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Itni aasani se sulajh jaye wo gutthi kaisi mitraShaandar jabardast update![]()
Suljhane ke bajay puri tarh se uljh rahi ab gaurd ki lash ke bare me kuchh pata na chala
Jenith taufiq to normal battein kar raha hai![]()
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Itni aasani se sulajh jaye wo gutthi kaisi mitraShaandar jabardast update![]()
Suljhane ke bajay puri tarh se uljh rahi ab gaurd ki lash ke bare me kuchh pata na chala
Jenith taufiq to normal battein kar raha hai![]()
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Shaandar jabardast update# 31 .
“यह तुम बार-बार अपने किस काम की बात करते हो ?“ जेनिथ ने कहा।
“मैं यह बात तुम्हें अभी नहीं बता सकता, पर समय आने पर तुम्हें खुद-बा-खुद पता चल जाएगा।“ तौफीक की आंखों में, इस बार कठोरता के भाव थे।
“तौफीक.......!“ जेनिथ के इन शब्दों में थोड़ी थिरकन थी- “जाने क्यों आज मुझे बहुत डर लग रहा है?“
“डर......! डर किस बात का ?“ यह कहते हुए तौफीक ने, धीरे से जेनिथ के दाहिने हाथ को, अपने दोनों हाथों में ले लिया और प्यार से उसे सहलाते हुए बोला-
“मैं हूं ना तुम्हारे साथ। फिर भला तुम क्यों डरती हो ? और अगर कभी ज्यादा डर लगे, तो मेरा नाम अपने मन में तीन बार दोहराना, सारा डर अपने आप खत्म हो जाएगा।“
“वो.....कैसे भला ?“ जेनिथ ने तौफीक की आंखों में आंखें डालते हुए पूछा।
“मैं जब बहुत छोटा था। तभी मेरे अब्बा गुजर गए थे। फिर भी उनकी कुछ बातें मुझे आज भी याद हैं।“ तौफीक ने अतीत के समुंदर में छलांग लगाते हुए कहा-
“जब कभी मैं डर जाया करता था, तो मेरे अब्बा मुझे मेरा ही नाम तीन बार पुकारने को कहते थे। क्यों कि यह नाम अब्बा का ही रखा हुआ था। वो कहते थे कि तौफीक नाम का अर्थ उर्दू में बहादुर होता है और वास्तव में जब मैं अपना नाम पुकारता था, तो मेरा डर बिल्कुल खत्म हो जाता था।“
यह सुनकर जेनिथ ने धीरे से आंख बंद कर लिया।
“क्या हुआ?“ तौफीक ने जेनिथ को देखते हुए कहा।
“कुछ नहीं। मन में तुम्हारा नाम ले रही हूं।“ यह कहकर जेनिथ धीरे से तौफीक की ओर थोड़ा और खिसक गई।
“तौफीक, क्या आज मेरी एक इच्छा पूरी करोगे? जेनिथ के शब्दों में ख्वाहिश साफ झलक रही थी।
“क्या ?“ तौफीक ने पूछा।
“मुझे एक बार अपनी बाहों में भर लो।“
तौफीक अब लगातार जेनिथ की आंखों में देख रहा था। जहां उसे प्यार का अथाह सागर अठखेलियां करता हुआ साफ नजर आ रहा था।
“पता नहीं कब मौत का बुलावा आ जाए? क्या तुम इसे मेरी आखिरी इच्छा समझकर पूरी नहीं कर सकते?“ जेनिथ की आवाज में दुनिया भर का दर्द समाया हुआ था।
तौफीक कुछ देर सोचता रहा और फिर अपने दोनो बाजू किसी परिंदे के समान फैला दिये। जेनिथ किसी नन्हीं कली की तरह उसके बाजुओं में समा गयी। खुशी के मारे उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो इस एक पल में, उसे दुनिया की सारी खुशियां मिल गई हों। एक नन्ही कली शाख से इस तरह चिपक गयी, मानो कोई उसे तोड़ ले जाना चाहता हो। लेकिन उसे स्वयं नहीं पता था कि वह खुद टूट कर बिखर रही है। वह तो जैसे इस बिखरते हुए एक पल में अपनी पूरी जिंदगी जी लेना चाहती थी।
3 जनवरी 2002, गुरुवार, 14:20;
ऐलेक्स गुमसुम सा डेक के एक कोने पर बैठा था। कभी वह अपनी इस बकवास सी जिंदगी के बारे में सोच रहा था। तो कभी उसे क्रिस्टी का भी ख्याल आ जाता था। लेकिन क्रिस्टी का अब वह अपनी सोचों से निकालकर फेंक देना चाहता था। ऐलेक्स को अब मालूम हो गया था कि क्रिस्टी एक ऐसा आसमान पर चमकता हुआ सितारा है, जिसे वह देख तो सकता है, पर चाहकर भी छू नहीं सकता।
लॉरेन के बारे में सोच-सोच कर उसे गुस्सा आ रहा था कि आखिर उसने लॉरेन की बात क्यों मानी ? उसी के कारण क्रिस्टी और नाराज हो गई। इन्हीं विचारों में गुम वह बैठा था। तभी एक वेटर एक खूबसूरत सा लाल रंग का गुलाब का फूल लेकर आया और ऐलेक्स की तरफ बढ़ाते हुए बोला-
“दिस इज फॉर यू मिस्टर ऐलेक्स।“
ऐलेक्स ने ना समझते हुए भी फूल को हाथों में ले लिया। ऐलेक्स ने पहले इधर-उधर देखा पर उसे दूर-दूर तक कोई ऐसा नहीं दिखाई दिया, जिसने कि उसे फूल भिजवाया हो। अब उसकी नजर फूल पर पड़ी। वह एक ताजा अधखिली कली थी, जिसकी 6 इंच लम्बी डंडी में दो छोटे-छोटे पत्ते भी लगे हुए थे।
ध्यान से देखने पर ऐलेक्स को यह महसूस हुआ कि पत्तों पर कुछ लिखा है? वह फूल को अपने चेहरे के और पास लाकर, पत्ती पर लिखी लिखावट को पढ़ने की कोशिश करने लगा।
