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Thriller शतरंज की चाल

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कुल मिलाकर वही ! राइटर साहब नेहा मैडम का बचाव पर बचाव किए जा रहे है बल्कि एक तरह से उसके डिफेंस लाॅयर की भुमिका मे नजर आ रहे है और इधर रीडर्स नेहा को विलेन बनाने की कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं ।
इस बार उनकी मोबाइल फोन गुम हो गई । एक माह तक कोई कंटेक्ट नही अपने कथित भोले बलम से । यह रियल मे किसी के गले नही उतरता कि इतने कोइंसिडेंस कैसे हो सकते हैं !
जैसा कि अमर भाई ( avsji ) ने भी कहा , कार मे रखी हुई रिवाल्वर के बारे मे राजेश को कैसे पता ! यह या तो मनीष को पता था या नेहा को ।
खैर , मनीष साहब पर विपत्ति सर पर आन खड़ी है लेकिन हमे विश्वास है वो इस विपत्ति से सकुशल बाहर भी निकल आयेंगे ।
पर अब जरूरी हो गया है मनीष साहब अपनी आंख और कान को मजबूत करें । दिमाग से सोचें ।

वैसे मित्तल कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर मे मनीष का शामिल न होना मनीष साहब के लिए वरदान ही साबित होगी । वाल्ट लूटने वाला है इसपर मुझे जरा भी संदेह नही है । कम से कम इस लूट के आरोप से वह बचे रहेंगे ।
इसीलिए कहते हैं प्रभु जो करता है आप के बेहतर के लिए ही करता है ।

मनीष साहब को शिविका से मेल मुलाकात भी बढ़ाना चाहिए । यह लड़की आप से प्यार करती है । बोर्ड आफ डायरेक्टर इलेक्शन के दौरान आप को सपोर्ट करती है । और क्या चाहिए आपको !
मित्तल साहब के बाद सिर्फ यही लड़की है जो मनीष को बुरे समय मे मदद कर सकती है ।

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
 

dhparikh

Well-Known Member
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#अपडेट १७


अब तक आपने पढ़ा -


नेहा ने एक दिन कंफर्म किया कि उसका और संजीव का तलाक हो गया है, और वो जल्दी ही वापस आएगी। पर उसके बाद उसके फोन आने कम हो गए, और एक दिन जब उसका कॉल नहीं आया तो मेरे लगाने पर उसका फोन बंद आने लगा। ठीक उसी समय सरकार का सोना आ रहा था तो मैं उधर ज्यादा बिजी हो गया और एक हफ्ते तक रात को मैं रोज फोन लगाता था, पर वो बंद ही रहा। संडे को फ्री होकर मैं दिन भर उससे संपर्क करने की कोशिश करता रहा, लेकिन नतीजा वही....


अब आगे -


नेहा से संपर्क न होने से मुझे उसकी बहुत चिंता होने लगी, लेकिन मैं कर भी क्या सकता था? उसके घर से किसी का भी कांटैक्ट नंबर नहीं था मेरे पास। एक दिन मैने उसकी अपॉइंटमेंट फाइल निकलवा कर देखी कि शायद कोई जरिए मिल जाय कॉन्टेक्ट का, लेकिन वहां भी उसका एक मात्र नंबर वही था जो वो खुद इस्तेमाल करती थी। एक बार मैने सोचा कि उसके देहरादून वाले एड्रेस पर ही कोई चिट्ठी भेज दूं ऑफिस की तरफ से। मगर फिर ये सोच कर नहीं भेजी क्योंकि वो एक महीने की छुट्टी का आवेदन देकर गई थी, और अभी बस 20 दिन ही हुए थे उसे गए। फिर ऐसे में ऑफिस से चिट्ठी भेजने का कोई औचित्य नहीं बनता।


इसी उधेड़बुन में 4 5 दिन और निकल गए। एक शाम मैं ऑफिस से निकल ही रहा था कि एक लोकल नंबर से मेरे पास एक फोन आया, पहले तो मैने उसे इग्नोर कर दिया, मुझे लगा कि वो कहीं किसी टेली कॉलर का न हो। लेकिन वो एक बार और बजा तो मैने उसे उठा लिया। ये नेहा थी।


"हेलो, मनीष?"


"हेलो... नेहा?


"हां मनीष। कैसे हो तुम?"


"मैं अच्छा हूं, तुम हो कहां आखिर? तुम्हारा फोन भी बंद आ रहा है लगातार, और ये किसका नंबर है?"


