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Adultery बाहुबली नेता की बीवी और बेटी को चोदा!

sheetal79

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लडकियां चोदने का मन तो सबका होता है पर कई लोग तो सारी उम्र सिर्फ अपनी बीवी को ही चोदते रहते हैं। पर काफी लोगों की किस्मत मेरे जैसी भी होती है। जिन्हे लड़कियाँ खुद बुलाती हैं , मुझे भी चोदो। पर इसके लिए जरुरी है कि कोई ऐसी लड़की पटाओ जो अपनी चुदाई की सारी बातें अपनी सहेलियों को बताये। अगर मेरी बात नहीं समझ में आयी तो मेरी कहानी पढ़ो। पता लग जायेगा मैं क्या कहना चाहता हूँ।

मेरा नाम रिशभ है , मैं उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रहने वाला हूँ। में बचपन से ही गुंडई करता रहा हूँ और अपनी गुंडई के बल पर बहुत लडकियां चोद चूका हूँ। हमारे जिले में एक बाहुबली नेता है तिरलोचन सिंह । मुझे भी हमेशा से नेतागिरी का बहुत शोक था। मुझे उनका ख़ास आदमी बनना था। पर बहुत कोशिशों के बाद भी मैं उनके करीब नहीं पहुंच पाया। अब मेरे पास एक ही रास्ता था , अपने लण्ड की मदद से उन तक पहुंच सकता था। उनकी एक जवान बेटी है , पर उस तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। पर मैंने उसकी सहेली को बहुत आसानी से पटा लिया। अब उसकी सहेली के जरिये मुझे उस तक पहुंचना था। इसलिए पहले मैंने उसकी सहेली प्रेरणा को अपने लण्ड का दीवाना बनाया। १ ही महीने मैं उसे चोद चोद कर पूरा चुदकड़ बना दिया। अब वो मुझसे चुदवाने के लिए पागल हो चुकी थी। सब से बड़ा फायदा उसने मेरा किया , अपनी सभी सहेलियों को मेरे लण्ड की ताकत बता कर।

एक दिन प्रेरणा ने मुझे बुलाया और मैंने मना कर दिया। उसके बार बार बुलाने पर मैंने उसे बोला जिस खाली मकान में उसे चोदता था वहाँ अब मेरे चाचा जी रहने आ गए हैं और मेरे पास कोई जगह नहीं हैं , तेरे पास कोई जगह है तो बोल मैं आ जाऊंगा नहीं तो अपनी ऊँगली से ही चोदती रह खुद को। मुझे पता था वो कहाँ लेकर जाएगी मुझे , इसीलिए मैंने ये जाल बिछाया। आखिरकार उसने खुद ही मुझे अपनी दोस्त सनेहा के एक खाली मकान में बुलाया जहा स्नेहा अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाती है। सनेहा नेता जी की बेटी है। मेरा निशाना सही जगह पर लगा और मैं चला गया वहां उसे चोदने। अब मैं जान जान कर प्रेरणा को और जोश में चोदता था ताकि उसकी चीखें बाहर तक सुनाई दे।

कुछ ही दिनों में इलेक्शन शुरू होने वाले थे और यही मौका था जब मैं नेता जी जी के करीब पहुँच सकता था। और ऐसा करने के लिए मुझे किसी से कुछ नहीं कहना पड़ा। मुझे खुद ही नेता जी जी का फ़ोन आया और अपने साथ शामिल करने का ऑफर दिया । मैं बिना समय बर्बाद किये नेता जी जी के घर पहुंच गया। उन्होंने मुझे इलेक्शन ख़तम होने तक अपने ही घर की बाहर वाली कोठी में रहने को बोला।

अब बस मुझे इंतज़ार था उस वक़्त का जिस लिए मैं यहाँ आया था। मुझे पता तो था मैं यहाँ कैसे आया हूँ पर मैं अनजान बना रहा और ऐसा बर्ताव करता रहा जैसे मेरी किस्मत की वजह से यहाँ तक पहुंचा हूँ मैं। मैं रात में खाना नेता जी के घर ही खाकर कोठी में चला गया। १ बज गए रात के पर वो नहीं हुआ जो मैं करने आया था। अब मैं सोने लगा ये सोच कर शायद इसमें और टाइम लगेगा। पर ऐसा हुआ नहीं , १:३० बजे दरवाजा किसी ने खड़खड़ाया और मैंने खोला तो सनेहा थी बाहर। वो तुरंत अंदर आयी और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। मैंने डरने का ड्रामा किया और उस से बोला सनेहा जी आप यहां कैसे ? वो बोली अंदर चलो सब कुछ यही पूछोगे। वो बोली मैं ही तुम्हे यहां लायी हूँ, मैंने ही प्रेरणा को बोला कि तुझे यहाँ आने के लिए राजी करे नहीं तो दुबारा मैं उसे चुदवाने के लिए अपने मकान में नहीं आने दूंगी। और प्रेरणा ने ही मेरे पिता जी से बात की और तुझे यहां बुलाने को बोला। सनेहा ने बोला कि जब तू प्रेरणा को चोदता था तो मैं बहार खड़ी होकर उसकी चीखें सुनती थी। मेरा बॉयफ्रेंड तो १० मिनट में ही झाड़ जाता था फिर मैं प्रेरणा की चीखे सुन कर ऊँगली से खुद को चोदती थी। अब अगर चाहता है कि तू यहाँ रहे तो अपने लण्ड का मजा देना होगा मुझे।

