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ये छोटी सी कहानी है , आप सबको पसंद आएगी ।
मेरा अफेयर एक औरत से हो गया । तब मेरी शादी नही हुई थी , और वैसे ही सेक्स को एन्जॉय करने के लिए मेने एक शादी शुदा औरत से सेक्सुअल रिलेशनशिप बना लिया । वो औरत बोहत चालाक औरत थी, दिखाने में इतनी खूबसूरत की आखें हटती नहीं थी और उसको पागलों की तरह सेक्स में खुशी मिलती थी ।
धीरे धीरे मैं उसके साथ बोहत घुलता मिलता गया । मैं लगभग सभी जगह उसके साथ सेक्स करता जहा वो काम करती थी जहा से वो घर आती थी और उसके घर में जब भी वो मुझे बुलाती थी ।
मेरे मिलनसार होने की वजह से वो मुझसे इतना खुल गई थी की अपनी सारी पागलों की तरह सेक्स वाली ख्याहिशे पूरी करती । उसकी ये सारी हरकते मेरे लिए सब कुछ किसी मजाक या कोई कार्टून जैसी चीज थी,
उस दिन मैं उसके घर चला गया था ।
और आदत से मजबूर उसने वही पागलों वाला सेक्स करने को कहा ।मेने कहा इसीलिए तो मैं आया हु यही तो पसंद आता है तुम में मुझे । और उसको गर्दन से पक्कड़ कर उठा दिया और बेड पर इतनी जोर से पटका की वो उछल कर दोबारा बेड पर गिरी । उसने कहा ahhhhh मार डालोगे क्या । मेने कहा चाकू तो अभी निकाला ही नही, जैसे ही वो दोबारा खड़ी हो कर मुझसे चिपकने लगी मेने उसके बाल खीच कर दूर कर दिया और कहा पहले नीचे की प्यास बुझाओ और उसको बालो से पक्कड़ कर बेड के एक कोने पर लेटा दिया । तकिया उसके सिर के नीचे रखा और अपना लन्ड उसके होठों पर और कहा लिपिस्टिक बोहत बढ़िया यूज करती हो । उसने हाथो से मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुंह में ले लिया मै भी उसके मुंह को ऐसे चोद रहा था जैसे उसकी चूत हो उसके मुंह के थूक ने मेरे लन्ड की इतनी मालिश की लंड चमक उठा । इसके बाद मेने उसको फिर से गोद में उठा लिया और उसकी टांगो को झूलते हुए उसको उल्टा पटक दिया । और उसके घुटने मोड़ कर अपना लन्ड सीधे उसकी गांड के छेद पर रखा । वो चीख रही थी तो मैने उसका दुपट्टा उठाया और उसकी गर्दन से घुमा कर ऐसे खींचा जैसे कोई घोड़ा कंट्रोल करता है । मैं जानता था उसको इस पूरी खींचतान में मजा आता है इसलिए बिना ज्यादा सोचो उसको किसी भी तरह हैंडल करता था । मैं उसकी गांड में लन्ड घुसा कर बेड पर खड़ा हो गया और उसको ऐसे उठाया की गांड ऊपर की और रहे उसका सिर नीचे से ऊपर की और देख रहा था और में खड़ा हो कर उसकी गांड में लंड घुसा रहा था । तभी बेडरूम का दरवाजा खुल गया और एक आदमी आ गया देखते ही मै समझ गया कि इसका पति है । मेने पहले उसको नही देखा था उसको देख कर मेने उसकी पत्नी को छोड़ दिया और उसकी भी नजर उसके पति पर गई वो बेड पर बैठ गई और मैं बेड से नीचे उतर गया । और कुछ बी बोले बिना जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहने लगा मेरी नजर उस आदमी पर गई ,,,,,, मानो मैं रूम में ही नही था वो अपनी पत्नी की और देख रहा था । उसको देखते देखते मेने कपड़े पहने और बेडरूम से बाहर जाने लगा । जैसे ही मैं उस आदमी के बगल से गुजारा मुझे अहसास हुआ की ये कद काठी में मुझसे बिल्कुल आधा है , कभी अहसास ही नही हुआ था की ये चालक औरत भी मुझसे