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12बी पास करते ही मैंने सोच लिया था कि मैं शहर से दूर कही दूसरे स्टेट में आगे की पढ़ाई के लिए जाऊंगा
इसलिए मैने नॉर्थरस्ट के कॉलेज अनबर्डिटी के बारे में सर्च करना सुरु किया । मुझे एक अनवर्सिटी मिल गई जहा मेरी पसंद के सब्जेक्ट पढ़ाए जाते थे ये unversity मेघालय में थी । मैं मेघालय के बारे में जानता था वहा बोहत बारिश होती है और पूरा राज्य जंगलों से भरा हुआ है मैने डिसाइड कर लिया की मेघालय की इसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लूंगा ।
कुछ ही दिनों में 12bi का रिजल्ट आ गया और मैं मेघालय की और चल दिया । दिल्ली से मुझे नॉर्थईस्ट जाने वाली ट्रेन मिल गई । मैं खुश था क्योंकि ट्रेन की किद्दाकी के पास की सीट मिली थी ट्रेन उत्तरप्रदेश को चीरते हुए बिहार की और जा रही थी एक के बाद एक स्टेशन आ रहे थे । कुछ समय के लिए मैं भूल ही गया ट्रेन मुझे ले कर कहा जा रही है पूरा दिन निकल गया लेकिन हम अभी बिहार भी नही पोहचे थे रात हो चुकी थी और आस पास कोई खाने पीने की चीज नही मिल रही थी इसलिए में भूखे पेट ही सो गया जब मैं सुबह उठा हम बिहार को लगभग पार कर चुके थे और ट्रेन पश्चिम बंगाल में दाखिल हो रही थी । सबकी भासा चेंज हो रही थी और ट्रेन तेजी से असम की और मूड चली कुछ घंटों में ट्रेन असम के एक रेलवे स्टेशन पर रुकी मैं अपनी मंजिल पर पॉच चुका था अब आगे का रास्ता मुझे बस से तय करना था जैसा मुझे लगा था असम में बारिश हो रही थी , मेने तेज़ी से दौड़ कर एक बस पक्कड़ ली और मेघालय की और चल दिया । काफी लंबे सफर को तय कर मैं मेघाहल आ गया । वहा भी हल्की बारिश हो रही थी मैं यूनिवर्सिटी का पता लगाने के लिए एक आदमी के पास गया और उसे हिंदी में पूछ यूनिवर्सिटी कहा है । उसने मेरी भाषा तो नही समझी लेकिन यूनिवर्सिटी शब्द समझ लिया और इशारा कर के कहने लगा यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी । मैं समझ गया उस ओर है और पैदल उस तरफ चल दिया थोड़ी ही देर पैदल चलने से समझ आ गया की मैं तो शहर से बाहर की और जा रहा हु कही मैं गलत रास्ते पर तो नही पता करने के लिए सामने से आ रही एक लड़की को में इशारे से रोका और कहा यूनिवर्सिटी का रास्ता यही है क्या । वो भी मेरी तरह बारिश में भीगी हुई थी और उसने साफ हिंदी में बोल कर जवाब दिया 20 KM दूर है यहां से अभी कुछ नही मिलेगा सुबह एक बस जाती है और रात होने से पहले वापस आती हैं, मेने अपने सिर के बालो को हाथो से हिलाया ताकि बालो में जमा हो गया पानी निकाल दू , ऐसा करने से मेरे बालो से निकलने वाले पानी के छींटे उस लड़की के मुंह पर पड़े और उसने एक हाथ उठा कर पानी के चींटो से बचने की कोशिश की मेने उसकी और देखा और कहा मुझे आज रात कही रुकना पड़ेगा आस पास कोई होटल है क्या । उसने कहा नहीं यहां कोई होटल नही है तुम्हे किराए पर रहना पड़ेगा । मैने कहा हां किराए पर रहने की कोई जगह पता है । उसने कहा हमारे पास है मेरे साथ चलो हमारे गांव में , और हम दोनो उसके गांव की और चलने लगे हल्की हल्की बारिश की वजह से रास्ते के दोनो किनारों पर पानी बह रहा था मैं उसके पीछे पीछे चल रहा था इसलिए मेरी नजर उसकी बाजुओं पर पड़ी देखने में आकर्षक थी उसने सफेद रंग के कपड़े पहने थे ।