मैंने भी बोला स्नेहा जी आप नेता जी जी की बेटी हो आपको मना मैं कैसे कर सकता हूँ , बताइए आपकी कैसे सेवा करूँ। वो मेरे पास आकर मेरे गले में हाथ डाल कर बोली अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा के सेवा करनी होगी मेरी और इतना बोल कर सीधे मेरे होठों पर हमला बोल दिया और चूसने लगी। मैंने भी उसे जोर से पकड़ लिया और चूमने लगा। उसके हाथ मेरे बालों में मेरा हाथ उसकी चूचियों को दबाने में व्यस्त थे और हम दोनों एक दूसरे के होठो को और गालो को चूस रहे थे काट रहे थे। हमारे शरीर चिपके हुए थे और हम दोनों ने पैजामा पहना हुआ था। जैसे ही मेरा लण्ड खड़ा हुआ उसकी चुत को छूने लगा। वो साली अब और जोश में आ गयी और मेरे पैजामे के अंदर हाथ डाल कर मेरा लण्ड मसलने लगी और लगातार मेरे होठ चुस्ती रही। मैं अब उसकी कुर्ती के अंदर हाथ डालने लगा तो बोली साले जब मैं नंगी होने को तैयार हूँ तो कुर्ती के अंदर क्यों हाथ डाल रहा है। इतना बोल कर वो घुटनो के बल बेठ गयी और मेरा पैजामा निचे कर के लण्ड चूसने लगी। हाथ ऊपर कर के इशारा किया और मैंने भी उसकी कुर्ती और ब्रा उतार कर किसी कोने में फेंक दी।

वो बार बार मेरे लण्ड की तारीफ करती रही और चुस्ती रही। साले कितना लम्बा लण्ड है कितना मोटा है। ऐसा लण्ड मैं जिंदगी में पहली बार देख रही हूँ। मैंने भी बोला कितनो के लण्ड का पानी पी चुकी हो मैडम , वो बोली तू पांचवां है साले। मेरे मुँह से निकल गया तो इसका मतलब नेता जी जी की बेटी रंडी है। वो ये सुन कर गुस्से मैं आ गयी और उठ के मुझे थपड मार दिया। और बोली रंडी आज तक थी पर आज के बाद मैं रंडी नहीं हूँ। अगर तू चाहे तो रिसभ के रखेल बन सकती है ये नेता जी की बेटी सनेहा। मैंने भी खुसी जाहिर की और अपना लण्ड उसके हाथ में पकड़ा कर बोला इसके लिए तो सनेहा को मेरे लण्ड को मनाना पड़ेगा। वो हसने लगी और दुबारा घुटनो के बल बैठ कर लण्ड चूसने लगी। वो साली कपड़ो के बहार से जितनी सेक्सी लगती थी उस से कहीं ज्यादा सेक्सी नंगी होकर लग रही थी।

२ -२ किलो की उसकी चूचिया और ५ किलो की उसकी गांड मुझे मदहोश कर रही थी। वो मेरा लण्ड छोड़ ही नहीं रही थी चूसी जा रही थी। पर मैं अब उसे चोदने के लिए तड़प रहा था। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसे उठाया और चूमने लगा साथ ही उसकी चुत में उंगलिया डाल कर उसे तड़पाने लगा। मैंने उसकी पूरी चिकनी चूत की तारीफ की तो बोली तुझसे चटवाने के लिए अभी बाल साफ़ कर के आयी हूँ। मैंने भी ऊँगली निकली चूत से और उसे बेड पर धकेल दिया। उसके पैर बेड से निचे की तरफ थे और वो कमर तक बेड पर लेटी थी। मैंने उसकी टाँगे खोली और खुद घुटनो के बल बेठ कर उसकी चुत पे अपना थूक लगा कर चाटने लगा। उसे तड़पाने के लिए मैंने अपनी जीभ का पूर्ण उपयोग किया और चूत में अंदर तक जीभ से खलबली मचा दी। अब वो तड़प कर आहें भरने लगी और आआह्ह्ह्हह्ह आआआअह्हह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्हह ऊऊओह्ह्ह्हह की उत्तेजक आवाजे निकालने लगी। अब उस भी रहा नहीं जा रहा था और बार बार बोल रही थी रिसभ अब चोद दे यार चोद दे साले बहनचोद चोद दे अपनी रखेल को। रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा था तो मैंने उठ कर उसे पूरी तरह बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसके होठं चूसने लगा और अपना लण्ड उसकी चूत पे रगड़ने लगा।

