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Xforum के सभी यूजेर्स को मेरा प्रणाम , मैं exbii के टाइम से इस फॉरम से जुड़ा हुआ हु, बाद मे ये xossip हुआ ओर अभी xforum के नाम से जाना जाता हैं. मैंने यहा बहुत सी कहानिया पढ़ी जैसे (girl school,haveli,) और ये बात जानी की जो मजा देवनागरी लिपि मे पढ़ने का है वो English मे नही है. तो मैंने भी अपना कुछ योगदान देना चाहा इसमे और अपनी कहानी शुरू करने जा रहा हू। ये मेरी रियल कहानी है बस नाम बदले गये है.
मेरा नाम ऋषि हैं ओर मैं एक मैकानिकल इंजीनियर हु ,मेरी उम्र 32 साल है, मेरी लाइफ मे जितनी औरत ओर लड़कियां आई ओर उनके साथ कैसे क्या क्या हुआ मैं ये सब यहा शयर करने वाला हू। पहले मैं उनके बारे मे बताऊंगा जिनकी चुत की गहराइयों को मैं नाप नही पाया।
अध्याय-1(सब कुछ सीखा हमने न सीखि होशियारी)-
रात के 10 बज गये थे ओर मैं खाना खाने क बाद अपने बेड पे लेटा हुआ MEETI KALHER का वाइरल विडियो देख रहा था( जो लोग MEETI KALHER को नही जानते ह तो उनको बता दु की ये एक पुंजाबी लड्की ह जो CANADA मे रहती ह ओर वहा पर ONLYFANS के लिए विडियो शूट करके डालती ह). उस विडियो मे ये दुल्हन बनी बेड पे बैठी होती ह ओर एक लड़का आकर इसके एक एक कपड़े उतरता हैं , लाल रंग के जोड़े मे गोल्डेन कलर का ब्लाउज़ ओर मचिंग ब्रा panty मे meeti बिलकुल अप्सरा लग रही होती ह .चिकने बदन को देख कर किसी का भी underwear गीला हो जाये। मैं भी एक हाथ से मोबाइल पकड़े दूसरे हाथ से लौड़े को हिला रहा था .तभी एक मैसेज आया और मेरा सारा मूड खराब हो गया (your 100% data is consumed). साला थोड़ी देर ओर चल जाता तो meeti की गोल्डेन चड्डी के अंदर छुपी गुलाबी चुत देख लेता. तभी अचानक से पता नही क्या ख्याल आया और मैं फ़्लैशबैक मे जाके सोचने लगा की मैंने आजतक जितनी चूत देखि ह वो कैसी थी। अब जिसने घाट घाट का पानी पिया हुआ है उसको पता होगा की हर चुत की शेप अलग होती है.
पहली चुत- मेरा जन्म राजस्थान क अलवर जिले के एक गाँव मे हुआ था ओर मेरी दसवी तक की पढ़ाई वहीं पर हुई थी । मैं सब भाई बहनों मे सबसे छोटा था ओर मेरा रंग साफ था , मैं उस समय नोवी क्लासमे था ओर पढ़ाई मे ठीक ठाक था तो मेरे साथ पढ़ने वाली लड़कियां होमवर्क की कॉपी लेने मेरे घर आती रहती थी। ऐसे ही एक दिन पड़ोस की एक लड्की जिसका नाम विमला था वो मेरी कॉपी ले गयी पर वापिस देने नही आई तो शाम को मैं उसके घर कॉपी लेने चला गया.उसके घर का दरवाजा बजाने पर उसीने दरवाजा खोला उसने पीले रंग की फ्रॉक पहन रखी थी। मैंने पूछा की चाची कहा गयी तो वो बोली की- मम्मी तो खेत गयी हुई है, कुछ काम था क्या ?
मैंने कहा –काम की बच्ची तू मेरी कॉपी देने क्यू नही आई? पता है ना की कल कॉपी चेक करानी है?
वो थोड़ी चुलबुली टाइप की थी इसलिए बोली की -कॉपी तो मेरे पास नही है तू चाहे तो देख ले.
