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Adultery मेरी कहानी

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rishi51216

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Xforum के सभी यूजेर्स को मेरा प्रणाम , मैं exbii के टाइम से इस फॉरम से जुड़ा हुआ हु, बाद मे ये xossip हुआ ओर अभी xforum के नाम से जाना जाता हैं. मैंने यहा बहुत सी कहानिया पढ़ी जैसे (girl school,haveli,) और ये बात जानी की जो मजा देवनागरी लिपि मे पढ़ने का है वो English मे नही है. तो मैंने भी अपना कुछ योगदान देना चाहा इसमे और अपनी कहानी शुरू करने जा रहा हू। ये मेरी रियल कहानी है बस नाम बदले गये है.

मेरा नाम ऋषि हैं ओर मैं एक मैकानिकल इंजीनियर हु ,मेरी उम्र 32 साल है, मेरी लाइफ मे जितनी औरत ओर लड़कियां आई ओर उनके साथ कैसे क्या क्या हुआ मैं ये सब यहा शयर करने वाला हू। पहले मैं उनके बारे मे बताऊंगा जिनकी चुत की गहराइयों को मैं नाप नही पाया।

अध्याय-1(सब कुछ सीखा हमने न सीखि होशियारी)-

रात के 10 बज गये थे ओर मैं खाना खाने क बाद अपने बेड पे लेटा हुआ MEETI KALHER का वाइरल विडियो देख रहा था( जो लोग MEETI KALHER को नही जानते ह तो उनको बता दु की ये एक पुंजाबी लड्की ह जो CANADA मे रहती ह ओर वहा पर ONLYFANS के लिए विडियो शूट करके डालती ह). उस विडियो मे ये दुल्हन बनी बेड पे बैठी होती ह ओर एक लड़का आकर इसके एक एक कपड़े उतरता हैं , लाल रंग के जोड़े मे गोल्डेन कलर का ब्लाउज़ ओर मचिंग ब्रा panty मे meeti बिलकुल अप्सरा लग रही होती ह .चिकने बदन को देख कर किसी का भी underwear गीला हो जाये। मैं भी एक हाथ से मोबाइल पकड़े दूसरे हाथ से लौड़े को हिला रहा था .तभी एक मैसेज आया और मेरा सारा मूड खराब हो गया (your 100% data is consumed). साला थोड़ी देर ओर चल जाता तो meeti की गोल्डेन चड्डी के अंदर छुपी गुलाबी चुत देख लेता. तभी अचानक से पता नही क्या ख्याल आया और मैं फ़्लैशबैक मे जाके सोचने लगा की मैंने आजतक जितनी चूत देखि ह वो कैसी थी। अब जिसने घाट घाट का पानी पिया हुआ है उसको पता होगा की हर चुत की शेप अलग होती है.

पहली चुत- मेरा जन्म राजस्थान क अलवर जिले के एक गाँव मे हुआ था ओर मेरी दसवी तक की पढ़ाई वहीं पर हुई थी । मैं सब भाई बहनों मे सबसे छोटा था ओर मेरा रंग साफ था , मैं उस समय नोवी क्लासमे था ओर पढ़ाई मे ठीक ठाक था तो मेरे साथ पढ़ने वाली लड़कियां होमवर्क की कॉपी लेने मेरे घर आती रहती थी। ऐसे ही एक दिन पड़ोस की एक लड्की जिसका नाम विमला था वो मेरी कॉपी ले गयी पर वापिस देने नही आई तो शाम को मैं उसके घर कॉपी लेने चला गया.उसके घर का दरवाजा बजाने पर उसीने दरवाजा खोला उसने पीले रंग की फ्रॉक पहन रखी थी। मैंने पूछा की चाची कहा गयी तो वो बोली की- मम्मी तो खेत गयी हुई है, कुछ काम था क्या ?

मैंने कहा –काम की बच्ची तू मेरी कॉपी देने क्यू नही आई? पता है ना की कल कॉपी चेक करानी है?

वो थोड़ी चुलबुली टाइप की थी इसलिए बोली की -कॉपी तो मेरे पास नही है तू चाहे तो देख ले.