"अरे अरे मेरे भोले बलम, एक एड्रेस दे रही हूं, वहां अभी आ जाओ। फिर सब बताती हूं आराम से।"


फिर उसने एक एड्रेस बताया, ये शिवपुरी का एड्रेस था जो थोड़ा आउटर एरिया में था, और अभी यहां ज्यादा आबादी नहीं थी। मैने ड्राइवर को घर भेज दिया और खुद ही कार ड्राइव करके उसके बताए हुए एड्रेस पर पहुंच गया।


ये घर थोड़ा अलग थलग बना हुआ था, आस पास दो तीन प्लॉट छोड़ कर ही घर थे। और ये थोड़ा बाहर की तरफ भी था। वैसे तो वापी बहुत ही शांत शहर है, पर फिर भी इतनी बाहर के घर में नेहा का होना मुझे थोड़ा अटपटा लगा।


मैं घर के बाहर पहुंच कर बेल बजाई, और कुछ देर के बाद नेहा ने दरवाजा खोला, वो अभी एक शॉल ओढ़ कर खड़ी थी, क्योंकि मौसम में हल्की ठंड थी। उसने मुझे अंदर आने बोला।


अंदर आते ही, "ये कौन सी जगह है, और तुम यहां क्या कर रही हो? और कहां थी इतने दिन तुम?"


"अरे पहले बैठो तो सही, आते ही सवालों के गोले बरसाने लगे। मुझे पता है कि तुम बहुत नाराज होगे मुझसे, पर पहले आराम से बैठो।" उसने मेरा हाथ पकड़ कर सोफे पर बैठा दिया। और सामने टेबल पर पड़े जग से पानी निकला कर दिया।


पानी पी कर, "हां अब बताओ।"


"ये मेरा ही घर है, मतलब रेंट का। वहां पर कुछ शादी का फंक्शन होना था मकान मालिक का तो खाली करना पड़ा। ये भी उन्होंने ही दिलवाया है, एक महीने की ही बात है, फिर वहां वापस चले जाना है।" उसने एक सांस में कहा, मैने भी चारों ओर देखा तो सारा सामान नेहा का ही था।


"केस फाइनल होने के बाद मैं मुंबई चली गई थी, मौसी के पास। पर वहां जाते ही मेरा फोन गिर गया था, इसीलिए मेरा फोन बंद आ रहा था इतने दिनों से। आज ही उसी नंबर का नया सिम लिया है, कल तक चालू हो जाएगा। अब फोन न होने से कोई नंबर था नहीं मेरे पास, तो जब यहां आई तो डायरी में से तुम्हारा नंबर निकल कर लगाया, उसी दुकान से जहां से सिम लिया है। और कल जब आई तो यहां शिफ्टिंग का बोल दिया मकान मालिक ने, तो उसमे बीजी हो गई थी। और कोई शिकायत मेरे भोले बलम?" ये बोलते हुए वो मेरी गोद में आ कर बैठ गई। और एक गहरा चुम्बन दिया मुझे।


मैं थोड़ा अलग होते हुए, "पर मेरी क्या हालत हुई, तुम्हे अंदाजा भी है?"


"पता है मनीष, मैं भी तुमसे दूर हो कर कोई अच्छे से नहीं थी, मगर मौसी को वादा किया था कुछ दिन उनके साथ रहने का, इसीलिए वहां चली गई। पर अब आ गई हूं न? और अभी मेरी छुट्टी 5 दिन की और है, तो मैं बस तुम्हारे साथ ही रहना चाहती हूं, तुम भी छुट्टी ले लो ना।" उसने थोड़ी शरारत से कहा।


"अभी तो आज और कल का पूरा दिन हूं ही साथ में न। बाद की बाद में देखेंगे।" ये बोल कर मैने उसे अपने से चिपका लिया।


"अच्छा दो मिनिट रुको जरा।" ये बोल कर वो अंदर कमरे में चली गई। कोइ दो मिनिट बाद उसने मुझे आवाज दी कमरे से।


मैं उठ कर कमरे में गया तो वो सिर्फ एक झीनी सी नाइटी पहने खड़ी थी, और उसे देखते ही मैं उससे ऐसे लिपटा जैसे बरसों से बाद उससे मिल रहा हूं हम दोनो इस कदर एक दूसरे चूम रहे थे जैसे दोबारा ये सुहाना वक्त न मिले। नेहा के हाथ सीधे मेरे लॅंड पर आए और मेरे उसके उन्नत स्तनों पर, दोनो ही अपनी पसंद की चीज़ें सहला रहे थे। नेहा के स्तन तो ऐसे थे जैसे नंगे ही पकड़ रखे हो, मैने नेहा के कपड़े खोल डाले

