर अपने चूचे मसलने लगी और कसी चिपकी जांघों में हाथ अपने बुर पर ले जाने लगी )
: उफ्फ सच में मेरी प्यारी नानी तड़प रही है अह्ह्ह्ह आपको देख कर मै भी तड़प रहा हु देखो , ये कितना बड़ा हो गया है आह्ह्ह्ह मेरी नानीइई ( मै नानी के आगे अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: क्या फायदा उतना बड़ा होने का जब वो बाहर ही है हुह ( नानी तुनक कर बोली अह्ह्ह्ह और फिर अपनी जिस्म को मिजने लगी )
: आप जहां कहो वहां डाल दूं मेरी प्यारी नानी ओह्ह्ह्ह, बोलो न कहा डालू ( मै तेजी से अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: डालेगा ?
: हम्म्म नानी डालूंगा ( मै नानी की बात का जवाब देते हुए बोला )
: आजा इसमें घुसा , अपनी नानी की बुर में डाल बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी अपनी जांघों खोलती हुई बोली और उसके साथ ही उनकी बुर की परते भी खुलने लगी )
मानो कितने दरवाजों का पहरा हो नानी के चूत के छेद में , परत दर परत चमड़ी की पंखुड़ियां खुलती रही और बुर खिलती रही
: अह्ह्ह्ह्ह आजा बेटा अब और रहा नहीं जाता घुसा दे फाड़ दे ( नानी दोनो जांघो को पकड़ कर फैलाए हुए बोली )
उनकी बुर पूरी तरह से चिकनी थी और चूत पूरी रस से लबालब । रसाती बुर को देख कर मै पागल हो गया और आगे झुक कर सीधा नानी की बुर के मुंह दे दिया
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह शानू उम्मम बेटा अह्ह्ह्ह्ह खा जा हा खा जा अपनी नानी की बुर ओह्ह्ह्ह
मै नानी की चूत के पानी को चुबला रहा था और लंड पूरा अकड़ा हुआ था
नानी सिसक रही थी मेरे सर को पकड़े हुए अपनी बुर में रगड़ रही थी और मेरे मुंह पर नाक चेहरे पर नानी के रस की गाढ़ी मलाई फैल रही थी ।
मानो मैने मलाई से भरे पतीले में मुंह दे दिया हो और अगले ही पल मैने सुपाड़ा लगाया और लंड नानी की बुर में
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह बहुत बड़ा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई पेल बेटा चोद अह्ह्ह्ह सीईईईईई हा बेटा फाड़ और तेज अह्ह्ह्ह्ह
: लो नानी और लो उम्ममम फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह कितनी गरम बुर है नानी मजा आ रहा है
: तेरा लंड भी मस्त है और बड़ा है आह्ह्ह्ह आजतक ऐसे ही लंड की तलाश में भटक रही थी भर दे बेटा आह्ह्ह्ह तेज और तेज ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
: हा नानी भर दूंगा उम्मम्म उम्ममम
मै कमर झटके देकर लंड पेल रहा था और नानी की आवाज आ रही थी ।
मगर दिमाग में अजीब उलझन हो रही थी कि जब नानी मेरे नीचे है तो आवाज पीछे से क्यों आ रही है
: शानू... उठ जा शाम हो , शानू उठ बेटा
मेरी आंख खुली , मै बिस्तर पर पेट के बल लेता हुआ था । मेरा लंड वैसे ही बाहर था एकदम टाइट फौलादी ।
ओह बहिनचोद सपना था ये
: शानू उठ जा बेटा , जा नहा ले ( नानी फिर से बोली )
मै करवट बदल कर सीधा हुआ तो नानी बाल झाड़ रही थी ,अभी अभी नहा कर आई हो ऐसा लग रहा था ।
: जा पानी भर दी हु , फ्रेश हो ले जा ( नानी ने आइने में मुझे बिस्तर पर बैठे देखा। )
नानी ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं था हम दोनो के बीच ।
मै उठा और लंड अंदर कर नहा चला गया ।
नानी रसोई में बैठ कर मुर्गा बनाने लगी । मै कपड़े पहन कर उनके पास गया ।
: भूख लगी है ( नानी ने मुस्कुरा कर पूछा )
: लगी ही होगी , थक जो गया था ( नानी हस्ते हुए बोली और थोड़ा सा मुर्गा एक छोटी कटोरी में रस्सा डाल कर मुझे दिया ) चख कर बता कैसा है ?
मै मुस्कुरा और टेस्ट किया
: अच्छा है , आप भी खा लो थोड़ा सा । आप भी थक गए होगे न ( मैने कटोरी उनकी ओर बढ़ा कर आंख मारी )
: धत्त कमीना मारूंगी तुझे, बदमाश कही का ( नानी लजा गई ) तेजी वजह से दुबारा नहाना पड़ा मुझे
: हा तो आपको कपड़े निकाल देना चाहिए था न, हिही ( मै खिलखिलाया )
: कमीना चुप कर , कितना बेशर्म हो गया है तू ( वो मुस्कुरा कर बोली )
: वैसे लगता नहीं है कि आप नहाए हो , बस कपड़े बदले हो आप ( मैने उन्हें छेड़ा )
: अरे सच में मै नहाई हूं ( नानी सफाई देते हुए बोली )
: अच्छा तो जरा सूट ऊपर करो देखूं तो कौन से कलर की ब्रा पहने हो , कल जो सूखने को डाली थी वो है कोई और ( मै मस्ती में बोल गया )
: धत्त गंदा .. मार खायेगा अब शैतान कही का ( नानी हस कर बोली )
: मतलब कि आप नहीं नहाए हो हीहीहीही
: कैसे बताऊं इसे ( नानी झिझकी और फिर आस पास देख अपना सूट उठा दिया ) ले देख कल जो धूल कर डाली थी वहीं है
नानी के सूट के नीचे ब्रा में उनकी मोटी मोटी चूचियां कैद थी । देखते ही लंड अकड़ गया
: बदमाश कही का ( नानी भुनभुनाई और मै खिलखिलाया )
: और नीचे ? ( मै शरारती होकर बोला )
: शानू !! मार खायेगा अब चुप
मै खिलखिलाने लगा
थोड़ी देर बाद दिलावर मामू आए और हम लोगों ने साथ खाना खाया ।
शाम को दिलावर मामू की आदत थी रोज पीकर आने की ।
आज वो बातो को लंबा खींच रहे थे , नानी उनकी मर्जी समझ रही थी मगर मै नहीं उस वक्त उनके इरादे भाप पाया था
नानी की कोशिश थी कैसे भी करके उनको घर भेजना चाह रही थी , मगर उनकी बकबक से हम दोनो तंग आ गए थे । कभी नानी को अपने घर चल कर कुछ समान खोजने को कहता तो कभी कुछ बहाने , यहां तक कि वो आज खटिए पर आंगन में ही सोने को तैयार हो गया था मगर किसी तरह नानी ने उन्हें भेजा
: हाय दैय्या उफ्फ कितना परेशान कर दिया था ( नानी बिस्तर पर आकर बोली )
: आप खामखां परेशान हो गई हो , सो लेने देती यही पर , वैसे भी अकेले है वो ( मै थोड़ा सॉफ्ट कॉर्नर लेकर बोला )
: अरे पागल है तू , वो हराम का जना नशे में अपनी बेटी को नहीं पहचानता तुझे लगता है मुझे छोड़ता वो ( नानी झल्ला कर बोली )
: ओह ऐसा क्या
: हा तो , इसीलिए तो वो बात बना बना कर मुझे अपने घर ले जाना चाहता था , हरामी कही का ( नानी के चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था )
मै आगे बढ़ा और उनके गाल चूम लिए
: अरे ... अब ये क्यों ( नानी गाल पोछते हुए बोली )
: गुस्से में आप क्यूट लगते हो ( मै मुस्कुराया )
: पागल कही का ... अच्छा अम्मी से बात करेगा अपनी ( नानी हस कर बोली )
: हम्म्म ( मै खुश होकर हा में सर हिलाया)
फिर नानी ने फोन किया 2 बार ट्राई मगर काल पिक नहीं हुआ
: रहने दो नानी , उनका अपना खेल शुरू हो गया होगा हीही
: कैसा खेल ? ( नानी अचरज से बोली )
