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Thriller शतरंज की चाल

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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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:banghead: Ye last me jhaanth bhar ki line chemp kar aur readers ke pichhwade me khujli bhar ke ju ko kaun sa maja mil gaya bhai sahab...Bole to apan ke saamne hote to sir fod deta ju ka :hammer:

Mood to review dene ka tha lekin ab nahi doonga...Aree Kam se kam uski sexy Surat to dikha dete, bhakk :buttkick:
सब एक साथ ही लड़ लोगे तो अगले अपडेट के लिए आखिर क्या मजा रह जाएगा बंधु 😌

पिस्तौल पकड़ी हुई लहूलुहान लड़की sexy कैसे हो सकती है भाई, खूंखार जरूर होगी।

खैर अपडेट बस आने वाला है, दीदार कुछ ही देर में 🙏🏼
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Ise kahte hai update 👌🏻👌🏻 ab aaya na maja, ab wo ladki ko manish pakka jaanta hai, isme koi shak nahi, or wo ladka ya aadmi 99% Shrey hi hona chahiye :declare:,
Awesome 👌🏻
धन्यवाद भाई 🙏🏼

वैसे ये मैने कब कहा कि दूसरा लड़का या आदमी ही है??
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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#अपडेट २५


अब तक आपने पढ़ा -


समर को आगे बढ़ता देख इस बार शायद खड़ा हुआ व्यक्ति भागने को तैयार हो गया। उसने अपनी पिस्तौल उस लड़की को थमा दी और पीछे की ओर जाने लगा, वो लड़की लगभग घसीटते हुए आगे को आई और समर को कवर करने लगी।


इसी समय मेरी नजर उसके चेहरे पर पड़ी और....


अब आगे -


कुछ समय तक तो मेरी सोचने समझने की शक्ति ही चली गई, जो मैने अपने सामने देखा।


नेहा, मेरी नेहा? अपने हाथों में पिस्तौल थामे समर की ओर गोलियां चला रही थी? नहीं ये नहीं है मेरी नेहा नहीं है।


दिमाग जो देख रहा था, दिल उसे मानने को तैयार नहीं था।


मेरे मुंह से एक जोर की आवाज निकली, "नेहा ये क्या कर रही हो तुम?"


सबकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, और मैं जहां छुपा हुआ था उससे बाहर आ चुका था। ये देख कर नेहा ने अपनी पिस्तौल मेरी ओर घुमा दी।


"समर उसे जाने दो वरना मैं मनीष को गोली मार दूंगी।"


"मनीष, तुम बाहर क्यों आए।" समर ने मुझसे गुस्से में पूछा।


"समर, मेरी बात मानो, वरना।" ये बोल कर उसने एक फायर किया, जो मुझसे कुछ दूर गया।


"नेहा रुक जाओ, मनीष को कुछ मत करना, मैं गोली नहीं चलाऊंगा।" ये बोल कर समर ने अपनी पिस्तौल को अपने सामने पेड़ पर रख दिया।


ये देख कर वो दूसरा व्यक्ति किले के दूसरी ओर भाग निकला।


"नेहा ये क्या कर रही हो तुम?" मैने फिर से नेहा से पूछा, मेरी आंखों में आंसु आ चुके थे।


"मनीष मैं जो भी कर रही हूं अपने प्यार की खातिर कर रही हूं।"


"पर तुम तो मुझसे प्यार करती थी न नेहा? और मैने कब तुमसे ऐसा करने को कहा।" मैने कतर स्वर में उससे पूछा।


"मनीष मैने कभी तुमसे प्यार नहीं किया, जो भी किया बस अपने प्यार की खातिर किया मनीष, हां तुम इसके लिए मुझे गलत मान सकते हो, मैं तुम्हारी गुनाहगार हूं।"


"क्या, तुमने मुझसे कभी प्यार नहीं किया? और वो सब क्या था नेहा, जो इतने दिन से हमारे बीच चल रहा था?"


"मैने कहा न जो भी किया अपने प्यार की खातिर किया, और अब भी जो कर रही हूं बस उसी प्यार के लिए कर रही हूं।"


तभी समर ने अपनी पिस्तौल उठा कर बाहर आते हुए कहा, "नेहा अब तो वो भाग गया, तुम भी ज्यादा देर ऐसे नहीं रह सकती। पिस्तौल फेक दो। हम तुम्हारा इलाज भी करवा देंगे और कोशिश करेंगे कि तुमको इसमें न फंसने दे।"


"समर, अपने ये पुलिस वाले पैंतरे मेरे सामने मत चलाओ, मुझे खुद को बचा कर उसे पकड़वाना ही होता तो मैं उसको क्यों भगाती?"