फिर मैने उसके स्कूल बैग को जैसे ही हाथ लगाया उसने भी बैग को पकड़ लिया ओर अपनी तरफ खींचने लगी ,इसी रस्साकसी मे बैग की डोर टूट गयी ओर विमला चारपाई पे गिर गयी । गिरते हई उसकी फ्रॉक ऊपर उठी ओर मैंने जो नजारा देखा उसे मैं अब तक नही भूल पाया हु। उसकी गोरी चिकनी टाँगो के बीच मे एकदम गुलाबी से होंठ मुस्कुरा रहे थे.वो भी शर्मा गयी न तो उसको कुछ पता था और न ही मुझे ।मैंने अपनी होमवर्क की कॉपी ली ओर चुपचाप वापिस चला आया. उसके बाद से कभी ऐसा मौका नही मिला । फिर उसकी शादी हो गयी । बाद मे उसको आज भी कभी देखता हु तो उसकी वो गुलाबी चुत याद आ जाती हैं।
दूसरी चुत- विमला की चुत देखे काफी टाइम हो गया था, उस दिन क बाद मैंने वहाँ जाना ही बंद केआर दिया था। अलवर जिले मे एक मेला भरता हैं भृतहरी बाबा का उस मेले मे मेरी दादी मुझे वहाँ पे लेके जा रही थी , साथ मे एक और औरत और उसकी पोती थी हमारे पड़ोस की ही। उसका नाम मनीषा था और वो मुझे उम्र मे दो साल बड़ी थी । हम चारो बस से अलवर गये ओर मेले मे से आने के बाद उसके चाचा के घर पे रुकने का प्लान बनाया था। सबने वहाँ खाना खाया ओर आराम करने लग गये । दोनों दादी एक रूम मे थी ओर मनीषा दूसरे रूम मे ,मुझे नींद नही आ रही थी तो मैं बैठा हुआ था। तभी मनीषा ने मुझे दूसरे रूम मे बुलाया ओर रूम का दरवाजा हौले से बंद कर लिया। मैंने पूछा क्या हुआ तो बोली की रुको तुम्हें कुछ दिखती हूँ। ये बोलकर वो बेड पे लेट गयी ओर अपनी फ्रॉक ऊपर उठा क बोली की यहा आओ ये देखो क्या हैं, जैसे ही मैं मेरा मुह उसके पास ले गया उसने मेरा मुह पकड़ क अपनी चुत क ऊपर टीका दिया ओर अपने हाथो से मेरे सिर को पकड़ के रगड़ने लगी । उसकी कुँवारी चुत मे कुछ अलग ही खुसबु आ रही थी । उसकी जांघों पे कुछ फुंसी के निशान बने हुए थे जो मुझे आज भी याद हैं। हमारा ये प्रोग्राम ज्यादा नही चल पाया क्यूकी उसका चाचा अपनी ड्यूटि से आ गया था।
उस दिन के बाद मुझे उससे मिलने का मौका नही मिला पर मोहल्ले के लड़के बता रहे थे की बाद मे उसका चक्कर कई लड़को के साथ रहा । पर मैं ये सोच क खुश हो लेता हूँ की उसके चुत का चुम्मा लेने वाला पहला बंदा तो मैं ही था।
मेरा नाम ऋषि हैं ओर मैं एक मैकानिकल इंजीनियर हु ,मेरी उम्र 32 साल है, मेरी लाइफ मे जितनी औरत ओर लड़कियां आई ओर उनके साथ कैसे क्या क्या हुआ मैं ये सब यहा शयर करने वाला हू। पहले मैं उनके बारे मे बताऊंगा जिनकी चुत की गहराइयों को मैं नाप नही पाया।
अध्याय-1(सब कुछ सीखा हमने न सीखि होशियारी)-
रात के 10 बज गये थे ओर मैं खाना खाने क बाद अपने बेड पे लेटा हुआ MEETI KALHER का वाइरल विडियो देख रहा था( जो लोग MEETI KALHER को नही जानते ह तो उनको बता दु की ये एक पुंजाबी लड्की ह जो CANADA मे रहती ह ओर वहा पर ONLYFANS के लिए विडियो शूट करके डालती ह). उस विडियो मे ये दुल्हन बनी बेड पे बैठी होती ह ओर एक लड़का आकर इसके एक एक कपड़े उतरता हैं , लाल रंग के जोड़े मे गोल्डेन कलर का ब्लाउज़ ओर मचिंग ब्रा panty मे meeti बिलकुल अप्सरा लग रही होती ह .चिकने बदन को देख कर किसी का भी underwear गीला हो जाये। मैं भी एक हाथ से मोबाइल पकड़े दूसरे हाथ से लौड़े को हिला रहा था .तभी एक मैसेज आया और मेरा सारा मूड खराब हो गया (your 100% data is consumed). साला थोड़ी देर ओर चल जाता तो meeti की गोल्डेन चड्डी के अंदर छुपी गुलाबी चुत देख लेता. तभी अचानक से पता नही क्या ख्याल आया और मैं फ़्लैशबैक मे जाके सोचने लगा की मैंने आजतक जितनी चूत देखि ह वो कैसी थी। अब जिसने घाट घाट का पानी पिया हुआ है उसको पता होगा की हर चुत की शेप अलग होती है.