उसने अपने गांव पोह्च कर मुझे एक घर दिखा दिया और कहा यहां हमारे दादा जी रहते थे अब वो नही है तुम यहां रह सकते हो मेने कहा ठीक हैं ।
कुछ ही देर में एक छोटी सी थोड़ी कम उम्र की लड़की दौड़ती हुई आई और उस लड़की को पीछे से पक्कड़ लिया और उससे चिपक गई दोनो एक साथ हसने लगे और अपनी भाषा में कुछ बाते करने लगे । बाते करते करते बड़ी लड़की ने छोटी लड़की को कमर से पक्कड़ कर अपनी और खींच लिया और उसके होठों के पास से गालों के उपर की और फुक मारने लगी और छोटी लड़की के माथे पर आ रहे बालो को फूक मरते हुए कानो के पीछे करने लगी । मैं बड़ी लड़की के होठों को देख रहा था क्या नशा सा था उसमे और साथ की छोटी लड़की को भी देख रहा था वो फुक से हो रही हल्की गुदगुदी को महसूस कर के खिलखिला रही थी । ऐसा लगा बड़ी लड़की छोटी लड़की को बोल रही हो तू तो बड़ी सुंदर हो गई है , बड़ी लड़की छोटी लड़की की आंखों में देख रही थी और छोटे लड़की खुशी से खिलखिला रही थी दोनो एक दूसरे को देख रहे थे मैं पास ही खड़ा था और दोनो को ऑब्जर्व कर रहा था बड़ी लड़की जरूर लेस्बियन है मुझे लगा और छोटी लड़की उसको पसंद करती है लेकिन उसकी खिलखिलाहट अभी भी बच्ची जेसी थी इसीलिए मुझे लगा छोटी लड़की समझ नही रही की बड़ी लड़की उसे इस तरह क्यों देख रही है वो बिलकुल साफ खिलखिलाहट थी जिसमे कुछ भी छिपा हुआ नही । दोनो कई दिनों बाद आपस में मिली है ये मैं समझ गया ।
12बी पास करते ही मैंने सोच लिया था कि मैं शहर से दूर कही दूसरे स्टेट में आगे की पढ़ाई के लिए जाऊंगा
इसलिए मैने नॉर्थरस्ट के कॉलेज अनबर्डिटी के बारे में सर्च करना सुरु किया । मुझे एक अनवर्सिटी मिल गई जहा मेरी पसंद के सब्जेक्ट पढ़ाए जाते थे ये unversity मेघालय में थी । मैं मेघालय के बारे में जानता था वहा बोहत बारिश होती है और पूरा राज्य जंगलों से भरा हुआ है मैने डिसाइड कर लिया की मेघालय की इसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लूंगा ।
कुछ ही दिनों में 12bi का रिजल्ट आ गया और मैं मेघालय की और चल दिया । दिल्ली से मुझे नॉर्थईस्ट जाने वाली ट्रेन मिल गई । मैं खुश था क्योंकि ट्रेन की किद्दाकी के पास की सीट मिली थी ट्रेन उत्तरप्रदेश को चीरते हुए बिहार की और जा रही थी एक के बाद एक स्टेशन आ रहे थे । कुछ समय के लिए मैं भूल ही गया ट्रेन मुझे ले कर कहा जा रही है पूरा दिन निकल गया लेकिन हम अभी बिहार भी नही पोहचे थे रात हो चुकी थी और आस पास कोई खाने पीने की चीज नही मिल रही थी इसलिए में भूखे पेट ही सो गया जब मैं सुबह उठा हम बिहार को लगभग पार कर चुके थे और ट्रेन पश्चिम बंगाल में दाखिल हो रही थी । सबकी भासा चेंज हो रही थी और ट्रेन तेजी से असम की और मूड चली कुछ घंटों में ट्रेन असम के एक रेलवे स्टेशन पर रुकी मैं अपनी मंजिल पर पॉच चुका था अब आगे का रास्ता मुझे बस से तय करना था जैसा मुझे लगा था असम में बारिश हो रही थी , मेने तेज़ी से दौड़ कर एक बस पक्कड़ ली और मेघालय की