कद काठी में आधी है । पहली बार ये अहसास हुआ था और इस अहसास के साथ में रूम से बाहर निकल गया । मुझे लगा ये पागलों वाला सेक्स खत्म हुआ इसके पति को पता चल गया । लेकिन मेरे वहा से जाने के बाद कुछ ही घंटो बाद उस औरत का मेसेज आ गया की " सब ठीक है मेने अपने पति को समझा दिया है, तुम वापस आ जाओ "। मेने माना कर दिया मुझे उसके पति की बेबसी दिख गई थी लेकिन मेसेज आते रहे की " कुछ नही है तुम आ जाओ ये वैसे भी जाने वाला है " । फिर कुछ सोच कर मैं वापस उसके घर आ गया । मुझे लगा उसका पति चला गया है और थोड़ा टेंशन फ्री हो कर बेडरूम की तरफ चला गया । जैसे ही मैं बेडरूम में पोहचा उसका पति वही खड़ा था और उसकी पत्नी बाहर जाने की तैयारी में थी मुझे देखते ही वो बोली " तुम आ गए चलो बाहर चलते है "। और मेरा एक हाथ पक्कड़ कर बेडरूम से बाहर निकल ले गई और बेडरूम के गेट को बंद कर दिया । मुझे समझ नही आया की ये औरत पागल थी या मैं या इसका पति यही सोचते सोचते मैं उसके साथ घर से निकल गया ।
लेकिन अब जब भी मैं उसके साथ सेक्स करता था मैं अपनी ताकत उसी तरह इस्तेमाल नही कर पता था । और उसको वही ताकत से भरपूर उठा पटक वाला सेक्स चाहिए था। इसीलिए हमारा रिश्ता टूट गया । कुछ महीनो बाद मेरी शादी हो गई जब मै पहली बार बेडरूम में गया जहा मेरी बीवी थी । उसको देख कर मुझे वो पागलों वाला सेक्स याद आ रहा था की बेड पर कितनी उठा पटक की है मेने जैसे ही मैं उसके पास गया मैने एक कपड़ा उसकी आंखो पर बांध दिया इस उम्मीद में की कही ये मेरे चेहरे पर उस उठा पटक वाले सेक्स की याद न देख ले ।
मेरा अफेयर एक औरत से हो गया । तब मेरी शादी नही हुई थी , और वैसे ही सेक्स को एन्जॉय करने के लिए मेने एक शादी शुदा औरत से सेक्सुअल रिलेशनशिप बना लिया । वो औरत बोहत चालाक औरत थी, दिखाने में इतनी खूबसूरत की आखें हटती नहीं थी और उसको पागलों की तरह सेक्स में खुशी मिलती थी ।
धीरे धीरे मैं उसके साथ बोहत घुलता मिलता गया । मैं लगभग सभी जगह उसके साथ सेक्स करता जहा वो काम करती थी जहा से वो घर आती थी और उसके घर में जब भी वो मुझे बुलाती थी ।
मेरे मिलनसार होने की वजह से वो मुझसे इतना खुल गई थी की अपनी सारी पागलों की तरह सेक्स वाली ख्याहिशे पूरी करती । उसकी ये सारी हरकते मेरे लिए सब कुछ किसी मजाक या कोई कार्टून जैसी चीज थी,
उस दिन मैं उसके घर चला गया था ।
और आदत से मजबूर उसने वही पागलों वाला सेक्स करने को कहा ।मेने कहा इसीलिए तो मैं आया हु यही तो पसंद आता है तुम में मुझे । और उसको गर्दन से पक्कड़ कर उठा दिया और बेड पर इतनी जोर से पटका की वो उछल कर दोबारा बेड पर गिरी । उसने कहा ahhhhh मार डालोगे क्या । मेने कहा चाकू तो अभी निकाला ही नही, जैसे ही वो दोबारा खड़ी हो कर मुझसे चिपकने लगी मेने उसके बाल खीच कर दूर कर दिया और कहा पहले नीचे की प्यास बुझाओ और उसको बालो से पक्कड़ कर बेड के एक कोने पर लेटा दिया । तकिया उसके सिर के नीचे रखा और अपना लन्ड उसके होठों पर और कहा लिपिस्टिक बोहत बढ़िया यूज करती हो । उसने हाथो से मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुंह में ले लिया मै भी उसके मुंह