जिसके खुलते ही उसका भरा हुआ नंगा जिस्म मेरी की आँखो के सामने था ऐसा लग रहा था जैसे काम की देवी साक्षात उसके सामने आकर खड़ी हो गयी है यौवन से लदा हुआ मादक शरीर निचोड़ दो तो कामरस की बूंदे उभर आए शरीर पर।



ऐसा लज्जतदार शरीर देख मेरे मुंह में पानी आ गया और मैंने अपना गीला मुँह सीधा लेजाकर नेहा के स्तनों पर रख दिया और उसे चूसने लगा। मेरी इस चुसाई ने नेहा के जिस्म को आग के गोले में बदल दिया

वो जवानी की आग में झुलसती हुई चिल्ला उठी “ओह म्म्म्ममममममममममममममममममममममम मजाआाआआआआआअ आआआआआआआआअ गय्ाआआआआआआअ……… आई लव दिस ……….. सक इटटटट………. ज़ोरररर से चूऊऊऊसस्स्स्सूऊऊऊऊओ इन्हें”


मेरे मुंह से जैसे ही नेहा के सीने जिसपर लगे हुए चैरी जैसे निप्पल पक्क की आवाज़ से निकलते और मैं उन्हे फिर से दबोच कर चूसना शुरू कर देता आज इतने वक्त के बाद नेहा का पूरा नंगा शरीर देख था जिसेमें वो सच में किसी अप्सरा जैसी लग रही थी,उसे देखकर कोई बोल भी नही सकता था की वो पहले से शादी शुदा हो इसे देख ऐसा लगता हो जैसे कच्ची कली जो आज फूल बनने जा रही हो। स्तनों को चुस्वाते हुए नेहा उछल कर मेरी गोद में चढ़ गयी और मैं उसे लेकर चलता हुआ बेड तक आया और उसे बेड पर पटक दिया

और उसके नागिन जैसे बदन को बिस्तर पर मचलते देखकर मैं भी अपने कपड़े उतारने लगा। जैसे ही मैने अपने सारे कपड़े उतारे, नेहा ने झट से मुझे अपने ऊपर खींच कर मेरे सीने को चाटने लगी और धीरे धीरे मेरे लिंग की ओर बढ़ने लगी, और फिर मेरे लिंग की मुंह में ले कर चूसने लगी, मेरी आंखे बंद हो गई, और मेरे हाथ उसके सर पर पहुंच गए और उसे अपने लिंग पर पूरा दबा कर उसके गले तक अपना लिंग उतार दिया वो बेचारी घों घों करती हुई छटपटाने लगी, पर आज मुझे इस छटपटाहट में भी मज़ा आ रहा था, उधर शायद नेहा को भी मजा आ रहा था और वो छटपटाहट के बीच भी मेरे अंडकोष को मसलकर मुझे और भी मजे दे रही थी।कुछ ही देर में मेरा लिंग अपनी पूरी लंबाई के साथ उसकी योनि की गहराइयाँ नापने के लिए पूरा तैयार था

मैंने नेहा को बेड पर धक्का दिया और उसकी टांगे फेला कर उत्तर दक्षिण दिशा में कर दी बीच में थी उसकी आलोकिक योनि,

जिसे देख मेरा मन उसे इस वक़्त मन तो चूसने का भी कर रहा था पर लिंग था की पहले वो अंदर जाने की जिद्द किये बैठा था, मैने लिंग को नेहा की योनि पर लगाया और धीरे से दबाव डालकर उसे उस रसीली गुफा के अंदर धकेल दिया, घप्प की आवाज़ के साथ वो नेहा की रेशमी गुफा में फिसलता चला गया और उसकी दीवारों पर रगड़ देता हुआ उसके गर्भ से जा टकराया।


“आआआआआआआययययययययययययययययययययययययययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई………… माआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गायययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह…… उम्म्म्मममममममममममममममममममममम…………” करते हुए नेहा ने अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा दिए, मगर मैं अब रुकने वाला नही था, अभी तो मज़ा आना शुरू ही हुआ था। काफ़ी दिनों बाद ये मौका मिला था मुझे, नेहा गुदाज जिस्म को चूस्कर, चाटकर, मसलकर संभोग में बड़ा आनंद आ रहा था।