: हीहीही, नहीं रहने दो फिर आप मुझे ही डांट लगाओगे कि क्यों मै अम्मी के कमरे में ताक झांक करता हूं ( मैने नानी को उलझाना चाहा )
: अब बोल न कैसा खेल ( नानी पूरी तरह से उत्सुक दिखी मतलब मेरा पासा सही गिरा था, अब बस उन्हें एक कहानी में उलझाना था )
: आपको तो पता ही है कि अब्बू आपके कितने बड़े दीवाने है , हीही ( मै नानी का मुंह देख कर बोला )
: हम्म्म पता है , दांत मत दिखा । आगे बोल ( नानी ने डांट लगाई )
: वो जब भी अब्बू अम्मी साथ होते तो अक्सर अम्मी एक पुरानी ढीली काटन की सूट पहन कर अब्बू के पास आती थी ।
: फिर ... ( नानी की धड़कने तेज हो रही थी )
: हीही, फिर अम्मी कमरे में झुक कर सफाई करने का नाटक करती थीं और अब्बू पीछे खड़े होकर उनकी सलवार में फैली हुई बड़ी सी गाड़ देखते हुए पजामे में अपना लंड सहलाते थे । फिर धीरे से अम्मी के चूतड़ पर हाथ घुमाते रहते ।फिर अम्मी मुस्कुरा कर बोलती "घूम कर आ गया अक्कू " , तो अब्बू बोलते " जी फूफी " ।
: क्या ? ( नानी अचरज से बोली )
: हम्म्म फिर अम्मी कहती " रुक जा थोड़े सफाई कर लूं फिर तुझे दूध दूंगी पियेगा न मेरा अक्कू " , तो अब्बू हा में सर हिलाते और फिर अम्मी के पीछे पीछे उनके गाड़ को छूते हुए लंड हिलाते । फिर अम्मी घुटने के बल झुक कर सोफे के नीचे झाड़ू लगाती और अपने गाड़ उठा देती थी । फिर अब्बू उनके पीछे आकर अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाते हुए उनकी सलवार खींच देते । अम्मी उन्हें मना करते मगर अब्बू उनकी कच्छी भी खींच कर नीचे कर देते ।
: फिर ...? ( नानी की आंखों में खुमारी साफ झलक रही थी , नीचे एड़ियां आपस में घिस रही थी )
: फिर अब्बू झुक कर अम्मी की नंगी गाड़ को सहलाते और फिर जीभ से अम्मी के गाड़ के सुराख में चाटते , फिर नीचे उनकी बुर को चाटते ( झूठी कहानी ही सही मगर अम्मी के बारे में बताते हुए मेरा लंड एकदम अकड़ा हुआ था और लोवर में ठुमके मार रहा था )
: धत्त गंदा , ये अक्कू कितना गंदा है वहां भला कोई जीभ लगाता है छीइईईई
: हा पहले मुझे भी ऐसा ही लगा ( मैने नानी की हा में हा मिलाई )
: फिर ..( नानी की उत्सुकता बढ़ी )
: फिर अम्मी को अच्छा लग रहा था , वो पागलों के जैसे सिसक रही थी अपने चूतड़ अब्बू के मुंह पर फेक रही थी ये कहते हुए कि " अह्ह्ह्ह्ह अक्कू हम्म्म खा जा बेटा अपनी फूफी की गाड़ खा जा चाट ओह्ह्ह्ह कितना मुलायम जीभ है तेरा मेरी बुर बह रही है बेटा अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू " ।
मैने नानी की ओर देखा और वो आंखे फाड़ कर मुझे देख रही थी , जैसे उन्हें ये सब पता ही नहीं हो । बिल्कुल नया था हो उनके लिए।
: तू तू सच कह रहा है शानू , ऐसा बोलती थी तेरी अम्मी ( नानी थूक गटक बोली )
: जी नानी और फिर अब्बू पीछे से ही अम्मी के पिछवाड़े में अपना मोटा लंबा लंड डाल कर अम्मी को पेलते थे खूब जोर जोर से और अम्मी अब्बू को अक्कू कह कह कर खूब चुदवाती थी । ( मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था और नानी अजीब सी दुविधा में दिख रही थी )
भीतर से वो भी वासना में डूबी हुई थी ये पक्का था मगर गाड़ चाटने वाली बात शायद उन्हें कही उलझा गई ।
: नानी एक बात पूछूं
: अह हा बेटा बोल न ( नानी अपने ख्यालों से बाहर आकर बोली )
: क्या कभी नानू या बब्बू मामू ने आपके वहां किस्स नहीं किया ( मै झिझक कर बोला , जानता था एक बार में जवाब नहीं आयेगा )
: धत्त बदमाश, क्यों पूछ रहा है ( नानी मुस्कुराई )
: नहीं आपकी बातों से लगा कि शायद वहा आपके किसी ने नहीं किया होगा इसीलिए आप को ताज्जुब हुआ ( मैने अनुमान लगाया )
: हम्ममम ( नानी ज्यादा नहीं बोली )
: पता है मै अब्बू को अम्मी के चूतड़ चाटते देखता तो सोचता था कि कैसा लगता होगा वो सब करके ( मै थूक गटक कर बोला )
: हम्ममम मै भी ( नानी अपने ख्यालों के उलझी हुई बोली )
मै लपक कर उनके करीब हो गया और एक बार फिर मेरे पंजे उनके जांघों पर ।
: नानी... ( सलवार के ऊपर से उनकी मोटी गदराई जांघों को सहलाते हुए बोला )
: हम्म्म बोल न बेटा ( नानी मुझे देखकर बोली , उनकी आंखों के मदहोशी झलक रही थी )
: नानी चलो ट्राई करते है न ( मै अटकते हुए स्वर में बोला )
: क्या ? ( नानी मेरी आंखो में देख देखते हुए बोली , उनकी आंखे साफ बयान कर रही थी उन्हें मेरे दिल की बात साफ साफ पता है मगर वो खुल कर नहीं स्वीकारना चाहती थी । )
: वही जो अम्मी अब्बू करते थे , प्लीज ( मैने उनकी जांघों में अपने पंजे धंसाये )
: धत्त गंदा , नहीईई ( नानी मुस्कुरा कर मुंह फेरने लगी )
: नानी प्लीज न बस एक बार ट्राई करते है न ( मैने उनके चेहरे को पकड़ कर अपने ओर करने लगा तो लगातार लजा कर मुंह फेर लेती थी )
मै उनके पीछे से हाथ डाला और दूसरी ओर उन्हें पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके चेहरे अपने ओर किए
: प्लीज न ( मैने उनकी आंखों में देख कर बोला तो वो मुस्कुरा कर ना में सर हिला रही थी )
मैने पीछे वाले हाथ से पंजे बढ़ा कर उनकी चुची को पकड़ लिया तो वो सिसक पकड़ी और मैने आगे बढ़ कर उनके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए
मेरे नरम होठ पाते ही नानी अकड़ कर मेरे ओर खींचने लगी , मैने उनके लिप्स चूसने लगा और वो मेरे ।
एक अजीब सा अहसास मेरे तन बदन के हो रहा था । नानी के मुलायम मोटे लिप्स चूसने में बहुत मजा आ रहा था और उससे ज्यादा उनकी नरम चूचियां मिजने में ।
नानी ने चुम्बन तोड़ा और मुझे देखने लगी
: आई लव यू नानी ( मै उनकी आंखों में देख कर बोला , कितना नशा उतर आया था उनकी आंखों के और सांसे चढ़ने उतरने लगी थी )
: मै भी ..( नानी हांफते हुए मेरी आंखो में देख कर बोली और मैं हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चूचियां मसल दी सूट के ऊपर से )
: आह्ह्ह्ह शानू उम्मम बेटा अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( नानी आंखे बंद कर सिसकने लगी और मेरे दोनों हाथ उनकी चूचियां मिजने लगे )
: अह्ह्ह्ह्ह नानी कितनी बडे हैं आपके दूध ओह्ह्ह्ह उम्मम पिला दो न प्लीज नानी मेरी प्यारी नानी न प्लीज पिला दो ( सूट के ऊपर से ब्रा में कड़क हो चुके नानी के निप्पल मसलता हुआ मै बोला)
: अह्ह्ह्ह्ह आजा बेटा ले पिल ले ( नानी झट से अपना सूट ऊपर किया और ब्रा उठा कर एक बड़ी सी चुची मेरे आगे परोस दी )
: उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ( लपक कर मै आगे बढ़ा और नानी की लटकी हुई मोटी चूचि को पकड़ कर निप्पल मुंह ने ले लिया और चुंबलाने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई बेटा उम्मम आराम से लाला ओह्ह्ह्ह्ह शानू बेटा उम्ममम अह्ह्ह्ह पी ले मेरा प्यारा बच्चा अह्ह्ह्ह नानी का दूदू पसंद है न ( नानी मेरे सर को पकड़ कर अपने छाती से लगाए हुए सिसक कर बोली )
: अह्ह्ह्ह हा नानी बहुत ज्यादा , आपका दूदू बहुत मोटा और रसीला है उम्ममम ( मै वापस मुंह लगा कर नानी के निप्पल चूसते हुए उनकी दूसरी चुची को भी मिजने लगा )
नानी मस्ती में सिसकने लगी और मै एकदम से अलग हो कर खड़ा हो गया
: क्या हुआ ( मदहोश नजरों से नानी अपने चूची को ढकती हुई बोली )
मै मुस्कुराया और अपना लोवर नीचे खींच कर अपना बड़ा सा खीरे जैसा मोटा मूसल निकाल लिया
: हाय दैय्या इतना बड़ा ... ( नानी आंखे फाड़ कर मेरे लंड को निहार रही थी । )
मै उसको बड़ी बेशर्मी से सहलाता हुआ नानी के पास बेड के करीब खड़ा हुआ और नानी का हाथ पकड़ कर उन्हें खड़ा करने लगा ।
वो अवाक होकर कभी मुझे कभी मेरे लंड को निहारती ।
मैने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने पास खींचा और उनकी सलवार खोलने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह बदमाश कही का , तू तो बड़ा हो गया रे उम्मम ( नानी का इशारा मेरे लंड पर था )
: आपके लिए आपका अक्कू ही रहूंगा न फूफी ( मैने मुस्कुरा कर नानी की आंखों के आंखे डाल कर कहा )
नानी के दिल की धड़कने बढ़ गई और वो सूखे गले से थूक उतारते हुए मुझे निहारने लगी उनके बदन में सरसरी सी फेल गई , वो मेरे इरादे समझ गई थी , मगर जरा भी मना नहीं किया ।
सलवार सरक कर पैरों में जा चुकी थी
और मेरे पंजे उनके नंगे चूतड़ को अपने छोटी सी हथेली में भरना चाह रहे थे ।
नानी मुझसे चिपक गई थी उसकी ऊपर नीचे होती चूचियां मेरे सीने पर मुझे महसूस हो रही थी और मेरे पंजे उनके नंगे मखमली बड़े भड़कीले चूतड को सहला रहे थे ।
: फूफी .... ओ मेरी प्यारी फूफी ( मैने उनके कान में बोला )
: उम्मम ( नानी बस सिसकी )
: आपकी गाड़ कितनी बड़ी है आह्ह्ह्ह ( मैने अपना नुकीला लंड नानी के चूत के मुहाने पर कोचा और वो बिलबिला उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा गर्म है उम्ममम
: फूफी .... ( मैने फिर से नानी को पुकारा )
: हा बेटा बोल न ( इस बार सिसक कर नानी ने जवाब दिया )
: अक्कू आपको बहुत प्यार करता है मेरी फूफी अह्ह्ह्ह
: हम्मम ( नानी पूरी तरह सिहर कर बोली )
नानी की सांस चढ़ रही थी वो मेरे पीठ को सहला रही थी और लंड पूरा अकड़ा हुआ उनकी बुर के मुहाने पर चोट कर रहा था ।
मैने उनका सूट उठाया और उनके जिस्म से अलग कर दिया
नानी अब बस ब्रा में में थी जिसमें से एक चुचि बाहर लटक रही थी , आह्ह्ह्ह कितनी सेक्सी कितनी मुलायम और रसीली
मैने उन्हें कस कर अपने बाहों में भर लिया : अह्ह्ह्ह फूफी कितनी sexy हो आप अह्ह्ह्ह कितनी गर्म और मुलायम अह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी
: उम्ममम बेटा अह्ह्ह्ह्ह तेरा भी बदन बहुत तप रहा है अह्ह्ह्ह बेटा ओह्ह्ह्ह और तेरा यह्ह्ह्ह कितना गर्म है ( नानी ने हाथ बढ़ाया और मेरा लंड थाम लिया)
मै उनके गाड़ नोचने लगा और वो मेरे लंड मसलने लगी
: अह्ह्ह्ह कितना बड़ा और कड़क है ओह्ह्ह्ह
: फूफी ... ( मेरे बुलाने पर नानी मुझे देख कर मुस्कुराई )
: मेरी प्यारी फूफी ( मैने उन्हें घुमाया और पीछे से हग करते हुए उनके कान के पास चूमते हुए बोला )
वो कांपने लगी
: हम्म्म बोल न बेटा
: मुझे अक्कू कह कर बुलाओ न फूफी ( अपना नुकीला लंड नानी के गाड़ के दरारों में घिसता हुआ मै बोला )
: अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह फूफी को कितना तड़पा रहा है उम्ममम अह्ह्ह्ह ( नानी मस्त होकर बोली और मेरे तन बदन में हरकत होने लगी
: तड़पाते तो आप मुझे अपने बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ों को हिला कर अह्ह्ह्ह्ह कितना गहरा है देखो तो मेरा लंड गायब हो जा रहा है इसमें ( मै नानी के चूतड़ के सकरे दरारों में सुपाड़ा भेदता हुआ बोला )
: मेरे अक्कू को फूफी की गाड़ बहुत पसंद है न बेटा ( नानी अपने चूतड़ मेरे लंड पर मथते हुए बोली )
: अह्ह्ह्ह हा फूफी बहुत ज्यादा , जी करता है इसको खा जाऊ उम्मम कितना बड़ा है और मुलायम भी अह्ह्ह्ह्ह फूफी उम्ममम ( मै पीछे से उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ों में अपना लंड घिसता हुआ आगे उनकी मोटी मोटी चूचियां मसलने लगा )
: इतनी पसंद हूं मै मुझे बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम बोल न ( नानी ने सवाल किया )
: बहुत ज्यादा फूफी आह्ह्ह्ह ( मै उसके कंधे गर्दन पीठ को चूम रहा था और लंड को उसकी गाड़ के दरारों में पेल रहा था )
: अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह कितना मोटा है रे तेरा अह्ह्ह्ह
मै उनको आगे ठेल कर बिस्तर पर झुकाया
: अह्ह्ह्ह् मान जा न मत कर बेटा उम्मम ( नानी झुकी हुई गर्दन फेर कर बोली )
: मत रोको न फूफी प्लीज ( मै नानी के चूतड़ और जांघ सहलाते हुए बोला )
फिर नानी दोनो टांगे फोल्ड कर बिस्तर के किनारे ही घोड़ी बन कर अपनी गाड़ को हवा में उठा दिया
बड़े बड़े पहाड़ जैसे चूतड़ देख कर मै पागल हो गया
: अह्ह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी कितनी बड़ी गाड़ है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह मेरी फूफी
: हम्म्म मेरा बच्चा अब ये तेरा है , बहुत पसंद है न तुझे मेरे चूतड़ उम्मम
: बहुत उम्ममम सीईईई अह्ह्ह्ह ( मै झुक कर नानी के जांघें चूमता हुआ उनके चूतड़ सहलाने लगा )
नानी के बदल के हरकते होने लगी और लंड में सुरसुरी होने लगी । पूरी नसे फड़कने लगी
मै उनके पहाड़ जैसे चूतड़ों को पकड़ कर दोनों पंजे से फैलाते हुए नथुने पास ले जा कर उनके गाड़ के सुराख सुंघा , गाड़ से आती मादक गंध से पूरा बदन गिनगिना उठा और जीभ निकाल कर मैने उसकी टिप को नानी के गाड़ के बड़े से भूरे सुराख पर टच किया , नानी के शरीर में कंपकपी सी हुई
: अह्ह्ह्ह शानू उह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह
मैने इस बार मुंह की लार को बटोरा और जीभ से सारी लार नानी के गाड़ के सुराख पर टपकाते हुए जीभ को इस बार अच्छे से फिराया