फिर मैने उसके स्कूल बैग को जैसे ही हाथ लगाया उसने भी बैग को पकड़ लिया ओर अपनी तरफ खींचने लगी ,इसी रस्साकसी मे बैग की डोर टूट गयी ओर विमला चारपाई पे गिर गयी । गिरते हई उसकी फ्रॉक ऊपर उठी ओर मैंने जो नजारा देखा उसे मैं अब तक नही भूल पाया हु। उसकी गोरी चिकनी टाँगो के बीच मे एकदम गुलाबी से होंठ मुस्कुरा रहे थे.वो भी शर्मा गयी न तो उसको कुछ पता था और न ही मुझे ।मैंने अपनी होमवर्क की कॉपी ली ओर चुपचाप वापिस चला आया. उसके बाद से कभी ऐसा मौका नही मिला । फिर उसकी शादी हो गयी । बाद मे उसको आज भी कभी देखता हु तो उसकी वो गुलाबी चुत याद आ जाती हैं।

दूसरी चुत- विमला की चुत देखे काफी टाइम हो गया था, उस दिन क बाद मैंने वहाँ जाना ही बंद केआर दिया था। अलवर जिले मे एक मेला भरता हैं भृतहरी बाबा का उस मेले मे मेरी दादी मुझे वहाँ पे लेके जा रही थी , साथ मे एक और औरत और उसकी पोती थी हमारे पड़ोस की ही। उसका नाम मनीषा था और वो मुझे उम्र मे दो साल बड़ी थी । हम चारो बस से अलवर गये ओर मेले मे से आने के बाद उसके चाचा के घर पे रुकने का प्लान बनाया था। सबने वहाँ खाना खाया ओर आराम करने लग गये । दोनों दादी एक रूम मे थी ओर मनीषा दूसरे रूम मे ,मुझे नींद नही आ रही थी तो मैं बैठा हुआ था। तभी मनीषा ने मुझे दूसरे रूम मे बुलाया ओर रूम का दरवाजा हौले से बंद कर लिया। मैंने पूछा क्या हुआ तो बोली की रुको तुम्हें कुछ दिखती हूँ। ये बोलकर वो बेड पे लेट गयी ओर अपनी फ्रॉक ऊपर उठा क बोली की यहा आओ ये देखो क्या हैं, जैसे ही मैं मेरा मुह उसके पास ले गया उसने मेरा मुह पकड़ क अपनी चुत क ऊपर टीका दिया ओर अपने हाथो से मेरे सिर को पकड़ के रगड़ने लगी । उसकी कुँवारी चुत मे कुछ अलग ही खुसबु आ रही थी । उसकी जांघों पे कुछ फुंसी के निशान बने हुए थे जो मुझे आज भी याद हैं। हमारा ये प्रोग्राम ज्यादा नही चल पाया क्यूकी उसका चाचा अपनी ड्यूटि से आ गया था।

उस दिन के बाद मुझे उससे मिलने का मौका नही मिला पर मोहल्ले के लड़के बता रहे थे की बाद मे उसका चक्कर कई लड़को के साथ रहा । पर मैं ये सोच क खुश हो लेता हूँ की उसके चुत का चुम्मा लेने वाला पहला बंदा तो मैं ही था।
 
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मेरा नाम ऋषि हैं ओर मैं एक मैकानिकल इंजीनियर हु ,मेरी उम्र 32 साल है, मेरी लाइफ मे जितनी औरत ओर लड़कियां आई ओर उनके साथ कैसे क्या क्या हुआ मैं ये सब यहा शयर करने वाला हू। पहले मैं उनके बारे मे बताऊंगा जिनकी चुत की गहराइयों को मैं नाप नही पाया।

अध्याय-1(सब कुछ सीखा हमने न सीखि होशियारी)-

रात के 10 बज गये थे ओर मैं खाना खाने क बाद अपने बेड पे लेटा हुआ MEETI KALHER का वाइरल विडियो देख रहा था( जो लोग MEETI KALHER को नही जानते ह तो उनको बता दु की ये एक पुंजाबी लड्की ह जो CANADA मे रहती ह ओर वहा पर ONLYFANS के लिए विडियो शूट करके डालती ह). उस विडियो मे ये दुल्हन बनी बेड पे बैठी होती ह ओर एक लड़का आकर इसके एक एक कपड़े उतरता हैं , लाल रंग के जोड़े मे गोल्डेन कलर का ब्लाउज़ ओर मचिंग ब्रा panty मे meeti बिलकुल अप्सरा लग रही होती ह .चिकने बदन को देख कर किसी का भी underwear गीला हो जाये। मैं भी एक हाथ से मोबाइल पकड़े दूसरे हाथ से लौड़े को हिला रहा था .तभी एक मैसेज आया और मेरा सारा मूड खराब हो गया (your 100% data is consumed). साला थोड़ी देर ओर चल जाता तो meeti की गोल्डेन चड्डी के अंदर छुपी गुलाबी चुत देख लेता. तभी अचानक से पता नही क्या ख्याल आया और मैं फ़्लैशबैक मे जाके सोचने लगा की मैंने आजतक जितनी चूत देखि ह वो कैसी थी। अब जिसने घाट घाट का पानी पिया हुआ है उसको पता होगा की हर चुत की शेप अलग होती है.