नेहा भी अपने आप को तृप्त महसूस कर रही होगी, आज काफी दिनो के बाद मैं उसकी गहराई नाप रहा था।

वो उछलकर मेरे उपर आ गयी और लिंग को अड्जस्ट करने के बाद अपने तरीके से मेरी की सवारी करने लगी।


तेज धक्को और गहरी सांसो से पूरा कमरा गूँज रहा था

“आआआआहह अहह और ज़ोर से मनीष…..और तेज……..उम्म्म्मममम"


मैं भी अपनी पूरी ताकत से संभोग करने लगा। और कुछ समय की धक्का मुक्की के बाद मैं तेजी से झड़ने लगा नेहा के अन्दर जिसके एहसास से नेहा ने जोर से मुझको अपने गले से लगा लिया मैं भी अतिरेक में आ कर उसके सीने पर अपने दांतों से लव बाइट बना दी।


कुछ देर हम दोनो ऐसे ही बेड पर पड़े रहे और फिर उठ कर खुद को साफ किया। नेहा अपनी वही नाइटी डाल कर बाहर चली गई, ये बोल कर कि वो कुछ खाने का इंतजाम करेगी रसोई में। मैने भी अंडरवियर और पैंट डाल लिया।


नेहा के बाहर जाते ही उसकी एक जोर की चीख आई।


"तुम, यहां अंदर कैसे आए?"


उसकी आवाज सुन कर मैं भी कमरे के बाहर गया और देखा कि बाहर संजीव, नेहा का पूर्व पति हाथों में रिवॉल्वर लिए खड़ा था, जिसकी निशाना नेहा थी।


संजीव मुझे देखते ही, "तो ये है तेरा यार, तुम दोनों के कारण मैं जेल में बंद रहा, अब मैं तुम दोनों को मार कर अपना बदला लूंगा।"


मैं उसके और नेहा के बीच में आ गया, "देखो उस दिन पुलिस ने जो भी किया वो मेरे कहने पर किया, इसमें नेहा की कोई गलती नहीं।"


संजीव मुझे नशे में लगा, तो मुझे लगा कि मैं उस पर काबू पा सकता हूं।


संजीव, "ये रिवॉल्वर देख रहा है, तेरी ही है, अब मै इससे नेहा को मारूंगा और इल्ज़ाम तेरे सर आयेगा।"



मैने गौर से देख तो ये मित्तल सर की दी हुई रिवॉल्वर थी।

मैने थोड़ा सा उसका ध्यान बांटने की कोशिश की, "नेहा पुलिस को कॉल करो।"
जैसे ही मैने ये कहा, वैसे ही उसका ध्यान मेरे पीछे खड़ी नेहा पर गया, और मैने झपट कर उससे रिवॉल्वर छीन ली, और उसके ऊपर तान दी।पर जैसे ही मैने रिवॉल्वर संजीव पर तानी, वैसे ही नेहा, जो मेरे पीछे खड़ी थी, फिर से चीखी

"नहीं.. आह!!!"

और इससे पहले कि मैं पलट कर नेहा को देखता, मेरे सर पर एक जोर का वार हुआ और.....
Nice update....
 
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Ajju Landwalia

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कुल मिलाकर वही ! राइटर साहब नेहा मैडम का बचाव पर बचाव किए जा रहे है बल्कि एक तरह से उसके डिफेंस लाॅयर की भुमिका मे नजर आ रहे है और इधर रीडर्स नेहा को विलेन बनाने की कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं ।
इस बार उनकी मोबाइल फोन गुम हो गई । एक माह तक कोई कंटेक्ट नही अपने कथित भोले बलम से । यह रियल मे किसी के गले नही उतरता कि इतने कोइंसिडेंस कैसे हो सकते हैं !
जैसा कि अमर भाई ( avsji ) ने भी कहा , कार मे रखी हुई रिवाल्वर के बारे मे राजेश को कैसे पता ! यह या तो मनीष को पता था या नेहा को ।
खैर , मनीष साहब पर विपत्ति सर पर आन खड़ी है लेकिन हमे विश्वास है वो इस विपत्ति से सकुशल बाहर भी निकल आयेंगे ।
पर अब जरूरी हो गया है मनीष साहब अपनी आंख और कान को मजबूत करें । दिमाग से सोचें ।