दोनो ही पत्तियों पर ‘सॉरी ‘ लिखा हुआ था। “सॉरी !“ वह होंठों ही होठों में बुदबुदाया- “यह मुझे सॉरी कहने वाला यहां पर कौन आ गया ? ....... कहीं क्रिस्टी तो नहीं ? ... ....नहीं.....नहीं, क्रिस्टी नहीं हो सकती। वह भला मुझे सॉरी क्यों बोलेगी ? फिर...... कौन हो सकता है?“
अभी ऐलेक्स अपने विचारों में ही उलझा हुआ था कि तभी एक मधुर स्वर लहरी वातावरण में गूंज उठी।
“क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?“ ऐलेक्स ने आवाज को सुन अपना सिर ऊपर उठाया।
पिंक कलर की चुस्त टी.शर्ट और ब्लैक जींस पहने जो सुंदरता की मूरत खड़ी थी, वह यकीनन क्रिस्टी ही थी, ऐलेक्स को एक बार तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि वह जाग रहा है या सपना देख रहा है। ऐलेक्स को कुछ सोचता हुआ देख, क्रिस्टी ने पुनः मुस्कुराते हुए पूछ लिया-
“क्या मैं यहां बैठ सकती हूं?“
“यस.... यस..... व्हाई नाट?“ ऐलेक्स ने घबरा कर कहा।
क्रिस्टी सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी। उसे इतना पास में बैठते देख ऐलेक्स घबराहट के मारे खड़ा हो गया।
“क्या आप कहीं जा रहे हैं?“ क्रिस्टी ने ऐलेक्स को खड़ा होते देख पूछ लिया।
“जी..... नहीं तो !“ ऐलेक्स अभी भी सामान्य नहीं हो पाया था।
“तो फिर आप खड़े क्यों हो गये? बैठिए ना।“ क्रिस्टी ने इठलाते हुए ऐलेक्स की घबराहट का मजा लिया।
“जी..... जी हां !“ यह कहकर ऐलेक्स धीरे से अपनी कुर्सी पर बैठ गया।
पर घबराहट अभी भी पूरी तरह से उसके ऊपर हावी थी ।जिसके कारण उसके हाथ कांप रहे थे।
क्रिस्टी ने धीरे से अपना हाथ बढ़ाकर, ऐलेक्स का कांपता हुआ हाथ, अपने हाथों में ले लिया।
“क्या बात है? आपके हाथ क्यों कांप रहे हैं? आपकी तबियत तो ठीक है ना ?“ क्रिस्टी के होंठों से निकलते हर एक शब्द में शोखी झलक रही थी।
“जी.... हां..... तबियत तो बिल्कुल ठीक है।“ क्रिस्टी के हाथ रखने पर ऐलेक्स के हाथों का कांपना और बढ़ गया- “बस......वो थोड़ी ठंडक आज ज्यादा है ना इसीलिए।“
“आपको मेरा भेजा हुआ फूल कैसा लगा ?“ क्रिस्टी ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा।
“जी....... अच्छा था ।“ ऐलेक्स के मुंह से बड़ी मुश्किल से बोल फूट रहे थे।
ऐलेक्स इस तरह बार-बार इधर-उधर देख रहा था, जैसे किसी चोर को कोहिनूर के पास बैठा दिया गया हो।
“फूल के पत्तियों पर कुछ लिखा भी हुआ था ? आपने वह पढ़ा कि नहीं?“ क्रिस्टी ने बड़ी शाइस्तगी से फुसफुसा कर कहा।
“जी.... पढ़ा।“ ऐलेक्स ने जवाब दिया।
“मैं आपसे माफी मांगती हूं। कल सबके सामने मैंने आपका नाम ले लिया। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।“ कहते कहते झुककर क्रिस्टी ऐलेक्स के काफी पास आ गई।
“क....क......कोई बात नहीं। आपने फि...र मुझे बचा भी .....तो लिया था।“
क्रिस्टी को इतना पास देखकर अब ऐलेक्स के दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई।
“तो क्या आपने मुझे माफ कर दिया?“ क्रिस्टी अब ऐलेक्स के और पास आ गई।
“ज....जी.....जी हाँ।“ ऐलेक्स ने घबरा कर अपनी कुर्सी को थोड़ा पीछे की ओर झुकाया।
“वैसे मुझे आपसे एक बात और करनी थी।“ क्रिस्टी ने सस्पेंस भरे स्वर में फुसफुसा कर कहा।
“क्....क्या ?“
क्रिस्टी का चेहरा अब बिल्कुल ऐलेक्स के चेहरे के पास था।
ऐलेक्स लगातार अपनी कुर्सी पीछे झुकाता जा रहा था। तभी एक झटके से आगे बढ़कर क्रिस्टी ने ऐलेक्स के होंठों को चूम लिया।
“आई लव यू!“
घबराहट की अधिकता के कारण ऐलेक्स इतना पीछे हटा कि वह कुर्सी सहित वहीं जमीन पर ढेर हो गया। उधर क्रिस्टी अपने प्यार का इजहार कर तेजी से उठी और ऐलेक्स को गिरता देख, खिलखिलाती हुई, भागते कदमों से ऐलेक्स से दूर चली गई।
ऐलेक्स हक्का-बक्का सा वहीं गिरा पड़ा रहा। उसके कानों में क्रिस्टी की खिलखिलाहट गूंज रही थी।
“बड़ी______खतरनाक बला है।“ ऐलेक्स ने अपने माथे पर आये पसीने को धीरे से पोंछते हुए कहा।
जारी रहेगा.........![]()
Alex lattu bana ghoom raha hai uske peecheShaandar jabardast update![]()
Taufiq ka mission lagta pahle hi shuru ho gaya wo bhi shamil hai in ghatnao me
Krishti to ek bawal hai ek hi war me puri tarah se dher kar diya Alex ko puri tarah se![]()
Shaifali sach mein adhbut hai .janm se andhi hone ke bavjud uske baki ke senses aam insaan se kayi 1000 guna tej hai ,shaifali aur albert ke beech ki convo ne thoda hasaya aur bahut hi jyada ashcharyachakit kiya hai .dekhte hai kya hota hai aage .....
