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Incest शक - The Beginning

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Aakash.

sᴡᴇᴇᴛ ᴀs ғᴜᴄᴋ
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omijust4u

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Update-8

मेरे भी लण्ड पर जब कभी बाल बड़े हो जाते थे तो निरु मुह में लेने से मन बोल देती थी और मुझे बाल छोटे करने को बोलती या साफ़ करने को। वो भी अपनी चूत के बालो को कभी बड़ा नहीं होने देती थी। अभि तक जो कुछ भी हुआ था उन सब में थोड़ी बहुत शक की गुंजाईश थी और कभी मैं पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव सोच रहा था। किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पा रहा था की सच्चाई क्या है।

नींद आधी थी तो मैं फिर सो गया और सुबह नींद खुली पर मैंने पलके बंद ही राखी थी। सबसे पहले आधी पलके खोल कर निरु की तरफ देख। वो अपनी बर्थ पर चादर ओढ़े लेटी थी तो मुझे थोड़ी शान्ति मिलि। फिर आधी पलके बंद किये ही सामने की बर्थ पर देखा तो ऋतू दीदी की आँखें खुली थी और उनका ब्रा आधा शर्ट से बाहर निकला दिखाई दिया। अच्छा हुआ की मैंने अपनी पलके पूरी नहीं खोलि थी वार्ना दीदी मुझे देख लेती। दीदी एक नजर मेरी तरफ देख रही थी तो दूसरी नजर मेरे नीचे के बर्थ पर देख रही थी जहा उनके पति लेटे हुए थे। वो थोड़ा शर्मा रही थी और फिर अपना शर्ट थोड़ा चौड़ा कर ब्रा में से अपने मम्मों दिखाने की कोशिश कर रही थी। नीचे वाली बर्थ से उनके पति शायद कोई डिमांड रख रहे थे जिस कारण ऋतू दीदी अपने शर्ट को थोड़ा खोल अपना क्लीवेज दिखा रही थी।उनका लगभग आधा ब्रा बाहर दीख रहा था और उसमे झाँकते उनके बड़े से गोरे गोरे मम्मे झाँक रहे थे। मुझे जीजाजी पर गुस्सा आया। एक तरफ वो मेरी बिवी को छूकर मजे ले रहे हैं और दूसरी तरफ अपनी भोलि बिवी को इस तरह कपडे खोलने को मजबूर कर रहे है। मुझे यह रोकना था और मैं हलका सा हिला और फिर अपनी पोजीशन में ही लेटा रहा। सामने देखा तो दीदी ने अपना शर्ट बंद कर लिया था। मुझे अपनी चाल पर ख़ुशी हुयी। मैने अब धीरे धीरे अपनी ऑखें खोलि और सामने दीदी को देख गुड मॉर्निंग बोला और उन्होंने भी बोला। मैं अब सीधा लेट गया और छत की तरफ देखने लगा। फिर मैंने दीदी की तरफ नजरे घुमायी वो दूसरी तरफ मुह कर करवट ले लेटी थी। शायद वो अपने शर्ट के बटन बंद कर रही थी और कपडे एडजस्ट कर रही थी। थोड़ी देर में दीदी अपनी बर्थ से नीचे उतरि और फिर जीजाजी भी उठ गए। दीदी ने निरु को उठाने की कोशिश की और फिर टॉयलेट में चली गयी। मैं अब अपनी बर्थ से नीचे उतरा और निरु को आवाज लगायी पर वो नहीं उठि। जीजाजी की आँख खुल गयी थी और मैंने उनको ना चाहते हुए भी गुड मॉर्निंग बोला और उन्होंने मुस्कुरा कर आँखें झपका दि।