"पर नेहा ऐसे तो तुम खुद की जान खतरे में डाल रही हो। प्लीज अपनी पिस्तौल फेक दो, मैंने एम्बुलेंस बुला ली है, कुछ ही देर में आती होगी वो। तब तक हम कुछ फर्स्ट एड तो दे सकें तुम्हे।" समर ने कुछ बात घूमने की कोशिश की।


"समर, मेरा जो होना है, वो मुझे मालूम है। बस इस बात की खुशी है कि जिसे प्यार किया उसे बचा लिया है मैने, और उसके बचे रहने के लिए मेरा मारना ही जरूरी है।" ये बोल कर उसने पिस्तौल अपने सीने पर रख ली, और मेरी ओर देखते हुए नम आंखों से कहा, "मनीष, मैं तुम्हारी गुनाहगार हूं, हो सके तो मुझे माफ कर देना।" ये बोलते ही नेहा ने पिस्तौल का ट्रिगर दबा दिया।


मैं और समर तुरंत उसकी ओर लपके। मैने उसका सर उठा कर अपनी गोद में रखा।


"नेहा क्या तुम्हे एक बार भी मेरा ख्याल नहीं आया जो ये किया तुमने?"


"मनीष, मुझे बस अपने प्यार का ही ख्याल है। तुम.... बहुत अच्छे इंसान हो,.... मैने हर कदम तुमको... धोखा दिया है मनीष" उसने हाथ जोड़ते हुए कहा, "... बस हो सके तो मुझे माफ कर देना..." और इसी।के साथ उसका पूरा शरीर ढीला पड़ गया।


"नेहा§§" मैं चीख उठा। और उसके बाद रोने लगा।


समर ने कुछ देर मुझे रोने दिया। फिर मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोला, "मनीष, अब संभालो खुद को, नेहा ने जो किया वो तुम्हारे सामने है। लेकिन अब इसके बाद अगर जो तुम ऐसे रहोगे तो जो वाल्ट में हुआ उसे मुझे संभालने में दिक्कत आ जाएगी, और फिर तुम्हारे और मित्तल सर के सपने का क्या?"


मित्तल सर और वाल्ट का जिक्र आते ही मैं होश में आया। नेहा भले ही मेरी जिन्दगी में पहली इंसान थी जिसके दैहिक आकर्षण में मैं पड़ा था, पर मेरा दिल हमेशा मेरे आदर्श और मेरे भगवान मित्तल सर के लिए ही था, और उससे मैं कोई समझौता नहीं कर सकता था। मैने खुद को शांत किया, और वहां से उठ खड़ा हुआ।


इतने ही में एंबुलेंस और पुलिस की कुछ गाड़ियां भी वहां पहुंच गई थी। समर ने मुझे अभी शांत रहने का इशारा किया और आगे की कमान उसने खुद सम्हाली।


फॉर्महाउस में भी मुठभेड़ खत्म हो गई थी, और वहां से भी कोई जिंदा नहीं पकड़ में आया था, 3 आदमी मारे गए थे वहां। वाल्ट में भी गोली बारी हुई थी, और वहां से 5 में से 2 आदमी जिंदा पकड़े गए थे।


समर ने शाम होने से पहले ही मुझे घर भेज दिया और ऐसा दिखाया कि मैं उस जगह मौजूद ही नहीं था। शाम होते ही वाल्ट में डकैती की कोशिश का समाचार सारे न्यूज चैनल में सुर्खियों के साथ चलने लगी थी। जिसमें बताया जा रहा था कि एक दिल्ली के लुटेरों की गैंग ने, जिसका सरगना कोई माइकल नाम का इनामी गुंडा था, किसी तरह से एक पास निकलने में कामयाब हो गए थे, जिसके लिए नेहा को किडनैप किया गया था, मगर वाल्ट के सिक्योरिटी सिस्टम के चलते वो प्राइवेट वाल्ट तक ही पहुंच पाए और सरकारी वाल्ट में उन्होंने कदम भी नहीं रख पाए। और बाहर निकलते ही पुलिस से उनकी मुठभेड़ हो गई, और जहां नेहा को कैद किया गया था वहां पर भी पुलिस ने समय पर रेड किया और सबको मार गिराया, इसी गोलीबारी में नेहा को भी लुटेरों की गोली लग गई, और उसकी भी मौत हो गई।