: या खुदा अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह ( नानी पूरी सिहर उठी, पीठ टाइट कर अपने गाड़ सख्त करने लगी लेकिन मैं मजबूती से उसके दोनों चूतड़ को पंजे से फैलाये रखा और अबकी बार अपने होठों से उनकी गाड़ को चूसने लगा
: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम क्या जादू सिख कर आया है रे तू या अल्लाह ओह्ह्ह मेरा बच्चा खा जाएगा क्या ओह्ह्ह्ह क्या हो रहा है मुझे ओह्ह्ह्ह्ह
: मजा आ रहा है न नानी , मुझे भी बहुत टेस्टी लग रहा है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है बस चाटता रहूं आपकी गाड़
: अह्ह्ह्ह चाट ले बेटा अह्ह्ह्ह चाट अपनी फूफी की गाड़ अह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा खा जा , ओह्ह्ह्ह खा जा
मैं नानी की जांघें पकड़ कर अपना मुंह नानी के गाड़ में दे दिया और जीभ से उनकी गाड़ को चाट रहा था चुभला रहा था
नीचे नानी अपनी बुर मसल रही थी एक हाथ से
: क्या हुआ फूफी , बुर में खुजली हो रही है
: हम्मम बेटा बहुत ज्यादा , डाल दे न अब अह्ह्ह्ह्ह नहीं रहा जा रहा
: अह्ह्ह्ह फूफी रुको न थोड़ा जगह दो अह्ह्ह्ह ऐसे ही बस ( मै उल्टा होकर नानी की जांघों के बीच घुसने लगा )
: अरे कहा जा रहा है ऐसे अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पागल यह्ह्ह्ह क्याहह्ह उम्ममम तू ये सब कहा से सीख कर आया अह्ह्ह्ह मुझे पागल कर देगा उम्मम्म अमीीईई ओह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है अह्ह्ह्ह
मै नानी की जांघों में घुसा हुआ उनकी बुर के फाकों को चुबला रहा था वो मेरे मुंह अपनी बुर रगड़ रही थी
: अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह चूस ले अपनी फूफी की बुर उम्ममम अह्ह्ह्ह पी जा उसका पानी अह्ह्ह्ह अच्छा लग रहा है न ( नानी मेरे मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: हम्ममम बहुत टेस्टी है अह्ह्ह्ह उम्ममम सीईईई ( मै जीभ घुसा कर अंदर बुर में नचाने लगा और नानी के जांघें कांपने लगी )
: ओह्ह्ह्ह्ह बेटा अब और मत तड़पा मै पागल हो जाऊंगी डाल दे घुसा दे अपनी फूफी की बुर के , पेल दे मुझे अह्ह्ह्ह मेरा मुन्ना अह्ह्ह्ह्ह मेरा लाल
मै उठा और नानी को आगे किया
: यही चाहिए फूफी को उम्ममम ( मै अपना लंड उनकी बुर के पास रगड़ने लगा )
: हा बेटा डाल न अह्ह्ह्ह मत तड़पा ( नानी सिसक कर बोली )
: पहले कहो अक्कू बेटा फूफी के बुर में अपना लंड डालो ( नानी के चूत पर लंड रगड़ते हुए मैने मस्ती की )
: धत्त कामिना डाल न कितना नाटक कराएगा मुझसे उम्मम घुसा न बेटा मेरा अक्कू मेरा बच्चा पेल न अपनी फूफी को ( नानी भिनकती हुई आखिर वापस लाइन पर आ गई और अगले ही पल मैने लंड सेट करते हुए हचाक से उनकी बुर में पेल दिया
: आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह कितनी टाइट अह्ह्ह्ह उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
: उम्मम फूफी कितनी मुलायम और गर्म बुर है आपकी अह्ह्ह्ह इतनी रसीली है चूत अह्ह्ह्ह्ह लग रहा है मेरा लंड पिघल जाएगा
: हा बेटा तेरा लंड भी बहुत गर्म है आग सा तप रहा है , ओह्ह्ह्ह रुक मत चोद न , कितना तड़पाता है तू अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही बेटा उम्ममम हा बेटा और उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
मै पीछे से गच्च गच्च नानी की बुर में पेलने लगा और उनके बड़े भड़कीले चूतड़ों को मसलने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह फूफी कितने सालों बाद आज मौका दी हो अह्ह्ह्ह्ह आज तो फाड़ दूंगा आपकी बुर अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: हा बेटा फाड़ ले , अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही और चोद अपनी फूफी को उम्ममम कितना मस्त लंड है तेरा अह्ह्ह्ह्ह हा बेटा और और और न उम्ममम पेल पेल अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आयेगा हा हा और और ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् नानी कितना झड़ रही हो आप आह्ह्ह्ह कितना गर्म है लंड जल रहा है मेरा अह्ह्ह्ह आपकी बुर भट्ठी जैसे तप रही है अह्ह्ह्ह नानी अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह आयेगा आएगी ओह्ह्ह्ह
लो नानी आ रहा है मेरे अह्ह्ह्ह
: हा बेटा झड़ जा नानी के ऊपर निकाल दे अह्ह्ह्ह
: आज आपको नहला दूंगा नानी अपने रस से अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू नानी उम्मम्मआह अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मै तेजी लंड बाहर निकाला और नानी के गाड़ पर झड़ने लगा
झटके पर झटके देकर आखिर बूंद तक नानी के बड़े चौड़े चूतड़ मेरे रस से नहाते रहे ।
फिर मै थक कर नानी के पास लुढ़क गया
जारी रहेगी
पढ़ कर रेवो जरूर करें
मुझे इंतजार रहेगा
अगला अपडेट आपके सपोर्ट पर निर्भर करेगा ।
धन्यवाद
Lajawaab update bhaiUPDATE 024
अतीत के पन्ने : 05
मुझे सोए हुए काफी समय हो गया था अजीब सी गर्माहट हो रही थी बदन में । लंड के एकदम से हरकत होनी शुरू हुई , मीठी मीठी महीन कुनमुनाती हुई सिसकिया मेरे कानो में कुड़कुड़ा रही थी । सांसे गहरा रही थी और जिस्म अकड़ा जा रहा था । वो कामुक मादक सिसकिया मेरे भीतर की वासना को जगा रही थी । लग रहा था मानो मै वासना से भरे पोखरे में तैर रहा हु ।
हल्की फुल्की चेतना आई तो समझ आया कि आस पास ही कुछ हो रहा है
आंखे खोली और बगल में देखा तो कलेजा धक्क रह गया
नानी पूरी नंगी होकर घोड़ी बनकर झुकी हुई थी और एक बड़ा मोटा खीरा उनकी गाड़ में घुसा हुआ था , वो नीचे से हाथ अपनी बुर पर ले जाकर मसलती हुई सिसक रही थी ।
लंड एकदम तन कर लोहा हो गया , सुपाड़ा भी फूल टाइट नुकीला ,जिस्म के ताजगी और मस्ती एक साथ छाने लगी ।
मैने अपना लंड जो पहले से ही बाहर था उसको थाम कर सहलाया
और अगले ही पल नानी वो बड़ा सा खीरा पकड़ कर गाड़ से बाहर निकालने लगी
: नानी ... ये सब क्या ? ( हांफते कलेजे के साथ मैने उनको आवाज दी )
वो गर्दन घुमा कर मुझे देखी और बिस्तर पर पैर फैला कर मथने लगी , उनके चेहरे पर शरारत भरी मुस्कुरा थी ।
उनके बड़े भड़कीले चूतड को अपने आगे लोटता देख लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
मै हाथ में लंड पकड़ कर सहलाते हुए
: क्या हुआ नानी ?