Bhai dekhne waise hi bahut sare law and therom ne zindagi jhand kar di hai ye naya kuch na nikal de waise this is the story I am searching form long time sorry thoda deri se padhna shuru kiya
ये कीड़े जो भी है, मुझे लग रहा है कि वो किसी के ऑर्डर्स को फॉलो कर रहे हैं। तभी वो शिप पर बराबर आते जाते हैं, और शायद उस गार्ड की लाश को गायब करने में भी उनका हाथ है।
वैसे तो अल्बर्ट का व्यवहार भी संदेह जनक है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो मारिया को मार सकता है, जब तक वो अल्बर्ट ही है।
बढ़िया अपडेट Raj_sharma भाई
Superb update
Sorry but I can't free now because my cousin sister engagement so I am buzy
अदभुत लेखनी हर अपडेट में क्यूरियस बढ़ती जा रही है
सोचते है इस बार कुछ रहस्य खुलेगा लेकिन रहस्य बढ़ जाता है और अपडेट एक नए क्यूरियस के साथ समाप्त हो जाता है,
मालूम ही नहीं पड़ता कब अपडेट खत्म हुआ और नए का इंतजार शुरू हो जाता है
' सम्राट ' शिप के स्टाफ ही संदिग्ध भुमिका मे नजर आ रहे हैं । पहले असलम और अब यह थ्री स्टार वर्दी धारक स्टाफ ।
पहले बात करते है हरे क्रीचर की । यह बिल्कुल जुरासिक पार्क के डायनासोर की याद दिला रहे हैं । वह डायनासोर जो साइज मे छोटे होते थे पर हमेशा झुंड मे होते थे ।
इन्ही क्रीचर मे एक की जान गई थी रिवाल्वर की गोली लगने से । यह जानने के बाद भी कैप्टन सुयश और उनके स्टाफ का वगैर ठोस तैयारी के उनके पीछे भागना बिल्कुल ही मूर्खतापूर्ण कदम था । वगैर सेक्योरिटीज और हथियार के इनका पीछा नही करना चाहिए था ।
और जहां तक क्रिस्टी पर शक की बात है , जब मौत सामने दिखाई देने लगता है , जब यमराज साक्षात आप के समक्ष खड़ा दिखाई पड़ते है तब एक कमजोर से कमजोर व्यक्ति की साहस भी दस गुणा बढ़ जाती है । आखिर जीवन और मरण का सवाल जो पैदा होता है ।
क्रिस्टी के साथ ऐसे ही परिस्थिति पैदा हुई होगी ।
प्रोफेसर अल्बर्ट साहब की पत्नी मारिया लापता है । शिप का सेक्योरिटीज अफसर लारा लापता है । लाॅरेन की हत्या हो चुकी है । कुछ स्टाफ या तो मारे गए हैं या गायब हो गए हैं । अब शिप का एक यात्री लौथार समंदर के गर्भ मे समा चुका है ।
कहते हैं जब तक किसी व्यक्ति का डेड बाॅडी बरामद न हो जाए तब तक उसके जिंदा होने की उम्मीद बनी रहती है ।
इसलिए फिलहाल हम तेल ही देख सकते हैं और तेल की धार ही देख सकते हैं ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
बहुत ही खूबसूरत अपडेट ।
जेनिथ की बात पूरी तरह से सही है -- जॉनी की बातें बस कही-सुनी वाली हैं। गाँवों में ऐसे कई किस्से सुने हैं कि किसी ने चुड़ैल देख ली, किसी पर आत्मा आ गई इत्यादि। सब बकवास है। अधिकतर समय में लोग ऐसी बेतुकी बातें इसलिए करते हैं कि लोग उनको या उनकी बातों को तवज्जो दें। यह एक अटेंशन सीकिंग बिहैवियर है। अनेकों लोगों की दुकान इसी बात पर चल रही है।
अवश्य ही बरमूडा एक विचित्र स्थान है लेकिन वो प्राकृतिक नियमों के ऊपर नहीं है -- मृत्यु हर जगह होती है और एक बार मृत्यु हो जाने के बाद उस व्यक्ति का जीवित हो जाना संभव नहीं। मामूली इंसान क्या, स्वयं भगवान भी इस नियम का उल्लंघन नहीं कर पाते!
रोजर और लॉरेन को “जीवित” देख पाना तभी संभव है जब वो जीवित हों। अन्यथा यह केवल भ्रम है।
अभी भी यही लगता है कि सुयश को सुप्रीम जहाज़ को अटलांटिस की शरण में ही ले जाना चाहिए। वहीं से हल निकलेंगे, और अनेकों रहस्यों का समाधान भी मिलेगा।
Koi kitna bhi gyani, vidvan, vaigyanik, jadugar, sammohak, tantrik ya siddh ho
Prakriti se bada chamatkar koi nahi kar sakta... Karodon na sahi, lakhon na sahi, sansar mein hazaron log Marne ke bad bhi pramanik roop se jinda paye gaye...
Aur hamara kathanak prakriti ke jis khand me hai, vo sthan hi swayam me jeevit chamatkar hai... Isliye wahan kuchh bhi asambhav nahi hai
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये सुप्रीम पर रहस्य सुलझने जगह उलझते ही जा रहें हैं
अब ये नया रोजर और लाॅरेन के मृत्यू के बाद भी सुप्रीम पर दिखना उतना ही नहीं वहा पर घट रही घटनाओं को अंजाम भी देना
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Nice update....
बहुत ही जबरदस्त अपडेट है! एक के बाद एक नया झटका लग रहा है कहानी में !
Noice, But I guess bhoot to nahi honge my guess is ke Lauren aur roger ke clone ho sakte hai jinhe unki body ke DNA se banaya gaya ho as writer pehle hi mahol bana ke Atlantis ki technology ki baat kar diye hai pehle ke update me
Baki suyash ka ab khali apne baal nochna baki chhode ho men Raj_sharma baki to dimag khali ho gaya uska
Badhiya update hai ye bhoot wala angle kahani ko for sure aur rochak banayega
Keep it up![]()
Suyash ne bilkul sahi kaha , ye duniya ka sabse rahasyamayi chetra hai, yaha jo na ho jaye wo kamto bhaiya dekhte hai aage aage aap kya kya chamatkaar dikhate ho? Thank you very much for your wonderful update
jhakaas
![]()
Behad hairat bhari update he Raj_sharma Bhai,
Lauren aur Roger dono hi wapis aa gaye.................Lauren ke chehre se goli ka nishan bhi gayab he............
Asli he bhi ya nahi ye dono.......ya Atlantis ke wasiyo dwara failaya gaya ek bhram he............ya fir jaisa Johnny ne bataya un dono ki aatma
Lekin kis maqsad se wapis aaye he ye dono....................?????
Ho sakta he lauren ko atlantis walo ne fir se jiwit kar diya ho............roger to kabhi duba hi nahi tha.................
Agli dhamakedar update ka intezar rahega Bhai
Ya to wo
Besabari se intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....
Ek bat to hai wo Sunehara Manav jo bhi tha lekin usne Suyush me kuch to esa dekha jis wajh se usne Suyush ko ishara kia tha ek disha ka taki Suyash ship ko us disha me le jaa ske
.
Suyash ne waisa he kia ship ko mod dia
.
Ab to Aslam ne bhi Suyash se Shaifali ki bat ko leke bat karna shuru kia hai
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Lekin sawal abhi bhi ye hai ki ye ASLAM aakhir hai kaun Q aaya is ship me kya maqsad hai iska
.
Kya BARMUDA me ab tak jo ho raha hai wo such me ho raha hai ya isme ASLAM ka hath hai ya such me BARMUDA TRIANGLE me chupe Rahasya hai koi
.
Jitna socha story usse jada he HORROR hoti dikh rhe hai
Very Amazing Update Raj_sharma bhai
Badhiya update bhai
To roshni bhi aa gayi or roshni ke sath aya ha sunhara manav like alien type sa kuchh or ye jo koi bhi ha suyesh ko achhi tarah janta or shyad suyesh or baki sab bhi ise achhi tarah jante ha kyonki suyesh ko dekhkar sunhare manv ke chehre per ek muskan thi or wo to tab hi hogi jab wo suyesh ko janta hoga kher brandon ne bhi sahi kaha ki shefali ke sapne ko underestimate nahi karna ha or shefali ke sapne me to ye bhi tha ki ye log atlantis pahunchenge or ye sunhare manv ne bhi jidhar ishara kiya ha kahin atlantis ki taraf to nahi kiya or lagta ha atlantis per sab murda logon ko aise sunhare manav me convert kiya jaa raha ha
Or kahin sunhara manav lara to nahi jise udhar le jake sunhara manav bana diya ho
Very well said dear Sharma
Bilkul bhari hai chirag(Raj)%
Awesome update
Safaili ke sab dreams true Hote ja rahe hai
Shayad ab aage shefali ka role badhne wala hai story me
Gazab ki update he Raj_sharma Bhai,
Ab ship ko us golden man ke batayi direction me mudwa to diya he suyash ne...................