वैसे मित्तल कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर मे मनीष का शामिल न होना मनीष साहब के लिए वरदान ही साबित होगी । वाल्ट लूटने वाला है इसपर मुझे जरा भी संदेह नही है । कम से कम इस लूट के आरोप से वह बचे रहेंगे ।
इसीलिए कहते हैं प्रभु जो करता है आप के बेहतर के लिए ही करता है ।

मनीष साहब को शिविका से मेल मुलाकात भी बढ़ाना चाहिए । यह लड़की आप से प्यार करती है । बोर्ड आफ डायरेक्टर इलेक्शन के दौरान आप को सपोर्ट करती है । और क्या चाहिए आपको !
मित्तल साहब के बाद सिर्फ यही लड़की है जो मनीष को बुरे समय मे मदद कर सकती है ।

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

100% Sahi bol rahe ho Bhai Ji aap

Writer sahab to defence lawyer ban chuke he
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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कुल मिलाकर वही ! राइटर साहब नेहा मैडम का बचाव पर बचाव किए जा रहे है बल्कि एक तरह से उसके डिफेंस लाॅयर की भुमिका मे नजर आ रहे है और इधर रीडर्स नेहा को विलेन बनाने की कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं ।
इस बार उनकी मोबाइल फोन गुम हो गई । एक माह तक कोई कंटेक्ट नही अपने कथित भोले बलम से । यह रियल मे किसी के गले नही उतरता कि इतने कोइंसिडेंस कैसे हो सकते हैं !
जैसा कि अमर भाई ( avsji ) ने भी कहा , कार मे रखी हुई रिवाल्वर के बारे मे राजेश को कैसे पता ! यह या तो मनीष को पता था या नेहा को ।
खैर , मनीष साहब पर विपत्ति सर पर आन खड़ी है लेकिन हमे विश्वास है वो इस विपत्ति से सकुशल बाहर भी निकल आयेंगे ।
पर अब जरूरी हो गया है मनीष साहब अपनी आंख और कान को मजबूत करें । दिमाग से सोचें ।

वैसे मित्तल कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर मे मनीष का शामिल न होना मनीष साहब के लिए वरदान ही साबित होगी । वाल्ट लूटने वाला है इसपर मुझे जरा भी संदेह नही है । कम से कम इस लूट के आरोप से वह बचे रहेंगे ।
इसीलिए कहते हैं प्रभु जो करता है आप के बेहतर के लिए ही करता है ।

मनीष साहब को शिविका से मेल मुलाकात भी बढ़ाना चाहिए । यह लड़की आप से प्यार करती है । बोर्ड आफ डायरेक्टर इलेक्शन के दौरान आप को सपोर्ट करती है । और क्या चाहिए आपको !
मित्तल साहब के बाद सिर्फ यही लड़की है जो मनीष को बुरे समय मे मदद कर सकती है ।

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
अब लेखक का काम ही होता है अपने किरदारों का बचाव करना।

वैसे भाई ही इस काम में मैं माहिर नहीं हूं, लेकिन इसकी इंस्पिरेशन HalfbludPrince भाई जी से ही मिली है 😌

हां बोर्ड ऑफ डायरेक्टर वाला मसला सही हुआ कुछ। लेकिन जो बंदा किसी के प्यार में ऐसा डूबा है कि उसे साफ साफ मौजूद हिंट भी नहीं दिख रहे हैं तो ऐसे भी शिविका इनको दिखेगी ही कहां?

फिलहाल मनीष के साथ जो हुआ वो करने वाला या वाली नेहा है या कोई और वो तो आगे ही पता चल पाएगा।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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100% Sahi bol rahe ho Bhai Ji aap

Writer sahab to defence lawyer ban chuke he
अब प्रोफेशन कहीं न कहीं आड़े आ ही जात है भाई जी 😌
 

Riky007

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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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“आआआआहह अहह और ज़ोर से मनीष…..और तेज……..उम्म्म्मममम"
मैने गौर से देख तो ये मित्तल सर की दी हुई रिवॉल्वर थी।
Aur lele maze, ab pela gaya na lauda :D
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Matlab manish ke sach me laude laga diye ju ne :roflol:

Khair, je to hona hi tha. Second hand maal par laar tapkane ka kuch to natija nikalna hi tha lauda...but aakhir me kisne pel diya isko...kahi Neha hi ne to nahi?? :?:
अभी कहां, असली वाले तो तीन चार अपडेट बाद लगेंगे 😂
 
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