समर ने बताया था कि वाल्ट के अंदर पहुंचे लुटेरों को हथियार अंदर ही किसी वाल्ट से मिले, और उनके पास से वाल्ट का ब्लू प्रिंट भी मिला था, इन दोनों बातों को दबा दिया गया।


समाचार देखते देखते मेरे मन में बहुत तेज हलचल मची हुई थी, और मेरा दिल कर रहा था कि मित्तल सर को जा कर मैं सब कुछ बता दूं। इसी उधेड़बुन में शाम ढल गई और मेरे फ्लैट की डोर बेल बजी....
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Awesome update and interesting

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
शायद जिसे गोली लगी हैं वो नेहा हो सकती हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

मिस मित्तलों में से कोई है या नेहा!?
ये आखिरी समय पर ये तीली पर माचिस लगा के छोड़ देना बहुत ही गलत बात है।
पाप है ये 🤣

WOW mast action chal raha tha update me lagta hai ye dono shaksh jo bhi hai bahut he khass hoge Manish ke leye
Kher dono logo ne bachne or bachane ki koshish bahut ki lekin lagta hai dono me se ek Manish or Summer ke hath lagne wala hai
.
Ab dekhna ye hai ki Manish ne jis ladki ko dekha wo kaun hai
.
Very Beautiful update with Action Riky007 bhai maja aa gaya

यह मानव स्वभाव है कि दूसरों की बीवी और खुद का बच्चा उसे अधिक प्यारा लगता है । :approve:
डेविल मैक्सिमम भाई की कोई गलती नही है । नजर खुबसूरत चीज पर ही अधिक देर तक टिकती है । :D

Bahut hi umda update he Riky007 Bhai,

Samar ne un dono motorcycle sawaro me se ek ko goli se ghayal kar diya............

Dono me se ek ladki he.............aur uska chejra manish ne bhi dekh liya..........

Lekin ye neha to bilkul bhi mahi he, ye to confirm he............

Keep rocking Bro


Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

:banghead: Ye last me jhaanth bhar ki line chemp kar aur readers ke pichhwade me khujli bhar ke ju ko kaun sa maja mil gaya bhai sahab...Bole to apan ke saamne hote to sir fod deta ju ka :hammer:

Mood to review dene ka tha lekin ab nahi doonga...Aree Kam se kam uski sexy Surat to dikha dete, bhakk :buttkick:

Ise kahte hai update 👌🏻👌🏻 ab aaya na maja, ab wo ladki ko manish pakka jaanta hai, isme koi shak nahi, or wo ladka ya aadmi 99% Shrey hi hona chahiye :declare:,
Awesome 👌🏻
DesiPriyaRai
Shetan
manu@84
अपडेट पोस्टेड 🙏🏼
 
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Sunli

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#अपडेट २५


अब तक आपने पढ़ा -


समर को आगे बढ़ता देख इस बार शायद खड़ा हुआ व्यक्ति भागने को तैयार हो गया। उसने अपनी पिस्तौल उस लड़की को थमा दी और पीछे की ओर जाने लगा, वो लड़की लगभग घसीटते हुए आगे को आई और समर को कवर करने लगी।


इसी समय मेरी नजर उसके चेहरे पर पड़ी और....


अब आगे -


कुछ समय तक तो मेरी सोचने समझने की शक्ति ही चली गई, जो मैने अपने सामने देखा।


नेहा, मेरी नेहा? अपने हाथों में पिस्तौल थामे समर की ओर गोलियां चला रही थी? नहीं ये नहीं है मेरी नेहा नहीं है।


दिमाग जो देख रहा था, दिल उसे मानने को तैयार नहीं था।


मेरे मुंह से एक जोर की आवाज निकली, "नेहा ये क्या कर रही हो तुम?"


सबकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, और मैं जहां छुपा हुआ था उससे बाहर आ चुका था। ये देख कर नेहा ने अपनी पिस्तौल मेरी ओर घुमा दी।


"समर उसे जाने दो वरना मैं मनीष को गोली मार दूंगी।"


"मनीष, तुम बाहर क्यों आए।" समर ने मुझसे गुस्से में पूछा।


"समर, मेरी बात मानो, वरना।" ये बोल कर उसने एक फायर किया, जो मुझसे कुछ दूर गया।


"नेहा रुक जाओ, मनीष को कुछ मत करना, मैं गोली नहीं चलाऊंगा।" ये बोल कर समर ने अपनी पिस्तौल को अपने सामने पेड़ पर रख दिया।


ये देख कर वो दूसरा व्यक्ति किले के दूसरी ओर भाग निकला।


"नेहा ये क्या कर रही हो तुम?" मैने फिर से नेहा से पूछा, मेरी आंखों में आंसु आ चुके थे।


"मनीष मैं जो भी कर रही हूं अपने प्यार की खातिर कर रही हूं।"


"पर तुम तो मुझसे प्यार करती थी न नेहा? और मैने कब तुमसे ऐसा करने को कहा।" मैने कतर स्वर में उससे पूछा।


"मनीष मैने कभी तुमसे प्यार नहीं किया, जो भी किया बस अपने प्यार की खातिर किया मनीष, हां तुम इसके लिए मुझे गलत मान सकते हो, मैं तुम्हारी गुनाहगार हूं।"


"क्या, तुमने मुझसे कभी प्यार नहीं किया? और वो सब क्या था नेहा, जो इतने दिन से हमारे बीच चल रहा था?"


"मैने कहा न जो भी किया अपने प्यार की खातिर किया, और अब भी जो कर रही हूं बस उसी प्यार के लिए कर रही हूं।"


तभी समर ने अपनी पिस्तौल उठा कर बाहर आते हुए कहा, "नेहा अब तो वो भाग गया, तुम भी ज्यादा देर ऐसे नहीं रह सकती। पिस्तौल फेक दो। हम तुम्हारा इलाज भी करवा देंगे और कोशिश करेंगे कि तुमको इसमें न फंसने दे।"


"समर, अपने ये पुलिस वाले पैंतरे मेरे सामने मत चलाओ, मुझे खुद को बचा कर उसे पकड़वाना ही होता तो मैं उसको क्यों भगाती?"


"पर नेहा ऐसे तो तुम खुद की जान खतरे में डाल रही हो। प्लीज अपनी पिस्तौल फेक दो, मैंने एम्बुलेंस बुला ली है, कुछ ही देर में आती होगी वो। तब तक हम कुछ फर्स्ट एड तो दे सकें तुम्हे।" समर ने कुछ बात घूमने की कोशिश की।


"समर, मेरा जो होना है, वो मुझे मालूम है। बस इस बात की खुशी है कि जिसे प्यार किया उसे बचा लिया है मैने, और उसके बचे रहने के लिए मेरा मारना ही जरूरी है।" ये बोल कर उसने पिस्तौल अपने सीने पर रख ली, और मेरी ओर देखते हुए नम आंखों से कहा, "मनीष, मैं तुम्हारी गुनाहगार हूं, हो सके तो मुझे माफ कर देना।" ये बोलते ही नेहा ने पिस्तौल का ट्रिगर दबा दिया।


मैं और समर तुरंत उसकी ओर लपके। मैने उसका सर उठा कर अपनी गोद में रखा।


"नेहा क्या तुम्हे एक बार भी मेरा ख्याल नहीं आया जो ये किया तुमने?"


"मनीष, मुझे बस अपने प्यार का ही ख्याल है। तुम.... बहुत अच्छे इंसान हो,.... मैने हर कदम तुमको... धोखा दिया है मनीष" उसने हाथ जोड़ते हुए कहा, "... बस हो सके तो मुझे माफ कर देना..." और इसी।के साथ उसका पूरा शरीर ढीला पड़ गया।


"नेहा§§" मैं चीख उठा। और उसके बाद रोने लगा।



समर ने कुछ देर मुझे रोने दिया। फिर मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोला, "मनीष, अब संभालो खुद को, नेहा ने जो किया वो तुम्हारे सामने है। लेकिन अब इसके बाद अगर जो तुम ऐसे रहोगे तो जो वाल्ट में हुआ उसे मुझे संभालने में दिक्कत आ जाएगी, और फिर तुम्हारे और मित्तल सर के सपने का क्या?"