वो तड़प तड़प कर पागल हो रही थी और मुझे गालिया दे दे कर चोदने के लिए उकसा रही थी। मैंने भी अचानक से निशाना लगाया और एक जोर का झटका दिया उसकी चूत को अपने लण्ड से। वो चिलायी आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह , मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और बोला क्या कर रही है साली मुझे मरवायेगी क्या। कहती नहीं मेरी जान तुझे नहीं आज तो मैं तुझसे मरवाउंगी। पर बता के डालना था कुत्ते अचानक से इतना लम्बा लण्ड डालेगा तो चिलाऊँगी ही। अब साले मुँह से बातें बंद कर और लण्ड से कर बातें। मैं भी शुरू हो गया और उसे तस्सली से चोदने लगा। साली बार बार बोल रही थी प्रेरणा सही कहती थी साले तेरे लण्ड में अजीब सा टशन है। ऐसा लगता है चूत में घुस के गांड से बाहर निकलेगा। साली बार बार गन्दी गालिया देती रही और चोदने की गति बढ़ाने को उकसाती रही। मैं भी पुरे जोश में चोदने लगा और अब उसकी चीखो की परवाह किये बिना उसकी चूत फाड़ने में लग गया। साली को गांड मरवाने का भी बहुत शोक था , उसकी चूत से २० मिनट में पानी निकल गया और अब अपने आप ही कुतिया बन गयी और मेरा लण्ड पकड़ कर गांड में डाल लिया। कुतिया बन कर उसकी ५ किलो की गांड दस किलो की लगने लगी और बॉल जैसी गोल गोल गांड पर मैं थपड मरता रहा और वो बोलती रही मार साले हरामी मार जोर से गांड मेरी।

मैंज उसके बाल पकड़ कर खींचता रहा चोदता रहा और वो आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह हरामी बहनचोद और जोर से आआह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह ोुह्ह्ह्ह और जोर से कुत्ते चीखती रही। ४० मिंट से ज्यादा हो गए मैं लगातार उसे चोद रहा था और अब मेरा लण्ड झड़ने वाला था। मैंने उसे बोला कि गांड में ही निकाल दू क्या तो वो बोली नहीं मुझे स्वाद लेना है तेरे लण्ड के रस का और इतना बोल कर सीधी हुयी और लण्ड चूसने लगी। जब पानी निकलने वाला हुआ तो मैंने बोला उसे निकल रहा है अब तो उसने मुँह से निकल कर मेरा लण्ड हिलाना शुरू कर दिया। लण्ड हिला हिला कर रस अपनी चूचियों पर गिरा लिया और अब उसे अपनी ऊँगली से उठा उठा कर चाटने लगी और बोलती रही साले तेरा लण्ड ही नहीं इसके रस मैं भी नशा है।

इतनी बात हुई और कोई जोर जोर से दरवाजा खड़खड़ाने लगा , मैं डर गया और स्नेहा को तुरंत अंदर जाने को बोला और खुद कपड़ें पहन कर दरवाजा खोलने आ गया। दरवाजे पर एक बहुत ही सूंदर और नशीली औरत थी , उसका गदगद शरीर देख कर मेरी आँखे खुली रह गयी और जुबान बंद। उम्र करीब ३४-३५ होगी और दूध सा गोरा रंग , पर्वत के सामान चूचिया जिनकी धारियां उसके ब्लाउज में से साफ़ नजर आ रही थी। वो अपनी चूचियों को जबरदस्ती ब्लाउज में बांधे हुयी थी ऐसा परतीत हो रहा था। मैं उसे देखता ही रहा और वो स्नेहा स्नेहा नाम पुकारने लगी। स्नेहा उसकी आवाज सुन कर बाहर आ गयी और डर डर के बोलने लगी माँ आपको कैसे पता मैं यहाँ हूँ। वो औरत बोली मुझे तो पता लग गया अब अगर चाहती है कि किसी और को पता न चले तो ऐसे नंगी ना खड़ी रह , कपडे पहन और घर के अंदर जा।

स्नेहा के जाने के बाद वो औरत मेरे कमरे के अंदर आयी और मैं तुरंत उसके पैरों पर गिर कर माफ़ी मांगने लगा। उसने मुझे उठाया और मेरे करीब आ कर बोली तेरी जगह मेरो पैरों में नहीं है। उसने अपनी छाती से साडी हटाई और चूचियों की तरफ इशारा कर के बोली ये है तेरी जगह। मेरा लण्ड पकड़ कर बोली इसकी जगह मेरी चूत में है। कब से बाहर खड़ी होकर स्नेहा की चीखे सुन रही हूँ और इंतजार कर रही थी इसके जाने का पर ये साली रंडी इसका बस चलता तो रात भर तुझसे चुदवाती रहती। इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। उसने मेरा डर भगाने के लिए मेरे हाथ अपनी गांड पर रखे और बोले डर मत मेरी सौतेली बेटी है ये। नेता जी जी की पहली बीवी मरने के बाद उस बूढ़े ने मुझसे शादी कर ली। मैंने भी पैसों के लिए उस से शादी तो कर ली पर चुदाई का मजा मेरी जवानी से कोसों दूर हो गया। उसने बोला मैं प्रेरणा की बड़ी बहन हूँ और जब से उसने मुझे तेरे मोटे लम्बे लण्ड के बारे में बताया है तब से मैं तड़प रही हूँ। डर मत मैं किसी को नहीं बताउंगी , पर अगर तू चाहे तो उस स्नेहा रंडी से ज्यादा फायदा करवा सकती हूँ तेरा। यही तो मैं चाहता था। और वो औरत तो भी चोदने के लिए ही। उसका शरीर देख कर तो बूढ़े में भी जवानी आ जाये और मैं तो अभी पूरा जवान मर्द हूँ।