मैने निरु को एक और आवाज लगायी पर वो नहीं उठि। तभी जीजाजी ने निरु को एक आवाज लगायी और निरु की आँखें खुली और हमारी तरफ देख मुस्कुराते हुए गुड मॉर्निंग बोली। नीरु ने अपना चादर एक तरफ किया और लेटे लेटे ही हाथो को सर की तरफ लम्बे कर एक अंगडाई ली। निरु के मम्मे उभर कर और फूल गए और घुटनो से ड्रेस थोड़ी खिसक कर उसकी जंघे दिखने लगी। मै तुरंत आगे बढ़कर निरु की जाँघो के आगे खड़ा हो गया ताकि जीजाजी और कुछ न देख पाए। मगर जीजाजी का ध्यान तो निरु के मम्मो की तरफ था जो निरु की अंगडाई से फूल चुके थे। मै अब उन दोनों के बीच आकर खड़ा हो गया पर तब तक निरु उठ कर बैठ गयी थी और मैं भी उसके पास बैठ गया ताकि जीजाजी उधर आकर ना बैठ जाए।

नीरज: "नींद कैसी आयी निरु?"

नीरु: "टॉयलेट से आने के बाद बहुत अच्छी नींद आयी"

मै समझ पा रहा था की निरु को अच्छी नींद क्यों आयी होगी, इन्होने जरूर टॉयलेट में जाकर कुछ किया होगा। मैंने जासूसी शुरू कर दि।

प्रशांत: "तुम टॉयलेट कब गयी?"

नीरु: "रात को, मुझे डर लगता हैं इसलिए तुम्हे आवाज भी लगायी थी साथ ले जाने के लिये, पर तुम घोड़े बेच कर सो रहे थे। मगर जीजाजी मेरी आवाज सुन एक बार में उठ गए थे"

मैने तो कोई आवाज नहीं सुनी थी, शायद मुझे बहकाने के लिए झूठ बोल रही होंगी। थोड़ी देर में दीदी फ्रेश होकर आ गए और फिर हम सब भी हो आए।

स्टेशन आने के बाद हम सीधा होटल पहुचे। जीजाजी ने बुकिंग कारवाई थी और उन्होंने रूम की एक ही चाबी ली। हम चारो रूम की तरफ चल पड़े। हमने उनको पुछा एक ही रूम क्यों बुक किया है। उन्होंने बताया की वो दो बेड वाला डबल रूम हैं तो चारो लोग एक साथ रह सकेंगे। जीजा जी और ऋतू दीदी आगे आगे चल रहे थे। पीछे चलते हुए निरु ने मेरी तरफ देख कर आँखों और होंठो से इशारा किया की वो अपना वादा पूरा नहीं कर पाएगी। कल घर पर तैयार होते वक़्त जब मैं उसकी पेंटी में हाथ डालने की कोशिश कर रहा था तब उसने वादा किया था की वो आज रात मुझे होटल रूम में चोदने देगी। अब क्यों की हम चारो एक ही रूम में सोने वाले थे तो हम दोनों के चुदने का कोई चांस नहीं था और इसके लिए वो होंठ हिला कर मुझसे सॉरी बोल माफ़ी मांग रही थी। हम लोग अब रूम में पहुचे। वह पर दो क्वीन साइज बेड लगे थे। हम चारो के सोने के लिए काफी था तो कोई प्रॉब्लम नहीं थी। मगर समस्या यह थी की वाशरूम एक ही था। हम लोगो को घुमने के लिए निकलना था और सबको नहाना भी था।

नीरज: "एक काम करते है, दो लोग यहाँ नहाने और तैयार होने को रुकेंगे और बाकी दो लोग कॉम्प्लिमेंटरी ब्रेकफास्ट करने नीचे पैंट्री में जाएंगे।"

ऋतू दीदी: "ठीक हैं तो पहले कौन नहाने को रुकेगा?"