पहली चुत- मेरा जन्म राजस्थान क अलवर जिले के एक गाँव मे हुआ था ओर मेरी दसवी तक की पढ़ाई वहीं पर हुई थी । मैं सब भाई बहनों मे सबसे छोटा था ओर मेरा रंग साफ था , मैं उस समय नोवी क्लासमे था ओर पढ़ाई मे ठीक ठाक था तो मेरे साथ पढ़ने वाली लड़कियां होमवर्क की कॉपी लेने मेरे घर आती रहती थी। ऐसे ही एक दिन पड़ोस की एक लड्की जिसका नाम विमला था वो मेरी कॉपी ले गयी पर वापिस देने नही आई तो शाम को मैं उसके घर कॉपी लेने चला गया.उसके घर का दरवाजा बजाने पर उसीने दरवाजा खोला उसने पीले रंग की फ्रॉक पहन रखी थी। मैंने पूछा की चाची कहा गयी तो वो बोली की- मम्मी तो खेत गयी हुई है, कुछ काम था क्या ?
मैंने कहा –काम की बच्ची तू मेरी कॉपी देने क्यू नही आई? पता है ना की कल कॉपी चेक करानी है?
वो थोड़ी चुलबुली टाइप की थी इसलिए बोली की -कॉपी तो मेरे पास नही है तू चाहे तो देख ले.
फिर मैने उसके स्कूल बैग को जैसे ही हाथ लगाया उसने भी बैग को पकड़ लिया ओर अपनी तरफ खींचने लगी ,इसी रस्साकसी मे बैग की डोर टूट गयी ओर विमला चारपाई पे गिर गयी । गिरते हई उसकी फ्रॉक ऊपर उठी ओर मैंने जो नजारा देखा उसे मैं अब तक नही भूल पाया हु। उसकी गोरी चिकनी टाँगो के बीच मे एकदम गुलाबी से होंठ मुस्कुरा रहे थे.वो भी शर्मा गयी न तो उसको कुछ पता था और न ही मुझे ।मैंने अपनी होमवर्क की कॉपी ली ओर चुपचाप वापिस चला आया. उसके बाद से कभी ऐसा मौका नही मिला । फिर उसकी शादी हो गयी । बाद मे उसको आज भी कभी देखता हु तो उसकी वो गुलाबी चुत याद आ जाती हैं।
दूसरी चुत- विमला की चुत देखे काफी टाइम हो गया था, उस दिन क बाद मैंने वहाँ जाना ही बंद केआर दिया था। अलवर जिले मे एक मेला भरता हैं भृतहरी बाबा का उस मेले मे मेरी दादी मुझे वहाँ पे लेके जा रही थी , साथ मे एक और औरत और उसकी पोती थी हमारे पड़ोस की ही। उसका नाम मनीषा था और वो मुझे उम्र मे दो साल बड़ी थी । हम चारो बस से अलवर गये ओर मेले मे से आने के बाद उसके चाचा के घर पे रुकने का प्लान बनाया था। सबने वहाँ खाना खाया ओर आराम करने लग गये । दोनों दादी एक रूम मे थी ओर मनीषा दूसरे रूम मे ,मुझे नींद नही आ रही थी तो मैं बैठा हुआ था। तभी मनीषा ने मुझे दूसरे रूम मे बुलाया ओर रूम का दरवाजा हौले से बंद कर लिया। मैंने पूछा क्या हुआ तो बोली की रुको तुम्हें कुछ दिखती हूँ। ये बोलकर वो बेड पे लेट गयी ओर अपनी फ्रॉक ऊपर उठा क बोली की यहा आओ ये देखो क्या हैं, जैसे ही मैं मेरा मुह उसके पास ले गया उसने मेरा मुह पकड़ क अपनी चुत क ऊपर टीका दिया ओर अपने हाथो से मेरे सिर को पकड़ के रगड़ने लगी । उसकी कुँवारी चुत मे कुछ अलग ही खुसबु आ रही थी । उसकी जांघों पे कुछ फुंसी के निशान बने हुए थे जो मुझे आज भी याद हैं। हमारा ये प्रोग्राम ज्यादा नही चल पाया क्यूकी उसका चाचा अपनी ड्यूटि से आ गया था।
उस दिन के बाद मुझे उससे मिलने का मौका नही मिला पर मोहल्ले के लड़के बता रहे थे की बाद मे उसका चक्कर कई लड़को के साथ रहा । पर मैं ये सोच क खुश हो लेता हूँ की उसके चुत का चुम्मा लेने वाला पहला बंदा तो मैं ही था।