मैंने भी अपने हाथो से उसकी गांड दबा दी और बोला आ जाओ माता जी आपकी बेटी की तो कर चूका अब आपकी सेवा करूँ। इतना बोला कर उसको गले से लगा लिया और उसकी गर्दन चूमने लगा। इतने में ही वो आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह करने लगी और बोलने लगी रिसभ बहुत प्यासी हूँ मैं मेरी प्यास बुझा दे यार। इतना बोल कर मेरे होठ चूमने लगो और मैंने भी पूरा साथ दिया उसका। मेरा लण्ड ती उसे देखते ही दुबारा खड़ा हो गया था तो मैंने तुरंत पजामा निचे किया और उसके हाथ में अपना लण्ड पकड़ा दिया। लण्ड हाथ में लेते ही पूरा मुँह खोल कर बोली हाआआआआ इतना बड़ा। मैंने मजाक में बोला माता जी इतना बड़ा मुँह ना खोलो मेरा लण्ड बहुत शरारती है। मुँह खोलोगी तो मुँह में घुस जायेगा। वो बोली तू क्या घुसायेगा साले इसे तो मैं खुद डाल लुंगी मुँह में। इतना बोल कर मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया उसने। ५ मिनट लण्ड चूस कर बोली समय कम है आज तो मेरी जान आज तू मेरी चूत की प्यास बुझा अगली बार से मैं भी तुझे पुरे मजे दूंगी। उसके पास साडी उतरने का भी टाइम नहीं था तो उसने अपना ब्लाउज ऊपर किया और घोड़ी बन गयी। उसमे मुझे साडी उठा कर पीछे से डालने को बोला।

मैंने भी साडी उठायी और डाल दिया अपना लण्ड उसकी चुत में और चला दी रेलगाड़ी। उसकी आहें और सिसकिया बता रही थी उसे मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल कर कितना मजा आ रहा है। आआह्ह्ह्हह आआह्ह्ह्ह रिसभ और जोर से और जोर से रिसभ और जोर से आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह ोुह्ह्हह्ह। अब उसकी आवाजे कमरे से बाहर जा रही थी तो उसने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया। और चुदने का मजा लेने लगी। मेरे लण्ड में बहुत दम है इस बार भी ३५-४० मिनट तक लगातार चोदता रहा उस औरत को। और आखिरकार उसका पानी भी निकाल ही दिया। उसने कपडे पहने थे तो बोली जान अगली बार चूस के निकलूंगी तेरा रस इस बार मैं मुठ मार देती हूँ। इतना बोल कर वो मेरा लण्ड पकड़ कर जोर जोर से हिलने लगी और मेरे लण्ड ने ५ मिनट बाद पूरा रस फुवार्रे की तरह निचे जमीं पर फेक दिया। उसने अपनी साडी ठीक की और मुझे चूम कर बोली थैंक यू रिसभ। वादा करती हूँ अगली बार तस्सली से मिलूंगी और तुझे भी पुरे मजे दूंगी। इतना बोल कर वो जाने लगी।

जैसे ही दरवाजा खोला बाहर स्नेहा खड़ी थी। अब हम तीनो के मुँह बंद और सिर निचे। स्नेहा बोली अच्छा तो इसलिए मुझे भेजा था ताकि खुद चुदवा सको इस से। उसकी माँ भी बोली हां , तो क्या सिर्फ तुझे हक़ है मजे लेने का मुझे कोई हक़ नहीं। इतने में मैं बोलने लगा , देखिये अब हम एक दूसरे के राज जानते है। अब हम चाहे तो ये बात नेता जी जी को बता कर सब खत्म कर सकते है और वो हम तीनो की जान ले लेंगे। या फिर हम तीनो अपने मुँह बंद रख सकते है और जैसा चल रहा वैसा चलने देते है। वो दोनों भी मेरे लण्ड के लिए पागल थी। दोनों ने आपस में सलाह बना ली। स्नेहा मेरे पास आयी और बोली देख हम किसी को कुछ नहीं बोलेंगे और तू भी मुँह नहीं खोलना। तू एक दिन मुझे चोदेगा और एक दिन मेरी माँ को। बदले में हम तुझे पापा के करीब लाएंगे और अगले कौंसलर के इलेक्शन का टिकट दिलवायेंगे। पर एक बात समझ ले तू तब तक ही इस पार्टी में रहेगा जब तक हम माँ बेटी को चोदता रहेगा।

वो दोनों समझ रही थी कि वो जो चाहती थी उन्हें मिल गया और वो जीत गयी। पर असल में जीता मैं था उन दोनों का सहारा लेकर। आज २ साल हो गए मुझे नेता जी जी का खास आदमी बने हुए और वायदे के मुताबिक इस बार मुझे कौंसलर का टिकट भी मिल गया। तो दोस्तों देखा कैसे मैं बिना एक रूपये खर्चे आज इतना बड़ा आदमी बन गया। अगर आपको मौका मिले तो आप भी बनाओ एक ऐसी गर्लफ्रेंड जो चूत भी दे और जिंदगी में कामयाबी भी। कमेंट कर के बताईयेगा जरूर , कैसी लगी मेरी कहानी !
 