: उम्ममम सब तेरी वजह से हुआ है ( नानी करवट होकर बोली और मुस्कुराई )
: मेरी वजह से ? ( मै चौका )
: और क्या , तूने मुझे तंग किया और खुद सो गया तबसे मैं तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म ( नानी सीधी लेट कर अपने चूचे मसलने लगी और कसी चिपकी जांघों में हाथ अपने बुर पर ले जाने लगी )
: उफ्फ सच में मेरी प्यारी नानी तड़प रही है अह्ह्ह्ह आपको देख कर मै भी तड़प रहा हु देखो , ये कितना बड़ा हो गया है आह्ह्ह्ह मेरी नानीइई ( मै नानी के आगे अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: क्या फायदा उतना बड़ा होने का जब वो बाहर ही है हुह ( नानी तुनक कर बोली अह्ह्ह्ह और फिर अपनी जिस्म को मिजने लगी )
: आप जहां कहो वहां डाल दूं मेरी प्यारी नानी ओह्ह्ह्ह, बोलो न कहा डालू ( मै तेजी से अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: डालेगा ?
: हम्म्म नानी डालूंगा ( मै नानी की बात का जवाब देते हुए बोला )
: आजा इसमें घुसा , अपनी नानी की बुर में डाल बेटा अह्ह्ह्ह ( नानी अपनी जांघों खोलती हुई बोली और उसके साथ ही उनकी बुर की परते भी खुलने लगी )
मानो कितने दरवाजों का पहरा हो नानी के चूत के छेद में , परत दर परत चमड़ी की पंखुड़ियां खुलती रही और बुर खिलती रही
: अह्ह्ह्ह्ह आजा बेटा अब और रहा नहीं जाता घुसा दे फाड़ दे ( नानी दोनो जांघो को पकड़ कर फैलाए हुए बोली )
उनकी बुर पूरी तरह से चिकनी थी और चूत पूरी रस से लबालब । रसाती बुर को देख कर मै पागल हो गया और आगे झुक कर सीधा नानी की बुर के मुंह दे दिया
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म बेटा अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह शानू उम्मम बेटा अह्ह्ह्ह्ह खा जा हा खा जा अपनी नानी की बुर ओह्ह्ह्ह
मै नानी की चूत के पानी को चुबला रहा था और लंड पूरा अकड़ा हुआ था
नानी सिसक रही थी मेरे सर को पकड़े हुए अपनी बुर में रगड़ रही थी और मेरे मुंह पर नाक चेहरे पर नानी के रस की गाढ़ी मलाई फैल रही थी ।
मानो मैने मलाई से भरे पतीले में मुंह दे दिया हो और अगले ही पल मैने सुपाड़ा लगाया और लंड नानी की बुर में
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह बहुत बड़ा है अह्ह्ह्ह सीईईईईई पेल बेटा चोद अह्ह्ह्ह सीईईईईई हा बेटा फाड़ और तेज अह्ह्ह्ह्ह
: लो नानी और लो उम्ममम फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म फक्क्क् ओह्ह्ह्ह कितनी गरम बुर है नानी मजा आ रहा है
: तेरा लंड भी मस्त है और बड़ा है आह्ह्ह्ह आजतक ऐसे ही लंड की तलाश में भटक रही थी भर दे बेटा आह्ह्ह्ह तेज और तेज ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
: हा नानी भर दूंगा उम्मम्म उम्ममम
मै कमर झटके देकर लंड पेल रहा था और नानी की आवाज आ रही थी ।
मगर दिमाग में अजीब उलझन हो रही थी कि जब नानी मेरे नीचे है तो आवाज पीछे से क्यों आ रही है
: शानू... उठ जा शाम हो , शानू उठ बेटा
मेरी आंख खुली , मै बिस्तर पर पेट के बल लेता हुआ था । मेरा लंड वैसे ही बाहर था एकदम टाइट फौलादी ।
ओह बहिनचोद सपना था ये
: शानू उठ जा बेटा , जा नहा ले ( नानी फिर से बोली )
मै करवट बदल कर सीधा हुआ तो नानी बाल झाड़ रही थी ,अभी अभी नहा कर आई हो ऐसा लग रहा था ।
: जा पानी भर दी हु , फ्रेश हो ले जा ( नानी ने आइने में मुझे बिस्तर पर बैठे देखा। )
नानी ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं था हम दोनो के बीच ।
मै उठा और लंड अंदर कर नहा चला गया ।
नानी रसोई में बैठ कर मुर्गा बनाने लगी । मै कपड़े पहन कर उनके पास गया ।
: भूख लगी है ( नानी ने मुस्कुरा कर पूछा )
: लगी ही होगी , थक जो गया था ( नानी हस्ते हुए बोली और थोड़ा सा मुर्गा एक छोटी कटोरी में रस्सा डाल कर मुझे दिया ) चख कर बता कैसा है ?
मै मुस्कुरा और टेस्ट किया
: अच्छा है , आप भी खा लो थोड़ा सा । आप भी थक गए होगे न ( मैने कटोरी उनकी ओर बढ़ा कर आंख मारी )
: धत्त कमीना मारूंगी तुझे, बदमाश कही का ( नानी लजा गई ) तेजी वजह से दुबारा नहाना पड़ा मुझे
: हा तो आपको कपड़े निकाल देना चाहिए था न, हिही ( मै खिलखिलाया )
: कमीना चुप कर , कितना बेशर्म हो गया है तू ( वो मुस्कुरा कर बोली )
: वैसे लगता नहीं है कि आप नहाए हो , बस कपड़े बदले हो आप ( मैने उन्हें छेड़ा )
: अरे सच में मै नहाई हूं ( नानी सफाई देते हुए बोली )
: अच्छा तो जरा सूट ऊपर करो देखूं तो कौन से कलर की ब्रा पहने हो , कल जो सूखने को डाली थी वो है कोई और ( मै मस्ती में बोल गया )
: धत्त गंदा .. मार खायेगा अब शैतान कही का ( नानी हस कर बोली )
: मतलब कि आप नहीं नहाए हो हीहीहीही
: कैसे बताऊं इसे ( नानी झिझकी और फिर आस पास देख अपना सूट उठा दिया ) ले देख कल जो धूल कर डाली थी वहीं है
नानी के सूट के नीचे ब्रा में उनकी मोटी मोटी चूचियां कैद थी । देखते ही लंड अकड़ गया
: बदमाश कही का ( नानी भुनभुनाई और मै खिलखिलाया )
: और नीचे ? ( मै शरारती होकर बोला )
: शानू !! मार खायेगा अब चुप
मै खिलखिलाने लगा
थोड़ी देर बाद दिलावर मामू आए और हम लोगों ने साथ खाना खाया ।
शाम को दिलावर मामू की आदत थी रोज पीकर आने की ।
आज वो बातो को लंबा खींच रहे थे , नानी उनकी मर्जी समझ रही थी मगर मै नहीं उस वक्त उनके इरादे भाप पाया था
नानी की कोशिश थी कैसे भी करके उनको घर भेजना चाह रही थी , मगर उनकी बकबक से हम दोनो तंग आ गए थे । कभी नानी को अपने घर चल कर कुछ समान खोजने को कहता तो कभी कुछ बहाने , यहां तक कि वो आज खटिए पर आंगन में ही सोने को तैयार हो गया था मगर किसी तरह नानी ने उन्हें भेजा
: हाय दैय्या उफ्फ कितना परेशान कर दिया था ( नानी बिस्तर पर आकर बोली )
: आप खामखां परेशान हो गई हो , सो लेने देती यही पर , वैसे भी अकेले है वो ( मै थोड़ा सॉफ्ट कॉर्नर लेकर बोला )
: अरे पागल है तू , वो हराम का जना नशे में अपनी बेटी को नहीं पहचानता तुझे लगता है मुझे छोड़ता वो ( नानी झल्ला कर बोली )
: ओह ऐसा क्या
: हा तो , इसीलिए तो वो बात बना बना कर मुझे अपने घर ले जाना चाहता था , हरामी कही का ( नानी के चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था )
मै आगे बढ़ा और उनके गाल चूम लिए
: अरे ... अब ये क्यों ( नानी गाल पोछते हुए बोली )
: गुस्से में आप क्यूट लगते हो ( मै मुस्कुराया )