Lekin abhi tak vo khud 100% sure nahi he ki uska ye faisla sahi he ya nahi............
Brandon ne sahi sawal kiya..............ab shaifali ki kahi huyi sabhi baate sach hoti dikh rahi he............
Keep posting Bro
Shandar update Bhai
Lagta hai kahani ka rukh ab wapas shaifali ki or mudne wala hai
Bahut khoob Raj_sharma bhai
Kya bat hai aaj Romantic mod me![]()
Safaili hi inhe ab aage ka rasta bata sakti h
Mene doper ko hi first update read kr liya hai, to read krna start ho gaya hai.
Golden human ka concept nice!! Main Suyash se agree karta hoon ki koi Lauthar aur Lauren ki face mask laga kar ship ke sabhi vyaktiyon ko darana chahta hai, kyonki ve sab yadi aatma hote to unhe bhagne ki jarurat kyon pad gayi kyunki aata ko na mara ja sakta hai aur na hi nuksan pahuchaya ja sakta hai.
Nice update brother.
Shaandar jabardast update![]()
Taufiq ka mission lagta pahle hi shuru ho gaya wo bhi shamil hai in ghatnao me
Krishti to ek bawal hai ek hi war me puri tarah se dher kar diya Alex ko puri tarah se![]()
Awesome update# 42 .
“वो यह कि हमें इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है कि हमें किनारा मिलेगा कि नहीं ? क्यों कि शैफाली के सपनों के हिसाब से हम समुद्र में तो नहीं मरने वाले। हमें किनारा जरुर मिलेगा.........और वहां पर जंगली आदिवासियों के रूप में जीवन भी होगा। अब यह बात अलग है कि..........?“ कहते-कहते असलम ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
“कि......।“ ब्रैंडन ने ‘कि ‘ शब्द पर जोर देकर असलम से बात पूरी करवानी चाही।
“कि वह रहस्यमय द्वीप कहीं फिर से हमारी राह में ना आ जाए और हमें उसी पर जाना पड़े।“ असलम ने अपनी बात को पूरा किया।
असलम की बात का मतलब समझ कर वहां खड़े सभी के शरीर में एक
झुरझुरी सी उठी।
“कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई विचित्र शक्ति हमें शैफाली के माध्यम से कोई मैसेज देना चाह रही है।“ ब्रैंडन ने अपने शब्दों पर रहस्य की चाशनी लपेटते हुए कहा।
“फिलहाल तो हम इसे, मात्र एक भविष्य में घटने वाली घटना को देख सकने वाले सपने ही समझें तो बेहतर रहेगा और वैसे भी पूरे विश्व में बहुत से ऐसे लोग रहे हैं जो भविष्य में घटने वाली घटना को पहले से ही सपनों के माध्यम से देख लेते थे। अब्राहिम लिंकन ने भी अपनी मौत का दृश्य पहले से ही सपने में देख लिया था। वैज्ञानिक इस विषय पर लगातार शोध कर रहे हैं।“
“वैज्ञानिक इसे छठी इंद्रिय का मामला बताते हैं। पर वह छठी इंद्रिय क्या है? ये अभी तक वह पूरी तरह से पता नहीं लगा पाएं हैं और जहां तक मेरा ख्याल है कि जिस दिन सपनों का रहस्य पता चल जाएगा, उस दिन वैज्ञानिक ‘टाइम मशीन‘ की कल्पना को भी साकार कर सकेंगे। क्यों कि मेरा यह मानना है कि जिस व्यक्ति की सेंस पॉवर बहुत स्ट्रांग हो जाती है, वह अपने मस्तिष्क से निकलती ऊर्जा के साथ, अपना सूक्ष्म शरीर भी बाहर निकाल सकता है। और सूक्ष्म शरीर पर ना तो समय का कोई प्रभाव पड़ता है और ना ही दूरी का। इसी के कारण जब हम कल्पनाओं में खो जाते हैं, तो सेकेंड भर के समय में भी हजारों -लाखों किलोमीटर का फासला तय कर लेते हैं। ठीक उसी तरह जब सूक्ष्म शरीर में बहुत ज्यादा ऊर्जा प्रवाहित हो जाती है, तो वह समय को आगे या पीछे कर, हमें उस समय के घटना क्रम में लिए जाता है। इसे हम ‘टाइम-स्लिप‘ भी कहते हैं। पूरे विश्व में सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं जो टाइम-स्लिप के द्वारा स्लिप होकर बीते काल में या फिर भविष्य में चले गए। लौटने पर उन्होंने वहां पर देखी घटना व वातावरण का जिक्र भी किया। जिसे कि वैज्ञानिक पूर्ण रुप से समझ नहीं पाए। मुझे तो शैफाली में भी कुछ वैसी ही शक्तियां दिखाई देती हैं।“ सुयश ने अपने तर्कों से पूरा विज्ञान ही उड़ेल दिया।
“मुझे लगता है सर, कि हमें एक बार फिर शैफाली से मिलकर कुछ और जानने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है कि कोई नया क्लू मिल जाए?“ ब्रैंडन ने कहा।
“हूं....!“ सुयश ने हुंकारी भरते हुए ब्रैंडन की बात पर सहमति जताई-
“कहना तो तुम्हारा ठीक है। लेकिन फिलहाल अब हमें अपने कमरों की ओर चलना चाहिए। क्यों कि बहस में पूरी रात बीत चुकी है और कुछ ही देर में एक नई सुबह होने वाली है। शैफाली से हम कल मिलेंगे।“
इतना कहकर सुयश ने एक बार फिर अंधकारमय समुद्र को देखा और फिर अपने रूम की ओर चल दिया।
6 जनवरी 2002, रविवार, 08:30; “सुप्रीम”
एक नई सुबह हो चुकी थी। नीले आसमान पर कहीं-कहीं सफेद बादलों की टुकड़ी दिखाई दे रही थी।