पहली चुत- मेरा जन्म राजस्थान क अलवर जिले के एक गाँव मे हुआ था ओर मेरी दसवी तक की पढ़ाई वहीं पर हुई थी । मैं सब भाई बहनों मे सबसे छोटा था ओर मेरा रंग साफ था , मैं उस समय नोवी क्लासमे था ओर पढ़ाई मे ठीक ठाक था तो मेरे साथ पढ़ने वाली लड़कियां होमवर्क की कॉपी लेने मेरे घर आती रहती थी। ऐसे ही एक दिन पड़ोस की एक लड्की जिसका नाम विमला था वो मेरी कॉपी ले गयी पर वापिस देने नही आई तो शाम को मैं उसके घर कॉपी लेने चला गया.उसके घर का दरवाजा बजाने पर उसीने दरवाजा खोला उसने पीले रंग की फ्रॉक पहन रखी थी। मैंने पूछा की चाची कहा गयी तो वो बोली की- मम्मी तो खेत गयी हुई है, कुछ काम था क्या ?

मैंने कहा –काम की बच्ची तू मेरी कॉपी देने क्यू नही आई? पता है ना की कल कॉपी चेक करानी है?

वो थोड़ी चुलबुली टाइप की थी इसलिए बोली की -कॉपी तो मेरे पास नही है तू चाहे तो देख ले.

फिर मैने उसके स्कूल बैग को जैसे ही हाथ लगाया उसने भी बैग को पकड़ लिया ओर अपनी तरफ खींचने लगी ,इसी रस्साकसी मे बैग की डोर टूट गयी ओर विमला चारपाई पे गिर गयी । गिरते हई उसकी फ्रॉक ऊपर उठी ओर मैंने जो नजारा देखा उसे मैं अब तक नही भूल पाया हु। उसकी गोरी चिकनी टाँगो के बीच मे एकदम गुलाबी से होंठ मुस्कुरा रहे थे.वो भी शर्मा गयी न तो उसको कुछ पता था और न ही मुझे ।मैंने अपनी होमवर्क की कॉपी ली ओर चुपचाप वापिस चला आया. उसके बाद से कभी ऐसा मौका नही मिला । फिर उसकी शादी हो गयी । बाद मे उसको आज भी कभी देखता हु तो उसकी वो गुलाबी चुत याद आ जाती हैं।

दूसरी चुत- विमला की चुत देखे काफी टाइम हो गया था, उस दिन क बाद मैंने वहाँ जाना ही बंद केआर दिया था। अलवर जिले मे एक मेला भरता हैं भृतहरी बाबा का उस मेले मे मेरी दादी मुझे वहाँ पे लेके जा रही थी , साथ मे एक और औरत और उसकी पोती थी हमारे पड़ोस की ही। उसका नाम मनीषा था और वो मुझे उम्र मे दो साल बड़ी थी । हम चारो बस से अलवर गये ओर मेले मे से आने के बाद उसके चाचा के घर पे रुकने का प्लान बनाया था। सबने वहाँ खाना खाया ओर आराम करने लग गये । दोनों दादी एक रूम मे थी ओर मनीषा दूसरे रूम मे ,मुझे नींद नही आ रही थी तो मैं बैठा हुआ था। तभी मनीषा ने मुझे दूसरे रूम मे बुलाया ओर रूम का दरवाजा हौले से बंद कर लिया। मैंने पूछा क्या हुआ तो बोली की रुको तुम्हें कुछ दिखती हूँ। ये बोलकर वो बेड पे लेट गयी ओर अपनी फ्रॉक ऊपर उठा क बोली की यहा आओ ये देखो क्या हैं, जैसे ही मैं मेरा मुह उसके पास ले गया उसने मेरा मुह पकड़ क अपनी चुत क ऊपर टीका दिया ओर अपने हाथो से मेरे सिर को पकड़ के रगड़ने लगी । उसकी कुँवारी चुत मे कुछ अलग ही खुसबु आ रही थी । उसकी जांघों पे कुछ फुंसी के निशान बने हुए थे जो मुझे आज भी याद हैं। हमारा ये प्रोग्राम ज्यादा नही चल पाया क्यूकी उसका चाचा अपनी ड्यूटि से आ गया था।