नीरज: "निरु तुम मेरे साथ चलो, मैं तुम्हे ब्रेकफास्ट करवा लाटा हूँ, फिर हम आकर नाहा लेंगे"

मुझे जीजाजी की नीयत समझ में आ गयी। वो कहीं निरु के साथ नहाने का प्रोग्राम तो नहीं बना रहे थे। मगर निरु ने ही उनका प्लान फ़ैल कर दिया।

नीरु: "नहीं, मैं नहाये बिना कुछ नहीं खाउंगी"
 

omijust4u

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Update-9

इसके पहले की जीजाजी मुझे और ऋतू दीदी को ब्रेकफास्ट के लिए भेज कर निरु के साथ अकेले में नहाने का बोलते, मैं बीच में कुद पडा।

प्रशांत: "ऋतू दीदी आप और जीजाजी ब्रेकफास्ट कर आए, मैं और निरु तब तक नाहा कर तैयार हो जायेंगे"

नीरु अपना बैग खोल कपडे निकालने लगी और जीजाजी को अपनी बिवी के साथ ब्रेकफास्ट के लिए जाना पडा। उनके जाते ही निरु मेरे पास आयी और मुझे गले लगा लिया।

नीरु: "आई ऍम सोर्री, आज रात को चुदाई का वादा नहीं निभा पाउंगी"

प्रशांत: "कोई बात नहीं, साथ में तो नहा ही सकते हैं"

नीरु: "अब इतना तो कर ही सकती हूँ, चलो अंदर"

हम दोनों कई बार पहले भी एक साथ नाहा चुके हैं और एन्जॉय कर चुके है। मुझे इस बात की ख़ुशी थी की मेरी बिवी अभी भी मेरी ही थी। अपने पहनने के कपडे हम अंदर वाशरूम में ही ले गए थे। निरु ने अपने सारे कपडे निकाले और नंगी हो गयी। उसके नंगे सेक्सी बदन को देख मैं वैसे ही पागल हो जाता हूँ। हम दोनों अब बिना कपड़ो के शावर के नीचे खड़े थे। एक दूसरे के अंगो को सहलाते हुए गीला किया और फिर साबुन लगा कर रगडा। उसने मेरे लण्ड को जब साबुन लगाया तो मुझे सबसे ज्यादा ख़ुशी हुयी और मुझे उसके मम्मो और चूत को रगडते हुए ख़ुशी मिली। उसके छुने से और उसको नंगा देखने से मेरा लण्ड तो वैसे ही कड़क होकर ४५ डिग्री के एंगल पर खड़ा था। नहाने के बाद उसने पलट कर शावर बंद किया। उसी वक़्त मैंने उसको पीछे से पकडा और अपना लण्ड उसकी चूत में डाल कर उसको चोदने की कोशिश की पर उसने विरोध किया।

नीरु: "क्या कर रहे हो? जीजाजी और दीदी बाहर आ जायेंगे"

प्रशांत: "इतना जल्दी नहीं आएंगे"

नीरु: "वो कभी भी आ सकते हैं और तुमने प्रोटेक्शन भी नहीं पहना है। तुम्हे याद हैं न, हमें अभी बच्चा नहीं चाहिए"

प्रशांत: "थोड़ा सा तो करने दो, तुम १० तक गिनती बोलो और मैं बाहर निकाल दूंगा"

नीरु: "पक्का, बाहर निकाल दोगे! निकाल देना नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी"

नीरु अब मेरा लण्ड अपनी चूत में लेने को तैयार हो गयी। मैंने पीछे से खड़े होकर उसकी चूत में अपना लण्ड डाला। ३ दिन बाद मेरे लण्ड को उसकी चूत की गर्मी मिली थी और मेरा लण्ड बावरा हो गया। मेरे हर धक्के के साथ निरु १ से लेकर १० तक गिनती बोल रही थी। १० धक्को के बाद उसने मुझे रुकने को बोली पर मैं तो बहक चूका था। मैं उसको चोदता ही रहा और वो लगातार अपना एक हाथ पीछे लाकर मुझे रोक रही थी। मैने एक हाथ से उसके मम्मो को भी पकड़ लिया और दूसरे से उसकी कमर पकडे उसको धक्के मार मजे लेता रहा। वो मुझ पर चिल्ला रही थी और मैं उसकी सुन ही नहीं रहा था। फिर निरु ने अपनी गांड से एक जोर का झटका मुझे पीछे की तरफ मारा और मैं उस से दूर हुआ और वो मुझ पर चीख़ने लगी।

नीरु: "यह क्या हो गया हैं आज तुमको! इतनी लापरवाही तो कभी नहीं करता। यह देखा तुम्हारा लण्ड, इसका जूस निकलना शुरू हो चूका है, मैं प्रेगनंट हो गयी तो?"