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sheetal79

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Thanks
Siraj Patel
 
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SKYESH

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लडकियां चोदने का मन तो सबका होता है पर कई लोग तो सारी उम्र सिर्फ अपनी बीवी को ही चोदते रहते हैं। पर काफी लोगों की किस्मत मेरे जैसी भी होती है। जिन्हे लड़कियाँ खुद बुलाती हैं , मुझे भी चोदो। पर इसके लिए जरुरी है कि कोई ऐसी लड़की पटाओ जो अपनी चुदाई की सारी बातें अपनी सहेलियों को बताये। अगर मेरी बात नहीं समझ में आयी तो मेरी कहानी पढ़ो। पता लग जायेगा मैं क्या कहना चाहता हूँ।

मेरा नाम रिशभ है , मैं उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रहने वाला हूँ। में बचपन से ही गुंडई करता रहा हूँ और अपनी गुंडई के बल पर बहुत लडकियां चोद चूका हूँ। हमारे जिले में एक बाहुबली नेता है तिरलोचन सिंह । मुझे भी हमेशा से नेतागिरी का बहुत शोक था। मुझे उनका ख़ास आदमी बनना था। पर बहुत कोशिशों के बाद भी मैं उनके करीब नहीं पहुंच पाया। अब मेरे पास एक ही रास्ता था , अपने लण्ड की मदद से उन तक पहुंच सकता था। उनकी एक जवान बेटी है , पर उस तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। पर मैंने उसकी सहेली को बहुत आसानी से पटा लिया। अब उसकी सहेली के जरिये मुझे उस तक पहुंचना था। इसलिए पहले मैंने उसकी सहेली प्रेरणा को अपने लण्ड का दीवाना बनाया। १ ही महीने मैं उसे चोद चोद कर पूरा चुदकड़ बना दिया। अब वो मुझसे चुदवाने के लिए पागल हो चुकी थी। सब से बड़ा फायदा उसने मेरा किया , अपनी सभी सहेलियों को मेरे लण्ड की ताकत बता कर।

एक दिन प्रेरणा ने मुझे बुलाया और मैंने मना कर दिया। उसके बार बार बुलाने पर मैंने उसे बोला जिस खाली मकान में उसे चोदता था वहाँ अब मेरे चाचा जी रहने आ गए हैं और मेरे पास कोई जगह नहीं हैं , तेरे पास कोई जगह है तो बोल मैं आ जाऊंगा नहीं तो अपनी ऊँगली से ही चोदती रह खुद को। मुझे पता था वो कहाँ लेकर जाएगी मुझे , इसीलिए मैंने ये जाल बिछाया। आखिरकार उसने खुद ही मुझे अपनी दोस्त सनेहा के एक खाली मकान में बुलाया जहा स्नेहा अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाती है। सनेहा नेता जी की बेटी है। मेरा निशाना सही जगह पर लगा और मैं चला गया वहां उसे चोदने। अब मैं जान जान कर प्रेरणा को और जोश में चोदता था ताकि उसकी चीखें बाहर तक सुनाई दे।

कुछ ही दिनों में इलेक्शन शुरू होने वाले थे और यही मौका था जब मैं नेता जी जी के करीब पहुँच सकता था। और ऐसा करने के लिए मुझे किसी से कुछ नहीं कहना पड़ा। मुझे खुद ही नेता जी जी का फ़ोन आया और अपने साथ शामिल करने का ऑफर दिया । मैं बिना समय बर्बाद किये नेता जी जी के घर पहुंच गया। उन्होंने मुझे इलेक्शन ख़तम होने तक अपने ही घर की बाहर वाली कोठी में रहने को बोला।

अब बस मुझे इंतज़ार था उस वक़्त का जिस लिए मैं यहाँ आया था। मुझे पता तो था मैं यहाँ कैसे आया हूँ पर मैं अनजान बना रहा और ऐसा बर्ताव करता रहा जैसे मेरी किस्मत की वजह से यहाँ तक पहुंचा हूँ मैं। मैं रात में खाना नेता जी के घर ही खाकर कोठी में चला गया। १ बज गए रात के पर वो नहीं हुआ जो मैं करने आया था। अब मैं सोने लगा ये सोच कर शायद इसमें और टाइम लगेगा। पर ऐसा हुआ नहीं , १:३० बजे दरवाजा किसी ने खड़खड़ाया और मैंने खोला तो सनेहा थी बाहर। वो तुरंत अंदर आयी और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। मैंने डरने का ड्रामा किया और उस से बोला सनेहा जी आप यहां कैसे ? वो बोली अंदर चलो सब कुछ यही पूछोगे। वो बोली मैं ही तुम्हे यहां लायी हूँ, मैंने ही प्रेरणा को बोला कि तुझे यहाँ आने के लिए राजी करे नहीं तो दुबारा मैं उसे चुदवाने के लिए अपने मकान में नहीं आने दूंगी। और प्रेरणा ने ही मेरे पिता जी से बात की और तुझे यहां बुलाने को बोला। सनेहा ने बोला कि जब तू प्रेरणा को चोदता था तो मैं बहार खड़ी होकर उसकी चीखें सुनती थी। मेरा बॉयफ्रेंड तो १० मिनट में ही झाड़ जाता था फिर मैं प्रेरणा की चीखे सुन कर ऊँगली से खुद को चोदती थी। अब अगर चाहता है कि तू यहाँ रहे तो अपने लण्ड का मजा देना होगा मुझे।