उस दिन के बाद मुझे उससे मिलने का मौका नही मिला पर मोहल्ले के लड़के बता रहे थे की बाद मे उसका चक्कर कई लड़को के साथ रहा । पर मैं ये सोच क खुश हो लेता हूँ की उसके चुत का चुम्मा लेने वाला पहला बंदा तो मैं ही था।
प्रारंभ बहुत ही शानदार हैं मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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rishi51216

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प्रारंभ बहुत ही शानदार हैं मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
जल्दी ही लाएँगे पर अभी उन चुतों' का नंबर चल रहा ह जिनकी गुलाबी दीवारों पर सफ़ेद रंग की पिचकारी नही मार पाया.
 
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rishi51216

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तीसरी में चुत नही चूचियो का जिक्र होगा, उसकी चुत का दर्शन नही कर पाया मैं।
 
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rishi51216

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तीसरी चूचियाँ- इस बार मैं चुत नही चूचियों के बारे मे बताऊंगा..

हमारे पड़ोस मे एक भाभी रहती है जिसका नाम उर्मिला है, उसकी शादी 1998 मे हुई थी. उसका रंग इतना साफ नही है हल्का सा सांवला हैं पर उसकी मुस्कान ओर बोलने का तरीका ऐसा ह की किसी भी मर्द को बहका देती हैं, उस टाइम हम सब छोटे ही थे ओर नयी भाभी को खूब पसंद करते थे । स्कूल से आने क बाद उसके साथ ही टाइम बिताते थे। उसकी शादी मे टेलीविज़न आया था तो हम उसके घर अक्सर जाते रहते थे। ऐसे ही एक रात हम सब “दयावान” फिल्म देख रहे थे जिसमे एक सीन आता हैं वो गाना बजता ह “ आज फिर तुमपे प्यार आया है” उस गाने मे विनोद खन्ना ओर माधुरी के बीच काफी हॉट सीन होते है उसको देखकर भाभी का मुह खुला रेह जाता हैं ओर वो बोलती है- “कितना ठाड़ा ह ये ,इसके जैसा कोण हैं” उस टाइम तो कुछ समझ नही पाये पर अब जान पाये की भाभी चारों होंठ क्या कहना चाह रहे थे।ऐसा ही एक बार फिर हुआ इस बार मूवी थी धर्मेंद्र की “कोहराम”।

इसमे एक सीन मे हिरोइन सीढ़ी पर चढकर दीवार साफ कर रही होती ह ओर चंकी पाण्डेय नीचे झाड़ू लगा रहा होता है, सीढ़ी पर खड़ी होने से उसकी पेंटि चंकी पाण्डेय को दिख जाती हैं। इस सीन पर सबसे पहला रिएक्शन भाभी का ही आता है “ ए राँड़ो ऐंकि तो कछी दिख री स”। अगर मेरी जगह कोई ओर होता तो उर्मिला की चुत मे क्ब्का गुल खिला चुका होता। अब ऐसे ही टाइम निकलता रहा ओर वो भाभी क लड्की हुई । सभी का वहा आना जाना लगा रेहता था , फिर एक प्रोब्लेम आ गयी बची दूध नही पी पा रही थी ओर रोये जा रही थी । भाभी की चुचिया भी बड़ी बड़ी थी ओर दूध भरा होने से ओर भी सख्त हो गयी थी। इतनी बड़ी चुचिया थी की दोनों हाथो मे एक चुची आये। मेरी दादी ने मेरे से खा की बेटा तू पी ले थोड़ा सा फिर बच्ची आराम से पी लेगी। वो मंजर मुझे आज भी याद हैं । भाभी अपनी दोनों दूध भरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर निकले बैठी हैं ओर एक हाथ से चुची को पकड़ क मेरी तरफ कर रही ह की आजा पी ले मेरी चूचियाँ । मैं थोड़ी देर सोचता रहा ओर पास जाके करीब से देखा तो चूचियों मे नीली नीली सी नसे दिखी ओर कुछ प्रसव क बाद जो स्मेल आती ह वो आ रही थी तो मुझे अचानक से घिन्न सी आई ओर मैं व्हा से वापिस भाग आया । अब जब भी वो दिन याद आते ह तो सोचता हु की मैं भी कितना पागल था । उस टाइम मैं भाभी का दूध निकाल देता तो भाभी मेरी क्रीम आराम से निकलती रहती।