को ऐसे चोद रहा था जैसे उसकी चूत हो उसके मुंह के थूक ने मेरे लन्ड की इतनी मालिश की लंड चमक उठा । इसके बाद मेने उसको फिर से गोद में उठा लिया और उसकी टांगो को झूलते हुए उसको उल्टा पटक दिया । और उसके घुटने मोड़ कर अपना लन्ड सीधे उसकी गांड के छेद पर रखा । वो चीख रही थी तो मैने उसका दुपट्टा उठाया और उसकी गर्दन से घुमा कर ऐसे खींचा जैसे कोई घोड़ा कंट्रोल करता है । मैं जानता था उसको इस पूरी खींचतान में मजा आता है इसलिए बिना ज्यादा सोचो उसको किसी भी तरह हैंडल करता था । मैं उसकी गांड में लन्ड घुसा कर बेड पर खड़ा हो गया और उसको ऐसे उठाया की गांड ऊपर की और रहे उसका सिर नीचे से ऊपर की और देख रहा था और में खड़ा हो कर उसकी गांड में लंड घुसा रहा था । तभी बेडरूम का दरवाजा खुल गया और एक आदमी आ गया देखते ही मै समझ गया कि इसका पति है । मेने पहले उसको नही देखा था उसको देख कर मेने उसकी पत्नी को छोड़ दिया और उसकी भी नजर उसके पति पर गई वो बेड पर बैठ गई और मैं बेड से नीचे उतर गया । और कुछ बी बोले बिना जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहने लगा मेरी नजर उस आदमी पर गई ,,,,,, मानो मैं रूम में ही नही था वो अपनी पत्नी की और देख रहा था । उसको देखते देखते मेने कपड़े पहने और बेडरूम से बाहर जाने लगा । जैसे ही मैं उस आदमी के बगल से गुजारा मुझे अहसास हुआ की ये कद काठी में मुझसे बिल्कुल आधा है , कभी अहसास ही नही हुआ था की ये चालक औरत भी मुझसे कद काठी में आधी है । पहली बार ये अहसास हुआ था और इस अहसास के साथ में रूम से बाहर निकल गया । मुझे लगा ये पागलों वाला सेक्स खत्म हुआ इसके पति को पता चल गया । लेकिन मेरे वहा से जाने के बाद कुछ ही घंटो बाद उस औरत का मेसेज आ गया की " सब ठीक है मेने अपने पति को समझा दिया है, तुम वापस आ जाओ "। मेने माना कर दिया मुझे उसके पति की बेबसी दिख गई थी लेकिन मेसेज आते रहे की " कुछ नही है तुम आ जाओ ये वैसे भी जाने वाला है " । फिर कुछ सोच कर मैं वापस उसके घर आ गया । मुझे लगा उसका पति चला गया है और थोड़ा टेंशन फ्री हो कर बेडरूम की तरफ चला गया । जैसे ही मैं बेडरूम में पोहचा उसका पति वही खड़ा था और उसकी पत्नी बाहर जाने की तैयारी में थी मुझे देखते ही वो बोली " तुम आ गए चलो बाहर चलते है "। और मेरा एक हाथ पक्कड़ कर बेडरूम से बाहर निकल ले गई और बेडरूम के गेट को बंद कर दिया । मुझे समझ नही आया की ये औरत पागल थी या मैं या इसका पति यही सोचते सोचते मैं उसके साथ घर से निकल गया ।
लेकिन अब जब भी मैं उसके साथ सेक्स करता था मैं अपनी ताकत उसी तरह इस्तेमाल नही कर पता था । और उसको वही ताकत से भरपूर उठा पटक वाला सेक्स चाहिए था। इसीलिए हमारा रिश्ता टूट गया । कुछ महीनो बाद मेरी शादी हो गई जब मै पहली बार बेडरूम में गया जहा मेरी बीवी थी । उसको देख कर मुझे वो पागलों वाला सेक्स याद आ रहा था की बेड पर कितनी उठा पटक की है मेने जैसे ही मैं उसके पास गया मैने एक कपड़ा उसकी आंखो पर बांध दिया इस उम्मीद में की कही ये मेरे चेहरे पर उस उठा पटक वाले सेक्स की याद न देख ले ।
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