मैंने भी बोला स्नेहा जी आप नेता जी जी की बेटी हो आपको मना मैं कैसे कर सकता हूँ , बताइए आपकी कैसे सेवा करूँ। वो मेरे पास आकर मेरे गले में हाथ डाल कर बोली अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा के सेवा करनी होगी मेरी और इतना बोल कर सीधे मेरे होठों पर हमला बोल दिया और चूसने लगी। मैंने भी उसे जोर से पकड़ लिया और चूमने लगा। उसके हाथ मेरे बालों में मेरा हाथ उसकी चूचियों को दबाने में व्यस्त थे और हम दोनों एक दूसरे के होठो को और गालो को चूस रहे थे काट रहे थे। हमारे शरीर चिपके हुए थे और हम दोनों ने पैजामा पहना हुआ था। जैसे ही मेरा लण्ड खड़ा हुआ उसकी चुत को छूने लगा। वो साली अब और जोश में आ गयी और मेरे पैजामे के अंदर हाथ डाल कर मेरा लण्ड मसलने लगी और लगातार मेरे होठ चुस्ती रही। मैं अब उसकी कुर्ती के अंदर हाथ डालने लगा तो बोली साले जब मैं नंगी होने को तैयार हूँ तो कुर्ती के अंदर क्यों हाथ डाल रहा है। इतना बोल कर वो घुटनो के बल बेठ गयी और मेरा पैजामा निचे कर के लण्ड चूसने लगी। हाथ ऊपर कर के इशारा किया और मैंने भी उसकी कुर्ती और ब्रा उतार कर किसी कोने में फेंक दी।

वो बार बार मेरे लण्ड की तारीफ करती रही और चुस्ती रही। साले कितना लम्बा लण्ड है कितना मोटा है। ऐसा लण्ड मैं जिंदगी में पहली बार देख रही हूँ। मैंने भी बोला कितनो के लण्ड का पानी पी चुकी हो मैडम , वो बोली तू पांचवां है साले। मेरे मुँह से निकल गया तो इसका मतलब नेता जी जी की बेटी रंडी है। वो ये सुन कर गुस्से मैं आ गयी और उठ के मुझे थपड मार दिया। और बोली रंडी आज तक थी पर आज के बाद मैं रंडी नहीं हूँ। अगर तू चाहे तो रिसभ के रखेल बन सकती है ये नेता जी की बेटी सनेहा। मैंने भी खुसी जाहिर की और अपना लण्ड उसके हाथ में पकड़ा कर बोला इसके लिए तो सनेहा को मेरे लण्ड को मनाना पड़ेगा। वो हसने लगी और दुबारा घुटनो के बल बैठ कर लण्ड चूसने लगी। वो साली कपड़ो के बहार से जितनी सेक्सी लगती थी उस से कहीं ज्यादा सेक्सी नंगी होकर लग रही थी।

२ -२ किलो की उसकी चूचिया और ५ किलो की उसकी गांड मुझे मदहोश कर रही थी। वो मेरा लण्ड छोड़ ही नहीं रही थी चूसी जा रही थी। पर मैं अब उसे चोदने के लिए तड़प रहा था। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसे उठाया और चूमने लगा साथ ही उसकी चुत में उंगलिया डाल कर उसे तड़पाने लगा। मैंने उसकी पूरी चिकनी चूत की तारीफ की तो बोली तुझसे चटवाने के लिए अभी बाल साफ़ कर के आयी हूँ। मैंने भी ऊँगली निकली चूत से और उसे बेड पर धकेल दिया। उसके पैर बेड से निचे की तरफ थे और वो कमर तक बेड पर लेटी थी। मैंने उसकी टाँगे खोली और खुद घुटनो के बल बेठ कर उसकी चुत पे अपना थूक लगा कर चाटने लगा। उसे तड़पाने के लिए मैंने अपनी जीभ का पूर्ण उपयोग किया और चूत में अंदर तक जीभ से खलबली मचा दी। अब वो तड़प कर आहें भरने लगी और आआह्ह्ह्हह्ह आआआअह्हह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्हह ऊऊओह्ह्ह्हह की उत्तेजक आवाजे निकालने लगी। अब उस भी रहा नहीं जा रहा था और बार बार बोल रही थी रिसभ अब चोद दे यार चोद दे साले बहनचोद चोद दे अपनी रखेल को। रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा था तो मैंने उठ कर उसे पूरी तरह बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसके होठं चूसने लगा और अपना लण्ड उसकी चूत पे रगड़ने लगा।