मैने अपना लण्ड देखा जिसके मुह पर सच में एक बूँद मेरे सीमेन की थी। मैंने उसको सॉरी बोला और हमने फिर सफायी शुरू की। निरु ने सच ही कहा था, जीजाजी को निरु के इतना करीब देख मैं इन्सेक्युरे हो गया था और एक ग़लती करने जा रहा था, जिस से निरु प्रेग्नेंट हो सकती थी। मैने अपना शरीर पोंछ कर कपडे पहन लिए और ध्यान दिया की निरु के कपड़ो के अलावा उसका टु पीेस बिकिनी कस्टूमए भी था जो मैं पहली बार देख रहा था। निरु भी अब नाहा कर कपडे पहनने आ गयी थी।

प्रशांत: "यह नयी बिकिनी तुम्हारी हैं?"

नीरु: "आज हम बीच पर जाएंगे तो कपड़ो के अंदर ही बिकिनी पहन कर जाउँगी। वहाँ जाते ही चेंज नहीं करना पडेगा"

प्रशांत: "मगर यह तो टु पीेस बिकिनी है। बीच पर काफी लोग होगे, थोड़ा बॉडी ढकने वाला कस्टूमए फिर भी ठीक रहता। तुम्हारे पास तो ऐसा स्वीमिंग कस्टूमए पड़ा भी हैं"

नीरु: "हां मैंने सोचा था पर जीजाजी ने बोले की मेरा फिगर ही ऐसा हैं तो मुझे टु पीस बिकिनी पहनना ही चहिये, मुझे पर अच्छा दिखेगा"

प्रशांत: "जीजाजी क्या ऋतू दीदी को भी टु पीस कस्टूमए पहनने देंगे?"

नीरु: "जीजाजी बोल भी देंगे तो भी ऋतू दीदी नहीं पहनेगी। उनको लगता हैं की उनका फिगर टु पीस बिकिनी के लिए ठीक नहीं है। मैंने भी तो उनको बोला था पर वो मानी नहीं"

प्रशांत: "यह तुमने कब खरीदा? "

नीरु: "एक महीने पहले। जीजाजी ने बहुत पहले ही मुझे फ़ोन कर बोल दिया था की बीच घुमने का प्रोग्राम बना रहे है। लास्ट वीक जैसे ही प्रोग्राम फिक्स हुआ मैंने तुमको बता दिया"

मै अब वाशरूम से बाहर आ गया और निरु अंदर कपडे चेंज करने लगी। मुझे जीजाजी पर गुस्सा आया। मेरी बिवी को वो टु पीस बिकिनी का झाँसा देकर निरु के नंगे बदन देखने का मजा लेना चाहते है।

नीरु थोड़ी देर में बाहर आयी पर जीजाजी और दीदी का कोई पता नहीं था। जीजाजी को वैसे ही ज्यादा खाने की आदत थी और होटल में फ्री ब्रेकफास्ट था तो वो अच्छे से मजे लूट कर ही आने वाले थे। नीरु ने डेनिम शॉर्ट्स और टीशर्ट पहना था और अपना मेक उप कर रही थी तभी जीजाजी और दीदी आ गए। निरु को देखते ही जीजाजी एक्ससिटेड हो गए।

नीरज: "निरु क्या हॉट लग रही हो!"
 

omijust4u

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Update-10

नीरु कड़ी होकर घुम कर अपना प्रदशन करने लगी और अपनी तारीफ़ सुन फूली नहीं समायी। उसने मुझे भी देख, क्यों की मैंने उसकी तारीफ़ अभी तक नहीं की थी।