: पागल कही का ... अच्छा अम्मी से बात करेगा अपनी ( नानी हस कर बोली )
: हम्म्म ( मै खुश होकर हा में सर हिलाया)
फिर नानी ने फोन किया 2 बार ट्राई मगर काल पिक नहीं हुआ
: रहने दो नानी , उनका अपना खेल शुरू हो गया होगा हीही
: कैसा खेल ? ( नानी अचरज से बोली )
: हीहीही, नहीं रहने दो फिर आप मुझे ही डांट लगाओगे कि क्यों मै अम्मी के कमरे में ताक झांक करता हूं ( मैने नानी को उलझाना चाहा )
: अब बोल न कैसा खेल ( नानी पूरी तरह से उत्सुक दिखी मतलब मेरा पासा सही गिरा था, अब बस उन्हें एक कहानी में उलझाना था )
: आपको तो पता ही है कि अब्बू आपके कितने बड़े दीवाने है , हीही ( मै नानी का मुंह देख कर बोला )
: हम्म्म पता है , दांत मत दिखा । आगे बोल ( नानी ने डांट लगाई )
: वो जब भी अब्बू अम्मी साथ होते तो अक्सर अम्मी एक पुरानी ढीली काटन की सूट पहन कर अब्बू के पास आती थी ।
: फिर ... ( नानी की धड़कने तेज हो रही थी )
: हीही, फिर अम्मी कमरे में झुक कर सफाई करने का नाटक करती थीं और अब्बू पीछे खड़े होकर उनकी सलवार में फैली हुई बड़ी सी गाड़ देखते हुए पजामे में अपना लंड सहलाते थे । फिर धीरे से अम्मी के चूतड़ पर हाथ घुमाते रहते ।फिर अम्मी मुस्कुरा कर बोलती "घूम कर आ गया अक्कू " , तो अब्बू बोलते " जी फूफी " ।
: क्या ? ( नानी अचरज से बोली )
: हम्म्म फिर अम्मी कहती " रुक जा थोड़े सफाई कर लूं फिर तुझे दूध दूंगी पियेगा न मेरा अक्कू " , तो अब्बू हा में सर हिलाते और फिर अम्मी के पीछे पीछे उनके गाड़ को छूते हुए लंड हिलाते । फिर अम्मी घुटने के बल झुक कर सोफे के नीचे झाड़ू लगाती और अपने गाड़ उठा देती थी । फिर अब्बू उनके पीछे आकर अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाते हुए उनकी सलवार खींच देते । अम्मी उन्हें मना करते मगर अब्बू उनकी कच्छी भी खींच कर नीचे कर देते ।
: फिर ...? ( नानी की आंखों में खुमारी साफ झलक रही थी , नीचे एड़ियां आपस में घिस रही थी )
: फिर अब्बू झुक कर अम्मी की नंगी गाड़ को सहलाते और फिर जीभ से अम्मी के गाड़ के सुराख में चाटते , फिर नीचे उनकी बुर को चाटते ( झूठी कहानी ही सही मगर अम्मी के बारे में बताते हुए मेरा लंड एकदम अकड़ा हुआ था और लोवर में ठुमके मार रहा था )
: धत्त गंदा , ये अक्कू कितना गंदा है वहां भला कोई जीभ लगाता है छीइईईई
: हा पहले मुझे भी ऐसा ही लगा ( मैने नानी की हा में हा मिलाई )
: फिर ..( नानी की उत्सुकता बढ़ी )
: फिर अम्मी को अच्छा लग रहा था , वो पागलों के जैसे सिसक रही थी अपने चूतड़ अब्बू के मुंह पर फेक रही थी ये कहते हुए कि " अह्ह्ह्ह्ह अक्कू हम्म्म खा जा बेटा अपनी फूफी की गाड़ खा जा चाट ओह्ह्ह्ह कितना मुलायम जीभ है तेरा मेरी बुर बह रही है बेटा अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू " ।
मैने नानी की ओर देखा और वो आंखे फाड़ कर मुझे देख रही थी , जैसे उन्हें ये सब पता ही नहीं हो । बिल्कुल नया था हो उनके लिए।
: तू तू सच कह रहा है शानू , ऐसा बोलती थी तेरी अम्मी ( नानी थूक गटक बोली )
: जी नानी और फिर अब्बू पीछे से ही अम्मी के पिछवाड़े में अपना मोटा लंबा लंड डाल कर अम्मी को पेलते थे खूब जोर जोर से और अम्मी अब्बू को अक्कू कह कह कर खूब चुदवाती थी । ( मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था और नानी अजीब सी दुविधा में दिख रही थी )
भीतर से वो भी वासना में डूबी हुई थी ये पक्का था मगर गाड़ चाटने वाली बात शायद उन्हें कही उलझा गई ।
: नानी एक बात पूछूं
: अह हा बेटा बोल न ( नानी अपने ख्यालों से बाहर आकर बोली )
: क्या कभी नानू या बब्बू मामू ने आपके वहां किस्स नहीं किया ( मै झिझक कर बोला , जानता था एक बार में जवाब नहीं आयेगा )
: धत्त बदमाश, क्यों पूछ रहा है ( नानी मुस्कुराई )
: नहीं आपकी बातों से लगा कि शायद वहा आपके किसी ने नहीं किया होगा इसीलिए आप को ताज्जुब हुआ ( मैने अनुमान लगाया )
: हम्ममम ( नानी ज्यादा नहीं बोली )
: पता है मै अब्बू को अम्मी के चूतड़ चाटते देखता तो सोचता था कि कैसा लगता होगा वो सब करके ( मै थूक गटक कर बोला )
: हम्ममम मै भी ( नानी अपने ख्यालों के उलझी हुई बोली )
मै लपक कर उनके करीब हो गया और एक बार फिर मेरे पंजे उनके जांघों पर ।
: नानी... ( सलवार के ऊपर से उनकी मोटी गदराई जांघों को सहलाते हुए बोला )
: हम्म्म बोल न बेटा ( नानी मुझे देखकर बोली , उनकी आंखों के मदहोशी झलक रही थी )
: नानी चलो ट्राई करते है न ( मै अटकते हुए स्वर में बोला )
: क्या ? ( नानी मेरी आंखो में देख देखते हुए बोली , उनकी आंखे साफ बयान कर रही थी उन्हें मेरे दिल की बात साफ साफ पता है मगर वो खुल कर नहीं स्वीकारना चाहती थी । )
: वही जो अम्मी अब्बू करते थे , प्लीज ( मैने उनकी जांघों में अपने पंजे धंसाये )
: धत्त गंदा , नहीईई ( नानी मुस्कुरा कर मुंह फेरने लगी )
: नानी प्लीज न बस एक बार ट्राई करते है न ( मैने उनके चेहरे को पकड़ कर अपने ओर करने लगा तो लगातार लजा कर मुंह फेर लेती थी )
मै उनके पीछे से हाथ डाला और दूसरी ओर उन्हें पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके चेहरे अपने ओर किए
: प्लीज न ( मैने उनकी आंखों में देख कर बोला तो वो मुस्कुरा कर ना में सर हिला रही थी )
मैने पीछे वाले हाथ से पंजे बढ़ा कर उनकी चुची को पकड़ लिया तो वो सिसक पकड़ी और मैने आगे बढ़ कर उनके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए
मेरे नरम होठ पाते ही नानी अकड़ कर मेरे ओर खींचने लगी , मैने उनके लिप्स चूसने लगा और वो मेरे ।
एक अजीब सा अहसास मेरे तन बदन के हो रहा था । नानी के मुलायम मोटे लिप्स चूसने में बहुत मजा आ रहा था और उससे ज्यादा उनकी नरम चूचियां मिजने में ।
नानी ने चुम्बन तोड़ा और मुझे देखने लगी
: आई लव यू नानी ( मै उनकी आंखों में देख कर बोला , कितना नशा उतर आया था उनकी आंखों के और सांसे चढ़ने उतरने लगी थी )
: मै भी ..( नानी हांफते हुए मेरी आंखो में देख कर बोली और मैं हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चूचियां मसल दी सूट के ऊपर से )
: आह्ह्ह्ह शानू उम्मम बेटा अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( नानी आंखे बंद कर सिसकने लगी और मेरे दोनों हाथ उनकी चूचियां मिजने लगे )
