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Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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jabardast update bhai

Ye Mohit itni jaldi nhi sudhrega
Isko tagda dose chahiye
Thank you very much for your valuable review bhai :thanx:, mohit ki gand tudai jaroor hogi isme koi Shaq nahi hai,👍 thanks for your support :hug:
 

Raj_sharma

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Update ki bat bad me. Nahi to ye bhul jaungi. Kya daylog likhe hai yaar. Amezing.

1) कुछ तालाब जो खुद को समंदर समझ बैठे हैं
2) "ना शेर हूं ना शिकारी, ना बादशाह ना खिलाड़ी,
हम वो चिंगारी हैं, जो एक बार सुलग गई तो, जिंदगी बर्बाद कर देगी तुम्हारी,"

Aur bhi bahot daylog hai. San copy karungi to yahi update ho jaega. Vo medhak vala muhavra bhi bast tha. Aur raghubir ka ab bhokega vala bhi superb tha.

Akhir kya dar ya soch rahi hogi tumhari jo tum ab tak sirf redrs the. Kya skill hai. Ye story ke lie nahi hai. Ese special daylog muje ek to komal Rani ke pasand hai. Aur ab aap bhi. Amezing you yaar. Aap koi bhi story ko amezing bana sakte ho. Apna name raj sharma hatakar daylog master rakh lo panditji. Kyo ki aap jese bahot hi kam hai.



Sunny ki najar Kanchan se mili. Matlab sayad 2 hiroin hai. Ye update padhkar muje kai filmo ki yaad aa gai. Najro ka milna aur chori se pakadna. Maza aa gaya. Aage thoda jaldi likhna please. Me special ye story ke updates padhti hu.
Thank you so much devi ji , mujhe ye to laga tha ke logo ko pasand aasakte hai ye dialogues per aapko itne ache lagenge ye Pata nahi tha,:idk1:Thank you very much for your wonderful wishes and love :hug:Rahi baat story ki to story apni mode le rahi hai lagbhag sare kirdaar kahani me aagaye hai, koi ek aadh bacha hai to bhi waqt pe aajayega👍 ab baat fighting ke alawa pyar ki bhi hogi:declare:Dekhte hai Kitna aur kis tarah likh sakta hu. Pahli story bhi bohot pahle likhi thi aur ye story usi ka hi hissa samjho par ye abb likh raha hu.
Us samay mujhe likhne ka bilkul bhi idea nahi tha to jo samajh me aaya wo likh diya:D Agar waisi hindi abb likhu to aadhe readers to waise bhaag jayenge.
Thank you very much for your wonderful review :thanx:
 

Raj_sharma

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aur ek update post kar dete to ........ :wink:

amazing update ..........bro.............. :happy:
:D Ek din ke antar per dosra post kar to diya bhai, waise kal dekhta hu agar time mila to ragad deta hu:declare:Thanks for your valuable review ❣️
 

Raj_sharma

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Shekhu69

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Update 8

सनी: अरे-2 इतने सवाल एक साथ!
देख वीर कहानी थोड़ी लंबी है और यहां पूरी भी नहीं हो सकती, तू इतना समझ ले कि मैंने कहीं और एडमिशन लिया था,

पर मुझे जमा नहीं और मुझे तुम लोगों की याद सदा ही आती रही है, तो पापा से कुछ बहाना मार के यहीं आगया, और पापा अच्छे हैं सदा की तरह।

अब आगे:

सनी: यार कितने साल हुए तुमसे मिले? आज भी वो बचपन वाले दिन, वो सारी यादे, वो गाँव के पास वाली नदी, सब याद है!
तुम्हें याद है कि पुलिये के ऊपर से कूदने का मौका ढूंढ़ते थ हम, वो बचपन का सबके साथ हंसी मज़ाक और खेल कूद बहुत मिस किया मैंने! (आंखों में पानी) और स्पेशल तुझे मिस किया कमीने!!

वीर: बचपन में खेतो में बने फार्महाउस पर कितनी मस्ती होती थी हमारी, घंटो पानी की होदी में घुसे रहते थे या वो लाला सुखीराम का लड़का भूरा? याद है ना साले को कितना पीटा था हमने!!

पहले हमने उसे पीटा बाद में तुम्हारे पापा ने तुम्हें और मेरे पिता जी ने मुझे धोया जब लाला सिकायत करके गया तो? (मुस्कान करते हुए).

सनी: बिल्कुल! चल छोड़ अब ये बाते बाद में बात करते हैं! अभी क्लास चल रही है, और अगर टीचर ने फिर से देख लिया तो चिर-चिर करेगा फिर से!