नीरज: "वो पिंक वाली बिकिनी लेना मत भूलना"

नीरु: "वो मैंने कपड़ो के अंदर पहन लिया हैं"

नीरज: "वेरी गूड़, स्मार्ट लड़की हैं"

जीजाजी को पहले ही पता था की निरु ने पिंक कलर का टु पीस बिकिनी लिया था। मुझे लगा कही जिजाजी ने ही निरु को वो कॉस्ट्यूम गिफ्ट तो नहीं किया था!

दीदी अपने कपडे बैग से निकालने लगी और बाथरूम में गयी। मैंने रूम की चाबी ले ली और निरु को लेकर नीचे ब्रेकफास्ट के लिए चला गया। निरु अपने फिगर का बहुत ध्यान रखती हैं और मेरे खान-पान का भी। वो ज्यादा नहीं खाती और हेल्दी ही खाती है। हम लोगो ने जल्दी ही अपना ब्रेकफास्ट ख़त्म किया और फिर अपने रूम में आए। वाशरूम से ऋतू दीदी की सिसकियो और चीखो की आवाज आ रही थी। मै वाशरूम की तरफ बढ़ने लगा पर निरु ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया और मुझे खींचते हुए फिर दरवाजे के बाहर ले आयी और रूम बंद कर दिया।

नीरु: "तुम्हे शर्म नहीं आती! अन्दर मेरी दीदी और जिजाजी हैं"

प्रशांत: "शर्म तो उनको आणि चहिये, कॉमन रूम में इतनी आवाज कर ऐसा काम कौन करता हैं!"

नीरु ने मेरे कंधे पर एक हाथ मार दिया और डांट दिया।

नीरु: "दीदी बाहर आएगी और हमको देखेगी तो उनको कैसा लगेगा? उनको शरमिंदा होना पडेगा। हम थोड़ी देर बाद अंदर जाएंगे, उनको अपना काम ख़त्म करने दो"

प्रशांत: "तुम तो मुझे वाशरूम में कुछ करने ही नहीं दे रही थी। अपनी दीदी को देख, पति को कितना खुश रखती हैं"

नीरु: "मैं तो तुम्हे जैसे कुछ करने ही नहीं देती हूँ? दीदी को बिना प्रोटेक्शन करवाने से कोई रिस्क नहीं हैं पर मैं तो प्रेग्नेंट हो सकती हूँ न, तुम प्रोटेक्शन लगा कर आते तो मैं तुम्हे वाशरूम में करने देती "

यह कह कर निरु शर्माने लगी। उसने मुझे अगले २० मिनट्स तक अंदर जाने नहीं दिया और हम इन्तेजार करते ही रहे। फिर उसके बाद, हमारे पास चाबी होने के बावजूद भी निरु ने डोर नॉक किया और दीदी के दरवाज खोलने पर हम अंदर गए। ऋतू दीदी ने एक टॉप पहन रखा था और नीचे डेनिम शॉर्ट्स पहने थे। मुझे देखना था की जीजा जी ने ऋतू दीदी को कौन से कस्टूमए दिए थे बीच पर पहनने के लिये। मै आगे बढ़कर तो ऋतू दीदी को पुछ नहीं सकता था इसलिए इंतज़ार करना था बीच पर पहुचने तक। हम लोग अब कार में बैठ कर बीच पर पहुच गए।