: अह्ह्ह्ह्ह नानी कितनी बडे हैं आपके दूध ओह्ह्ह्ह उम्मम पिला दो न प्लीज नानी मेरी प्यारी नानी न प्लीज पिला दो ( सूट के ऊपर से ब्रा में कड़क हो चुके नानी के निप्पल मसलता हुआ मै बोला)
: अह्ह्ह्ह्ह आजा बेटा ले पिल ले ( नानी झट से अपना सूट ऊपर किया और ब्रा उठा कर एक बड़ी सी चुची मेरे आगे परोस दी )
: उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ( लपक कर मै आगे बढ़ा और नानी की लटकी हुई मोटी चूचि को पकड़ कर निप्पल मुंह ने ले लिया और चुंबलाने लगा )
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई बेटा उम्मम आराम से लाला ओह्ह्ह्ह्ह शानू बेटा उम्ममम अह्ह्ह्ह पी ले मेरा प्यारा बच्चा अह्ह्ह्ह नानी का दूदू पसंद है न ( नानी मेरे सर को पकड़ कर अपने छाती से लगाए हुए सिसक कर बोली )
: अह्ह्ह्ह हा नानी बहुत ज्यादा , आपका दूदू बहुत मोटा और रसीला है उम्ममम ( मै वापस मुंह लगा कर नानी के निप्पल चूसते हुए उनकी दूसरी चुची को भी मिजने लगा )
नानी मस्ती में सिसकने लगी और मै एकदम से अलग हो कर खड़ा हो गया
: क्या हुआ ( मदहोश नजरों से नानी अपने चूची को ढकती हुई बोली )
मै मुस्कुराया और अपना लोवर नीचे खींच कर अपना बड़ा सा खीरे जैसा मोटा मूसल निकाल लिया
: हाय दैय्या इतना बड़ा ... ( नानी आंखे फाड़ कर मेरे लंड को निहार रही थी । )
मै उसको बड़ी बेशर्मी से सहलाता हुआ नानी के पास बेड के करीब खड़ा हुआ और नानी का हाथ पकड़ कर उन्हें खड़ा करने लगा ।
वो अवाक होकर कभी मुझे कभी मेरे लंड को निहारती ।
मैने उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने पास खींचा और उनकी सलवार खोलने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह बदमाश कही का , तू तो बड़ा हो गया रे उम्मम ( नानी का इशारा मेरे लंड पर था )
: आपके लिए आपका अक्कू ही रहूंगा न फूफी ( मैने मुस्कुरा कर नानी की आंखों के आंखे डाल कर कहा )
नानी के दिल की धड़कने बढ़ गई और वो सूखे गले से थूक उतारते हुए मुझे निहारने लगी उनके बदन में सरसरी सी फेल गई , वो मेरे इरादे समझ गई थी , मगर जरा भी मना नहीं किया ।
सलवार सरक कर पैरों में जा चुकी थी
और मेरे पंजे उनके नंगे चूतड़ को अपने छोटी सी हथेली में भरना चाह रहे थे ।
नानी मुझसे चिपक गई थी उसकी ऊपर नीचे होती चूचियां मेरे सीने पर मुझे महसूस हो रही थी और मेरे पंजे उनके नंगे मखमली बड़े भड़कीले चूतड को सहला रहे थे ।
: फूफी .... ओ मेरी प्यारी फूफी ( मैने उनके कान में बोला )
: उम्मम ( नानी बस सिसकी )
: आपकी गाड़ कितनी बड़ी है आह्ह्ह्ह ( मैने अपना नुकीला लंड नानी के चूत के मुहाने पर कोचा और वो बिलबिला उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बेटा गर्म है उम्ममम
: फूफी .... ( मैने फिर से नानी को पुकारा )
: हा बेटा बोल न ( इस बार सिसक कर नानी ने जवाब दिया )
: अक्कू आपको बहुत प्यार करता है मेरी फूफी अह्ह्ह्ह
: हम्मम ( नानी पूरी तरह सिहर कर बोली )
नानी की सांस चढ़ रही थी वो मेरे पीठ को सहला रही थी और लंड पूरा अकड़ा हुआ उनकी बुर के मुहाने पर चोट कर रहा था ।
मैने उनका सूट उठाया और उनके जिस्म से अलग कर दिया
नानी अब बस ब्रा में में थी जिसमें से एक चुचि बाहर लटक रही थी , आह्ह्ह्ह कितनी सेक्सी कितनी मुलायम और रसीली
मैने उन्हें कस कर अपने बाहों में भर लिया : अह्ह्ह्ह फूफी कितनी sexy हो आप अह्ह्ह्ह कितनी गर्म और मुलायम अह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी
: उम्ममम बेटा अह्ह्ह्ह्ह तेरा भी बदन बहुत तप रहा है अह्ह्ह्ह बेटा ओह्ह्ह्ह और तेरा यह्ह्ह्ह कितना गर्म है ( नानी ने हाथ बढ़ाया और मेरा लंड थाम लिया)
मै उनके गाड़ नोचने लगा और वो मेरे लंड मसलने लगी
: अह्ह्ह्ह कितना बड़ा और कड़क है ओह्ह्ह्ह
: फूफी ... ( मेरे बुलाने पर नानी मुझे देख कर मुस्कुराई )
: मेरी प्यारी फूफी ( मैने उन्हें घुमाया और पीछे से हग करते हुए उनके कान के पास चूमते हुए बोला )
वो कांपने लगी
: हम्म्म बोल न बेटा
: मुझे अक्कू कह कर बुलाओ न फूफी ( अपना नुकीला लंड नानी के गाड़ के दरारों में घिसता हुआ मै बोला )
: अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह फूफी को कितना तड़पा रहा है उम्ममम अह्ह्ह्ह ( नानी मस्त होकर बोली और मेरे तन बदन में हरकत होने लगी
: तड़पाते तो आप मुझे अपने बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ों को हिला कर अह्ह्ह्ह्ह कितना गहरा है देखो तो मेरा लंड गायब हो जा रहा है इसमें ( मै नानी के चूतड़ के सकरे दरारों में सुपाड़ा भेदता हुआ बोला )
: मेरे अक्कू को फूफी की गाड़ बहुत पसंद है न बेटा ( नानी अपने चूतड़ मेरे लंड पर मथते हुए बोली )
: अह्ह्ह्ह हा फूफी बहुत ज्यादा , जी करता है इसको खा जाऊ उम्मम कितना बड़ा है और मुलायम भी अह्ह्ह्ह्ह फूफी उम्ममम ( मै पीछे से उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ों में अपना लंड घिसता हुआ आगे उनकी मोटी मोटी चूचियां मसलने लगा )
: इतनी पसंद हूं मै मुझे बेटा अह्ह्ह्ह उम्मम बोल न ( नानी ने सवाल किया )
: बहुत ज्यादा फूफी आह्ह्ह्ह ( मै उसके कंधे गर्दन पीठ को चूम रहा था और लंड को उसकी गाड़ के दरारों में पेल रहा था )
: अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह कितना मोटा है रे तेरा अह्ह्ह्ह
मै उनको आगे ठेल कर बिस्तर पर झुकाया
: अह्ह्ह्ह् मान जा न मत कर बेटा उम्मम ( नानी झुकी हुई गर्दन फेर कर बोली )
: मत रोको न फूफी प्लीज ( मै नानी के चूतड़ और जांघ सहलाते हुए बोला )
फिर नानी दोनो टांगे फोल्ड कर बिस्तर के किनारे ही घोड़ी बन कर अपनी गाड़ को हवा में उठा दिया
बड़े बड़े पहाड़ जैसे चूतड़ देख कर मै पागल हो गया
: अह्ह्ह्ह्ह मेरी प्यारी फूफी कितनी बड़ी गाड़ है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह मेरी फूफी
: हम्म्म मेरा बच्चा अब ये तेरा है , बहुत पसंद है न तुझे मेरे चूतड़ उम्मम
: बहुत उम्ममम सीईईई अह्ह्ह्ह ( मै झुक कर नानी के जांघें चूमता हुआ उनके चूतड़ सहलाने लगा )
नानी के बदल के हरकते होने लगी और लंड में सुरसुरी होने लगी । पूरी नसे फड़कने लगी
मै उनके पहाड़ जैसे चूतड़ों को पकड़ कर दोनों पंजे से फैलाते हुए नथुने पास ले जा कर उनके गाड़ के सुराख सुंघा , गाड़ से आती मादक गंध से पूरा बदन गिनगिना उठा और जीभ निकाल कर मैने उसकी टिप को नानी के गाड़ के बड़े से भूरे सुराख पर टच किया , नानी के शरीर में कंपकपी सी हुई