फिर दोनों चुप-चाप पढ़ने लगते हैं और तभी लंच ब्रेक हो जाता है!

वीर: चल यार आजा तुझे तेरी मनपसंद चीज खिलाता हूं!

सनी: ??????

वीर: चल चल तो सही! ये कहते हुए वीर सनी का हाथ पकड़ कर उसे खड़ा करता है और अपने साथ चलने को कहता है! और सुप्रिया उसको प्रश्नवाचक नजरों से देखती हुई उसके पीछे-2 हो लेती है, साथ में उसकी सहेली कंचन भी थी!!

वो सब जा कर कैंटीन में बैठ जाते हैं जहां पर एक चार कुर्सी लगी थी एक तरफ सनी, और वीर, तो दूसरी तरफ सुप्रिया और उसकी दोस्त कंचन थी !!

वीर बात करते-2 सुप्रिया के और देख रहा था चोर नजरों से तो वही सनी चोर नजरों से कंचन की तरफ देख रहा था।

सुप्रिया को समझ में नहीं आ रहा था वो आज मुझे: (आज वीर को हो क्या गया वो ऐसी अजीब नजरों से चोरी-2 क्यों देख रहा है)?

सुप्रिया: वीर क्या बात है? ऐसे क्यों देख रहे हो? कुछ कहना चाहते हो क्या? और तुमने इनसे मिलवाया नहीं? ये कौन है?

वीर: (मंद-मंद मुस्कुराते हुए) ना ना ऐसी कोई बात नहीं है! और ये सनी है!
अपने राजकुमार (राजू) चाचा का लड़का! याद है? हम सब बचपन में साथ-साथ खेलते थे!

सुप्रिया: हाँ याद आया ! इतने बड़े हो गए यार तुम? कहाँ रहते हो? इतने साल कहाँ रहे?

वीर: वो सब बताते रहेंगे पहले कॉफी और मिर्ची बड़ा आगया ये खाओ!!

सनी: साले तुझे अब तक याद है कि मुझे मिर्ची बड़ा कितना पसंद है?

वीर: और नहीं तो क्या? मैं तुझ से जुड़ी हर याद अपने दिल में छुपाये बैठा हूँ साले। चल जल्दी वापस वापस भी जाना है।

इसी तरह सब लोग हंसी मजाक कर रहे थे, उधर कंचन भी सनी को कनखियों से देख-2 कर मुस्कुरा रही थी जो सुप्रिया से ना छुप सका।

अभी उन लोगों ने नास्ता ख़तम किया और कॉफ़ी पी ही रहे थे तभी वहां मोहित और उसके साथी भी चाय पीने के लिए आये और उनसे आगे वाली टेबल पर बैठ गये!

वो लोग भी चाय पी रहे थे तभी उनमें से एक की नजर वीर और उसके साथियों पर पड़ी,

उनमेंसे एक: मोहित भाई तुम्हारा आइटम अपने दोस्तों के साथ बैठा है.

मोहित: मोहित ने जैसे ही नजर उठा कर देखा तो सामने रघुवीर, सुप्रिया और सनी, कंचन दिखाई दीये,

मोहित: अबे जाने दे सालो को फिर कभी देखेंगे कॉलेज के बाहर!

उनमेंसे एक दोस्त: क्या भाई आप क्या बात करते हो कितनी बेज्जती हुई इस लड़के की वजह से! आप इसको कैसे छोड़ सकते हैं? आप बोलो तो मुझे देखता हूँ साले को! ये कहता हुआ वो खड़ा हो जाता है!

मोहित मन में (ये साला पिटेगा। जब उसने मुझे पीट दिया तो ये किस खेत की मूली है?) अबे रुक बाद में देखतें है प्लान बना कर!!

पर वो नहीं सुनता और वीर की तरफ निकल जाता है और जाके सीधा वीर की टेबल पर हाथ मारता है।

आदमी: क्यू बे हिरो, उस दिन तो बड़ा फुदक रहा था? नया आया क्या इस जगह जो भाई को नहीं जानता? अबे और तो और तूने भाई पे हाथ छोड़ दिया? जीना नहीं है क्या तेरे कू?

तभी सनी को गुस्सा आने लगता है और उसके जबड़े बीच जाते हैं जबकी वीर चुप-चाप बैठा मंद-मंद मुस्कुरा रहा था।

सनी: अबे ओ चतुर्भुज, साले मारूंगा कम, मसलूंगा ज्यादा! चल निकल यहां से.