वह सुबह भी बाकी सुबह की तरह सामान्य थी। धीरे-धीरे यात्रियों का जमावड़ा डेक पर लगने लगा था। वक्त सूर्य के समान सात घोड़ों के रथ पर सवार हो तेजी से भाग रहा था।
कुछ लोगों पर जैसे इन खतरों से कोई प्रभाव नहीं पड़ा था, क्यों कि वह इतने खतरनाक माहौल में भी हंसी मजाक करते नजर आ रहे थे। शायद वह अपनी जिंदगी के अंतिम पल हंस के बिताना चाहते थे। इसी भीड़ में जैक और जॉनी बैठे थे।
“क्या सोच रहे हो जैक?“ जॉनी ने नशे भरी आवाज में लड़खड़ाते हुए कहा।
“मैं सोच रहा हूं कि कल तुमने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था या.......।“
कहते हुए जैक ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
“या...........।“ जॉनी ने ‘या ‘ शब्द पर जोर देते हुए ना समझने वाले भाव में कहा।
“या फिर तुम सबसे झूठ बोल रहे थे।“ ये शब्द कहते-कहते जैक के चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव आ गये।
“मैं.......मैं.....भला किसी से झूठ क्यों बोलूंगा ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा उभरा।
“या फिर नशे की वजह से तुम्हें उन्हें पहचानने में कोई गलती हुई हो।“ जैक ने दोबारा जॉनी पर तंज कसा।
“अबे तू क्या मुझे नशेड़ी समझता है, मैंने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था।“ कहते कहते जॉनी अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
“बैठ जा भाई।“ जैक ने जॉनी को जबरदस्ती बैठाते हुए कहा- “तू हर बार पीकर कोई ना कोई बवाल खड़ा कर देता है। देखो सब लोग घूर-घूर कर इधर ही देख रहे हैं।
“अच्छा.....ये बता कि क्या कोई लड़की भी मुझको देख रही है?“ जॉनी ने नशे में बहकते हुए पूछा।
“हां देख तो रही है।“ जैक ने एक दिशा की ओर देखते हुए कहा।
“वह दिखने में कैसी है?“ जॉनी ने बिना उस तरफ देखे हुए ही पूछा।
“बहुत सुंदर! और उसकी स्माइल तो बहुत ही अच्छी है। उसकी आंखें नीली.......बाल सुनहरे और होंठ गुलाबी हैं।“ जैक ने लड़की की खूबसूरती में तारीफों के पुल बांध दिए-
“और वो ले......वह इसी तरह आ रही है।“
“क्याऽऽऽऽ इसी तरफ आ रही है।“ कहते हुए जॉनी ने एक तगड़ा पैग बनाया और एक ही साँस में पी गया।
“वो पास आ रही है।“ जैक ने फुसफुसाते हुए कहा- “अब वो बिल्कुल तुम्हारे पीछे है।“
जैक ने आखिरी के शब्द बोलते हुए जॉनी को धीरे से ‘थम्ब्स-अप‘ का इशारा किया और ‘बेस्ट ऑफ लक‘ बोल उठ कर खड़ा हो गया।
जॉनी इतना पीने के बाद अब पूरी तरह जोश में था। उसने धीरे से गले को खंखारा, अपने गले में लगी ‘बो ‘ को सही किया व एक झटके से पीछे मुड़ते हुए बोला -“एक्सक्यूज मी.......!“
लेकिन बाकी की बात उसके गले में रह गई। क्यों कि उसके पीछे लगभग xx-साल की एक बच्ची खड़ी थी ।
“आपने मुझसे कुछ कहा अंकल?“ छोटी लड़की ने भोलेपन से अपनी नीली-नीली आंखों से जॉनी को देखते हुए पूछा ।
जॉनी ने घबरा कर अपना सिर इस तरह दाएं-बाएं हिलाया, जैसे वह उसका सिर ना होकर किसी घड़ी का पेंडुलम हो। छोटी लड़की यह सुनकर आगे चली गयी।
अब जॉनी तुरंत जैक की ओर वापस घूमा।
“क्यों बेऽऽऽऽ....... तूने मुझसे झूठ क्यों बोला ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा भरा था।
“मैंने......... मैंने कहां झूठ बोला। तुम मुझसे लड़की के बारे में पूछ रहे थे। उसकी उम्र के बारे में नहीं।“ जैक ने पूरा मजा लेते हुए जवाब दिया।
“बड़ी मुश्किल से थोड़ी चढ़ी थी..... ..सब उतार दी।“ जॉनी बड़बड़ाते हुए पुनः पैग बनाने लगा- “एक तो वैसे ही जब से उस साले रोजर को देखा है........साऽऽऽऽली चढ़ती ही नहीं है और तू भी मुझसे ही मजाक में लगा है।“
“अच्छा एक बात बता।“ जॉनी ने पुनः पैग गले के नीचे उतारते हुए कहा-
“यार हम लोगों के मरने के बाद उस दौलत का क्या होगा जो हमने एक साथ मिलकर लूटी.....?“
लेकिन इससे पहले कि जॉनी के मुंह से कुछ और गलत निकलता, जैक ने तुरंत मुंह पर उंगली रखते हुए, जॉनी को चुप रहने का इशारा किया- “श्ऽऽऽऽऽऽऽ श्ऽऽऽऽ...... अबे मरवायेगा क्या ? सबके सामने क्यों चिल्ला रहा है?“
“अच्छा छोड़ दौलत को........यह बता कि उससे.......बात हुई या नहीं ? कहीं ऐसा ना हो जाए.......कि वो हमारे बारे में......सबको बता दे?“ जॉनी ने चिंता व्यक्त की।
“टेंशन मत ले..।“ जैक ने इधर-उधर देखा और फिर अपने शब्दों में रहस्य
को भरते हुए कहा- “अगर वह हमारे बारे में किसी को बताएगा, तो वह खुद ही फंस जाएगा।“
“अरे हां......यह तो मैंने सोचा ही नहीं था। अब आज से उसके बारे में चिंता करना बंद।“
कहते हुए जॉनी धीरे से उठा और उस दिशा में चल दिया जिधर उसने अभी-अभी क्रिस्टी को जाते हुए देखा था।
जारी रहेगा_________![]()
Wonderful ek aur nayi twist story mein Jack aur Johnny ne koi daulat luta hai aur iske bare mein kisi aur ko bhi pata hai.# 42 .