वो तड़प तड़प कर पागल हो रही थी और मुझे गालिया दे दे कर चोदने के लिए उकसा रही थी। मैंने भी अचानक से निशाना लगाया और एक जोर का झटका दिया उसकी चूत को अपने लण्ड से। वो चिलायी आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह , मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और बोला क्या कर रही है साली मुझे मरवायेगी क्या। कहती नहीं मेरी जान तुझे नहीं आज तो मैं तुझसे मरवाउंगी। पर बता के डालना था कुत्ते अचानक से इतना लम्बा लण्ड डालेगा तो चिलाऊँगी ही। अब साले मुँह से बातें बंद कर और लण्ड से कर बातें। मैं भी शुरू हो गया और उसे तस्सली से चोदने लगा। साली बार बार बोल रही थी प्रेरणा सही कहती थी साले तेरे लण्ड में अजीब सा टशन है। ऐसा लगता है चूत में घुस के गांड से बाहर निकलेगा। साली बार बार गन्दी गालिया देती रही और चोदने की गति बढ़ाने को उकसाती रही। मैं भी पुरे जोश में चोदने लगा और अब उसकी चीखो की परवाह किये बिना उसकी चूत फाड़ने में लग गया। साली को गांड मरवाने का भी बहुत शोक था , उसकी चूत से २० मिनट में पानी निकल गया और अब अपने आप ही कुतिया बन गयी और मेरा लण्ड पकड़ कर गांड में डाल लिया। कुतिया बन कर उसकी ५ किलो की गांड दस किलो की लगने लगी और बॉल जैसी गोल गोल गांड पर मैं थपड मरता रहा और वो बोलती रही मार साले हरामी मार जोर से गांड मेरी।

मैंज उसके बाल पकड़ कर खींचता रहा चोदता रहा और वो आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह हरामी बहनचोद और जोर से आआह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह ोुह्ह्ह्ह और जोर से कुत्ते चीखती रही। ४० मिंट से ज्यादा हो गए मैं लगातार उसे चोद रहा था और अब मेरा लण्ड झड़ने वाला था। मैंने उसे बोला कि गांड में ही निकाल दू क्या तो वो बोली नहीं मुझे स्वाद लेना है तेरे लण्ड के रस का और इतना बोल कर सीधी हुयी और लण्ड चूसने लगी। जब पानी निकलने वाला हुआ तो मैंने बोला उसे निकल रहा है अब तो उसने मुँह से निकल कर मेरा लण्ड हिलाना शुरू कर दिया। लण्ड हिला हिला कर रस अपनी चूचियों पर गिरा लिया और अब उसे अपनी ऊँगली से उठा उठा कर चाटने लगी और बोलती रही साले तेरा लण्ड ही नहीं इसके रस मैं भी नशा है।

इतनी बात हुई और कोई जोर जोर से दरवाजा खड़खड़ाने लगा , मैं डर गया और स्नेहा को तुरंत अंदर जाने को बोला और खुद कपड़ें पहन कर दरवाजा खोलने आ गया। दरवाजे पर एक बहुत ही सूंदर और नशीली औरत थी , उसका गदगद शरीर देख कर मेरी आँखे खुली रह गयी और जुबान बंद। उम्र करीब ३४-३५ होगी और दूध सा गोरा रंग , पर्वत के सामान चूचिया जिनकी धारियां उसके ब्लाउज में से साफ़ नजर आ रही थी। वो अपनी चूचियों को जबरदस्ती ब्लाउज में बांधे हुयी थी ऐसा परतीत हो रहा था। मैं उसे देखता ही रहा और वो स्नेहा स्नेहा नाम पुकारने लगी। स्नेहा उसकी आवाज सुन कर बाहर आ गयी और डर डर के बोलने लगी माँ आपको कैसे पता मैं यहाँ हूँ। वो औरत बोली मुझे तो पता लग गया अब अगर चाहती है कि किसी और को पता न चले तो ऐसे नंगी ना खड़ी रह , कपडे पहन और घर के अंदर जा।

स्नेहा के जाने के बाद वो औरत मेरे कमरे के अंदर आयी और मैं तुरंत उसके पैरों पर गिर कर माफ़ी मांगने लगा। उसने मुझे उठाया और मेरे करीब आ कर बोली तेरी जगह मेरो पैरों में नहीं है। उसने अपनी छाती से साडी हटाई और चूचियों की तरफ इशारा कर के बोली ये है तेरी जगह। मेरा लण्ड पकड़ कर बोली इसकी जगह मेरी चूत में है। कब से बाहर खड़ी होकर स्नेहा की चीखे सुन रही हूँ और इंतजार कर रही थी इसके जाने का पर ये साली रंडी इसका बस चलता तो रात भर तुझसे चुदवाती रहती। इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। उसने मेरा डर भगाने के लिए मेरे हाथ अपनी गांड पर रखे और बोले डर मत मेरी सौतेली बेटी है ये। नेता जी जी की पहली बीवी मरने के बाद उस बूढ़े ने मुझसे शादी कर ली। मैंने भी पैसों के लिए उस से शादी तो कर ली पर चुदाई का मजा मेरी जवानी से कोसों दूर हो गया। उसने बोला मैं प्रेरणा की बड़ी बहन हूँ और जब से उसने मुझे तेरे मोटे लम्बे लण्ड के बारे में बताया है तब से मैं तड़प रही हूँ। डर मत मैं किसी को नहीं बताउंगी , पर अगर तू चाहे तो उस स्नेहा रंडी से ज्यादा फायदा करवा सकती हूँ तेरा। यही तो मैं चाहता था। और वो औरत तो भी चोदने के लिए ही। उसका शरीर देख कर तो बूढ़े में भी जवानी आ जाये और मैं तो अभी पूरा जवान मर्द हूँ।