हमने बीच-चेयर रेंट पर ले लिये। निरु और जीजाजी कुछ ज्यादा ही एक्ससिटेड थे। ऋतू दीदी और मैं हमारा सामान चेयर पर रख रहे थे तब तक जीजा अपने कपडे उतार अंदर पहने स्वीमिंग शॉर्ट्स में आ गए थे। नीरु ने भी टॉप और शॉर्ट्स निकाला और पिंक कलर के टु पीस बिकिनी में आ गयी। निरु का फिगर ही ऐसा हैं की ब्रा और पेंटी में जब वो होती हैं तो मैं उसको चोदे बिना नहीं रह सकता। अभि उस टु पीस बिकिनी में उसकी वोहि हालत थी और किसी सेक्स बम सी लग रही थी। मेरी हालत यह थी तो जिजाजी की क्या हालत होगी, वो मैं सोच सकता था। जिजाजी के मुह से तारीफो के बोल फूट पड़े और निरु शरमाते हुए स्माइल कर रही थी। अपने जिजाजी से इतनी तारीफ़ सुनकर उसके तो कॉस्ट्यूम के सारे पैसे वसूल हो गए थे। निरु अब अपने बदन पर सनस्क्रीन लोशन लगाने लगी। जिजाजी ने भी फायदा उठाते हुए निरु की टांगो पर लोशन लगाने में हेल्प की। जीजाजी जब निरु की जाँघो पर लोशन लगाने के बहाने उसके बदन को छुने का मजा ले रहे थे तो मैं जल भून रहा था। मैंने भी अपने कपडे निकालने शुरू किये।

जीजाजी ने निरु का एक हाथ पकडा और दोनों दौड़ते हुए पानी की तरफ भागे और पानी में उतर गए। दौड़ते वक़्त निरु किसी जलपरी सी लग रही थी। वह कुछ विदेशी लड़किया भी टु पीस में थी और वो भी निरु के सामने फ़ीकी पड़ गयी थी। मै भी अपने कपडे उतार स्वीम शॉर्ट्स में था और निरु के पीछे पीछे गया पर उनकी तरह दौड कर नहीं गया, आराम से पैदल गया।

नीरु अंदर जाते ही कम पानी में बैठ कर गीली हो गयी थी। जीजाजी ने निरु का हाथ पकड़ कर खड़ा किया और उसको पीछे से कमर से पकड़ कर अपने शरीर से चिपकाये और हवा में उठा कर चारो तरफ गोल गोल घुमाया। नीरु की गांड का हिस्सा जीजाजी के लण्ड के हिस्से से चिपक गया था और मुझे पता था जिजाजी कैसे मजे ले रहा थे मेरी बिवी के। निरु अब जीजाजी से दूर हुयी और फिर पानी में बैठ गयी। जीजजी झुक कर उसकी तरफ पानी उछाल कर उसको गीला कर रहे थे। मैं तब तक उनके पास पहुच गया। मुझे पता था की जीजाजी निरु पर पानी उछल कर उसके बिकिनी टॉप को गीला कर उसके निप्पल के तीखेपन को देखना चाहते होंगे। मगर उस बिकिनी टॉप की मोटाई से निरु के निप्पल का हलका सा उभार ही दीख रहा था। थोड़ी देर में ऋतू दीदी हमारे पास आती दिखि। ऋतू दीदीने ग्रे कलर का हॉट शॉर्ट्स पहन रखा था और ऊपर काले रंग का टैंक टॉप था जो की वो शायद अपने टॉप के अंदर ही पहन कर आयी थी। इतने कम कपड़ो में मैंने पहली बार ऋतू दीदी को देखा। मुझे कही से भी उनका फिगर इतना बुरा नहीं दिखा की वो टु पीस बिकिनी नहीं पहन सके। निरु के मुकाबले उनका हलका सा वजन ही ज्यादा था। मै ऋतू दीदी का नंगा पेट तो नहीं देख पाया क्यों की टैंक टॉप कमर के नीचे तक था पर फिगर का अन्दाजा तो हो ही जाता है। जीजाजी ने शायद ऋतू दीदी को वैसे ही डरा रखा था की उनका फिगर अच्छा नहीं है।
 

Real don

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Bhai ye story tu 3rd banda h Jo dal rah h xforum krke site h uspe ye poori story h shak or styanash 2nd pard h phir shak or styanash apna kuch naya likho bhai Kyu copy krte ho
 
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Reactions: kamdev99008
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