“वो यह कि हमें इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है कि हमें किनारा मिलेगा कि नहीं ? क्यों कि शैफाली के सपनों के हिसाब से हम समुद्र में तो नहीं मरने वाले। हमें किनारा जरुर मिलेगा.........और वहां पर जंगली आदिवासियों के रूप में जीवन भी होगा। अब यह बात अलग है कि..........?“ कहते-कहते असलम ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
“कि......।“ ब्रैंडन ने ‘कि ‘ शब्द पर जोर देकर असलम से बात पूरी करवानी चाही।
“कि वह रहस्यमय द्वीप कहीं फिर से हमारी राह में ना आ जाए और हमें उसी पर जाना पड़े।“ असलम ने अपनी बात को पूरा किया।
असलम की बात का मतलब समझ कर वहां खड़े सभी के शरीर में एक
झुरझुरी सी उठी।
“कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई विचित्र शक्ति हमें शैफाली के माध्यम से कोई मैसेज देना चाह रही है।“ ब्रैंडन ने अपने शब्दों पर रहस्य की चाशनी लपेटते हुए कहा।
“फिलहाल तो हम इसे, मात्र एक भविष्य में घटने वाली घटना को देख सकने वाले सपने ही समझें तो बेहतर रहेगा और वैसे भी पूरे विश्व में बहुत से ऐसे लोग रहे हैं जो भविष्य में घटने वाली घटना को पहले से ही सपनों के माध्यम से देख लेते थे। अब्राहिम लिंकन ने भी अपनी मौत का दृश्य पहले से ही सपने में देख लिया था। वैज्ञानिक इस विषय पर लगातार शोध कर रहे हैं।“
“वैज्ञानिक इसे छठी इंद्रिय का मामला बताते हैं। पर वह छठी इंद्रिय क्या है? ये अभी तक वह पूरी तरह से पता नहीं लगा पाएं हैं और जहां तक मेरा ख्याल है कि जिस दिन सपनों का रहस्य पता चल जाएगा, उस दिन वैज्ञानिक ‘टाइम मशीन‘ की कल्पना को भी साकार कर सकेंगे। क्यों कि मेरा यह मानना है कि जिस व्यक्ति की सेंस पॉवर बहुत स्ट्रांग हो जाती है, वह अपने मस्तिष्क से निकलती ऊर्जा के साथ, अपना सूक्ष्म शरीर भी बाहर निकाल सकता है। और सूक्ष्म शरीर पर ना तो समय का कोई प्रभाव पड़ता है और ना ही दूरी का। इसी के कारण जब हम कल्पनाओं में खो जाते हैं, तो सेकेंड भर के समय में भी हजारों -लाखों किलोमीटर का फासला तय कर लेते हैं। ठीक उसी तरह जब सूक्ष्म शरीर में बहुत ज्यादा ऊर्जा प्रवाहित हो जाती है, तो वह समय को आगे या पीछे कर, हमें उस समय के घटना क्रम में लिए जाता है। इसे हम ‘टाइम-स्लिप‘ भी कहते हैं। पूरे विश्व में सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं जो टाइम-स्लिप के द्वारा स्लिप होकर बीते काल में या फिर भविष्य में चले गए। लौटने पर उन्होंने वहां पर देखी घटना व वातावरण का जिक्र भी किया। जिसे कि वैज्ञानिक पूर्ण रुप से समझ नहीं पाए। मुझे तो शैफाली में भी कुछ वैसी ही शक्तियां दिखाई देती हैं।“ सुयश ने अपने तर्कों से पूरा विज्ञान ही उड़ेल दिया।
“मुझे लगता है सर, कि हमें एक बार फिर शैफाली से मिलकर कुछ और जानने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है कि कोई नया क्लू मिल जाए?“ ब्रैंडन ने कहा।
“हूं....!“ सुयश ने हुंकारी भरते हुए ब्रैंडन की बात पर सहमति जताई-
“कहना तो तुम्हारा ठीक है। लेकिन फिलहाल अब हमें अपने कमरों की ओर चलना चाहिए। क्यों कि बहस में पूरी रात बीत चुकी है और कुछ ही देर में एक नई सुबह होने वाली है। शैफाली से हम कल मिलेंगे।“
इतना कहकर सुयश ने एक बार फिर अंधकारमय समुद्र को देखा और फिर अपने रूम की ओर चल दिया।
6 जनवरी 2002, रविवार, 08:30; “सुप्रीम”
एक नई सुबह हो चुकी थी। नीले आसमान पर कहीं-कहीं सफेद बादलों की टुकड़ी दिखाई दे रही थी।
वह सुबह भी बाकी सुबह की तरह सामान्य थी। धीरे-धीरे यात्रियों का जमावड़ा डेक पर लगने लगा था। वक्त सूर्य के समान सात घोड़ों के रथ पर सवार हो तेजी से भाग रहा था।
कुछ लोगों पर जैसे इन खतरों से कोई प्रभाव नहीं पड़ा था, क्यों कि वह इतने खतरनाक माहौल में भी हंसी मजाक करते नजर आ रहे थे। शायद वह अपनी जिंदगी के अंतिम पल हंस के बिताना चाहते थे। इसी भीड़ में जैक और जॉनी बैठे थे।
“क्या सोच रहे हो जैक?“ जॉनी ने नशे भरी आवाज में लड़खड़ाते हुए कहा।
“मैं सोच रहा हूं कि कल तुमने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था या.......।“
कहते हुए जैक ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
“या...........।“ जॉनी ने ‘या ‘ शब्द पर जोर देते हुए ना समझने वाले भाव में कहा।
“या फिर तुम सबसे झूठ बोल रहे थे।“ ये शब्द कहते-कहते जैक के चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव आ गये।
“मैं.......मैं.....भला किसी से झूठ क्यों बोलूंगा ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा उभरा।
“या फिर नशे की वजह से तुम्हें उन्हें पहचानने में कोई गलती हुई हो।“ जैक ने दोबारा जॉनी पर तंज कसा।
“अबे तू क्या मुझे नशेड़ी समझता है, मैंने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था।“ कहते कहते जॉनी अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
“बैठ जा भाई।“ जैक ने जॉनी को जबरदस्ती बैठाते हुए कहा- “तू हर बार पीकर कोई ना कोई बवाल खड़ा कर देता है। देखो सब लोग घूर-घूर कर इधर ही देख रहे हैं।
“अच्छा.....ये बता कि क्या कोई लड़की भी मुझको देख रही है?“ जॉनी ने नशे में बहकते हुए पूछा।
“हां देख तो रही है।“ जैक ने एक दिशा की ओर देखते हुए कहा।
“वह दिखने में कैसी है?“ जॉनी ने बिना उस तरफ देखे हुए ही पूछा।