मैंने भी अपने हाथो से उसकी गांड दबा दी और बोला आ जाओ माता जी आपकी बेटी की तो कर चूका अब आपकी सेवा करूँ। इतना बोला कर उसको गले से लगा लिया और उसकी गर्दन चूमने लगा। इतने में ही वो आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह करने लगी और बोलने लगी रिसभ बहुत प्यासी हूँ मैं मेरी प्यास बुझा दे यार। इतना बोल कर मेरे होठ चूमने लगो और मैंने भी पूरा साथ दिया उसका। मेरा लण्ड ती उसे देखते ही दुबारा खड़ा हो गया था तो मैंने तुरंत पजामा निचे किया और उसके हाथ में अपना लण्ड पकड़ा दिया। लण्ड हाथ में लेते ही पूरा मुँह खोल कर बोली हाआआआआ इतना बड़ा। मैंने मजाक में बोला माता जी इतना बड़ा मुँह ना खोलो मेरा लण्ड बहुत शरारती है। मुँह खोलोगी तो मुँह में घुस जायेगा। वो बोली तू क्या घुसायेगा साले इसे तो मैं खुद डाल लुंगी मुँह में। इतना बोल कर मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया उसने। ५ मिनट लण्ड चूस कर बोली समय कम है आज तो मेरी जान आज तू मेरी चूत की प्यास बुझा अगली बार से मैं भी तुझे पुरे मजे दूंगी। उसके पास साडी उतरने का भी टाइम नहीं था तो उसने अपना ब्लाउज ऊपर किया और घोड़ी बन गयी। उसमे मुझे साडी उठा कर पीछे से डालने को बोला।

मैंने भी साडी उठायी और डाल दिया अपना लण्ड उसकी चुत में और चला दी रेलगाड़ी। उसकी आहें और सिसकिया बता रही थी उसे मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल कर कितना मजा आ रहा है। आआह्ह्ह्हह आआह्ह्ह्ह रिसभ और जोर से और जोर से रिसभ और जोर से आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह ोुह्ह्हह्ह। अब उसकी आवाजे कमरे से बाहर जा रही थी तो उसने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया। और चुदने का मजा लेने लगी। मेरे लण्ड में बहुत दम है इस बार भी ३५-४० मिनट तक लगातार चोदता रहा उस औरत को। और आखिरकार उसका पानी भी निकाल ही दिया। उसने कपडे पहने थे तो बोली जान अगली बार चूस के निकलूंगी तेरा रस इस बार मैं मुठ मार देती हूँ। इतना बोल कर वो मेरा लण्ड पकड़ कर जोर जोर से हिलने लगी और मेरे लण्ड ने ५ मिनट बाद पूरा रस फुवार्रे की तरह निचे जमीं पर फेक दिया। उसने अपनी साडी ठीक की और मुझे चूम कर बोली थैंक यू रिसभ। वादा करती हूँ अगली बार तस्सली से मिलूंगी और तुझे भी पुरे मजे दूंगी। इतना बोल कर वो जाने लगी।

जैसे ही दरवाजा खोला बाहर स्नेहा खड़ी थी। अब हम तीनो के मुँह बंद और सिर निचे। स्नेहा बोली अच्छा तो इसलिए मुझे भेजा था ताकि खुद चुदवा सको इस से। उसकी माँ भी बोली हां , तो क्या सिर्फ तुझे हक़ है मजे लेने का मुझे कोई हक़ नहीं। इतने में मैं बोलने लगा , देखिये अब हम एक दूसरे के राज जानते है। अब हम चाहे तो ये बात नेता जी जी को बता कर सब खत्म कर सकते है और वो हम तीनो की जान ले लेंगे। या फिर हम तीनो अपने मुँह बंद रख सकते है और जैसा चल रहा वैसा चलने देते है। वो दोनों भी मेरे लण्ड के लिए पागल थी। दोनों ने आपस में सलाह बना ली। स्नेहा मेरे पास आयी और बोली देख हम किसी को कुछ नहीं बोलेंगे और तू भी मुँह नहीं खोलना। तू एक दिन मुझे चोदेगा और एक दिन मेरी माँ को। बदले में हम तुझे पापा के करीब लाएंगे और अगले कौंसलर के इलेक्शन का टिकट दिलवायेंगे। पर एक बात समझ ले तू तब तक ही इस पार्टी में रहेगा जब तक हम माँ बेटी को चोदता रहेगा।

वो दोनों समझ रही थी कि वो जो चाहती थी उन्हें मिल गया और वो जीत गयी। पर असल में जीता मैं था उन दोनों का सहारा लेकर। आज २ साल हो गए मुझे नेता जी जी का खास आदमी बने हुए और वायदे के मुताबिक इस बार मुझे कौंसलर का टिकट भी मिल गया। तो दोस्तों देखा कैसे मैं बिना एक रूपये खर्चे आज इतना बड़ा आदमी बन गया। अगर आपको मौका मिले तो आप भी बनाओ एक ऐसी गर्लफ्रेंड जो चूत भी दे और जिंदगी में कामयाबी भी। कमेंट कर के बताईयेगा जरूर , कैसी लगी मेरी कहानी !


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The Immortal

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Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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