वीर: अमा जाने दे यार क्या ऐसो के मुँह लगना ये बरसाती दादुर (मेंढक) है: :D कहकर हसने लगता है ।

"सही वक़्त पर करवा देंगे हदों का एहसास इन्हें,
कुछ तालाब जो खुद को समंदर समझ बैठे हैं!"


सनी: "वो खाली भोकेंगे, या काटेंगे भी?
अरे वक़्त आने दे मेरे यार!, तेरे कदमों की धूल चाटेंगे भी।"

ये कह कर सनी ने उसकी गर्दन पकर्ड कर उठा लिया और बोला: हराम-खोर तेरी इतनी औकात मेरे सामने ही मेरे भाई को आंख दिखत है?

तभी वहा मोहित और उसके सारे साथी भी आ जाते हैं, और वहा गहमा-गहमी, कहा-सुनी होने लगती है!!

मोहित: छोड़ दे इसको लड़के, नहीं तो अपने पैरों पर चलकर वापस नहीं जाएगा! तू नहीं जानता कि तू किस आग से खेल रहा है? तेरे जैसे कितनों को ही निपटा चूका हूँ मैं।


सनी : और मेरे जान-ने वाले कहते हैं कि :
"जिसपर भी मैंने हाथ डाला है,
उसका तो भगवान ही रखवाला है!"

"ना शेर हूं ना शिकारी, ना बादशाह ना खिलाड़ी,
हम वो चिंगारी हैं, जो एक बार सुलग गई तो, जिंदगी बर्बाद कर देगी तुम्हारी,"

रघुवीर: (मामले की नजाकत को समझते हुए और आस-पास के हालात देख कर)

वीर: छोड़ यार छोड़ उसको, हम अभी कैंटीन में हैं, और मैं नहीं चाहता यहां कोई लफड़ा हो!! हम यहां पढने के लिए आये हैं, ना कि जोर आजमाइश के लिए !!

सनी : बस तेरे बोलने से छोड़ रहा हूं इस को
ये कह कर उसका गला छोड़ देता है। और उसके पास जाकर बोलता है,
तू सुन बे: साले तेरे जैसे दो को तो नीचे लटका के घूमता हूं मैं आगे से मेरे भाई के आस-पास भी दिखा तो सोच ले!!

रघुवीर: सनी, और तुम दोनों भी: कंचन, सुप्रिया की और देखते हुए चलो यहां से, जब वो जाने लगते तो पीछे से बुदबुदाने और हंसी की आवाज आती है तो वीर वापस मुड़ के मोहित के पास आता है।


रघुवीर: देख बे लपरझंडिश मैंने उस दिन तेरी गांड तोड़ी थी तो लगता है कुछ कसर रह गई,
वरना ये छिछोरी हारकर नहीं करता?
अभी भी वक्त है संभल जा, देख जब तक कोई मेरी उंगली नहीं करता मैं उसको कुछ नहीं बोलता,
तो तेरे पास वक्त है उसे पढाई में लगा अपनी जिंदगी सुधार और दूसरे को उंगली करना बंद कर! वर्ना जिस दिन मेरी हट गई तो समझ लेना फिर :

"इस बात से लगा लेना मेरी साखियत का अंदाज़ा,
वो लोग भी मुझे ही सलाम करते हैं, जिन्हे तू सलाम करता हो"


ये बोलकर वो लोग निकल जाते हैं वहां सेऔर क्लास में जाकर बैठ जाते हैं! बस और कुछ खास नहीं होता उस दिन, ऐसे ही दिन बीते हैं, एक दिन वीर और सनी क्लास में आज कुछ जल्दी आते हैं और अपनी डेस्क पर बैठ के बातें कर रहे होते हैं तभी...

जारी है...✍️
shandar lekhni jhakash jabardast dhasu update bahi ji :rock1: :balle:
 
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मोहित और उसके चम्मचों से एक संभलता नही है और दूसरे से पंगा लेने की सोच रहे हैं । इनके किस्मत मे कुटाई और पिटाई ही लिखा हुआ है ।

वैसे , सन्नी साहब भी वीर के डबल संस्करण लग रहे है - मारधाड़ मे माहिर और शेरो शायरी के भी शौकीन ।
इतना भी होता तब भी गनीमत था पर यहां तो रोमांस के फसाने भी साथ-साथ लिखे जा रहे हैं - वीर के लिए सुप्रिया और सन्नी के लिए कंचन ।
वाह क्या बात है !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट शर्मा जी ।
 
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