“बहुत सुंदर! और उसकी स्माइल तो बहुत ही अच्छी है। उसकी आंखें नीली.......बाल सुनहरे और होंठ गुलाबी हैं।“ जैक ने लड़की की खूबसूरती में तारीफों के पुल बांध दिए-
“और वो ले......वह इसी तरह आ रही है।“
“क्याऽऽऽऽ इसी तरफ आ रही है।“ कहते हुए जॉनी ने एक तगड़ा पैग बनाया और एक ही साँस में पी गया।
“वो पास आ रही है।“ जैक ने फुसफुसाते हुए कहा- “अब वो बिल्कुल तुम्हारे पीछे है।“
जैक ने आखिरी के शब्द बोलते हुए जॉनी को धीरे से ‘थम्ब्स-अप‘ का इशारा किया और ‘बेस्ट ऑफ लक‘ बोल उठ कर खड़ा हो गया।
जॉनी इतना पीने के बाद अब पूरी तरह जोश में था। उसने धीरे से गले को खंखारा, अपने गले में लगी ‘बो ‘ को सही किया व एक झटके से पीछे मुड़ते हुए बोला -“एक्सक्यूज मी.......!“
लेकिन बाकी की बात उसके गले में रह गई। क्यों कि उसके पीछे लगभग xx-साल की एक बच्ची खड़ी थी ।
“आपने मुझसे कुछ कहा अंकल?“ छोटी लड़की ने भोलेपन से अपनी नीली-नीली आंखों से जॉनी को देखते हुए पूछा ।
जॉनी ने घबरा कर अपना सिर इस तरह दाएं-बाएं हिलाया, जैसे वह उसका सिर ना होकर किसी घड़ी का पेंडुलम हो। छोटी लड़की यह सुनकर आगे चली गयी।
अब जॉनी तुरंत जैक की ओर वापस घूमा।
“क्यों बेऽऽऽऽ....... तूने मुझसे झूठ क्यों बोला ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा भरा था।
“मैंने......... मैंने कहां झूठ बोला। तुम मुझसे लड़की के बारे में पूछ रहे थे। उसकी उम्र के बारे में नहीं।“ जैक ने पूरा मजा लेते हुए जवाब दिया।
“बड़ी मुश्किल से थोड़ी चढ़ी थी..... ..सब उतार दी।“ जॉनी बड़बड़ाते हुए पुनः पैग बनाने लगा- “एक तो वैसे ही जब से उस साले रोजर को देखा है........साऽऽऽऽली चढ़ती ही नहीं है और तू भी मुझसे ही मजाक में लगा है।“
“अच्छा एक बात बता।“ जॉनी ने पुनः पैग गले के नीचे उतारते हुए कहा-
“यार हम लोगों के मरने के बाद उस दौलत का क्या होगा जो हमने एक साथ मिलकर लूटी.....?“
लेकिन इससे पहले कि जॉनी के मुंह से कुछ और गलत निकलता, जैक ने तुरंत मुंह पर उंगली रखते हुए, जॉनी को चुप रहने का इशारा किया- “श्ऽऽऽऽऽऽऽ श्ऽऽऽऽ...... अबे मरवायेगा क्या ? सबके सामने क्यों चिल्ला रहा है?“
“अच्छा छोड़ दौलत को........यह बता कि उससे.......बात हुई या नहीं ? कहीं ऐसा ना हो जाए.......कि वो हमारे बारे में......सबको बता दे?“ जॉनी ने चिंता व्यक्त की।
“टेंशन मत ले..।“ जैक ने इधर-उधर देखा और फिर अपने शब्दों में रहस्य
को भरते हुए कहा- “अगर वह हमारे बारे में किसी को बताएगा, तो वह खुद ही फंस जाएगा।“
“अरे हां......यह तो मैंने सोचा ही नहीं था। अब आज से उसके बारे में चिंता करना बंद।“
कहते हुए जॉनी धीरे से उठा और उस दिशा में चल दिया जिधर उसने अभी-अभी क्रिस्टी को जाते हुए देखा था।
जारी रहेगा_________![]()
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....# 42 .
“वो यह कि हमें इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है कि हमें किनारा मिलेगा कि नहीं ? क्यों कि शैफाली के सपनों के हिसाब से हम समुद्र में तो नहीं मरने वाले। हमें किनारा जरुर मिलेगा.........और वहां पर जंगली आदिवासियों के रूप में जीवन भी होगा। अब यह बात अलग है कि..........?“ कहते-कहते असलम ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
“कि......।“ ब्रैंडन ने ‘कि ‘ शब्द पर जोर देकर असलम से बात पूरी करवानी चाही।
“कि वह रहस्यमय द्वीप कहीं फिर से हमारी राह में ना आ जाए और हमें उसी पर जाना पड़े।“ असलम ने अपनी बात को पूरा किया।
असलम की बात का मतलब समझ कर वहां खड़े सभी के शरीर में एक
झुरझुरी सी उठी।
“कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई विचित्र शक्ति हमें शैफाली के माध्यम से कोई मैसेज देना चाह रही है।“ ब्रैंडन ने अपने शब्दों पर रहस्य की चाशनी लपेटते हुए कहा।
“फिलहाल तो हम इसे, मात्र एक भविष्य में घटने वाली घटना को देख सकने वाले सपने ही समझें तो बेहतर रहेगा और वैसे भी पूरे विश्व में बहुत से ऐसे लोग रहे हैं जो भविष्य में घटने वाली घटना को पहले से ही सपनों के माध्यम से देख लेते थे। अब्राहिम लिंकन ने भी अपनी मौत का दृश्य पहले से ही सपने में देख लिया था। वैज्ञानिक इस विषय पर लगातार शोध कर रहे हैं।“
“वैज्ञानिक इसे छठी इंद्रिय का मामला बताते हैं। पर वह छठी इंद्रिय क्या है? ये अभी तक वह पूरी तरह से पता नहीं लगा पाएं हैं और जहां तक मेरा ख्याल है कि जिस दिन सपनों का रहस्य पता चल जाएगा, उस दिन वैज्ञानिक ‘टाइम मशीन‘ की कल्पना को भी साकार कर सकेंगे। क्यों कि मेरा यह मानना है कि जिस व्यक्ति की सेंस पॉवर बहुत स्ट्रांग हो जाती है, वह अपने मस्तिष्क से निकलती ऊर्जा के साथ, अपना सूक्ष्म शरीर भी बाहर निकाल सकता है। और सूक्ष्म शरीर पर ना तो समय का कोई प्रभाव पड़ता है और ना ही दूरी का। इसी के कारण जब हम कल्पनाओं में खो जाते हैं, तो सेकेंड भर के समय में भी हजारों -लाखों किलोमीटर का फासला तय कर लेते हैं। ठीक उसी तरह जब सूक्ष्म शरीर में बहुत ज्यादा ऊर्जा प्रवाहित हो जाती है, तो वह समय को आगे या पीछे कर, हमें उस समय के घटना क्रम में लिए जाता है। इसे हम ‘टाइम-स्लिप‘ भी कहते हैं। पूरे विश्व में सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं जो टाइम-स्लिप के द्वारा स्लिप होकर बीते काल में या फिर भविष्य में चले गए। लौटने पर उन्होंने वहां पर देखी घटना व वातावरण का जिक्र भी किया। जिसे कि वैज्ञानिक पूर्ण रुप से समझ नहीं पाए। मुझे तो शैफाली में भी कुछ वैसी ही शक्तियां दिखाई देती हैं।“ सुयश ने अपने तर्कों से पूरा विज्ञान ही उड़ेल दिया।