ऐसा ही एक किस्सा ओर है- एक दिन मैं उसके घर गया तो देखा की उर्मिला के पास दो आदमी ओर खड़े है जिनमे से एक तो उसका सगा देवर ह जो की उस टाइम 20-22 साल का था ओर उसका दोस्त जो उसी की उम्र का था । मेरे आने से पहले पता नही उन तीनों मे क्या चल रहा था पर मेरे आते ही उन्होने बात बदल दी। उनको कॉलेज जाना था ओर भाभी क हाथ मे उनका Reynolds का पेन था जो वो उनको नही दे रही थी , उनको दिखा के उसने वो पेन ब्लाउज़ क अंदर ड़ाल लिया। बोली की अब लेके दिखाओ। तब उसका देवर मेरे से बोला की जा तू निकाल ला , मैं सीधा गया ओर उसके व्हाइट रंग क ब्लाउज़ मे हाथ डालके पेन को निकाल उसने इसका कोई विरोध नही किया बस खिलखिलाती रही । पर उसके नरम चूचियों का स्पर्श आज भी याद है।

मेरी शादी क टाइम यही भाभी बोली की मुझे साड़ी दिलवा दे तेरी शादी है, मैंने भी बोल दिया की अब तो तुम आ रही हो पहले नही आई की देवर तेरी शादी ना हुई ह अभी मेरी ले ले । वो बोली हम तो तैयार थे ,तू ही आगे ना बढ़ा । इस भाभी का चक्कर बाद मे अपने ससुर से , एक डॉक्टर से , ओर इसके हसबेंड क फ्रेंड से चला। इसका हसबेंड बेरोजगार ह फिर भी ये इतना सोना पहन क घूमती है, इसके पास महेंदेरगढ़ मे 2 प्लॉट है। इतका कोई नोकरीपेशा भी नही कर पाएगा जो इसने अपनी चुत क दम पे कर लिया।

तो दोस्तों मैं तो नादान था पर आपको ऐसे सिगनल मिलते ह तो चूकना मत।
 

rishi51216

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चौथी चुत- ये बात ह 2006 की मैं पढ़ाई करने अजमेर आ गया था यहा हमारे घर की एक साइड तो हसबेंड वाइफ़ ओर उनका लड़का रेहता था , वाइफ़ की उम्र करीब 29-30 साल थी , उसका हसबेंड पुलिस मे था। दुसरी तरफ वाली फॅमिली मे दो जुड़वा बहने ओर उनके पैरेंट्स थे । उन लड़कियो की उम्र 16-17 साल थी । दीखने मे दोनों मस्त माल थी, जब वो स्कर्ट पहन क जाती थी तो उनकी गोरी गोरी तांगे मछ्ली क जैसे चमकती थी । एक क बूब्स थोड़े छोटे थे पर दूसरी क पूरे सूडोल थे। घर का डिज़ाइन कुछ ऐसा था की आगे की तरफ 2 रूम किच्चन ओर पीछे वशरूम ओर ओपें एरिया था । ऐसे ही एक दिन मैं घर पे अकेला था तो मुझे आवाज आई लड्की अपने बहन से बोल रही थी की मैं नहा रही हु ये इधर मत आना । मुझे एक बार तो ये अजीब लगा की बाथरूम होते हुये बाहर क्यू नहा रही ह, पर अपनी अपनी चॉइस।हमारे घरो क बिच की दीवार करीब 6 फीट की थी तो मेरे एमएन मे अचानक से कामदेव जाग्रत हुआ ओर मैंने कुछ डरींग करने की सोची मैंने एक स्टूल दीवार क सहारे लगाया ओर धीरे असपे खड़ा होके देखने लगा । वो लड्की मेरी तरफ पीठ किए अपना मुह धो रही थी ।मुझे बस उसकी चिकनी पीठ नजर आ रही थी ओर पनि की बूंदे उसके गोरे बदन को ओर भी चमकीला बना रही थी । फिर वो नहाने क बाद उठी तो उसके गोरे पर सॉलिड सूडोल कूल्हे कयामत ढहा रहे थे । फिर उसने समीज पहना ओर जैसे जी पनटी पहन ने ल लिए झुकी पता नही उसे कैसे लगा की कोई उसको देख रहा है। जैसे ही वो पलटी मैं तुरंत नीचे होके रूम क अंदर आ गया। उसकी चुत की बस एक झलक मिल पायी उस दिन क बाद मैने उधर नही देखा।
 