मित्तल सर और वाल्ट का जिक्र आते ही मैं होश में आया। नेहा भले ही मेरी जिन्दगी में पहली इंसान थी जिसके दैहिक आकर्षण में मैं पड़ा था, पर मेरा दिल हमेशा मेरे आदर्श और मेरे भगवान मित्तल सर के लिए ही था, और उससे मैं कोई समझौता नहीं कर सकता था। मैने खुद को शांत किया, और वहां से उठ खड़ा हुआ।


इतने ही में एंबुलेंस और पुलिस की कुछ गाड़ियां भी वहां पहुंच गई थी। समर ने मुझे अभी शांत रहने का इशारा किया और आगे की कमान उसने खुद सम्हाली।


फॉर्महाउस में भी मुठभेड़ खत्म हो गई थी, और वहां से भी कोई जिंदा नहीं पकड़ में आया था, 3 आदमी मारे गए थे वहां। वाल्ट में भी गोली बारी हुई थी, और वहां से 5 में से 2 आदमी जिंदा पकड़े गए थे।


समर ने शाम होने से पहले ही मुझे घर भेज दिया और ऐसा दिखाया कि मैं उस जगह मौजूद ही नहीं था। शाम होते ही वाल्ट में डकैती की कोशिश का समाचार सारे न्यूज चैनल में सुर्खियों के साथ चलने लगी थी। जिसमें बताया जा रहा था कि एक दिल्ली के लुटेरों की गैंग ने, जिसका सरगना कोई माइकल नाम का इनामी गुंडा था, किसी तरह से एक पास निकलने में कामयाब हो गए थे, जिसके लिए नेहा को किडनैप किया गया था, मगर वाल्ट के सिक्योरिटी सिस्टम के चलते वो प्राइवेट वाल्ट तक ही पहुंच पाए और सरकारी वाल्ट में उन्होंने कदम भी नहीं रख पाए। और बाहर निकलते ही पुलिस से उनकी मुठभेड़ हो गई, और जहां नेहा को कैद किया गया था वहां पर भी पुलिस ने समय पर रेड किया और सबको मार गिराया, इसी गोलीबारी में नेहा को भी लुटेरों की गोली लग गई, और उसकी भी मौत हो गई।


समर ने बताया था कि वाल्ट के अंदर पहुंचे लुटेरों को हथियार अंदर ही किसी वाल्ट से मिले, और उनके पास से वाल्ट का ब्लू प्रिंट भी मिला था, इन दोनों बातों को दबा दिया गया।



समाचार देखते देखते मेरे मन में बहुत तेज हलचल मची हुई थी, और मेरा दिल कर रहा था कि मित्तल सर को जा कर मैं सब कुछ बता दूं। इसी उधेड़बुन में शाम ढल गई और मेरे फ्लैट की डोर बेल बजी....
Suprb apdet
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
4,330
24,157
159
भोले बलम की मैया कर दी नेहा ने तो।
कोई औरत जो इतने राज़ छुपाए, उस पर विश्वास करना महा चूतियापा है। अंततः नेहा ने मनीष के पृष्ठभाग का भटूरा बना ही दिया। अच्छा है। आशिकी का भूत उतर गया होगा।
नाड़े के ढीले लोगों को ऐसे झटके लगने ही हैं।
कंपनी की बत्ती तो लग ही गई है। अब देखना है कि भीतरघाती कौन है।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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भोले बलम की मैया कर दी नेहा ने तो।
कोई औरत जो इतने राज़ छुपाए, उस पर विश्वास करना महा चूतियापा है। अंततः नेहा ने मनीष के पृष्ठभाग का भटूरा बना ही दिया। अच्छा है। आशिकी का भूत उतर गया होगा।
नाड़े के ढीले लोगों को ऐसे झटके लगने ही हैं।
कंपनी की बत्ती तो लग ही गई है। अब देखना है कि भीतरघाती कौन है।
अभी और झटके लगेंगे आगे 😌

धन्यवाद भाई जी 🙏🏼
 
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
27,139
64,346
304
धन्यवाद भाई 🙏🏼

वैसे ये मैने कब कहा कि दूसरा लड़का या आदमी ही है??
Ye apun bol raha hai na :roll:
 
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