“मुझे लगता है सर, कि हमें एक बार फिर शैफाली से मिलकर कुछ और जानने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है कि कोई नया क्लू मिल जाए?“ ब्रैंडन ने कहा।
“हूं....!“ सुयश ने हुंकारी भरते हुए ब्रैंडन की बात पर सहमति जताई-
“कहना तो तुम्हारा ठीक है। लेकिन फिलहाल अब हमें अपने कमरों की ओर चलना चाहिए। क्यों कि बहस में पूरी रात बीत चुकी है और कुछ ही देर में एक नई सुबह होने वाली है। शैफाली से हम कल मिलेंगे।“
इतना कहकर सुयश ने एक बार फिर अंधकारमय समुद्र को देखा और फिर अपने रूम की ओर चल दिया।
6 जनवरी 2002, रविवार, 08:30; “सुप्रीम”
एक नई सुबह हो चुकी थी। नीले आसमान पर कहीं-कहीं सफेद बादलों की टुकड़ी दिखाई दे रही थी।
वह सुबह भी बाकी सुबह की तरह सामान्य थी। धीरे-धीरे यात्रियों का जमावड़ा डेक पर लगने लगा था। वक्त सूर्य के समान सात घोड़ों के रथ पर सवार हो तेजी से भाग रहा था।
कुछ लोगों पर जैसे इन खतरों से कोई प्रभाव नहीं पड़ा था, क्यों कि वह इतने खतरनाक माहौल में भी हंसी मजाक करते नजर आ रहे थे। शायद वह अपनी जिंदगी के अंतिम पल हंस के बिताना चाहते थे। इसी भीड़ में जैक और जॉनी बैठे थे।
“क्या सोच रहे हो जैक?“ जॉनी ने नशे भरी आवाज में लड़खड़ाते हुए कहा।
“मैं सोच रहा हूं कि कल तुमने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था या.......।“
कहते हुए जैक ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
“या...........।“ जॉनी ने ‘या ‘ शब्द पर जोर देते हुए ना समझने वाले भाव में कहा।
“या फिर तुम सबसे झूठ बोल रहे थे।“ ये शब्द कहते-कहते जैक के चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव आ गये।
“मैं.......मैं.....भला किसी से झूठ क्यों बोलूंगा ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा उभरा।
“या फिर नशे की वजह से तुम्हें उन्हें पहचानने में कोई गलती हुई हो।“ जैक ने दोबारा जॉनी पर तंज कसा।
“अबे तू क्या मुझे नशेड़ी समझता है, मैंने वास्तव में लॉरेन व रोजर को देखा था।“ कहते कहते जॉनी अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
“बैठ जा भाई।“ जैक ने जॉनी को जबरदस्ती बैठाते हुए कहा- “तू हर बार पीकर कोई ना कोई बवाल खड़ा कर देता है। देखो सब लोग घूर-घूर कर इधर ही देख रहे हैं।
“अच्छा.....ये बता कि क्या कोई लड़की भी मुझको देख रही है?“ जॉनी ने नशे में बहकते हुए पूछा।
“हां देख तो रही है।“ जैक ने एक दिशा की ओर देखते हुए कहा।
“वह दिखने में कैसी है?“ जॉनी ने बिना उस तरफ देखे हुए ही पूछा।
“बहुत सुंदर! और उसकी स्माइल तो बहुत ही अच्छी है। उसकी आंखें नीली.......बाल सुनहरे और होंठ गुलाबी हैं।“ जैक ने लड़की की खूबसूरती में तारीफों के पुल बांध दिए-
“और वो ले......वह इसी तरह आ रही है।“
“क्याऽऽऽऽ इसी तरफ आ रही है।“ कहते हुए जॉनी ने एक तगड़ा पैग बनाया और एक ही साँस में पी गया।
“वो पास आ रही है।“ जैक ने फुसफुसाते हुए कहा- “अब वो बिल्कुल तुम्हारे पीछे है।“
जैक ने आखिरी के शब्द बोलते हुए जॉनी को धीरे से ‘थम्ब्स-अप‘ का इशारा किया और ‘बेस्ट ऑफ लक‘ बोल उठ कर खड़ा हो गया।
जॉनी इतना पीने के बाद अब पूरी तरह जोश में था। उसने धीरे से गले को खंखारा, अपने गले में लगी ‘बो ‘ को सही किया व एक झटके से पीछे मुड़ते हुए बोला -“एक्सक्यूज मी.......!“
लेकिन बाकी की बात उसके गले में रह गई। क्यों कि उसके पीछे लगभग xx-साल की एक बच्ची खड़ी थी ।
“आपने मुझसे कुछ कहा अंकल?“ छोटी लड़की ने भोलेपन से अपनी नीली-नीली आंखों से जॉनी को देखते हुए पूछा ।
जॉनी ने घबरा कर अपना सिर इस तरह दाएं-बाएं हिलाया, जैसे वह उसका सिर ना होकर किसी घड़ी का पेंडुलम हो। छोटी लड़की यह सुनकर आगे चली गयी।
अब जॉनी तुरंत जैक की ओर वापस घूमा।
“क्यों बेऽऽऽऽ....... तूने मुझसे झूठ क्यों बोला ?“ जॉनी के शब्दों में गुस्सा भरा था।
“मैंने......... मैंने कहां झूठ बोला। तुम मुझसे लड़की के बारे में पूछ रहे थे। उसकी उम्र के बारे में नहीं।“ जैक ने पूरा मजा लेते हुए जवाब दिया।
“बड़ी मुश्किल से थोड़ी चढ़ी थी..... ..सब उतार दी।“ जॉनी बड़बड़ाते हुए पुनः पैग बनाने लगा- “एक तो वैसे ही जब से उस साले रोजर को देखा है........साऽऽऽऽली चढ़ती ही नहीं है और तू भी मुझसे ही मजाक में लगा है।“
“अच्छा एक बात बता।“ जॉनी ने पुनः पैग गले के नीचे उतारते हुए कहा-
“यार हम लोगों के मरने के बाद उस दौलत का क्या होगा जो हमने एक साथ मिलकर लूटी.....?“
लेकिन इससे पहले कि जॉनी के मुंह से कुछ और गलत निकलता, जैक ने तुरंत मुंह पर उंगली रखते हुए, जॉनी को चुप रहने का इशारा किया- “श्ऽऽऽऽऽऽऽ श्ऽऽऽऽ...... अबे मरवायेगा क्या ? सबके सामने क्यों चिल्ला रहा है?“
“अच्छा छोड़ दौलत को........यह बता कि उससे.......बात हुई या नहीं ? कहीं ऐसा ना हो जाए.......कि वो हमारे बारे में......सबको बता दे?“ जॉनी ने चिंता व्यक्त की।
“टेंशन मत ले..।“ जैक ने इधर-उधर देखा और फिर अपने शब्दों में रहस्य
को भरते हुए कहा- “अगर वह हमारे बारे में किसी को बताएगा, तो वह खुद ही फंस जाएगा।“
“अरे हां......यह तो मैंने सोचा ही नहीं था। अब आज से उसके बारे में चिंता करना बंद।“
कहते हुए जॉनी धीरे से उठा और उस दिशा में चल दिया जिधर उसने अभी-अभी क्रिस्टी को जाते हुए देखा था।
जारी रहेगा_________![]()