Jitender kumar
J.K
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Super updateये देख कर मुझे भी नींद आ गई और हम तीनों नन्गे ही जहां थे वहीं सो गए।
Update 54
सुबह मेरी नींद सबसे पहले खुली और देखा माँ की खुली टांगो के बीच उसकी चुत चमक रही थी लेकिन मेरा लण्ड अभी भी चाची के हाथों में कैद था, एक तो सुबह का प्रेशर और फिर ऐसा नज़ारा मेरे लण्ड का तनाव अपने चरम की ओर बढ़ने लगा… मैने अपनी एक उँगली माँ की चुत पर फिरानी शुरू कर दी, कुछ ही देर में उसका असर होता दिखा, माँ के बदन में अब हल्की सी कसमसाहट होने लगी थी ओर उसकी टाँगे फैलने लगी थी… मैंने अब अपनी एक उँगली माँ की चुत में घुसा दी माँ ने मेरी उँगली को अपने अन्दर मेरी उँगली को महसूस करके उसे चुत में कस लिया और आंखे खोलकर मुझे देखा और बोली सुबह ही शुरू हो गया, अपनी उँगली निकाल मुझे बहुत जोरों से पेशाब आया है
जैसे ही मैने उँगली निकाली माँ उठकर नंगी ही बाथरूम की ओर भागी, मैं भी माँ के पीछे पीछे बाथरूम में पहुंच गया… माँ ने प्रेशर की वजह से दरवाजा बंद नहीं किया था तो मैं भी अंदर आ गया और देखा कि माँ बस मूतने के लिए बैठ ही रही थी तो मैने माँ को कहा… माँ मेरी तरफ मुँह करके चुत खोलकर मुझे दिखा कर पेशाब करो तो माँ बोली नहीं मुझे शर्म आती है, मैने कहा क्या बात है? चुत चुदवाने में शर्म नहीं आती ओर दिखाने में शर्म आती है तो माँ बोली मुझे पता है कि तू देखेगा ओर अभी शुरू हो जायेगा अभी तक रात की थकान महसूस हो रही है तो अभी हिम्मत नहीं है करवाने की…मैने कहा कुछ नहीं करूंगा बस देखूंगा अगर तुम्हें शर्म आये तो अपनी आंखे बंद कर लेना… माँ ने कहा ठीक है अगर मुझे प्रेशर नहीं बना हुआ होता तो मै कभी नहीं मानती ओर ये बोलकर माँ खड़ी हुई और अपनी एक टांग कमोड के ऊपर ऱखकर अपनी चुत की फांको को फैलाया ओर सिटी की आवाज के साथ मूतने लगी मैं ध्यान से उसकी चुत के मूत्र को निकलता हुआ देख रहा था कि अचानक मैने अपना लण्ड उसके मूत से धोना शुरू कर दिया माँ ने जब ये देखा तो बोली कि यह क्या कर रहा है तो मैं बोला… कुछ नहीं माँ तेरे अम्रत से अपने लण्ड को नहला कर धन्य कर रहा हूँ।
माँ ने मुझे पकड़कर अपने गले से लगा लिया जिससे मां की चुचियाँ मेरे सिने से दबने लगी और मेरा लण्ड जो पहले से ही खड़ा था माँ की चुत पर दस्तक देने लगा… माँ ने मेरे लण्ड को महसूस करते हुए मुझे अपने सीने से अलग किया और बोली इसे सम्भाल कर रख हर वक़्त तैयार रहता है… इतनी ही देर में चाची भी बाथरूम में आ गई और बोली क्या बात है सुबह से ही शुरू हो गए तो माँ ने कहा नहीं कुछ कर नहीं रहे वो मुझे जोरों से पेशाब आ रहा था तो मैं बाथरूम में आईं थीं और तभी राज को भी प्रेशर बन गया तो वो भी आ गया… अरे कोई बात नहीं दीदी आ ही गए हैं तो जरा मजा भी ले लो… माँ बोली नहीं कोमल मेरी तो रात से ही सूजी हुई है मैं तो कुछ नहीं कर सकती तू चाहे तो करवा ले, वैसे राज मूतते हुए देखना चाहता था तो इस लिये आया था अब तू इसे दिखा दे… चाची बोली वो तो मुझे मूतते हुए देख चुका है लेकिन अगर राज चाहे तो फ़िर से देख ले, क्यों राज देखेगा ये बोलकर चाची ने अपना पेटीकोट खोल दिया और नीचे से नंगी हो गई… मैं बोला चाची पहले मुझे पेशाब करने दो बहुत जोर से आया है फिर देखता हूँ तो चाची बोली एक काम कर अपना लौड़ा मेरी चुत पर टिका कर मूत मुझे भी ज़ोर से लगा है और फिर ये बोलकर चाची ने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चुत प सेट कर दिया और फिर इसी वक़्त मैं जोरों से मूतने लगा चाची ने मुझे कसकर गले से लगाया और चाची भी मूतने लगी हम दोनों की धार एक दूसरे के गुप्तांग को भिगो रही थी जिसके कारण हम दोनों उत्तेजित हो गए…
चाची ने अपना हाथ नीचे लेजाकर मेरे लण्ड को पकड़कर अपनी चुत के सुराख़ पर टिकाया और मुझे गाँड़ से पकड़कर अपनी तरफ खिंचते हुए मेरा लण्ड चुत में ले लिया, मेरा सुपाड़ा अब चुत में घुस कर मूत रहा था और चाची की गर्म धार मेरे लण्ड को भिगो रही थी जैसे ही हमारा मूतना बन्द हुआ तो मैने लण्ड निकाल कर फिर से घुसा दिया और इस बार एक ही चोट में पूरा ठोक दिया चाची की कराह निकल गई मैने तेजी से चाची का ब्लाउज खोल दिया और दोनों चुचियाँ पकड़ कर धक्के लगाने लगा माँ ने अपने हाथ और चुत को धोया ओर कुल्ला करके बोली मै चाय बनाती हूँ तुम तब तक अपना काम कर लो…चाची कराहते हुए बोली दीदी मुझे नहीं करना अभी प्लीज् राज को हटा लो मेरी रात भर चुदाई के कारण फ़टी पड़ी है… माँ बोली राज बेटा अभी रहने दे थोड़ा आराम करने के बाद कर लियो अभी हम दोनों की सूजी पड़ी है नहीं तो हम तुझे मना नहीं करतेदोपहर तक रुक जा थोड़ा ठीक होने दे।
मैने माँ की बात सुनकर ना चाहते हुए भी अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और चाची को बोला जल्दी से ठीक हो जाओ ताकि दोबारा सूजा सकूँ ओर ये बोलकर मेने शॉवर चालू कर दिया और नहाने लगा माँ चाय बनाने के लिए चली गयी तो चाची भी मेरे साथ शॉवर के नीचे आ गईं और मुझे साबुन लगाते हुए बोली राज बुरा मत मानना सच में बहुत दुःख रही है तू चाहे तो हाथ या मुँह से तेरा निकाल देती हूं, मैने चाची के चुचियाँ पर साबुन लगाते हुए कहा रहने दो चाची निकलूंगा तो चुत या गाँड़ में ही चाहे रुकना पड़े ये सुन कर चाची मुस्कुरा दी ओर हम दोनों नहा कर बाहर निकल पड़े जहां माँ चाय के साथ हमारा इंतजार कर रही थी
जल्द पूरा होकर आ रहा हैWaiting for more updates