और चल दिया । काफी लंबे सफर को तय कर मैं मेघाहल आ गया । वहा भी हल्की बारिश हो रही थी मैं यूनिवर्सिटी का पता लगाने के लिए एक आदमी के पास गया और उसे हिंदी में पूछ यूनिवर्सिटी कहा है । उसने मेरी भाषा तो नही समझी लेकिन यूनिवर्सिटी शब्द समझ लिया और इशारा कर के कहने लगा यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी । मैं समझ गया उस ओर है और पैदल उस तरफ चल दिया थोड़ी ही देर पैदल चलने से समझ आ गया की मैं तो शहर से बाहर की और जा रहा हु कही मैं गलत रास्ते पर तो नही पता करने के लिए सामने से आ रही एक लड़की को में इशारे से रोका और कहा यूनिवर्सिटी का रास्ता यही है क्या । वो भी मेरी तरह बारिश में भीगी हुई थी और उसने साफ हिंदी में बोल कर जवाब दिया 20 KM दूर है यहां से अभी कुछ नही मिलेगा सुबह एक बस जाती है और रात होने से पहले वापस आती हैं, मेने अपने सिर के बालो को हाथो से हिलाया ताकि बालो में जमा हो गया पानी निकाल दू , ऐसा करने से मेरे बालो से निकलने वाले पानी के छींटे उस लड़की के मुंह पर पड़े और उसने एक हाथ उठा कर पानी के चींटो से बचने की कोशिश की मेने उसकी और देखा और कहा मुझे आज रात कही रुकना पड़ेगा आस पास कोई होटल है क्या । उसने कहा नहीं यहां कोई होटल नही है तुम्हे किराए पर रहना पड़ेगा । मैने कहा हां किराए पर रहने की कोई जगह पता है । उसने कहा हमारे पास है मेरे साथ चलो हमारे गांव में , और हम दोनो उसके गांव की और चलने लगे हल्की हल्की बारिश की वजह से रास्ते के दोनो किनारों पर पानी बह रहा था मैं उसके पीछे पीछे चल रहा था इसलिए मेरी नजर उसकी बाजुओं पर पड़ी देखने में आकर्षक थी उसने सफेद रंग के कपड़े पहने थे ।
उसने अपने गांव पोह्च कर मुझे एक घर दिखा दिया और कहा यहां हमारे दादा जी रहते थे अब वो नही है तुम यहां रह सकते हो मेने कहा ठीक हैं ।
कुछ ही देर में एक छोटी सी थोड़ी कम उम्र की लड़की दौड़ती हुई आई और उस लड़की को पीछे से पक्कड़ लिया और उससे चिपक गई दोनो एक साथ हसने लगे और अपनी भाषा में कुछ बाते करने लगे । बाते करते करते बड़ी लड़की ने छोटी लड़की को कमर से पक्कड़ कर अपनी और खींच लिया और उसके होठों के पास से गालों के उपर की और फुक मारने लगी और छोटी लड़की के माथे पर आ रहे बालो को फूक मरते हुए कानो के पीछे करने लगी । मैं बड़ी लड़की के होठों को देख रहा था क्या नशा सा था उसमे और साथ की छोटी लड़की को भी देख रहा था वो फुक से हो रही हल्की गुदगुदी को महसूस कर के खिलखिला रही थी । ऐसा लगा बड़ी लड़की छोटी लड़की को बोल रही हो तू तो बड़ी सुंदर हो गई है , बड़ी लड़की छोटी लड़की की आंखों में देख रही थी और छोटे लड़की खुशी से खिलखिला रही थी दोनो एक दूसरे को देख रहे थे मैं पास ही खड़ा था और दोनो को ऑब्जर्व कर रहा था बड़ी लड़की जरूर लेस्बियन है मुझे लगा और छोटी लड़की उसको पसंद करती है लेकिन उसकी खिलखिलाहट अभी भी बच्ची जेसी थी इसीलिए मुझे लगा छोटी लड़की समझ नही रही की बड़ी लड़की उसे इस तरह क्यों देख रही है वो बिलकुल साफ खिलखिलाहट थी जिसमे कुछ भी छिपा हुआ नही । दोनो कई दिनों बाद आपस में मिली है ये मैं समझ गया ।