rishi51216

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पाँचवी चुत- अब बारी आती हैं पाँचवी चुत की । जैसा की मैंने पिछली पोस्ट मे बताया की एक हमारे घर के बगल मे 28-29 साल की भाभी रहती थी जिसका नाम अनीता था । उसका फ़िगर बिलकुल देसी टाइप था ओर वो रहने वाली भी गाँव की ही थी ओर उसक्व हसबेंड की जॉब होने की वजह से अजमेर रहने लगी थी । गाँव की होने से वो एकदम मुहफट थी ,उसकी आंखे बड़ी बड़ी थी ओर चूचियाँ 34 की थी । अक्सर वो सूट सलवार पहनती थी पर उसमे भी उसकी मोटी गान्ड छुपाए नही छुपती थी। जब भी वो बाहर निकलती थी तो सभी उसको मूड मूड क देखते थे। मेरे एक्जाम चल रहे थे तो मैं घर पे अकेला था ,पढ़ते पढ़ते बोर हो गया था तो बाहर पोधों मे पनि देने चला गया। वहा जाके जो नजारा मैंने देखा उसने मुझे हिला के रख दिया। अनीता भाभी बाहर आँगन मे नंगी खड़ी थी ओर नहाने के बाद अपना नंगा बदन पोंछ रही थी । उसने बालों का जुड़ा बनाया हुआ था ओर पानी की बूंदे उसके गोरे बदन पे चमक रही थी । मैं पानी का पाइप छोड़ क अंदर आया ओर अपना पाइप पकड़ क हिलाया। उस दिन के बाद मेरा अनीता को देखने का नजरिया ही बदल गया। पर उसकी चुत का दीदार अब तक नही हो पाया था। मैं बस सोचता रेहता था की अनीता की चुत कैसे होगी। क्योकि जो चुत मैंने अब तक देखि थी वो कुँवारी थी या कची कली थी ,एक सम्पूर्ण औरत की चुत देखने का मोका नही मिल पाया था। मैं रातों को अनीता के नंगे बदन को याद कर्ता रेहता था। आखिर एक दिन आ ही गया। अनीता सर्दी के दिनो मे बाहर नहाती थी ओर मैं उसका पूरा प्रोसैस सुनता था ,वो सबसे पहले बैठने के लिए एक लकड़ी का पाटा लाके रखती फिर साबुन ओर पनि की बाल्टी लाके रखती । इसके बाद वो अपने कपड़े उतारती ,जब वो अपनी ब्रा उतार क ऊपर तंग देती तब मैं समझ जाता की अब वो नंगी हो चुकी हैं। ऐसा ही मैंने कई दिन तक उसका प्रोसैस सुना । अब मोका आ गया था चुत क दर्शन करने का । उस दिन जब अनीता नहाने के लिए आई टीबी मैं स्टूल क साथ रैडि था। अनिता आयी ओर सारा समान रखने क बाद अपनी स्किन कलर की ब्रा उतार के ऊपर तार पर रख दी । मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धडक रहा था , एक तरफ चुत देखने की खुशी मे लौरा खुश हो रहा था दूसरी तरफ डर लग रहा था की काही पकड़ा गया तो लौरे लग जाएंगे (अनीता का हसबेंड पुलिस वाला हैं )। फिर दिमाग क ऊपर लौरा हावी हुआ ओर मैंने स्टूल पे खड़ा होकर धीरे धीरे अपना सिर उठाना स्टार्ट किया । अनीता नंगी बैठी हुई थी वैसे ही बालों का जुड़ा बनाए। ओर अपना सिर झुकाये चुत की सफाई करने मे लगी हुयी थी ।शायद रात की चुदाई क बाद कुछ माल अंदर रेह गया था उसको बाहर निकाल रही थी ।
 
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