: अह्ह्ह्ह शानू उह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह
मैने इस बार मुंह की लार को बटोरा और जीभ से सारी लार नानी के गाड़ के सुराख पर टपकाते हुए जीभ को इस बार अच्छे से फिराया
: या खुदा अह्ह्ह्ह्ह अम्मीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह ( नानी पूरी सिहर उठी, पीठ टाइट कर अपने गाड़ सख्त करने लगी लेकिन मैं मजबूती से उसके दोनों चूतड़ को पंजे से फैलाये रखा और अबकी बार अपने होठों से उनकी गाड़ को चूसने लगा
: अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम क्या जादू सिख कर आया है रे तू या अल्लाह ओह्ह्ह मेरा बच्चा खा जाएगा क्या ओह्ह्ह्ह क्या हो रहा है मुझे ओह्ह्ह्ह्ह
: मजा आ रहा है न नानी , मुझे भी बहुत टेस्टी लग रहा है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है बस चाटता रहूं आपकी गाड़
: अह्ह्ह्ह चाट ले बेटा अह्ह्ह्ह चाट अपनी फूफी की गाड़ अह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा खा जा , ओह्ह्ह्ह खा जा
मैं नानी की जांघें पकड़ कर अपना मुंह नानी के गाड़ में दे दिया और जीभ से उनकी गाड़ को चाट रहा था चुभला रहा था
नीचे नानी अपनी बुर मसल रही थी एक हाथ से
: क्या हुआ फूफी , बुर में खुजली हो रही है
: हम्मम बेटा बहुत ज्यादा , डाल दे न अब अह्ह्ह्ह्ह नहीं रहा जा रहा
: अह्ह्ह्ह फूफी रुको न थोड़ा जगह दो अह्ह्ह्ह ऐसे ही बस ( मै उल्टा होकर नानी की जांघों के बीच घुसने लगा )
: अरे कहा जा रहा है ऐसे अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह पागल यह्ह्ह्ह क्याहह्ह उम्ममम तू ये सब कहा से सीख कर आया अह्ह्ह्ह मुझे पागल कर देगा उम्मम्म अमीीईई ओह्ह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है अह्ह्ह्ह
मै नानी की जांघों में घुसा हुआ उनकी बुर के फाकों को चुबला रहा था वो मेरे मुंह अपनी बुर रगड़ रही थी
: अह्ह्ह्ह्ह मेरा अक्कू अह्ह्ह्ह मेरा बच्चा अह्ह्ह्ह चूस ले अपनी फूफी की बुर उम्ममम अह्ह्ह्ह पी जा उसका पानी अह्ह्ह्ह अच्छा लग रहा है न ( नानी मेरे मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: हम्ममम बहुत टेस्टी है अह्ह्ह्ह उम्ममम सीईईई ( मै जीभ घुसा कर अंदर बुर में नचाने लगा और नानी के जांघें कांपने लगी )
: ओह्ह्ह्ह्ह बेटा अब और मत तड़पा मै पागल हो जाऊंगी डाल दे घुसा दे अपनी फूफी की बुर के , पेल दे मुझे अह्ह्ह्ह मेरा मुन्ना अह्ह्ह्ह्ह मेरा लाल
मै उठा और नानी को आगे किया
: यही चाहिए फूफी को उम्ममम ( मै अपना लंड उनकी बुर के पास रगड़ने लगा )
: हा बेटा डाल न अह्ह्ह्ह मत तड़पा ( नानी सिसक कर बोली )
: पहले कहो अक्कू बेटा फूफी के बुर में अपना लंड डालो ( नानी के चूत पर लंड रगड़ते हुए मैने मस्ती की )
: धत्त कामिना डाल न कितना नाटक कराएगा मुझसे उम्मम घुसा न बेटा मेरा अक्कू मेरा बच्चा पेल न अपनी फूफी को ( नानी भिनकती हुई आखिर वापस लाइन पर आ गई और अगले ही पल मैने लंड सेट करते हुए हचाक से उनकी बुर में पेल दिया
: आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह कितनी टाइट अह्ह्ह्ह उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
: उम्मम फूफी कितनी मुलायम और गर्म बुर है आपकी अह्ह्ह्ह इतनी रसीली है चूत अह्ह्ह्ह्ह लग रहा है मेरा लंड पिघल जाएगा
: हा बेटा तेरा लंड भी बहुत गर्म है आग सा तप रहा है , ओह्ह्ह्ह रुक मत चोद न , कितना तड़पाता है तू अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही बेटा उम्ममम हा बेटा और उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
मै पीछे से गच्च गच्च नानी की बुर में पेलने लगा और उनके बड़े भड़कीले चूतड़ों को मसलने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह फूफी कितने सालों बाद आज मौका दी हो अह्ह्ह्ह्ह आज तो फाड़ दूंगा आपकी बुर अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: हा बेटा फाड़ ले , अह्ह्ह्ह सीईईईईई ऐसे ही और चोद अपनी फूफी को उम्ममम कितना मस्त लंड है तेरा अह्ह्ह्ह्ह हा बेटा और और और न उम्ममम पेल पेल अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आयेगा हा हा और और ओह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
: ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् नानी कितना झड़ रही हो आप आह्ह्ह्ह कितना गर्म है लंड जल रहा है मेरा अह्ह्ह्ह आपकी बुर भट्ठी जैसे तप रही है अह्ह्ह्ह नानी अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी नानी अह्ह्ह्ह आयेगा आएगी ओह्ह्ह्ह
लो नानी आ रहा है मेरे अह्ह्ह्ह
: हा बेटा झड़ जा नानी के ऊपर निकाल दे अह्ह्ह्ह
: आज आपको नहला दूंगा नानी अपने रस से अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू नानी उम्मम्मआह अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मै तेजी लंड बाहर निकाला और नानी के गाड़ पर झड़ने लगा
झटके पर झटके देकर आखिर बूंद तक नानी के बड़े चौड़े चूतड़ मेरे रस से नहाते रहे ।
फिर मै थक कर नानी के पास लुढ़क गया
जारी रहेगी
पढ़ कर रेवो जरूर करें
मुझे इंतजार रहेगा
अगला अपडेट आपके सपोर्ट पर निर्भर करेगा ।
धन्यवाद
Aisi kya private baat nahi hume bhi bata na hum kisi ko nahi batayengeछोटी सी कहानी है मित्र
पढ़ते पढ़ते ही पता नहीं लगेगा खत्म हो जाएगी
जल्द ही सारे दबे हुए रहस्य अब खुल कर सामने आएंगे
बड़े दिनों बाद आए और कहानी के बारे अपनी राय साझा किए उसके लिए धन्यवाद मित्र ।
रही बात कहानी के शीर्षक और कहानी के प्लॉट में मतभेद की
तो फेंटेसी के सबके अपने अपने मायने है , शायद मै जिस रूप में फैंटेसी को देखता हु वो ऐसा ही कुछ होता है । फैंटेसी को जहां तक मैने समझा है उसका सटीक और तय मानक नहीं रखा जा सकता । सबके अपने अपने मायने अपने अपने विचार और धारणाएं है और उन्हीं से उनकी वासना रूपी फैंटेसी दुनिया बनती है ।
बाकी थ्रीड होती ही इसीलिए है कि लेखक के साथ साथ पाठक भी अपनी बातें साझा करें
कहानी के प्रति अपना नजरिया भी बताए कि वो किस तरह से कहानी को देख पा रहे है । ऐसे ही समीक्षाओं की तलाश में मै होता हु । आप जैसे लेखक से मुझे यही उम्मीद है ।
( एक प्राइवेट बात कहनी है सुनोटाइम मिले तो dm देख लेना
)